DAV Class 8 Hindi Chapter 11 Question Answer – सितारों से आगे

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DAV Class 8 Hindi Chapter 11 Question Answer – सितारों से आगे

DAV Class 8 Hindi Ch 11 Question Answer – सितारों से आगे

पाठ में से

प्रश्न 1.
कल्पना की सोच अन्य लड़कियों से किस प्रकार भिन्न थी?
उत्तर:
कल्पना की सोच अन्य लड़कियों से इस तरह अलग थी कि अन्य लड़कियाँ जहाँ स्नातक होने के बाद वैवाहिक संस्कार या अच्छी नौकरी के विषय में सोचने लगती हैं, वहीं कल्पना ने इनके बारे में न सोचकर इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम, महाविद्यालय की सांस्कृतिक गतिविधियों, खेलकूछ आदि में पूरा ध्यान लगाया।

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प्रश्न 2.
कल्पना ने स्वयं को विदेशी परिवेश में कैसे ढाला?
उत्तर:
अमेरिका में कल्पना की मुलाकात अमेरिकी व्यक्ति जीन पियरे हैरिसन से हुई। कल्पना ने हैरिसन के निवास के निकट ही एक अपार्टमेंट में अपना आवास बनाया। इससे कल्पना को विदेशी परिवेश में ढलने में कोई कठिनाई नहीं हुई।

प्रश्न 3.
माइकल बेरी ने आम सभा में क्या कहा और क्यों ?
उत्तर:
माइकल बेरी ने आम सभा में कल्पना के बारे में यह कहा कि नासा द्वारा अंतरिक्ष यात्रा के लिए जाने का गौरव विरले लोगों के भाग्य में होता है और कल्पना ने इसे प्राप्त किया। उन्होंने ऐसा इसलिए कहा

प्रश्न 4.
क्योंकि दस चालकों के दल में सम्मिलित होने वाले नौ अभियान विशेषज्ञों में से कल्पना भी एक थी। कल्पना ने कब-कब अंतरिक्ष यात्रा की और उन्हें किस तरह के कार्यों की ज़िम्मेदारी दी गई?
उत्तर:
कल्पना चावला ने तीन बार अंतरिक्ष यात्रा की। पहली बार 19 नवंबर, 1997 को जब कल्पना को अभियान विशेषज्ञ के रूप में शामिल किया गया। दूसरी बार जनवरी 1998 में जब उन्हें शटल सेशन फ्लाइट क्रू के साज-सामान का उत्तरदायित्व दिया गया। तीसरी बार 16 जनवरी, 2003 को जब उन्हें एस. टी. एस. 107 के चालक दल में शामिल किया गया। यह वापसी में 01 फरवरी, 2003 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसमें कल्पना की मृत्यु हो गई।

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प्रश्न 5.
नीचे कुछ गलत कथन दिए गए हैं। पाठ के आधार पर इन वाक्यों को सही करके लिखिए-
(क) कल्पना की प्रारंभिक शिक्षा ‘बाल विद्या निकेतन’ में हुई।
(ख) इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के कठोर एवं व्यस्त समय के बाद कल्पना फ़्लाइंग क्लब जाती थी।
(ग) कल्पना शर्मीले स्वभाव की होते हुए भी एक अच्छी श्रोता थी।
(घ) वातानुकूलित प्रयोगशाला में कल्पना घंटों प्रयोग करती रहती थी।
(ङ) कल्पना को अंतरिक्ष यात्रा में तीन बार जाने का अवसर प्राप्त हुआ।
उत्तर:
(क) कल्पना की प्रारंभिक शिक्षा ‘टैगोर बाल निकेतन’ में हुई।
(ख) इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के कठोर एवं व्यस्त समय के बावजूद कल्पना महाविद्यालय की सांस्कृतिक गतिविधियों, खेलकूद आदि में पूरा सहयोग देती थी।
(ग) कल्पना शर्मीले स्वभाव की होते हुए भी एक अच्छी श्रोता थी ।
(घ) प्रयोगशाला वातानुकूलित न होने पर भी कल्पना घंटों प्रयोग करती रहती थी।
(ङ) कल्पना को अंतरिक्ष यात्रा में तीन बार जाने का अवसर प्राप्त हुआ।

