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DAV Class 8 Hindi Chapter 9 Question Answer – जब भोलाराम ने पंप लगाया
DAV Class 8 Hindi Ch 9 Question Answer – जब भोलाराम ने पंप लगाया
पाठ में से
प्रश्न 1.
भोलाराम पंप क्यों और कैसे लगवाना चाहता था ?
उत्तर:
भोलाराम अपने खेतों की सिंचाई के लिए पंप लगवाना चाहता था। इस पंप को वह बिजली विभाग की अनुमति लेकर लगवाना चाहता था।
प्रश्न 2.
बिजली साहब ने दरख्वास्त की हर तह को धीरे-धीरे क्यों खोला ?
उत्तर:
बिजली साहब ने आवेदन पत्र की हर तह को इसलिए धीरे से खोला ताकि यदि उसमें रिश्वत के रुपये रखे हों तो वे गिर न जाएँ।
प्रश्न 3.
सिंचाई साहब ने ‘नो – ऑब्जेकशन सर्टिफ़िकेट’ प्राप्त करने की क्या प्रक्रिया बताई ?
उत्तर:
सिंचाई साहब ने ‘नो – ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट’ प्राप्त करने की प्रक्रिया के बारे में बताया कि हम सरकारी अफ़सर लिखित में कुछ देते हैं तो पहले पूरी जाँच-पड़ताल कर लेते हैं। अभी हम अपने एस.डी.ओ. के ज़रिए सब-इंजीनियर को खबर भिजवाएँगे। वह इस बात की जाँच करेगा कि बाँध के जलग्रहण क्षेत्र के कितने क्यूसेक पानी के आधार पर बाँध को डिज़ाइन किया गया है। इसके बाद वह इस बात की जाँच करेगा कि पाँच हॉर्सपावर का पंप लगाने से बाँध की भरण- क्षमता को कोई खतरा तो नहीं है? तब तुम्हें ‘नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफ़िकेट’ मिल सकता है। ”
प्रश्न 4.
‘महान राष्ट्रीय परंपरा’ किसे कहा गया है ? भोलाराम ने इसका उल्लंघन क्यों किया?
उत्तर:
किसी सरकारी विभाग से अनुमति लिए बिना काम शुरू करने को ‘महान राष्ट्रीय परंपरा’ कहा गया है। भोलाराम ने इसका उल्लंघन इसलिए किया, क्योंकि उसकी आँखों पर संस्कारों का पानी चढ़ा था। वह हर कार्य नियमपूर्वक करना चाहता था, ताकि आसानी से विद्युत कनेक्शन मिल सके।
प्रश्न 5.
पाठ के माध्यम से लेखक ने किस सच्चाई को उजागर किया है?
उत्तर:
इस पाठ के माध्यम से लेखक ने सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार, अधिकारियों एवं कर्मचारियों की काम टालने की प्रवृत्ति, अनावश्यक परेशान करने तथा रिश्वतखोरी की प्रवृत्ति की सच्चाई को उजागर किया है। इसमें कानून का सम्मान करने वालों को होने वाली कठिनाइयों तथा रिश्वत देकर काम कराने वालों की सुविधा जैसी कटु सच्चाई भी प्रकट होती है।
प्रश्न 6.
पाठ के आधार पर लिखिए कि नीचे दिए गए कथन किसने कहे ? क्यों कहे?
उत्तर:
(क) “केवल दरख्वास्त …….. और क्या देना पड़ता है, नहीं मालूम है?’
किसने कहा – बिजली साहब ने कहा, जिनके पास भोलाराम सबसे पहले प्रार्थना-पत्र लेकर गया था।
क्यों कहा – बिजली साहब चाहते थे कि भोलराम उन्हें कुछ रिश्वत दें।
(ख) “अरे, नदी हमारी होती तो अब तक केवल रिकॉर्ड में दिखाई देती। ”
किसने कहा – जंगल साहब ने कहा।
क्यों कहा – उन्होंने यह इसलिए कहा, क्योंकि नदी उनके विभाग में नहीं आती थी।
(ग) “सरकारी नौकर हैं। सरकारी बैठकों, दौरों से फ़ुर्सत मिलेगी, तब सोचेंगे”
किसने कहा – सिंचाई साहब ने कहा।
क्यों कहा – क्योंकि भोलाराम उन्हें प्रार्थना-प – पत्र तो दे रहा था, परंतु रिश्वत नहीं दे रहा था। वे अधिक समय लगने की बात कहकर भोलाराम से परोक्ष में रिश्वत की माँग कर रहे थे।
बातचीत के लिए
प्रश्न 1.
