Engaging with DAV Class 8 Abhyas Sagar Solution and DAV Class 8 Hindi Chapter 14 Abhyas Sagar – बहू की विदा can significantly boost students’ language confidence.
DAV Class 8 Hindi Abhyas Sagar Solution Chapter 14 बहू की विदा
रचना के आधार पर वाक्य भेद
प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों को ध्यान से पढ़िए व समझिए-
उत्तर:
(क) अंदर से मिठाई का थाल लाओ।
(ख) राजेश्वरी अंदर चली जाती है।
(ग) अपना निर्णय सुना चुका हूँ।
(घ) मैं जल्दी ही फिर आऊँगा और उस बार विदा अवश्य होगी।
(ङ) राजेश्वरी रुक जाती है और मुड़कर प्रमोद की ओर देखती है।
(च) बेटी वाले चाहे अपना घर-द्वार बेचकर दे दें, पर बेटे वालों की नाक-भौंह सिकुड़ी ही रहती है।
(छ) ज़रा ये भी देख लें कि नाम वाले अपनी बेटी का स्वागत कैसे करते हैं।
(ज) इतना दहेज़ दिया कि देखने वालों ने दाँतों तले अंगुली दबा ली।
(झ) अगर तुम्हारी सामर्थ्य कम थी तो अपनी बराबरी का घर देखते।
दिए गए वाक्यों को पढ़ने से पता चलता है कि इनकी रचना में अंतर है। इनमें-
- (क), (ख) और (ग) भाग सरल वाक्य के उदाहरण हैं।
- (घ), (ङ) और (च) भाग संयुक्त वाक्य के
- (छ), (ज) और (झ) भाग मिश्रित वाक्य के
पढ़िए, समझिए और याद रखिए-
रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद हैं-
सरल वाक्य | सरल वाक्यों में एक या अधिक कर्ता हो सकते हैं, परंतु क्रिया एक ही होती है। सरल वाक्यों में एक ही उद्देश्य और एक ही विधेय होता है। (जिसके बारे में कहा गया है, वह ‘उद्देश्य’ होता है। जो कहा जाता है, वह ‘विधेय’ होता है।) |
संयुक्त वाक्य: | संयुक्त वाक्य में दो या दो से अधिक वाक्य मिलते हैं। वे ‘और’, ‘किंतु ‘, ‘ अथवा ‘ आदि योजन शब्दों से जुड़े होते हैं, लेकिन वे अर्थ के लिए अपने-आप में स्वतंत्र होते हैं। |
मिश्रित वाक्य | जिन वाक्यों में एक से अधिक सरल वाक्य (या उपवाक्य) जुड़े हों और उनमें एक वाक्य प्रधान (मुख्य) हो और दूसरा आश्रित हो, उन्हें ‘मिश्र” मिश्रित’ वाक्य कहते हैं। |
‘प्रधान उपवाक्य’ वह होता है, जिसकी क्रिया मुख्य होती है। | |
आश्रित उपवाक्यों का प्रारंभ प्रायः ‘कि’, ‘जो’, ‘जिसे’, ‘यदि’, ‘क्योंकि’ आदि से होता है। |
प्रश्न 2.
अब आप अपनी ओर से सरल, संयुक्त व मिश्रित वाक्य के एक-एक उदाहरण लिखिए-
उत्तर:
(क) सरल वाक्य – सवेरा होते ही पक्षी कलरव करने लगे।
(ख) संयुक्त वाक्य – वसंत आया और चारों ओर फूल खिलने लगे।
(ग) मिश्रित वाक्य – यद्यपि उसने बहुत प्रयास किया तथापि सफलता न प्राप्त कर सका।
प्रश्न 3.
नीचे दिए गए सरल वाक्यों में से उद्देश्य और विधेय छाँटकर लिखिए-
उत्तर:
वाक्य | उद्देश्य | विधेय |
(क) गौरी आ रही है। | गौरी | आ रही है। |
(ख) सब एक ही धातु के बने हैं। | सब | एक ही धातु के बने हैं। |
(ग) मेरा फ़ैसला आखिरी है। | मेरा फैसला | आखिरी है। |
(घ) मेरी गाड़ी का समय हो रहा है। | मेरी गाड़ी का समय | हो रहा है। |
(ङ) मुझे रुपये नहीं चाहिए। | मुझे | रुपये नहीं चाहिए। |
प्रश्न 4.