प्रश्न 6.
उचित उत्तर पर सही (✓) का निशान लगाइए-

(क) कल्पना की माँ का नाम क्या था?
(a) देवज्योति
(b) दीपज्योति
(c) संज्योति
(d) ज्योति
उत्तर:
(c) संज्योति

(ख) कल्पना के सर्वाधिक महत्वपूर्ण गुण क्या थे?
(a) लगन और जुझारू प्रवृत्ति
(b) अनुभव और जुझारूपन
(c) लगन और अनुभव
(d) जुझारूपन और धैर्य
उत्तर:
(a) लगन और जुझारू प्रवृत्ति

(ग) कल्पना का विवाह कब हुआ?
(a) 1985
(b) 1973
(c) 1993
(d) 1983
उत्तर:
(d) 1983

(घ) कल्पना पहली बार अंतरिक्ष यात्रा पर कब गई ?
(a) 27 नवंबर, 2002
(b) 16 जनवरी, 2003
(c) 19 नवंबर, 1997
(d) 6 मार्च, 1995
उत्तर:
(c) 19 नवंबर, 1997

बातचीत के लिए

प्रश्न 1.
किसी नए परिवेश में ढलने में कौन-कौन सी कठिनाइयाँ आती हैं? चर्चा कीजिए।
उत्तर:
किसी नए परिवेश में ढलने में अनेक कठिनाइयाँ आती हैं। इनमें सबसे पहली समस्या उस स्थान विशेष की भाषा की आती है, जिसमें ढलने में समय लगता है। दूसरी समस्या वहाँ की जलवायु संबंधी आती है। तीसरी समस्या उस स्थान विशेष के खान-पान हेतु उपलब्ध सामग्री से संबंधित होती है। इनमें ढलने में व्यक्ति को कुछ समय लग जाता है।

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प्रश्न 2.
कल्पना चावला ने सिद्ध कर दिखाया कि स्त्रियाँ किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं। ‘लड़का-लड़की एक समान’ विषय के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण पर चर्चा कीजिए ।
उत्तर:
‘लड़का-लड़की एक समान’ विषय पर छात्र स्वयं चर्चा करें।

प्रश्न 3.
कल्पना चावला ने अपनी किन विशेषताओं से स्वयं को प्रमाणित किया और कैसे?
उत्तर:
कल्पना ने अपनी लगन, जुझारू प्रवृत्ति, असफलता से न घबराना, परिश्रमी स्वभाव, दृढ़ संकल्प आदि विशेषताओं से स्वयं को प्रमाणित किया। उसने कठोर परिश्रम से अपनी पढ़ाई पूरी की और अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रही। उसने अंतरिक्ष यात्रा और नासा अभियान में शामिल होकर स्वयं को प्रमाणित किया।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
कल्पना में दृढ़ इच्छा शक्ति और साहस न होता ।
उत्तर:
यदि कल्पना में दृढ़शक्ति और साहस न होता तो वह अमेरिका न जाकर भारत में ही पढ़ाई-लिखाई पूरी करती। यदि अमेरिका जाती भी तो नासा के अंतरिक्ष कार्यक्रम में शामिल होने और अंतरिक्ष की सैर करने का साहस न कर पाती ।

प्रश्न 2.
कल्पना स्वयं को अमेरिकी परिवेश में न ढाल पाती।
उत्तर:
यदि कल्पना स्वयं को अमेरिकी परिवेश में न ढाल पाती तो भारत वापस लौट आती और यहीं कोई अच्छी नौकरी कर रही होती। ऐसी स्थिति में वह ‘नासा’ अभियान दल में शामिल न हो पाती और अंतरिक्ष यात्रा के क्षेत्र में अपना नाम अमर न कर पाती।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
पाठ में से ‘इक’ व ‘ता’ प्रत्यय वाले दो-दो शब्द छाँटकर लिखिए-
DAV Class 8 Hindi Chapter 11 Question Answer - सितारों से आगे 3
उत्तर:

