DAV Class 8 Hindi Chapter 1 Question Answer – हम पंछी उन्मुक्त गगन के

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DAV Class 8 Hindi Chapter 1 Question Answer – हम पंछी उन्मुक्त गगन के

DAV Class 8 Hindi Ch 1 Question Answer – हम पंछी उन्मुक्त गगन के

कविता में से

प्रश्न 1.
किस कारण पक्षियों के पंख टूट जाएँगे?
उत्तर:
पिंजरे में बंद होने और वहाँ से आज़ाद होने के लिए फड़फड़ाने से पक्षियों के पंख टूट जाएँगे ।

प्रश्न 2.
पिंजरे में बंद रहकर मिलने वाले खाने व पानी की जगह पक्षियों को क्या पंसद है और क्यों?
उत्तर:
पिंजरे में बंद रहकर मिलने वाले खाने व पानी की जगह पक्षियों को नदी-नाले आदि का बहता जल पीने और नीम की निबौरियाँ (कडुवा फल) खाना पसंद है। इसका कारण यह है कि पक्षी स्वतंत्र रहकर अपनी मरज़ी से उड़ान भरना चाहते हैं।

DAV Class 8 Hindi Chapter 1 Question Answer - हम पंछी उन्मुक्त गगन के

प्रश्न 3.
पक्षियों के क्या अरमान हैं?
उत्तर:
पक्षियों के अरमान थे कि वे नीले आसमान की सीमा तक उड़ान भरें और अपनी लाल किरण-सी चोंच खोलकर आसमान में बिखरे तारे रूपी अनार के दाने चुग लें।

प्रश्न 4.
भावार्थ स्पष्ट कीजिए
लेकिन पंख दिए हैं, तो
आकुल उड़ान में विघ्न न डालो।
उत्तर:
भावार्थ यह है कि पक्षी मनुष्य से यह कह रहे हैं कि ईश्वर ने उन्हें उड़ने के लिए पंख दिए हैं ता मनुष्य उनको उन्मुक्त होकर उड़ने दे।

प्रश्न 5.
उचित उत्तर पर सही (✓) का निशान लगाइए

(क) पक्षी कहाँ गा नहीं पाएँगे?
(a) घोंसले में
(b) पिंजरे में
(c) आकाश में
(d) पेड़ों में
उत्तर:
(a) घोंसले में

(ख) स्वर्ण-शृंखला के बंधन में पक्षी क्या भूल गए हैं?
(a) पढ़ना
(b) नहाना
(c) उड़ना
(d) सोना
उत्तर:
(c) उड़ना

(ग) पक्षियों का क्या सपना है?
(a) स्वच्छंद रहने का
(b) पिंजरे में रहने का
(c) घोंसले पर रहने का
(d) महल में रहने का
उत्तर:
(a) स्वच्छंद रहने का

प्रश्न 6.
कविता की पंक्तियाँ पूरी कीजिए-
उत्तर:
(क) बस सपनों में देख रहे हैं।
तरु की फुनगी पर झूले।

(ख) या तो क्षितिज मिलन बन जाता
या तनती साँसों की डोरी ।

बातचीत के लिए

प्रश्न 1.
‘कटुक निबौरी’ और ‘कनक कटोरी’ के द्वारा किस ओर संकेत किया गया है?
उत्तर:
‘कटुक निबौरी’ के माध्यम से स्वतंत्र होकर घूमने-फिरने जबकि ‘कनक कटोरी’ के माध्यम से परतंत्र जीवन की ओर संकेत किया गया है।

प्रश्न 2.
हमें पक्षियों के प्रति संवदेनशील होना चाहिए। चर्चा कीजिए ।
उत्तर:
पक्षी भी प्रकृति के अंग हैं। वे एक ओर वातावरण और प्रकृति को अपने कलरव से मुखरित करते हैं तो दूसरी ओर प्रकृति में संतुलन बनाए रखते हैं। वे सुंदरता बढ़ाते हैं और हमारा मनोरंजन करते हैं। पक्षी हमें प्रकृति के निकट ले जाते हैं। जिस तरह हमें अपनी स्वतंत्रता प्रिय है, उसी तरह पक्षियों को भी, अतः हमें न तो उनकी स्वतंत्रता का हनन करना चाहिए और न उनका शिकार । हमें उनके संरक्षण पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