वर्तमान समय में यदि कोई भोलाराम जैसी किसी समस्या में फँस जाए तो उसे क्या करना चाहिए? बताइए।
उत्तर:
वर्तमान समय में यदि कोई भोलाराम जैसी किसी समस्या में फँस जाए तो उसे उन विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों की बातों की रिकार्डिंग कर लेना चाहिए तथा उस रिकार्डिंग को मीडिया वालों को सौंप देना चाहिए ताकि ऐसे लोगों की कार्य-प्रणाली में बदलाव लाया जा सके।
प्रश्न 2.
पाठ में सरकारी अधिकारियों की कार्य-प्रणाली के विषय में पढ़कर आपको क्या समझ आया ? चर्चा कीजिए।
उत्तर:
पाठ में सरकारी अधिकारियों की कार्य-प्रणाली के विषय में पढ़कर यह समझ में आया कि सरकारी अधिकारी रिश्वत के भूखे होते हैं। वे अप्रत्यक्ष रिश्वत की माँग करने के लिए काम में कदम-कदम पर रोड़े अटकाते हैं और विभिन्न विभागों के चक्कर कटवाते हैं। इससे व्यक्ति के मन में नियमबद्ध काम कराने के प्रति बचा खुचा विश्वास भी उठ जाता है।
प्रश्न 3.
‘आ बला, पकड़ गला’ का क्या अर्थ है? इसका प्रयोग भोलाराम के लिए क्यों किया गया? बताइए।
उत्तर:
आ बला पकड़ गला’ का अर्थ है- जान-बूझकर मुसीबत मोल लेना। इसका प्रयोग भोलाराम के लिए इसलिए किया गया है, क्योंकि उसने अनुभवी लोगों के समझाने पर भी विद्युत कनेक्शन पाने के लिए आवेदन दे दिया। नियम से काम करने की सोच रखने के कारण उसे विभिन्न विभागों के इतने चक्कर लगाने पड़े कि उसे नियम – विरुद्ध काम करना ही बेहतर लगा।
प्रश्न 4.
‘अरे, नदी हमारी होती तो अब तक केवल रिकॉर्ड में दिखाई देती। वास्तविकता में पेड़ों की तरह कब की साफ़ हो गई होती।’ कथन का अर्थ समझाइए|
उत्तर:
‘अरे! नदी हमारी होती तो अब तक केवल रिकॉर्ड में ही दिखाई देती। वास्तविकता में पेड़ों की तरह कब की साफ़ हो गई होती’ कथन का अर्थ यह है कि अब तक हम पेड़ों की तरह ही नदी को भी कमाई का साधन बना चुके होते। इसके किनारों की ज़मीन बेचकर इसका अस्तित्व नष्ट कर देते, तब तक यह गायब हो चुकी होती।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
इस पाठ के लिए कोई एक अन्य शीर्षक सुझाइए व उसका कारण भी बताइए।
उत्तर:
इस पाठ के लिए एक अन्य शीर्षक है- ‘लौट के बुद्धू घर को आए। ‘ इसका कारण यह है, जिस तरीके को भोलाराम ने लोगों के समझाने पर नहीं अपनाया, उसे को उसे परेशान होकर अंततः अपनाने को विवश होना पड़ा।
प्रश्न 2.
पंप लगवाने की प्रक्रिया के दौरान भोलाराम की सोच में क्या-क्या परिवर्तन आए होंगे? बताइए।
उत्तर:
पंप लगवाने की प्रक्रिया के दौरान भोलाराम की सोच में अनेक परिवर्तन आए होंगे, जैसे-
- मैंने लोगों का कहना क्यों माना।
- लोगों ने इस चक्कर में न पड़कर अपना-अपना काम कितनी आसानी से करवा लिया।
- ये सरकारी दफ़्तर वाले स्पष्ट रूप से कुछ कहते भी नहीं और काम भी नहीं करते।
- लगता है हर दफ़्तर वाले चोर-चोर मौसरे भाई हैं।
- काश! मैंने पहले ही प्रार्थना-पत्र के साथ कुछ रुपये रख दिया होता।
- अब भूलकर भी इन दफ़्तरों के चक्कर में नहीं पहूँगा ।
प्रश्न 3.
