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DAV Class 7 Hindi Chapter 19 Question Answer – गणेशोत्सव
DAV Class 7 Hindi Ch 19 Question Answer – गणेशोत्सव
पाठ में से
प्रश्न 1.
‘गणेश चतुर्थी’ को अन्य किस नाम से पुकारा जाता है?
उत्तर:
गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी भी कहते हैं।
प्रश्न 2.
गणपति को किसका देवता माना गया है? प्रत्येक कार्य से पहले उनका पूजन क्यों किया जाता है?
उत्तर:
गणपति को विघ्न – नाशक, बुद्धिदाता देवता माना गया है। कोई भी कार्य ठीक से पूरा हो, इसलिए प्रत्येक कार्य से पहले उनका पूजन किया जाता है।
प्रश्न 3.
कार्तिकेय ने पृथ्वी की परिक्रमा की थी, लेकिन मोदक गणेश जी को मिला क्यों ?
उत्तर:
कार्तिकेय ने पृथ्वी की परिक्रमा की थी, लेकिन गणेश ने शिव-पार्वती का चक्कर लगाकर उन्हें श्रद्धापूर्वक प्रणाम किया। उन्होंने माता-पिता को पृथ्वी से बड़ा माना। इससे प्रसन्न होकर शिव-पार्वती ने मोदक गणेश को दिया।
प्रश्न 4.
‘रामा’ या ‘बालू’ कौन होते हैं? गणेशोत्सव के दिनों में ये क्या काम करते हैं?
उत्तर:
‘रामा’ या ‘बालू’ महाराष्ट्र में घरों में काम करने वाले लोग हैं जो गणेशोत्सव के दिनों में घर-घर नाचने आते हैं। यह नाच जन्माष्टमी से शुरू होकर ‘अनंत चतुर्दशी’ तक चलता है।
प्रश्न 5.
जो गणपति का विसर्जन करने नहीं जाते वे क्या करते हैं?
उत्तर:
जो गणपति का विसर्जन करने नहीं जाते वे गणेश की बड़ी मूर्तियों के साथ अपनी छोटी मूर्तियों को रख देते हैं, जिसका विसर्जन उसी बड़ी मूर्ति के साथ हो जाता है।
प्रश्न 6.
पाठ के आधार पर नीचे कुछ कथन दिए गए हैं। सही कथनों के सामने सही ( ✓) का और गलत कथनों के सामने गलत (✗) का चिह्न लगाइए। गलत कथन को सही करके दोबारा कॉपी में लिखिए-
(क) गणेश चतुर्थी के दिन गणपति की मूर्ति को ‘घर लाकर उसकी पूजा की जाती है।
(ख) इस अवसर पर विशेष रूप से खीर तैयार की जाती है।
(ग) तिलक के ज़माने से गणेशोत्सव को सार्वजनिक रूप से मनाने की प्रथा शुरू हुई ।
(घ) गणपति शैव परिवार का एक प्रमुख देवता है ।
(ङ) शहर में गणेशोत्सव बीस दिन तक चलता है।
(च) अनंत चतुर्दशी को गणपति विसर्जन की तैयारियाँ शुरू होती हैं।
(छ) गणपति की पूजा केवल महाराष्ट्र में ही की जाती है।
उत्तर:
(क) गणेश चतुर्थी के दिन गणपति की मूर्ति को ‘घर लाकर उसकी पूजा की जाती है। ( ✓)
(ख) इस अवसर पर विशेष रूप से खीर तैयार की जाती है। (✗)
(ग) तिलक के ज़माने से गणेशोत्सव को सार्वजनिक रूप से मनाने की प्रथा शुरू हुई । ( ✓)
(घ) गणपति शैव परिवार का एक प्रमुख देवता है । ( ✓)
(ङ) शहर में गणेशोत्सव बीस दिन तक चलता है। (✗)
(च) अनंत चतुर्दशी को गणपति विसर्जन की तैयारियाँ शुरू होती हैं। ( ✓)
(छ) गणपति की पूजा केवल महाराष्ट्र में ही की जाती है। (✗)
बातचीत के लिए
प्रश्न 1.
गणपति और कार्तिकेय का वाहन क्या है?
उत्तर:
गणपति का वाहन चूहा और कार्तिकेय का वाहन मोर है।
प्रश्न 2.
गणपति की खूबसूरत मूर्तियाँ किन कारीगरों द्वारा बनाई गई ?
उत्तर:
गणपति की खूबसूरत मूर्तियाँ महाराष्ट्र के पेण नाम की जगह के कारीगरों द्वारा बनाई गईं।
प्रश्न 3.
गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा नहीं देखना चाहिए। इसके पीछे किस पौराणिक कथा का उल्लेख किया गया है?
उत्तर:
‘गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा देखने की पौराणिक कथा यह है कि एक बार गणेश चूहे पर सवार होकर कहीं जा रहे थे कि हड़बड़ाहट में गिर गए। यह देख चंद्रमा को हँसी आ गई। इससे गणेश ने चिढ़कर शाप दे दिया, “ आज से तुम्हारी कोई सूरत नहीं देखेगा। ” शाप से घबराया चाँद अनुनय-विनय करने लगा। तब गणेश ने कहा, “केवल गणेश चतुर्थी के दिन कोई तुम्हारी सूरत नहीं देखेगा। यदि देखेगा तो उसे चोरी का आरोप झेलना होगा।”
प्रश्न 4.
गणपति का विसर्जन किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर:
गणपति विसर्जन के दिन गणेश जी की मूर्तियाँ किसी सजी हुई बैलगाड़ी, मोटर या ट्रक पर रखी जाती हैं। बच्चे तथा बड़े उन्हीं ट्रकों या अन्य वाहनों में बैठ गाते-बजाते, ‘गणपति बप्या मोरया’ के नारे लगाते, गुलाल उड़ाते चलते हैं। ये ट्रक तालाब, नदी या समुद्र किनारे जाते हैं और अगले वर्ष जल्दी आने की कामना के साथ इन मूर्तियों को पानी में विसर्जित कर दिया जाता है।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
आप गणेश चतुर्थी का त्योहार कैसे मनाना चाहेंगे?
उत्तर:
हम भी गणेश चतुर्थी के त्योहार को खूब हर्षोल्लास एवं खुशी से मनाना चाहेंगे। इस दिन हम नए कपड़े पहनेंगे तथा घर में माँ के द्वारा बनाए गए स्वादिष्ट व्यंजनों का खूब आनंद लेंगे। फिर पिता जी के साथ गणेश की मूर्ति खरीदने के लिए बाज़ार जाएँगे । इस प्रकार हम गणेश चतुर्थी के त्योहार को बड़ी धूम-धाम से मनाएँगे ।
प्रश्न 2.
किसी तरह की हानि होने के डर से बच्चों को सरल काम दे दिए जाते हैं। दीपावली के अवसर पर बच्चों को कौन-कौन से काम दिए जा सकते हैं?
उत्तर:
दीपावली के अवसर पर बच्चों को निम्नलिखित कार्य दिए जा सकते हैं-
- विविध फल, सब्जियों को धोना।
- कूड़े – कर्कट को कूड़ेदान में डालने के लिए कहना।
- विविध रंगों की लड़ियों को सुलझाने के लिए कहना।
- गुलदस्तों को मेज़ पर रखने के लिए कहना।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
ध्यानपूर्वक पढ़िए –
सुबह से बड़े जोर-शोर से तैयारियाँ शुरू हो गईं।
बाज़ार में बड़ी भीड़-भाड़ थी ।
गाजे-बाजे के साथ मूर्ति घर पर ले आए।
ऊपर लिखे वाक्यों में शब्द युग्मों का प्रयोग हुआ है। जैसे-ज़ोर-शोर, भीड़-भाड़, गाजे-बाजे | अब आप
नीचे दिए शब्द युग्मों का वाक्य में प्रयोग कीजिए-
उत्तर:
(क) ऊबड़-खाबड़ – गाँव से शहर तक का सारा रास्ता ऊबड़-खाबड़ था ।
(ख) अनाप-शनाप – हमें किसी के बारे में अनाप-शनाप नहीं कहना चाहिए ।
(ग) चाय-वाय- भाई, मोहन को भी कुछ चाय – वाय पिलाइए ।
(घ) झूठ-मूठ – अब झूठ-मूठ से कोई फायदा नहीं, आप सच बताइए ।
प्रश्न 2.
नीचे दिए वाक्यों के सामने उनमें प्रयुक्त अकर्मक-सकर्मक क्रिया लिखिए-
उत्तर:
वाक्य | क्रिया |
(क) बच्चे चहक रहे थे। | अकर्मक |
(ख) गणेश चतुर्थी के दिन मोदक बनाए जाते हैं। | सकर्मक |
(ग) मंजीरे घड़ियाल बच्चों को दे दिए। | सकर्मक |
(घ) कार्तिकेय को ही मोदक मिलेगा। | सकर्मक |
प्रश्न 3.
