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DAV Class 6 Hindi Chapter 10 Question Answer – पोंगल
DAV Class 6 Hindi Ch 10 Question Answer – पोंगल
पाठ में से
प्रश्न 1.
पोंगल का त्योहार किस प्रकार मनाया जाता है?
उत्तर:
पोंगल मनाने के लिए पहले घरों की सफाई की जाती है और एक दिन पहले पुराने समान की होली – सी जलाई जाती है। इस समय ढोल भी बजाए जाते हैं। इस दिन घर के बाहर नए चावल के आटे से सुंदर आकृतियाँ (कोलम्) बनाई जाती है। पोंगल के दिन नहा-धोकर नए कपड़े पहनकर सूर्य की पूजा अर्जना की जाती है। इस दिन नए बर्तन में दूध, गुड़ और नए चावल से ‘शर्करइ पोंगल’ पकाया जाता है, जिसे रुचिपूर्वक खाया जाता है। इसके अगले दिन बैलों का जूलूस निकालकर बैलगाड़ियों की दौड़ आयोजित की जाती है।
प्रश्न 2.
‘कोलम्’ किसे कहते हैं? यह कैसे बनाया जाता है?
उत्तर:
पोंगल के अवसर पर घर के सामने नए चावल के आटे से फ़र्श पर जो सुंदर आकृतियाँ बनाई जाती हैं, ‘कोलम्’ कहते हैं। कोलम् नई फसल के चावल से बनाया जाता है।
प्रश्न 3.
‘शर्करइ पोंगल’ किस प्रकार बनाया जाता है?
उत्तर:
पोंगल के दिन नई फसल के चावल में दूध और गुड़ मिलाकर बनाते हैं।
प्रश्न 4.
माट्टु पोंगल के दिन क्या होता है?
उत्तर:
पोंगल त्योहार के अगले दिन पशुओं के उन्हें प्रति कृतज्ञता प्रकट की जाती है। गाय और बैलों को खूब सजाया जाता है और बैलों का जुलूस निकाला जाता है। इस दिन को ‘माट्टु पोंगल’ कहते हैं।
प्रश्न 5.
उचित उत्तर पर सही (✓) का निशान लगाइए-
(क) गोपाल की उम्र कितनी थी?
(A) बारह बरस
(B) दस बरस
(C) आठ बरस
(D) नौ बरस
उत्तर:
(B) दस बरस
(ख) वे सब कितने महीनों के लिए भारत आ रहे थे?
(A) दो महीने के लिए
(B) एक महीने के लिए
(C) चार महीने के लिए
(D) छह महीने के लिए
उत्तर:
(B) एक महीने के लिए
(ग) पोंगल पर विशेष रूप से किसकी पूजा-अर्चना की जाती है?
(A) चंद्र की
(B) सूर्य की
(C) तारों की
(D) पौधों की
उत्तर:
(B) सूर्य की
(घ) किसकी फ़सल एक साथ निकलती है ?
(A) हल्दी और चने की
(B) हल्दी और धान की
(C) हल्दी और गेहूँ की
(D) हल्दी और सब्जी
उत्तर:
(A) हल्दी और चने की
बातचीत के लिए
प्रश्न 1.
भारत को त्योहारों का देश क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
भारत में अनेक जाति, धर्म, संस्कृतियों को मानने वाले तथा विभिन्न भाषाएँ बोलने वाले लोग रहते हैं। वे अलग-अलग समय पर अलग-अलग त्योहार मनाते हैं। इस प्रकार यहाँ साल भर कोई-न-कोई त्योहार मनाया जाता है, इसलिए
भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है।
प्रश्न 2.
गोपाल का प्रिय त्योहार पोंगल था।
(क) आपको सबसे अच्छा त्योहार कौन- – सा लगता है?
(ख) यह त्योहार आपको क्यों अच्छा लगता है?
(ग) इस त्योहार पर आपके घर में कौन-कौन से पकवान बनाए जाते हैं?
