Engaging with DAV Class 8 Hindi Abhyas Sagar Solution and DAV Class 8 Hindi Chapter 1 Abhyas Sagar – हम पंछी उन्मुक्त गगन के can significantly boost students’ language confidence.
DAV Class 8 Hindi Abhyas Sagar Solution Chapter 1 हम पंछी उन्मुक्त गगन के
अनुस्वार, अनुनासिक, ‘र’ के रूप, नुक्ता
हम पंछी उन्मुक्त गगन के
पिंजरबद्ध न गा पाएँगे।
स्वर्ण-श्रृंखला के बंधन में
अपनी गति, उड़ान सब भूले ।
प्रश्न 1.
उपर्युक्त पंक्तियों में से उन शब्दों को छाँटकर लिखिए, जिनमें अनुस्वार ( बिंदु ) तथा अनुनासिक ( चंद्रबिंदु ) का प्रयोग किया गया है-
उत्तर:
पंछी, पिंजरबद्ध, श्रृंखला, बंधन, पाएँगे
प्रश्न 2.
उच्चारण के आधार पर निम्नलिखित शब्दों में अनुस्वार ( ∸) तथा अनुनासिक (ं) का प्रयोग कीजिए-
उत्तर:
(क) अगूर = अंगूर
(ख) चाद = चाँद
(ग) आगन = आँगन
(घ) सवाद = संवाद
(ङ) जाऊगा = जाऊँगा
(ज) भावनाए = भावनाएँ
(छ) साप = साँप
(ज) मज़िल = मंज़िल
(झ) पसद = पसंद
याद रखिए-
- जिन वर्गों के उच्चारण में हवा नाक से निकलती है, वहाँ नियम के अनुसार अनुस्वार (∸) का प्रयोग किया जाता है। वर्णमाला के सभी वर्गों के पंचम वर्ण के स्थान पर इसका प्रयोग किया जाता है।
- जिन वर्गों के उच्चारण में हवा नाक व मुँह दोनों से निकलती है, वहाँ अनुनासिक (ं) का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों को ध्यान से पढ़िए-
उपर्युक्त शब्दों में ‘र’ का प्रयोग अलग-अलग रूपों में हुआ है।
आइए, ‘र’ के इन विभिन्न रूपों के प्रयोग को समझें-
नोट- ऐसे व्यंजन जिनमें खड़ी पाई नहीं होती, यदि वे स्वर रहित हों और उनके साथ पदेन ‘र’का प्रयोग करना हो, तो इसका रूप इस प्रकार होगा-
ट्रक, ड्रामा, राष्ट्र
प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में उच्चारण के आधार पर ‘र’ के विभिन्न रूपों का प्रयोग कीजिए-
(क) धम, (ख) विद्याथी, (ग) राष्ट, (घ) शम, (ङ) गह, (च) कम, (छ) डामा, (ज) आशीवाद, (झ) वत
उत्तर:
(क) धम = धर्म
(ख) विद्याथी = विद्यार्थी
(ग) राष्ट = राष्ट्र
(घ) शम = शर्म
(ङ) गह = ग्रह
(च) कम = कर्म
(छ) डामा = ड्रामा
(ज) आशीवाद = आशीर्वाद
(झ) वत = व्रत
प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों को ध्यान से पढ़ते हुए बोलिए-
उत्तर:
खंड I | खंड II |
जरा | जरा |
फन | फन |
खंड-II में ‘ज़’ और ‘फ़’ उर्दू की ध्वनियाँ हैं। ‘ज़’ और ‘फ़’ में नीचे लगे बिंदु को ‘नुक्ता’ कहा जाता है। इससे शब्द का अर्थ बदला जाता है, जैसे- जरा (बुढ़ापा ) और ज़रा ( थोड़ा-सा )
प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों में उचित स्थान पर नुक्ता लगाइए-
उत्तर:
(क) जरा = ज़रा
(ख) गज = गज़
(ग) फिल्म = फ़िल्म
(घ) अंग्रेज = अंग्रेज़
(ङ) जुल्म = ज़ुल्म
(च) दरजी = दरज़ी
(छ) बर्फ = बर्फ़
(ज) रोजा = रोज़ा
(झ) शराफत = शराफ़त
(ञ) फर्क = फर्क
(ट) कर्ज = कर्ज़
(ठ) इज्जत = इज़्ज़त
प्रश्न 7.
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
कोई लहर न रोक सकेगी
हम मंज़िल के दीवाने हैं।
संकल्पों के हम हैं सागर ।
साहस के ध्रुवतारे हैं।
कभी न बाधाओं के आगे
पाँव हमारे हारे हैं।
तूफ़ानों को तौल चुके हम
सब जाने-पहचाने हैं।
भाग्य हमारी मुट्ठी में है
स्वयं विधाता हम जग के।
फिर क्यों किसी आँख में आँसू
बरबस आ-आकर, छलके।
(क) प्रथम पंक्ति में ‘लहर’ का क्या अर्थ है?
(ख) तूफ़ानों को तौल चुके हम सब जाने-पहचाने हैं !
(ग) ‘तूफ़ानों को तौल चुके हम’ का आशय क्या है?
(घ) किसी की आँखों से आँसू क्यों नहीं छलकने चाहिए?
(ङ) भाग्य को मुट्ठी में कैसे किया जा सकता है ?