नीचे दिए गए शब्दों के अर्थ शब्दकोश में से ढूँढ़कर लिखिए। साथ ही इन शब्दों को शब्दकोश के क्रमानुसार लिखिए-
विनायक, निर्भर, सार्वजनिक, रक्षक, अर्पण, परिक्रमा, पौराणिक, सर्वप्रथम, प्रथा, स्मरण।
उत्तर:
शब्दकोश के क्रमानुसार शब्द एवं उनके अर्थ:
शब्द | अर्थ |
अर्पण | सौंपना, भेंट करना |
निर्भर | आश्रित |
परिक्रमा | चक्कर लगाना |
पौराणिक | पुराणों के अनुसार |
प्रथा | रीति-रिवाज |
रक्षक | रखवाली करने वाला |
विनायक | गणेश |
सर्वप्रथम | सबसे पहला |
सार्वजनिक | सभी लोगों से संबंधित |
स्मरण | याद् |
जीवन मूल्य
प्रश्न 1.
द्वार रक्षक ने अपना कर्तव्य पूरी तरह निभाना चाहा तो उसे हानि उठानी पड़ी। आप अपने कौन-कौन से कर्तव्य मानते हैं? उन्हें किस तरह पूरा करते हैं?
उत्तर:
हम अपने निम्नलिखित कर्तव्य मानते हैं, जिन्हें हम अच्छी तरह से पूरा करते हैं –
- अपने बड़ों का कहना मानते हैं।
- पानी को दुरुपयोग नहीं करते।
- इधर-उधर गंदगी नहीं फैलाते बल्कि स्वच्छता का पूरा ध्यान रखते हैं।
- दूसरों की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।
प्रश्न 2.
माता-पिता की परिक्रमा पूरे ब्रह्मांड की परिक्रमा के बराबर है और माता-पिता का स्थान ईश्वर से भी बड़ा है। क्या आप भी गणेश जी की तरह अपने माता-पिता को सर्वोच्च महत्व देते हैं? किस तरह?
उत्तर:
जी हाँ, हम भी गणेश जी की तरह अपने माता-पिता को सर्वोच्च महत्व देते हैं। कोई भी कार्य करने से पहले उनसे जरूर पूछते हैं। घर से कहीं भी बाहर जाते हैं तो उनको बताकर जाते हैं। स्कूल की दिनचर्या की चर्चा उनके साथ करते हैं तथा उनके कामों में अपनी तरफ से ज्यादा-से-ज्यादा सहायता के लिए तैयार रहते हैं।
प्रश्न 3.
आपको कौन-सा त्योहार अच्छा लगता है और उससे आपको क्या प्रेरणा मिलती है? यह भी बताइए कि आप उसे किस प्रकार मनाते हैं?
उत्तर:
मुझे रंगों का त्योहार होली सबसे अच्छा लगता है। इसे मैं खूब हर्षोल्लास एवं खुशी से मनाता हूँ। होली के दिन हम सभी बच्चे पिचकारियाँ, रंग-गुलाल आदि लेकर निकल पड़ते हैं। एक-दूसरे पर रंग डालते हैं। बड़े-बुजुर्गों के पैरों पर अबीर-गुलाल लगाकर उनका आशीर्वाद लेते हैं। हम विशिष्ट पकवान ‘गुझिया’ का आनंद उठाते हैं। होली पूरी तरह से मस्ती और उल्लास देने वाला त्योहार है। इससे हमें एकता, भाईचारे तथा मेल-मिलाप की प्रेरणा मिलती है।
कुछ करने के लिए
प्रश्न 1.
आपने अपने आस-पास के लोगों को अनेक त्योहार मनाते देखा होगा। आपको इन त्योहारों में कुछ बातें ऐसी अवश्य नज़र आई होंगी जो लगभग हर त्योहार में होती हैं । ऐसी विशेषताओं की एक सूची बनाइए-
उत्तर:
कुछ बातें ऐसी होती हैं जो हर त्योहार में पाई जाती हैं। वे हैं – बच्चों का बिना जगाए सवेरे उठ जाना, बिना कहे नहाना-धोना, नए कपड़े पहनना, पैसों की माँग करना, हँसी-खुशी का माहौल, पकवान – मिठाइयाँ बनाना, मित्रों-रिश्तेदारों को शुभकामनाएँ देना – लेना, उपहारों का आदान-प्रदान करना आदि। इसके अलावा उनके पीछे किसी कथा-कहानी का जुड़ा होना भी है।
प्रश्न 2.
