Regular practice using DAV Class 7 Hindi Book Solutions and DAV Class 7 Hindi Chapter 6 Question Answer – समय are essential for improving writing and analytical skills.
DAV Class 7 Hindi Chapter 6 Question Answer – समय
DAV Class 7 Hindi Ch 6 Question Answer – समय
कविता में से
प्रश्न 1.
कविता में मनुष्यों को समय के साथ चलने के लिए क्यों कहा गया है?
उत्तर:
कविता में मनुष्यों को समय के साथ चलने के लिए इसलिए कहा गया है, क्योंकि समय किसी का इंतज़ार नहीं करता और न किसी के साथ चलता है। बीता हुआ समय कभी वापिस नहीं आता, इसलिए मनुष्यों को समय के साथ चलना चाहिए।
प्रश्न 2.
प्रकृति समय के अनुसार चलती है, स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
यह सत्य है कि प्रकृति समय के अनुसार चलती है। समय आने पर ही वस्तुएँ बदलती हैं । समय के अनुसार ही दिन-रात आते हैं। समय के अनुसार ही सूर्य उदय-अस्त होता है। समय के अनुसार ही रात में चाँद-तारे दिखाई देते हैं।
प्रश्न 3.
“जिसका समय से कदम मिला, रहा समय उसी का प्यारा।” इन पंक्तियों के माध्यम से क्या कहा गया है?
उत्तर:
इन पंक्तियों के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि जिसने भी समय के महत्व को समझा, उसका सदुपयोग किया, वही व्यक्ति जीवन में सफल हुआ।
प्रश्न 4.
कविता के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहता है?
उत्तर:
इस कविता के माध्यम से कवि यह संदेश देना चाहता है कि हम समय को मूल्यवान मानकर उसके अनुसार चलें। हम समय का इंतज़ार न कर समय से पहले सोचें और समय का महत्व समझें।
प्रश्न 5.
कविता की पंक्तियाँ पूरी कीजिए-
उत्तर:
इतिहास सिखाता हमें समझना,
समय सिखाता चलना।
जीवन हमको सिखलाता है,
कभी न दिशा बदलना।
समय के दरिया में बहना,
जीवन एक मुक्ता है।
प्रश्न 6.
नीचे कुछ कथन दिए गए हैं। जो कथन कविता के भाव से अथवा संदेश से मेल खाते हैं, उनके सामने सही (✓) का चिह्न और जो मेल नहीं खाते, उनके सामने गलत (✗) का चिह्न लगाइए-
उत्तर:
(क) प्रयत्न करने पर समय रूक सकता है। (✗)
(ख) जो पत्ता एक बार डाल से टूट गया, फिर वह नहीं जुड़ता। (✓)
(ग) भीषण आँधी तूफ़ां के आगे समय झुकता है। (✗)
(घ) प्रकृति भी समय के अनुसार चलती है। (✓)
(ङ) समय सबसे ज़्यादा बलवान है। (✓)
बातचीत के लिए
प्रश्न 1.
जीवन को मोती क्यों कहा गया है?
उत्तर:
यह जीवन मोती के समान ही बहुमूल्य है। यदि समय से मोती का उपयोग न किया जाए तो उसका मूल्य घट जाता है, उसी प्रकार समयानुसार न चलने पर जीवन रूपी मोती व्यर्थ चला जाता है, अतः जीवन को मोती कहा गया है।
प्रश्न 2.
क्या पूरा ब्रह्मांड समय के अनुसार चल रहा है? कैसे?
उत्तर:
हाँ, पूरा ब्रह्मांड समय के अनुसार चल रहा है। प्रकृति भी समय के अनुरूप कार्य करती है। प्रकृति का ऋतु-चक्र समयानुसार ही चलता है। सूर्य का उदय-अस्त एक निश्चित समयानुसार ही होता है। जीवों का जन्म-मरण भी समयानुसार होता है। दिन-रात समयानुसार ही आते-जाते हैं। एक दिन के बाद दूसरे दिन का आना, दिन से सप्ताह, सप्ताह में माह, माह से वर्ष आदि समय के एक निश्चित क्रम के अनुसार ही आते हैं। प्रत्येक कार्य निश्चित समय पर करने से ही सफलता मिलती है।
प्रश्न 3.
