Regular practice using DAV Class 7 Hindi Solutions and DAV Class 7 Hindi Chapter 11 Question Answer – उस रात की बात are essential for improving writing and analytical skills.
DAV Class 7 Hindi Chapter 11 Question Answer – उस रात की बात
DAV Class 7 Hindi Ch 11 Question Answer – उस रात की बात
पाठ में से
प्रश्न 1.
बुढ़िया के पैसे माँगने पर लेखक ने क्या समझा?
उत्तर:
बुढ़िया के पैसे माँगने पर लेखक ने समझा कि वह झूठ बोल रही है तथा भीख माँगने का नया बहाना खोज लिया है।
प्रश्न 2.
रात्रि में लेखक को डर क्यों लगने लगा?
उत्तर:
लेखक की मोटर साइकिल जंगल में खराब हो गई थी। रात गहराती जा रही थी। आस-पास के पेड़ और गीदड़ों की ‘हुआँ-हुआँ’ डरावनी लग रही थी। इसके अलावा वहाँ जंगली जानवरों और चोरों का भी भय था।
प्रश्न 3.
लेखक को अपने उस दिन के व्यवहार पर शर्मिंदा क्यों होना पड़ा?
उत्तर:
लेखक को उस दिन के व्यवहार पर इसलिए लज्जित होना पड़ा, क्योंकि सामर्थ्य होते हुए भी उसने बुढ़िया के बेटे की सहायता नहीं की थी, जबकि बुढ़िया तथा उसके घरवालों ने स्वयं मुसीबत उठाकर भी लेखक की मदद की थी।
प्रश्न 4.
बुढ़िया के घर से लौटते समय लेखक ने क्या प्रण किया?
उत्तर:
बुढ़िया के घर से लौटते हुए लेखक ने प्रण किया कि वह भी अब दीन-दुखियों और मुसीबत में पड़े लोगों की मदद करेगा, चाहे इसके लिए उसे तकलीफ़ ही क्यों न उठानी पड़े।
प्रश्न 5.
बुढ़िया के चरित्र की कोई तीन विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
बुढ़िया के चरित्र की तीन विशेषत्तएँ निम्नलिखित हैं-
- वह एक स्वाभिमानी महिला थी।
- वह मुसीबत में फँसे लोगों की मदद के लिए तैयार रहती थी। उसके मन में दूसरों के प्रति दयाभाव था।
- वह एक साहुसी महिला थी।
प्रश्न 6.
नीचे दिए गए कथन, किसने कहे, किससे कहे, लिखिए –
उत्तर:
कथन | किसने कहे | किससे कहे |
(क) मेरा बेटा बहुत बीमार है | बुढ़िया ने | लेखक से |
(ख) कह देना कि और घरों से माँग ले। | लेखक की पत्नी ने | अपनी बेटी से |
प्रश्न 7.
नीचे प्रत्येक प्रश्न के चार-चार उत्तर दिए गए हैं। उचित उत्तर पर सही (✓) का चिह्न लगाइए
उत्तर:
(क) लेखक ने अपनी बेटी से भिखारिन को क्या देने को कहा?
दो रुपए
दो-चार पैसे
पाँच रुपये
आठ रुपये
उत्तर:
दो-चार पैसे
(ख) लेखक को कितने महीने बाद शहर से दूर जाना पड़ा?
तीन महीने बाद
पाँच महीने बाद
दो महीने बाद
छह महीने बाद
उत्तर:
तीन महीने बाद
(ग) मिस्त्री को कौन बुलाकर लाया?
बुढ़िया का बेटा
बुढ़िया का पति
बुढ़िया का भाई
स्वयं बुढ़िया
उत्तर:
बुढ़िया का बेटा
(घ) बुढ़िया ने लेखक को क्या खाने को दिया?
मक्के की रोटी, सरसों का साग
बाजरे की रोटी, सरसों का साग
गेहूँ की रोटी, पालक का साग
बाजरे की रोटी, बथुए का साग
उत्तर:
बाजरे की रोटी, बथुए का साग
बातचीत के लिए
प्रश्न 1.
बेटी द्वारा पैसे दिए जाने पर बुढ़िया ने क्या कहा?