उत्तर:
(क) हमें सबसे अच्छा त्योहार दीपावली लगता है।
(ख) क्योंकि इस दिन मिठाइयाँ और विशेष पकवान तथा खील बताशे खाने को मिलते हैं। आतिशबाजियाँ करके हम खुश होते हैं और उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं।
(ग) दीपावली मेरा प्रिय त्योहार है। इस अवसर पर हमारे घर पर विशेष पकवान बनाए जाते हैं; जैसे- कई प्रकार की मिठाइयाँ, खीर, हलवा, पूड़ी आदि।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
पोंगल के अवसर पर बैलों को कैसे सजाया जाता होगा?
उत्तर:
पोंगल के अवसर पर बैलों के गले में नई घण्टियाँ, घुँघरू आदि बाँधे जाते हैं, सींगों व खुरों पर रंग किया जाता है तथा उनको विशेष प्रकार के रंगीन कपड़े भी पहनाए जाते हैं।
प्रश्न 2.
रंगोली बहुत प्रकार से बनाई जाती है – गीले व सूखे रंगों से, फूलों से। मान लीजिए आपको अपने विद्यालय या घर में एक रंगोली तैयार करनी है। इस रंगोली को तैयार करने के लिए आप किस-किस सामान का प्रयोग कर सकते हैं? इनकी एक सूची बनाइए।
उत्तर:
इस्तेमाल किए जाने वाले सामान – हल्दी, पिसा हुआ चावल, कई प्रकार के रंग, आटा, साबूत चावल, तेल, दीप, फूल एवं पंखुड़ियाँ।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
पाठ में आए हुए ऐसे चार – चार शब्दों को छाँटिए जिनमें अनुस्वार (∸) अथवा अनुनासिक ( ँ ) का प्रयोग किया गया हो।
उत्तर:
अनुस्वार | अनुनासिक |
(क) इंद्र | (क) वहाँ |
(ख) सुंदर | (ख) जहाँ |
(ग) सुगंध | (ग) माँ |
(घ) रंग-बिरंगे | (घ) गाँव |
प्रश्न 2.
नीचे लिखे शब्दों के विलोम शब्द पाठ में से ढूँढकर लिखिए-
(क) गमन – _______
(ख) दुर्गंध – _______
(क) कृतघ्नता – _______
(ख) निरर्थक – _______
उत्तर:
(क) गमन – आगमन
(ख) दुर्गंध – सुगंध
(क) कृतघ्नता – कृतज्ञता
(ख) निरर्थक – सार्थक
जीवन-मूल्य
- हाँ बेटे ! ये त्योहार खुशियाँ बाँटते हैं और हमें एक-दूसरे के निकट लाते हैं।
प्रश्न 1.
गोपाल की तरह क्या आपने भी दादा-दादी के साथ कोई त्योहार मनाया है?
उत्तर:
जी, हाँ। हमने भी अपने दादा-दादी के साथ होली, दीपावली आदि त्योहार खुशी-खुशी मनाए हैं।
प्रश्न 2.
त्योहार हमें आपस में जोड़ते हैं। कैसे?
उत्तर:
जी हाँ, त्योहार हमें आपस में जोड़ते हैं। इस अवसर पर हम खाद्य व्यंजनों, मिठाइयों, उपहारों आदि का आदान-प्रदान करते हैं। सभी साथ मिलकर उत्साह और खुशी-खुशी त्योहार मनाते हैं ।
प्रश्न 3.
त्योहार हमारे भीतर कौन-कौन से गुणों को विकसित करते हैं?
उत्तर:
त्योहार हमारे भीतर घृणा, ईर्ष्या, द्वेष, कटुता एवं वैमनस्यता को त्यागकर प्रेम, सद्भाव, भाई चारे, मेलजोल, उल्लास, उत्साह, स्फूर्ति तथा नव-शक्ति आदि गुणों को विकसित करते हैं।
कुछ करने के लिए
प्रश्न 1.
‘ढोल’ को तमिल में ‘बोगी कोट्टू’ कहते हैं। पता लगाइए कि पानी, चावल, नमक, चीनी, सूर्य, दूध को तमिल भाषा में क्या कहते हैं।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं पता करें।
प्रश्न 2.