नीचे दिए गए दो-दो वाक्यों को मिलाकर संयुक्त वाक्य लिखिए-
उत्तर:
(क) (i) सोहन घर आया।
(ii) उसने खाना खाया।
उत्तर:
सोहन घर आया और खाना खाया।
(ख) (i) आप मिठाई खाएँगे?
(ii) आप नमकीन खाएँगे?
उत्तर:
आप मिठाई खाएँगे या नमकीन ?
(ग) (i) वह दौड़ना चाहता था।
(ii) उसके पैर में चोट लगी हुई थी। में चोट लगी हुई थी।
उत्तर:
वह दौड़ना चाहता था, पर उसके पैर
(घ) (i) बारिश हो रही थी।
(ii) मेरे कपड़े भीग गए।
उत्तर:
बारिश हो रही थी, इसलिए मेरे कपड़े
(ङ) (i) वह मुझे नहीं जानता।
(ii) मैं उसे नहीं जानता।
उत्तर:
वह मुझे नहीं जानता है और न मैं उसे।
प्रश्न 5.
नीचे दिए गए संयुक्त वाक्यों में से योजक शब्द हटाकर उसे दो स्वतंत्र वाक्यों के रूप में लिखिए-
(क) उसने बहुत परिश्रम किया और वह कक्षा में प्रथम आया।
उत्तर:
(i) उसने बहुत परिश्रम किया।
(ii) वह कक्षा में प्रथम आया।
(ख) सुबह हो गई थी और चिड़ियाँ चहचहा रही थीं।
उत्तर:
(i) सुबह हो गई थी।
(ii) चिड़ियाँ चहचहा रही थीं।
(ग) वह गाना चाहता था, किंतु उसका गला खराब था।
उत्तर:
(i) वह गाना चाहता था।
(ii) उसका गला खराब था।
(घ) डॉक्टर ने रोगी को देखा और दवाई दी।
उत्तर:
(i) डॉक्टर ने रोगी को देखा।
(ii) उसने रोगी को दवाई थी।
(ङ) रात अँधेरी थी और चारों ओर सन्नाटा छाया हुआ था।
(i) रात अँधेरी थी।
(ii) चारों ओर सन्नाटा छाया हुआ था।
प्रश्न 6.
नीचे दिए गए मिश्र वाक्यों में से उदाहरण के अनुसार प्रधान मुख्य वाक्य और आश्रित वाक्य छाँटकर अलग कीजिए-
उत्तर:
(क) माँ को पता चला कि यह फ़िल्म का गाना है।
प्रधान वाक्य – माँ को पता चला।
आश्रित वाक्य – यह फ़िल्म का गाना है।
(ख) मेरी वह साइकिल खो गई जो आप लाए थे।
प्रधान वाक्य – मेरी वह साइकिल खो गई।
आश्रित वाक्य – जो आप लाए थे।
(ग) तय हुआ कि अन्य
प्रधान वाक्य – तय हुआ
आश्रित वाक्य – अन्य विशेषज्ञों की राय ले जी जाए।
(घ) मास्टर जी नाराज़ हो गए, क्योंकि बच्चे शोर मचा रहे थे।
प्रधान वाक्य – मास्टर जी नाराज़ हो गए।
आश्रित वाक्य – बच्चे शोर मचा रहे थे।
(ङ) नीना की नानी का देहांत हो गया, क्योंकि वे बहुत बीमार थीं।
प्रधान वाक्य – नीना की नानी का देहांत हो गया।
आश्रित वाक्य – वे बहुत बीमार थीं।
(च) वह फ्रॉक सुंदर थी, जिस पर सितारे लगे हुए थे।
प्रधान वाक्य – वह फ्रॉक सुंदर थी।
आश्रित वाक्य – जिस पर सितारे लगे हुए थे।
प्रश्न 7.