उत्तर:
बेटी द्वारा पैसे दिए जाने पर बुढ़िया ने कहा, “मैं भिखारिन नहीं हूँ। अपने बीमार बेटे के इलाज के लिए सहायता माँगने आई हूँ। वह ठीक हो जाए तो लौटा दूँगी।”
प्रश्न 2.
“सुन लिया न? नखरे भी पूरे दिखा रही है। इससे बात करना ही बेकार है। छोड़ो चली जाएगी अपने-आप।” इससे लेखक के बारे में क्या पता चलता है?
उत्तर:
इससे लेखक के रूखे (अमानवीय) व्यवहार और अहंवादी प्रवृत्ति का पता चलता है। वह किसी की भावनाओं की कद्र करना नहीं जानता है।
प्रश्न 3.
रात में आपको किस-किस से डर लगता है और क्यों?
उत्तर:
रात में मुझे चोर-लुटेरों, जंगल जानवरों और तथाकथित भूत-प्रेतों से डर लगता है, क्योंकि वे किसी न किसी रूप में हमें नुकसान पहुँचा सकते हैं।
प्रश्न 4.
लेखक की मोटर साइकिल कहाँ खराब हो गई थी और किसने ठीक की?
उत्तर:
लेखक की मोटर साइकिल बियाबान स्थान में खराब हो गई थी। अगले दिन बुढ़िया का बेटा पास के गाँव से मिस्त्री बुला लाया। उसने लेखक की मोटर साइकिल ठीक कर दी।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
बुढ़िया लेखक को रात में अपने घर ठहरने के लिए न कहती तो लेखक क्या करता?
उत्तर:
बुढ़िया लेख को रात में अपने घर ठहरने के लिए न कहती तो लेखक रात बिताने के लिए कोई और जगह ढूँढ़ता या फिर बुढ़िया से पूछकर मिस्त्री के पास जाकर उससे मोटर साइकिल ठीक करने का आग्रह करता।
प्रश्न 2.
आपने अक्सर लोगों को भीख माँगते देखा होगा। कहाँ-कहाँ देखा है? बताइए वे भीख क्यों माँगते होंगे?
उत्तर:
मैंने अक्सर लोगों को मंदिर, मस्जिद जैसे धार्मिक स्थानों के सामने, चौराहों, गलियों में, रेलवे स्टेशन, मेट्रो स्टेशन की सीढ़ियों के नीचे जैसी जगहों पर, जहाँ लोगों का आना-जाना हो, भीख माँगते देखा है।
कुछ लोग गरीबी, अपंगता और लाचारी के कारण भीख माँगते हैं, जबकि कुछ लोगों ने इसे बिना मेहनत के कमाई का साधन मान रखा है।
प्रश्न 3.
इस कहानी का शीर्षक ‘उस रात की बात’ क्यों रखा गया है? आप इस कहानी का कोई एक अन्य शीर्षक बताइए। साथ ही यह भी बताइए कि आपने यह शीर्षक क्यों रखा?
उत्तर:
क्योंकि उस रात की घटना के बाद ही लेखक, पाठक वर्ग को जो समझाना चाहता है, उसे समझा पाने में सफल हो पाता है। हम इस कहानी का शीर्षक ‘असली मददगार’ देना चाहेंगे, क्योंकि परिस्थितिव जो किसी की मदद करता है, वह चाहे अमीर हो या गरीब, असली मददगार कहलाता है। इसका अन्य शीर्षक ‘परोपकार’ भी हो सकता है। परोपकार भी हमें मुसीबत में फँसे व्यक्ति की मदद करने के लिए प्रेरित करता है।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
पाठ में आए हुए कुछ वाक्य दिए गए हैं। इनके मोटे काले शब्दों के स्थान पर उचित मुहावरे का प्रयोग कीजिए-
(क) बुढ़िया ने कहा यही मेरा एकमात्र सहारा है।
उत्तर:
अंधे की लकड़ी।
(ख) उस दिन की बात सोचते-सोचते पता नहीं कब सो गया ?
उत्तर:
आँख लग गई।
(ग) गीदड़ों की हुआ-हुआ सुनकर मैं डर गया।
उत्तर;
चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना।
(घ) बुढ़िया की शक्ल पहचानकर मैं बहुत लज्जित हुआ।
उत्तर:
घड़ों पानी पड़ना।
प्रश्न 2.
