DAV Class 8 Hindi Chapter 12 Question Answer – पौधे के पंख

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DAV Class 8 Hindi Chapter 12 Question Answer – पौधे के पंख

DAV Class 8 Hindi Ch 12 Question Answer – पौधे के पंख

पाठ में से

प्रश्न 1.
श्रीधर कौन था और वह लेखक के घर क्यों आया था ?
उत्तर:
श्रीधर लेखक की माँ की प्यारी सखी का लड़का था। वह लेखक के घर इसलिए आया था ताकि लेखक की बहन के विवाह में शामिल हो सके।

प्रश्न 2.
लेखक को श्रीधर से जलन का अनुभव क्यों हो रहा था?
उत्तर:
लेखक को श्रीधर से इसलिए जलन हो रही थी, क्योंकि श्रीधर लेखक से अधिक बातें जानता था। वह लेखक की उम्र का होने पर भी लेखक से ज्यादा तगड़ा था, लेखक से ज्यादा दूध पी सकता था, उससे ज्यादा ऊँचा उछल सकता था और घोड़े पर चढ़ सकता था।

DAV Class 8 Hindi Chapter 12 Question Answer - पौधे के पंख

प्रश्न 3.
श्रीधर को देखकर लेखक को अपने ऊपर झुंझलाहट क्यों हो रही थी?
उत्तर:
श्रीधर को देखकर लेखक को अपने ऊपर इसलिए झुंझलाहट हो रही थी, क्योंकि वह लेखक की उम्र का होकर भी उससे तगड़ा, उछल-कूद कर सकने वाला, घोड़े पर बैठ सकने वाला, घर से बाहर आने-जाने वाला था। वह सुख की नींद सोता था। इसके विपरीत लेखक को घर से बाहर जाकर खेलना-कूदना तो दूर उसे घर के बाहर कदम बढ़ाने की भी अनुमति न थी।

प्रश्न 4.
पूरा चाँद चमकता हुआ देखकर लेखक के मन में क्या विचार आया?
उत्तर:
चमकता हुआ पूरा चाँद देखकर लेखक के मन में यह विचार आया कि इसकी माँ इतने बड़े आसमान में खेलने के लिए इसे अकेला छोड़ देती है, रोकती नहीं। काश! मेरी माँ मुझे इसी तरह अकेला छोड़ देती।

प्रश्न 5.
नीचे दिए गए कथन किसने कहे, क्यों कहे?
उत्तर:
(क) “ इन छोटे-छोटे खिलौनों से कब तक खेलता रहेगा?”
किसने कहा – श्रीधर ने कहा।
क्यों कहा – श्रीधर ने लेखक के छोटे-छोटे खिलौने देख लिए थे।

(ख) “मेरा इकलौता पौधा है, मेरा इकलौता राजकुमार है।
किसने कहा – क्यों कहा
क्यों कहा – लेखक अपने माता की इकलौती संतान था।

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प्रश्न 6.
उचित उत्तर पर सही (✓) का निशान लगाइए-
(क) पिता जी सारा दिन कहाँ रहते थे?
(a) घर
(b) कचहरी
(c) उपवन
(d) मंदिर
उत्तर:
(b) कचहरी

(ख) अपनी मजनूरी और अनाड़ीपन पर किसे क्रोध आ रहा था?
(a) किसनू
(b) राम
(c) श्रीधर
(d) लेखक
उत्तर:
(d) लेखक

(ग) लेखक सहमी-सहमी निगाहों से किसे देखने लगा?
(a) श्रीधर को
(b) माँ को
(c) मौसी को
(d) दादी कान
उत्तर:
(a) श्रीधर को

बातचीत के लिए

प्रश्न 1.
लेखक के अशिष्ट व्यवहार करने पर भी घर के किसी भी सदस्य का न डाँटना क्या उचित था? चर्चा कीजिए।
उत्तर:
लेखक के अशिष्ट व्यवहार करने पर भी घर के किसी भी सदस्य का न डाँटना उचित न था। इससे लेखक में अच्छे-बुरे की समझ नहीं हो पाती। इसके अलावा ऐसा करने से अशिष्ट व्यवहार की आदत पड़ सकती थी।

