Engaging with DAV Class 8 Hindi Abhyas Sagar Solution and DAV Class 8 Hindi Chapter 4 Abhyas Sagar – दोपहरी can significantly boost students’ language confidence.
DAV Class 8 Hindi Abhyas Sagar Solution Chapter 4 दोपहरी
अलंकार ( अनुप्रास, उपमा, रूपक, मानवीकरण)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित काव्य पंक्तियों को ध्यान से पढ़िए-
(क) घूम-घूम जो बल खाती थी सर्प – सरीखी।
(ख) कोई बाहर नहीं निकलता साँझ समय तक।
(ग) नभ पर चमचम चपला चमकी।
(घ) लाली मेरे लाल की, जित देखूँ तित लाल।
इन काव्य-पंक्तियों में मोटे काले शब्दों में जिस वर्ण की आवृत्ति हुई है, उसे शब्द सहित लिखिए-
उत्तर:
(क) पहली पंक्ति | स; | सर्प- सरीखी |
(ख) दूसरी पंक्ति | स; | साँझ समय |
(ग) तीसरी पंक्ति | च; | चमचम चपला चमकी |
(घ) चौथी पंक्ति | ल; | लाली लाल |
इस प्रकार के प्रयोग कविता के सौंदर्य में वृद्धि करते हैं। इन्हें ‘अलंकार’ कहा जाता है। ‘अलंकार’ शब्द दो शब्दों ‘अलम्’ तथा ‘कार’ के योग से बनता है। ‘अलम्’ का अर्थ है – ‘भूषण’ तथा ‘कार’ का अर्थ है – ‘ करने वाला ! जिस प्रकार आभूषण स्त्रियों के सौंदर्य में वृद्धि करता है, उसी प्रकार कवि अपनी रचनाओं में अलंकारों के माध्यम से सौंदर्य उत्पन्न करते हैं।
याद रखिए-
- जिस साधन से काव्य के सौंदर्य में वृद्धि होती है, उसे ‘अलंकार‘ कहते हैं।
आइए, कुछ अलंकारों की जानकारी प्राप्त करें।
प्रश्न 2.
पढ़िए और समझिए-
(क) इस करुणा कलित हृदय में ‘क’ की आवृत्ति
(ख) चारु चंद्र की चंचल किरणें
ये अनुप्रास अलंकार के उदाहरण हैं।
याद रखिए-
- जहाँ एक वर्ण की एक से अधिक बार आवृत्ति होती है, वहाँ ‘अनुप्रास अलंकार’ होता है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित काव्य – पंक्तियों में से अनुप्रास अलंकार के उदाहरण छाँटकर लिखिए तथा कारण भी बताइए-
(क) तरणि- तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए।
उत्तर:
प्रस्तुत पंक्ति में अनुप्रास अलंकार है क्योंकि यहाँ ‘त’ वर्ण की आवृत्ति हुई है।
(ख) मधुर-मधुर मुसकान मनोहर, मनुज वेश का उजियाला।
उत्तर:
प्रस्तुत पंक्ति में ‘म’ वर्ण की आवृत्ति होने के कारण अनुप्रास अलंकार है।
(ग) देखि सुदामा की दीन दसा, करुना करिकै करुनानिधि रोए।
उत्तर:
प्रस्तुत पंक्ति में ‘द’ और ‘क’ वर्णों की आवृत्ति हुई है। अत: अनुप्रास अलंकार है।
प्रश्न 4.