पाठ में आए हुए उपसर्ग तथा प्रत्यय लगे कोई तीन-तीन शब्द लिखिए-
उत्तर:
उपसर्ग से बने शब्द | प्रत्यय से बने शब्द |
बेकार | बुढ़िया / भिखारिन |
अतिथि | बीमारी |
अकाल | मानवता |
प्रश्न 3.
नीचे दिए शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
उत्तर:
(क) अतिथि – राम अतिथि का हाल-चाल पूछने लगा।
(ख) विपदा – विपदा के समय हमें एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए।
(ग) अनहोनी – अनहोनी के डर से राधा तो वहाँ गई ही नहीं।
जीवन मूल्य
प्रश्न 1.
बुढ़िया, उसके पति और बेटे के व्यवहार ने लेखक को मानवता का पाठ पढ़ाया। किसी ऐसी घटना के बारे में बताइए जब आपको किसी से कुछ सीखने को मिला हो।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 2.
प्रस्तुत पाठ हमें अपने जीवन में किन-किन मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है? यदि हम उन मूल्यों को अपनाएँगे तो हमें क्या लाभ होगा?
उत्तर:
प्रस्तुत पाठ हमें अपने जीवन में आतिथ्य-सत्कार, त्याग की भावना, मुसीबत में फँसे व्यक्ति की मदद आदि जीवन मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है। हम इन मूल्यों को अपनाकर एक अच्छे समाज का निर्माण कर सकते हैं, जिसमें आपसी प्रेम-भाव होगा तथा लोग एक-दूसरे की मदद करेंगे।
कुछ करने के लिए
प्रश्न 1.
कहानी ‘उस रात की बात’ को नाटक के रूप में लिखिए तथा कक्षा में मंचन कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 2.
यदि आपको अपने परिवार के साथ रात को यात्रा करनी पड़े तो आप क्या-क्या सावधानियाँ बरतेंगे? और क्यों?
उत्तर:
रात को यात्रा करते समय हम चोर-लुटेरों से बचने, जंगली-जानवरों से बचने, जंगली रास्ते से न जाने, अकेले यात्रा न करने, सुरक्षा के लिए उपकरण लेकर चलने जैसी सावधानियों का ध्यान रखेंगे ताकि हमारी यात्रा में रुकावट न आए और हम यात्रा पूरी कर सकुशल वापस लौट आएँ।
DAV Class 7 Hindi Ch 11 Solutions – उस रात की बात
I. बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
बुढ़िया ने जब दरवाज़े पर दस्तक दी तब लेखक क्या कर रहा था?
(क) आराम कर रहा था
(ख) खाना खा रहा था
(ग) पढ़ाई कर रहा था
(घ) टी०वी० देख रहा था
उत्तर:
(क) आराम कर रहा था
प्रश्न 2.
बुढ़िया के हाथ में उस समय क्या था?
(क) कटोरा
(ख) कपड़ा
(ग) लाल रंग का काग़ज़
(घ) सफ़ेद् रंग का कागज़
उत्तर:
(ग) लाल रंग का काग़ज़
प्रश्न 3.
लोग इनमें से किसके नाम से भीख माँगते हैं?
(क) धर्म
(ख) बीमारी
(ग) अकाल
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 4.
लेखक ने किससे दो-चार पैसे उस भिखारिन को देने को कहे?
(क) पत्नी से
(ख) बेटी से
(ग) बेटे से
(घ) नौकर सं
उत्तर:
(ख) बेटी से
प्रश्न 5.
बुढ़िया किसके इलाज के लिए पैसे माँग रही थी?
(क) पुत्र
(ख) पुत्री
(ग) पति
(घ) अपने स्वयं के
उत्तर:
(क) पुत्र
प्रश्न 6.
बुढ़िया द्वारा सहायता माँगने के कितने दिन बाद उसे शहर जाना पड़ा?
(क) एक महीने
(ख) दो महीने
(ग) तीन महीने
(घ) चार महीने
उत्तर:
(ग) तीन महीने
प्रश्न 7.
लेखक की मोटर साइकिल का कौन-सा भाग खराब हुआ था?
(क) लाइट
(ख) टायर
(ग) इंजन
(घ) ब्रेक
उत्तर:
(ग) इंजन
प्रश्न 8.
दरवाज़ा खटखटाने पर जो बुढ़िया बाहर आई उसके हाथ में क्या था?
