DAV Class 8 Hindi Chapter 3 Question Answer – अच्छे पड़ोसी के गुण

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DAV Class 8 Hindi Chapter 3 Question Answer – अच्छे पड़ोसी के गुण

DAV Class 8 Hindi Ch 3 Question Answer – अच्छे पड़ोसी के गुण

पाठ में से

प्रश्न 1.
लेखक पड़ोसी के प्रति अपनी उदारता का परिचय किस प्रकार देते थे?
उत्तर:
लेखक अपने घर की पुरानी वस्तुएँ, जिन्हें वे प्रयोग में नहीं लाते थे, को अपने पड़ोसी को दान में देकर पड़ोसी के प्रति अपनी उदारता का परिचय दिया करते थे।

प्रश्न 2.
पड़ोसी की केबल का तार काटने को लेकर लेखक क्या तर्क देते हैं?
उत्तर:
लेखक का मानना था कि केबल टी.वी. से बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर होता है और इससे आँखों पर भी कुप्रभाव पड़ता है। अतः लेखक पड़ोसी के बच्चों को नुकसानों से बचाने के लिए केबल का तार काटना उचित समझता है।

DAV Class 8 Hindi Chapter 3 Question Answer - अच्छे पड़ोसी के गुण

प्रश्न 3.
लेखक ने व्यक्ति और देश के पड़ोसियों की तुलना क्यों की है ?
उत्तर:
लेखक ने दोनों की तुलना इसलिए की है, क्योंकि दोनों की ही करनी कथनी में पर्याप्त अंतर होता है। दोनों ही एक-दूसरे के साथ सद्भाव एवं सहयोग की घोषणा करते हैं, पर मौका मिलते ही एक-दूसरे का अहित करने से भी नहीं चूकते हैं।

प्रश्न 4.
पाठ के आधार पर बताइए कि अकसर पड़ोसियों में किन बातों को लेकर बहस होती थी ?
उत्तर:
पाठ से ज्ञात होता है कि पड़ोसियों में प्रायः कूड़ा फेंकने को लेकर बहस होती थी।

प्रश्न 5.
पाठ के आधार पर नीचे कुछ कथन दिए गए हैं। सही कथनों के आगे सही (✓) का निशान और गलत कथनों के आगे गलत (✗) का निशान लगाइए-
(क) तूश के शॉल पर चटनी का दाग लगने से लेखक की पत्नी बहुत परेशान थी ।
(ख) लेखक का व्यवहार अपने पड़ोसियों के प्रति उदार था।
(ग) लेखक को पड़ोसी की पत्नी के स्वास्थ्य की चिंता थी ।
(घ) पड़ोसियों के बीच चाय की पत्ती, प्याज़, साड़ी आदि का लेन-देन होता था ।
(ङ) लेखक कूड़ा फेंकने की अपनी गलती को पड़ोसी के सामने मान लेते थे।
उत्तर:
(क) तूश के शॉल पर चटनी का दाग लगने से लेखक की पत्नी बहुत परेशान थी । (✓)
(ख) लेखक का व्यवहार अपने पड़ोसियों के प्रति उदार था। (✓)
(ग) लेखक को पड़ोसी की पत्नी के स्वास्थ्य की चिंता थी। (✓)
(घ) पड़ोसियों के बीच चाय की पत्ती, प्याज़, साड़ी आदि का लेन-देन होता था। (✓)
(ङ) लेखक कूड़ा फेंकने की अपनी गलती को पड़ोसी के सामने मान लेते थे। (✗)

बातचीत के लिए

प्रश्न 1.
तूश – प्रकरण को अपने शब्दों में बताइए ।
उत्तर:
पड़ोस धर्म निभाने के क्रम में महिलाएँ एक-दूसरे से वस्तुओं का आदान-प्रदान करती रहती थी। इसी क्रम में लेखक की पत्नी ने अपनी पड़ोसन से ‘तूश’ की शॉल उधार ली थी, जो बहुत महँगी थी। उस शॉल पर चटनी का दाग लग गया, जिसे छुटाने में लेखक के डेढ़ सौ रुपये खर्च हो गए। फिर भी पड़ोसन ने शॉल में लगे दाग का कारण ईर्ष्या और स्पर्धा को माना । दोनों ने पूर्व में ली गई वस्तुओं के लिए एक-दूसरे को खूब ताने दिए। परिणामत: दोनों में बोलचाल बंद हो गई।

