Regular practice using DAV Class 7 Hindi Solutions and DAV Class 7 Hindi Chapter 18 Question Answer – बाल लीला और कुंडलिया are essential for improving writing and analytical skills.
DAV Class 7 Hindi Chapter 18 Question Answer – बाल लीला और कुंडलिया
DAV Class 7 Hindi Ch 18 Question Answer – बाल लीला और कुंडलिया
पाठ में से
प्रश्न 1.
‘मैया मोहिं दाऊ बहुत खिझायौ’ पद में कौन किसकी शिकायत कर रहा है?
उत्तर:
‘मैया मोहिं दाऊ बहुत खिझायौ’ पद में बालक कृष्ण, बलराम और ग्वाल-बालों की शिकायत कर रहे हैं।
प्रश्न 2.
श्री कृष्ण किससे शिकायत कर रहे हैं और क्या शिकायत कर रहे हैं?
उत्तर:
श्री कृष्ण अपनी माता यशोदा से अपने बड़े भाई बलराम व अन्य ग्वाल-बालों की शिकायत कर रहे हैं। वे अपनी माता से कहते है कि बलराम व अन्य साथी उससे कहते हैं कि वह तो खरीदा गया है। उसको यशोदा माँ ने कब पैदा किया?
प्रश्न 3.
बलराम कृष्ण को मोल का लिया होने का क्या तर्क देते हैं?
उत्तर:
‘बलराम कृष्ण को मोल का लिया होने के लिए निम्नलिखित तर्क देते हैं –
- माता यशोदा ने तुमको कब पैदा किया?
- यशोदा और नंद बाबा दोनों ही गोरे हैं, पर तुम्हारा शरीर तो काला है।
प्रश्न 4.
श्री कृष्ण को बलराम, गोप-ग्वाले और माँ की कौन-कौन सी बातें अच्छी नहीं लगीं और क्यों?
उत्तर:
कृष्ण को निम्नलिखित बातें अच्छी नहीं लगतीं-
- खुद को मोल का लिया हुआ कहा जाना।
- अपने माता-पिता के बारे में पूछा जाना।
- स्वयं को यशोदा द्वारा कब जन्म देने की बात कहना ।
- यशोदा द्वारा बलराम पर गुस्सा न किया जाना, क्योंकि ये बातें प्रायः कृष्ण को चिढ़ाने के लिए की जाती थीं।
प्रश्न 5.
श्री कृष्ण को समझाते हुए यशोदा बलराम के बारे में क्या कहती हैं?
उत्तर:
श्री कृष्ण को समझाते हुए यशोदा बलराम के बारे में कहती हैं कि बलराम तो जन्म से ही धूर्त और चुगलखोर है। वह सदैव ऐसे ही झूठ बोलता रहता है।
प्रश्न 6.
बिना विचारे कार्य करने से कौन-सी हानि होती है?
उत्तर:
बिना विचारे कार्य करने से काम तो खराब होता ही है, इसके अलावा संसार के लोग उसकी हँसी भी उड़ाते हैं । ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति के मन को खाना-पीना, गीत-संगीत, मान-सम्मान कुछ भी अच्छा नहीं लगता।
बातचीत के लिए
प्रश्न 1.
सूरदास द्वारा रचित पद में बच्चों की किन विशेषताओं की जानकारी मिलती है?
उत्तर:
सूरदास द्वारा रचित पद में बच्चों की बाल-सुलभ व स्वाभाविक विशेषताओं का चित्रण किया गया है। बाल-स्वभाव में कोई भी सुख-दुख स्थायी नहीं होता है। बच्चे खेल प्रिय होते हैं। वे मात्र अनुकूल स्नेह को पहचानते हैं। उनका अंतर्मन निश्छल, निर्द्वद्व होता है। पर वे आपस में एक-दूसरे को चिढ़ाते हैं । वे भाई-बहन, माता-पिता के रंग-रूप, नाक-नक्श, कद-काठी आदि की भी तुलना करते हैं।
प्रश्न 2.
