Regular practice using DAV Class 7 Hindi Solutions and DAV Class 7 Hindi Chapter 16 Question Answer – देशभक्त पुरु are essential for improving writing and analytical skills.
DAV Class 7 Hindi Chapter 16 Question Answer – देशभक्त पुरु
DAV Class 7 Hindi Ch 16 Question Answer – देशभक्त पुरु
पाठ में से
प्रश्न 1.
सैनिक ने राजा पुरु को क्या समाचार दिया ?
उत्तर:
सैनिक ने राजा पुरु को समाचार दिया कि यूनानी सेना सिंधु पारकर हमारी ओर तेज़ी से बढ़ रही है तथा तक्षशिला के राजा आम्भी सिकंदर से मिल गए हैं।
प्रश्न 2.
सिकंदर के दूत ने पुरु को क्या सलाह दी ?
उत्तर:
सिकंदर के दूत ने पुरु को सलाह दी कि आप भी आम्भी की तरह सुलह कर लें। इस तरह लड़ाई भी नहीं होगी और आपकी गद्दी भी बच जाएगी।
प्रश्न 3.
सिकंदर की सेना झेलम क्यों नहीं पार कर पा रही थी ?
उत्तर:
सिकंदर की सेना ने जब झेलम के किनारे डेरा डाला, उस समय वर्षा की ऋतु थी । लगातार वर्षा से झेलम अपने उफान पर थी। गहरी नदी के बहाव में नदी पार करने से सैनिक बह सकते थे, इसलिए सिकंदर की सेना नदी नहीं पार कर पा रही थी।
प्रश्न 4.
सिकंदर के पुरु से यह पूछने पर कि आपके साथ कैसा व्यवहार किया जाए, पुरु ने क्या कहा ?
उत्तर:
सिकंदर के पुरु से यह पूछने पर कि आपके साथ कैसा व्यवहार किया जाए, पुरु ने कहा- वैसा ही, जैसा एक राजा दूसरे राजा के साथ करता है।
प्रश्न 5.
नीचे दिए गए कथन किसने किससे कहे, लिखिए –
उत्तर:
कथन | किसने कहा | किससे कहा |
(क) अपने सम्राट से यह कहना कि हम उसे हारना सिखा देंगे। | राजा पुरु ने | सिकंदर के दूत से |
(ख) क्या वे नहीं जानते कि हमारी सेना कितनी बड़ी है ? | सिकंदर ने | अपने दूत से |
(ग) हमारे जवान पुरु के हाथियों से घबराए हुए हैं। | सिकंदर ने | आम्भी से |
(घ) रस्सी जल गई, पर ऐंठ नहीं गई। | आम्भी ने | सिकंदर से |
प्रश्न 6.
पाठ के आधार पर कुछ कथन दिए गए हैं। सही कथन के आगे सही (✓ ) का चिह्न एवं गलत के आगे (✗) का चिह्न लगाइए। गलत कथन को सही करके दोबारा कॉपी में लिखिए –
(क) राजा आम्भी पुरु के साथ युद्ध लड़ रहा था । ( )
(ख) पुरु ने सिकंदर के दूत से कहा कि वह लड़ाई के मैदान में ही सिकंदर का स्वागत करेगा । ( )
(ग) दो महीने तक सिकंदर की सेना झेलम के किनारे डेरा डाले रही। ( )
(घ) सिकंदर ने यूनान पर आक्रमण किया था। ( )
(ङ) सिकंदर ने पुरु को बंदी बनाकर जेल में डलवा दिया। ( )
उत्तर
(क) राजा आम्भी पुरु के साथ युद्ध लड़ रहा था । ( ✗)
(ख) पुरु ने सिकंदर के दूत से कहा कि वह लड़ाई के मैदान में ही सिकंदर का स्वागत करेगा । (✓ )
(ग) दो महीने तक सिकंदर की सेना झेलम के किनारे डेरा डाले रही। ( ✓)
(घ) सिकंदर ने यूनान पर आक्रमण किया था। ( ✗)
(ङ) सिकंदर ने पुरु को बंदी बनाकर जेल में डलवा दिया। (✗ )
ऊपर दिए गए कथनों में से ‘क’, ‘घ’ और ‘ङ’ पूर्णतया गलत कथन हैं। इनका सही रूप इस प्रकार होना चाहिए –
(क) राजा आम्भी देश के साथ गद्दारी कर रहा था।
(घ) सिकंदर ने भारत पर आक्रमण किया था।
(ङ) सिकंदर ने पुरु को बंदी बनाकर जेल में नहीं डलवाया।
बातचीत के लिए
प्रश्न 1.