उत्तर:
(क) प्रथम पंक्ति में ‘लहर’ का अर्थ मुसीबतों तथा कठिनाइयों से है।
(ख) मंज़िल के दीवाने संकल्पों के सागर और साहस के ध्रुवतारे हैं।
(ग) ‘तूफ़ानों को तौल चुके हम’ का आशय मुसीबतों, समस्याओं तथा कठिनाइयों का सामना किए होने से है।
(घ) हमारा भाग्य हमारी मुट्टी में है। हम स्वयं इस संसार के विधाता हैं। इसलिए किसी की आँखों से आँसू नहीं छलकने चाहिए।
(ङ) सतत कर्मशील रहकर तथा कठिनाइयों का सामना करके भाग्य को मुट्ठी में किया जा सकता है।
आओ दोहराएँ
प्रश्न 8.
निम्नलिखित शब्दों के समान अर्थ वाले दो-दो शब्द लिखिए-
उत्तर:
(क) गगन | आकाश | आसमान |
(ख) जल | नीर | वारि |
(ग) तरु | वृक्ष | पेड़ |
(घ) अरमान | लालसा | इच्छा |
(ङ) किरण | अंशु | रश्मि |
(च) विघ्न | बाधा | अड़चन |
प्रश्न 9.
निम्नलिखित वाक्यों को कोष्ठक में दिए शब्दों के विलोम शब्द द्वारा पूरा कीजिए-
(क) मीरा को कक्षा में प्रथम आने पर पुरस्कार _______ मिला। (दंड)
(ख) हमें पीठ पीछे किसी की _______ निंदा नहीं करनी चाहिए। (स्तुति)
(ग) हमें सदा समय का _______ सदुपयोग करना चाहिए। (दुरुपयोग)
(घ) चाचा जी की तरक्की का समाचार सुनकर घर में _______ हर्ष की लहर दौड़ गई। (विषाद)
उत्तर:
(क) मीरा को कक्षा में प्रथम आने पर पुरस्कार दंड मिला।
(ख) हमें पीठ पीछे किसी की स्तुति निंदा नहीं करनी चाहिए।
(ग) हमें सदा समय का दुरुपयोग सदुपयोग करना चाहिए।
(घ) चाचा जी की तरक्की का समाचार सुनकर घर में विषाद हर्ष की लहर दौड़ गई।
प्रश्न 10.
आप संयुक्त अक्षर और हलंत वाले शब्दों से भली-भाँति परिचित हैं। निम्नलिखित शब्दों को दोनों तरीकों से लिखिए-
उत्तर:
(क) चिह्न – चिह्न
(ख) ब्रह्मा – ब्रहृमा
(ग) गड्ढा – गड्ढा
(घ) मिट्टी – मिट्टी
(ङ) विद्यालय – विद्यालय
(च) विद्वान – विद्वान
प्रश्न 11.
‘कनक – तीलियों से टकराकर’ में ‘कनक’ का अर्थ है – सोना। किंतु ‘कनक’ का एक अर्थ अनाज (गेहूँ) भी है।
उत्तर:
निम्नलिखित शब्दों के एक से अधिक अर्थ हैं। इनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
प्रश्न 12.
निम्नलिखित वाक्यों में से क्रिया पद छाँटकर उनके भेद भी लिखिए-
उत्तर:
वाक्य | क्रिया पद | भेद |
(क) धोबी ने कपड़े धोए । | धोए | सकर्मक |
(ख) घोड़े दौड़ रहे हैं। | दौड़ रहे हैं | अकर्मक |
(ग) मैंने एक अच्छी कहानी पढ़ी। | पढ़ी | सकर्मक |
(घ) पंडित जी ने फूल और प्रसाद बाँटे । | बाँटे | सकर्मक |
(ङ) अचानक आँधी आई। | आई | सकर्मक |
आओ लिखें
प्रश्न 13.
कई बार मनुष्य जीवन का लक्ष्य निर्धारित करने के साथ-साथ किसी को अपना आदर्श भी मानता है, जिसके आदर्शों व सिद्धांतों से प्रेरित होकर वह उसके जैसा बनना चाहता है । दिए गए संकेतों के आधार पर ‘आदर्श/प्रेरक व्यक्ति’ पर 80-100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए-
संकेत – बिंदु :
• प्रस्तावना
• आदर्श व्यक्ति का नाम
• आचरण व व्यवहार
• उपलब्धियाँ
• उपसंहार
उत्तर:
मेरे जीवन में अब तक अनेक व्यक्ति आए, मगर जिसने मुझे सबसे अधिक प्रभावित किया, वे हमारे पूजनीय प्रधानाध्यापक महोदय हैं। वे मेरे आदर्श हैं। उनका हरेक आचरण व व्यवहार मेरे लिए अनुकरणीय है। वे ‘सादा जीवन उच्च विचार’ में विश्वास करते हैं। उन्हें मैंने कभी भी अप्रसन्न तथा समय व्यर्थ गँवाते हुए नहीं देखा है। उन्हें कई पुरस्कार तथा सम्मान भी मिले हैं, जिनमें श्रेष्ठ शिक्षक का राष्ट्रपति पुरस्कार प्रमुख है। वे छात्रों को अध्ययन के साथ-साथ खेल – कूद, सांस्कृतिक गतिविधियों तथा पाठ्य सहगामी क्रियाओं में भाग लेने के लिए प्रेरित करते रहते हैं।
वे चाहते हैं कि छात्र पढ़ने में ही अच्छे न हों, बल्कि उनका सर्वांगीण विकास हो। उनके पढ़ाए छात्र आज विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं। वे ऊँचे पदों पर कार्यरत ही नहीं है, बल्कि अच्छे इनसान भी हैं। छात्रों को उच्च पदों पर देखने को वे अपनी उपलब्धि मानते हैं। हमारे प्रधानाध्यापक जी अनुकरणीय व्यक्तित्व वाले परिश्रमी, मिलनसार और मृदुभाषी व्यक्ति हैं। वे परिश्रम को ही सफलता का मूल मंत्र समझते हैं। वास्तव में वे सच्चे मनुष्य हैं।