आपने कक्षा छठी में त्योहार से जुड़ा पाठ पढ़ा है। उस पाठ और इस पाठ में कही गई बातों के आधार पर आप त्योहारों के बारे में क्या-क्या बता सकते हैं-
(क) त्योहार का नाम
(ख) त्योहार से जुड़ी कोई कथा
(ग) विशेष पकवान
(घ) त्योहार मनाने का तरीका
(ङ) त्योहार का संदेश
उत्तर:
(क) पोंगल
(ख) पोंगल त्योहार पर ‘बोगी कोटटू’ (ढोल) बनाए जाते हैं। बोगी ऋतुओं के राजा इंद्र को समर्पित है। इंद्र नई ऋतुओं के आगमन की घोषणा करते हैं।
(ग) शर्करइ पोंगल
(घ) इसे मनाने के लिए फर्श पर सुंदर आकृतियाँ बनाई जाती हैं, जिन्हें ‘कोलम्’ कहते हैं। लोग नहा-धोकर, नए कपड़े पहनकर तैयार हो जाते हैं। सूर्य की उपासना की जाती है और अत्यंत चाव से ‘शर्करइ पोंगल’ खाया जाता है। इसके अगले दिन बैलों को सजाकर बैलगाड़ियों की दौड़ का आनंद लिया जाता है।
(ङ) यह त्योहार मिल-जुलकर रहने, एकता बनाए रखने और खुशी मनाने का संदेश देता है।
DAV Class 7 Hindi Ch 19 Solutions – गणेशोत्सव
I. बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
गणेशोत्सव भारतीय पंचांग के किस महीने में मनाया जाता है?
(क) आषाढ़
(ख) भादो
(ग) सावन
(घ) क्वॉर
उत्तर:
(ख) भादो
प्रश्न 2.
गणेशोत्सव त्योहार पर माँ क्या बना रही थी?
(क) खीर
(ख) सिवइयाँ
(ग) मोदक (लड्डू)
(घ) रसगुल्ले
उत्तर:
(ग) मोदक (लड्डू)
प्रश्न 3.
बच्चे तैयार होकर बाज़ार क्यों जा रहे थे?
(क) खिलौने खरीदने
(ख) कपड़े खरीदने
(ग) मिठाइयाँ खरीदने
(घ) मूर्ति खरीदने
उत्तर:
(घ) मूर्ति खरीदने
प्रश्न 4.
‘पेण’ जगह के कारीगरों द्वारा बनाई मूर्तियाँ बहुत ही सुंदर होती हैं। यह स्थान कहाँ है?
(क) महाराष्ट्र
(ख) गुजरात
(ग) पश्चिम बंगाल
(घ) कर्नाटक
उत्तर:
(क) महाराष्ट्र
प्रश्न 5.
मूर्ति लेकर चलने के लिए बच्चे को नहीं दी जाती हैं, क्योंकि-
(क) वे भारी थीं
(ख) बच्चों को छूने की मनाही थी
(ग) वे गिरकर खंडित हो सकती थीं
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) वे गिरकर खंडित हो सकती थीं
प्रश्न 6.
मोदक में इनमें से क्या नहीं मिलाया जाता है?
(क) मक्के का आटा
(ख) गुड़
(ग) गोला
(घ) मेवा
उत्तर:
(क) मक्के का आटा
प्रश्न 7.
मूर्ति को घर में अधिकतम कितने दिन तक रखने की परंपरा है?
(क) तीन
(ख) सात
(ग) दस
(घ) आठ
उत्तर:
(ग) दस
प्रश्न 8.
गणपति का संबंध किस परिवार से है?
(क) ब्रहमा
(ख) शिव
(ग) विष्णु
(घ) नारद
उत्तर:
(ख) शिव
प्रश्न 9.
‘गणपति’ से कौन संबंधित नहीं है?
(क) गणेश
(ख) विनायक
(ग) शांतिदायक
(घ) विघ्ननाशक
उत्तर:
(ग) शांतिदायक
प्रश्न 10.
कार्तिकेय किस पर सवार होकर पृथ्वी का चक्कर लगाने निकले?
(क) बाज
(ख) मोर
(ग) चूहा
(घ) तोता
उत्तर:
(ख) मोर
प्रश्न 11.
‘स्यमंतक मणि’ चुराने का आरोप किस पर लगा?
(क) चंद्रमा पर
(ख) अर्जुन पर
(ग) गणेश पर
(घ) श्रीकृष्ण पर
उत्तर:
(घ) श्रीकृष्ण पर
प्रश्न 12.
गणेशोत्सव का त्योहार कितने दिन तक महाराष्ट्र में मनाया जाता है?