नीचे दिए गए वाक्यों को पढ़कर उनके सामने सरल, संयुक्त, मिश्रित वाक्य लिखिए-
उत्तर:
वाक्य | वाक्य-भेद |
(क) पिता जी की अच्छी-खासी नौकरी थी। | सरल वाक्य |
(ख) राकेश ने कहा कि कल हिंदी की परीक्षा है। | मिश्रित वाक्य |
(ग) मुझे पुस्तकें पढ़ने की चाट लग गई। | सरल वाक्य |
(घ) जब तुम पढ़ रहे थे तब मैं खेल रहा था। | मिश्रित वाक्य |
(ङ) रेहाना मुंबई घूमना चाहती थी, किंतु उसकी परीक्षाएँ चल रही थीं। | संयुक्त वाक्य |
(च) सपना ने एक डरावना सपना देखा। | सरल वाक्य |
(छ) सभी बच्चे चाहते हैं कि उनके शिक्षक स्नेहपूर्ण व्यवहार करें। | संयुक्त वाक्य |
(ज) पुनीता ने फ़िल्म देखी और सो गई। | संयुक्त वाक्य |
(झ) शशि की वह पुस्तक फट गई जो उसके मामा लाए थे। | मिश्रित वाक्य |
(ञ) माता जी ने शोभा को डाँटा, क्योंकि वह खाना नहीं खा रही थी। | संयुक्त वाक्य |
प्रश्न 8.
नीचे दिए गए वाक्यों को निर्देशानुसार बदलकर लिखिए-
(क) मुझे परीक्षा देनी है, इसलिए लखनऊ जा रही हूँ। (सरल वाक्य में)
उत्तर:
मैं परीक्षा देने के लिए लखनऊ जा रही हूँ।
(ख) मैंने एक बहुत बीमार आदमी देखा। (मिश्र वाक्य में)
उत्तर:
मैंने एक आदमी देखा जो बहुत बीमार था।
(ग) रवि अच्छा खिलाड़ी होते हुए भी पढ़ने में तेज़ है। (संयुक्त वाक्य में)
उत्तर:
रवि अच्छा खिलाड़ी है, फिर भी पढ़ने में तेज़ है।
(घ) सफ़ेद गाय घास चर रही थी। (मिश्र वाक्य में)
उत्तर:
जो गाय सफेद थी, वह घास चर रही थी।
(ङ) बच्चों ने खीर खाई और सो गए। (सरल वाक्य में)
उत्तर:
बच्चे खीर खाकर सो गए।
आओ दोहराएँ
प्रश्न 9.
नीचे दिए गए वाक्यों में उचित निपात लगाकर रिक्त स्थान भरिए-
(क) रमेश ______ फल खाता है।
(ख) हमारे मुंबई जाने में ______ तीन दिन रह गए हैं।
(ग) मुझे ______ अपने दोस्त के साथ जाना है।
(घ) वह ______ दिन-रात पढ़ता है।
(ङ) दादी ने आते ______ मुझे गले लगा लिया।
उत्तर:
(क) रमेश भी फल खाता है।
(ख) हमारे मुंबई जाने में मात्र तीन दिन रह गए हैं।
(ग) मुझे भी अपने दोस्त के साथ जाना है।
(घ) वह तो दिन-रात पढ़ता है।
(ङ) दादी ने आते ही मुझे गले लगा लिया।
प्रश्न 10.
नीचे लिखी काव्य पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकारों के नाम बताइए-
उत्तर:
(क) रघुपति राघव राजा राम। – अनुप्रास अलंकार
(ख) शशि मुख पर घूँघट डाले। – रूपक अलंकार
(ग) लघु तरणि हंसिनी – सी सुंदर। – उपमा अलंकार
(घ) ज्यों निकलकर बादलों की गोद से थी – उत्प्रेक्षा अलंकार
प्रश्न 11.