प्रश्न 2.
पाठ के आधार पर बताइए कि लेखक और श्रीधर के व्यक्तित्व में क्या-क्या भिन्नता है?
उत्तर:
लेखक और श्रीधर के व्यक्तित्व में अनेक भिन्नताएँ हैं, जैसे-

  1. लेखक उतनी बातें नहीं जानता है, जितना श्रीधर जानता है।
  2. लेखक शारीरिक रूप से उतना सबल नहीं है, जितना कि श्रीधर।
  3. लेखक को बॉल खेलना नहीं आता है, जबकि श्रीधर को आता है।
  4. लेखक को मित्रों के साथ खेलने में संकोच होता है, जबकि श्रीधर को नहीं।
  5. श्रीधर का व्यक्तिव अनुकरणीय है, जबकि लेखक दब्बू किस्म का बालक है।

प्रश्न 3.
इस पाठ का शीर्षक ‘पौधे के पंख’ क्यों रखा गया है? चर्चा कीजिए।
उत्तर:
लेखक की दादी लेखक से कहती हैं, “यह मेरा इकलौता पौधा है।” यहाँ पौधा लेखक का प्रतीक है। लेखक श्रीधर की स्थिति से अपनी तुलना करता है। उसके मन में खुले आसमान में चाँद की तरह विचरने की इच्छा जाग उठती है। अर्थात उसके अरमानों को पंख लग जाते हैं, इसीलिए पाठ का नाम ‘पौधे के पंख’ रखा गया है।

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प्रश्न 4.
आपके माता-पिता आपको कौन-से काम करने से मना करते हैं?
उत्तर:
हमारे माता-पिता हमें अनेक कार्यों के लिए मना करते हैं, जैसे-

  1. बरसात में मत नहाओ।
  2. तालाब में तैरने मत जाओ।
  3. सड़क के किनारे मत खेलो।
  4. अभी स्कूटी लेकर बाहर मत जाया करो।
  5. धूल-मिट्टी में मत खेला करो।

प्रश्न 5.
लेखक को दूसरे बच्चों के साथ खेलने व बात करने क्यों नहीं दिया जाता था?
उत्तर:
लेखक को दूसरे बच्चों के साथ इसलिए खेलने एवं बात करने नहीं दिया जाता था, क्योंकि घरवालों का मानना था कि लड़के गंद होते हैं, चोर होते हैं। ऐसो की संगति में रहना अच्छा नहीं होता है।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
अगर लेखक श्रीधर के साथ घूमने चला जाता तो क्या होता?
उत्तर:
अगर लेखक श्रीधर के साथ घूमने चला जाता तो लेखक को घर से बाहर निकलने और बाहर की दुनिया देखने तथा उससे परिचित होने का अवसर मिल जाता । उसे लगता कि बाहर उतने खतरे नहीं हैं. जितन के उसके घरवाले बता कर उसे बाहर जाने से रोकते हैं। इससे लेखक का खोया आत्मविश्वास लौटता तथा वह बाद में कहीं भी आ जा सकता।

प्रश्न 2.
यदि श्रीधर लेखक के घर न आता तो क्या होता?
उत्तर:
यदि लेखक श्रीधर के घर न आता, तो उसे अपने और श्रीधर के बीच अंतर का

प्रश्न 3.
कल्पना कीजिए कि आप लेखक के मित्र हैं तो आप उससे क्या बातें प,ते और क्या-क्या करने को कहते?
उत्तर:
यद् मैं लेखक का मित्र होता तो उससे कहता कि तुम बाहर खेलने क्यों नहीं निकलते। तुम अन्य बच्चों के साथ क्यों नहीं खेलते, तुम बॉल खेलना कब सीखोगे आदि। मैं उससे कहता कि-

