Regular practice using DAV Class 7 Hindi Solutions and DAV Class 7 Hindi Chapter 17 Question Answer – काकी are essential for improving writing and analytical skills.
DAV Class 7 Hindi Chapter 17 Question Answer – काकी
DAV Class 7 Hindi Ch 17 Question Answer – काकी
पाठ में से
प्रश्न 1.
बड़े सवेरे उठते ही श्यामू ने क्या देखा ?
उत्तर:
बड़े सवेरे उठते ही श्यामू ने देखा कि घर में रोना-धोना मचा था। उसकी माँ नीचे से ऊपर तक एक कपड़ा ओढ़े हुए कंबल पर भूमि पर सो रही थी और घर के सब लोग उसे घेरकर रो रहे थे।
प्रश्न 2.
कौन – सी बात श्यामू से छिपी न रह सकी?
उत्तर:
श्यामू की काकी ऊपर राम के यहाँ गई है, यह बात उससे छिपी न रह सकी।
प्रश्न 3.
पतंग उड़ती देखकर श्यामू का हृदय क्यों खिल उठा ?
उत्तर:
पतंग उड़ती देख श्यामू का दिल इसलिए खिल उठा क्योंकि उसने देखा कि पतंग दूर आसमान में उड़ रही है । दूर आसमान में राम के यहाँ उसकी काकी है, जिन्हें वह पतंग के माध्यम से उतार सकता है। वह अपनी काकी को वापस पा सकता है।
प्रश्न 4.
श्यामू ने पतंग किससे और क्यों मँगवाई ?
उत्तर:
श्यामू ने पतंग भोलू को कहकर उसकी जीजी से मँगवाई क्योंकि श्यामू को विश्वास था कि वह पतंग राम के यहाँ भेजेगा और उसे पकड़कर काकी नीचे उतर आएगी।
प्रश्न 5.
श्यामू को भोला ने मोटी रस्सी का सुझाव क्यों दिया?
उत्तर:
श्यामू को भोला ने मोटी रस्सी का सुझाव इसलिए दिया, जिससे काकी के उतरते समय कमजोर, पतली पतंग की डोर टूट न जाए।
प्रश्न 6.
उचित उत्तर पर सही (✓) का चिह्न लगाइए –
उत्तर:
(क) गुरुजनों ने श्यामू को क्या विश्वास दिलाया ?
काकी चाचा के पास गई है।
काकी काका के पास गई है।
काकी मामा के पास गई है।
काकी राम के पास गई है।
उत्तर:
काकी काका के पास गई है।
(ख) पतंग के चिपके काग़ज़ पर क्या लिखा था ?
दादी
नानी
काकी
मामी
उत्तर:
काकी
(ग) श्यामू किसके लिए उत्कंठित था?
घूमने जाने के लिए
मिठाई खाने के लिए
पतंग उड़ाने के लिए
फ़िल्म देखने के लिए
उत्तर:
पतंग उड़ाने के लिए
(घ) पहले दिन श्यामू ने पिता की जेब से कितने पैसे निकाले ?
दुअन्नी
अठन्नी
एक रुपया
चवन्नी
उत्तर:
चवन्नी
प्रश्न 7.
नीचे दिए गए कथन किसने किससे कहे, लिखिए –
उत्तर:
कथन | किसने कहा | किससे कहा |
(क) काका, मुझे एक पतंग मँगा दो। अभी मँगा दो। | श्यामू ने | अपने पिता विश्वेश्वर से |
(ख) श्यामू भैया ने रस्सी और पतंग माँगने के लिए निकाला था। | भोला ने | श्यामू के पिता को |
बातचीत के लिए –
प्रश्न 1.
श्यामू ने पैसे क्यों चुराए थे?
उत्तर:
श्यामू ने जब अपने पिता से पतंग लाने के लिए कहा तो पत्नी की मृत्यु से दुखी विश्वेश्वर ने उसकी माँग को अनसुना कर दिया। माँगने पर घरवालों से पैसे मिलने नहीं थे, इसलिए उसने पैसे चुराए ।
प्रश्न 2.
विश्वेश्वर ने श्यामू को क्यों मारा?
उत्तर:
विश्वेश्वर ने श्यामू को इसलिए मारा क्योंकि श्यामू ने उनकी जेब से एक रुपया चुराया था. पर उसने क्यों चुराया था, इसका पता नहीं था ।
प्रश्न 3.
भोला श्यामू से अधिक समझदार था। यह किस बात से पता चलता है ?
