DAV Class 8 Hindi Chapter 13 Abhyas Sagar Solutions – सूर और तुलसी के पद

Engaging with DAV Class 8 Abhyas Sagar Solution and DAV Class 8 Hindi Chapter 13 Abhyas Sagar – सूर और तुलसी के पद can significantly boost students’ language confidence.

DAV Class 8 Hindi Abhyas Sagar Solution Chapter 13 सूर और तुलसी के पद

अलंकार ( पुनरावृत्ति )

प्रश्न 1.
नीचे दी गई काव्य पंक्तियों को ध्यान से पढ़िए-
(क) तू तो कहित बल की बैनी ज्यों है है लांबी मोटी।
(ख) विद्रुम से अरुण अधर, बोलत मुख मधुर-मधुर।
अब इन काव्य पंक्तियों में जो वर्ण शब्दों के प्रारंभ में बार-बार आया है, उसे लिखिए-
उत्तर:
(क) ‘ब’
(ख) ‘अ. म’
जहाँ एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से भी अधिक बार होती है, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है।

DAV Class 8 Hindi Chapter 13 Abhyas Sagar Solutions - सूर और तुलसी के पद

प्रश्न 2.
नीचे दी गई पंक्तियों को पढ़कर बताइए –
DAV Class 8 Hindi Chapter 13 Abhyas Sagar Solutions - सूर और तुलसी के पद 1
उत्तर:
(क) काढ़त गुहत न्हवावत ओछत नागिनी – सी भुई लोटी।
उपमेय – श्री कृष्ण की चोटी
उपमान – नागिन
साधारण धर्म – लंबी होकर ज़मीन को छू जाना
वाचक शब्द – सी

(ख) रघुवर छवि के समान, रघुवर छवि बनियाँ।
उपमेय – बनियाँ
उपमान – छवि
साधारण धर्म – सौंदर्य में वृद्धि
वाचक शब्द – समान

जहाँ किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी अन्य व्यक्ति या वस्तु से किसी समानता के आधार पर की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में उपमेय तथा उपमान बताइए –
(क) मैया मैं तो चंद्र खिलौना लै हैं।
उपमेय – _______
उपमान – _______

(ख) चरण सरोज पखारन लागा।
उपमेय – _______
उपमान – _______
जहाँ बहुत अधिक समानता के कारण उपमेय में उपमान का अभेद आरोप किया जाए, वहाँ _______ अलंकार होता है।
उत्तर:
(क) मैया मैं तो चंद्र खिलौना लै हैं।
उपमेय – खिलौना
उपमान – चंद्र

(ख) चरण सरोज पखारन लागा।
उपमेय – चरण
उपमान – सरोज
जहाँ बहुत अधिक समानता के कारण उपमेय में उपमान का अभेद आरोप किया जाए, वहाँ रूपक अलंकार होता है।

DAV Class 8 Hindi Chapter 13 Abhyas Sagar Solutions - सूर और तुलसी के पद

प्रश्न 4.
निम्नलिखित पंक्तियों में मानवीकरण अलंकार स्पष्ट कीजिए-
उत्तर:
(क) बीज हज़ारों, आँखें मींचे
नम मिट्टी की चादर ओढ़े।
उत्तर:
बीज अर्थात जड़ पदार्थ पर आँखें मींचने, चादर ओढ़ने जैसी मानवीय क्रियाओं का आरोप होने के कारण मानवीकरण अलंकार है। अर्थात बीज मनुष्य जैसा कार्य – व्यवहार कर रहे हैं।

(ख) फूल हँसे, कलियाँ मुसकाईं।
उत्तर:
जड़ पदार्थ फूल और कलियों द्वारा क्रमशः हँसने और मुसकराने जैसी मानवीय चेष्टाओं का आरोप किया गया है। अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है।

जहाँ जड़ वस्तुओं या प्रकृति पर मानवीय चेष्टाओं का आरोप किया जाता है, वहाँ मानवीकरण अलंकार होता है।

