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DAV Class 6 Hindi Chapter 15 Question Answer – परिश्रम
DAV Class 6 Hindi Ch 15 Question Answer – परिश्रम
कविता में से
प्रश्न 1.
कवि ने किसका गुणगान करने के लिए कहा है?
उत्तर:
कवि ने श्रम का गुणगान करने के लिए कहा है।
प्रश्न 2.
कवि ने श्रम का सम्मान करने के लिए क्यों कहा है?
उत्तर:
कवि ने श्रम का सम्मान करने के लिए इसलिए कहा है क्योंकि परिश्रम सभी धनों के पाने का साधन है। परिश्रम सभी सुख और वैभव प्रदान करने वाला है। इससे सभी कामनाएँ पूरी हो सकती हैं। परिश्रम के बल पर भाग्य को सौभाग्य में बदला जा सकता है।
प्रश्न 3.
भारत को स्वर्ग के समान किस प्रकार बनाया जा सकता है?
उत्तर:
भारत को परिश्रम के बल पर स्वर्ग के समान बनाया जा सकता है। स्वर्ग अर्थात जहाँ खुशहाली और वैभव हो। यह सब परिश्रम से प्राप्त किया जा सकता है।
प्रश्न 4.
स्तंभ ‘क’ और ‘ख’ को मिलाते हुए कविता की पंक्तियों को पूरा कीजिए-
उत्तर:
बातचीत के लिए
प्रश्न 1.
‘श्रमदान’ का क्या अर्थ है?
उत्तर:
श्रमदान का अर्थ है-श्रम का दान करना अर्थात निर्माण कार्य में स्वेच्छा से सहयोग देना।
प्रश्न 2.
कवि ने श्रम की महानता को पहचानकर क्या-क्या करने के लिए कहा है?
उत्तर:
कवि ने श्रम की महानता को पहचानकर इसका सम्मान करने के लिए कहा है। इससे हर प्रकार के धन प्राप्त किए जा सकते हैं। हमेशा परिश्रम करते हुए इसका गुणगान करना चाहिए। परिश्रम द्वारा अपना भविष्य उज्ज्वल बनाया जा सकता है। श्रम से खेती लहलहाती है और धरती सोना उगलती है। श्रम के सहारे देश को स्वर्ग के समान बनाया जा सकता है।
प्रश्न 3.
‘श्रम की ज्योति बुझने न पाए’-इसके लिए कवि ने क्या कहा है?
उत्तर:
‘श्रम की ज्योति बुझने न पाए’-इसके लिए कवि ने कहा है कि श्रम करते समय यदि रास्ते में कुछ बाधाएँ भी आएँ, तो हमें घबराना नहीं चाहिए बल्कि डटकर उनका सामना करना चाहिए अर्थात हालात कैसे भी हों, हमें श्रम के रास्ते को छोड़ना नहीं है। इसी के सहारे सफलता और मंजिल प्राप्त की जा सकती है।
प्रश्न 4.
आपको किन-किन कामों को पूरा करने में बहुत परिश्रम करना पड़ता है?
उत्तर:
हमें निम्नलिखित कामों को पूरा करने में बहुत परिश्रम करना पड़ता है।
- अच्छे ग्रेड (अंक) पाने के लिए।
- दौड़ में पहला स्थान पाने के लिए।
- माँ के साथ बाजार से पैदल सब्जियाँ लाने में।
- किसी भी कार्य को सफल बनाने के लिए।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
किसान मेहनत करके अन्न उगाता है और देशवासियों का पेट भरता है। कल्पना कीजिए और बताइए कि एक वैज्ञानिक अपने देश की सेवा किस प्रकार कर सकता है?