उत्तर:
भोला श्यामू से अधिक समझदार था। यह बात तब पता चलती है, जब वह श्यामू से कहता है कि काकी पतंग की पतली डोर के सहारे नहीं उतर सकती, वह टूट सकती है। इसलिए पतंग में मोटी रस्सी हो तो सब ठीक हो जाएगा।
प्रश्न 4.
‘मुखबिर’ का क्या मतलब है? कहानी में भोला को मुखबिर क्यों कहा गया है ?
उत्तर:
‘मुखबिर’ का मतलब होता है जासूस, गुप्त खबर देने वाला। कहानी में भोला को मुखबिर इसलिए कहा गया है क्योंकि उसने श्यामू के पिता विश्वेश्वर के धमकाने से श्यामू की सारी बातें उन्हें बता दीं।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
पतंग पर काकी लिखा देख विश्वेश्वर हतबुद्धि होकर वहीं खड़े रह गए थे। आगे की कहानी के बारे में कल्पना कीजिए ।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 2.
कल्पना कीजिए यदि श्यामू की चोरी न पकड़ी जाती और वह पतंग उड़ाने में सफल हो जाता तो क्या होता ?
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
भाषा में से
प्रश्न 1.
दिए गए वाक्य को ध्यान से पढ़िए। काकी के लिए कई दिन लगातार रोते-रोते उसका रुदन तो धीरे-धीरे शांत हो गया परंतु शोक शांत न हो सका। इस वाक्य में रोते-रोते तथा धीरे-धीरे के प्रयोग द्वारा यह बताया गया है कि रुदन क्रमशः शांत हो गया अर्थात रुदन की प्रक्रिया धीमे होते-होते शांत हो गई।अब इस तरह के वाक्य बनाइए, जिनमें इन शब्दों का प्रयोग हो –
उत्तर:
(क) खेलते-खेलते – बच्चा खेलते – खेलते सो गया।
(ख) चलते-चलते – हम जंगल में चलते-चलते दूर तक निकल गए।
(ग) खाते-खाते – राधा खाते-खाते रोने लगी।
(घ) बनते-बनते – आप जल्दी न करें, कार्य तो बनते-बनते बनेगा।
प्रश्न 2.
नीचे दिए गए शब्दों को शब्द-कोश के क्रम के अनुसार लिखिए तथा साथ ही उनके अर्थ भी लिखिए –
पतंग, अग्नि, भूमि, इच्छा, उपद्रव, हृदय, मृत्यु, अनमने, उत्कंठित, हतबुद्धि, विलाप, विघ्न
उत्तर:
जीवन-मूल्य
प्रश्न 1.
“ मैं यह पतंग राम के यहाँ भेजूँगा । इसे पकड़कर काकी नीचे उतरेगी। मैं लिखना नहीं जानता, नहीं तो इस पर उसका नाम लिख देता।” कहानी में रस्सी के सहारे काकी को नीचे लाने की बात श्यामू के बाल मनोविज्ञान (भोलेपन) को उजागर करती है। क्या आपने भी भोलेपन में कुछ ऐसा किया है, जिसे सोचकर आपके मन में आश्चर्य, अफ़सोस या हँसी जैसे भाव उठते हैं?
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 2.
श्यामू ने अपने पिता के कोट की जेब से दो चार पैसे चुराए।
(क) क्या आप इसे चोरी / अपराध मानेंगे? क्यों?
उत्तर:
नहीं, हम इसे चोरी / अपराध की श्रेणी में नहीं रखेंगे क्योंकि श्यामू ने अपनी काकी से मिलने के उतावलेपन में ऐसा किया। यह एक सोची-समझी साजिश नहीं थी। यह उसकी नादानी हो सकती है. चोरी या अपराध नहीं।
(ख) आप ऐसी परिस्थिति में क्या करते?
उत्तर:
हम ऐसी स्थिति में श्यामू वाला कदम हरगिज़ नहीं उठाते बल्कि किसी-न-किसी तरीके से पिता जी को मना लेते।
कुछ करने के लिए
प्रश्न 1.
कहानी ‘काकी’ को नाटक के रूप में ढालकर इसका मंचन कीजिए ।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 2.
श्यामू और भोला ने जो कुछ किया उसके बारे में बताते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए ।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
DAV Class 7 Hindi Ch 17 Solutions – काकी
I. बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
श्यामू के घर में सवेरे-सवेरे कोहराम क्यों मचा था ?