श्री कृष्ण खेलने न जाने का क्या कारण बताते हैं?
उत्तर:
श्री कृष्ण खेलने न जाने का कारण बताते है कि बलराम और अन्य ग्वाल-बाल उसका चुटकी बजाकर, हँस-हँस कर मज़ाक उड़ाते हैं और उसे मोल लिया हुआ कहते हैं।
प्रश्न 3.
यशोदा मन ही मन किस पर रीझ रहीं थीं और क्यों?
उत्तर:
यशोदा कृष्ण की उस बात पर रीझ रही थीं, जब कृष्ण ने क्रोध में आकर कहा था, ” तुमने तो मुझे ही मारना सीखा है। बलराम पर तो कभी गुस्सा भी नहीं करती हो। ”
प्रश्न 4.
‘राग-रंग’ का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
‘राग-रंग’ का अर्थ है – नृत्य एवं गीत-संगीत । अर्थात् मनोरंजन के सभी साधन।
प्रश्न 5.
किसी ऐसी घटना के बारे में बताइए जब आपने बिना विचार किए कोई काम किया हो ? तब क्या हुआ ?
उत्तर:
एक बार बिना सोचे- विचारे चॉकलेट खाने के लिए पिता जी की जेब से बीस रुपये निकाल लिए। पिता जी उन पैसों के बारे में पूछ रहे थे, पर मैं झूठ बोल गया, पर गृह कार्य कराते समय माँ को चॉकलेट के काग़ज़ मिल गए। मुझे अब सबके सामने शर्मिंदा होना पड़ा क्योंकि बीस बार उठक- – बैठक जो करना पड़ा था।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
कल्पना कीजिए कि आप विद्यालय गए हुए हैं और आपकी अनुपस्थिति में आपके भाई ने माँ से आपकी शिकायत की। पता चलने पर आप कैसा अनुभव करेंगे? बताइए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
निम्नलिखित युग्म शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए-
उत्तर:
(क) खान-पान आजकल खान-पान बदलता जा रहा है।
(ख) राग-रंग – दुखी इनसान राग-रंग आदि से दूर ही रहता है।
प्रश्न 2.
नंद – यशोदा तथा श्रीकृष्ण के लिए किन विशेषण शब्दों का प्रयोग किया गया है? लिखिए-
उत्तर:
नंद-यशोदा – गोरा-गोरी
श्रीकृष्ण – स्याम।
प्रश्न 3.
नीचे खंड ‘क’ में शब्द और खंड ‘ख’ में उनके अर्थ दिए गए हैं। शब्द को उनके अर्थ से मिलाइए-
उत्तर:
जीवन मूल्य
यशोदा श्रीकृष्ण का क्रोध से भरा चेहरा देखकर रीझ जाती हैं और उन्हें मनाती हैं।
प्रश्न 1.
क्या कभी आपके जीवन में ऐसा अवसर आया है कि आप अपनी माँ से रूठ गए हों और उन्होंने आपको मनाया हो?
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 2.
यह भी बताइए कि उन्होंने आपको कैसे मनाया ?
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
कुछ करने के लिए
1.’दूसरों की शिकायत करना बुरी आदत है’ – इस विषय पर कक्षा में चर्चा कीजिए ।
2. अपने घर के आस-पास 6-8 वर्ष की उम्र वाले बच्चों के व्यवहार को ध्यान से देखिए तथा कक्षा में बताइए कि वे दी गई स्थितियों में कैसा व्यवहार करते हैं?
प्रश्न 1.
‘दूसरों की शिकायत करना बुरी आदत है’ – इस विषय पर कक्षा में चर्चा कीजिए ।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 2.
अपने घर के आस-पास 6-8 वर्ष की उम्र वाले बच्चों के व्यवहार को ध्यान से देखिए तथा कक्षा में बताइए कि वे दी गई स्थितियों में कैसा व्यवहार करते हैं?