उत्तर:
एक वैज्ञानिक लगातार परिश्रम करके कल्पनातीत वस्तुओं का आविष्कार करता है। वैज्ञानिकों द्वारा आविष्कृत वस्तुओं और साधनों द्वारा ही देश विकास के पथ पर आगे बढ़ता है। हमारे पास आज जितनी भी सुख-सुविधाएँ हैं, वे सभी वैज्ञानिकों के कठिन परिश्रम का ही परिणाम हैं।
प्रश्न 2.
नीचे दी गई कविता की पंक्तियों को पूरा कीजिए –
गीत सुरीले गाती चिड़िया …………………………………
हमको रोज़ …………………………………
इधर-उधर से ही …………………………………
तिनका-तिनका …………………………………
मेहनत करके …………………………………
हमको पाठ …………………………………
उत्तर:
- गीत सुरीले गाती चिड़िया सब का मन बहलाती चिड़िया।
- हमको रोज़ नए-नए गीत सुनाएगी।
- इधर-उधर से ही वह जब उड़कर आएगी।
- तिनका-तिनका जोड़कर वह घर अपना बनाएगी।
- मेहनत करके वह अपने बच्चों का पेटभर पाएगी।
- हमको पाठ मेहनत का वह सिखाएगी।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
स्तंभ ‘क’ और ‘ख’ में कविता के शब्दों का मिलान करके उनके अर्थ समझिए-
उत्तर:
प्रश्न 2.
नीचे दिए गए शब्दों के उलटे अर्थ वाले शब्द कविता में से चुनकर लिखिए-
(क) दुख – ……………………
(ख) दुर्भाग्य – ……………………
(ग) अपमान – ……………………
उत्तर:
(क) दुख – सुख
(ख) दुर्भाग्य – सौभाग्य
(ग) अपमान – सम्मान
जीवन मूल्य
- भारत को स्वर्ग समान करो
श्रमदान करो, श्रमदान करो
प्रश्न 1.
मनुष्य के सबसे अच्छे मित्र उसके दो हाथ हैं, जिनसे वह अपने देश/समाज को बदल सकता है। कैसे?
उत्तर:
आज देश और समाज में जो कुछ भी दिखाई दे रहा है, वह सब मनुष्य के दिमाग और हाथों का ही कमाल है। अपने हाथों से मनुष्य ने धूल भरे वीरान रेगिस्तानों में भी फूल खिला दिए हैं। अपने श्रमशील हाथों के बल पर व्यक्ति छोटे-से-छोटे कार्य को भी बड़ा और महान बना देता है। इसलिए किसी भी देश या उन्नति का आधार मनुष्य ही है। गरीबी में पले डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, लाल बहादुर शास्त्री जी ने जो कुछ किया, वह सब हमारे सामने ही हैं। अपने मेहनत के बल पर उन्होंने देश की तस्वीर बदल दी।
प्रश्न 2.
आपने अपने जीवन के लिए क्या लक्ष्य चुना है? इसे प्राप्त करने के लिए आप क्या-क्या प्रयास करेंगे? कक्षा में बताइए।
उत्तर:
डॉक्टर जब रोते हुए व्यक्ति को परामर्श देकर, उसके रोग का इलाज करके उसे नवजीवन प्रदान करता है, तो मेरी इच्छा भी होती है कि मैं भी डॉक्टर बनकर गरीबों, असहायों, मजदूरों की सहायता करूँ। इसके लिए मुझे पहले डॉक्टरी शिक्षा का पाठ्यक्रम पूरा करने हेतु विज्ञान के क्षेत्र में प्रवेश लेना होगा। डॉक्टर बनने के लिए मुझे शांत स्वभाव, सहनशीलता, विनम्रता जैसे गुणों को अपने हृदय में धारण करना होगा। इसके लिए मैं पूरी लगन, मेहनत व सकारात्मक दृष्टिकोण से कार्य करूँगा और अपने लक्ष्य को प्राप्त करूँगा।
कुछ करने के लिए
प्रश्न 1.
