DAV Class 8 Hindi Chapter 2 Question Answer – असल धन

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DAV Class 8 Hindi Chapter 2 Question Answer – असल धन

DAV Class 8 Hindi Ch 2 Question Answer – असल धन

पाठ में से

प्रश्न 1.
गाँववाले दारा का सम्मान क्यों करते थे?
उत्तर:
गाँववाले दारा का सम्मान इसलिए करते थे, क्योंकि वह बहुत ही बुद्धिमान था और गाँववालों की समस्याओं का समाधान बड़ी ही सरलता और कुशलता से कर दिया करता था।

प्रश्न 2.
शाह द्वारा दारा को अपने दरबार में रखने का क्या कारण था ?
उत्तर:
शाह द्वारा दारा को अपने दरबार में रखने का कारण था – उसकी बुद्धिमत्ता | शाह दारा की बुद्धिमत्ता का उपयोग अपनी दरबारी एवं राज्य की समस्याओं को सुलझाने के लिए करना चाहता था। इसके अलावा वह ऐसे बुद्धिमान व्यक्ति को अपने पास रखना चाहता था ।

DAV Class 8 Hindi Chapter 2 Question Answer - असल धन

प्रश्न 3.
दरबारी दारा से क्यों ईर्ष्या करते थे?
उत्तर:
दरबारी दारा से इसलिए ईर्ष्या करते थे, क्योंकि वह अपनी बुद्धिमत्ता और कार्य कुशलता के बल पर बादशाह का प्रिय बनता जा रहा था और बादशाह उसे दूसरे दरबारियों से अधिक सम्मान देने लगे थे, जो अन्य दरबारियों को अच्छा नहीं लग रहा था।

प्रश्न 4.
शाह ने दारा को गवर्नर बनाकर क्यों भेजा ?
उत्तर:
शाह ने दारा को गवर्नर बनाकर इसलिए भेजा क्योंकि उत्तरी ईरान के एक प्रांत का शासन बिगड़ चुका था। इससे वहाँ अराजकता फैल गई थी। शाह उस प्रांत के हालत ठीक करना चाहता था, जिसे दारा जैसा ही कोई समझदार शासक कर सकता था।

प्रश्न 5.
दारा अपने बक्सा में क्या रखता था और क्यों?
उत्तर:
दारा अपने बक्से में अपना असल धन बंद रखता था, क्योंकि यही धन उसे ईमानदार और घमंडरहित बनाए हुए था।

DAV Class 8 Hindi Chapter 2 Question Answer - असल धन

प्रश्न 6.
कहानी के दिए गए अंश को पढ़कर तीन प्रश्न बनाइए- दारा के पहुँचते ही प्रांत के हालात सुधरने लगे। वह स्वयं हर स्थान पर जाता और लोगों से पूछता कि उन्हें क्या दुख है? वह नगर – नगर जाकर दरबार लगाता और दोषियों को सजाएँ देकर लोगों को न्याय दिलाता । प्रांत में शांति फैल गई। लोग नए गर्वनर के गुण गाने लगे ।
उत्तर:
(क) प्रांत में दारा के पहुँचने का क्या असर हुआ ?
(ख) दारा ने हालात को काबू में करने के लिए क्या-क्या कदम उठाए ?
(ग) लोग नए गवर्नर के गुण क्यों गाने लगे ?

बातचीत के लिए

प्रश्न 1.
चरवाहे का जीवन कैसा था ?
उत्तर:
चरवाहे का जीवन गरीबी में बीत रहा था । उसे खाने के लिए रूखी-सूखी रोटियाँ और पहनने के लिए फटे-पुराने कपड़े मिल पाते थे। वह उस झोंपड़ी में रहता था, जिसकी आधी छत गिर चुकी था ।

प्रश्न 2.
कहानी में से ऐसे अंश छाँटकर बताइए, जिनसे दारा के बुद्धिमान होने का पता चलता है।
उत्तर:
कहानी के कुछ अंश, जिनसे दारा की बुद्धिमानी का पता चलता है-

  1. दारा ने तुरंत ही समस्या को सुलझा दिया और वह भी ऐसी समझदारी से कि शाह दंग रह गया ।
  2. संसार का कोई ऐसा प्रश्न नहीं, जिसका उत्तर दारा के पास न हो।
  3. ऐ दारा, तुम जैसा बुद्धिमान हमारे महल में रहे, ताकि हम राज्य की समस्याओं के विषय में तुमसे सुझाव लेते रहें।