आम्भी को देशद्रोही क्यों कहा गया है ?
उत्तर:
आम्भी को देशद्रोही इसलिए कहा गया है क्योंकि उसने यूनानी आक्रमणकारी सिकंदर से युद्ध नहीं किया बल्कि कायरता का परिचय देते हुए उसने सिकंदर की दासता स्वीकार कर ली। इससे सिकंदर का मनोबल बढ़ गया।
प्रश्न 2.
पुरु ने मित्र राजाओं से आपस में न लड़ने के लिए क्यों कहा?
उत्तर:
पुरु ने मित्र राजाओं से आपस में न लड़ने के लिए इसलिए कहा, क्योंकि सिकंदर के पास विशाल सेना थी । उसने कई देशों को जीत लिया था। उसका मुकाबला करने तथा उसको हराने के लिए सभी का मिलकर लड़ना ज़रूरी था।
प्रश्न 3.
सिकंदर ने पुरु का राज्य क्यों लौटा दिया?
उत्तर:
सिकंदर पुरु की वीरता, साहस, स्वाभिमान और देश-प्रेम से प्रभावित था। वह बहादुरों का सम्मान करता था, इसलिए
उसने पुरु से मित्रता करते हुए उसका राज्य वापस कर दिया।
प्रश्न 4.
सिकंदर और पुरु के चरित्र में से आपको किसका चरित्र सबसे अधिक प्रभावशाली लगा और क्यों?
उत्तर:
मुझे पुरु का चरित्र सबसे अधिक प्रभावशाली लगा क्योंकि वह एक वीर और साहसी योद्धा था। वह अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए सिकंदर जैसे सम्राट से भी लोहा लेने के लिए तैयार हो गया।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
क्या होता अगर सिकंदर ने रात को आक्रमण न किया होता?
उत्तर:
यदि सिकंदर ने रात में आक्रमण नहीं किया होता तो पुरु और सिकंदर में भयानक युद्ध होता। इस युद्ध में सिकंदर हार भी सकता था क्योंकि पुरु भी असाधारण योद्धा था ।
प्रश्न 2.
क्या होता अगर सिकंदर पुरु को बंदी बनाकर जेल में डाल देता ?
उत्तर:
सिकंदर पुरु को बंदी बनाकर यदि जेल में डाल देता तो उसका राज्य सिकंदर के कब्ज़े में होता । वह आम्भी को पुरु का राज्य न देता क्योंकि सिकंदर की दृष्टि में आम्भी गद्दार था।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
पाठ में आए मुहावरों का वाक्य में प्रयोग कीजिए-
उत्तर:
(क) कूच करना सेनापति ने सेना को युद्ध के लिए कूच करने का आदेश दिया।
(ख) सुलह करना झगड़े के बाद अब दोनों भाई सुलह करना चाहते हैं।
(ग) सबक सिखाना पुरु सिकंदर को सबक सिखाना चाहता था।
प्रश्न 2.
दिए गए अनुच्छेद से विराम चिह्नों को हटा दिया गया है। ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उपयुक्त चिह्न लगाइए –
उत्तर:
युद्ध, युद्ध है राजा पुरु वहाँ न्याय और धोखा नहीं देखा जाता। हम आपकी बहादुरी की तारीफ़ करते हैं। मैंने अँधेरी रात में आपकी चमकती हुई तलवार देखी थी। अब आप हमारे कैदी हैं। बताइए, आपके साथ कैसा व्यवहार किया जाए ?
जीवन मूल्य
प्रश्न 1.
पुरु एक देशभक्त राजा था और आम्भी एक देशद्रोही।
(क) देशभक्त की कोई पाँच विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
देशभक्त वीर, साहसी, देश-प्रेमी, स्वाभिमानी, कर्तव्यपरायण, सत्यप्रिय, सहयोगी आदि गुणों से युक्त होता है।
(ख) आप इनमें से किन विशेषताओं को अपनाना चाहेंगे?
उत्तर:
हम इनमें से सारी विशेषताएँ (गुण) अपनाना चाहेंगे।
प्रश्न 2.