(क) पाँच दिन
(ख) चार दिन
(ग) द्स दिन
(घ) चौदह दिन
उत्तर:
(ग) द्स दिन
II. लघु उत्तरीय प्रश्न
(क) गणोशोत्सव पर बच्चे क्या नारे लगाते हैं?
उत्तर:
गणेशोत्सव पर बच्चे ‘गणपति बप्पा मोरया’ का नारा लगाते हैं।
(ख) गणपति के दिन कुछ घरों में किसकी पूजा की जाती है?
उत्तर:
गणपति के दिन कुछ घरों में गौरी की पूजा की जाती है।
(ग) सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित गणेश की ऊँचाई कितनी होती है ?
उत्तर:
सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित गणेश की ऊँचाई 20-25 फीट तक होती है।
III. लघु उत्तरीय प्रश्न (30 से 35 शब्दों में )
गणेश चतुर्थी के दिन बच्चे मूर्ति खरीदते समय अपना उत्साह कैसे प्रकट करते हैं?
उत्तर:
बच्चे गणेश चतुर्थी के दिन नहा-धोकर नए कपड़े पहनकर बाज़ार जाते हैं। उनके साथ उनके पिता भी होते हैं। वे गणेश की मूर्ति वाली दुकानों पर जाकर अपने पिता का ध्यान खींचते हैं, ” वह देखो, वह बहुत अच्छी मूर्ति है, वही लीजिए”, वे सुंदर-सुंदर मूर्तियों को खरीदने का आग्रह कर अपना उत्साह प्रकट करते हैं।
IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ( 70 से 80 शब्दों में )
गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा देखने की पौराणिक कथा का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा देखने की पौराणिक कथा यह है कि एक बार गणेश चूहे पर सवार होकर कहीं जा रहे थे कि हड़बड़ाहट में गिर गए। यह देख चंद्रमा को हँसी आ गई। इससे गणेश ने चिढ़कर शाप दे दिया. “ आज से तुम्हारी कोई सूरत नहीं देखेगा। ” शाप से घबराया चाँद अनुनय-विनय करने लगा। तब गणेश ने कहा, “ केवल गणेश चतुर्थी के दिन कोई तुम्हारी सूरत नहीं देखेगा। यदि देखेगा तो उसे चोरी का आरोप झेलना होगा । ”
V. मूल्यपरक प्रश्न
विभिन्न त्योहार हमारे लिए क्या संदेश छोड़ जाते हैं?
उत्तर:
विभिन्न त्योहार हमें हर्प, उल्लास के साथ मिल-जुलकर साथ रहने, वैर भाव त्यागने तथा एकता बनाए रखने का संदेश छोड़ जाते हैं। हमें इन संदेशों को अपनाकर समरसता तथा सद्भाव फैलाना चाहिए।
क्रियाकलाप
आप अपने राज्य में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहार के बारे में लिखें तथा अपने मित्र को दिखाएँ । संभव हो तो उस त्योहार से संबंधित चित्र भी कॉपी में चिपकाएँ ।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
1. आज गणेश चतुर्थी है। इस को विनायक चतुर्थी भी कहते हैं । भारतीय पंचांग के भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष का चौथा दिन! यानी अगस्त-सितंबर महीने का समय। सुबह से ही बड़े जोर-शोर से तैयारियाँ शुरू हो गई हैं। आज छुट्टी का दिन है। पाठशालाएँ बंद, दफ्तर बंद | आमतौर पर छुट्टी के दिन सारे काम देर से होते हैं। पर आज तो सभी बच्चे जल्दी जाग उठे हैं। जल्दी-जल्दी नहा-धोकर तैयार हो रहे हैं। नए कपड़े पहन रहे हैं।
प्रश्न –
(क) गणेश चतुर्थी को और किस नाम से जाना जाता है ?
(ख) भारतीय पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी किस दिन मनाई जाती है ?
(ग) गणेश चतुर्थी के दिन लोग क्या करने में व्यस्त हैं?
(घ) बच्चे किस प्रकार अपनी खुशी प्रकट कर रहे हैं?
(ङ) छुट्टी का दिन क्यों अच्छा लगता है?