प्रश्न 2.
महिलाओं के बीच पड़ोसी धर्म निभाने का सिलसिला समाप्त क्यों हो जाता है ?
उत्तर:
महिलाओं के बीच पड़ोसी धर्म निभाने का सिलसिला उस समय समाप्त हो जाता है, जब पड़ोसन की कोई प्रिय वस्तु जाने-अनजाने दूसरी महिला से खराब हो जाती है। ऐसे में महिलाएँ ऐसी घटनाओं को ईर्ष्या एवं जलन का परिणाम मान बैठती हैं और उलाहने देते हुए कई और दोष गिना देती हैं। इसके बाद महिलाओं के बीच पड़ोसी धर्म निभाने का सिलसिला समाप्त हो जाता है।

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प्रश्न 3.
कोई ऐसी घटना बताइए जब आपके पड़ोसी ने अपना पड़ोसी धर्म निभाते हुए आपकी सहायता की हो।
उत्तर:
अच्छा पड़ोसी वही होता है जो मुसीबत में काम आए। एक बार स्कूल वैन के ड्राइवर ने अचानक छुट्टी कर ली। इधर मुझे भी बुखार था। जब मेरे पड़ोसी को इसका पता चला तो वे अपनी कार से मेरे बेटे को स्कूल छोड़ आए और छुट्टी होने के बाद उसे घर छोड़ गए।

प्रश्न 4.
क्या वास्तव में लेखक और उनके पड़ोसी का व्यवहार एक-दूसरे के प्रति उदार था ? अपने विचार बताइए।
उत्तर:
वास्तव में लेखक और उनके पड़ोसी का व्यवहार एक-दूसरे के प्रति उदार नहीं था। वे अपने घर का कूड़ा दूसरे के घर के सामने रखकर जान-बूझकर रखने वाले को कोसते ताकि दूसरा व्यक्ति उन पर शक न करे। इसके आलवा वे एक दूसरे को वही वस्तुएँ दिया करते थे जो उनके घर में कबाड़ हो चुकी होती तथा जिन्हें लेने के लिए कबाड़ी भी तैयार नहीं होता था।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
यदि लेखक और उनके पड़ोसी का व्यहवार एक-दूसरे के प्रति अच्छा होता, तो उनके जीवन में क्या परिवर्तन आता?
उत्तर:
यदि लेखक और उसके पड़ोसी का व्यवहार एक-दूसरे के प्रति अच्छा होता तो वे एक-दूसरे से हार्दिक लगाव रखते तथा अपने घर का कूड़ा पड़ोसी के घर के सामने न रखते। वे एक-दूसरे का उपहास उड़ाते हुए कुशलक्षेम न पूछते । वे निःस्वार्थ भाव से पड़ोसी धर्म का पालन करते। इससे दोनों पड़ोसियों के बीच कटुता न आने पाती और न ही शीत युद्ध होने जैसे स्थिति बनती। इससे उनका संबंध प्रगाढ़ होता और वे प्रसन्नता से एक-दूसरे से मिलते।

प्रश्न 2.
यदि लेखक और उनके पड़ोसी वास्तव में ‘अच्छी पड़ोसी’ होते, तो वे शीत युद्ध की समस्या से कैसे निपटते ?
उत्तर:
यदि लेखक और उनके पड़ोसी वास्तव में ‘अच्छे पड़ोसी’ होते तो शीत युद्ध जैसी स्थिति आने ही न पाती। यदि शीत युद्ध की स्थिति आ भी जाती तो वे मिल-बैठकर बात करते तथा अपनी-अपनी बातें एक-दूसरे को कहते। इससे उनके बीच की गलतफहमी दूर हो जाती और वे एक-दूसरे के प्रति सच्ची तरह से उदार बनकर पड़ोसी धर्म का पालन करते ।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए शब्दों के विलोम शब्द लिखिए-
DAV Class 8 Hindi Chapter 3 Question Answer - अच्छे पड़ोसी के गुण 1
उत्तर:
(क) शाश्वत – नश्वर
(ख) दुखद – सुखद
(ग) दुर्भाग्य – सौभाग्य

प्रश्न 2.
नीचे दिए गए वाक्यों का भाव समझाइए
DAV Class 8 Hindi Chapter 3 Question Answer - अच्छे पड़ोसी के गुण 1 2
उत्तर:
(क) भाव यह है कि वे एक साल से बीमार पड़े हैं। इस कारण उनके लिए चलना-फिरना, उठना-बैठना, खाना-पीना जैसी सामान्य क्रियाएँ भी कठिन हो गई हैं। उनसे बिस्तर से उठा भी नहीं जाता है।

(ख) भाव यह है कि बीमार होने के बाद भी भाभी जी को चारपाई से इस तरह लगाव हो गया है मानो उनकी प्राण रूपी चिड़िया चाहकर भी चारपाई का त्याग नहीं कर पा रही है।
अच्छे पड़ोसी के गुण