  1. प्रातः उठकर बाग में जाओ और व्यायाम करो।
  2. तुम हरी घास पर चलो और हमारे साथ नदी में नहाने चलो।
  3. तुम अकेले कुछ खरीदने के बहाने शहर जाओ।
  4. तुम बारिश में नहाने का मजा लो।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
पाठ में से दिए गए शब्दों के लिए उचित विशेषण या विशेष्य शब्द छाँटकर लिखिए।
DAV Class 8 Hindi Chapter 12 Question Answer - पौधे के पंख 2
उत्तर:

विशेषण विशेष्य
(क) प्यारी सखी
(ख) अशिष्ट व्यवहार
(ग) छोटे-छोटे खिलौने
(घ) खुले आसमान

प्रश्न 2.
‘खेलता’ शब्द में ‘खेल’ मूल शब्द है और ‘ता’ प्रत्यय है। पाठ में आए ‘ता’ प्रत्यय वाले कोई पाँच शब्द ढूँढकर लिखिए-
DAV Class 8 Hindi Chapter 12 Question Answer - पौधे के पंख 1
उत्तर:

मूल शब्द प्रत्यय शब्द
(क) मान ता मानता
(ख) चल ता चलता
(ग) जान ता जानता
(घ) चमक ता चमकता
(ङ) चाह ता चाहता

जीवन मूल्य

न मैंने अपनी जिंदगी में कभी हरी घास पर चलकर देखा है, न नदी में नहाकर, न बारिश में भीगकर। मैं क्या करूँ? मर जाऊँ? कहीं भाग जाऊँ या कहीं उड़ जाऊँ?

प्रश्न 1.
बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बचपन में खेले जाने वाले खेल तथा अन्य क्रिया-कलाप क्यों जरूरी हैं?
उत्तर:
बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बचपन में खेले जाने वाले खेल तथा अन्य क्रिया-कलाप इसलिए आवश्यक हैं, क्योंकि इससे बच्चे को अपनी ही उम्र वाले अन्य बच्चों से मिलने का अवसर मिलता है। वे उनके साथ तरह-तरह की बात सीखते हैं। इससे उनमें सामूहिकता, हार-जीत को समान भाव से अपनाने का गुण, त्याग, सहयोग की भावना का विकास होने के साथ ही शारीरिक विकास भी होता है।

प्रश्न 2.
हमें अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने या बनाए रखने के लिए क्या-क्या करना चाहिए?
उत्तर:
हमें अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने या बनाए रखने के लिए-

  1. साथियों के साथ खेलना चाहिए।
  2. घर से बाहर निकलना तथा बाहरी दुनिया से परिचित होना चाहिए।
  3. अधिक से अधिक लोगों से मिलना-जुलना चाहिए और बातचीत करनी चाहिए।

कुछ करने के लिए

प्रश्न 1.
आप उन कामों की सूची बनाइए जो आप करना चाहते हैं-
उत्तर:
(क) हमउम्र बच्चों के साथ खेलना।
(ख) बाग-बगीचे में घूमना।
(ग) मनपसंद चॉकलेट खाना।
(घ) सवेरे जल्दी उठकर पार्क में चिड़ियों को देखना।
(ङ) टी.वी. पर अपनी पसंद का कार्यक्रम एवं कार्टून देखना।
(च) वीडियोगेम और कंप्यूटर पर खेलना।

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प्रश्न 2.
लेखक ने पहली बार डायरी लिखी जो एक पाठ के रूप में आपके सामने है। आप भी प्रतिदिन डायरी लिखिए और अपनी रोज़ की डायरी को शीर्षक भी दीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 3.
अपने परिवार के सदस्यों के साथ उन स्थानों पर जाइए जो आप देखना चाहते हैं।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

DAV Class 8 Hindi Ch 12 Solutions – पौधे के पंख

I. बहुविकल्पीय प्रश्न

1. ‘पौधे के पंख’ नामक पाठ किस विधा में लिखा गया है ?
(क) कहानी
(ख) नाटक
(ग) डायरी
(घ) निबंध
उत्तर:
(ग) डायरी