DAV Class 8 Hindi Chapter 1 Question Answer - हम पंछी उन्मुक्त गगन के

प्रश्न 3.
पक्षियों की और हमारी दिनचर्या में क्या अंतर है?
उत्तर पक्षियों की और हमारी दिनचर्या में बहुत अंतर है। पक्षी भोर होते ही कलरव करने लगते हैं और दाने की तलाश में सूर्योदय होते ही उड़ जाते हैं। वे यहाँ-वहाँ उड़कर अपना पेट भरते हैं और सूर्यास्त के समय घोंसले में लौट आते हैं।
मनुष्य की दिनचर्या उनके काम-काज के अनुसार शुरू होती है। किसान, मंडी में काम करने वाले, दूध बेचने वाले, अखबार बाँटने वाले तड़के ही उठकर काम में लग जाते हैं। इसके अलावा नौकरी करने वाले अपने कार्यालय या फैक्ट्री के समयानुसार घर से निकलते हैं और काम करके लौटते हैं।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
कल्पना कीजिए कि आप एक पक्षी हैं, जिसे पिंजरे में बंद कर दिया गया है। आप उसमें से बाहर निकलने के लिए क्या प्रयास करेंगे?
उत्तर:
मैं एक पक्षी हूँ। यदि मुझे पिंजरे में बंद कर दिया जाता है तो मैं बाहर निकलने के लिए इधर-उधर चोंच मारूँगा, पंजे मारूँगा। मैं ऐसा तब तक करता रहूँगा, जब तक बेदम न हो जाऊँ।

प्रश्न 2.
यदि आप पंछी बनकर खुले गगन में घूमते हैं तो आपको धरती का नज़ारा कैसा लगेगा?
उत्तर:
यदि मैं पंछी बनकर गगन में घूमता हूँ तो इस तरह मिली स्वतंत्रता के कारण मैं खूब खूश होऊँगा । जब मैं खुश होऊँगा तो मुझे धरती का नज़ारा भी सुंदर लगेगा। आसमान से जब मैं पिंजरे में बंद किसी पक्षी को देखूँगा तो मुझे अपने भाग्य पर गर्व होगा।

प्रश्न 3.
अगर कबूतर ने आपके घर के किसी कोने में घोंसला बनाकर उसमें अंडा दे दिया तो आप उसकी देखभाल कैसे करेंगे?
उत्तर:
अगर कबूतर ने हमारे घर के किसी कोने में घोंसला बनाकर उसमें अंडा दे दिया है तो मैं ध्यान रखूँगा कि बिल्ली, कौए आदि उसे नुकसान न पहुँचाने पाएँ। मैं वहीं आस-पास बाजारा, चावल आदि तथा एक बर्तन में पानी रख दूँगा ताकि कबूतरों को अपने अंडे के आस-पास रहने का अधिक से अधिक समय मिल जाए।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
दिए गए विशेष्यों के लिए कविता में आए विशेषण शब्द लिखिए-
DAV Class 8 Hindi Chapter 1 Question Answer - हम पंछी उन्मुक्त गगन के -1
उत्तर:
(क) पुलकित – पंख
(ग) विशेषण नहीं है – कटोरी
(ख) उन्मुक्त नील – गगन
(घ) कटुक – निबौरी

प्रश्न 2.
नीचे लिखे क्रिया शब्दों को शब्दकोश के क्रमानुसार क्रम संख्या दीजिए-
DAV Class 8 Hindi Chapter 1 Question Answer - हम पंछी उन्मुक्त गगन के 3
उत्तर:

  1. उड़ान
  2. चुगते
  3. जाएँगे
  4. डालो
  5. दिए
  6. देख
  7. पाएँगे
  8. बन
  9. बहता
  10. भूले

3. नीचे दिए गए शब्दों के पर्यायवाची शब्द एक कविता में से और एक अपनी ओर से लिखिए-
DAV Class 8 Hindi Chapter 1 Question Answer - हम पंछी उन्मुक्त गगन के -2
उत्तर:
(क) पंख – पर्यायवाची नहीं है। – पाँख
(ख) नभ – गगन – आकाश
(ग) पेड़ – तरु – पादप

जीवन मूल्य

‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के
पिंजरबद्ध न गा पाएँगे ‘

प्रश्न 1.
पक्षियों को पिंजरे में बंद करना उनकी आज़ादी छीनना है? कैसे?
उत्तर:
पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से वे कैदी बनकर रह जाते हैं। वे न अपनी इच्छा से उड़ सकते हैं और न अपने प्राकृतिक घोंसले में जा सकते हैं। वे अपने साथियों से अलग हो जाते है। उन्हें जंगल की झलक पाना भी सपना बन जाता है। इस तरह उनकी आज़ादी छिन जाती है।