(ग) भाव यह है कि पड़ोसन की तूश की शाल माँगकर लेखक की पत्नी लाई थी। उस पर दाग लग जाने के कारण उसकी धुलाई पर लेखक को डेढ़ सौ रुपये खर्च करने पड़े। डेढ़ सौ रुपये का खर्च लेखक के लिए चोट पहुँचाने जैसा था।

जीवन मूल्य

प्रश्न 1.
पड़ोसियों के बीच दैनिक प्रयोग की वस्तुओं का आदान-प्रदान होता रहता है। हमें इस आदान-प्रदान में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर:
पड़ोसियों के बीच दैनिक वस्तुओं का आदान-प्रदान होता है। इसके दो कारण हैं – एक तो पड़ोसी का घर सबसे निकट होना और दूसरा पड़ोसी से चिर परिचित होना। हमें इस आदान-प्रदान में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-

  1. पड़ोसी से ली गई वस्तुएँ समय से लौटा देनी चाहिए।
  2. पड़ोसी की वस्तुएँ अच्छी स्थिति में ही लौटाना चाहिए।
  3. वस्तुएँ लेकर पड़ोसी को धन्यवाद अवश्य कहना चाहिए।
  4. पड़ोसी से वस्तुएँ कम से कम लेने का प्रयास करना चाहिए।
  5. पड़ोसी की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का ध्यान अवश्य रखना चाहिए।

DAV Class 8 Hindi Chapter 3 Question Answer - अच्छे पड़ोसी के गुण

प्रश्न 2.
निम्नलिखित स्थितियों में आप पड़ोसी के साथ कैसा व्यवहार करेंगे-
(क) जब उनके परिवार में कोई अस्वस्थ हो ।
(ख) जब उनकी अनुपस्थिति में उनके घर कोई अतिथि आ जाए।
उत्तर:
(क) जब पड़ोसी के परिवार का कोई सदस्य अस्वस्थ हो तो हम उसे देखने जाएँगे और उसका कुशलक्षेम पूछेंगे। आवश्यकता होने पर उसे अस्पताल में भरती कराएँगे। उसे रक्त आदि की ज़रूरत होती है तो उसे पूरा करने का प्रयास करेंगे। इसके अलावा उसके बच्चों को खाना खिलाना तैयार करके स्कूल भेजने जैसे छोटे-मोटे काम भी कर देंगे।

(ख) जब उनकी अनुपस्थिति में उनके घर कोई अतिथि आ जाए तो उसे अपने घर में बिठाकर चाय-नाश्ता कराएँगे। पड़ोसी यदि बताकर गए हैं तो इस बारे में उन्हें बताएँगे। यदि अतिथि जाना चाहे तो उनका संदेश लेकर पड़ोसी का बताएँगे।

कुछ करने के लिए

प्रश्न 1.
अपने किन्हीं तीन पड़ोसियों के विषय में जानकारी देते हुए दिए गए बिंदुओं के आधार पर कॉपी में तालिका बनाइए-
उत्तर:

पड़ोसी का नाम पड़ोसी के घर में सदस्य पड़ोसी की कोई दो ख़ास आदतें, जो आपको पसंद हों पड़ोसी की कोई दो  ख़ास आदतें, जो आपको पसंद न हों
संयोग 5 परिश्रमी, सहयोगी बातूनी, धूम्रपान करना
मधुकर 4 दयालु, ईमानदार उधार लेकर न चुकाना, दूसरों के मामलों में हस्तक्षेप करना
केशव 4 विनम्र, मृदुभाषी स्वार्थी, कृपण

DAV Class 8 Hindi Ch 3 Solutions – अच्छे पड़ोसी के गुण

I. बहुविकल्पीय प्रश्न

1. लेखक पड़ोसी के प्रति कौन-सा दृष्टिकोण नहीं रखता है?
(क) स्नेहमय
(ख) कृतघ्न
(ग) उदार
(घ) सहायतापूर्ण
उत्तर:
(ख) कृतघ्न

2. लेखक पड़ोसी के प्रति कौन-सा दृष्टिकोण नहीं रखता है?
(क) एक साल
(ख) डेढ़ साल
(ग) दो साल
(घ) ढाई साल
उत्तर:
(क) एक साल

3. ‘टें बोल जाने’ का अर्थ है-
(क) तोते की तरह बोलना
(ख) जी उठना
(ग) प्रसन्न हो जाना
(घ) मर जाना
उत्तर:
(घ) मर जाना

4. लेखक का पड़ोसी सर्दी-जुकाम को किस बीमारी का प्रारंभिक लक्षण मानता था?
(क) टिटनेस
(ख) दमा
(ग) कैंसर
(घ) टी.बी.
उत्तर:
(ग) कैंसर