पढ़-लिखकर यदि आप सरकारी अधिकारी बन जाएँ, तो आप कौन-सी कुरीतियाँ दूर करना चाहेंगे?
उत्तर:
यदि पढ़-लिखकर मैं सरकारी अधिकारी बन जाऊँ तो निम्नलिखित कुरीतियाँ दूर करना चाहूँगा-
- प्रार्थना-पत्रों पर तुरंत कार्यवाही की जाए।
- हर काम के लिए एक समय-सीमा तय कर दी जाए।
- रिश्वत चाहने वालों पर सख्त कार्यवाही की जाए।
- सरकारी विभागों में काम टालने की प्रवृत्ति में बदलाव लाया जाए।
- लोगों के बीच दफ़्तर एवं कर्मचारियों के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव लाने हेतु कार्य-प्रणाली में बदलाव लाया जाए।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
नीचे दिए गए शब्दों को शब्दकोशीय क्रम में लिखिए-
अनुमति, बूंद, बिजली, फ़ुर्सत, सिंचाई, कृषि, श्रद्धा, क्यूसेक पुख्ता, प्रति।
उत्तर:
अनुमति, कृषि, क्यूसेक पुख्ता, प्रति, फ़ुर्सत, बिजली, बूँद, श्रद्धा, सिंचाई
प्रश्न 2.
नीचे खंड ‘क’ में पाठ में आए कुछ शब्द – प्रयोग और खंड ‘ख’ में उनके अर्थ दिए गए हैं। दोनों का मिलान कीजिए-
उत्तर:
‘क’ | ‘ख’ |
(क) संस्कारों का पानी चढ़ना | (a) बिना सोचे-समझे जाना |
(ख) आ जाते हैं मुँह उठाए- | (b) लाभ का काम |
(ग) काग़ज़ सही करना- | (c) व्यर्थ के कार्य करना |
(घ) घास छीलना- | (d) परंपराओं का पालन करना |
(ङ) मलाई का काम. | (e) प्रमाण-पत्रों की जाँच करना |
उत्तर:
‘क’ | ‘ख’ | |
(क) संस्कारों का पानी चढ़ना | d | (a) बिना सोचे-समझे जाना |
(ख) आ जाते हैं मुँह उठाए- | a | (b) लाभ का काम |
(ग) काग़ज़ सही करना- | e | (c) व्यर्थ के कार्य करना |
(घ) घास छीलना- | c | (d) परंपराओं का पालन करना |
(ङ) मलाई का काम. | b | (e) प्रमाण-पत्रों की जाँच करना |
जीवन मूल्य
बिना कुछ कहे ही वह लौट आया और महान भारतीय परंपरा के अनुसार बिना अनुमति पंप फिट कर पानी लेना शुरू कर दिया।
प्रश्न 1.
क्या भोलाराम ने सही निर्णय लिया? क्यों
उत्तर:
नहीं, भोलाराम ने सही निर्णय नहीं लिया, क्योंकि गलत तरीका तो गलत ही होता है। यदि अधिकारी-कर्मचारी ईमानदार होते तो इसे अपराध माना जाता और भोला राम का पंप जब्त किया जाता तथा उस पर अर्थ दंड लगाया जाता।
प्रश्न 2.
क्या अधिकारियों का रिश्वत माँगना उचित था? कारण सहित बताइए।
उत्तर:
नहीं, अधिकारियों का रिश्वत माँगना तनिक भी उचित नहीं था। इसका कारण यह है कि इससे एक ओर आवेदक को परेशानी होती है, तो दूसरी ओर उसका काम समय पर नहीं होता है । उसे मानसिक एवं शारीरिक परेशानी का भी सामना करना पड़ता है। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है।
प्रश्न 3.
ऐसी समस्या में फँसे व्यक्ति को आप क्या सुझाव देंगे?
उत्तर:
ऐसी समस्या में फँसे व्यक्ति को मैं यह सुझाव देना चाहूँगा कि-
- समय पर काम न होने पर वह उच्चाधिकारियों के पास जाय।
- वह ऐसे लोगों की शिकायत मीडिया के लोगों से करे, पर उसके पास सबूत अवश्य होने चाहिए।
- ऐसे भ्रष्ट अधिकारियो – कर्मचारियों के साथ हुई बातचीत का स्टिंग ऑपरेशन करके पुलिस को सौंप देना चाहिए।
कुछ करने के लिए
प्रश्न 1.