इक ता
(क) प्रारंभिक विनम्रता
(ख) सर्वाधिक जागरूकता

प्रश्न 2.
दो वर्णों के मेल से होने वाले परिवर्तन को ‘संधि’ कहा जाता है। जैसे-
सर्व + अधिक – सर्वाधिक

पाठ में से पाँच संधियुक्त शब्द छाँटकर लिखिए-
DAV Class 8 Hindi Chapter 11 Question Answer - सितारों से आगे 4
उत्तर:
(क) अधिकाधिक
(ख) गुरुत्वाकर्षण
(ग) आनंदानुभूति
(घ) वातावरण
(ङ) पुस्तकालय

जीवन मूल्य

प्रश्न 1.
आपने अपने जीवन का क्या लक्ष्य निर्धारित किया है? आपका लक्ष्य देश के विकास में क्या योगदान दे सकता है?
उत्तर:
मैंने अपने जीवन का लक्ष्य इंजीनियर बनना निर्धारित किया है। मैं इंजीनियर बनकर वह तकनीक विकसित करना चाहता हूँ, जिससे कम से कम लागत में मकान बनवाया जा सके। इससे गरीबों के घर का सपना साकार हो सकेगा। निर्धन और कम आय वाले भी अपने सिर पर छत की व्यवस्था कर सकेंगे। इससे झुग्गियों की संख्या में निश्चित रूप से कमी आएगी और देश का विकास होगा।

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प्रश्न 2.
जीवन – लक्ष्य प्राप्त करने में पारिवारिक सहयोग का क्या महत्व है?
उत्तर:
जीवन-लक्ष्य प्राप्त करने में पारिवारिक सहयोग अत्यंत आवश्यक होता है। परिवार के सदस्य हमें सुविधाएँ उपलब्ध कराते हैं तथा हमारा मनोबल बढ़ाते हैं। इस बढ़े मनोबल के कारण हमारे मन में लक्ष्य के प्रति उत्कट भावना जगती है, आत्मविश्वास बढ़ता है तथा हम लक्ष्य के प्रति समर्पित होकर आगे ही आगे बढ़ते जाते हैं और लक्ष्य पाने में सफल होते हैं।

कुछ करने के लिए

प्रश्न 1.
‘अंतरिक्ष यात्राएँ और यात्री’ से जुड़े चित्रों और इनकी जानकारी एकत्रित करके एक कक्षा-प्रदर्शनी का अयोजन कीजिए।
उत्तर:
छात्र कक्षा-प्रदर्शनी का आयोजन स्वयं करें।

प्रश्न 2.
अंतरिक्ष शब्द सुनकर आपके मन में कौन-कौन से अन्य शब्द उभरते हैं? नीचे दिए गए स्थान में लिखिए-
DAV Class 8 Hindi Chapter 11 Question Answer - सितारों से आगे 2
उत्तर:
DAV Class 8 Hindi Chapter 11 Question Answer - सितारों से आगे 1

DAV Class 8 Hindi Ch 11 Solutions – सितारों से आगे

I. बहुविकल्पीय प्रश्न

1. कल्पना बचपन से कौन-सा स्वप्न देखा करती थी?
(क) इंजीनियर बनने का
(ख) अंतरिक्ष की सैर करने का
(ग) अमेरिका में बसने का
(घ) नासा अभियान दल में शामिल होने का
उत्तर:
(ख) अंतरिक्ष की सैर करने का

2. कल्पना चावला का जन्म हरियाणा के किस जिले में हुआ था?
(क) करनाल
(ख) हिसार
(ग) पानीपत
(घ) रोहतक
उत्तर:
(क) करनाल