पुरु एक साहसी और स्वाभिमानी राजा थे। क्या आप भी इन गुणों को अपने अंदर उतारना चाहेंगे?
उत्तर:
पुरु एक साहसी और स्वाभिमानी राजा थे। हाँ, हम भी इन गुणों को अपने अंदर उतारना चाहेंगे।
कुछ करने के लिए
प्रश्न 1.
एकांकी ‘देशभक्त पुरु’ का कक्षा में मंचन कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 2.
‘युद्ध का जवाब युद्ध से देना चाहिए या अहिंसा और शांति से’ विषय पर कक्षा में वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
DAV Class 7 Hindi Ch 16 Solutions – देशभक्त पुरु
I. बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
यूनानी सेना इनमें से कौन-सी नदी पार कर चुकी थी ?
(क) रावी
(ख) सिंधु
(ग) झेलम
(घ) चिनाव
उत्तर:
(ख) सिंधु
प्रश्न 2.
आम्भी कहाँ का राजा था?
(क) पंजाब
(ख) तक्षशिला
(ग) यूनान
(घ) अफगानिस्तान
उत्तर:
(ख) तक्षशिला
प्रश्न 3.
पुरु की दृष्टि में आम्भी ………………. है।
(क) देशभक्त
(ख) साहसी
(ग) देशद्रोही
(घ) वफ़ादार
उत्तर:
(ग) देशद्रोही
प्रश्न 4.
पुरु युद्ध का निमंत्रण पत्र इनमें से किसे भेजना चाहता था ?
(क) आसपास के और मित्र राजाओं को
(ख) आम्भी कां
(ग) सिकंदर को
(घ) सैल्यूकस को करेंगे।
उत्तर:
(क) आसपास के और मित्र राजाओं को
प्रश्न 5.
पुरु ने कहा, अब हम लड़ाई के मैदान में उसका
(क) मुकाबला
(ख) अपमान
(ग) युद्ध
(घ) स्वागत
उत्तर:
(घ) स्वागत
प्रश्न 6.
सिकंदर की सेना किस नदी के किनारे डेरा डाले थी?
(क) व्यास
(ख) सतलुज
(ग) झेलम
(घ) सिंधु
उत्तर:
(ग) झेलम
प्रश्न 7.
पुरु के पास ………………. की बड़ी फौज़ है ?
(क) घोड़ों
(ख) हाथियों
(ग) अश्वारोहियों
(घ) पैदल सैनिकां
उत्तर:
(ख) हाथियों
प्रश्न 8.
आम्भी ने सिकंदर से कहा, ‘यह ………………… हमारे लिए वरदान है।’
(क) रात
(ख) सेना
(ग) नदी
(घ) वर्षा
उत्तर:
(घ) वर्षा
प्रश्न 9.
टापू के पास नदी कैसी है?
(क) बहुत चौड़ी
(ख) बहुत गहरी
(ग) बहुत सँकरी
(घ) कम गहरी
उत्तर:
(घ) कम गहरी
प्रश्न 10.
सिकंदर ने धोखे से किए युद्ध में पुरु ………………..
(क) बंदी बना लिया
(ख) मुक्त कर दिया
(ग) कत्ल कर दिया
(घ) आम्भी के पास भेज दिया
उत्तर:
(क) बंदी बना लिया
प्रश्न 11.
सिकंदर के अनुसार युद्ध में ……………….. और धोखा नहीं देखा जाता।
(क) सम्मान
(ख) न्याय
(ग) छल
(घ) अपमान
उत्तर:
(ख) न्याय
प्रश्न 12.
सिकंदर पुरु के ………………. से बहुत प्रभावित हुआ।
(क) साहस
(ग) वीरता
(ख) स्वाभिमान
(घ) साहस, स्वाभिमान और वीरता
उत्तर:
(घ) साहस, स्वाभिमान और वीरता
II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न
(क) आम्भी कहाँ का राजा था ?
उत्तर:
आम्भी तक्षशिला का राजा था।
(ख) सिकंदर की सेना कितने समय तक नदी के किनारे डेरा डाले रही?
उत्तर:
सिकंदर की सेना दो महीने तक नदी के किनारे डेरा डाले रही।
(ग) सिकंदर को नदी पार करने का उपाय किसने बताया ?