आप पूरे दिन में क्या-क्या, किस-किस समय करते हैं, उसकी तालिका बनाकर चर्चा कीजिए।
उत्तर:
‘विद्यार्थी स्वयं करें।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
यदि आप सुबह समय पर विद्यालय नहीं पहुँच पाएँगे तो क्या होगा?
उत्तर:
यदि हम सुबह समय पर विद्यालय नहीं पहुँच पाएँगे तो हमारी गैरहाज़िरी लग जाएगी। हम पर जुर्माना भी लग सकता है। किसी मुख्य विषय की कक्षा भी छूट सकती है।
प्रश्न 2.
मान लीजिए कि आपने समय रहते परीक्षा की तैयारी नहीं की और परीक्षा का दिन आ गया तो आप क्या करेंगे?
उत्तर:
हमने समय रहते परीक्षा की तैयारी नहीं की और परीक्षा का दिन आ गया तो हम सबसे पहले तो घबराएँगे नहीं, सीधे अपने परीक्षा-केंद्र में जाएँगे, हो सकता है, प्रश्न-पत्र आसान हो, जो कुछ कक्षा में हमने सुना होगा, उसे प्रश्न-पत्र के अनुसार लिखेंगे। यदि हम परीक्षा नहीं देंगे तो सीधे फेल (असफल) हो जाएँगे। इसलिए हम बिना तैयारी के भी परीक्षा ज़रूर देंगे और इसका जो भी परिणाम रहेगा, उसे सहर्ष स्वीकार करेंगे।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
दिए गए शब्दों के कविता में से समान अर्थ वाले शब्द ढूँढ़कर लिखिए-
उत्तर:
(क) क्षण – लमहा
(ग) मोती – मुक्ता
(ख) हमेशा – सदा
(घ) शक्तिशाली – बलवान
प्रश्न 2.
‘ना’ या ‘ता’ प्रत्यय जोड़कर नए शब्द बनाइए-
उत्तर:
(क) चल + ना = चलना
(घ) झुक + ता = झुकता
(ख) बदल + ना = बदलना
(ङ) रुक + ता = रुकता
(ग) समझ + ना = समझना
(च) जुड़ + ता = जुड़ता
प्रश्न 3.
नीचे दी गई ऋतुओं की एक-एक विशेषता बताइए –
उत्तर:
ऋतु | विशेषता |
(क) वर्षा | धरती की प्यास बुझाती है, खेतों में अन्न उगता है, जीव-जंतुओं को पानी मिलता है। |
(ख) ग्रीष्म (गरमी) | अन्न उत्पादन में सहायक है। ( पकाने में) पाचन शक्ति के बढ़ने से खाया-पिया हज़म होता है। |
(ग) शीत (सरदी) | पहाड़ों पर बर्फ़ गिरती है जो बाद में पिघलकर जल के रूप में नदियों में बहती है। |
(घ) बसंत | चारों तरफ सौंदर्य, प्रफुल्लता तथा सुगंघ का साम्राज्य छा जाता है। |
जीवन-मूल्य
समय का हमारे जीवन में विशेष महत्व है।
प्रश्न 1.
क्या समय हमें अनुशासन में रहना सिखाता है? कैसे?
उत्तर:
हाँ, समय हमें अनुशासन में रहना सिखाता है। संसार में प्रत्येक प्राकृतिक वस्तु नियमानुसार अनुशासन में रहकर चल रही है। सूर्य प्रातः में उदय होकर सायं अस्ताचल की ओर अग्रसर हो जाता है। समुद्र अनुशासन में रहकर ही अपनी सीमा का उल्लंघन नहीं करता। वायु क्षण भर के लिए भी अनुशासनहीन नहीं होती। यदि समय रहते हम अनुशासन का पालन करते हुए आगे बढ़ेंगे तो हमारी सफलता सुनिश्चित है।
प्रश्न 2.
समय पर काम करने से क्या लाभ होते हैं?
उत्तर:
समय पर काम करने से काम में सफलता मिलती है। काम भी नहीं बिगड़ता और इनसान मज़ाक का पात्र बनने से भी बच जाता है। मानव-जीवन की सफलता का रहस्य भी समय पर काम करना है। समय निकलने पर काम कभी नहीं बनता। इसीलिए समय पर ही काम करना चाहिए।
कुछ करने के लिए
प्रश्न 1.