उत्तर:
(क) गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी नाम से भी जाना जाता है।
(ख) भारतीय पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी भादों महीने के शुक्ल पक्ष के चौथे दिन मनाई जाती है।
(ग) पुरुष गणेश चतुर्थी की तैयारियाँ करने में व्यस्त हैं तथा गृहिणियाँ मादक बनाने में व्यस्त हैं।
(घ) बच्चे आज सवेरे ही उठ गए। जल्दी नहा-धोकर नए कपड़े पहनकर तैयार हो गए हैं।
(ङ) छुट्टी का दिन इसलिए अच्छा लगता है क्योंकि इस दिन स्कूल – दफ्तर बंद रहते हैं तथा दैनिक काम को देर से किया जा सकता है।
2. मूर्ति लेने के बाद वह लकड़ी के रंगीन पटरे पर रखी गई। बच्चे चाहते हैं कि वह पटरा वे अपने हाथ में उठाकर घर ले चलें। पर उन्हें वह काम इसलिए नहीं सौंपा गया कि भीड़-भाड़ में किसी का धक्का लगकर पटरा हाथ से छूटकर गिर जाने और मूर्ति खंडित हो जाने का खतरा है। इसीलिए घर के बड़े व्यक्ति ने स्वयं अपने हाथों में पटरा ले लिया और मंजीरं, घड़ियाल आदि बजाने का काम बच्चों को दे दिया। बच्चे इसमें खुश हैं।
प्रश्न
(क) किसकी मूर्ति को कहाँ रखा गया है ?
(ख) बच्चे क्या चाहते हैं?
(ग) लोग उन्हें ऐसा क्यों नहीं करने देते ?
(घ) बच्चों को कौन – सा काम दिया गया ?
(ङ) गद्यांश में किस त्योहार का वर्णन है ?
उत्तर:
(क) गणेश जी की मूर्ति को रंगीन पटरे पर रखा गया है।
(ख) बच्चे चाहते हैं कि गणेश की मूर्ति को अपने-आप लेकर घर जाएँ ।
(ग) लोग समझते हैं कि भीड़ में धक्का- -मुक्की से पटरा छूटकर गिर जाएगा और मूर्ति खंडित हो सकती है, इसलिए वे बच्चों को ऐसा नहीं करने देते।
(घ) बच्चों को मंजीरे, घड़ियाल आदि वाद्ययंत्र बजाने के लिए दे दिए गए।
(ङ) इस गद्यांश में ‘गणेश चतुर्थी’ उत्सव का वर्णन है।
3. एक बार पार्वती जी स्नान कर रही थीं। इसलिए किसी ऐसे रखवाले की दरवाज़े पर ज़रूरत थी जो किसी को भी अंदर न आने दे। पर उस समय वहाँ कोई नहीं था। इसलिए पार्वती ने मिट्टी से एक मानव मूर्ति बनाई। उस मूर्ति को सजीव किया और उसी को दरवाज़े के पास खड़ा कर दिया। थोड़ी देर बाद स्वयं शंकर जी वहाँ आए। परंतु उस द्वाररक्षक ने उन्हें भी रोक दिया। शंकर जी गुस्सा हो गए। गुस्से में उन्होंने उसका सिर काट डाला। पार्वती ने जब यह देखा तो उन्हें बहुत दुःख हुआ ।
प्रश्न
(क) रखवाले की ज़रूरत क्यों थी ?
(ख) रखवाले का क्या काम था ?
(ग) पार्वती ने रखवाले का इंतज़ाम कैसे किया ?
(घ) शंकर जी को गुस्सा क्यों आया?
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम लिखिए ।
उत्तर:
(क) पार्वती जी स्नान करने जा रही थीं। अचानक कोई अंदर न आ जाए इसलिए रखवाले की ज़रूरत थी ।
(ख) रखवाले का काम था – द्वार पर रहकर किसी को अंदर जाने से रोकना ।
(ग) रखवाला न होने से पार्वती ने मिट्टी की एक मानव मूर्ति बनाई । उसमें प्राण डालकर उसे दरवाज़े पर खड़ा किया।
(घ) रखवाले ने शंकर जी को अंदर जाने से मना किया, इस बात पर शंकर जी को गुस्सा आ गया।
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम है–‘ गणेशोत्सव’।
4. एक बार गणपति चूहे पर सवार होकर जल्दबाजी में कहीं जा रहे थे। उस हड़बड़ाहट में वे नीचे गिर पड़े। यह देखकर चंद्रमा को हँसी आ गई। गणपति चिढ़ गए। उन्होंने चंद्रमा को शाप दिया कि आज से कोई भी तुम्हारी सूरत नहीं देखेगा। शाप सुनकर चंद्रमा घबरा गया। उसने गणपति की बहुत विनती की। तब गणपति ने कहा सिर्फ़ गणेश चतुर्थी के दिन तुम्हारी सूरत नहीं देखेगा । यदि देखेगा तो चोरी सिर लगेगी। कहते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण ने उस दिन चंद्रमा देखा जिससे स्यमंतक मणि की चोरी उनके सिर लगी थी ।
प्रश्न
(क) गणपति कहाँ से गिर पड़े?