2. लेखक के घर में इनमें से किसका विवाह था ?
(क) उसके बड़े भाई का
(ख) उसकी दीदी का
(ग) उसकी बुआ का
(घ) उसके चाचा का
उत्तर:
(ख) उसकी दीदी का

3. श्रीधर कौन था?
(क) लेखक की सगी मौसी का बेटा
(ख) लेखक का चचेरा भाई
(ग) लेखक की माँ की सहेली का बेटा
(घ) लेखक की बुआ का बेटा
उत्तर:
(ग) लेखक की माँ की सहेली का बेटा

4. अशिष्ट व्यवहार करने पर किसके माता-पिता डाँट लगाते थे?
(क) लेखक
(ख) दयाल
(क) रीता
(ख) संगीता
उत्तर:
(ख) दयाल

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5. श्रीधर की माँ का नाम क्या था ?
(क) रीता
(ख) संगीता
(ग) गीता
(घ) परिणीता
उत्तर:
(क) रीता

6. लेखक ने श्रीधर से कहा, “मुझे बॉल खेलनी नहीं आती।” सुनकर श्रीधर ने क्या किया?
(क) दुख प्रकट किया
(ख) ज़ोर से हँस पड़ा
(ग) उसे खेलना सिखाया
(घ) हमदर्दी प्रकट की
उत्तर:
(ख) ज़ोर से हँस पड़ा

7. श्रीधर के सामने लेखक को अपनी मजबूरी और
(क) बचपन
(ख) पराएपन
(ग) अपनेपन
(घ) अनाड़ीपन
उत्तर:
(घ) अनाड़ीपन

8. लेखक बच्चों को कहाँ लड़ते और खेलते हुए देखता था ?
(क) सामने वाले पार्क में
(ख) सामने वाली कोठी में
(ग) अपनी कोठी के लॉन में
(घ) अपने सामने वाली गली में
उत्तर:
(ख) सामने वाली कोठी में

9. लेखक के पिता का सारा दिन कहाँ बीतता था ?
(क) दफ्तर में
(ख) मिल में
(ग) कचहरी में
(घ) दुकान में
उत्तर:
(ग) कचहरी में

10. लेखक की दादी ने उसे कहाँ पहाड़ पर भी घोड़े पर नहीं चढ़ने दिया ?
(क) शिमला में
(ख) देहरादून में
(ग) मसूरी में
(घ) गढ़वाल में
उत्तर:
(ग) मसूरी में

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11. लेखक के खाना न खाने, इनमें कौन-सा काम लेखक ने नहीं किया था?
(क) पकवान बना रही थीं
(ख) उसे भजन सुना रही थीं
(ग) फल और मिठाई लाईं
(घ) रामजी की माला जप रही थीं
उत्तर:
(घ) रामजी की माला जप रही थीं

12. इनमें कौन-सा काम लेखक ने नहीं किया था?
(क) हरी घास पर चलकर देखना
(ख) नदी में नहाना
(ग) बारिश में भीगना
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(घ) इनमें से कोई नहीं

II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
लेखक के घर में कितने दिन से विवाह की तैयारियाँ चल रही थीं?
उत्तर:
लेखक के घर में दस-बारह दिन से विवाह की तैयारियाँ चल रही थीं।

प्रश्न 2.
श्रीधर ने जब लेखक से कहा, ‘बॉल खेलोगे?’ तब लेखक ने उसे क्या जवाब दिया?
उत्तर:
लेखक ने श्रीधर को जवाब दिया, मुझे बॉल खेलनी नहीं आती।

प्रश्न 3.
दादी माँ लेखक को बाहर जाने से क्यों रोकती थीं?
उत्तर:
दादी माँ लेखक को बाहर जाने से इसलिए रोकती थीं, क्योंकि वे डरती थीं कि लेखक को चोट न लग जाए या किसी की नज़र न लग जाए।