प्रश्न 5.
नीचे लिखी काव्य – पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकारों के नाम बताइए –
DAV Class 8 Hindi Chapter 13 Abhyas Sagar Solutions - सूर और तुलसी के पद 7
उत्तर:

(क) सागर के उर पर नाच-नाच

करती हैं लहरें मधुर गान।

मानवीकरण अलंकार
(ख) हरिपद कोमल कमल-से। उपमा अलंकार
(ग) कालिंदी कूल कदंब की डार। अनुप्रास अलंकार
(घ) कान पकड़कर

सूरज जब हौले से धकियाएगा।

मानवीकरण अलंकार
(ङ) अपलक नभ नील नयन विशाल। अनुप्रास अलंकार
(च) मृदु मंद-मंद मंथर-मंथर। अनुप्रास अलंकार
(छ) पीपर पात सरिस मन डोला उपमा अलंकार
(ज) अंबर – पनघट में डुबो रही ताराघट उषा नागरी। मानवीकरण अलंकार

DAV Class 8 Hindi Chapter 13 Abhyas Sagar Solutions - सूर और तुलसी के पद

प्रश्न 6.
निम्नलिखित अलंकारों का एक-एक उदाहरण लिखकर उसका स्पष्टीकरण दीजिए-
DAV Class 8 Hindi Chapter 13 Abhyas Sagar Solutions - सूर और तुलसी के पद 3
उत्तर:
(क) अनुप्रास अलंकार
उदाहरण – चारु चंद्र की चंचल किरणें खेल रही हैं जल-थल में।
स्पष्टीकरण – ‘च’ वर्ण की आवृत्ति होने के कारण अनुप्रास अलंकार है।

(ख) उपमा अलंकार
उदाहरण – तब तो बहता समय शिला-सा जम जाएगा।
स्पष्टीकरण – निरंतर गतिमान समय के ठहरने की तुलना पत्थर की शिलाओं से किए जाने के कारण यहाँ उपमा अलंकार है।

(ग) रूपक अलंकार
उदाहरण – प्रीति – नदी में पाउँ न बोर्यो।
स्पष्टीकरण – बहुत अधिक समानता के कारण प्रीति पर नदी का आरोप किया जा रहा है। अत: रूपक अलंकार है।

(घ) मानवीकरण अलंकार
उदाहरण – हरषाया ताल लाया पानी परात के।
स्पष्टीकरण – ‘तालाब’ निर्जीव एवं जड़ पदार्थ पर पानी लाने जैसी मानवीय चेष्टा करने का आरोप किया गया है। अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है।

आओ दोहराएँ

प्रश्न 7.
निम्नलिखित वाक्यों की पूर्ति मोटे काले शब्दों के विलोम शब्दों से कीजिए-
(क) ईश्वर का न आदि है न _______।
(ख) यश _______ मनुष्य के हाथ है। यश पाने के लिए उसे अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाना होगा।
(ग) ईश्वर के दो रूप माने गए हैं- साकार और _______।
(घ) सृष्टि की प्रत्येक वस्तु कर्म में लीन है, चाहे वह जड़ हो या _______।
(ङ) मानव जीवन शाश्वत नहीं, _______ है।
उत्तर:
(क) ईश्वर का न आदि है न अंत।
(ख) यश-अपयश मनुष्य के हाथ है। यश पाने के लिए उसे अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाना होगा।
(ग) ईश्वर के दो रूप माने गए हैं- साकार और निराकार।
(घ) सृष्टि की प्रत्येक वस्तु कर्म में लीन है, चाहे वह जड़ हो या चेतन।
(ङ) मानव जीवन शाश्वत नहीं, नश्वर है।

DAV Class 8 Hindi Chapter 13 Abhyas Sagar Solutions - सूर और तुलसी के पद

प्रश्न 8.
नीचे दिए गए शब्दों में उचित स्थान पर अनुस्वार ( ∸ ) या अनुनासिक ( ं) चिह्न लगाइए-
उत्तर:
(क) सबध = संबंध
(ख) बूद = बूँद
(ग) बधन = बंधन
(घ) कुआ = कुआँ
(ङ) दिनाक = दिनांक
(च) अत = अंत
(छ) बाध = बाँध
(ज) हसना = अंत
(झ) स्वय = स्वयं