भ्रष्टाचार पर बनी फ़िल्म ‘नायक’ देखिए और उसकी समीक्षा कीजिए।
उत्तर:
छात्र अपने माता-पिता की सहायता से ‘नायक’ फ़िल्म देखें तथा उसकी समीक्षा स्वयं करें।
प्रश्न 2.
दिए गए फ़्लोचार्ट (Flow Chart) में पाठ में वर्णित घटनाओं का क्रमबद्ध विवरण लिखिए-
उत्तर:
DAV Class 8 Hindi Ch 9 Solutions – जब भोलाराम ने पंप लगाया
I. बहुविकल्पीय प्रश्न
1. भोलाराम कितने हॉर्स पावर का पंप लगवाना चाहता था ?
(क) चार
(ख) पाँच
(ग) छह
(घ) सात
उत्तर:
(ख) पाँच
2. भोलाराम ने पहली दरख्वास्त कहाँ लगाई ?
(क) सिंचाई विभाग में
(ख) विद्युत विभाग में
(ग) खनिज विभाग में
(घ) जंगल विभाग में
उत्तर:
(ख) विद्युत विभाग में
3. दोस्तों ने इनमें से किसे सीधे सलटा देने की बात कही ?
(क) सिंचाई साहब
(ख) तहसीलदार साहब
(ग) जंगल साहब
(घ) लाइनमैन साहब
उत्तर:
(घ) लाइनमैन साहब
4. बिजली साहब भोलाराम से क्यों नाराज हो गए?
(क) उनकी शिकायत करने के कारण
(ख) विधायक को साथ लाने के कारण
(ग) प्रार्थना-पत्र में रुपये न रखने के कारण
(घ) कम रिश्वत देने के कारण
उत्तर:
(ग) प्रार्थना-पत्र में रुपये न रखने के कारण
5. बिजली साहब ने भोलाराम को ऐसे घूरा जैसे वह
(क) हिंदुस्तान में नहीं रहता हो
(ख) ज़मीन का स्वामी न हो
(ग) रिश्वत की रकम छिपा रहा हो
(घ) कोई अपराध कर बैठा हो
उत्तर:
(क) हिंदुस्तान में नहीं रहता हो
6. भोलाराम भू-स्वामी का प्रमाणपत्र लेने …………. के पास गया।
(क) तहसीलदार
(ख) जंगल विभाग
(ग) एस.डी.ओ.
(घ) पटवारी
उत्तर:
(घ) पटवारी
7. प्रमाण-पत्र और नक्शा लेकर भोलाराम …………. की-सी चाल से चलकर बिजली ऑफ़िस पहुँचा।
(क) योद्धा
(ख) नेता
(ग) विधायक
(घ) मंत्री
उत्तर:
(ग) विधायक
8. ‘नदी किसकी है’ यह पता करने भोलाराम किसके पास सबसे पहले गया ?
(क) जंगल साहब के पास
(ख) खनिज साहब के पास
(ग) तहसीलदार साहब के पास
(घ) सिं चाई साहब के पास
उत्तर:
(क) जंगल साहब के पास
9. बाँध की ‘भरण क्षमता की जाँच इनमें कौन करता था?
(क) एस.डी.ओ.
(ख) सब-इंजीनियर
(ग) तहसीलदार
(घ) पटवारी
उत्तर:
(ख) सब-इंजीनियर
10. मेरा पंप कोई ……….. नहीं है जो नदी का पूरा पानी पी जाएगा।
(क) अगत्स्य मुनि
(ख) कपिल मुनि
(ग) वशिष्ठ मुनि
(घ) दुर्वासा मुनि
उत्तर:
(क) अगत्स्य मुनि
11. नो – ऑब्जेक्शन सर्टिफ़िकेट देने में सिंचाई विभाग ने कितना समय लगने की बात कही?
(क) एक माह
(ख) डेढ़ माह
(ग) दो माह
(घ) ढाई माह
उत्तर:
(क) एक माह
12. पाठ में कौन-सी सच्चाई प्रकट नहीं हुई है?