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प्रश्न 4.
क्या सुनते-सुनते लेखक के कान पक गए थे?
उत्तर:
‘मेरा इकलौता पोता है’, ‘मेरा इकलौता राजकुमार है’, ‘मेरा इकलौता पौधा है’ – यह सब सुनते-सुनते लेखक के कान पक गए थे।

प्रश्न 5.
लेखक को रात में खाने के लिए क्या – क्या रखा गया था ?
उत्तर:
लेखक को रात में खाने के लिए ढेर सारी मिठाइयाँ और फल रखे गए थे।

III. लघु उत्तरीय प्रश्न ( 30-35 शब्दों में )

प्रश्न 1.
लेखक को ऐसा क्यों लगता था कि बाहर खेलने जाने पर उसके पिता उसे कुछ नहीं कहेंगे?
उत्तर:
लेखक को ऐसा इसलिए लगता था कि यदि वह शाम को बाहर खेलने चला गया तो भी उसके पिता कुछ नहीं कहेंगे, क्योंकि वे अपना सारा दिन कचहरी में बिताते थे। शाम को मोटर में बैठकर क्लब चले जाते थे। सुबह – शाम ही लेखक को देखकर प्रसन्न हो लिया करते थे। वैसे भी लेखक अपने पिता जी से कम ही बात कर पाता था।

प्रश्न 2.
अन्य बच्चों के साथ खेलने का अवसर न मिलने का लेखक पर क्या असर हुआ ?
उत्तर:
लेखक को अन्य बच्चों के साथ खेलने का अवसर नहीं मिल पाया। इसका परिणाम यह हुआ कि उसको लगने लगा कि वही सबसे गंदा है, क्योंकि खेलने में उसकी रुचि नहीं रही। स्कूल में भी वह कमज़ोर और बीमार माना जाता है। वह खेलों में भी बहुत कम भाग लेता है।

IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (70-80 शब्दों में )

प्रश्न 1.
श्रीधर से अपनी तुलना करने पर लेखक के विचारों में किस प्रकार बदलाव आया?
उत्तर:
श्रीधर से अपनी तुलना करने से लेखक के विचारों में बहुत परिवर्तन हुआ। वह जाग रहा था। उसे नींद नहीं आ रही थी। वह अपने विचारों को पहली बार डायरीबद्ध कर रहा था। उसने खुली खिड़की से आज चाँद को जी भरकर देखा और अपनी माँ की तुलना चाँद की माँ से की, जो विशाल आकाश में उसे अकेले विचरने के लिए छोड़ देती है। उसका मन उद्वेलित हो उठा। वह क्या करे? मर जाए ? कहीं भाग जाए ? या कहीं उड़ जाए? आदि पर विचार कर वह बंधनमय जीवन से मुक्ति पाने को मचलने लगा।

V. मूल्यपरक प्रश्न

प्रश्न 1.
खेल के प्रति लेखक की माँ, दादी और ताई के विचारों से आप कितना सहमत हैं? लिखिए।
उत्तर:
खेल के प्रति लेखक की माँ, दादी और ताई का मानना था कि खेलने से चोट लगने से हाथ-पैर टूट सकते हैं, कहीं नज़र लग सकती है। उनका यह भी मानना कि ‘लड़के गंदे और चोर होते हैं, उनकी संगति अच्छी नहीं होती’ से मैं तनिक भी सहमत नहीं हूँ, क्योंकि खेलों से शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास होता है तथा मैत्री भावना प्रगाढ़ होती है।

क्रियाकलाप

प्रश्न 1.
आपको तो खेलना पसंद होगा न? चलिए, अपनी पसंद के खेल के बारे में एक सौ से एक सौ बीस शब्दों में अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