प्रश्न 3.
दौर पर जाते समय दारा दूसरा घोड़ा क्यों रखता था?
उत्तर:
दौरे पर जाते समय दारा दूसरा घोड़ा इसलिए रखता था, ताकि वह दूसरे घोड़े की पीठ पर एक बड़ा-सा बक्सा रख सके।

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प्रश्न 4.
दरबारियों ने दारा के खिलाफ़ शाह से क्या कहा ?
उत्तर:
दरबारियों ने दारा के खिलाफ़ शाह से यह कहा कि आप दारा को ईमानदार समझते हैं, परंतु वह बेईमान है। वह अपने साथ हमेशा एक बक्सा ले जाता है, जिसमें उस धन को रखता है, जिसे उसने बेईमानी से एकत्र किया है।
असल धन

प्रश्न 1.
शाह ने दारा के पास दूत को भेजकर किस समस्या को सुलझाने के लिए कहा ? अनुमान लगाइए, दारा ने समस्या को कैसे सुलझाया होगा?
उत्तर:
शाह ने दारा के सामने यह समस्या रखी होगी कि मैं प्रांत में उत्पन्न अराजकता की स्थिति को कैसे सुधारूँ ? दारा ने इस समस्या का हल बताते हुए कहा होगा कि आप चिंता मत कीजिए। इस समस्या को मैं हल कर लूँगा। आप मुझे एक बार भेजकर तो देखिए। मैं लोगों से व्यक्तिगत रूप से मिलूँगा, उनकी बातें ध्यान से सुनूँगा और हल निकालूँगा। मैं दोषियों को दंडित करके हालात में सुधार करूँगा ।

प्रश्न 2.
यदि दरबारियों के कहे अनुसार दारा के बक्से से बेईमानी से एकत्र किया गया धन निकलता तो क्या होता?
उत्तर:
यदि दरबारियों के कहे अनुसार दारा के बक्से से बेईमानी से एकत्र किया गया धन निकलता तो दारा को बहुत लज्जित होना पड़ता। शाह उस पर इतना क्रोधित होता कि बक्से से निकला सारा धन खजाने में जमा करवा देता और दारा को दरबार से निकाल देता या फिर भी उसे बंदी बना कर जेल में डलवाता। यदि शाह गुस्से को काबू में न रख पाता तो वह दारा का सिर कलम भी करवा सकता था।

प्रश्न 3.
पाठ का शीर्षक ‘असल धन’ क्यों रखा गया ? इस पाठ का कोई अन्य शीर्षक सुझाइए तथा यह भी बताइए कि आपने यह शीर्षक क्यों चुना?
उत्तर:
पाठ का शीर्षक ‘असल धन’ इसलिए रखा गया होगा, क्योंकि प्रांत का गर्वनर बनने के बाद धन कमाने का मौका हाथ आने पर भी दारा ने धन नहीं कमाया, बल्कि अपनी गरीबी के दिनों में पहना गया कुर्ता सँभाल कर रखा था। दारा की दृष्टि में वही उसका ‘असल धन’ था। अन्य शीर्षक – दारा की ईमानदारी पूरी कहानी में दारा की ईमानदारी उभरकर सामने आती है, जिसे देख दरबारियों का सिर शर्म से झुक जाता है।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
पाठ में से दो-दो व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, भाववाचक संज्ञा शब्द छाँटकर लिखिए-
DAV Class 8 Hindi Chapter 2 Question Answer - असल धन
उत्तर:

व्यक्तिवाचक संज्ञा जातिवाचक संज्ञा भाववाचक संज्ञा
(क) दारा दरबारी बुद्धिमानी
(ख) ईरान चरवाहा सम्मान

प्रश्न 2.
मुहावरों के प्रयोग से भाषा आकर्षक बनती है। इनका अक्षरशः अर्थ नहीं बल्कि लाक्षणिक अर्थ लिया जाता है । पाठ में अनेक मुहावरे आए हैं जैसे- ‘फूला न समाना’ जिसका अर्थ है- बहुत खुश होना। अब आप दिए गए मुहावरों का वाक्य में प्रयोग कीजिए-
DAV Class 8 Hindi Chapter 2 Question Answer - असल धन 2
उत्तर:
(क) कान भरना – कुछ महिलाओ की आदत होती है कि वे अपनी सास के विरुद्ध अपने पति के कान भरती रहती हैं।
(ख) दंग रह जाना – सरकस में कलाकर को तलवार की धार पर चलता देखकर दर्शक दंग रह गए।
(ग) आँखों में चमक आना – आसान प्रश्न पत्र देखकर विद्यार्थियों की आँखों में चमक आ गई।