(क) चोरी होने से
(ख) उसकी माँ की मृत्यु होने से
(ग) घर में झगड़ा होने से
(घ) श्यामू को डाँट पड़ने से
उत्तर:
(ख) उसकी माँ की मृत्यु होने से
प्रश्न 2.
जब लोग अग्नि-संस्कार हेतु गए थे तब श्यामू को किसने संभाला था ?
(क) उसके पिता ने
(ख) एक नौकर ने
(ग) एक दासी ने
(घ) उसके चाचा ने
उत्तर:
(ग) एक दासी ने
प्रश्न 3.
गुरुजनों ने उसे बताया कि उसकी माँ के घर गई हैं?
(क) मामा
(ख) किसी रिश्तेदार
(ग) दूसरे गाँव में
(घ) राम
उत्तर:
(क) मामा
प्रश्न 4.
इनमें क्या देखकर श्यामू प्रसन्न हो उठा ?
(क) गेंद
(ख) पतंग
(ग) खिलौना
(घ) कपड़े
उत्तर:
(ख) पतंग
प्रश्न 5.
श्यामू का हाथ कोट की जेब तक कैसे पहुँचा ?
(क) चारपाई सरकाकर
(ख) कुर्सी सरकाकर
(ग) मेज़ सरकाकर
(घ) स्टूल सरकाकर
उत्तर:
(घ) स्टूल सरकाकर
प्रश्न 6.
पहले दिन श्यामू ने कोट की जेब से क्या निकाला ?
(क) दुअन्नी
(ख) चवन्नी
(ग) अठन्नी
(घ) एक रुपया
उत्तर:
(ख) चवन्नी
प्रश्न 7.
श्याम का साथी भोलू किसका पुत्र था ?
(क) दुखिया दासी का
(ख) मुनिया दासी का
(ग) सुखिया दासी का
(घ) भोलू के भाई से
उत्तर:
(ग) सुखिया दासी का
प्रश्न 8.
श्यामू ने भोलू को चवन्नी देकर इनमें से किससे पतंग और डोर मँगाने के लिए कहा ताकि कोई जान न पाए?
(क) भालू की दादी से
(ख) भोलू की चाची से
(ग) भोलू की जीजी से
(घ) पुनिया दासी का
उत्तर:
(ग) भोलू की जीजी से
प्रश्न 9.
दूसरी बार श्यामू ने अपने पिता की जेब से कितने रुपये निकाले ?
(क) एक रुपया
(ख) डेढ़ रुपये
(ग) दो रुपये
(घ) ढाई रुपये
उत्तर:
(क) एक रुपया
प्रश्न 10.
श्यामू काग़ज़ पर इनमें से किससे ‘काकी’ लिखवाना चाहता था ?
(क) मोहन भैया से
(ख) गणेश भैया सं
(ग) भुवन भैया से
(घ) जवाहिर भैया से
उत्तर:
(घ) जवाहिर भैया से
प्रश्न 11.
श्यामू और भोलू पतंग में रस्सी कहाँ बैठकर बाँध रहे थे?
(क) बरामदे में
(ख) मैदान में
(ग) अँधेरे कमरे में
(घ) छत पर
उत्तर:
(ग) अँधेरे कमरे में
प्रश्न 12.
विश्वेश्वर ने फटी पतंग उठाकर देखा। उस पर चिपके कागज़ पर लिखा था ………………|
(क) दादी
(ख) अम्मा
(ग) चाची
(घ) काकी
उत्तर:
(घ) काकी
II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न
(क) श्यामू का साथी कौन था?
उत्तर;
श्यामू का साथी भोला था।
(ख) श्यामू ने पिता के कोट से चवन्नी क्यों निकाली ?
उत्तर:
श्यामू ने पतंग खरीदने के लिए पिता के कोट से चवन्नी निकाली।
(ग) श्यामू और भोलू में कौन अधिक समझदार था ?
उत्तर:
श्यामू और भोलू में भोलू अधिक समझदार था ।
(घ) भोलू पर पहली ही डाँट का क्या असर हुआ ?
उत्तर:
भोलू पहली ही डाँट में मुखबिर बन गया।
(ङ) श्यामू जवाहिर भैया से क्यों लिखवाना चाहता था ?