प्रश्न 1.
सचमुच मुझे कुछ खेलना नहीं आता। दादी माँ, माँ और ताई कोई भी तो मुझे खेलने नहीं देतीं। हमेशा कहती रहती हैं- “हाथ-पैर टूट गए, तो?” मुझे उनका ऐसा कहना अभी तक बुरा नहीं लगता था, पर आज श्रीधर के सामने अपनी मजबूरी और अनाड़ीपन को देखकर मुझे अपने पर क्रोध आ रहा है। कोई मुझसे पूछे कि क्या मैंने अपनी जिंदगी में श्रीधर को ही देखा है? सचमुच, मैं अपनी जिंदगी में श्रीधर को ही अच्छी तरह देख पाया हूँ।

प्रश्न (क) लेखक को कौन-कौन खेलने नहीं देते थे?
(ख) उसे खेलने क्यों नहीं दिया जाता था ?
(ग) लेखक के सामने क्या मजबूरी थी ?
(घ) श्रीधर को अच्छी तरह न देख पाने का आशय क्या है?
(ङ) खेलने न दिए जाने से लेखक पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर:
(क) लेखक को मुख्य रूप से उसकी दादी, माँ और ताई खेलने से मना किया करती थीं।
(ख) लेखक के घरवालों को डर था कि खेलते हुए लेखक का हाथ-पैर टूट सकता था, इसलिए उसे खेलने से मना करते थे।
(ग) लेखक के सामने यह मजबूरी थी कि वह साधारण-सा खेल भी नहीं खेल पाता था, का पात्र बनता था।

जिससे उपहास

प्रश्न 2.
अपनी कोठी के सामने-वाली कोठी में मैं शाम को बहुत से बच्चों को देखता हूँ। वे आपस में लड़ते और खेलते रहते हैं। मेरा मन कितनी बार उनके साथ खेलने के लिए ललक उठा है, पर मेरे घर के बड़े मुझे खेलने नहीं जाने देते। उन्हें डर है कहीं मैं चोट-चपेट न खा जाऊँ, कहीं मुझे नज़र न लग जाए! अब तो मैं खुद ही खेल-कूद से डरने लगा हूँ। अपने लॉन में ही मैं अपने नौकर किसनू के साथ खेलता रहता हूँ।

प्रश्न (क) लेखक अपने सामने-वाली कोठी में क्या देखता है?
(ख) लेखक का मन क्यों ललक उठता है?
(ग) लेखक के घरवालों के डरने का क्या कारण है?
(घ) खेल में लेखक का साथी कौन है?
(ङ) घरवालों के विचारों से आप कितना सहमत हैं? और क्यों?
उत्तर:
(क) लेखक अपनी कोठी के सामने वाली कोठी में अनेक बच्चों को आपस में लड़ते और खेलते देखता है।
(ख) लेखक को खेलने से मना किया जाता है। वह बच्चों को खेलता देख खेलने के लिए ललक उठता है।
(ग) लेखक के घरवालों के डर का कारण है- खेलते हुए लेखक को चोट-चपेट या नज़र लग जाना।
(घ) खेल में लेखक का साथी उसका घरेलू नौकर किसनू है।
(ङ) घरवालों के विचारों से मैं बिलकुल भी सहमत नहीं हूँ, क्योंकि खेल से वंचित रह जाने के कारण लेखक खेलों से डरने लगा और उसका सर्वांगीण विकास अवरुद्ध हो गया।

DAV Class 8 Hindi Chapter 12 Question Answer - पौधे के पंख

प्रश्न 3.
“तुम सचमुच आज मेरी शामत बुलाओगी। इसकी दादी माँ और इसके पिता जी तो कभी इसे अकेले घर से बाहर पैर भी नहीं रखने देते। ” श्रीधर की माँ चुप रह गई थीं, पर मुझे बहुत लज्जा आई थी। मैं क्या काँच का बबुआ हूँ, जो मुझे ये सब लोग यूँ छिपाकर रखते हैं? मैं जानता हूँ, पिता जी कभी कुछ न कहें, यदि ये लोग मुझे खुला छोड़ दें, पर पिता जी को कुछ पता ही नहीं चलता।