नीचे दी गई कविता को पूरा कीजिए –
उत्तर:
समय से सोना समय से उठना,
समय से खेलना समय से पढ़ना।
समय से जो करता काम,
ऊँचा होता उसका नाम।
गया समय जो हाथ न आए,
जैसे तीर कमान से जाए।
समय न कभी इंतज़ार करता,
समय न अपना प्रचार करता।
प्रश्न 2.
समय के महत्व पर आधारित कविताओं, दोहों का संकलन कीजिए और कक्षा में सुनाइए।
उत्तर:
समय पर आधारित दोहा –
काल्ह करै सो आज कर आज करै सो अब्ब।
पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब।।
विद्यार्थी अन्य दोहे, कविताओं का संकलन स्वयं करें तथा कक्षा में सुनाएँ।
DAV Class 7 Hindi Ch 5 Solutions – समय
I. अति लघु उत्तरीय प्रश्न
(क) आँधी-तूफ़ान भी किसे नहीं झुका पाते हैं?
उत्तर:
आँधी-तूफ़ान भी समय को नहीं झुका पाते हैं।
(ख) हाथ से निकले समय की तुलना किससे की गई है?
उत्तर:
हाथ से निकले समय की तुलना डाल से गिरे पत्ते से की गई है।
(ग) समय किसके अनुकूल बन जाता है?
उत्तर:
समय के साथ-साथ अपना काम करनेवालों के लिए समय अनुकूल बन जाता है।
II. लघु उत्तरीय प्रश्न ( 30 से 35 शब्द में )
समय ने किस प्रकार बड़े-बड़ों को हराया है?
उत्तर:
समय बहुत बलवान होता है। इस पृथ्वी पर समय-समय पर अनेक योद्धाओं ने जन्म लिया। उन्होंने अनेक गाँव, शहर, राज्य जीते और बहुत से बलवान राजाओं को हराया, किंतु अंत में वे समय से हारकर मृत्यु को प्राप्त हो गए। समय के आगे उनकी एक न चली। वे समय से पराजित हो गए। इस प्रकार समय ने बड़े-बड़ों को हराया है।
III. मूल्यपरक प्रश्न
समय नासक कविता से आपको क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर:
समय नामक कविता से हमें समय पर हर काम करने की सीख मिलती है। समय को कभी कमज़ोर न मानने, समय के साथ चलने और अपने जीवन का लक्ष्य न बदलने की शिक्षा इस कविता से मिलती है।
क्रियाकलाप
छुट्टी के दिन आप किस-किस समय पर क्या-क्या करते हैं, उन सभी कार्यों की सूची बनाकर अपने साथियों को दिखाइए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
1. कितना भी प्रयत्न करो, पर,
समय नहीं रूकता है।
भीषण आँधी-तूफ़ां आगे,
समय नहीं झुकता है।
हमें समय के साथ है चलना,
समय साथ नहीं आता।
एक बार जो पल बीता,
वह कभी हाथ नहीं आता।
टूट डाल से पात गया जो,
पुन: कहाँ जुड़ता है। कितना भी…
शब्दार्थ –
प्रयत्न – कोशिश।
भीषण – भयानक, विकट।
पल – क्षण।
डाल – शाखा, डाली।
पात – पत्ता।
प्रसंग –
प्रस्तुत काव्य-पंक्तियाँ ‘ज्ञान सागर’ पाठ्यपुस्तक में संकलित कविता ‘समय’ से ली गई हैं। इसके रचयिता ‘डॉ० रामगोपाल वर्मा’ हैं। इन पंक्तियों में समय के महत्त्व एवं उसकी शक्ति का वर्णन है।
व्याख्या –
समय की गति एवं शक्ति के बारे में कवि कहता है कि हे मनुष्य! तुम्हारे लाख प्रयास करने पर भी समय रुक नहीं सकता। मनुष्य की ताकत क्या समय तो भयंकर आँधी-तूफ़ान के सामने भी नहीं झुकता है। ऐसे शक्तिशाली समय के साथ हमें सदैव चलना चाहिए। समय हमारे साथ नहीं जाएगा, बल्कि हमें समय के साथ चलना होगा। जिस प्रकार वृक्ष की डाली से टूटा हुआ पत्ता दुबारा डाल से नहीं जुड़ता है, उसी प्रकार बीता समय भी लौटकर नहीं आता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
बहुत उपाय करने पर भी हम किसे नहीं रोक सकते हैं?