(ख) गणपति के चिढ़ने का क्या कारण था ?
(ग) उन्होंने चंद्रमा को क्या शाप दिया ?
(घ) चंद्रमा के अनुनय-विनय का क्या असर हुआ ?
(ङ) चाँद देखने का श्रीकृष्ण को क्या फल मिला ?
उत्तर:
(क) गणपति (गणेश) अपने वाहन चूहे से हड़बड़ाहट में गिर गए थे।
(ख) गणपति के चिढ़ने का कारण था उनको गिरते देख चंद्रमा द्वारा हँस दिया जाना ।
(ग) उन्होंने चंद्रमा को शाप दिया कि जो भी चंद्रमा को देखेगा उस पर चोरी का दोषारोपण किया जाएगा।
(घ) चंद्रमा के अनुनय-विनय से शाप का प्रभाव कम होकर साल में एक दिन (गणेश चतुर्थी) के लिए ही रह गया।
(ङ) भगवान श्रीकृष्ण ने उस दिन चाँद देखा और उन पर स्यमंतक मणि की चोरी का दोष लगाया गया।
शब्दार्थ
पृष्ठ संख्या-110.
भाद्रपद – भादों।
शुक्ल पक्ष – महीने की वे 15 रातें जब चाँद शाम को निकलतता है।
पृष्ठ संख्या-111.
चतुर्थी – पखवाड़े का चौथा दिन।
मोदक – लड्डू, मोद युक्त।
खंडित-टूट – जाना।
गाजे-बाजे-गाते – बजाते।
स्वरूप – आकृति।
गोला – नारियल।
परंपरा – रीति-रिवाज़।
पृष्ठ संख्या-112.
स्थापना करना – रखना या बिठाना।
प्रथा – रीति, परिपाटी।
प्राचीन – पुराना।
शैव – शिव संबंधी।
मानव मूर्ति – आदमी की मूर्ति।
सजीव – प्राणमय, जानयुक्त।
द्वार-रक्षक – दरवाजे की रक्षा करने वाला।
विज्ननाशक – बाधाओं को नष्ट करने वाले।
बुद्धिदाता – बुद्धि देने वाले।
अर्पण – देना, चढ़ाना।
पृष्ठ संख्या-113.
परिक्रमा – चारों ओर चक्कर लगाना।
वाहन – सवारी।
भक्तिभाव – भक्ति की भावना।
वर – वरदान।
सर्वप्रथम – सबसे पहले।
इलज़ाम – दोष।
बरबस – अनायास।
रूढ़ि – पुराने समय की मान्यता।
पौराणिक – पुराण संबंधी।
गणपति – गणेश।
पृष्ठ संख्या-114.
विसर्जन – त्यागना।
स्मरण करना – याद करना।
प्रांत – राज्य।
गणेशोत्सव Summary in Hindi
पाठ – परिचय
‘गणेशोत्सव’ नामक पाठ में महाराष्ट्र में ‘गणेश चतुर्थी’ मनाए जाने का विस्तृत वर्णन है। यह त्योहार कब से मनाया जाने लगा, इसको मनाए जाने के पीछे कौन-कौन-सी कथाएँ प्रसिद्ध हैं, इसे कैसे मनाते हैं और इसका समापन कैसे और कब करते हैं, आदि का वर्णन यह पाठ समेटे हुए है।
पाठ का सार
गणेशोत्सव का त्योहार आते ही ‘गणपति बाप्या मोरया, मंगलमूर्ति मोरया’ के नारों से दिशाएँ गूँज उठती हैं। बच्चों की खुशी इस त्योहार पर देखते ही बनती है। छुट्टियों के दिन प्राय: हर काम देर से होता है, परंतु इस दिन बच्चे जल्दी जगकर, नहा-धोकर, नए कपड़े पहनकर तैयार हो जाते हैं। रसोई में मोदक बन रहा है।
सारे घर में हँसी-खुशी का वातावरण छाया हुआ है। बच्चे बड़े उत्साह के साथ बाज़ार जाते हैं और गणेश की छोटी-बड़ी मूर्तियाँ पसंद कर अपने बड़े से खरीदने की ज़िद करते हैं। महाराष्ट्र के ‘पेण’ नामक स्थान के कलाकारों द्वारा बनाई गई गणेश मूर्तियाँ बहुत ही सुंदर होती हैं।
मूर्ति को रंगीन पटरे पर रख बड़े लाते हैं और छोटे ( बच्चे) मंजीरे, घड़ियाल बजाते ‘गणपति बाप्या मोरया’ के नारे लगाते घर आते हैं। ये मूर्तियाँ छोटी-बड़ी हो सकती हैं, पर सबका स्वरूप एक सा होता है। बैठे हुए गणपति, सामने चावल के आटे में गुड़-गोला, मेवा, इलाइची से बना मोदक का थाल और साथ में उनका वाहन चूहा।