उत्तर:
सिकंदर को नदी पार करने का उपाय आम्भी ने बताया।
III. लघु उत्तरीय प्रश्न (30 से 35 शब्दों में)
पुरु ने सिकंदर का मुकाबला करने के लिए क्या-क्या किया ?
उत्तर:
पुरु ने सिकंदर का मुकाबला करने के लिए अपने सेनापति को युद्ध कीं तैयारी करने के लिए कहा। उसने अपने महामंत्री से आस-पास के और मित्र राजाओं को युद्ध का निमंत्रण पत्र भेजने के लिए कहा। उसने राजाओं से यह भी कहलवाया कि यह आपस में लड़ने का समय नहीं है। वे पिछली बातें भूल जाएँ।
IV. मूल्यपरक प्रश्न
पुरु के चरित्र से आप क्या – क्या मूल्य ग्रहण करेंगे ?
उत्तर:
पुरु वीर एवं साहसी योद्धा था। वह आम्भी द्वारा सिकंदर से मिल जाने पर भी सिकंदर का मुकाबला करने को तैयार हो जाता है। पुरु के चरित्र से हम साहसी बनने, मातृभूमि की रक्षा करने, देश-प्रेम करने तथा अपना स्वाभिमान बनाए रखने जैसे मूल्य ग्रहण करेंगे।
क्रियाकलाप
‘देशभक्त पुरु’ नामक इस नाटक को कहानी रूप में लिखिए और अपने अध्यापक को दिखाएँ।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
1. पुरु : (सैनिक को बाहर जाने का इशारा करके, महामंत्री और सेनापति की ओर देखकर ) हम जानते थे कि आम्भी ऐसा ही करेगा। वह देशद्रोही है। अब हमें सिकंदर के साथ उसे भी सबक सिखाना पड़ेगा । सेनापति युद्ध की तैयारी करो। महामंत्री आस-पास के और मित्र राजाओं को युद्ध का निमंत्रण- पत्र भेजो।
प्रश्न –
(क) यहाँ कौन, किसको आदेश दे रहा है?
(ख) आम्भी कौन था ?
(ग) पुरु आम्भी और सिकंदर को सबक क्यों सिखाना चाह रहा था?
(घ) पुरु ने अन्य राजाओं को निमंत्रण पत्र क्यों भिजवाया ?
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम लिखिए।
उत्तर:
(क) यहाँ सम्राट पुरु अपने सेनापति को आदेश दे रहा है।
(ख) आम्भी तक्षशिला का राजा था। वह मातृभूमि की रक्षा करने की बजाय यूनानी शासक सिकंदर से जा मिला। (ग) पुरु आम्भी को देशद्रोह के लिए और सिकंदर को भारत पर हमला करने के लिए सबक सिखाना चाह रहा था।
(घ) पुरु ने अन्य मित्र राजाओं को इसलिए निमंत्रण-पत्र भिजवाया ताकि सभी राजा एकजुट होकर हमलावर सिकंदर को हरा सकें।
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम है- ‘देशभक्त पुरु’।
2. ( उत्तेजित होकर) आम्भी अपनी औकात समझो। धोखा मैंने नहीं, तुमने अपने देश के साथ किया है। देश के गद्दारों को सीख देना यूनानी खूब जानते हैं। अब आप जा सकते हैं । ( पुरु से ) महाराज पुरु, आज से हम आपके दोस्त हैं। मैं वचन देता हूँ कि यह दोस्ती जीते जी कायम रहेगी।
प्रश्न –
(क) यह गद्यांश कौन कह रहा है?
(ख) वह आम्भी को क्यों धमका रहा था ?
(ग) यूनानी क्या जानते हैं?
(घ) उसने पुरु को क्या वचन दिया?
(ङ) आज से हम आपके दोस्त हैं- ऐसा उसने क्यों कहा?
उत्तर:
(क) यह गद्यांश सिकंदर कह रहा है।
(ख) वह आम्भी को इसलिए धमका रहा था क्योंकि आम्भी ने कायरता और गद्दारी का परिचय देते हुए अपने देश की रक्षा करने की जगह सिकंदर से आ मिला था।
(ग) यूनानी देश के गद्दारों को सीख देना जानते हैं और यह भी जानते हैं कि ऐसे लोगों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए।
(घ) उसने पुरु से जीवन भर मित्रता निभाने का वचन दिया।
(ङ) सिकंदर पुरु के स्वाभिमान, वीरता, देश-प्रेम और रण कौशल से बहुत प्रभावित हुआ था, इसलिए उसने कहा, ‘आज से हम आपके दोस्त हैं। ”
शब्दार्थ
पृष्ठ संख्या-92.