प्रश्न 3.
पाठ में कई ‘विशेषण’ शब्द आए हैं। आप बताइए कि वे किसकी विशेषताएँ बता रहे हैं-
DAV Class 8 Hindi Chapter 2 Question Answer - असल धन 3
उत्तर:

विशेषण शब्द किसकी विशेषता बता रहे हैं
(क) गरीब चरवाहे की
(ख) रूखी-सूखी रोटियों की
(ग) भ्रष्ट सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों की
(घ) बुद्धिमान, समझदार, ईमानदार दारा की
(ङ) जटिल समस्याओं की

जीवन मूल्य

प्रश्न 1.
क्या आपको घर में, विद्यालय में किसी से ईर्ष्या होती है? क्यों?
उत्तर:
हाँ, मुझे घर में अपने छोटे भाई से ईर्ष्या होती है, क्योंकि मम्मी-पापा खाने-पीने की वस्तुएँ सबसे पहले उसे ही देते हैं। उसके बाद ही मुझे देते हैं । शरारत करने पर उसे कम डाँटते हैं, मुझे ज्यादा। कभी-कभी तो उसकी शरारतों के कारण मैं पीट दिया जाता हूँ। मुझे विद्यालय में मॉनीटर से ईर्ष्या होती है, क्योंकि सभी अध्यापक उसकी बातों को ही सही मानकर हमारे साथ व्यवहार करते हैं। यहाँ तक कि कई बार हमें डाँटते भी हैं।

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प्रश्न 2.
ईर्ष्या करना उचित है या अनुचित ? क्यों?
उत्तर:
ईर्ष्या करना अनुचित है, क्योंकि इससे हमारे मन में उस व्यक्ति के प्रति दुर्भावना उत्पन्न होती है, जिससे हम ईर्ष्या करते हैं।

प्रश्न 3.
मन में ईर्ष्या का भाव उत्पन्न ही न हो, इसके लिए आप क्या करेंगे?
उत्तर:
मन में ईर्ष्या का भाव ही न हो, इसके लिए मन में उदारता का भाव बढ़ाना चाहिए। हमें सकारात्मक सोच में वृद्धि करते हुए नकारात्मक सोच त्यागना चाहिए। हम ईर्ष्या की प्रवृत्ति को प्रतिस्पर्धा में बदलने का प्रयास करेंगे, ताकि ईर्ष्या के लिए कोई जगह ही न बचे ।

प्रश्न 4.
आप अपने पास मित्रों और संबंधियों द्वारा भेंट की गई किन वस्तुओं को सँभालकर रखते हैं ?
उत्तर:
हाँ मैं अपने पास मित्रों और संबंधियों द्वारा भेंट की गई, उन सभी वस्तुओं को सँभालकर रखता हूँ, जिन्हें आसानी से सँभालकर रखा जा सकता है। ये वस्तुएँ देने वाले व्यक्ति के प्रति संबंधों में निकटता बनाए रखती हैं।

कुछ करने के लिए

प्रश्न 1.
कृष्णदेवराय – तेनालीरामा, अकबर-बीरबल के बुद्धिमानी भरे किस्से पढ़िए और उन्हें कक्षा में सुनाइए ।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2.
नीचे दी गई समस्याओं के समाधान पर कक्षा में चर्चा कीजिए-
(क) यदि बारिश का पानी गली में भर जाए ।
(ख) यदि पड़ोसी देर रात तक तेज़ आवाज़ में संगीत बजाएँ।
उत्तर:
(क) यदि बारिश का पानी गली में भर जाए तो हम सफाई निरीक्षक एवं आपदा नियंत्रण ( बाढ़ ) प्रकोष्ठ को फोन कर उन्हें स्थिति से अवगत कराएँगे तथा अपने साथ स्वयंसेवियों तथा गली के कुछ उत्साही युवकों को लेकर उस रुके पानी को निकालने का प्रयास करेंगे। इसके अलावा लोगों से अनुरोध करेंगे कि वे नालियों में कूड़ा-करकट, ईट-पत्थर तथा पॉलिथीन की थैलियाँ आदि न फेंकें ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े।