प्रश्न 2.
हमें किसी की भी स्वतंत्रता क्यों नहीं छीननी चाहिए?
उत्तर:
जिस प्रकार हमें अपनी स्वतंत्रता प्रिय होती है, उसी प्रकार पक्षियों को भी उनकी आज़ादी प्रिय होती है। परतंत्र होकर जब हमें दूसरों की मरजी से जीना पड़ता है, तब हमें स्वतंत्रता की महत्ता का पता चलता है । परतंत्रता की दशा में हम दुख भोगने को विवश होते हैं। ऐसी ही स्थिति उनकी भी होती होगी, हम जिनकी आज़ादी छीनते हैं । अतः हमें किसी की स्वतंत्रता नहीं छीननी चाहिए।

कुछ करने के लिए

प्रश्न 1.
उन पक्षियों के बारे में पता करके एक रिपोर्ट तैयार कीजिए, जिनकी संख्या कम होती जा रही है, इसके क्या कारण हैं और हम इनका संरक्षण किस प्रकार कर सकते हैं?
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2.
पक्षियों से जुड़ी अन्य कविताएँ पढ़िए और कोई एक कविता कक्षा में सुनाइए ।
उत्तर:
छात्र पक्षियों में जुड़ी कविताएँ पढ़ें और कक्षा में सुनाएँ ।

DAV Class 8 Hindi Ch 1 Solutions – हम पंछी उन्मुक्त गगन के

I. बहुविकल्पीय प्रश्न

1. ‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ पाठ के रचयिता हैं –
(क) कबीरदास
(ग) शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
(ख) रहीम
(घ) महादेवी वर्मा
उत्तर:
(ग) शिवमंगल सिंह ‘सुमन’

2. ‘पंछी’ शब्द है-
(क) तत्सम
(ग) देशज
(ख) तद्भव
(घ) विदेशी
उत्तर:
(ख) तद्भव

3. ‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ पाठ का मुख्य भाव है-
(क) पक्षियों का महत्व बताना
(ग) पक्षियों की शक्ति बताना
(ख) पक्षियों और मनुष्य का संबंध बताना
(घ) स्वतंत्रता की महत्ता बताना
उत्तर:
(घ) स्वतंत्रता की महत्ता बताना

DAV Class 8 Hindi Chapter 1 Question Answer - हम पंछी उन्मुक्त गगन के

4. पक्षी क्या चुगना चाहते हैं ?
(क) चावल के दाने
(ग) बाजरा के दाने
(ख) तारे रूपी अनार के दाने
(घ) पके फलों के दाने
उत्तर:
(ख) तारे रूपी अनार के दाने

5. ‘नीड़’ शब्द का अर्थ है-
(क) पानी
(ख) आग
(ग) डाली
(घ) घोंसला
उत्तर:
(घ) घोंसला

II. लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पक्षी अपनी किस विशेषता को हमसे बताते हैं ?
उत्तर:
पक्षी अपनी विशेषता बताते हुए हमसे कहते हैं कि वे खुले आसमान में उड़ने वाले पक्षी हैं जो पिंजरे में कैद होकर गीत नहीं सुना पाएँगे।

प्रश्न 2.
पक्षी पिंजरे में कैद होने के बजाय क्या खाना-पीना पसंद करते हैं?
उत्तर:
पक्षी पिंजरे में कैद होकर कटोरी में रखा मैदा खाने के बजाय जंगल की कडुवी निबौरी खाना और नदी-नालों का बहता पानी पीना पसंद करते हैं।

DAV Class 8 Hindi Chapter 1 Question Answer - हम पंछी उन्मुक्त गगन के

प्रश्न 3.
पक्षी पिंजरे में क्यों नहीं रहना चाहते हैं?
उत्तर:
पक्षी पिंजरे में इसलिए नहीं रहना चाहते हैं क्योंकि पिंजरे में कैद होने से वे साथी पक्षियों से अलग हो जाते हैं। वे उनसे बातें नहीं कर सकते हैं। वे पिंजरे में उछल-कूद नहीं कर सकते हैं। अपने पंख नहीं हम पंछी उन्मुक्त गगन के फैला सकते हैं और अपनी इच्छा से उड़ नहीं सकते हैं। वे पेड़ों की डालियों पर घूम-घूमकर फल नहीं खा सकते हैं और न नदी – झरनों का पानी पी सकते हैं। पक्षी प्राकृतिक वातावरण से कट कर रह जाते हैं।