3. कल्पना ने किस कक्षा में इंजीनियर बनने की इच्छा प्रकट की?
(क) छठी
(ख) सातवीं
(ग) आठवीं
(घ) नौवीं
उत्तर:
(ग) आठवीं

4. इनमें से कौन-सा गुण कल्पना चावला के व्यक्तित्व से संबंधित नहीं है?
(क) परिश्रमशीलता
(ख) जुझारूपन
(ग) लगन
(घ) आक्रामकता
उत्तर:
(घ) आक्रामकता

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5. युवती कल्पना ने
के भेद-भाव से ऊपर उठकर काम किया।
(क) लाभ-हानि
(ख) यश-अपयश
(ग) स्त्री-पुरुष
(घ) ऊँच-नीच
उत्तर:
(ग) स्त्री-पुरुष

6. अपनी उच्च शिक्षा के लिए कल्पना चावला कहाँ गई?
(क) कनाडा
(ख) इंग्लैंड
(ग) अमेरिका
(घ) रूस
उत्तर:
(ग) अमेरिका

7. कल्पना ने अपनी पढ़ाई के लिए कौन-सा पाठ्यक्रम चुना?
(क) डॉक्टरी
(ख) साहित्य
(ग) वाणिज्य
(घ) इंजीनियरिंग
उत्तर:
(घ) इंजीनियरिंग

8. कक्षा में जिस सहपाठी ने उन्हें तौर-तरीके सिखाया वह
(क) अमेरिकी
(ख) भारतीय
(ग) ईरानी
(घ) रूसी
उत्तर:
(ग) ईरानी

9. कल्पना ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में कौन-सी उपाधि प्राप्त की?
(क) स्नातक डिग्री
(ख) मास्टर डिग्री
(ग) डाक्ट्रेट डिग्री
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) डाक्ट्रेट डिग्री

10. कल्पना ने जो प्रशिक्षण लेना शुरू किया था, उसकी अवधि कितनी थी?
(क) एक वर्ष
(ख) छह माह
(ग) दो वर्ष
(घ) डेढ़ वर्ष
उत्तर:
(क) एक वर्ष

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11. इनमें से ‘कोलंबिया’ क्या है?
(क) एक नगर
(ख) प्रशिक्षण केंद्र
(ग) अंतरिक्ष यान
(घ) अंतरिक्ष स्टेशन
उत्तर:
(ग) अंतरिक्ष यान

12. कल्पना चावला के साथ अन्य कितने सहयोगियों की मृत्यु हुई थी?
(क) पाँच
(ख) छह
(ग) सात
(घ) आठ
उत्तर:
(ख) छह

II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
लक्ष्य प्राप्त करने से किन्हें नहीं रोका जा सकता है?
उत्तर:
जिनके मन में कुछ नया करने की लगन तथा उत्साह होता है, उन्हें लक्ष्य प्राप्त करने से नहीं रोका जा सकता है।

प्रश्न 2.
कल्पना चावला का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?
उत्तर:
कल्पना चावला का जन्म सन् 1961 में हरियाणा के करनाल शहर में हुआ था।

प्रश्न 3.
कल्पना के कैरियर को दिशा प्रदान करने में किसने मदद की?
उत्तर:
कल्पना के कैरियर को दिशा प्रदान करने में उसकी माँ ने मदद की।

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प्रश्न 4.
फ्लाइंग क्लब कहाँ था?
उत्तर:
फ्लाइंग क्लब उस विश्वविद्यालय परिसर में था, जहाँ कल्पना उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही थी ।

प्रश्न 5.
कल्पना का अंतरिक्ष में जाने का सपना कब पूरा हुआ?
उत्तर:
कल्पना का अंतरिक्ष में जाने का सपना 19 नवंबर, 1997 को पूरा हुआ।