(क) डंडा
(ख) कपड़ा
(ग) बर्तन
(घ) लालटेन
उत्तर:
(घ) लालटेन
प्रश्न 9.
बुढ़िया ने लेखक को खाने में किसका साग दिया था?
(क) मेथी
(ख) बथुआ
(ग) पालक
(घ) सरसो
उत्तर:
(ख) बथुआ
प्रश्न 10.
लेखक के हाथ किसने धुलवाए थे?
(क) बुढ़िया ने
(ख) बूढ़े ने
(ग) बुढ़िया के बेटे ने
(घ) स्वयं लंखक ने
उत्तर:
(ग) बुढ़िया के बेटे ने
प्रश्न 11.
लेखक ने बुढ़िया को कब पहचाना?
(क) घर से बाहर आने पर
(ख) खाना बनाते समय
(ग) खाना खाते समय
(घ) सोने जाते समय
उत्तर:
(ग) खाना खाते समय
प्रश्न 12.
बुढ़िया और उसके परिवार ने लेखक को कौन-सा पाठ पढ़ाया?
(क) साहसी बनने का
(ख) दूसरों की मदद करने का
(ग) रात में यात्रा न करने का
(घ) गरीब के घर रुकने का
उत्तर:
(ख) दूसरों की मदद करने का
II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न
(क) लेखक ने बुढ़िया को किस हाल में देखा?
उत्तर:
लेखक ने बुढ़िया को मैले कपड़ों में देखा जो चेहरे से भिखारिन लग रही थी।
(ख) लोग धर्म, अकाल आदि के नाम पर भीख क्यों माँगते हैं?
उत्तर:
धर्म, अकाल आदि के नाम पर भीख माँगने से लोग अधिक पैसे पा जाते हैं और भिखारी कहलाने से बच जाते हैं।
(ग) लेखक की पत्नी ने बुढ़िया को क्या देना चाहा?
उत्तर:
लेखक की पत्नी ने बुढ़िया को एक रुपया देना चाहा।
(घ) लेखक ने अपनी खराब मोटर साइकिल कहाँ छोड़ दी थी?
उत्तर:
लेखक ने अपनी खराब मोटर साइकिल सड़क के किनारे छोड़ दी थी।
(ङ) बुढ़िया की झोपड़ी में कितनी चारपाइयाँ थीं?
उत्तर:
बुढ़िया की झोंपड़ी में मात्र एक चारपाई थी।
III. लघु उत्तरीय प्रश्न ( 30-35 शब्दों में )
बुढ़िया ने एक रुपया या कुछ पैसे लेने से क्यों मना कर दिया?
उत्तर:
बुढ़िया का बेटा बीमार था। उसके इलाज के लिए डॉक्टर ने बहुत महँगी दवा लिख दी थी, जिसके लिए उसे अधिक पैसों की आवश्यकता थी। वह दवा के लिए सहायता चाहती थी, भीख नहीं। एक रुपये या कुछ पैसों से उसको दवा न मिल पाती, इसलिए उसने पैसे लेने से मना कर दिया।
IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ( 70-80 शब्दों में )
आप भिक्षावृत्ति को कितना उचित/अनुचित मानते हैं? कारण सहित लिखिए।
उत्तर:
मैं भिक्षावृत्ति को व्यक्ति और समाज दोनों के लिए अहितकारी मानता हूँ। विद्वानों का मानना है कि माँगना मरने के समान है। ऐसे में मनुष्य भीख माँगने का काम ही क्यों करे। परिस्थिति विशेष में किसी से मदद माँगना तो कुछ हद तक उचित है परंतु भीख माँगना उचित नहीं है। भीख माँगने वाले व्यक्ति का सबसे पहले स्वाभिमान मरता है। भीख माँगना व्यक्ति और समाज दोनों के लिए अभिशाप है। जिस समाज में भिक्षावृत्ति होती है, उसे पिछड़ा माना जाता है। भिक्षावृत्ति मनुष्य को परिश्रम से दूर ले जाती है तथा निकम्मेपन को बढ़ावा देती है। अतः भिक्षावृत्ति पूर्णतया अनुचित है।
V. मूल्यपरक प्रश्न
बुढ़िया के चरित्र से आप किन जीवन-मूल्यों को अपनाना चाहेंगे?