हल्दी, तुलसी, नीम का किन-किन रोगों में प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:
हल्दी, तुलसी, नीम का प्रयोग सरदी, जुकाम, खाँसी, बुखार, चोट लगने पर आदि रोगों में किया जाता है।
प्रश्न 3.
भारत और विदेशों में मनाए जाने वाले किन्हीं तीन त्योहारों के बारे में जानकारी प्राप्त कीजिए। ये त्योहार कहाँ, कब, क्यों और कैसे मनाए जाते हैं, इनकी एक सूची तैयार कीजिए-
उत्तर:
भारत में मनाए जाने वाले त्योहार
त्योहार | जगह | समय | क्यों और कैसे मनाए जाते हैं? |
दीपावली | घर / बाहर | कार्तिक मास की अमावस्या को | क्योंकि इसी दिन श्रीराम लंका के अत्याचारी राजा रावण का वध करके,14 वर्ष का बनवास पूरा करके अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस आए थे। घरों, दुकानों तथा दफ्तरों आदि की सफाई, लिपाई-पुताई की जाती है। मित्रों, संबंधियों में मिठाइयों, उपहारों का आदान-प्रदान होता है। बच्चे रात्रि में आतिशबाजी कर खूब आनंदित होते हैं। सांयकाल में लक्ष्मी की पूजा की जाती है। |
होली | घर / बाहर | फाल्गुन मास की पूर्णिमा को | वसंत ऋतु का आगमन होता है। यह त्योहार अन्याय पर न्याय की विजय का प्रतीक है। इस संदर्भ में एक पौराणिक कथा प्रचलित है। हरिण्यकशिपु एक नास्तिक प्रवृत्ति का राजा था। जबकि उसका पुत्र प्रहलाद धार्मिक प्रवृत्ति का था। हरिण्यकशिपु ने उसे तरह – तरह की यातनाएँ दीं। पर अंत में विजय प्रह्लाद की हुई। इस दिन सभी लोग आपसी भेद-भाव को भूल कर एक-दूसरे पर रंग और गुलाल डालते हैं। |
ओणम | श्रावण मास में | ओणम के साथ राजा बलि की पौराणिक कथा जुड़ी हुई है। इस अवसर पर केरलवासी षटरस व्यंजनों का भोज तैयार करते हैं। इनमें पायसम (खीर) केले की नमकीन वस्तुएँ, अचार, पापड़, गाढ़ी – कढ़ी विशेष रूप से उल्लेखनीय है। इस अवसर पर नौका प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है। रूप सज्जा, झूला झूलती स्त्रियों और लोकनृत्यों की छवि देखते ही बनती है। ओणम हँसी-खुशी, स्नेह-सम्मान और खुशहाली का पर्व है। |
विदेश में मनाए जाने वाले त्योहार
त्योहार | जगह | समय | क्यों और कैसे मनाए जाते हैं |
फादर डे | चीन | जून का तीसरा रविवार | • विद्यार्थी इंटरनेट की सहायता से स्वयं करें। |
महिला दिवस | चीन | 8 मार्च | • विद्यार्थी इंटरनेट की सहायता से स्वयं करें। |
DAV Class 6 Hindi Ch 10 Solutions – पोंगल
I. बहुविकल्पीय प्रश्न
1. गोपाल का परिवार कहाँ रहता था ?
(क) मद्रास
(ख) तमिलनाडु
(ग) कनाडा
(घ) इंग्लैंड
उत्तर:
(ग) कनाडा
2. जब गोपाल के पिता को नौकरी मिली तब उसकी उम्र ______थी।
(क) 8 वर्ष
(ख) 10 वर्ष
(ग) 12 वर्ष
(घ) 14 वर्ष
उत्तर:
(ख) 10 वर्ष
3. गोपाल का सबसे प्रिय त्योहार कौन-स – सा था?