DAV Class 8 Hindi Chapter 3 Question Answer - अच्छे पड़ोसी के गुण

5. लेखक अपने पड़ोसी को इनमें से कौन-सी वस्तु दान में नहीं देता था ?
(क) पुराने जूते
(ख) पुराने बर्तन
(ग) टूटी शीशियाँ
(घ) प्लास्टिक के थैले
उत्तर:
(ख) पुराने बर्तन

6. लेखक और उसका पड़ोसी एक-दूसरे का नाम लेकर बुरा-भला नहीं कहते हैं। इसे लेखक क्या मानता है?
(क) धार्मिक उपलब्धि
(ग) स्वभाव की उपलब्धि
(ख) पड़ोस की उपलब्धि
(घ) सामाजिक उपलब्धि
उत्तर:
(घ) सामाजिक उपलब्धि

7. लेखक की इच्छा है कि कूड़े का …………….. जल्दी-से-जल्दी कूड़े के ढेर में मिले।
(क) ढेर
(ख) प्रचारक
(ग) संवाहक
(घ) भाग
उत्तर:
(ग) संवाहक

8. महिलाओं का पड़ोस धर्म ………… पर आकर टूटता है।
(क) चाय-चीनी
(ख) बर्तन- साड़ी
(ग) साड़ी – शाल
(घ) नमक-तेल
उत्तर:
(ग) साड़ी – शाल

9. लेखक की पत्नी ने पड़ोसन से क्या उधार लिया था, जिसे लेकर दोनों में
(क) रेशम की साड़ी
(ख) तूश की शाल
(ग) पश्मीना शाल
(घ) कश्मीरी शाल
उत्तर:
(ख) तूश की शाल

DAV Class 8 Hindi Chapter 3 Question Answer - अच्छे पड़ोसी के गुण

10. शाल पर पड़ा दाग छुड़ाने में लेखक को कितना खर्च करना पड़ा ?
(क) एक सौ रुपये
(ख) दो सौ रुपये
(ग) डेढ़ सौ रुपये
(घ) पौने दो सौ रुपये
उत्तर:
(ग) डेढ़ सौ रुपये

11. लेखक पड़ोसी के बच्चों को केबल टी.वी. के के दुष्प्रभाव से कैसे बचाता था?
(क) कई केबल तार जोड़कर
(ख) केबल तार काटकर
(ग) केबल पर अच्छे कार्यक्रम दिखाने का अनुरोध कर
(घ) केबल कनेक्शन के पैसे देकर
उत्तर:
(ख) केबल तार काटकर

12. लेखक के पड़ोसी लेखक के घर किनको भेज दिया करते थे?
(क) अजनबियों को
(ख) रिश्तेदारों को
(ग) पुलिसवालों को
(घ) चंदा माँगनेवालों को
उत्तर:
(क) अजनबियों को

II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पड़ोसी के बारे में लेखक को क्या यकीन है?
उत्तर:
लेखक को अपने पड़ोसियों के बारे में यह विश्वास है कि वे भी लेखक के प्रति स्नेहमय, उदारतापूर्ण और सहायतापूर्ण सोच रखते होंगे।

प्रश्न 2.
एक साल से बीमार पड़ोसी की पत्नी को देखकर लेखक को क्या लगता था ?
उत्तर:
एक साल से बीमार लेखक की पत्नी को देखकर लेखक को लगता था कि यह भगवान के घर से अमरौती खाकर आई है।

प्रश्न 3.
पड़ोसी खाँसी को किसका प्रारंभिक लक्षण मानते थे?
उत्तर:
पड़ोसी खाँसी को कैंसर का प्रारंभिक लक्षण मानते थे ।

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प्रश्न 4.
पड़ोसी को बेटी उसके यहाँ क्या लेकर आई थी?
उत्तर:
पड़ोसी की बेटी उसके यहाँ एक बंडल लाई थी, जिसमें साड़ियाँ थीं।

प्रश्न 5.
लेखक की पत्नी के चेहरे पर भय का भाव क्यों था?
उत्तर:
लेखक की पत्नी से पड़ोसन की तूश की शाल पर चटनी का दाग लग गया, इसलिए उसके चेहरे पर भय का भाव था।

III. लघु उत्तरीय प्रश्न ( 30-35 शब्दों में )

प्रश्न 1.
महिलाएँ अपना पड़ोस धर्म किस प्रकार निभाती हैं?
उत्तर :
हिलाएँ अपना पड़ोस धर्म पुरुषों से बेहतर ढंग से निभाती हैं। पुरुषों का पड़ोस धर्म घर के बाहर निभता हैं जबकि महिलाएँ इसमें कोई कोर-कसर नहीं छोड़ती हैं। वे इसकी शुरुआत चाय-चीनी प्याज के लेन-देन से शुरू करती हैं किंतु कुछ ही दिनों के अंदर साड़ी – शाल के लेन-देन तक पहुँच जाती हैं।

IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ( 70-80 शब्दों में )

प्रश्न 1.
लेखक और उसका पड़ोसी कूड़े से किस प्रकार छुटकारा पाते थे?
उत्तर:
लेखक अपने घर की बेकार पड़ी वस्तुओं; जैसे-पुराने जूते, प्लास्टिक के थैले, टूटी शीशियाँ और बरसों से एकत्र की गईं वे वस्तुएँ जिन्हें कबाड़ी भी नहीं लेता है, को धीरे-धीरे थोड़ा-थोड़ा करके अपने पड़ोसी की ओर फेंक देता था। उसका पड़ोसी कहता था कि जाने कौन जंगली उसके घर में सड़ा-गला कूड़ा फेंक जाता है। तब लेखक अनजान होने का अभिनय करते हुए कूड़ा फेंकने वाले को जमकर कोसता । अगले ही दिन लेखक को भी अपने घर के सामने कचरे का ढेर देखने को मिलता। लेखक कचरे के ढेर को देखकर बददुआएँ देता था । इस प्रकार कूड़े के ढेर का आदान-प्रदान चलता रहता था।

V. मूल्यपरक प्रश्न

प्रश्न 1.
यदि आप लेखक के पड़ोसी होते तो अपना कूड़ा कैसे निपटाते ?
उत्तर:
यदि मैं लेखक का पड़ोसी होता तो अपने घर का कूड़ा कभी भी लेखक के घर के सामने नहीं फेंकता । यदि लेखक मेरे घर के सामने कूड़ा फेंकता तो मैं उसे मना करता और अपना कूड़ा कूड़ेदान में फेंकता । मैं घर पर ही सूखे और गीले कूड़े को अलग करके रखता और सफ़ाई का ध्यान रखता ।

क्रियाकलाप

प्रश्न 1.
आप अपने विद्यालय को साफ़ रखने में कैसे मदद कर सकते हैं? इसे अपने मित्र को बताएँ ।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
जहाँ तक उदारता का प्रश्न है, अपने पड़ोसी के लिए हमारा दिल दरिया रहता है। जिन पुराने जूतों, प्लास्टिक के थैलों और टूटी शीशियों को हमने सालों-साल सँजोया, उन्हें पड़ोसी को दान करने में हमें ज़रा भी संकोच नहीं होता है। ऐसा नहीं है कि दिमाग टोका-टाकी नहीं करता है। अंदर से अपनी बेशकीमती जायदाद ख्वाहमख्वाह पड़ोसी पर लुटाने के विरोध में स्वर उभरता है। हम उसे समझाते हैं कि इतने सारे कबाड़ी इस माल को ‘रिजेक्ट’ कर चुके हैं, इसे कहीं तो ठिकाने लगाना है। फिर जी कड़ा कर उसे किस्त-दर- किस्त पड़ोसी की झाड़ी पार फेंक देते हैं।

प्रश्न (क) लेखक की उदारता का पता हमें कैसे चलता है?
(ख) लेखक अपने पड़ोसी को प्रायः क्या-क्या देता रहता है ?
(ग) लेखक के मन में विरोध का स्वर क्यों उभरता है?
(घ) लेखक अपने मन को कैसे समझा लेता है ?
(ङ) गद्यांश के पाठ और उसके लेखक का नाम लिखिए ।
उत्तर:
(क) लेखक अपने पड़ोसी को समय-समय पर कुछ न कुछ सामान दिया करता है। इससे उसकी उदारता का पता चलता है।
(ख) लेखक अपने पड़ोसी को पुराने जूते, प्लास्टिक के थैले, टूटी शीशियाँ जैसे सामान प्रायः दिया करता है।
(ग) लेखक को लगता है कि वह अपना सामान मुफ्त में दे रहा है, इसलिए उसके मन में विरोध का स्वर उभरता है।
(घ) लेखक सोचता है कि वह अपने पड़ोसी को जो सामान मुफ्त में दे रहा है, उसे लेने से कबाड़ी भी कई बार मना कर चुके हैं। इस तरह वह अपने मन को समझा लेता है।
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम – अच्छे पड़ोसी के गुण
लेखक का नाम – गोपाल चतुर्वेदी