(क) काम टालने की प्रवृत्ति
(ख) सरकारी कार्यालयों का भ्रष्टाचार
(ग) सरकारी नियमों का ईमानदारी से पालन
(घ) रिश्वत की चाह
उत्तर:
(ग) सरकारी नियमों का ईमानदारी से पालन
II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
भोलाराम ने किस परंपरा का उल्लंघन करके प्रार्थना-पत्र दिया ?
उत्तर:
भोलाराम ने बिना अनुमति काम करने की महान राष्ट्रीय परंपरा का उल्लंघन करके प्रार्थना-पत्र दिया।
प्रश्न 2.
भोलाराम ने शुभचिंतकों की बात क्यों नहीं मानी ?
उत्तर:
भोलाराम ने संस्कारवश अनुमति लेकर काम करना चाहा था, इसलिए शुभचिंतकों की बात नहीं मानी थी।
प्रश्न 3.
बिजली साहब के पीछे वाली दीवार पर किसका चित्र टँगा था ?
उत्तर:
बिजली साहब के पीछे वाली दीवार पर गांधी जी का चित्र टँगा था ।
प्रश्न 4.
भोलाराम को तहसीलदार साहब ने क्या कहकर प्रमाण-पत्र देने से मना किया?
उत्तर:
भोलाराम से तहसीलदार ने कहा कि पंप का कनेक्शन मिलने से लाखों-करोड़ों की लागत से बना बाँध पानी की कमी से बेकार हो जाएगा। जब भोलाराम ने पंप लगाया
प्रश्न 5.
इस पाठ में लेखक ने किस कुरीति पर व्यंग्य किया है?
उत्तर:
इस पाठ में लेखक ने सरकारी कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर व्यंग्य किया है।
III. लघु उत्तरीय प्रश्न ( 30-35 शब्दों में )
प्रश्न 1.
भोलाराम ने तहसीलदार साहब को अपनी बात कैसे समझाई ?
उत्तर:
जब तहसीलदार साहब ने भोलाराम से कहा कि नदी से उनका कोई संबंध नहीं है तो भोलाराम ने उनसे कहा, “नदी में साग-सब्जी, फल बोने का ठेका भी आप ही देते हैं। सरकारी टैक्स की वसूली बिना रसीद काटे आपके द्वारा ही किया
जाता है। इसलिए नदी आपके अंडर में ही आती होगी । ”
प्रश्न 2.
सिंचाई साहब ने भोलाराम से काम में लंबा समय लगने का क्या कारण बताया?
उत्तर:
सिंचाई साहब ने काम में लंबा समय लगने का यह कारण बताया कि उन लोगों के पास बहुत से काम हैं। भोलाराम के काम के लिए ही खाली नहीं बैठे हैं। वे सरकारी नौकर हैं । सरकारी बैठकों, दौरों से जब फुर्सत मिलेगी तब इस बारे में वे लोग सोचेंगे।
IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ( 70-80 शब्दों में )
प्रश्न 1.
सिंचाई विभाग से ‘नो ऑब्जेक्शन सर्टिफ़िकेट’ किस प्रकार मिलता है?
उत्तर:
सिंचाई विभाग पहले यह देखता है कि जिस नदी से बाँध में पानी आ रहा है, उससे पानी लेने से बाँध की जल भरण क्षमता पर असर तो नहीं पड़ेगा। इसके लिए वे पहले पूरी जाँच-पड़ताल करते हैं। एस.डी.ओ. द्वारा सब-इंजीनियर को खबर भिजवाई जाती है। सब इंजीनियर बाँध की जाँच करता है कि कितने पानी के आधार पर बाँध को डिज़ाइन किया गया है। इसके बाद वह देखेगा कि इस पंप के लगाने से बाँध की भरण क्षमता खतरे में तो नहीं पड़ जाएगी। इस प्रकार महीने भर की कार्यवाही के उपरांत ‘नो – आब्जेक्शन सर्टिफ़िकेट’ दिया जाता है।
V. मूल्यपरक प्रश्न
प्रश्न 1.
भोलाराम के साथ सरकारी कर्मचारियों ने जैसा व्यवहार किया, उसे आप कितना उचित समझते हैं?