(क) आँधी को
(ख) तूफ़ान को
(ग) समय को
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(ग) समय को
प्रश्न 2.
समय को कौन रोक सकता है?
(क) मनुष्य
(ख) वर्षा
(ग) आँधी-तूफ़ान
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(घ) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न 3.
बीता हुआ समय-
(क) अच्छा होता है
(ख) वापस पाया जा सकता है
(ग) लौटकर नहीं आता
(घ) बुरा होता है
उत्तर:
(ग) लौटकर नहीं आता
प्रश्न 4.
समय की तुलना इनमें से किससे की गई है?
(क) वृक्ष की डाल से
(ख) टूटे पत्ते से
(ग) आँधी से
(घ) मनुष्य से
उत्तर:
(ख) टूटे पत्ते से
प्रश्न 5.
उपर्युक्त काव्यांश के कवि कौन हैं?
(क) कबीर
(ख) रहीम
(ग) डॉ० रामगोपाल वर्मा
(घ) वृंद्
उत्तर:
(ग) डॉ० रामगोपाल वर्मा
2. समय सदा बलवान रहा,
हर कोई समय से हारा।
जिसका समय से कद्म मिला,
रहा समय उसी का प्यारा।
समय से पहले जो सोचे,
जीवन में वही उठता है। कितना भी…
इतिहास सिखाता हमें समझना,
समय सिखाता चलना।
जीवन हमको सिखलाता है,
कभी न दिशा बदलना।
समय के दरिया में बहना।
जीवन एक मुक्ता है। कितना भी…
शब्दार्थ –
बलवान – ताकतवर।
कदम मिला – साथ चलना।
उठना – उन्नति करना।
दरिया – नदी।
मुक्ता – मोती।
प्रसंग –
प्रस्तुत काव्य-पंक्तियाँ ‘ज्ञान सागर’ पाठ्यपुस्तक में संकलित कविता ‘समय’ से ली गई हैं। इसके रचयिता ‘डॉ० रामगोपाल वर्मा’ हैं। इन पंक्तियों में समय के महत्व एवं उसकी शक्ति का वर्णन है।
व्याख्या –
कवि समय के साथ कदम मिलाकर चलने की सीख देता हुआ कहता है कि समय हमेशा ही बलशाली रहा है। समय से हर एक को हार माननी पड़ी है। जो समय के साथ कदम मिलाकर चलता रहा, समय सदैव उसके लिए प्रिय अर्थात् हितकारी रहा है। समय से पहले जो सोचता है, वही जीवन में उन्नति करता है। इतिहास हमें समय को समझना सिखाता है और समय निरंतर बढ़ते रहने की सीख देता है। निरंतर गतिमान जीवन हमें मार्ग की बाधाओं से विचलित न होकर राह न बदलने की सीख देता है। हमें समय रूपी दरिया में बहना चाहिए क्योंकि यह जीवन मोती के समान अनमोल है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
इनमें से कौन सबसे बलवान है?
(क) मनुष्य
(ख) आँधी-तूफ़ान
(ग) समय
(घ) नदी
उत्तर:
(ग) समय
प्रश्न 2.
समय किसके लिए प्रिय बन जाता है?
(क) जो समय का इंतजार करते हैं
(ख) समय जिनके साथ चलता है
(ग) जो समय के साथ चलते हैं
(घ) जो समय की परवाह नहीं करते हैं
उत्तर:
(ग) जो समय के साथ चलते हैं
प्रश्न 3.
जो समय से पहले सोचता है वह-
(क) जीवन से उठ जाता है
(ख) धोखा खाता है
(ग) जीवन भर पछताता है
(घ) उन्नति करता है
उत्तर:
(घ) उन्नति करता है
प्रश्न 4.
कभी दिशा न बदलने की सीख कौन देता है?
(क) समय
(ख) जीवन
(ग) नदी
(घ) इतिहास
उत्तर:
(ख) जीवन
प्रश्न 5.
जीवन को किसके समान बताया गया है?