उत्तर:
श्यामू को स्वयं लिखना नहीं आता था, इसलिए वह जवाहिर भैया से लिखवाना चाहता था।
III. लघु उत्तरीय प्रश्न (30-35 शब्दों में )
श्यामू अपनी काकी से बहुत प्यार करता था। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
श्यामू अपनी काकी से बहुत प्यार करता था। लोग जब अंतिम संस्कार हेतु काकी को श्मशान घाट ले जा रहे थे तो लोगों के हाथ से छूटकर वह काकी पर जा गिरा और ले जाने का विरोध किया। कई दिन तक रोते-रोते उसका रुदन तो शांत हुआ पर मन का दुख नहीं । उसने काकी को वापस लाने के लिए चोरी करके पतंग और डोर खरीदी।
IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ( 70-80 शब्दों में )
श्यामू के पिता ने उसके साथ जैसा व्यवहार किया वह परिस्थितियों के अनुसार कितना उचित था ? अपनी राय लिखिए।
उत्तर:
श्यामू के पिता ने श्यामू के साथ जैसा व्यवहार किया वह कितना उचित था या अनुचित, इसका निर्णय करने से पूर्व विश्वंश्वर (श्यामू के पिता) की परिस्थितियों पर विचार करना चाहिए। श्यामू की माँ की मृत्यु से दुखी विश्वेश्वर को अपने दुख के आगे श्यामू की पतंग की माँग को अनसुना करना पड़ा। इसके अलावा जब उन्होंने श्यामू को चाँटे मारे थे तो भी श्यामू के भविष्य को ध्यान में रखा था कि वह चोरी की आदत न सीख जाए। इन परिस्थितियों को देखने से लगता है कि श्यामू के पिता का व्यवहार ठीक था।
क्रियाकलाप
उन कार्यों की सूची बनाइए जिनमें आपकी माँ आपकी मदद करती हैं या आपके लिए करती हैं और जिन कार्यों में आप उनकी मदद करते हैं।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
1. यद्यपि बुद्धिमान गुरुजनों ने उसे विश्वास दिलाया कि उसकी काकी उसके मामा के यहाँ गई है, परंतु यह बात उससे छपी न रह सकी कि काकी और कहीं नहीं, ऊपर राम के यहाँ गई है। काकी के लिए कई दिन लगातार रोते-रोते उसका रुदन तो धीरे-धीरे शांत हो गया परंतु शोक शांत न हो सका। वह प्राय: अकेला बैठा-बैठा शून्य मन से आकाश की ओर ताका करता।
प्रश्न –
(क) गुरुजनों ने उसे क्या विश्वास दिलाया था ?
(ख) उससे कौन – सी बात छिपी न रह सकी ?
(ग) उसका रुदन कब शांत हुआ?
(घ) वह आकाश की ओर क्यों ताकता था?
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम लिखिए।
उत्तर:
(क) गुरुजनों ने उसे यह विश्वास दिलाया था कि उसकी काकी उसके मामा के घर गई है।
(ख) उसकी काकी ऊपर राम के यहाँ गई है, यह बात उससे छिपी न रह सकी ।
(ग) वह अपनी काकी के लिए कई दिन तक रोता रहा। इस तरह धीरे-धीरे उसका रुदन शांत हुआ।
(घ) उसको विश्वास था कि उसकी काकी ऊपर गई हैं जहाँ राम का घर है। उन्हें देखने के लिए ही वह आकाश
की ओर देखा करता (ताकता ) था।
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम है- ‘काकी’।
2. पत्नी की मृत्यु के बाद से विश्वेश्वर बहुत अनमने से रहते थे। ” अच्छा मँगा दूँगा ” कहकर वे उदास भाव से और कहीं चले गए। श्यामू पतंग के लिए बहुत उत्कंठित था। वह अपनी इच्छा किसी तरह न रोक सका। एक जगह खूँटी पर विश्वेश्वर का कोट टँगा था। इधर-उधर देखकर उसके पास एक स्टूल सरकाकर रखा और ऊपर चढ़कर कोट की जेबें टटोलीं। एक चवन्नी पाकर वह तुरंत वहाँ से भाग गया।
प्रश्न
(क) विश्वेश्वर उदास क्यों रहते थे?
(ख) ‘अच्छा मँगा दूँगा ” – यह किसने, किससे कहा था?
(ग) श्यामू अपनी कौन-सी इच्छा नहीं रोक सका?
(घ) श्यामू ने अपनी इच्छा पूरी करने के लिए क्या किया ?
(ङ) चवन्नी लेकर वह तुरंत क्यों भाग गया ?