III. लघु उत्तरीय प्रश्न ( 30-35 शब्दों में )

प्रश्न 1.
कल्पना चावला की रुचि अन्य लड़कियों से किस प्रकार अलग थी ?
उत्तर:
कल्पना चावला अपनी कक्षा में अकेली होने पर सदैव आगे ही रही। वह दृढ़ संकल्प की धनी थी, इसलिए उसने स्नातक के बाद अच्छी नौकरी या विवाह के बारे में नहीं सोचा। वह कुछ अलग ही सोचती थी। उसने इंजीनियरिंग का पाठ्यक्रम चुना और पढ़ाई के साथ-साथ महाविद्यालय की अन्य पाठ्य सहगामी क्रियाओं में भी बढ़-चढ़कर भाग लिया।

IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ( 70-80 शब्दों में )

प्रश्न 1.
कल्पना चावला के सपने को साकार करने में किन-किन लोगों का योगदान रहा?
उत्तर:
बचपन से ही कल्पना सितारों की सैर का सपना देखा करती थी। उनके इस स्वप्न को पूरा करने में सबसे पहले उनकी माँ का योगदान था, जिन्होंने उसे आगे बढ़ने में मदद की। उच्च शिक्षा हेतु अमेरिका जाने पर जीन पियरे हैरिसन नामक अमेरिकी से मुलाकात हुई, जिसने कल्पना को वहाँ के वातावरण में ढलने में मदद की। ईरानी सहपाठी इराज कलखोरण ने उन्हें कक्षा में तौर-तरीकों से परिचित कराया। कल्पना के शोध कार्यों में भी पियरे ने मदद की। अपनी अंतरिक्ष यात्रा में पुराने अनुभवी यात्रियों के अनुभव से भी कल्पना को अपना स्वप्न साकार करने में मदद मिली।

V. मूल्यपरक प्रश्न

प्रश्न 1.
कल्पना चावला के व्यक्तित्व से आपको क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर:
कल्पना चावला के व्यक्तित्व से हमें परिश्रमी बनने, विपरीत परिस्थितियों में हार न मानने, साहसी बनने, दृढ़ निश्चयी होने, लक्ष्य के प्रति लगन बनाए रखकर निरंतर प्रयास करने की प्रेरणा मिलती है।

क्रियाकलाप

प्रश्न 1.
अपनी किसी रोचक यात्रा का वर्णन कीजिए जो 100 से 120 शब्दों में हो तथा इसे अपने मित्र को दिखाइए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

प्रश्न 1.
कुछ नया करने की लगन और उत्साह हो तो लक्ष्य तक पहुँचने से कोई रोक नहीं सकता। बचपन से ही सितारों की सैर का सपना देखने वाली कल्पना अंतरिक्ष यात्रा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के बाद चाँद पर उतरना चाहती थी। बचपन से ही उसके मन में अंतरिक्ष यात्री बनने की धुन सवार थी। एक बातचीत में कल्पना ने कहा था- ” मैं बचपन से जिस क्षेत्र में जाना चाहती थी, वहाँ पहुँचने के लिए मैंने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। ”

प्रश्न (क) लक्ष्य तक पहुँचने के लिए कौन-से गुण आवश्यक हैं?
(ख) कल्पना बचपन में क्या स्वप्न देखा करती थी?
(ग) कल्पना क्या बनना चाहती थी?
(घ) ‘एड़ी-चोटी का जोर लगाना’ मुहावरे से वाक्य बनाइए।
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम लिखिए।
उत्तर:
(क) लक्ष्य तक पहुँचने के लिए ‘कुछ नया करने की लगन’ और ‘उत्साह’ जैसे गुण आवश्यक हैं।
(ख) कल्पना बचपन से ही सितारों की सैर का सपना देखा करती थी।
(ग) कल्पना अंतरिक्ष यात्री बनना चाहती थी।
(घ) ‘एड़ी-चोटी का जोर लगाना’ एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। ( बहुत परिश्रम करना) आई.ए.एस. बनने के लिए उत्पल ने
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम है ‘सितारों से आगे।