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प्रश्न 2.
पड़ोसन को तूश पर दाग लगने का हादसा ज्ञात हो गया और उन्होंने तूश दागी करने के लिए हमारी पत्नी को दोषी ठहराया। उनके अनुसार यह जान-बूझकर किया गया अपराध था, जिसकी जड़ में जलन और स्पर्धा की भावना थी। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी शुद्ध महँगी चाय की पत्ती के बदले हमारे घर में चाय की पत्ती के नाम पर उसका चूरा उन्हें माँगने पर मिलता था। एक बार उन्होंने अव्वल दरजे के प्याज़ उधार दिए और सड़े पिलपिले वापस पाए। ऐसे तूश – प्रकरण के बाद हमारे घरों में शीत युद्ध चल रहा है और महिलाओं में बातचीत बंद है।

प्रश्न ( क ) पड़ोसन को क्या पता चल गया ?
(ख) तूश क्या है? उसके बारे में पड़ोसन ने क्या सोचा?
(ग) पड़ोसन ने क्या आरोप लगाया?
(घ) तूश प्रकरण का क्या परिणाम हुआ?
(ङ) गद्यांश में किस नारी सुलभ स्वभाव का वर्णन है ?
उत्तर:
(क) लेखक की पड़ोसन को यह पता चल गया कि उसकी तूश पर लेखक की पत्नी से दाग लग गया जिसे साफ़ कराकर उसने वापस किया था।
(ख) तूश एक गर्म शॉल है। इसके बारे में पड़ोसन ने यह सोचा कि लेखक की पत्नी ने उसे जान-बूझकर खराब किया है।
(ग) पड़ोसन ने यह आरोप लगाया कि जलन और स्पर्धा की भावना के कारण लेखक की पत्नी ने उसकी तू को खराब किया है।
(घ) तूश प्रकरण का परिणाम यह रहा कि इससे लेखक की पत्नी और उसकी पड़ोसन में बातचीत बंद हो गई।
(ङ) गद्यांश में जाने-अनजाने में हुई गलती को ईर्ष्या और जलन का परिणाम बताना, अपनी वस्तुओं को श्रेष्ठ तथा पड़ोसी की वस्तुओं को घटिया बताने जैसे नारी सुलभ स्वभाव का वर्णन हुआ है।

प्रश्न 3.
ऐसा ही स्नेहमय व्यवहार हमारे पड़ोसी का भी था। हमें साधारण सर्दी-जुकाम भी होता तो वे चेताते, ‘अकसर आपका गला खराब रहता है। किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाइए। हमने कहीं पढ़ा था कि बार-बार
की खाँसी कैंसर का प्रारंभिक लक्षण भी होती है।” यह हमारा सौभाग्य है कि हमने और हमारे पड़ोसी ने एक-दूसरे के परिवारों की सेहत के लिए ऐसा ही सद्भाव का रवैया अपनाया।

प्रश्न (क) लेखक के साथ पड़ोसी का व्यवहार कैसा था ?
(ख) सर्दी-जुकाम होने पर भी वे कैसे सावधान करते?
(ग) सर्दी-जुकाम को वे किसका लक्षण मानते थे?
(घ) लेखक अपना सौभाग्य किसे मानता है?
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम लिखिए।
उत्तर:
(क) लेखक के साथ उसके पड़ोसी का व्यवहार दिखावे में सहयोगपूर्ण होता था पर उसकी सोच सदैव व्यवहार के विपरीत होती थी ।
(ख) सर्दी-जुकाम होने पर भी वे अकसर गला खराब रहने और अच्छे डॉक्टर को दिखाने के लिए कहते।
(ग) सर्दी-जुकाम को वे कैंसर का प्रारंभिक लक्षण मानते थे।
(घ) लेखक अपना सौभाग्य अपने अच्छे पड़ोसी और उसके द्वारा की गई आलोचना को मानता है।
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम है अच्छे पड़ोसी के गुण।

DAV Class 8 Hindi Chapter 3 Question Answer - अच्छे पड़ोसी के गुण

प्रश्न 4.
हम जानबूझकर मूर्खता का अभिनय करते हैं और पड़ोसी के सामने कूड़ा फेंकने वाले को डटकर कोसते हैं। अगले दिन हम अपने दरवाज़े को कचरे के ढेर से सुशोभित पाते हैं। हम भी पड़ोसी से उस तीसरे गिरे हुए इंसान को हर प्रकार का संक्रामक रोग लगने की बददुआ देते हैं, “ अपनी तो एक ही तमन्ना है। यह कूड़े का संवाहक जल्दी से जल्दी कूड़े के ढेर में मिले।” पड़ोसी गंभीरता से मुंडी हिलाकर हमसे हमदर्दी जताते हैं। कूड़े का यह आदान-प्रदान बिना रोक-टोक के चलता रहता है।