(ख) यदि पड़ोसी देर रात तक तेज़ आवाज़ में संगीत बजाएँ तो उनसे विनम्रता पूर्वक अनुरोध करूँगा कि वे ऐसा न करें या मंद आवाज़ में संगीत बजाएँ। उनके न मानने पर कुछ लोगों के साथ पुनः समझाऊँगा। यदि वे फिर भी नहीं मानते हैं तो पुलिस को फोन पर सूचित करते हुए उचित कार्यवाही करने का अनुरोध करूँगा।

DAV Class 8 Hindi Ch 2 Solutions – असल धन

I. बहदिकल्पीय प्रश्न

1. चरवाहे के संबंध में असत्य कथन कौन-सा है ?
(क) उसे रूखी-सूखी रोटी मिलती थी
(ख) वह बहुत गरीब था
(ग) उसकी झोंपड़ी की पूरी छत गिर गई थी
(घ) उसके कपड़े फटे-पुराने थे
उत्तर:
(ग) उसकी झोंपड़ी की पूरी छत गिर गई थी

2. असल धन कहानी का संबंध कहाँ से है ?
(क) ईरान के गाँव से
(ख) यूनान के गाँव से
(ग) बगदाद के गाँव से
(घ) अफगानिस्तान के गाँव से
उत्तर:
(क) ईरान के गाँव से

3. गाँववाले चरवाहे का सम्मान करते थे। इसका कारण था
(क) उसका गरीब होना
(ग) उसके द्वारा गाँव में रहना
(ख) उसके द्वारा भेड़ चराया जाना
(घ) उसका बुद्धिमान होना
उत्तर:
(घ) उसका बुद्धिमान होना

DAV Class 8 Hindi Chapter 2 Question Answer - असल धन

4. शाह इनमें से किनसे परेशान था ?
(क) दरबारियों से
(ख) समस्याओं से
(ग) सैनिकों से
(घ) दारा से
उत्तर:
(ख) समस्याओं से

5. दरबारियों के मन में दारा के विरुद्ध क्या बढ़ता जा रहा था?
(क) सम्मान
(ख) ज्ञान
(ग) छल-कपट
(घ) ईष्प्या
उत्तर:
(घ) ईष्प्या

6. दारा का स्थान दरबार में कहाँ था?
(क) दरबारियों के बीच
(ख) राजसिंहासन पर
(ग) राजसिंहासन के पास
(घ) वजीर के पास
उत्तर:
(ग) राजसिंहासन के पास

7. शाह ने दरबारियों को क्या कहा ?
(क) झूठे और बेईमान
(ख) कपटी और दुष्ट
(ग) झूठे और दुष्ट
(घ) ईर्ष्यालु और लोभी
उत्तर:
(ग) झूठे और दुष्ट

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8. शाह दारा को किस प्रांत का गर्वनर बनाना चाहता था ?
(क) पूर्वी
(ख) पश्चिमी
(ग) उत्तरी
(घ) दक्षिणी
उत्तर:
(ग) उत्तरी

9. दारा को प्रांत में किस पद पर भेजा गया ?
(क) गवर्नर
(ख) वज़ीर
(ग) शासक
(घ) सेनापति
उत्तर:
(क) गवर्नर

10. दारा ने प्रांत में कौन-सा काम नहीं किया?
(क) वह शहरी क्षेत्र में ही जाता
(ख) वह नगर – नगर दरबार लगाता
(ग) दोषियों को सजा देता
(घ) लोगों को न्याय दिलाता
उत्तर:
(क) वह शहरी क्षेत्र में ही जाता

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11. दारा के कामों को सुनकर शाह बहुत …………. हुआ।
(क) प्रसन्न
(ख) उदास
(ग) ईर्ष्यालु
(घ) निराश
उत्तर:
(क) प्रसन्न

12. दारा का ‘असल धन’ इनमें से क्या था ?
(क) घोड़े
(ख) बड़ा बक्सा
(ग) पुराने कपड़े
(घ) हीरे-जवाहरात
उत्तर:
(ग) पुराने कपड़े

II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
गाँववाले गरीब चरवाहे का सम्मान क्यों करते थे?
उत्तर:
गाँववाले गरीब चरवाहे का सम्मान उसके गुणों के कारण करते थे।

प्रश्न 2.
गाँव के झगड़ों का समाधान कौन करता था ?
उत्तर:
गाँव के झगड़ों का समाधान दारा किया करता था ।