उत्तर:
(क) विश्वेश्वर की पत्नी का देहांत हो चुका था, इसलिए वे उदास रहते थे।
(ख) अच्छा मँगा दूँगा ” – यह विश्वेश्वर ने श्यामू से पतंग के बारे में कहा था।
(ग) श्यामू पतंग लाने की इच्छा न रोक पाया।
(घ) अपनी इच्छा पूरी करने के लिए श्यामू ने अपने पिता के कोट की जेब से एक चवन्नी निकाल ली।
(ङ) इस चवन्नी से वह जल्दी से जल्दी पतंग खरीदना चाहता था, इसलिए वह वहाँ से तुरंत भाग गया।
3. पहले दिन की ही तरकीब से दूसरे दिन फिर उसने पिता के कोट से एक रुपया निकाला। ले जाकर भोला को दिया और बोला, “देख भोला, किसी को मालूम न होने पाए। अच्छी-अच्छी दो रस्सियाँ मँगा दे। एक रस्सी छोटी पड़ेगी। जवाहिर भैया से मैं एक काग़ज़ पर ‘काकी’ लिखवा लूँगा । नाम लिखा रहेगा तो पतंग ठीक उन्हीं के पास पहुँच जाएगी।’
प्रश्न –
(क) पहले दिन की तरकीब क्या थी?
(ख) श्यामू ने पिता की जेब से क्या निकाला ?
(ग) श्यामू और भोला दो रस्सियाँ क्यों खरीदना चाहते थे ? (घ) श्यामू किससे, क्या लिखवाना चाहता था?
(ङ) नाम लिखवाने के पीछे श्यामू की क्या मंशा थी ?
उत्तर:
(क) पहले दिन की तरकीब यह थी -खूँटी में टँगे कोट की जेब तक पहुँचने के लिए स्टूल खींचकर जेब से पैसे निकालना।
(ख) श्यामू ने अपने पिता की जेब से पहले चवन्नी और फिर एक रुपया निकाला।
(ग) श्यामू और भोला दो रस्सियाँ इसलिए खरीदना चाहते थे, जिससे एक रस्सी छोटी न पड़ जाए । रस्सी मोटी और मज़बूत होने से टूटने का भय भी न रहेगा।
(घ) श्यामू जवाहिर भैया से एक काग़ज़ पर ‘काकी’ लिखवाना चाहता था।
(ङ) नाम लिखवाने के पीछे उसकी यह मंशा थी कि इससे पतंग ठीक उन्हीं (काकी) के पास पहुँच जाएगी।
4. दो घंटे बाद प्रफुल्ल मन से श्यामू और भोला अँधेरे कमरे में बैठे हुए पतंग में रस्सी बाँध रहे थे। अकस्मात् उग्र रूप धारण किए विश्वेश्वर शुभ कार्य में विघ्न की तरह वहाँ जा घुसे। भोला और श्यामू को धमकाकर बोले, ” तुमने हमारे कोट से रुपया निकाला है?” भोला एक ही डाँट में मुखबिर हो गया। बोला, “श्यामू भैया ने रस्सी और पतंग मँगाने के लिए निकाला था । ” प्रश्न (क) श्यामू और भोला अँधेरे कमरे में बैठे काम क्यों कर रहे थे ?
प्रश्न –
(ख) विश्वेश्वर वहाँ किस मुद्रा में आए ?
(ग) विश्वेश्वर ने भोला और श्यामू से क्या पूछा?
(घ) भोला ने मुखबिरी में क्या बताया ?
(ङ) गद्यांश के पाठ के लेखक का नाम क्या है?
उत्तर
(क) श्यामू और भोला अँधेरे कमरे में बैठे इसलिए काम कर रहे थे ताकि उनकी योजना का पता किसी और को न चल सके।
(ख) विश्वेश्वर अत्यंत क्रोधित मुद्रा में आए।
(ग) विश्वेश्वर ने भोला और श्यामू से अपने कोट से रुपया निकालने के बारे में पूछा।
(घ) भोला ने मुखबिरी में बताया, ” श्यामू भैया ने कोट की जेब से रुपया रस्सी और पतंग मँगाने के लिए निकाला था।”
(ङ) गद्यांश के पाठ के लेखक का नाम है- ‘श्री सियारामशरण गुप्त’।
शब्दार्थ
पृष्ठ संख्या-100.
कुहराम – रोना, कलपना।
भूमि-शयन – ज़मीन पर सोना।
करुण – दयापूर्ण।
विलाप – रोना।
उपद्रव – उत्पात।
अग्नि संस्कार – मृतक का अंतिम संस्कार चिता देना।
पृष्ठ संख्या – 101.