आपको विद्यालय तथा घर में किन-किन कामों को पूरा करने के लिए श्रम करना पड़ता है? कामों की सूची बनाइए-
(क) विद्यालय में – …………………………
(ख) घर में – …………………………
उत्तर:
स्वयं करें।
प्रश्न 2.
ऐसे किन्हीं दो महान व्यक्तियों के नाम लिखिए जिन्होंने अपनी मेहनत से जीवन में सफलता प्राप्त की है।
(क) …………………………….
(ख) …………………………….
उत्तर:
(क) लाल बहादुर शास्त्री
(ख) महात्मा गांधी, अब्राहम लिंकन
प्रश्न 3.
डॉ. ए.पी.जे, अब्दुल कलाम ने अपने परिश्रम से भविष्य को उज्ज्चल बनाया है। आप इनके बारे में जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
स्वयं करें।
DAV Class 6 Hindi Ch 15 Solutions – परिश्रम
I. अति लघु उत्तरीय प्रश्न
(क) संपूर्ण धनों का साधन कौन है?
उत्तर:
संपूर्ण धनों का साधन परिश्रम या मेहनत है।
(ख) धरती सोना कैसे उपजाती है?
उत्तर:
किसानों द्वारा खूब मेहनत करके फ़सलें उपजायी जाती हैं। इस प्रकार धरती फ़सलों के रूप में सोना उपजाती है।
(ग) बाधाओं में मुस्काने का क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
बाधाओं से घबराए बिना उनका हँसते हुए सामना करना चाहिए।
II. लघु उत्तरीय प्रश्न ( 30 से 35 शब्दों में)
कवि ने श्रम को सुख-वैभव का दाता क्यों कहा है?
उत्तर:
परिश्रमी व्यक्ति मेहनत करके अपनी रोटी-रोजी कमाता है। वह धीरे-धीरे धन एकत्रकर सुख-सुविधा वाली वस्तुएँ खरीदता है और सुखमय जीवन जीता है। इस तरह वह सुख-वैभव का दाता है।
III. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ( 70 से 80 शब्दों में )
मनुष्य के जीवन में परिश्रम का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
मनुष्य के जीवन में परिश्रम का बहुत महत्त्व है। मनुष्य अपने जीवन में जो कुछ पाना चाहता है, उसके लिए परिश्रम की आवश्यकता पड़ती है। परिश्रम से ही काम पूरे होते हैं, केवल मन में सोचने से नहीं। यदि विद्यार्थी केवल सोचने मात्र या कल्पना करके ‘ ए’ ग्रेड लाना चाहे तो संभव नहीं है।
इसके लिए उसे सुख को त्यागकर परिश्रम का रास्ता अपनाना होगा। इसी प्रकार किसान परिश्रम करके बंजर ज़मीन को भी हरा-भरा बनाकर मनचाही फ़सलें उपजाता है। वैज्ञानिक अनवरत परिश्रम करके कल्पनातीत वस्तुओं का आविष्कार करता है। वास्तव में, जीवन में कदम-कदम पर परिश्रम आवश्यक है।
IV. मूल्यपरक प्रश्न
भारत को स्वर्ग समान बनाने के लिए आप क्या-क्या करेंगे?