उत्तर:
बुढ़िया के चरित्र से मैं दीन-दुखियों और ज़रूरतमंदों की मदद करना, अतिथि का सत्कार करना, स्वयं कष्ट उठाकर दूसरे की सहायता करना आदि जीवन-मूल्यों को अपनाना चाहूँगा।
क्रियाकलाप
मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने वाली कोई कहानी पढ़िए और उसे अपने सहपाठियों को सुनाइए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
1. एक दिन मैं अपने परिवार के साथ आराम कर रहा था। तभी दरवाज़े पर किसी की आहट सुनाई दी। मैंने बाहर जाकर देखा, मैले कपड़ों में एक बुढ़िया खड़ी थी, जो कि चेहरे से भिखारिन लग रही थी। लाल रंग का काग़ज़ का टुकड़ा मेरी ओर बढ़ाती हुई बिलखकर रो उठी- “मेरा बेटा बहुत बीमार है। डॉक्टर ने बहुत महँगी दवा लिखी है। मेरे पास पैसे नहीं हैं। कुछ सहायता कर दीजिए। भगवान आपका भला करेगा।” मैं समझ गया, यह भीख माँगने का बहाना है। अकसर लोग ऐसा करते हैं।
प्रश्न –
(क) दरवाज़े पर आहट कब हुई?
(ख) दरवाज़े पर कौन था?
(ग) बुढ़िया किस संकट में पड़ी थी?
(घ) बुढ़िया की बातें सुन लेखक क्या समझ गया?
(ङ) लेखक को बुढ़िया की बातों पर विश्वास क्यों नहीं हुआ?
उत्तर:
(क) दरवाज़े पर आहट तब हुई जब लेखक अपने परिवार के साथ आराम कर रहा था।
(ख) दरवाज़े पर मैले कपड़े पहने एक बुढ़िया खड़ी थी जो भिखारिन जैसी दिख रही थी।
(ग) बुढ़िया का बेटा बीमार था। उसके इलाज के लिए बुढ़िया के पास पैसे न थे। वह माँगकर पैसों का इंतजाम करना चाहती थी।
(घ) लेखक समझ गया कि बुढ़िया ने भीख माँगने का बहाना खोज लिया है। इस तरह उसे पैसे मिल जाएँगे और भिखारिन भी नहीं कहलाएगी।
(ङ) आजकल लोगों की बातों पर विश्वास करना मुश्किल होता जा रहा है। लोग पैसा लेने के अनेक तरीके खोज लेते हैं, इसलिए उसे विश्वास नहीं हुआ।
2. इस घटना के ठीक तीन महीने बाद किसी काम से मुझे शहर से दूर जाना पड़ा। मैं मोटर साइकिल से ही गया और उसी से लौट रहा था कि एक बियाबान स्थान में मेरी गाड़ी का इंजन खराब हो गया। मैंने ठीक करने की कोशिश की, पर सब बेकार। चारों तरफ़ नज़र दौड़ाकर देखा। कहीं कोई बस्ती या कस्बा दिखाई नहीं दिया। धीरे-धीरे रात गहराती जा रही थी। आस-पास खड़े पेड़-पौधे डरावने लगने लगे थे। गीदड़ों की ‘हुआँ-हुआँ’ की आवाज़ सुनाई देने लगी थी। जंगली जानवरों और चोर-लुटेरों के डर से मैं घबरा उठा।
प्रश्न –
(क) यहाँ किस घटना की ओर संकेत किया गया है?
(ख) लेखक परेशान क्यों हो रहा था?
(ग) लेखक की कोशिश बेकार क्यों हो रही थी?
(घ) गहराती रात का लेखक पर क्या असर हो रहा था?