(क) पोंगल
(ख) होली
(ग) दीपावली
(घ) दशहरा
उत्तर:
(क) पोंगल
4. ‘तई’ नामक तमिल महीना किस महीने के मध्य से शुरू होता है?
(क) नवंबर
(ख) दिसंबर
(ग) फरवरी
(घ) जनवरी
उत्तर:
(ख) दिसंबर
5. किस फसल को समेटने की खुशी में पोंगल मनाया जाता है?
(क) धान
(ख) गेहूँ
(ग) चना
(घ) मक्का
उत्तर:
(क) धान
6. गोपाल की गाय का नाम था-
(क) लक्ष्मी
(ख) गंगा
(ग) शारदा
(घ) पार्वती
उत्तर:
(घ) पार्वती
7. तमिल में ______ को ‘बोगी कोट्टू’ कहा जाता है।
(क) नगाड़ा
(ख) ढोल
(ग) मृदंग
(घ) तबला
उत्तर:
(ख) ढोल
8. नयी ऋतुओं के आगमन की घोषणा इनमें से कौन करता है?
(क) ब्रह्मा
(ख) विष्णु
(ग) इंद्र
(घ) नारद
उत्तर:
(ग) इंद्र
9. ‘कोलम्’ बनाने के लिए किसका आटा प्रयोग में लाया जाता है?
(क) गेहूँ
(ख) मक्का
(ग) चना
(घ) चावल
उत्तर:
(घ) चावल
10. ‘माट्टु पोंगल’ पर किसके प्रति कृतज्ञता प्रकट की जाती है?
(क) किसानों से
(ख) साथियों के प्रति
(ग) पक्षियों के प्रति
(घ) प्रकृति के प्रति
उत्तर:
(क) किसानों से
11. ‘पोंगल’ का संबंध किससे है?
(क) किसानों से
(ख) उद्योगपतियों से
(ग) छात्रों से
(घ) कलाकारों से
उत्तर:
(क) किसानों से
12. त्योहार इनमें से क्या बाँटते हैं?
(क) मनुष्यता
(ख) द्वेष
(ग) उपहार
(घ) खुशियाँ
उत्तर:
(घ) खुशियाँ
II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न
(क) गोपाल को अपना गाँव क्यों याद आता था ?
उत्तर:
गोपाल के दादा-दादी गाँव में रहते थे जहाँ उसने रंग-बिरंगे मेले और त्योहार देखे थे, इसलिए उसे गाँव याद आता था।
(ख) बचपन में मनाए गए पोंगल त्योहार के बारे में उसे क्या- क्या याद था ?
उत्तर:
बचपन में मनाए गए पोंगल में उसे दादी द्वारा गाय और बैलों को भव्य रूप में सजाकर उनका जुलूस निकालना याद था ।
(ग) पोंगल त्योहार क्यों मनाया जाता है?
उत्तर:
पोंगल त्योहार धान की फ़सल समेटने की खुशी में मनाया जाता है।
(घ) ‘बोगी’ किस देवता को समर्पित है?
उत्तर:
बोगी ऋतुओं के राजा इंद्र को समर्पित है।
(ङ) त्योहारों का क्या महत्तव है?
उत्तर:
त्योहार हमें एक-दूसरे के निकट लाते हैं और खुशियाँ बाँटते हैं।
III. लघु उत्तरीय प्रश्न (30 से 35 शब्दों में )
(क) ‘माट्टु पोंगल’ के दिन क्या-क्या होता है?
उत्तर:
‘माट्टु पोंगल’ पोंगल के दूसरे दिन मनाया जाता है। इस दिन पशुओं के प्रति कृतज्ञता प्रकट की जाती है। इस दिन गाय- – बैलों को खूब सजाया जाता है। गलियों में बैलों का जुलूस निकाला जाता है और बैलगाड़ियों की दौड़ का आयोजन किया जाता है।
(ख) ‘शर्करइ पोंगल’ का पोंगल के त्योहार में क्या महत्त्व है ?
