DAV Class 6 Hindi Chapter 11 Question Answer – तेनालीराम ने चोरों को उल्लू बनाया

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तेनालीराम ने चोरों को उल्लू बनाया Summary in Hindi

पाठ- परिचय:

इस पाठ में विजय नगर के राजा कृष्णदेवराय के अत्यंत मेधावी दरबारी तेनालीराम की एक घटना का वर्णन है, जो दर्शाती है कि वे कितने दुशाग्र-बुद्धि थे, अपनी जूझ-बूझ और बुद्धिमता से बड़ी से बड़ी विपत्ति की अनहोनी से बच जाते थे।

पाठ का सार:

गरमियों के दिन थे। भीषण गरमी के पड़ने से विजयनगर के तालाब और नदी-नाले सूख चुके थे। तेनालीराम का बगीचा भी सूख गया था ती बगीचे के कुएं का पानी भी गहराई में चला गया था। एक बार रात के समय दरबार से लौटते हुए तेनालीराम की नज़र बगीचे की ओर गई, तो उसे चार-पाँच परछाइयाँ पेड़ों के पीछे दिखाई दी। उसे समझने में देर न लगी कि चोर आए हैं… के चुपचाप पर जाकर पत्नी से बाले, “अरी…सुनती हो? गहने, सोने की मुहरें और दूसरी माल – मिल्कियत संभालकर रखी है न?” यह सुनकर चोर भी लुकते-छिपते उसके घर की खिड़की के नीचे आकर छिप गए।

तेनालीराम की पत्नी ने पूछा, “ क्यों, क्या बात है ? ” तेनालीराम ऊँचे स्वर में बोले, “आज दरबार में चोरियों के संबंध में चर्चा हो रही थी। इसलिए हमें भी गहने और सोने की मुहरें कहीं छिपा देनी चाहिए।” तेनालीराम की पत्नी ने पूछा, “ पर ऐसी कौन-सी जगह है, जहाँ छिपाएँगे?”

यह सुनकर चोर सतर्क हो गए।
तेनालीराम ने कहा, “लोहे के बड़े संदूक में सारे गहनें और महरों की थैलियाँ डालकर बगीचे के कुएँ में छिपा देंगे… फिर हमें चोरों की कोई चिंता नहीं रहेगी… यह सुनकर चोरों का सरदार फुसफुसाकर बोला, “ तेनालीराम को इतना भी नहीं मालूम कि दीवारों के भी कान होते हैं… ” तभी तेनालीराम ने अपनी पत्नी की सहायता से चक्की के दोनों पार संदूक में डाल दिए और दोनों संदूक को घसीटकर कुएँ के पास ले आए। फिर ज़ोर लगाकर संदूक उठाकर कुएँ में डाल दिया और घर लौट आए।

यह सारा दृश्य देखकर चोर बहुत खुश हुए। तेनालीराम के घर में जलाने वाली लालटेन बुझाने के बाद वे कुएं के पाए पहुँचे। कुएँ पास रखी डोल और रस्सी की सहायता से कुएँ का पानी निकालने लगे। कुएँ से निकला पानी नालियों से बहकर क्यारियों की ओर जाने लगा… इस प्रकार सारी रात बगीचे की सिंचाई होती रही… भोर के थोड़े उजाले में दो चोर रस्सी के सहारे कुएँ में उतरे, संदूक को कुएँ से बाहर निकालकर बहुत खुश हुए। एक चोर ने जैसे ही संदूक का ताला तोड़ा, तो उसके अंदर चक्की के दो पार दिखाई दिए। तब चोरों का सरदार, सब केछ समझ गया और बोला, “ तेनालीराम सचमुच बहुत चतेर है और उन्होंने हमें उल्लू बनाया है।” इसके बाद चोर जान बचाकर भाग खड़े हुए तेनालीराम भागते चोरों को देखकर मन ही मन मुस्कुराते रहे।

DAV Class 6 Hindi Chapter 11 Question Answer - तेनालीराम ने चोरों को उल्लू बनाया

शब्दार्थ:

पृष्ठ संख्या: 50

  • भीषण – भयंकर।
  • तालाब – सरोवर, ताल।
  • पिछवाड़े – पीछे की तरफ।
  • बगीचा – बाग,
  • वृक्षों – पेड़।
  • जोड़-जोड़ – ऊँचा – ऊँचा।
  • चर्चा- बातचीत।

पृष्ठ संख्या : 51

  • तारीफ़ – प्रशंसा।
  • खुश – प्रसन्न।
  • उलीचने लगे – निकालने लगे।