(क) प्रसन्न होने पर
(ख) क्रोधित होने पर
(ग) रूठने पर
(घ) अकेले होने पर
(ङ) समूह में होने पर
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
DAV Class 7 Hindi Ch 18 Solutions – बाल लीला और कुंडलिया
I. अति लघु उत्तरीय प्रश्न
(क) बलराम किसे मोल लिया हुआ कहते हैं ?
उत्तर:
बलराम श्रीकृष्ण को मोल लिया हुआ कहते हैं।
(ख) यशोदा किसकी कसम खाती हैं ?
उत्तर:
यशोदा अपनी गायों की कसम खाती हैं।
(ग) कैसा व्यक्ति पछताता है ?
उत्तर:
जो व्यक्ति बिना सोचे- विचारे काम करता है, वह बाद में पछताता है।
(घ) चुगलखोर और धूर्त किसे कहा गया है ?
उत्तर:
चुगलखोर और धूर्त बलराम को कहा गया है।
(ङ) यशोदा किस पर गुस्सा नहीं करती हैं?
उत्तर:
यशोदा बलराम पर गुस्सा नहीं करती हैं।
II. लघु उत्तरीय ( 30 से 35 शब्दों में)
कृष्ण की शिकायत पर यशोदा ने बलराम के बारे में कृष्ण से क्या कहा ?
उत्तर:
जब श्रीकृष्ण माता यशोदा से बलराम की शिकायत कर रहे थे तो माता यशोदा ने श्रीकृष्ण का मन रखने के लिए उनकी हाँ में हाँ मिलाते हुए कहा कि बलराम तो बड़ा चुगलखोर और धूर्त है। वह जन्म से शरारती स्वभाव वाला है। वह तो सदैव ऐसे ही झूठ बोलता रहता है।
क्रियाकलाप
श्रीकृष्ण का चित्र चिपकाकर उसके नीचे कृष्ण के बचपन संबंधित अन्य तीन-चार पद लिखिए और उन्हें कंठस्थ कर कक्षा में सुनाएँ ।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
1. मैया मोहिं दाऊ बहुत खिझायौ।
मोसौं कहत मोल को लीन्हौ, तू जसुमति कब जायौ ।।
कहा करौं इहि रिस के मारे, खेलन को नहिं जात।
पुनि-पुनि कहत कौन है माता, कौ है तेरौ तात ।।
गोरे नंद जसोदा गोरी, तू कत स्याम सरीर।
चुटकी दै- दै हँसत ग्वाल सब, सिखै देत बलबीर ।।
तू मोहीं को मारन सीखी, दाउहिं कबहुँ न खीझैं ।
मोहन को मुख रिस समेत लखि, जसुमति मनमहिं रीझै ।।
सुनह कान्ह, बलभद्र चबाई, जनमत ही को धूत।
सूर स्याम मोहिं गोधन की सौं, हौं माता तू पूत।।
शब्दार्थ –
मोहि – मुझे।
दाऊ – बलराम।
खिझायौ – चिढ़ाता है।
मोसौं मुझसे।
मोल – दाम देकर।
जसुमति – माता यशोदा।
जायौ – पैदा करना।
इहि – इसी।
रिस – गुस्सा|
पुनि-पुनि – बार-बार।
तेरौ – तुम्हारा।
तात – पिता।
कत – कैसे।
स्याम – काला।
दै-दै. दे – बजाकर।
सिखै – सीख।
बलवीर – बलराम।
खीझै – गुस्सा करना।
लखि – देखकर।
मनमहि – मन में।
रीझै-कान्ह – कृष्ण।
चबाई – चुगलखोर।
जनमत-जन्म से ही धूर्त – दूसरों को ठगने वाला।
सूर – सूरदास।
गोधन – गाएँ।
सौं – कसम।
पूत – पुत्र।
प्रसंग – यह पद ‘ज्ञान – सागर’ पाठ्यपुस्तक में संकलित कविता ‘बाल- लीला और कुंडलिया’ से लिया गया है। इसके रचयिता ‘सूरदास’ हैं। इस पद में कवि ने श्रीकृष्ण की खीझ का कारण और यशोदा से शिकायत करने का वर्णन किया है।
व्याख्या – श्रीकृष्ण माता यशोदा से शिकायत करते हुए कहते हैं कि मुझे बलराम बहुत चिढ़ाते हैं। वे मुझसे कहते हैं कि तुझे तो खरीदा गया है। तुमको यशोदा ने कब पैदा किया? मैं क्या कहूँ, इसी क्रोध में मैं खेलने भी नहीं जाता हूँ। मुझसे बार-बार पूछते हैं कि तुम्हारी माता कौन हैं, पिता कौन हैं? नंद बाबा और यशोदा दोनों गोरे हैं पर तुम्हारा ही शरीर काला क्यों है? ये बातें बलराम दूसरे ग्वाल-बालों को बता देते हैं।