उत्तर:
‘शर्करइ पोंगल’ एक मीठा व्यंजन है जिसे ‘पोंगल’ के अवसर पर पकाया जाता है। इस दिन किसी नए बर्तन में ‘शर्करइ पोंगल’ दूध, गुड़ और चावल से बनाया जाता है। सूर्य की पूजा-आराधना करने के बाद इसे चाव से खाया जाता है।
IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ( 70 से 80 शब्दों में )
प्रश्न 1.
पोंगल कैसे मनाया जाता है?
उत्तर:
पोंगल मनाने के लिए पहले घरों की सफाई की जाती है और एक रात पहले पुराने सामान की होली – सी जलाई जाती है। इस समय ढोल भी बजाए जाते हैं। इस दिन घर के बाहर नए चावल के आटे से सुंदर आकृतियाँ (कोलम्) बनाई जाती हैं। पोंगल के दिन नहा-धोकर नए कपड़े पहनकर सूर्य की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन नए बर्तन में दूध, गुड़ और नए चावल से ‘शर्करइ पोंगल’ पकाया जाता है, जिसे रुचिपूर्वक खाया जाता है। इसके अगले दिन बैलों का जुलूस निकालकर बैलगाड़ियों की दौड़ आयोजित की जाती है।
V. मूल्यपरक प्रश्न
प्रश्न 1.
त्योहार मनाए जाने को कितना उचित मानते हैं और क्यों?
उत्तर:
मैं त्योहार मनाने को पूर्णतया उचित मानता हूँ, क्योंकि त्योहार हमारे जीवन की ऊब और थकान को भगाकर हमें ऊर्जा एवं उल्लास से भर देते हैं। इसके अलावा त्योहार हमें एक-दूसरे के निकट लाते हैं और खुशियाँ बाँटते हैं। त्योहारों में लोगों की खोई मुस्कान लौट आती है।
क्रियाकलाप
- अपने देश में मनाए जाने वाले त्योहरों की सूची बनाइए । उनमें से किसी एक के बारे में लिखकर उससे संबंधित चित्र चिपकाइए।
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
प्रश्न 1.
गोपाल की उम्र करीब दस बरस की थी। उन्हीं दिनों उसके पिता को कनाडा में नौकरी मिल गई। वे सभी कनाडा चले गए, वहाँ गोपाल का मन काफ़ी लग गया था। फिर भी उसे बहुत बार भारत की याद आती थी। उसे मद्रास के निकट के अपने गाँव का स्मरण हो आता, जहाँ उसके दादा-दादी रहते थे। वहाँ उसने अनेक रंग-बिरंगे मेले, त्योहार देखे थे। इनमें पोंगल उसका सबसे प्रिय त्योहार था।
प्रश्न (क) गोपाल के पिता को कहाँ नौकरी मिली ?
(ख) वहाँ गोपाल को क्या-क्या याद आता था ?
(ग) उसने गाँव में क्या- क्या देखा था ?
(घ) उसे कौन-सा त्योहार प्रिय था ?
(ङ) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का नाम लिखिए।
उत्तर:
(क) गोपाल के पिता को कनाडा में नौकरी मिली।
(ख) वहाँ गोपाल को अपना देश भारत और अपना गाँव याद आता था।
(ग) गोपाल ने गाँव में रंग-बिरंगे मेले, त्योहार आदि देखे थे।
(घ) गोपाल को पोंगल त्योहार प्रिय था।
(ङ) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का नाम है – ‘ पोंगल। ‘
प्रश्न 2.
पोंगल का त्योहार ‘ तई’ नामक तमिल महीने की पहली तारीख को यानी जनवरी के मध्य में मनाया जाता है। माँ ने उसे यह भी बताया कि तमिलनाडु में धान की फ़सल को समेटने के बाद लोग खुशी प्रकट करने के लिए पोंगल का त्योहार मनाते हैं। गोपाल यह जानने के लिए उत्सुक था कि पोंगल का त्योहार किस प्रकार मनाया जाता है। वह बचपन में मनाए गए ‘पोंगल’ त्योहार को याद करने लगा। ‘पार्वती’ गाय उसे आज भी याद थी। दादी माँ पोंगल के दिन उसे सजाती, सँवारती थीं।
प्रश्न (क) ‘तई’ क्या है?