पढ़िए और समझिए –
(क) समय शिला – सा जम जाएगा।
(ख) यह देखिए अरविंद – से, शिशुवृंद कैसे सो रहे।
उदाहरण ‘क’ में ‘समय’ की तुलना ‘शिला’ से तथा उदाहरण ‘ख’ में शिशुओं’ की तुलना ‘अरविंद’ (कमल) से की गई है, अतः यहाँ उपमा अलंकार है।
याद रखिए-
- जहाँ किसी व्यक्ति, वस्तु की तुलना किसी अन्य व्यक्ति या वस्तु से किसी समानता के आधार पर की जाए, वहाँ ‘उपमा अलंकार’ होता है।
- उपमा अलंकार के चार अंग होते हैं-
- उपमेय – जिसकी तुलना की जाए ( क्रमशः समय व शिशु )
- उपमान – जिससे तुलना की जाए ( क्रमशः शिला व अरविंद )
- समान धर्म – जिस गुण के कारण तुलना की जाए (जमना, कोमलता)
- वाचक शब्द- समानता बताने वाले शब्द (सा, से)
प्रश्न 5.
निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में उपमा अलंकार स्पष्ट कीजिए-
(क) काली सड़कें तारकोल की, अंगारे-सी जली पड़ी थीं।
उत्तर:
सड़कों के अत्यधिक गरम होने के कारण उनकी तुलना अंगारों से की गई है।
(ख) एक रम्य उपवन था, नंदनवन – सा सुंदर।
उत्तर:
उपवन की तुलना नंदनवन से की गई है। अत: उपमा अलंकार है।
(ग) नंगे नंगे दीर्घकाय, कंकालों से वृक्ष खड़े थे।
उत्तर:
खड़े, पत्र – विहीन पेड़ों की तुलना कंकालों से की गई है। अत: उपमा अलंकार है।
(घ) नील गगन – सा हृदय शांत हो रहा।
उत्तर:
शांत हृदय की तुलना नील गगन से की गई है। अत: उपमा अलंकार है।
प्रश्न 6.
पढ़िए और समझिए –
(क) पायो जी मैंने राम रतन धन पायो।
(ख) पर नर – व्याघ्र सुयोधन
उदाहरण ‘क’ में ‘राम’ (उपमेय) में ‘रतन धन’ (उपमान) का तथा उदाहरण ‘ख’ में ‘नर’ (उपमेय) में ‘व्याघ्र ‘ (उपमान) का अत्यधिक समानता के कारण आरोप किया गया है। ये रूपक अलंकार के उदाहरण हैं।
याद रखिए
- जहाँ उपमेय और उपमान की अत्यधिक समानता को प्रकट करने के लिए उपमेय में उपमान का अभेद आरोप किया जाता है, वहाँ ‘रूपक अलंकार‘ होता है।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में रूपक अलंकार स्पष्ट कीजिए-
(क) चरण – कमल बंदौ हरिराई
उत्तर:
इस पंक्ति में चरण पर कमल का अभेद आरोप किया गया है, अतः रूपक अलंकार है।
(ख) गुरु पद – पंकज सेवा
उत्तर:
इस पंक्ति में गुरु पद पर पंकज का अभेद आरोप हुआ है, अतः यहाँ रूपक अलंकार है।
(ग) ‘मन सागर’ मनसा लहरि, बूड़े बहे अनेक।
उत्तर:
इस पंक्ति में मन पर सागर का अभेद आरोप हुआ है, अतः यहाँ रूपक अलंकार है।
प्रश्न 8.