प्रश्न 4.
पिंजरे में बंदी बनाए जाने से पहले पक्षियों के अरमान क्या थे?
उत्तर:
पक्षी उन्मुक्त होकर उड़ते-फिरते थे। वे पेड़ की फुनगी पर बैठकर झूला झूलते थे। कैद होने के बाद वे अपनी इच्छा के बारे में बताते हैं कि वे उड़ते-उड़ते आकाश की सीमा तक पहुँच जाना चाहते हैं। ऐसा करते हुए वे क्षितिज से प्रतिस्पर्धा करते हुए या तो आकाश का अंत खोज लेते या अपने प्राण गवाँ देते ।

जीवन मूल्य

प्रश्न 1.
पक्षियों को पिंजरे में कैद करना आपको कैसा लगता है?
उत्तर:
पक्षियों को पिंजरे में कैद करना मुझे तनिक भी अच्छा नहीं लगता है। इससे पक्षियों की आज़ादी छिन जाती है और उनके सारे अरमान धरे के धरे रह जाते हैं।

क्रियाकलाप

प्रश्न 1.
पिंजरे में बंद तोता की व्यथा को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

1. हम पंछी उन्मुक्त गनन के
पिंजरबद्ध न गा पाएँगे,
कनक – तीलियों से टकराकर
पुलकित पंख टूट जाएँगे।

हम बहता जल पीनेवाले
मर जाएँगे भूखे-प्यासे,
कहीं भली है कटुक निबौरी
कनक – कटोरी की मैदा से,

शब्दार्थ:

पंछी – पक्षी, चिड़िया।
उन्मुक्त – खुला हुआ।
गगन – आकाश।
पिंजरबद्ध – पिंजरे में बंद होकर।
कनक-तीलियाँ – सोने की सलाखें।
पुलकित – खुशी से फड़फड़ाने वाले।
कटुक – कड़वी।
निबौरी – नीम का फल।
कनक – सोना।
मैदा – उत्तम कोटि का आटा।

प्रसंग – प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ज्ञान सागर में संकलित कविता ‘हम पंछी उन्मुक्त गनन के’ से लिया गया है। इसके रचयिता शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ हैं। इस अंश में पक्षियों की स्वाभाविक विशेषता एवं स्वतंत्रप्रियता का वर्णन हुआ है।

व्याख्या – पक्षी अपने बारे में मनुष्य को बताते हैं कि हम खुले आसमान में उड़ने वाले हैं। हम पिंजरे में बंद होकर अपना स्वाभाविक गीत नहीं सुना सकेंगे। यदि हमें सोने के पिंजरे में भी रखा जाएगा तो उससे टकराकर हमारे पंख टूट जाएँगे! पक्षी कहते हैं कि वे प्राकृतिक जल स्रोतों का जल पीते हैं, किंतु पिंजरे में बंद होकर तो हम भूखे-प्यासे मर जाएँगे। हमारे लिए पिंजरे में रखी सोने की कटोरी और उसमें रखे मैदे से अच्छी कड़वी निबौरी है । अर्थात हमें स्वतंत्रता प्रिय है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. पंछी कब गीत नहीं सुना सकेंगे?
(क) उन्मुक्त गगन में उड़ते हुए
(ग) पिंजरे में बंद होकर
(ख) घोंसला टूट जाने पर
(घ) अपने साथियों के साथ रहकर
उत्तर:
(ग) पिंजरे में बंद होकर

2. पक्षियों के पंख कैसे हैं?
(क) कमज़ोर
(ग) नरम एवं मुलायम
(ख) कनक के रंग जैसे
(घ) खुशी से फड़कते हुए
उत्तर:
(घ) खुशी से फड़कते हुए

DAV Class 8 Hindi Chapter 1 Question Answer - हम पंछी उन्मुक्त गगन के

3. पक्षी को पसंद है
(क) घड़े का जल
(ग) पिंजरे की कटोरी का जल
(ख) प्राकृतिक स्रोतों का बहता पानी
(घ) ओस की बूँदें
उत्तर:
(ख) प्राकृतिक स्रोतों का बहता पानी

4. पक्षियों को कड़वे नीम का फल अधिक
(क) आम के फल से
(ग) पिंजरे की कटोरी में रखे मैदा से
(ख) मनुष्य द्वारा दी गई रोटियो से
(घ) जमीन पर पड़े दाने से
उत्तर:
(क) आम के फल से