प्रश्न (क) लेखक मूर्खता का अभिनय क्यों करता था ?
(ख) लेखक को अपने घर के सामने प्रायः क्या मिलता था ?
(ग) लेखक किसे और क्या बददुआ देता था?
(घ) वह कूड़े के ढेर पर किसे देखना चाहता है ?
(ङ) लेखक और उसके पड़ोसी के व्यवहार को आप कितना उचित मानते हैं?
उत्तर:
(क) लेखक मूर्खता का अभिनय इसलिए करता था, ताकि पड़ोसी यह समझे कि यह कूड़ा उसने (लेखक) नहीं फैलाया है।
(ख) लेखक को अपने घर के सामने प्राय: पड़ोसी द्वारा फैलाया गया कूड़ा मिलता था ।
(ग) लेखक कूड़ा फेंकने वाले को संक्रामक रोग से पीड़ित होने की बददुआ दिया करता था।
(घ) लेखक कूड़े के ढेर पर कूड़ा फेंकने वाले को देखना चाहता था।
(ङ) लेखक और उसके पड़ोसी के व्यवहार को मैं उचित नहीं मानता हूँ क्योंकि वे एक-दूसरे के घर के सामने कूड़ा बिखराते हैं।

प्रश्न 5.
हमें पता है कि ‘केबल’ टी.वी. नई पीढ़ी के लिए कितना नुकसानदेह है। इसका दुष्प्रभाव बच्चे की पढ़ाई पर तो पड़ता – ही पड़ता है, उनकी नज़र भी इससे कमज़ोर होती है। लिहाजा हम मौका मिलते ही उनकी ‘केबल’ का तार काट देते हैं। उन्हें भी हमारी नयी पीढ़ी का ख़्याल है। हमारा ‘केबल’ का तार भी अकसर धराशायी पाया जाता है। हम उनके मेहमानों का खर्च भी बचाते हैं। कई बार उनका पता पूछने वालों को हमने दूसरे मोहल्लों में दिशा – भ्रमित किया है। पर इस विषय में हमारे प्रति उनका सहयोग कुछ अनुचित किस्म का है। वह कई बार अजनबियों तक को हमारे घर भेज देते हैं।
प्रश्न
(क) गद्यांश में ‘केबल’ टी.वी. के क्या दोष बताए गए हैं?
(ख) लेखक अपना पड़ोसी धर्म कैसे निभाता है ?
(ग) पड़ोसी लेखक की नई पीढ़ी का ध्यान किस तरह रखते हैं ?
(घ) लेखक अपने पड़ोसी का खर्च कैसे बचाता है?
(ङ) लेखक अपने पड़ोसी के किस व्यवहार को अनुचित मानता है?
उत्तर:
(क) गद्यांश के अनुसार केबल टी.वी. से बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ता है और उनकी निगाह भी कमज़ोर होती है।
(ख) लेखक अपने पड़ोसी का केबल तार काटकर अपना पड़ोसी धर्म निभाता है।
(ग) पड़ोसी भी लेखक की टी.वी. का केबल तार काटकर उसकी नयी पीढ़ी को होने वाली हानियों से बचाता है। इस प्रकार वह लेखक के परिवार का ध्यान रखता है।
(घ) लेखक पड़ोसी के यहाँ आने वाले मेहमानों को अन्यत्र भेज देता है। इस प्रकार वह पड़ोसी का खर्च बचाता है।
(ङ) लेखक का पड़ोसी अजनबियों को भी लेखक के घर भेज देता है, जिससे लेखक का खर्चा बढ़ जाता है। लेखक उसके इस व्यवहार को अनुचित मानता है ।

शब्दार्थ:

  • शाश्वत – सदा रहने वाला।
  • यकीन – विश्वास।
  • नेक – अच्छा।
  • काना – एक आँख का अंधा।
  • दरियाफ़्त – जाँच-पड़ताल।
  • तारीफ़ – प्रशंसा।
  • अघाना – जी भरना, पेट भरना।
  • टें बोल जाना – मर जाना।
  • अमरौती – अमर कर देने वाली जड़ी-बूटी।
  • चेताना – सावधान करना।
  • रवैया – व्यवहार।
  • प्राण-चिरैया – आत्मा।
  • दिल दरिया रहना – उदार बने रहना।
  • ख्वाहमखाह – बिना काम के।
  • कृत्य – काम।
  • अभिनय – नाटक।
  • तमन्ना – इच्छा।
  • चहकते हुए – प्रसन्न होकर।
  • जिज्ञासा – जानने की इच्छा।
  • अंतर्धान – गायब।
  • संत्रास – अत्यंत भय।
  • जेब कटना – फिजूलखर्च होना।
  • अव्वल दर्जा – प्रथम श्रेणी, सबसे बढ़िया।
  • तब्दीली – बदलाव।
  • दुष्प्रभाव – बुरा प्रभाव।
  • दिशा-भ्रमित – गलत रास्ता बताकर भटकाना।
  • उसूल – सिद्धांत।
  • दीगर- दूसरा, अन्य (बात)।
  • आकांक्षा- इच्छा।