प्रश्न 3.
दारा का बढ़ता मान-सम्मान दरबारियों पर क्या असर डाल रहा था?
उत्तर:
दारा का बढ़ता मान-सम्मान दरबारियों के मन में जलन बढ़ा रहा था ।

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प्रश्न 4.
दरबारी नए-नए उपाय क्यों सोचने लगे?
उत्तर:
दरबारी नए-नए उपाय इसलिए सोचने लगे ताकि वे शाह से दारा की शिकायत कर सकें।

प्रश्न 5.
दारा का ‘असल धन’ क्या था ?
उत्तर:
दारा का ‘असल धन’ उसका फटा – पुराना वह ऊनी वस्त्र था, जिसे वह गरीबी में भेड़ें चराते हुए पहना करता था।

III. लघु उत्तरीय प्रश्न ( 30-35 शब्दों में )

प्रश्न 1.
शाह दारा का किस प्रकार मान-सम्मान करता था ?
उत्तर:
दारा गरीब परंतु अत्यंत बुद्धिमान था तथा जटिल से जटिल समस्या का समाधान अत्यंत सरलता से कर दिया करता था। इसी वजह से शाह दारा के बिना पल भर भी नहीं रह पाता था और सारे काम दारा के सुझाव से करता था। वह दरबार में दारा को राज – सिंहासन के पास ही बिठाता था। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि शाह दारा का सम्मान करता था।

IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ( 70-80 शब्दों में )

प्रश्न 1.
शाह ने दारा को उत्तरी प्रांत क्यों भेजा ?
उत्तर:
शाह दारा का बहुत ही मान-सम्मान और आदर करता था। वह नहीं चाहता था कि दारा एक पल भी उससे दूर रहे, परंतु वह दारा को ईरान के उत्तरी प्रांत भेजने के लिए विवश था क्योंकि वहाँ की शासन-व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ चुकी थी। वहाँ के सरकारी अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्ट हो गए थे। चारों ओर अराजकता फैली थी। लोगों के मन में शाह का ज़रा भी भय न था। सभी अपनी-अपनी मर्जी का व्यवहार कर रहे थे। लोगों में असुरक्षा की भावना भर गई थी। उनकी जान और माल असुरक्षित थे। चारों ओर हाहाकार मच गया था।

V. मूल्यपरक प्रश्न

प्रश्न 1.
दारा के व्यक्तित्व से आप किन-किन गुणों को अपनाना चाहेंगे?
उत्तर:
दारा के व्यक्तित्व से मैं परिश्रम करने, स्वाभिमानी बनने, ईमानदार बनने, घमंड न करने तथा अनैतिक तरीके से धन न कमाने जैसे गुणों को अपनाना चाहूँगा और सदैव विनम्र बना रहना चाहूँगा ।

क्रियाकलाप

प्रश्न 1.
दारा का ‘असल धन’ उसके फटे-पुराने वस्त्र थे। आपका असल धन क्या है? क्यों है? इसे एक अनुच्छेद में लिखिए |
उत्तर:
छात्र स्वयं करें

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

प्रश्न 1.
गरीब होते हुए भी गाँव वाले उसका बड़ा सम्मान करते थे । इसका कारण उसके अनेक गुण थे। वह बड़ा ही बुद्धिमान था। गाँव वाले अपनी कठिन और जटिल समस्याएँ लेकर उसके पास आते और वह उन्हें बड़ी बुद्धिमानी से सुलझा देता था। गाँव के सब झगड़ों का निबटारा वही करता था। धीरे-धीरे उसकी बुद्धिमानी की धूम दूर-दूर तक पहुँच गई।

प्रश्न (क) लोग किसका सम्मान करते थे और क्यों?
(ख) लोग उसके पास क्यों आते थे?
(ग) उसकी प्रसिद्धि का क्या कारण था ?
(घ) गद्यांश में जिस व्यक्ति का उल्लेख है, उसकी दो विशेषताएँ लिखिए।
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम लिखिए।
उत्तर:
(क) लोग दारा का बहुत सम्मान करते थे, क्योंकि वह बहुत ही बुद्धिमान था।
(ख) लोग उसके पास इसलिए आते थे, ताकि वह उनके झगड़ों को सुलझा सके।
(ग) उसकी प्रसिद्धि का कारण उसके गुण और उसकी बुद्धिमानी थी।
(घ) गद्यांश में वर्णित व्यक्ति की दो विशेषताएँ हैं-
(i) वह गरीब होते हुए भी बुद्धिमान था ।
(ii) वह जटिल समस्याएँ भी सुलझा देता था ।
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम है- ‘असल धन’ ।