चिंतित – चिंता में डूबे हुए।
देशद्रोही – देश के साथ गद्दारी करने वाला।
सबक सिखाना – दंड देना, पाठ पढ़ाना।
पृष्ठ संख्या-93.
दूत – संदेशवाहक।
सम्राट – राजा।
निर्दोष – बेकसूर।
सुलह – समझौता।
पृष्ठ संख्या-94.
कूच करना – प्रस्थान करना।
पृष्ठ संख्या-96.
टापू – ज़मीन का वह भाग जो चारों ओर जल से घिरा हो।
आक्रमण – हमला।
वीरता – बहादुरी।
पृष्ठ संख्या-97.
तारीफ़ – प्रशंसा।
रस्सी जल गई पर ऐंठ कम न हुई – अकड़ कम न होना।
औकात – सामर्थ्य।
जीते जी – जीवनभर।
कायम – बरकरार, जारी।
देशभक्त पुरु Summary in Hindi
पाठ – परिचय
‘देशभक्त पुरु’ नामक पाठ एक नाटक है। इसमें देशभक्त पुरु के साहस और स्वाभिमान का वर्णन है, जिसका सिकंदर भी कायल हो जाता है। वह पुरु का राज्य वापस कर जीवन भर के लिए उससे मित्रता कर लेता है और देशद्रोही आम्भी को बैरंग भेज देता है।
पाठ का सार
यह पाठ एक नाटक है, जिसके पहले दृश्य में पुरु का दरबार लगा है। पुरु सिंहासन पर बैठा है तभी सैनिक आकर उनसे बताता है कि सिकंदर की सेना सिंधु पार कर इस राज्य की ओर बढ़ती आ रही है। तक्षशिला का राजा आम्भी सिकंदर से मिल चुका है। पुरु ने बिना घबराए महामंत्री को युद्ध की तैयारी करने एवं आस-पास के राजाओं की पिछली बातें भूलकर सिकंदर से मुकाबला करने के लिए निमंत्रण पत्र भेजने के लिए कहा।
पुरु हर हाल में सिकंदर को हराना चाहता था। तभी सिकंदर का दूत आया और संदेश कह सुनाया कि पुरु भी आम्भी की तरह सुलह कर लें। इससे लड़ाई और उनका राज्य दोनों बच जाएँगे। पुरु ने दूत से कहा कि वह ( पुरु) सिकंदर का स्वागत युद्ध के मैदान में करेगा । दूत ने यह समाचार जब सिकंदर को सुनाया तो उसने सेना को कूच करने का आदेश दे दिया।
इधर सिकंदर के सैनिकों को झेलम के किनारे डेरा डाले दो महीने हो गए थे। झेलम अपने उफान पर थी। वर्षा ऋतु में सिकंदर की सेना नदी पार नहीं कर पा रही थी। उसने आम्भी से कहा कि लगता है कि हमें पुरु से युद्ध का विचार छोड़ना होगा क्योंकि दो महीने से सेना नदी नहीं पार कर सकी ।
देशद्रोही आम्भी ने सिकंदर से कहा, ” वर्षा ऋतु तो आपके लिए वरदान है। वर्षा के कीचड़ में हाथियों के पैर नहीं टिकते हैं। मैं एक स्थान ( टापू) जानता हूँ जहाँ पानी कम हैं। वहाँ से सेना पार कर जाएगी। सिकंदर ने उसी रात पुरु की सेना पर धोखे से आक्रमण कर दिया। सोती संना मारी गई और पुरु को बंदी बना लिया गया।
अंतिम दृश्य में सिकंदर सैल्यूकस को पुकार कर कैदी पुरु को लाने का आदेश देता है। वह पुरु से कहता है कि तुम्हारे साथ कैसा व्यवहार किया जाए । यह सुन पुरु ने कहा, “ जैसे एक राजा दूसरे के साथ करता है।” पुरु का स्वाभिमान और साहस भरा उत्तर सुनकर सिकंदर बहुत प्रभावित हुआ। उसने पुरु का राज्य वापस कर दिया और जीवन भर के लिए उससे मित्रता कर ली। उसने देशद्रोही आम्भी को अपने पास से भगा दिया।