अच्छे पड़ोसी के गुण Summary in Hindi

पाठ-परिचय:
प्रस्तुत पाठ में प्रभावपूर्ण और सरस ढंग से पड़ोसियों के कुछ ऐसे व्यवहारों पर व्यंग्य किया गया है जिनके द्वारा वे सहयोग और सद्भावना का दिखावा करते हैं परंतु उनके मन में हानि पहुँचाने का इरादा छिपा रहता है।

पाठ का सार:
इस पाठ में दो पड़ोसियों द्वारा अपने-अपने ढंग से पड़ोसी – धर्म निभाने का रोचक वर्णन है। वे अपने व्यवहार द्वारा एक-दूसरे के प्रति सहयोग, अपनत्व, हमदर्दी का प्रदर्शन करते हैं पर उनके व्यवहार के मूल में उनकी अपनी-अपनी स्वार्थसिद्धि के भाव छिपे रहते हैं।

लेखक अपने पड़ोसी की बीमार पत्नी के बारे में पड़ोसी से बार-बार एक ही सवाल पूछता है- “ आज भाभी जी का क्या हाल है?” बार – बार पूछने से झुझलाए पड़ोसी को कहना पड़ता है- “ आपकी भाभी की तबीयत सुधर रही है।” लेखक इस बात को अपनी पत्नी से कहता कि ये साल भर से बीमार है। इतने दिनों में अच्छे-अच्छे टें बोल जाते हैं। पड़ोसी भी लेखक को खाँसी होते ही चेताता है- ” किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाइए । खाँसी कैंसर का प्रारंभिक लक्षण है।” इस प्रकार वे एक-दूसरे के परिवारों की सेहत का ध्यान रखते थे।

लेखक जिन पुराने जूतों, प्लास्टिक के थैलों और टूटी शीशियों को सालों-साल संभालकर रखता था, जिन्हें लेने से जब कबाड़ी भी मना कर देता था, तब उन्हें दान स्वरूप पड़ोसी के घर के बाहर फेंक देता था। यह देख पड़ोसी कहता था कि जाने कौन जंगली कूड़ा फेंक जाता है। बदले में पड़ोसी भी अपने घर का सारा कूड़ा लेखक के घर के सामने कर देता । तब लेखक कहता है कि मैं यहाँ कूड़ा फेंकने वाले को कूड़े के ढेर में देखना चाहता हूँ। यह क्रम इसी प्रकार चलता रहता है।

महिलाएँ पड़ोसी धर्म निभाने में पुरुषों से आगे रहती हैं। उनका यह धर्म चीनी और चाय की पत्ती से शुरू होकर साड़ी – शाल पर आकर टूट जाता है। एक बार लेखक की पत्नी की साड़ियाँ वापस करने पड़ोसी की लड़की आई और कहा कि मम्मी ने तूश का शॉल वापस मँगवाया है। यह सुन लेखक की पत्नी ने खुद आकर देने का वायदा किया क्योंकि शाल पर चटनी के कुछ दाग लग गए थे, जिसे साफ़ कराने में डेढ़ सौ रुपये लग गए। ऊपर से पड़ोसी की पत्नी ने आरोप लगाया कि जलन और स्पर्धा की भावना के कारण यह दाग जान-बूझकर लगाया गया था। तब से दोनों में बातचीत बंद है।

हालाँकि केबल टी.वी. नयी पीढ़ी के लिए नुकसानदायी है, इसे दिमाग में रख दोनों पड़ोसी एक-दूसरे के केबल के तार को काटते रहते हैं। लेखक तो पड़ोसी की बचत करने के उद्देश्य से उसके रिश्तेदारों को दूसरे मुहल्ले की राह दिखा देता है, जिसके बदले में पड़ोसी अपरिचित लोगों को भी पड़ोसी के घर में भेजता रहता है। लेखक को लगने लगा है कि पड़ोसी और देश के पड़ोसियों के व्यवहार में अधिक अंतर नहीं है क्योंकि हर देश अपने पड़ोसी देश के साथ प्रेम और सद्भावना रखने की घोषणा करते हैं पर कभी-कभी वे एक-दूसरे के यहाँ आतंकवादी भी भेजते हैं और स्वयं गोलाबारी भी करते हैं। यही हाल पड़ोसियों का भी होता है। इसके लिए दोनों को अपने-अपने व्यवहार में सुधार लाना चाहिए, क्योंकि ताली कभी एक हाथ से नहीं बजती है।