परंपरानुसार डेढ़ दिन पाँच दिन, सात दिन, नौ दिन, दस दिन अर्थात् अनंत चतुर्दशी तक ये मूर्तियाँ रखी जाती हैं। सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित गणपति की मूर्तियाँ बीस-पच्चीस फीट तक होती हैं। सार्वजनिक तौर से यह त्योहार लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के जमाने से मनाया जाता है। शैव परिवार से संबंधित गणपति का सिर हाथी का और शरीर मनुष्य का होता है।
इस बारे में शिवपुराण में एक कथा प्रचलित है- एक बार पार्वती जी स्नान करने जा रही थीं। दरवाज़े पर उन्हें एक रक्षक की ज़रूरत थी। उन्होंने मिट्टी की मूर्ति बनाकर सजीव किया और दरवाज़े पर खड़ा कर दिया। इसी बीच शिव आए और अंदर जाने का प्रयास करने लगे। रक्षक के विरोध करने पर उन्होंने उसका सिर काट दिया।
इससे पार्वती को बड़ा दुख हुआ, तब शिव ने एक हाथी का सिर मानव शरीर पर लगा दिया, वही गणपति हैं। इन्हें विघ्ननाशक, बुद्धिदाता माना जाता है और हर कार्य से पहले इनका पूजन किया जाता है।
कहा जाता है कि एक बार देवतागण शिव-पार्वती के दर्शन करने कैलाश पर्वत पर गए। वहाँ उन्होंने शिव-पार्वती को अमृत से बना अद्भुत मोदक अर्पण किया। शिव पुत्रों – गणेश और कार्तिकेय ने मोदक माँगा, पर पार्वती ने कहा, “जो पृथ्वी की परिक्रमा करके सबसे पहले आएगा उसे मोदक मिलेगा।”
कार्तिकेय मोर पर बैठकर पृथ्वी की परिक्रमा करने के लिए चल पड़े किंतु गणेश ने अपने माता-पिता की परिक्रमा कर सादर प्रणाम किया। माता-पिता को पृथ्वी से बड़ा मानने के कारण वे लड्डू पा गए। कहा जाता है कि इस रात में चंद्रमा देखने से चोरी का इलजाम सिर लगता है। एक बार गणपति चूहे पर सवार होकर जा रहे थे कि हड़बड़ाहट में गिर गए। यह देख चंद्रमा हँस पड़ा। क्रोधित गणपति ने उसे शाप दे दिया कि तुझे कोई भी नहीं देखेगा।
शाप सुन घबराए चाँद ने विनती किया तब गणेश ने सिर्फ़ उसी दिन अर्थात् गणेश चतुर्थी को ही यह बात प्रभावी होने की बात कही। भगवान श्रीकृष्ण को उस दिन चाँद देखने के कारण ही स्यमंतक मणि की चोरी का आरोप झेलना पड़ा था। गणेशोत्सव के दिन हँसी – उल्लास के साथ गौरी पूजन होता है। इन दस दिनों में ‘रामा’ या ‘बालू’ घर-घर नाचने आते हैं।
शहरों में ये दस दिन बड़ी जल्दी बीत जाते हैं। रोज कार्यक्रम और सजावट होती है। अनंत चतुर्दशी के दिन इन गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन होता है। जो लोग अपनी प्रतिमाएँ किसी कारण से स्वयं नहीं ले जा सकते हैं, वे बड़ी प्रतिमाओं के साथ रख देते हैं। लोग सार्वजनिक रूप से इसमें शामिल होते हैं। ये मूर्तियाँ ट्रक, बैलगाड़ी एवं मोटर में रखकर तालाब, नदी, समुद्र की ओर ले जायी जाती हैं।
वहाँ गणपति बप्पा के नारे लगाकर अगले वर्ष जल्दी आने की कामना के साथ इनका विसर्जन कर दिया जाता है। यह उत्सव भारत के अन्य प्रांतों में भी मनाया जाता है। महाराष्ट्रवासी जहाँ भी हों, इकट्ठा होकर ये दस दिन धूम-धाम से गणेशोत्सव ज़रूर मनाते हैं।