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प्रश्न 2.
पहले सत्र में उसने परिसर के वातावरण के बारे में सब कुछ जान लिया था। उसका पूरा सप्ताह कक्षा तथा पुस्तकालय में ही बीतता। वह रोज़ पुराने भवन में बनी अपनी प्रयोगशाला में जाती थी। वातानुकूलित न होते हुए भी वहाँ वह घंटों प्रयोग करती रहती थी। प्रयोगशाला में उसका साथ देने के लिए तकनीशियन रहता था। कल्पना एक अन्य भारतीय लड़की के साथ रहती थी। चाय की चुस्कियों के बीच वह अपने साथियों से अनेक विषयों पर परिचर्चा करती थी।
प्रश्न
(क) गद्यांश में ‘उसने ‘ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है ?
(ख) इसका पूरा सप्ताह कक्षा और प्रयोगशाला में बीतता’ से क्या ज्ञात होता है ?
(ग) प्रयोगशाला में किन परिस्थितियों में प्रयोग करना पड़ता था ?
(घ) वह किसके साथ परिचर्चा करती थी ?
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम बताइए।
उत्तर:
(क) गद्यांश में ‘उसने ‘ शब्द का प्रयोग ‘कल्पना चावला’ के लिए किया गया है।
(ख) इससे ज्ञात होता है कि वह अपने अध्ययन और लक्ष्य के प्रति पूरी तरह से समर्पित थी।
(ग) प्रयोगशाला वातानुकूलित न थी। फलतः प्रतिकूल परिस्थितियों में प्रयोग करना पड़ता था।
(घ) वह अपने साथ रहने वाली भारतीय लड़की के साथ तथा अन्य साथियों के साथ परिचर्चा करती थी।
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम है ‘सितारों से आगे।’

प्रश्न 3.
ह्यूस्टन के स्थानीय पार्षद माइकल बेरी ने एक आम सभा को संबोधित करते हुए कहा – ” नासा द्वारा अंतरिक्ष यात्रा के लिए जाने का गौरव विरले ही लोगों के भाग्य में होता है और कल्पना ने इसे प्राप्त किया।” 6 मार्च, 1995 को कल्पना ने एक-वर्षीय प्रशिक्षण प्रारंभ किया था। वह दस चालकों के दल में सम्मिलित होने वाले नौ अभियान विशेषज्ञों में से एक थी। शीघ्र ही नवंबर 1996 में अंतत: वह सब कुछ समझ गई, जब उसे अभियान विशेषज्ञ तथा रोबोट संचालक का कार्य सौंपा गया।

प्रश्न (क) माइकल बेरी कौन थे ?
ख) कल्पना को कौन – सा गौरव प्राप्त हुआ।
(ग) कल्पना ने प्रशिक्षण क्यों लिया?
(घ) अभियान दल में उसे कौनसा काम सौंपा गया?
(ङ) अभिमान दल में कुल कितने सदस्य थे?
उत्तर:
(क) माइकल बेरी अमेरिका में ह्यूस्टन के स्थानीय पार्षद थे।
(ख) कल्पना को नासा द्वारा अंतरिक्ष यात्रा के लिए जाने का गौरव प्राप्त हुआ।
(ग) कल्पना ने अंतरिक्ष यात्रा में जाने के लिए एक साल का प्रशिक्षण लिया।
(घ) अभियान दल में उसे अभियान विशेषज्ञ तथा रोबोट संचालक का काम सौंपा गया।
(ङ) अभियान दल में कुल दस सदस्य थे।

DAV Class 8 Hindi Chapter 11 Question Answer - सितारों से आगे

प्रश्न 4.
सभी तरह के अनुसंधान तथा विचार-विमर्श के उपरांत वापसी के समय पृथ्वी के वायुमंडल में अंतरिक्ष यान के प्रवेश के समय जिस तरह की भयंकर घटना घटी, वह अब इतिहास की बात हो गई। नासा तथा संपूर्ण विश्व के लिए यह एक दर्दनाक घटना थी। कोलंबिया अंतरिक्ष यान पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करते ही टूटकर बिखर गया और कल्पना सहित उसके छह साथियों की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु से चारों ओर सन्नाटा छा गया।