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प्रश्न 2.
उसकी बुद्धिमानी की चर्चा ईरान के शाह के कानों तक भी जा पहुँची । उन दिनों शाह के सामने कुछ ऐसी समस्याएँ थीं, जिन्होंने उसे परेशान कर रखा था। उसने एक दूत को भेजकर अपनी समस्या बताई और दारा से सुझाव माँगा कि वह क्या करे। दारा ने तुरंत ही समस्या को सुलझा दिया और वह भी ऐसी समझदारी से कि शाह दंग रह गया। उसने मन में कहा- ‘यह दारा कोई साधारण चरवाह नहीं है। ऐसी सूझ-बूझ रखने वाले का उचित स्थान भेड़ों के साथ जंगल में नहीं, महल में राजसिंहासन के पास है। ‘

प्रश्न (क) किसकी बुद्धिमानी की चर्चा कहाँ तक पहुँची ?
(ख) शाह ने उसके पास किसे भेजा और क्यों ?
(ग) शाह उस व्यक्ति से क्यों प्रभावित हुआ?
(घ) शाह के मन में उसके प्रति क्या विचार आया?
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम लिखिए।
उत्तर:
(क) दारा नामक गरीब चारवाहे की बुद्धिमानी की चर्चा ईरान के शाह (राजा) के पास तक पहुँची।
(ख) ईरान के शाह ने दारा के पास दूत को भेजा। वह दारा से अपनी समस्या का समाधान पाना चाहता था।
(ग) शाह उस व्यक्ति ( दारा) से इसलिए प्रभावित हुआ, क्योंकि उसने समस्या को तुरंत ही सुलझा दिया।
(घ) दारा के प्रति शाह के मन में यह विचार आया कि यह कोई साधारण चरवाहा नहीं है। ऐसे बुद्धि मान व्यक्ति की जगह महल में राजसिंहासन के पास है।
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम ‘ असल धन’ है।

प्रश्न 3.
दारा शाह के साथ दरबार में रहने लगा। शाह उसकी बातों से इतना प्रभावित हुआ कि दारा के बिना एक क्षण भी उसका मन नहीं लगता था। वह कोई भी काम उसके सुझाव के बिना नहीं करता था। वह हर समय उसे अपने साथ रखता और दरबार में उसे राजसिंहासन के पास ही बिठाता था। जैसे-जैसे शाह के दरबार में उसका सम्मान बढ़ता गया, वैसे-वैसे दरबारियों के मन में उसके लिए जलन बढ़ती गई।
प्रश्न
(क) दारा कौन था ?
(ख) शाह उसकी बातों से प्रभावित क्यों था?
(ग) शाह दारा का किस प्रकार सम्मान करता था ?
(घ) दरबारियों की मनोदशा में किस प्रकार बदलाव आता जा रहा था ?
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम लिखिए।
उत्तर:
(क) दारा अत्यंत गरीब चरवाहा था, जो अपनी बुद्धिमत्ता के लिए प्रसिद्ध था।
(ख) दारा अपनी बुद्धिमानी से समस्याओं को बहुत जल्दी सुलझा लेता था इसलिए शाह उसकी बातों से प्रभावित था।
(ग) शाह दारा को सदैव अपने साथ रखता था और दरबार में सिंहासन के पास ही बैठाता था ।
(घ) दारा का सम्मान जैसे-जैसे बढ़ता गया वैसे-वैसे दरबारियों के मन में उसके लिए जलन बढ़ती गई।
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम है – असल धन।

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प्रश्न 4.
मैं तुम्हें उत्तरी ईरान के एक प्रांत का गवर्नर बना रहा हूँ। वहाँ का शासन बिगड़ चुका है। सरकारी अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्ट हैं। अराजकता फैली हुई है। सब लोग मनमानी कर रहे हैं। जान और माल सुरक्षित नहीं। चारों ओर हाहाकार मच रहा है । वहाँ तुम्हारे जैसे बुद्धिमान, ईमानदार और समझदार शासक की बड़ी आवश्यकता है। मुझे विश्वास है, तुम्हारे जाने से प्रांत के हालात ठीक हो जाएँगे ।