पढ़िए और समझिए
इस सोते संसार बीच
जगकर सजकर रजनी बाले
उत्तर:
‘रजनी’ (रात) को मनुष्य के समान क्रिया करते दिखाया गया है। अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है।
याद रखिए-
- जड़ अथवा अचेतन तत्वों पर मानवीय भावों, संबंधों और क्रियाकलापों का आरोप करके उन्हें मनुष्य के समान व्यवहार करते हुए दिखाना ‘मानवीकरण अलंकार‘ है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में मानवीकरण अलंकार स्पष्ट कीजिए-
(क) कलियाँ दरवाज़े खोल-खोल
जब झुरमुट में मुसकाती हैं।
उत्तर:
इस काव्य पंक्ति में जड़ पदार्थ कलियों को दरवाज़े खोलकर मनुष्य के समान मुसकराते हुए दिखाया गया है। अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है।
(ख) जगी वनस्पतियाँ अलसाईं;
मुख धोतीं शीतल जल से।
उत्तर:
इस काव्य पंक्ति में जड़ या अचेतन वनस्पतियों को जागकर शीतल जल से मुँह धोते हुए दर्शाया गया है। अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है ।
(ग) मेघमय आसमान से उतर रही
संध्या – सुंदरी परी -सी, धीरे-धीरे – धीरे।
उत्तर:
इस काव्य पंक्ति में जड़ या अचेतन संध्या सुंदरी को परी के समान आसमान से धीरे-धीरे उतरते हुए दर्शाया गया है। अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
बदल दो ज़माना, धरा जगमगाओ,
पसीना बहा धूल सोना बनाओ।
घृणा को घृणा से कठिन जीत पाना,
कठिन बैर को बैर से है दबाना,
कठिन है बहुत राह इस जिंदगी की,
बनाओ उसे तुम सुकोमल बनाओ।
बदल दो ज़माना, धरा जगमगाओ,
बहुत ही सरल है, उठे को गिराना,
बहुत ही सरल है, बने को मिटाना,
सरल है नहीं किंतु, निर्माण करना।
अगर हो सके तो, इसे कर दिखाओ,
बदल दो ज़माना, धरा जगमगाओ।
(क) कवि क्या करने के लिए कह रहे हैं?
उत्तर:
कवि द्वारा मनुष्य को पसीना बहाकर धूल से सोना बनाने, ज़माने को बदल देने तथा ज़िंदगी को कोमल बनाने के लिए कहा गया है।
(ख) धरा को कैसे जगमगाया जा सकता है?
उत्तर:
धरा को परिश्रम के बल नवनिर्माण करके, घृणा को प्रेम से जीतकर जगमगाया जा सकता है।
(ग) कवि ने किन कार्यों को कठिन कहा है?
उत्तर:
कवि ने घृणा को घृणा से जीत पाने, बैर को बैर से दबाने, जिंदगी की राह तथा नवनिर्माण करने आदि कार्यों को कठिन कहा है।
(घ) कवि के अनुसार क्या करना सरल है?
उत्तर:
कवि के अनुसार ‘उठे को गिराना’ तथा ‘बने को मिटाना’ बहुत ही सरल है।
(ङ) कवि क्या कर दिखाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं?
उत्तर:
कवि लोगों तथा युवाओं को परिश्रम करते हुए नवनिर्माण करने को प्रेरित कर रहे हैं।
आओ दोहराएँ
प्रश्न 11.
निम्नलिखित शब्दों में ‘र’ के उचित रूप का प्रयोग करके शब्दों को दोबारा लिखिए
उत्तर:
(क) गह = ग्रह, गृह
(ख) कम = क्रम, कर्म
(ग) टेन = ट्रेन
(घ) गाम = ग्राम
(ङ) धम = धर्म
(च) डम = ड्रम
प्रश्न 12.
निम्नलिखित शब्दों के शुद्ध रूप लिखिए-
उत्तर:
(क) श्रीमति = श्रीमती
(घ) चिन्ह = चिह्न
(छ) स्वस्थ्य = स्वास्थ्य
(ख) ब्राहम्ण = ब्राहूमण
(ङ) स्थाई = स्थायी
(ज) कवित्री = कवयित्री
(ग) पैतिक = पैतक
(च) द्रष्टि = दष्टि
प्रश्न 13.
निम्नलिखित तद्भव शब्दों के तत्सम रूप लिखिए-
उत्तर:
(क) जीभ = जिह्वा
(ग) मिट्टी $=$ मृत्तिका
(ङ) घर = गृह
(ख) साँप = सर्प
(घ) हाथी = हस्ती
(च) चाँद = चंद्र
प्रश्न 14.