प्रश्न
(क) अंतरिक्ष में सभी तरह के अनुसंधान संबंधी कार्य किसने किए ?
(ख) भयंकर घटना कब घटी?
(ग) नासा तथा विश्व के लिए यह घटना दर्दनाक क्यों थी?
(घ) अंतरिक्ष यान का क्या नाम था?
(ङ) अंतरिक्ष यान की इस दुर्घटना में कितने लोग मारे गए?
उत्तर:
(क) अंतरिक्ष में सभी तरह के अनुसंधान संबंधी कार्य अंतरिक्ष खोजी दल में शामिल कल्पना चावला और सहयोग कर रहे अन्य वैज्ञानिकों ने किया।
(ख) अंतरिक्ष यान नष्ट होने की भयंकर घटना पृथ्वी के वायुमंडल में यान के प्रवेश करते समय हुई।
(ग) नासा और विश्व के लिए यह घटना इसलिए दर्दनाक थी, क्योंकि यान के हवा में नष्ट होने से अभियान दल के सभी सदस्यों की दर्दनाक मौत हो गई थी।
(घ) इस अभियान में शामिल अंतरिक्ष यान का नाम कोलंबिया था।
(ङ) अंतरिक्ष यान की इस दुर्घटना में सभी सात वैज्ञानिक मारे गए थे, जिनमें कल्पना चावला भी एक थी।

शब्दार्थ:

  • धुन सवार होना – लगन लग जाना।
  • एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाना – बहुत प्रयास करना।
  • आत्मसात करना – अपनाना।
  • निकेतन – घर।
  • रूढ़ियाँ – पुरानी रीतियाँ।
  • अभिव्यक्ति – कहा हुआ।
  • तत्पर – तैयार।
  • प्रोत्साहन- उत्साहवर्धन।
  • सर्वाधिक – सबसे अधिक।
  • जुझारू प्रवृत्ति – मुसीबतों से लड़ने की आदत।
  • आनंदानुभूति – आनंद का अनुभव।
  • परिवेश – वातावरण।
  • श्रोता – सुनने वाला।
  • परिसर – क्षेत्र।
  • प्रगाढ़ – बहुत अधिक।
  • साहसिक – साहस भरा।
  • शोध – खोज।
  • दायित्व – जिम्मेदारी।
  • गुरुत्वाकर्षण – पृथ्वी द्वारा किसी वस्तु को अपनी ओर खींचने के लिए लगाया गया बल।
  • स्वतः – अपने-आप।
  • अनुसरण करना – अपनाना।
  • विरले – बहुत ही थोड़े।
  • प्रशिक्षण – ट्रेनिंग।
  • विशेषज्ञ – विशेष जानने वाले।
  • विख्यात – प्रसिद्ध।
  • नैसर्गिक – प्राकृतिक।
  • धरोहर – थाती; प्राचीन, उपयोगी एवं बहुमूल्य वस्तुएँ।
  • संजोना – सहेजकर रखना।
  • प्रतिनिधि – अगुआ।
  • अनुसंधान – खोज।
  • सन्नाटा – चुप्पी।
  • मनहूस – अशुभ, बुरा।
  • विलीन – गायब।
  • विद्यमान – मौजूद।

सितारों से आगे Summary in Hindi

पाठ-परिचय:

‘सितारों से आगे’ नामक पाठ में प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक कल्पना चावला के अदम्य लगन और उत्साह का वर्णन है, जिसके बल पर उन्होंने अंतरिक्ष में जाने के अपने सपने को साकार किया। उनका प्रेरणादायी एवं मनोबल बढ़ाने वाला विचार व्यक्ति को कुछ नया करने की प्रेरणा देता है।

पाठ का सार:

कुछ नया करने की लगन और उत्साह व्यक्ति को लक्ष्य के समीप ले जाते हैं। कल्पना चावला ने अंतरिक्ष में जाने का जो स्वप्न बचपन में देखा, उसे अपने जुझारूपन और लगन से प्राप्त किया। कल्पना चावला का जन्म सन् 1961 में हरियाणा के करनाल शहर में हुआ था। उसके पिता का नाम बनारसी लाल चावला तथा माता का नाम संज्योति था। वह अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटी थी। वह जब आठवीं में थी, तभी उसने वैज्ञानिक बनने की इच्छा माँ के सामने प्रकट की। माँ और उसके अध्यापकों ने इस काम में उसकी पर्याप्त मदद की।

उसमें लगन और जुझारू प्रवृत्ति जैसे महत्वपूर्ण गुण थे। वह असफलता से घबराती नहीं थी। कक्षा में अकेली लड़की होने पर भी उसने अपनी छाप छोड़ी। उसने इंजीनियरिंग के लिए अमेरिका जाने का मन बनाया। उसने शैक्षणिक कार्यक्रम में अपनी रुचि बनाए रखने के लिए पढ़ाई जारी रखी। 27 नवंबर, 2002 को टेक्सास विश्वविद्यालय में उसने एक समाचार पत्र को बताया, “मुझे कक्षा में जाना और उड़ान क्षेत्र के विषय में सीखने एवं प्रश्नों के उत्तर देने में बहुत आनंद आता है। ”

अमेरिका में कल्पना की मुलाकात अमेरिकी व्यक्ति जीन पियरे हैरिसन से हुई। कक्षा में ईरानी सहपाठी इराज कलखोरण उसका मित्र बना। कल्पना अपना अधिकांश समय पुस्तकालय और प्रयोगशाला में बिताया करती थी। उसके साथ एक भारतीय लड़की भी थी, जिससे उसने अंतरिक्ष में उड़ान भरने की अपनी इच्छा प्रकट की। धीरे-धीरे वह विश्वविद्यालय परिसर में स्थित फ्लाइंग क्लब में जाने लगी। जीन पियरे फ्लाइंग क्लब का सदस्य और गोताखोर था। समय बीतने के साथ ही कल्पना ने उससे 1983 में विवाह कर लिया। फिर उसने अपनी मास्टर डिग्री प्राप्त करने के लिए विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया।

कल्पना चावला को अंतरिक्ष अभियान कार्यक्रम में भाग लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। 6 मार्च, 1995 को कल्पना चावला ने एकवर्षीय प्रशिक्षण प्रारंभ किया। वह दस चालकों के दल में सम्मिलित होने वाले नौ अभियान विशेषज्ञों में से एक थी। नवंबर 1996 में उसे अभियान विशेषज्ञ और रोबोट संचालक का कार्य सौंपा गया। कल्पना की अंतरिक्ष यात्रा का स्वप्न 19 नवंबर, 1997 को एस. टी. एस. – 87 अंतरिक्ष यान से पूरा हुआ। इस यात्रा में वह अभियान विशेषज्ञ के रूप में शामिल थी। नासा ने पुन: अंतरिक्ष यात्रा के लिए जनवरी 1998 में उसे चुना और शटल यान के चालकदल का प्रतिनिधि बनाया और शटल सेशन फ्लाइट क्रू के साज-सामान का उत्तरदायित्व दिया गया।

सन् 2002 में उसे एस. टी. एस. 107 के चालक दल में शामिल किया गया। अंतरिक्ष यान का नाम कोलंबिया था, जिसका प्रक्षेपण 16 जनवरी, 2003 सुनिश्चित की गई। वैज्ञानिक खोज पर केंद्रित इस अभियान के सदस्यों ने प्रतिदिन सोलह घंटे से अधिक कार्य करते हुए अनेक प्रयोग किए। 1 फरवरी, 2003 को वापस आते समय जब यान पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर रहा था, तभी भयंकर दुर्घटना हुई। परिणामस्वरूप यान टूटकर बिखर गया, जिसमें कल्पना सहित छह साथियों की मृत्यु हो गई। इससे कल्पना चावला शून्य में विलीन ज़रूर हुई, पर संसार में सदैव विद्यमान रहेगी।