उत्तर:
भोलाराम के काम को करने के लिए सर्वप्रथम बिजली साहब द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से रिश्वत की माँग करना, फिर पटवारी के पास भेजकर चक्कर लगवाना, खनिज विभाग, तहसीलदार द्वारा आनाकानी करना और सिंचाई विभाग के कर्मचारियों का व्यवहार पूर्णतया अनुचित था। इससे साधारण जनता को गैरकानूनी काम करने तथा रिश्वत देने के लिए विवश होना पड़ता है।
क्रियाकलाप
प्रश्न 1.
पानी बचाने एवं उसे प्रदूषित न होने देने के लिए आप क्या क्या कर सकते हैं? लिखिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।
शब्दार्थ:
- अनुमति – आज्ञा।
- उल्लंघन – अवज्ञा करना।
- दरख़्वास्त – प्रार्थना-पत्र।
- बला – मुसीबत।
- सलटा देना – समझौता करना, हल कर लेना।
- आहिस्ता – धीरे-धीरे।
- तह – परत।
- फ़िजूल – बेकार की।
जब भोलाराम ने पंप लगाया Summary in Hindi
पाठ – परिचय
‘जब भोलाराम ने पंप लगाया’ नामक पाठ में भोलाराम के पंप लगवाने में आई परेशानियों को अत्यंत रोचक एवं व्यंग्यात्मक शैली में प्रस्तुत किया गया है। इस पाठ के माध्यम से सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार किया गया है।
पाठ का सार:
भोलाराम एक सीधा-सादा, साधारण-सा नागरिक है जो अपने खेतों की सिंचाई करने के लिए पाँच हॉर्स पावर का मोटर लगवाना चाहता है, जिसके लिए उसे बिजली के कनेक्शन की आवश्यकता है । भोलाराम अपने देश और उसके कानून के प्रति पूरी श्रद्धा रखता है। इसलिए शुभचिंतकों के लाख समझाने पर भी वह सभी काम नियम-कायदे के अनुसार ही करना चाहता है। वह कनेक्शन का प्रार्थना-पत्र लेने बिजली विभाग के दफ्तर गया। वहाँ उसके प्रार्थना-पत्र में बिजली साहब रिश्वत की रकम खोजते रहे और रिश्वत के रुपये न पाकर भोलाराम से तरह-तरह के सवाल करने लगे। उन्होंने काम टालने के उद्देश्य से भोलाराम से नाराज़ होकर कहा, ” जिस जगह पर पंप लगवाना है, उसका नक्शा और भूमि स्वामी का प्रमाण-पत्र लाओ, फिर देखेंगे।”
भोलाराम की समझ में अब आया कि जब किसी अधिकारी को काम टालना होता है तो वह पटवारी से प्रमाण-पत्र लाने के काम में लगा देता है। प्रमाण-पत्र मिलने पर उसे इलेक्शन जीत चुके विधायक जैसी खुशी प्राप्त हुई। वह नक्शा और प्रमाण-पत्र लेकर पुनः बिजली साहब के पास गया। इस बार उन्होंने भोलाराम को पहचानने से इनकार कर दिया। काफी कहने-सुनने के बाद उन्होंने नदी का प्रमाण-पत्र लाने को कहा. जिसमें नदी का स्वामित्व और उसका पानी लेने की अनुमति देने का स्पष्ट उल्लेख हो। अब भोलाराम जंगल विभाग के पास गया। उन्होंने ऐसा प्रमाण-पत्र देने से मना करते हुए खनिज विभाग के पास भेज दिया। वहाँ से भी निराश होकर भोलाराम राजस्व विभाग के अधिकारी तहसीलदार के पास गया। उन्होंने सारी बात जानकर भोलाराम को सिंचाई विभाग के पास भेज दिया। यहाँ सिंचाई साहब से सारी प्रक्रिया सुनकर भोलाराम भयभीत हो उठा।
भोलाराम सारी वास्तविकता से परिचित हो चुका था। उसने महान भारतीय परंपरा का अनुसरण कर पंप फिट किया और पानी लेना शुरू कर दिया। अब लाइनमैन ने उसे सहर्ष कनेक्शन दे दिया। अब उसकी अच्छी फ़सल देखने कभी तहसीलदार साहब, कभी सिंचाई साहब और कभी बिजली साहब आते रहते हैं। कृषि साहब तो दूसरे किसानों को भी उसका अनुसरण करते हुए आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करते रहते हैं । भोलाराम जब- जब पानी के पंप की धार देखता है, तब-तब सरकारी नियमों के प्रति उसकी श्रद्धा बढ़ती ही जाती है।