वे चुटकी बजाकर, हँस-हँसकर मेरा मजाक उड़ाते हैं। हे माँ! तू मुझे ही मारती है, जबकि बलदाऊ पर कभी गुस्सा भी नहीं करती हो। श्रीकृष्ण का गुस्सा – युक्त मुख देख यशोदा मन में खुश होती हैं। वे कृष्ण से कहती हैं, “हे कृष्ण! सुनो, बलभद्र जन्म से ही धूर्त और चुगलखोर है। सूरदास कहते हैं कि माँ यशोदा गायों की सौगंध खाकर कहती हैं कि हे कृष्ण ! मैं ही तुम्हारी माता हूँ और तुम मेरे बेटे हो।
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
इस पद में कौन शिकायत कर रहा है?
(क) बलराम
(ख) ग्वाल-बाल
(ग) श्रीकृष्ण
(घ) सूरदास
उत्तर:
(ग) श्रीकृष्ण
प्रश्न 2.
इस पद में किसका रंग काला बताया गया है?
(क) नंद् बाबा
(ख) यशोदा
(ग) बलराम
(घ) श्रीकृष्ण
उत्तर:
(घ) श्रीकृष्ण
प्रश्न 3.
ग्वाल-बालों को कौन सिखा देता है?
(क) श्रीकृष्ण
(ख) बलदाऊ
(ग) यशोदा
(घ) नंद बाबा
उत्तर:
(ख) बलदाऊ
प्रश्न 4.
यशोदा क्या देखकर मन-ही-मन प्रसन्न होती है?
(क) कृष्ण का सुंदर मुख
(ख) कृष्ण का गुस्सा भरा चेहरा
(ग) कृष्ण का मुसकराता चेहरा
(घ) बलदाऊ की शरारतें
उत्तर:
(ख) कृष्ण का गुस्सा भरा चेहरा
प्रश्न 5.
श्रीकृष्ण के लिए इनमें से कौन-सा शब्द प्रयुक्त नहीं है?
(क) मोहन
(ख) बलबीर
(ग) कान्ह
(घ) स्याम
उत्तर:
(ख) बलबीर
2. बिना विचारे जो करे, सौ पाछै पछताय।
काम बिगारे आपनो, जग में होत हँसाय।।
जग में होत हँसाय, चित्त में चैन न पावै।
खान-पान सम्मान, राग-रंग मनहि न भावै।।
कह गिरधर कविराय, दुःख कुछ टरत न टारे।
खटकत है जिय माहि, कियो जो बिना विचारे||
शब्दार्थ –
सो – वह।
पाछै – पीछे, बाद में।
बिगारे – बिगाड़ लेता है।
आपनो – अपना।
जग – संसार।
हँसाय-हँसी – उपहास।
मन – मस्तिष्क।
चैन – आराम।
राग-रंग – गीत-संगीत।
मनहि – मन को।
भावै – अच्छा लगना।
टरत – टलता है।
खटकत – चुभती है।
जिय – हृदय।
माहि – में।
प्रसंग – यह कुंडलिया ‘ज्ञान – सागर’ पाठ्यपुस्तक में संकलित कविता ‘बाल- लीला और कुंडलिया’ से ली गई है। इसके रचयिता ‘गिरधर’ हैं। कवि ने इस रचना में सोच-विचारकर काम करने के लिए कहा है।
व्याख्या – कवि कहता है कि इस संसार में जो भी व्यक्ति पूरी तरह से बिना सोचे- विचारे काम करता है, वह बाद में पछताता है। वह अपना काम खराब कर लेता है और जग में उसकी हँसी उड़ाई जाती है। वह उपहास का पात्र बन जाता है। ऐसे व्यक्ति के मन को खाना-पीना, मान-सम्मान, गीत-संगीत कुछ भी अच्छा नहीं लगता है।
कवि गिरधर कहते हैं कि ऐसे व्यक्ति का दुख टालने से भी नहीं टलता है। अर्थात् वह इस दुख को दिल में हमेशा महसूस करता रहता है, जो काम उसने बिना सोचे-विचारे किया था । भाव यह है कि बिना सोच-विचार के किया गया काम हमेशा दुख देता रहता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
व्यक्ति बाद में क्यों पछताता है ?