5. ‘कटुक निबौरी’ में कटुक शब्द है-
(क) विशेषण
(ग) संज्ञा
(ख) सर्वनाम
(घ) क्रियाविशेषण
उत्तर:
(घ) क्रियाविशेषण

2. स्वर्ण – श्रृंखला के बंधन में
अपनी गति, उड़ान सब भूले,
बस सपनों में देख रहे हैं
तरु की फुनगी पर के झूले।

ऐसे थे अरमान कि उड़ते
नील गगन की सीमा पाने,
लाल किरण-सी चोंच खोल
चुगते तारक – अनार के दाने ।

शब्दार्थ

स्वर्ण-श्रृंखला – सोने की कड़ियाँ ।
बंधन – कैद, बँधा होना।
गति – चाल, रफ़्तार ।
तरु – पेड़।
फुनगी – पेड़ों की चोटी या उनकी सबसे ऊपरी पत्तियाँ।
अरमान – इच्छा, अभिलाषा।
नील गगन – नीला आसमान।
सीमा – अंतिम छोर।
तारक-अनार – तारे रूपी अनार के दाने।

प्रसंग:
प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘ज्ञान सागर’ में संकलित कविता ‘हम पंछी उन्मुक्त गनन के’ से ली कई हैं। इसके रचयिता शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ हैं। इस अंश में पक्षी पिंजरे में कैद होने पर अपने कष्टमय जीवन की कथा सुना रहे हैं। इस अंश में पक्षी पिंजरे में कैद होने पर अपने कष्टमय जीवन की कथा सुना रहे हैं। नीला आसमान। सीमा अंतिम छोर । तारक-अनार तारे रूपी अनार के दाने !

व्याख्या:
पिंजरे में बंद पक्षी अपनी व्यथा बताते हैं कि सोने से बने पिंजरे में कैद् होकर वे अपनी स्वाभाविक उड़ान, उड़ने की गति सब भूल चुके हैं। कभी वे पेड़ की सबसे ऊँची टहनी पर बैठकर झूला झूलते थे, पर पिंजरे में कैद होने से यह सपना बनकर रह गया है। पक्षी कहते हैं कि कभी उनकी इच्छा होती थी कि हम उड़ते-उड़ते नीले आसमान का छोर देख लेते। हम पक्षी लाल किरणों के समान अपनी चोंच खोलकर तारे रूपी अनार के दाने चुग लेते।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. पक्षी अपनी उड़ान क्यों भूल गए हैं?
(क) कमजोर होने के कारण
(ख) घोंसले में पड़े रहने के कारण
(ग) पिंजरे में बंद होने के कारण
(घ) पंख टूट जाने के कारण
उत्तर:
(ग) पिंजरे में बंद होने के कारण

2. पक्षी कहाँ झूला करते थे ?
(क) डाल पर पड़े झूले पर
(ख) खेत में लहराती फसलों पर
(ग) पेड़ की डालियों पर
(घ) पेड़ की फुनगी पर
उत्तर:
(घ) पेड़ की फुनगी पर

DAV Class 8 Hindi Chapter 1 Question Answer - हम पंछी उन्मुक्त गगन के

3. पक्षियों की इच्छा थी-
(क) फसलों के दाने खाना
(ख) आसमान की सीमा तक उड़ना
(ग) ऊँची उड़ान भरना
(घ) पेड़ों से फल खाना
उत्तर:
(ख) आसमान की सीमा तक उड़ना

4. पक्षियों की चोंच कैसी है-
(क) लाल किरण जैसी
(ख) अनार के दाने जैसी लाल
(ग) फूल – सी लाल
(घ) उगते सूरज – सी लाल
उत्तर:
(क) लाल किरण जैसी

5. ‘अरमान’ का पर्यावाची शब्द है-
(क) फरमान
(ख) मूल्यवान
(ग) कमज़ोर
(घ) इच्छा
उत्तर:
(घ) इच्छा

3. होती सीमाहीन क्षितिज से
इन पंखों की होड़ा-होड़ी,
या तो क्षितिज मिलन बन जाता
या तनती साँसों की डोरी

नीड़ न दो, चाहे टहनी का
आश्रय छिन्न-भिन्न कर डालो,
लेकिन पंख दिए हैं, तो
आकुल उड़ान में विघ्न न डालो।

शब्दार्थ:

सीमाहीन – जिसकी सीमा या अंत न हो।
क्षितिज – धरती और आकाश के मिलने का काल्पनिक स्थान।
होड़ा-होड़ी – मुकाबला।
साँसों की डोरी तनना – मृत्यु हो जाना।
नीड़ – घोंसला।
टहनी – शाखा, डाली। आश्रम सहारा।
आश्रम – सहारा।
छिन्न-भिन्न करना – नष्ट कर देना।
आकुल – बेचैन।
विध्न – बाधा।

प्रसंग: प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘ज्ञान सागर’ में संकलित कविता ‘हम पंछी उन्मुक्त गनन के’ से ली गई हैं। इसके रचयिता शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ हैं।

व्याख्या: पक्षी अपनी स्वतंत्रप्रियता और उड़ने की इच्छा वक्त करते हुए कहते हैं कि हम पक्षी उड़ान भरते हुए इस असीम क्षितिज से मुकाबला करते। अर्थात हम क्षितिज का पता कर लेते। ऐसा करते हुए या तो हम क्षितिज को पा जाते या उड़ान भरते-भरते हमारी मृत्यु हो जाती। पक्षी मनुष्य से प्रार्थना करते हैं कि हे मनुष्य ! हमें पेड़ों की टहनी पर भले ही घोंसला न बनाने दो और हमारे बने घोंसले को नष्ट कर दो, पर जब ईश्वर ने हमें पंख दिए हैं तो हमारी व्याकुल और उत्सुकता भरी उड़ान में बाधा न डालो। अर्थात पिंजरे में बंद करके हमारी स्वतंत्रता न छीनों और उन्मुक्त रूप से उड़ने दो।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. पक्षी किससे मुकाबला करना चाहते हैं ?
(क) मनुष्य से
(ख) दूसरे पक्षियों से
(ग) आसमान से
(घ) क्षितिज से
उत्तर:
(घ) क्षितिज से

2. ‘साँसों की डोरी तनने’ का अर्थ है-
(क) मर जाना
(ख) स्वस्थ हो जाना
(ग) गहरी साँसें लेना
(घ) रुक-रुककर साँसें लेना
उत्तर:
(क) मर जाना

DAV Class 8 Hindi Chapter 1 Question Answer - हम पंछी उन्मुक्त गगन के

3. पक्षी किससे मिलना चाहते हैं?
(क) अपने घोंसले से
(ग) सीमाहीन क्षितिज से
(ख) पेड़ की डालियों से
(घ) मनुष्य से
उत्तर:
(ग) सीमाहीन क्षितिज से

4. पक्षी कहाँ बाधा नहीं चाहते हैं?
(क) आराम में
(ग) दाना चुगने में
(ख) उड़ान में
(घ) अन्य पक्षियों के साथ कलरव करने में
उत्तर:
(ख) उड़ान में

5. ‘सीमाहीन क्षितिज’ में ‘क्षितिज’ शब्द है-
(क) संज्ञा
(ख) विशेषण
(ग) सर्वनाम
(घ) क्रिया
उत्तर:
(क) संज्ञा

हम पंछी उन्मुक्त गगन के Summary in Hindi

पाठ- परिचय:
यह पाठ एक कविता है, जिसमें पक्षियों के स्वतंत्र रहने की अभिलाषा मुखरित हुई है। पक्षी स्वतंत्र होकर आकाश की ऊँचाइयाँ नापते हुए उड़ान भरना चाहते हैं तथा मनुष्य से प्रार्थना करते हैं कि वह उनकी उड़ान में बाधा न डाले। यह कविता स्वतंत्रता के महत्व को वर्णित करती है।

पाठ का सार:
‘हम पंछी उन्मुक्त गनन के’ कविता में पक्षियों की अभिलाषा के माध्यम से स्वतंत्रता का महत्व दर्शाया गया है। पक्षी मनुष्य से कहते हैं कि हम खुले आसमान में उड़ने वाले हैं। हमें पिंजरे में बंद करने से हमारे पंख टूट जाएँगे। हम बहता पानी पीने वाले पक्षी हैं। हम पिंजरे में बंद होकर भूखे-प्यासे मर जाएँगे। हम पिंजरे में बंद होकर अपनी उड़ान भूल जाते हैं और पेड़ की डालियों पर झूलना सपना बनकर रह जाता है। हम आसमान में उड़ते हुए उसकी सीमा देख लेना चाहते हैं। या तो हम आकाश की सीमा देख लेते या हमारे प्राण निकल जाते। पक्षी चाहते हैं कि मनुष्य अपने आस-पास भले ही आश्रय न दे, पर उनकी उड़ान में बाधा न डाले।