उत्तर:
भारत को स्वर्ग समान बनाने के लिए मैं खूब परिश्रम करते हुए देश की समृद्धि में अपना योगदान दूँगा। देश को सुंदर बनाने के लिए जगह-जगह पेड़ लगाऊँगा, प्रदूषण कम करने के लिए जन-जागरूकता फैलाऊँगा। लोगों से अनुरोध करूँगा कि सब आपस में मिल-जुलकर रहें।
क्रियाकलाप
‘श्रम की महत्ता’ बताने वाली कविताओं का संकलन कर कोई दो कविता याद कर कक्षा में सुनाएँ।
व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
1. श्रम की महानता पहचानो।
अति मूल्यवान इसको मानो।
संपूर्ण धनों का यह साधन,
इसका ही नित गुणगान करो।
श्रमदान करो, श्रमदान करो।।
श्रम सुख-वैभव का है दाता।
उज्ज्वल भविष्य का निर्माता।।
सौभाग्य विधायक जन-जन का,
तुम भी इसका सम्मान करो।
श्रमदान करो, श्रमदान करो।।
शब्दार्थ –
श्रम – मेहनत।
महानता – महत्व।
गुणगान – प्रशंसा।
श्रमदान – निर्माण कार्य में स्वेच्छा से सहयोग देना।
वैभव – ऐश्वर्य।
भविष्य – आने वाला समय।
उज्ज्वल – अच्छा, चमकदार।
विधायक – बनाने वाला।
सम्मान – आदर।
प्रसंग – प्रस्तुत काव्यांश ‘ज्ञान सागर’ पाठ्यपुस्तक में संकलित कविता ‘परिश्रम’ से लिया गया है। इसके रचयिता विनोद् चंद्र पांडेय ‘विनोद्’ हैं। इस अंश में परिश्रम की महिमा बताते हुए परिश्रम करने की सीख दी गई है।
व्याख्या – कवि बालकों को परिश्रम करने की सीख देते हुए कहता है कि परिश्रम का महत्व पहचानें तथा इसे अत्यधिक मूल्यवान समझें। परिश्रम सभी धनों को पाने का साधन है। अर्थात इससे हर प्रकार के धन प्राप्त किए जा सकते हैं। परिश्रम का हमेशा गुणगान करते हुए सदैव परिश्रम करते रहना चाहिए। मेहनत से सभी सुख और वैभव प्राप्त होते हैं। इससे भविष्य उज्ज्वल बनता है। व्यक्ति इससे सभी कामनाएँ पूरी कर सकता है। व्यक्ति परिश्रम के बल पर भाग्य को सौभाग्य में बदल सकता है। बच्चो! तुम भी परिश्रमी व्यक्तियों का आदर करो तथा जीवन में खूब परिश्रम करो।
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
कवि किसकी महानता पहचानने के लिए कह रहा है?
(क) धन की
(ख) समय की
(ग) मेहनत की
(घ) साधन की
उत्तर:
(ग) मेहनत की
प्रश्न 2.
‘श्रमदान करो’ का तात्पर्य है-
(क) श्रम को दान में दे दो
(ख) बिना कुछ दिए परिश्रम करवा लो
(ग) मेहनत करने वाले की मजदूरी दे दो
(घ) निर्माण कार्य में स्वेच्छा से सहयोग देना
उत्तर:
(घ) निर्माण कार्य में स्वेच्छा से सहयोग देना
प्रश्न 3.
परिश्रम से क्या पाया जा सकता है?
(क) सुख-वैभव
(ख) उज्ज्वल
(ग) सम्मान
(घ) विधायक
उत्तर:
(ग) सम्मान
प्रश्न 4.
लोग सौभाग्य कैसे बना सकते हैं?
(क) वैभव से
(ख) भविष्य से
(ग) परिश्रम से
(घ) सम्मान से
उत्तर:
(ग) परिश्रम से
प्रश्न 5.
मेहनत किसका साधन है?
(क) गुणगान का
(ख) सभी धनों का
(ग) श्रमदान का
(घ) महानता का
उत्तर:
(ख) सभी धनों का
2. श्रम से ही खेती लहराती।
धरती है सोना उपजाती।।
इसका संबल अपना करके.