(क) विचार कर काम करने के कारण
(ख) बिना सोचे काम करने के कारण
(ग) अपना काम बिगाड़ने के कारण
(घ) जग में हँसी उड़ने के कारण
उत्तर:
(ख) बिना सोचे काम करने के कारण
प्रश्न 2.
जो बिना सोचे- विचारे काम करते हैं, उन्हें क्या अच्छा नहीं लगता है?
(क) मान – सम्मान
(ख) गीत – संगीत
(ग) खाना – पीना
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 3.
कवि के अनुसार बिना सोचे काम करने से उत्पन्न दुख कैसे होते हैं ?
(क) तुरंत दूर होने वाले
(ख) स्थायी रहने वाले
(ग) कुछ समय तक रहने वाले
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) स्थायी रहने वाले
प्रश्न 4.
बिना सोचे – विचारे काम करने वाले के विषय में इनमें से असत्य कथन कौन-सा है ?
(क) अपना काम बना लेता है
(ख) बाद में पछताता है
(ग) दूसरों की हँसी का पात्र बनता है
(घ) चैन से नहीं रह पाता है
उत्तर:
(क) अपना काम बना लेता है
प्रश्न 5.
इसके रचयिता कौन हैं?
(क) कविराय
(ख) रहीम
(ग) गिरधर
(घ) वृंद
उत्तर:
(ग) गिरधर
बाल लीला और कुंडलिया Summary in Hindi
कविताओं का परिचय
‘बाल- लीला और कुंडलिया’ पाठ में दो कविताएँ हैं, जो क्रमशः कवि सूरदास और कवि गिरधर द्वारा रचित हैं। पहले पद में बाल मनोविज्ञान का अत्यंत सुंदर चित्रण है जो पूरी तरह से स्वाभाविक लगता है। दूसरे पद में मनुष्य को सोच-विचार कर काम करने की सीख दी गई है।
कविताओं का सार
‘बाल लीला’ पद में बालक श्रीकृष्ण की बाल लीला का सुंदर एवं स्वाभाविक चित्रण है। वे अपने साथियों द्वारा चिढ़ाए जाने की शिकायत माता यशोदा से करते हैं। वे क्रोध के मारे साथियों के साथ खेलने नहीं जाते हैं। वे यशोदा से ग्वाल-बालों की शिकायत संबंधी अनेक बातें गुस्से में बताते हैं, जिसे सुन माता यशोदा प्रसन्न होती हैं। अंत में वे सौगंध खाकर कहती हैं कि मैं ही तुम्हारी माता और तुम मेरे बेटे हो।
‘कुंडलिया ‘ पद में कवि ने सोच-विचारकर काम न करने से क्या- क्या परेशानियाँ उठानी पड़ती हैं, का उल्लेख किया है। ऐसा व्यक्ति अपना काम खराब कर पछताता है। वह परेशान रहता है। उसे खाना-पीना, मान-सम्मान कुछ अच्छा नहीं लगता है। उसके मन में अपनी गलती बार-बार खटकती है कि उसने बिना सोचे-विचारे काम क्यों किया।