प्रश्न (क) इस गद्यांश में कौन क्या कर रहा है?
(ख) कौन किसे कहाँ भेजना चाहता था?
(ग) वहाँ की स्थिति कैसी थी ?
(घ) शाह दारा पर इतना विश्वास क्यों कर रहा था ?
(ङ) दारा के व्यक्तित्व की विशेषताएँ गद्यांश के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
(क) इस गद्यांश में ईरान का शासक दारा नामक अत्यंत बुद्धिमान व्यक्ति से बातें कर रहा है।
(ख) शाह दारा को ईरान के एक प्रांत में गवर्नर बनाकर भेजना चाहता है।
(ग) वहाँ की स्थिति अच्छी नहीं थी। चारों ओर भ्रष्टाचार का बोलबाला था। लोग मनमानी कर रहे थे।
(घ) दारा अत्यंत बुद्धिमान और हर प्रकार की समस्याओं का हल करने में सक्षम था, इसलिए शाह उस पर इतना विश्वास कर रहा था ।
(ङ) दारा अत्यंत बुद्धिमान, ईमानदार और समझदार था, वह सभी समस्याएँ आसानी से सुलझा लेता था।

प्रश्न 5.
दारा प्रांत के अनेक स्थानों का दौरा घोड़े पर सवार होकर करता था। दौरे पर जाते समय उसके साथ ही एक और घोड़ा भी होता था जिसकी पीठ पर एक बड़ा-सा बक्सा रखा रहता था। बक्से के बिना दारा कभी नगर से नहीं निकलता था। दरबारियों को एक अवसर मिल गया।

प्रश्न (क) दारा प्रांत के दौरे पर क्यों गया ?
(ख) दारा प्रांत का दौरा कैसे करता था ?
(ग) दारा दूसरे घोड़े पर क्या रखा करता था ?
(घ) दरबारियों को कैसा अवसर मिल गया ?
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम लिखिए ।
उत्तर:
(क) दारा ईरान के शाह के कहने पर प्रांत में दौरे पर इसलिए गया ताकि वहाँ की बिगड़ती स्थिति को नियंत्रित कर सके।
(ख) दारा प्रांत का दौरा घोड़े पर सवार होकर करता था।
(ग) दारा दूसरे घोड़े पर हमेशा एक बड़ा-सा बक्सा रखता था ।
(घ) दरबारियों को दारा की शिकायत करने का अवसर मिल गया। वे दारा की शिकायत कर उसे शाह की नज़रों से गिराना चाहते थे।
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम है – असल धन।

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प्रश्न 6.
दारा ने उत्तर दिया, “मैं इसी को पहनकर भेड़ें चराया करता था । मैं इसे इसलिए साथ रखता हूँ कि यह मुझे याद दिलाता रहे कि मैं एक गरीब चरवाहा था और मेरे मन में कभी घमंड पैदा न हो । यही मेरा असल धन है। ”
दरबार में सन्नाटा छा गया था। दरबारियों के सिर शर्म से झुके हुए थे।

प्रश्न (क) दारा भेड़ें कब चराया करता था ?
(ख) दारा उस पुराने कपड़े को अपने साथ क्यों रखा करता था ?
(ग) दारा का असल धन क्या था ?
(घ) दरबारियों के सिर शर्म से क्यों झुके थे?
(ङ) गद्यांश से आपको क्या शिक्षा मिलती है ?
उत्तर:
(क) दारा शाह के दरबार में महत्त्वपूर्ण स्थान पाने और शाह का अत्यंत प्रिय बनने से पहले भेड़ें चराया करता था।
(ख) दारा उस पुराने कपड़े को अपने साथ इसलिए रखा करता था ताकि उसे अपनी गरीबी के दिन हमेशा याद रहें और उसमें घमंड न आए।
(ग) दारा का असल धन उसका वह पुराना कपड़ा था, जिसे वह अपनी गरीबी के दिनों में भेड़ें चराते हुए पहना करता था।
(घ) दरबारियों के सिर इसलिए झुके हुए थे क्योंकि उनकी योजना फेल हो गई थी।
(ङ) गद्यांश से हमें विनम्र बने रहने, घमंड न करने तथा ईमानदार बने रहने की शिक्षा मिलती है।