प्रश्न 9.
निम्नलिखित वाक्यों में विशेषण शब्द छाँटकर लिखिए। साथ ही उनका भेद भी बताइए –
DAV Class 8 Hindi Chapter 13 Abhyas Sagar Solutions - सूर और तुलसी के पद 5
उत्तर:

वाक्य विशेषण विशेषण का भेद
(क) कोई आदमी मिलने आया है। कोई सार्वनामिक विशेषण
(ख) क्रिकेट की टीम में ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। ग्यारह निश्चित संख्यावाचक विशेषण
(ग) राम ने चार मीटर कपड़ा खरीदा। चार मीटर निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
(घ) रमेश अच्छा बालक है। अच्छा गुणवाचक विशेषण
(ङ) उस बाग में गुलाब के फूल हैं। उस सार्वनामिक विशेषण

DAV Class 8 Hindi Chapter 13 Abhyas Sagar Solutions - सूर और तुलसी के पद

प्रश्न 10.
नीचे दिए गए वाक्यों में मोटे काले शब्दों के व्याकरणिक नाम बताइए-
DAV Class 8 Hindi Chapter 13 Abhyas Sagar Solutions - सूर और तुलसी के पद 6
उत्तर:

वाक्य व्याकरणिक नाम
(क) पानी बहुत ठंडा है। प्रविशेषण
(ख) रूबीना मेहनती है। विशेषण
(ग) बच्चे खेल रहे हैं। क्रिया
(घ) चाँद चमक रहा है। संज्ञा
(ङ) वे भले इनसान हैं। सर्वनाम
(च) सलमा भी साथ गई है। निपात

आओ लिखें

प्रश्न 11.
साइकिल सीखने के बारे में आपकी और अपर्णा के बीच हुई बातचीत को संवाद के रूप में लिखिए-
उत्तर:
मैं: अरे अपर्णा! तुम इस साल भी प्रथम आई हो।

अपर्णा: हाँ, मेरे मम्मी-पापा ने मेरा मनोबल बढ़ाया था और मैंने मेहनत की थी।

मैं: तुम्हारी मेहनत के कारण ही अध्यापिका ने तुम्हें पुस्तकें पुरस्कार में दी हैं।

अपर्णा: जानती हो, मेरे पापा ने मुझे यह नई साइकिल दिलवाई है।

मैं: यह तो बहुत सुंदर है, पर तुम चलाना कब सीखोगी?

अपर्णा: मैंने सीखना शुरू कर दिया है। इस ग्रीष्मावकाश में मैं इसे भली-भाँत चलाना सीख जाऊँगी।

मैं: तुम्हारे पापा ने तुम्हें अच्छा उपहार दिया है। उनकी पसंद अच्छी है।

अपर्णा: नहीं, वे तो वीडियो गेम दिलवा रहे थे, पर मैंने ही उनसे जिद् करके साइकिल ली है।

मैं: ऐसा क्यों?

अपर्णा”: सबसे पहले मैं चलाना सीखकर बस के बजाय साइकिल से आया-जाया करूँगी।

मैं: और क्या-क्या करोगी इससे?

अपर्णा: मैं शाम को इससे सब्जियाँ लाऊँगी तथा छोटे-मोटे काम करूँगी। साथ ही अपने भाई को बिठाकर घुमाने भी ले जाया करूँगी।

मैं: फिर तो तुम्हारा समय खूब बचेगा?

अपर्णा: इससे समय बचने के साथ-साथ व्यायाम भी हो जाया करेगा और किराया बचेगा सो अलग।

मैं: ठीक कहती हो। इस बार अपने जन्मदिन पर मैं भी साइकिल ही लूँगी।

अपर्णा: ये अच्छा रहेगा। तब हम दोनों साथ-साथ साइकिल से स्कूल जाया करेंगे।