रुदन – विलाप।
शोक – दुख।
ताका करता – देखा करता।
हृदय खिल उठना – प्रसन्न हो जाना।
अनमने – उदास।
उत्कंठित – लालायित।
टटोलीं – खोजी।
चवन्नी – एक रुपये का चौथाई भाग।
पृष्ठ संख्या – 102.
दाम – मूल्य, कीमत।
दया-माया-मोह – ममता।
तरकीब – उपाय।
प्रफुल्ल – खुश।
अकस्मात् – अचानक।
उग्र – भयानक।
विघ्न – बाधा।
[मुखबिर – जासूस।
पृष्ठ संख्या – 103.
हतबुद्धि – कुछ समझ में न आना।
काकी Summary in Hindi
पाठ – परिचय
‘काकी’ नामक इस पाठ में बाल मनोविज्ञान का अत्यंत सुंदर चित्रण हुआ है। अबोध श्यामू को यह नहीं पता है कि मरना क्या होता है। उसे यह पता है कि उसकी काकी राम के घर गई हैं। अब वह वहाँ से आएँ कैसे, यह समस्या है। वह अपनी काकी को उतारने के लिए दो रस्सियों में पतंग बाँधकर आसमान में भेजना चाहता है, जिनके सहारे उसकी काकी नीचे आ जाएँ।
पाठ का सार
इस पाठ में श्यामू नामक अबोध बालक की बाल-सुलभ सोच और बाल- बुद्धि के चिंतन का वर्णन है। श्यामू अपनी माँ को ‘काकी’ कहता है। एक दिन वह सोकर उठा तो घर में रोना-धोना मचा था । उसे लगा कि उसकी माँ कपड़ा ओढ़े ज़मीन पर सो रही है और लोग रो-धो रहे हैं। जब लोग काकी को श्मशान ले जाने के लिए उठाने लगे तो वह बहुत रोया। वह कह रहा था कि उसकी सोती हुई काकी को क्यों और कहाँ ले जा रहे हैं। उसे अग्नि- संस्कार में नहीं ले जाया गया। एक दासी राम-राम करके उसे घर पर सँभाले रही।
श्यामू की समझ में यही था कि उसकी काकी ऊपर राम के घर गई हैं। उसका शोक कम न हुआ। वह बैठा-बैठा आकाश की ओर ताका करता था। एक दिन एक उड़ती हुई पतंग देखकर उसका मन प्रसन्न हो उठा। उसने अपने पिता से एक पतंग लाने के लिए कहा। पत्नी की मृत्यु से दुखी उसके पिता विश्वेश्वर इसे अनसुना कर गए।
उत्कंठित श्यामू ने स्टूल सरकाकर उनके कोट की जेब से चवन्नी निकाली और अपने साथी भोलू को चवन्नी देकर पतंग और डोर मँगाने के लिए कह दिया। इस बात को वह सबसे छिपाकर रखना चाहता था। वह भोला के साथ अँधेरे कमरे में पतंग से डोर बाँधने लगा । उसने भोला से कहा कि मैं यह पतंग ऊपर राम के यहाँ भेजूँगा । इसे पकड़कर काकी नीचे उतरेंगी। मैं लिखना जानता तो इस पर काकी लिख देता।
भोला कुछ समझदार था। उसने कहा ‘यदि काकी इसे पकड़कर उतरेंगी तो इसके टूटने का भय है। इसके लिए मोटी रस्सी चाहिए। उसने पिता के कोट से एक रुपया निकालकर दो मोटी-मोटी रस्सियाँ मँगा लीं। वह जवाहिर भैया से उस पतंग पर काकी लिखवाना चाहता था ताकि पतंग ठीक उन्हीं के पास पहुँच जाए। श्यामू और भोला सारा इंतज़ाम करने के बाद पतंग में रस्सी बाँध रहे थे कि क्रोधित विश्वेश्वर ने दोनों को धमकाकर कोट से निकाले रुपये के बारे में पूछा।
भोला ने सच बता दिया । विश्वेश्वर ने श्यामू को थप्पड़ जड़कर कहा, “ चोरी सीख कर जेल जाएगा? अच्छा, तुझे आज अच्छी तरह समझाता हूँ ।” यह कहकर विश्वेश्वर ने कान उमेठकर पतंग फाड़ दी। उन्होंने रस्सियों को देखकर उनके बारे में पूछा। भोला ने बताया, ” इन्होंने मँगाई थी। इससे पतंग तानकर काकी को राम के यहाँ से उतारेंगे।” पतंग पर ‘काकी’ लिखा देख, विश्वेश्वर सारी बात समझकर ठगे से खड़े रह गए।