निम्नलिखित शब्दों में से मूल शब्द तथा प्रत्यय अलग-अलग कीजिए-
उत्तर:
शब्द | मूल शब्द | प्रत्यय |
(क) योगी | योग | ई |
(ख) लुहार | लोहा | आर |
(ग) धार्मिक | धर्म | इक |
(घ) सपेरा | साँप | एरा |
(ङ) प्रभुता | प्रभु | ता |
प्रश्न 15.
निम्नलिखित उपसर्गों के प्रयोग से दो-दो शब्द बनाइए-
उत्तर:
(क) अति | अतिरिक्त | अत्याचार |
(ख) वि | विफल | विकार |
(ग) स्व | स्वदेश | स्वाभिमान |
(घ) प्र | प्रसार | प्रहार |
(ङ) अ | अधर्म | अज्ञान |
प्रश्न 16.
निम्नलिखित वाक्यों में क्रिया पद छाँटिए तथा उनके भेद लिखिए-
उत्तर:
वाक्य | क्रिया पद | भेद |
(क) किशोर आम खाता है। | खाता है | सकर्मक |
(ख) पिता जी दफ्तर चले गए। | चले गए | अकर्मक |
(ग) आकाश में पतंगें उड़ रही हैं। | उड़ रही है | सकर्मक |
(घ) रजत ने माँ की चिट्ठी पढ़ ली। | पढ़ ली | सकर्मक |
(ङ) कमल पतंग उड़ा रहा है। | उड़ा रहा है | सकर्मक |
प्रश्न 17.
निम्नलिखित वाक्यों में उपयुक्त कारक चिह्न से रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए-
(क) अभिनव शेर ________ देखकर डर गया।
(ख) ________ तुम आ गए।
(ग) आम ________ पेड़ ________ चिड़िया चहचहा रही थी।
(घ) सोहन ________ लाठी________ साँप ________ मारा।
(ङ) अर्जुन ________ निशाना साधा और मछली ________ आँख भेद दी।
उत्तर:
(क) अभिनव शेर को देखकर डर गया।
(ख) अरे! तुम आ गए।
(ग) आम के पेड़ पर चिड़िया चहचहा रही थी।
(घ) सोहन ने लाठी से साँप को मारा।
(ङ) अर्जुन ने निशाना साधा और मछली की आँख भेद दी।
प्रश्न 18.
निम्नलिखित पुल्लिंग शब्दों के स्त्रीलिंग रूप लिखिए-
उत्तर:
(क) नाती = नातिन
(ख) सदस्य = सदस्या
(ग) अभिनेता = अभिनेत्री
(घ) देवर = देवरानी
(ङ) माली = मालिन
(च) श्रीमान = श्रीमती
आओ लिखें
प्रश्न 19.
नीचे दिए गए चित्र का वर्णन 100-150 शब्दों में कीजिए-
उत्तर:
रविवार का दिन था। कॉलोनी से कुछ दूर स्थित पार्क में बच्चे मस्ती में खेल रहे थे। इस पार्क में बहुत से हरे-भरे पेड़-पौधे एवं रंग-बिरंगे फूल थे। शीतल हवा कुछ तेज़ बह रही थी। पार्क के फव्वारे से उछलता पानी पार्क की शोभा बढ़ा रहा था। रमन और उसके साथी खेलने में व्यस्त थे। तभी रमन ने देखा कि एक आदमी पेड़ के मोटे तने के पीछे खड़ा होकर झाँक रहा है। रमन ने अपने साथी मनोज से कहा, “ लगता है, वह आदमी बहुत दुखी है। चलो उसके पास चलते हैं। ” बच्चे उसके पास गए और उन्होंने उससे इस प्रकार से पेड़ के पीछे से झाँकने का कारण पूछा। उसने बताया कि उसका बेटा दो साल पहले खो गया था। तब से वह उसी को खोज रहा है। बच्चों ने कहा कि वह हर रविवार पार्क में आए और उनके खेल में शामिल हो जाया करे। वह आदमी हर रविवार को आने का वायदा कर खुश होकर चला गया।