कोष्ठक में दिए गए शब्द के समान अर्थ वाले शब्द से वाक्यों को पूरा कीजिए-
(क) अन्याय को ________ (बर्दाशत ) नहीं करना चाहिए।
(ख) चोरों ने ________ (अवसर) देख सारे सामान पर हाथ साफ़ कर दिया।
(ग) उन्होंने उसके ________ (खिलाफ़) मोर्चा बाँध लिया।
(घ) बच्चे उत्साहित होकर ________ (जवाब) दे रहे थे।
उत्तर:
(क) अन्याय को सहन (बर्दाशत) नहीं करना चाहिए।
(ख) चोरों ने मौका (अवसर) देख सारे सामान पर हाथ साफ़ कर दिया।
(ग) उन्होंने उसके विरुद्ध (खिलाफ़) मोर्चा बाँध लिया।
(घ) बच्चे उत्साहित होकर उत्तर (जवाब) दे रहे थे।
प्रश्न 12.
नीचे दिए गए विशेषण और विशेष्यों का उचित मिलान कीजिए-
उत्तर:
प्रश्न 13.
निम्नलिखित मुहावरों का वाक्यों में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए-
उत्तर:
(क) नाम को धब्बा लगना
वाक्य = पुलिस अधिकारी के पुत्र ने व्यापारी की दुकान में चोरी करके नाम को धब्बा लगा दिया है।
(ख) घाव हरा होना
वाक्य = अपने खोए बेटे की फोटो एलबम में देखकर वृद्ध माता-पिता का घाव हरा हो गया।
(ग) नाक वाला होना
वाक्य = वह गरीबों की बस्ती में भोजन नहीं करता है, क्योंकि वह नाक वाला बनता है।
(घ) दंग रह जाना
वाक्य = सरकस में जब एक कलाकार ने शेर के मुँह में हाथ डाला तो दर्शक दंग रह गए।
(ङ) तिल का ताड़ बनाना
वाक्य = सुमन, यदि तुमने तिल का ताड़ न बनाया होता तो बात इतनी आगे न बढ़ती।
(च) आँखें खुलना
वाक्य = बारहवीं में फेल होने के बाद ही मोहित की आँखें खुलीं।
आओ लिखें
प्रश्न 14.
‘दहेज़ प्रथा – एक सामाजिक कुरीति’ विषय पर 100-150 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए
उत्तर:
भारतीय समाज में दहेज़ की परंपरा हजारों-लाखों वर्ष पुरानी है। प्राचीन समय में अपनी पुत्री को विदा करते समय कन्या के माता-पिता उसकी भावी गृहस्थी को सुखमय बनाने के लिए कुछ धनराशि और वस्तुएँ दिया करते थे। कन्या को दी जाने वाली वस्तुएँ स्वेच्छा से दी जाती थीं, परंतु बदलते समय के साथ-साथ इसके स्वरूप में बदलाव आता गया और दहेज़ के नाम पर कन्या के माता – पिता पर अनुचित दबाव बनाकर परेशान करने लगे। अब तो विवाह के नाम पर वर को नीलाम किया जाने लगा है। आज दहेज को दोनों ही पक्ष प्रतिष्ठा से जोड़कर देखने लगे हैं।
कुछ कन्याओं के पिता अधिकाधिक दहेज देकर समाज में खुद को बड़ा बताने का प्रयास करते हैं तो वर पक्ष के लोग दहेज के नाम पर लड़के की पढ़ाई-लिखाई से लेकर सारा खर्च वसूल लेना चाहते हैं। दहेज के दुष्परिणाम के कारण गरीब माता-पिता का जीवन कठिन बन गया है। भरपूर दहेज के अभाव में वे अपनी पुत्री का बेमेल विवाह करने को विवश होते हैं तो दूसरी ओर दहेज के लिए नववधुओं को जलाकर मार दिया जाता है। इस कुप्रथा पर अंकुश लगाने हेतु सरकारी प्रयास नाकाफी सिद्ध होंगे। इसके लिए युवाओं को आगे आकर बिना दहेज के विवाह करने का संकल्प लेना चाहिए, ताकि इस दानव के चंगुल में कोई माता-पिता या नववधू अब न फँसने पाए।