(क) मोती
(ख) दरिया
(ग) इतिहास
(घ) बलवान
उत्तर:
(क) मोती
3. साथ समय के वर्षा आती,
समय से गर्मी छाए।
आता समय शीत है लाता,
बसंत समय पर आए।
समय इशारा जब करता,
तब ऋत्चक्र मडडता है। कितना भी…
कितने योद्धा हुए धरा पर,
समय ने सबको मारा।
समय निगल गया तूफ़ानों को,
समय बना अंगारा।
समय के आगे ब्रह्मांड में,
नहीं तूफ़ां उठता है। कितना भी…
शब्दार्थ –
शीत – जाड़ा।
ऋतु-चक्र – ऋतुओं का क्रम से आना-जाना।
योद्धा – लड़ने वाले वीर पुरुष।
अंगारा – आग का जलता पुंज।
ब्रह्मांड – संपूर्ण लोक।
तूफ़ां – तूफ़ान।
प्रसंग –
प्रस्तुत काव्य-पंक्तियाँ ‘ज्ञान सागर’ पाठ्यपुस्तक में संकलित कविता ‘समय’ से ली गई हैं। इसके रचयिता ‘डॉ० रामगोपाल वर्मा’ हैं। इन पंक्तियों में समय के महत्व एवं उसकी शक्ति का वर्णन है।
व्याख्या –
समय की ताकत का वर्णन करते हुए कवि कहता है कि समय के अनुसार ही वर्षा और गर्मी आती है। समय पर ही जाड़ा और बसंत आते हैं। समय के इशारे पर ऋतुओं का चक्र बदलता है। अर्थात् समय के निर्देश पर यह प्रकृति-चक्र चल रहा है। इस पृथ्वी पर अनेक बलशाली योद्धा पैदा हुए, पर समय ने उन्हें अपना शिकार बना लिया। समय बड़े-बड़े तूफ़ानों को अपने वश में करके निगल गया। समय आग का गोला बन जाता है, जिसमें सब कुछ जलकर नष्ट हो जाता है। समय के सामने ब्रहमांड में तूफ़ान भी नहीं उठता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
इनमें समय के साथ ही कौन आता है?
(क) वर्षा
(ख) बसंत
(ग) जाड़ा
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 2.
समय के इशारे पर कौन मुड़ता है?
(क) सागर
(ख) बसंत
(ग) ऋतुचक्र
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(ग) ऋतुचक्र
प्रश्न 3.
बड़े-बड़े योद्धाओं को किसने मारा?
(क) समय ने
(ख) हथियारों ने
(ग) पृथ्वी ने
(घ) तूफ़ानों ने
उत्तर:
(क) समय ने
प्रश्न 4.
इन पंक्तियों में किसका महत्व बताया गया है?
(क) योद्धाओं का
(ख) पृथ्वी का
(ग) समय का
(घ) ब्रह्मांड का
उत्तर:
(ग) समय का
प्रश्न 5.
उपर्युक्त पंक्तियों के रचयिता कौन हैं?
(क) महादेवी वर्मा
(ख) डॉ॰ रामगोपाल वर्मा
(ग) कबीर
(घ) रहीम
उत्तर:
(ख) डॉ॰ रामगोपाल वर्मा
समय Summary in Hindi
कविता-परिचय
‘समय’ नामक कविता में समय की महत्ता पर बल दिया गया है। इसमें समय के शक्तिशाली होने, आँधी-तूफ़ान के सामने न झुकने, समय के साथ कदम मिलाकर चलने तथा समय के आगे किसी के न टिक पाने का वर्णन है।
कविता का सार
समय निरंतर गतिमान है। यह कभी न रुकने वाला तथा भयंकर आँधी-तूफ़ान के आगे भी न झुकने वाला है। मनुष्य को समय के साथ चलना चाहिए क्योंकि समय मनुष्य के साथ नहीं चलता है। पेड़ के टूटे पत्ते के समान गया हुआ समय वापस नहीं आता है। समय सदा बलवान रहा है, जिसके सामने किसी की नहीं चली है। समय एक निरंतर बहती नदी के समान है, जो हमें अपने साथ चलना सिखाता है। पृथ्वी पर अनेक वीर आए-गए किंतु समय के आगे सभी को हार माननी पड़ी।