(ख) पोंगल का त्योहार क्यों मनाते हैं?
(ग) गोपाल क्या जानना चाहता था?
(घ) इस त्योहार में गाय के प्रति प्रेम कैसे प्रकट किया जाता है?
(ङ) पोंगल कब मनाया जाता है?
उत्तर”:
(क) ‘तई’ तमिलनाडु का एक महीना है जो जनवरी में आता है।
(ख) पोंगल का त्योहार धान की फ़सल को समेटने के बाद खुशी प्रकट करने के लिए मनाया जाता है।
(ग) गोपाल जानना चाहता था कि पोंगल का त्योहार कैसे मनाया जाता है।
(घ) इस त्योहार में गाय को सजाया-सँवारा जाता है। उसे भोजन देकर उसके प्रति प्रेम प्रकट किया जाता है।
(ङ) पोंगल को जनवरी के मध्य में तई की पहली तारीख को मनाया जाता है।
प्रश्न 3.
गोपाल अपने माता- – पिता के साथ पोंगल से एक दिन पहले अपने गाँव पहुँचा । वहाँ सभी घरों में सफ़ेदी हो रही थी, क्योंकि अगले दिन पोंगल था। पोंगल से पहले सारी रात पुरानी वस्तुओं की होली-सी जलाते हैं। इसी दौरान ढोल आदि भी बजाए जाते हैं। यह सब उसे दादी माँ ने बताया था। उसे बताया गया था कि ढोल को तमिल में ‘बोगी कोट्टू’ कहते हैं। ‘बोगी’ ऋतुओं के राजा इंद्र को समर्पित है। इंद्र नयी ऋतुओं के आगमन की घोषणा करते हैं।
प्रश्न (क) गोपाल गाँव कब पहुँचा?
(ख) घरों में सफ़ेदी क्यों हो रही थी?
(ग) ‘बोगी कोट्टू’ किसे कहते हैं?
(घ) इंद्र किसकी घोषणा करते हैं?
(ङ) पोंगल से पहले की रात की क्या परंपरा है ?
उत्तर:
(क) गोपाल पोंगल से एक दिन पहले अपने गाँव पहुँचा।
(ख) पोंगल का त्योहार मनाने एवं सफ़ाई करने के लिए घरों में सफ़ेदी हो रही थी।
(ग) तमिलनाडु में बोगी कोट्टू ढोल को कहते हैं।
(घ) इंद्र नयी ऋतुओं के आने की घोषणा करते हैं।
(ङ) पोंगल से पहले रात भर पुरानी वस्तुओं की होली जलाने की परंपरा है।
प्रश्न 4.
द्वार के ठीक बाहर बहुत बड़ा और बहुत सुंदर ‘कोलम्’ बना था। पोंगल पर विशेष रूप से सूर्य की ही पूजा-अर्चना की जाती है। कुछ देर बाद गोपाल को रसोईघर से भीनी-भीनी सुगंध आने लगी। चूल्हे पर नए बर्तन में ‘शर्करइ पोंगल’ पकाया जा रहा था। यह ‘शर्करइ पोंगल’ दूध, गुड़ और चावल से बनाया जाता है। सूर्य की पूजा करने के बाद गोपाल ने बड़े चाव से ‘शर्करइ पोंगल’ खाया।
प्रश्न (क) ‘कोलम्’ क्या है?
(ख) पोंगल पर किसकी पूजा की जाती है?
(ग) रसोई से भीनी सुगंध क्यों आ रही थी?
(घ) पोंगल पर विशेष पकवान कैसे बनाया जाता है?
(ङ) गोपाल ने यह पकवान कब खाया?