भारत को स्वर्ग समान करो।
श्रमदान करो, श्रमदान करो।
बाधाओं में भी मुस्काओ।
नूतन विहान भू पर लाओ॥
बुझने न पाए ज्योति श्रम की,
इसका सदैव ही ध्यान करो।
श्रमदान करो, श्रमदान करो।।
शब्दार्थ –
लहराना – झूलना-झूमना।
उपजाती – पैदा करती है।
सम्बल – सहारा।
बाधाएँ – रूकावटें।
नूतन – नया।
विहान – प्रभात, सवेरा।
भू – पृथ्वी।
प्रसंग – प्रस्तुत काव्यांश ‘ज्ञान सागर’ पाठ्यपुस्तक में संकलित कविता ‘परिश्रम’ से लिया गया है। इसके रचयिता विनोद चंद्र पांडेय ‘विनोद’ हैं। इस अंश में परिश्रम की महिमा बताते हुए परिश्रम करने की सीख दी गई है।
व्याख्या – कवि परिश्रम करने की सीख देता हुआ कहता है कि परिश्रम के बल पर ही किसान खेत में फ़सले उगाते हैं और धरती सोना उगलती है। अर्थात खूब फसल पैदा होती है। हे भारतवासियो! तुम इसे ही सहारा या साधन बनाकर भारत को स्वर्ग जैसा संपन्न एवं सुंदर बना दो। तुम खूब परिश्रम करो।
परिश्रम करते हुए यदि रास्ते में कुछ बाधाएँ आती हैं तो भी उनसे घबराना नहीं चाहिए, बल्कि मुस्कराकर उनका सामना करना चाहिए। परिश्रम के बल पर धरती पर खुशहाली एवं समृद्धि का नया सवेरा लाओ। परिश्रम की यह ज्योति कभी बुझने न पाए, इस बात को सदैव अपने मन में धारण करो और सदैव परिश्रम करते रहो।
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
सोना उपजाने का अर्थ है-
(क) सोना की खेती करना
(ख) सोने की फ़सल काटना
(ग) सोने जैसा कीमती अनाज उगाना
(घ) खूब उपज प्राप्त करना
उत्तर:
(घ) खूब उपज प्राप्त करना
प्रश्न 2.
भारत को किसके समान बनाने के लिए कहा गया है?
(क) खेती के समान झूमने वाला
(ख) स्वर्ग के समान सुंदर
(ग) सोने के समान सुंदर
(घ) ज्योति के समान चमकदार
उत्तर:
(ख) स्वर्ग के समान सुंदर
प्रश्न 3.
‘नूतन विहान’ लाने का अर्थ है-
(क) नया दिन (सवेरा) लाना
(ख) ज्योति जलाना
(ग) खुशहाली लाना
(घ) ध्यान रखना
उत्तर:
(ग) खुशहाली लाना
प्रश्न 4.
इनमें से किसकी ज्योति सदा जलाए रखना है?
(क) दीपक की
(ख) बाधाओं में मुस्कराने की
(ग) नूतन विहान की
(घ) श्रमदान की
उत्तर:
(घ) श्रमदान की
प्रश्न 5.
काव्यांश में किसका संदेश छिपा है?
(क) खूब परिश्रम करने का
(ख) सोना उपजाने का
(ग) खेती करने का
(घ) मुस्कराते रहने का
उत्तर:
(क) खूब परिश्रम करने का
परिश्रम Summary in Hindi
कविता-परिचय
‘परिश्रम’ कविता में बालकों को श्रम की महत्ता बताते हुए जीवन में परिश्रम करने की सीख दी गई है। कविता में इसका गुणगान करने, सम्मान करने और श्रमदान करने को कहा गया है, क्योंकि श्रम से सभी सुख-वैभव पाए जा सकते हैं।
कविता का सार
‘परिश्रम’ कविता में श्रम की महत्ता प्रतिपादित करते हुए इसे सभी धनों का साधन बताया गया है। परिश्रम से सुख-वैभव पाया जा सकता है तथा भविष्य को उज्ज्वल बनाया जा सकता है। श्रम से खेती लहराती है और धरती सोना उगलती है। श्रम के सहारे देश को स्वर्ग समान बनाया जा सकता है, इसलिए श्रम की महिमा सदा बनी रहनी चाहिए।