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम लिखिए।
उत्तर:
(क) यहाँ उस घटना की ओर संकेत है, जब बुढ़िया अपने बीमार बेटे के इलाज के लिए लेखक के पास सहायता माँगने आई थी।
(ख) लेखक की मोटर साइकिल जंगल में खराब हो गई थी। अब वह आगे कैसे जाए यह सोचकर परेशान हो रहा था।
(ग) लेखक ने अपने-आप मोटर साइकिल ठीक करना चाहा पर सफल न हुआ। उसे आसपास कोई कस्बा या बस्ती भी नहीं दिखाई दे रही थी।
(घ) गहराती रात में पेड़ डरावने लग रहे थे। लेखक जंगली जानवरों और चोर-लुटेरों के भय से घबरा रहा था। उसे डर भी लग रहा था।
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम है-‘उस रात की बात’।
3. वह एक छोटी बस्ती थी। बस्ती में घुसने पर सबसे पहले घर का दरवाज़ा खटखटाया। एक बुढ़िया लालटेन लेकर बाहर आई। मैंने अपनी परेशानी कह सुनाई-“रास्ते में मेरी मोटर साइकिल खराब हो गई है, टीले के उस पार खड़ी है। अगर यहाँ कोई मिस्त्री मिल जाए तो मैं घर पहुँच जाऊँ।” उस बुढ़िया ने अपने बेटे और पति को बुलाया। उन्होंने कहा कि उस बस्ती में कोई मिस्त्री नहीं है। पास के गाँव से सुबह उनका बेटा बुला लाएगा। रात भर मैं यहीं ठहर जाऊँ।
प्रश्न –
(क) यहाँ किस बस्ती की बात कही गई है?
(ख) लेखक ने दरवाज़ा क्यों खटखटाया?
(ग) लेखक की परेशानी क्या थी?
(घ) बुढ़िया के परिवारवालों ने लेखक की कैसे मदद की?
(ङ) बुढ़िया ने किस भारतीय परंपरा का निर्वाह किया?
उत्तर:
(क) यहाँ उस बस्ती की बात कही गई है, जहाँ परेशान लेखक गया।
(ख) लेखक ने खराब मोटर साइकिल ठीक कराने के लिए मिस्त्री की खोज में दरवाज़ा खटखटाया।
(ग) लेखक की मोटर साइकिल जंगल में खराब हो गई थी। उस स्थान पर उसे चोरों और जंगली जानवरों से डर लग रहा था। ऐसे में वह कहाँ जाए, यही उसकी परेशानी थी।
(घ) बुढ़िया के परिवारवालों ने लेखक को रातभर अपने घर रोककर और सवेरे उसकी मोटर साइकिल ठीक कराकर उसकी मदद की।
(ङ) बुढ़िया ने ‘अतिथि देवो भव’ की भारतीय परंपरा का निर्वाह किया।
4. चलते समय मैंने बुढ़िया के हाथों में कुछ रुपये देने की कोशिश की। लेकिन उसने मना कर दिया और कहा-” हमने पैसे के लिए आपकी मदद नहीं की। हम गरीब ज़रूर हैं, पर हमारा दिल गरीब नहीं है।” मैं वहाँ से चल पड़ा। बुढ़िया और उसके परिवार के प्रति मेरे मन में आदर का भाव था। मुझे अपने किए पर पछतावा हो रहा था। बुढ़िया और उसके परिवार ने मुझे मानवता का पाठ पढ़ाया था। मैंने तभी सोच लिया था कि उसके पढ़ाए पाठ पर जीवन भर अमल करूँगा।
प्रश्न –
(क) लेखक ने बुढ़िया का अहसान कैसे चुकाना चाहा?
(ख) बुढ़िया ने अपनी सदयता कैसे व्यक्त की?
(ग) लेखक को अपने किस किए पर पछतावा हो रहा था?
(घ) बुढ़िया ने लेखक को मानवता का कौन-सा पाठ पढ़ाया?
(ङ) बुढ़िया और उसके परिवारवालों में कौन-कौन से मानवीय मूल्य दिखाई दिए?
उत्तर:
(क) लेखक ने बुढ़िया को कुछ रुपये देकर उसका अहसान चुकाना चाहा।
(ख) बुढ़िया ने जो मदद की थी, उसके बदले में पैसे न लेकर लेखक के सामने अपनी सदयता व्यक्त की।
(ग) लेखक ने बुढ़िया की उस समय मदद नहीं की थी, जब वह अपने बीमार बेटे के इलाज के लिए उसके पास मदद के लिए गई थी।
(घ) बुढ़िया ने लेखक को मानवता का यह पाठ पढ़ाया कि मुसीबत में फँसे लोगों की मदद करनी चाहिए।
(ङ) बुढ़िया और उसके परिवार में आतिथ्य सत्कार, त्याग की भावना, मुसीबत में फँसे व्यक्ति की मदद करने जैसे मानवीय मूल्य दिखाई देते हैं।
शब्दार्थ
पृष्ठ संख्या-65.