प्रश्न (क) यहाँ किसकी शामत आने की बात कही गई है?
(ख) लेखक को लज्जा क्यों आई?
(ग) लेखक के बाहर जाने की बात लेखक के पिता को क्यों नहीं पता चल पाती ?
(घ) लेखक में आई हीनभावना का क्या कारण था ?
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम लिखिए।
उत्तर:
(क) यहाँ लेखक की माँ अपनी शामत आने की बात कह रही हैं।
(ख) लेखक को लज्जा इसलिए आई, क्योंकि उसे श्रीधर के साथ बाहर जाने योग्य नहीं समझा गया या बाहर नहीं जाने दिया गया।
(ग) लेखक के पिता दिनभर कचहरी में रहते थे और शाम को क्लब जाते थे, इसलिए लेखक के बाहर जाने की बात उन्हें पता नहीं चल पाती।
(घ) लेखक में आई हीनभावना का कारण था, उस पर अविश्वास करना और खेल – कूद तथा घूमने-फिरने पर प्रतिबंध लगाना।
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम है- ‘पौधे के पंख’।

प्रश्न 4.
मैं बराबर जाग रहा हूँ, मुझे नींद नहीं आ रही है और मैं यह डायरी आज बिलकुल पहली बार लिख रहा हूँ। अपनी खुली खिड़की में से मुझे आज पूरा चाँद चमकता दिख रहा है। बिलकुल पहली बार ही तो मैंने इसे देखा है और मुझे आज बेहद प्यारा लग रहा है। इसे इसकी माँ इतने बड़े खुले आसमान में अकेला खेलने को छोड़ देती है, रोकती नहीं । काश ! मेरी माँ मुझे इसी तरह अकेला छोड़ देती।

प्रश्न (क) लेखक को नींद क्यों नहीं आ रही थी?
(ख) वह अपनी डायरी में क्या लिख रहा था?
(ग) लेखक ने अपनी माँ और चाँद की माँ में क्या अंतर देखा?
(घ) आपको किसकी माँ अधिक पसंद हैं और क्यों?
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम लिखिए।
उत्तर:
(क) लेखक को अपनी और श्रीधर की स्थिति में अंतर देख चिंता हो रही थी, जिससे उसे नींद नहीं आ रही थी।
(ख) लेखक अपनी डायरी में अपनी स्थिति के बारे में लिख रहा था कि उसे किस तरह चोट और कुसंगति से बचाए रखने के लिए खेल-कूद से वंचित किया गया।
(ग) लेखक ने यह अंतर देखा कि उसकी माँ उसे अकेले घर के बाहर कदम भी नहीं रखने देती है, जबबकि चाँद की माँ उसे खुले आसमान में अकेले घूमने भेज दिया करती है।
(घ) मुझे चाँद की माँ पसंद है क्योंकि वह चाँद को खेल-कूद एवं शारीरिक विकास का अवसर देती है।
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम है- ‘पौधे के पंख’।

शब्दार्थ:

  • अनसुना करना – ध्यान न देना।
  • ताज्जुब – आश्चर्य।
  • अशिष्ट – शिष्टाचार के विरुद्ध।
  • ललक उठना – ललचा जाना।
  • सोहबत – संगति, साथ।
  • सहमी-सहमी – डरी हुई।
  • शामत – मुसीबत।
  • कचहरी – अदालत।
  • खिल्ली उडाना – मजाक बनाना।
  • कान पक जाना – परेशान हो जाना।

पौधे के पंख Summary in Hindi

पाठ-परिचय:

‘पौधे के पंख’ नामक पाठ में दो मित्रों की कहानी को लेखक ने डायरी – शैली में 24, 25 जनवरी 1962 में लिखा था। इसमें लेखक को अपने मित्र श्रीधर से ईर्ष्या होने लगती है, क्योंकि उसके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास उन्मुक्त वातावरण में हुआ है, जबकि घर के सदस्यों की अनावश्यक रोक-टोक के कारण वह दब्बू बनकर रह गया है।

पाठ का सार:

‘पौधे के पंख’ नामक कहानी में लेखक के घर उसकी माँ की सहेली (मौसी) का बेटा श्रीधर आया है। परसों उसकी दीदी का विवाह है। ऐसे में उसे खुश होना चाहिए, पर वह सुबह से ही उदास है। उसका मन कुछ भी खाने को नहीं कर रहा है। दादी जी द्वारा खाने के लिए कहने पर उसने अनसुना कर दिया। लेखक को कहीं श्रीधर से जलन तो नहीं होने लगी है। उसने आते ही सबसे पहले लेखक से बॉल खेलने के लिए कहा। लेखक ने कहा कि उसे बॉल खेलनी नहीं आती। इतना सुनते ही श्रीधर ज़ोर से हँस पड़ा, क्योंकि लेखक मामूली-सा खेल भी नहीं खेल सकता था।

लेखक को उसकी माँ, दादी, ताई आदि खेलने नहीं देती थीं। वे ‘हाथ-पैर टूटने’ की बात सामने रख देती थीं। अपनी कोठी के सामने वाली कोठी में खेलते बच्चों को देख उसका मन ललचाता था। वे आपस में लड़ते और खेलते रहते थे। लेखक अपने लॉन में ही अपने नौकर किसनू के साथ खेलता रहता था। अपने-आप ही बॉल फेंकता। बॉल बाहर चली जाने पर किसनू ही खोजकर लाता। लेखक की माँ का कहना था कि लड़के गंदे और चोर होते हैं, जिनकी संगति में रहना अच्छा नहीं होता। लेखक भी खुद गंदा बनने से डरता था। वह कमज़ोर और बीमार माना जाता था और खेलों में बहुत ही कम भाग लेता था। जब श्रीधर ने उससे अपना शहर दिखाने को कहा तो उसकी माँ ने भयभीत होकर कहा, “इसकी दादी और इसके पिता जी इसे घर के बाहर कदम भी नहीं रखने देते।” लेखक सोचता है कि क्या वह काँच का बबुआ है जो उसे यूँ छिपाकर रखा जाता है। लेखक जानता था कि उसके पिता उसके बाहर जाने पर कुछ भी नहीं कहेंगे क्योंकि वे सारा दिन कचहरी में बिताने के बाद क्लब चले जाते हैं।

जब श्रीधर ने लेखक के छोटे-छोटे खिलौनों को देखा तो उसकी हँसी उड़ाई, क्योंकि वह लेखक की उम्र का होने पर भी ज़्यादा दूध पी सकता था, ऊँचा उछल सकता था, वह ज़्यादा तगड़ा भी दिखता था। वह घोड़े पर भी चढ़ सकता था, पर उसकी दादी ने उसे मसूरी में पहाड़ पर भी घोड़े पर नहीं चढ़ने दिया था। दादी उसे इकलौता पोता और माँ उसे इकलौता पौधा इकलौता राजकुमार कहा करती थी। लेखक ने आज न खाना खाया और न दूध पीया, पर श्रीधर निश्चित होकर उसके कमरे में सो गया। लेखक की माँ उसे सदैव अपने कमरे में सुलाती थी, किंतु आज लेखक ने अपने कमरे में किसी को भी नहीं आने दिया।

श्रीधर सोया है जबकि लेखक को नींद नहीं आ रही है। वह यह सब डायरी में लिख रहा था। उसे खुली खिड़की से चाँद पहली बार दिख रहा है। चाँद की माँ उसे इतने बड़े आसमान में अकेला खेलने को छोड़ देती है जबकि उसकी माँ ने उसे कभी न अकेला छोड़ा, न नदी में नहाने और न भीगने दिया। वह अब सो जाना चाहता है, नहीं तो उसकी लाल आँखें देख उसकी माँ और दादी परेशान हो कर डॉक्टरों को बुला लेंगी। लेखक सोचता है कि उस कमज़ोर पिल्ले – से बच्चे को कोई दोस्त भी तो नहीं बनाना चाहता है।