शब्दार्थ

  • चरवाहा – भेड़-बकरियाँ चराने वाला।
  • सम्मान – आदर।
  • जटिल – कठिन।
  • धूम – ख्याति, प्रसिद्ध।
  • सूझ-बूझ – सोचने-समझने की शक्ति।
  • दंग रह जाना – आश्चर्यचकित रह जाना।
  • हुक्म – आदेश।
  • मुँह चढ़ा रखना – बढ़ावा देना।
  • कान भरना – शिकायत करना।
  • कीड़े निकालना – दोष निकालना।
  • प्रांतराज्य। भ्रष्ट – गलत आचरण करने वाला।
  • अराजकता – परेशानी की स्थिति।
  • हालात – स्थिति।
  • गुण गाना – प्रशंसा करना।
  • फूला न सामाना- बहुत खुश होना।
  • सुबूत – प्रमाण।
  • उलझन – परेशानी।
  • अदब – सम्मान।
  • शाह – बादशाह।
  • हुक्म – आदेश।
  • आँखों में चमक आना – खुश होना।
  • आँखें आश्चर्य से फैल गईं – बहुत आश्चर्यचकित होने की स्थिति।
  • सन्नाटा- चुप्पी।

असल धन Summary in Hindi

पाठ – परिचय:

असल धन’ नामक पाठ में दारा नामक चरवाहे के परिश्रमी स्वभाव और बुद्धिमत्ता का वर्णन है जो अपनी बुद्धि के बल पर ईरान के शाही दरबार में स्थान बना लेता है और एक प्रांत का गवर्नर बन जाता है, परंतु अपनी ईमानदारी नहीं छोड़ता है।

पाठ का सार:

ईरान के एक गाँव में दारा नामक एक गरीब चरवाहा रहता था। उसे खाने को रूखी-सूखी रोटी मिल जाती थी और पहनने के लिए भेड़ की ऊन से बने फटे-पुराने वस्त्र मिल जाते थे। फिर भी गाँववाले और उसके आसपास के लोग उसका बहुत सम्मान करते थे, क्योंकि वह अत्यंत बुद्धिमान था। वह अपनी बुद्धिमानी के बल पर लोगों के बड़े-से-बड़े झगड़े सुलझा देता था। उसकी जानकारी जब ईरान के शाह को हुई तो उसने दारा के पास दूत भेजकर एक समस्या के लिए सुझाव माँगा । दारा ने तुरंत उसका समाधान सुझाया। उसका समाधान सुनकर शाह बहुत प्रभावित हुआ। उसने दारा को अपने दरबार में रख लिया और हर बात में उसकी राय लेने लगा। यह देख अन्य दरबारी ईर्ष्यावश दारा से जलने लगे और तरह-तरह की बातें बनाने लगे। दरबारी दारा के विरुद्ध शाह के कान भरने लगे । फिर भी शाह के मन में दारा के प्रति स्नेह और सम्मान दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा था।

एक बार शाह ने दारा को उत्तरी प्रांत का गवर्नर बनाकर भेजा, क्योंकि वहाँ अराजकता फैली थी। लोग मनमानी कर रहे थे। चारों ओर हाहाकार मचा था। दारा ने वहाँ पहुँचते ही हालात को काबू में किया। लोगों से मिलकर उनकी समस्याएँ सुनीं और उनका समाधान किया। प्रांत में शांति व्यवस्था कायम हो गई। यह बात जब शाह को पता चली तो वह बहुत खुश हुआ, लेकिन इससे दरबारियों की जलन और बढ़ गई। दारा जब भी प्रांत के दौरे पर निकलता तो एक दूसरे घोड़े पर बड़ा-सा बक्सा भी साथ लेकर चलता था। दरबारियों ने शाह को बताया कि दारा बेईमान है।

वह अपनी काली कमाई को बक्से में रखकर चलता है। यह धन उसने प्रजा को लूटकर एकत्र किया है। यह सुन शाह ने दारा को अपने दरबार में हाज़िर होने का आदेश दिया। शाह के आदेशानुसार दारा दरबार में हाज़िर हुआ। शाह ने उससे बक्से के बारे में पूछा तो उसने कहा, “इस बक्से में उसका असल धन है। ” शाह ने जब बक्सा खुलवाया तो उसमें से ऊन का बुना पुराना कोट निकला, जिसे पहनकर वह भेड़ चराया करता था। उसने शाह को बताया कि यह वस्त्र मुझे मेरी गरीबी की याद दिलाता रहता है, जिससे मेरे मन में कभी घमंड नहीं होता। अतः यह मेरा असली धन है। यह सुनते ही दरबार में सन्नाटा छा गया और दरबारियों के सिर शर्म से झुक गए।