अनहोनी – न होने वाली, असंभव।
आचार – विचार-सोच।
आहट – आवाज़।
अकाल – सूखा।
पृष्ठ संख्या-66.
विपदा – मुसीबत।
ऊपर वाला – भगवान।
बियाबान – जंगल, वन।
पृष्ठ संख्या-67.
आशा – उम्मीद।
टीला – भीटा, ऊँचा स्थान।
एकमात्र – केवल एक।
अतिथि – मेहमान।
पृष्ठ संख्या-68.
सन्न रहना – अवाक एवं चकित हो जाना।
मुश्किल – कठिनाई।
आँख लगना – सो जाना।
मदद – सहायता।
मानवता – मनुष्यता।
अमल करना – पालन करना।
उस रात की बात Summary in Hindi
पाठ-परिचय
‘उस रात की बात’ पाठ में लेखक के घर एक बुढ़िया अपने बेटे के इलाज के लिए कुछ रुपये माँगने आती है, पर लेखक ने उसे भिखारिन समझकर दो-चार पैसे देने को कहा, जिसे उसने नहीं लिया। एक रात ऐसी घटना घटी कि बुढ़िया के परिवार ने लेखक को मानवता का पाठ पढ़ा दिया।
पाठ का सार
लेखक की जिदगी में एक ऐसी अनहोनी घटना घटी, जिसने उसके आचार-विचार को बदल दिया। एक दिन वह घर पर आराम कर रहा था, तभी उसने दरवाज़े पर एक बुढ़िया को देखा। उसके हाथ में कागज़ था, जिस पर कुछ दवाएँ लिखी थीं। बुढ़िया का बेटा बीमार था, जिसके इलाज के लिए वह रुपये माँग रही थी।
लेखक ने उसे भिखारिन समझकर अपनी बेटी से दो-चार पैसे देने के लिए कहा, क्योंकि अब लोगों ने भीख माँगने के नए-नए तरीके खोज लिए हैं। बुढ़िया ने कहा कि वह भिखारिन नहीं है। वह अपने बेटे के इलाज के लिए सहायता माँग रही है, जो बाद में लौटा देगी। लेखक की पत्नी ने एक रुपये का नोट बेटी से भिजवाया, पर उसने नहीं लिया।
इस घटना के तीन महीने बाद लेखक को किसी काम से शहर से दूर जाना पड़ा। वह मोटर साइकिल से जा रहा था। लौटते हुए सुनसान जगह पर उसकी मोटर साइकिल खराब हो गई। आस-पास कोई बस्ती या कस्बा भी नहीं था। रात गहराती जा रही थी। ऐसे में जंगली जानवरों और चोर-लुटेरों के भय से लेखक घबरा गया।
सड़क के किनारे अपनी मोटर साइकिल छोड़ वह एक टीले पर गया। कुछ दूरी पर बस्ती में उसे रोशनी दिखाई दी। वहाँ जाकर उसने सबसे पहले घर का दरवाज़ा खटखटाया और घर से निकली बुढ़िया को अपनी परेशानी बताई। बुढ़िया ने लेखक को रात भर वहाँ ठहरने के लिए कहा और सवेरे पास के गाँव से मिस्त्री बुलाकर मोटर साइकिल ठीक कराने की बात कही।
बुढ़िया ने लेखक को अपनी एकमात्र चारपाई पर बिठाया और आतिथ्य धर्म का निर्वाह करते हुए उसे बाजरे की रोटी और बथुए का साग लाकर उसके सामने रख दिया। खाना खाते हुए वह लालटेन की रोशनी में बुढ़िया का चेहरा देखकर सन्न रह गया, क्योंकि यही बुढ़िया उसके घर सहायता माँगने आई थी। लेखक बड़ी लज्जा महसूस कर रहा था।
सवेरे उसके बेटे ने मोटर साइकिल ठीक करा दी और मना करने पर भी बुढ़िया ने उसे चाय पिलाई। चलते हुए लेखक ने उसे कुछ रुपये देने चाहे पर बुढ़िया ने लेने से साफ़ मना कर दिया। बुढ़िया और उसके परिवार ने उसे मानवता का जो पाठ पढ़ाया था, उस पर लेखक ने अमल करने का फैसला कर लिया।