उत्तर:
(क) चावल के आटे से फ़र्श पर सुंदर-सुंदर आकृतियाँ बनाई जाती हैं, इसे ‘कोलम्’ कहते हैं।
(ख) पोंगल पर विशेष रूप से सूर्य की पूजा की जाती है।
(ग) रसोई में नए बर्तन में ‘शर्करइ पोंगल’ बनने से भीनी सुगंध आ रही थी।
(घ) पोंगल पर बनने वाला विशेष पकवान ‘शर्करइ पोंगल’ दूध, गुड़ और चावल से बनाया जाता है।
(ङ) गोपाल ने यह पकवान सूर्य की पूजा के बाद खाया।
प्रश्न 5.
हल्दी और धान की फसल एक साथ निकलती है। इस अवसर पर अन्न भंडार भरे रहते हैं। प्रकृति की शोभा देखते ही बनती है। गोपाल को बचपन के गली-कूचों में डोलते बैलों की याद आ गई। दादा जी ने बताया कि वे अगले दिन ‘माट्टु पोंगल’ पर दिखाई देंगे। इस दिन पशुओं के प्रति कृतज्ञता प्रकट की जाती है। ‘पोंगल’ खेती-बाड़ी का त्योहार है। किसानों से संबंध होने के कारण इस दिन बैलों को भी सजाया जाता है।
प्रश्न (क) कौन-सी दो फ़सलें एक साथ तैयार होती हैं?
(ख) पोंगल त्योहार पर खुशी छाने के कारण लिखिए।
(ग) इस दिन बैलों के प्रति प्रेम कैसे प्रकट किया जाता है?
(घ) गोपाल को बचपन की कौन-सी बात याद आ रही थी?
(ङ) ‘माट्टु पोंगल’ क्या है?
उत्तर:
(क) हल्दी और धान- ये दो फ़सलें एक साथ तैयार होती हैं।
(ख) पोंगल के अवसर पर अन्न भंडार भरे रहते हैं और प्राकृतिक सुदंरता बढ़ जाती है। इसलिए पोंगल पर खुशी छाई रहती है।
(ग) पोंगल खेती-बाड़ी और किसानों से जुड़ा त्योहार है। अतः बैलों को सजाकर उनके प्रति प्रेम प्रकट किया जाता है।
(घ) गोपाल को वह बात याद आ गई, जब बचपन में वह गली-कूचों में घूमते बैलों को देखा करता था।
(ङ) पोंगल त्योहार का अगला दिन ‘माट्टु पोंगल’ के नाम से जाना जाता है। इस दिन पशुओं के प्रति कृतज्ञता प्रकट की जाती है।
शब्दार्थ:
पृष्ठ संख्या : 45
- मन लगना – अच्छा लगना।
- स्मरण – याद।
- मध्य-बीच में समेटना – इकट्ठा करना, समाप्त करना।
- भव्य – शानदार।
पृष्ठ संख्या : 46
- समर्पित – आदरपूर्वक भेंट करना।
- आगमन – आना।
- भीनी सुगंध – हल्की महक।
- चाव-२ – रुचि।
- अन्न भंडार – अनाज़ के भंडार।
- डोलते – घूमते।
- कृतज्ञता – आभार।
- सार्थक – उद्देश्यपूर्ण, सफल।
- निकट- पास, करीब।
पोंगल Summary in Hindi
पाठ-परिचय:
‘पोंगल’ नामक यह पाठ हमारे देश में मनाए जाने वाले त्योहार ‘पोंगल’ के मनाने का समय, मनाने का तरीका आदि की जानकारी देते हुए त्योहारों को मिल-जुलकर मनाने और खुशियाँ बाँटने का संदेश देता है। इसके अलावा इस त्योहार से जुड़े ‘बोगी कोट्टू’, ‘कोलम्’, ‘शर्करई पोंगल’ का ज्ञान भी इस पाठ से होता है।
पाठ का सार:
गोपाल अपने परिवार के साथ मद्रास के निकट एक गाँव में रहता था। जब वह दस वर्ष का था तभी उसके पिता को कनाडा में नौकरी मिल गई और वे परिवार समेत वहाँ बस गए। गोपाल को कनाडा अच्छा लगता था, परंतु उसे अपना गाँव याद आता था, जहाँ उसने अनेक रंग-बिरंगे मेले-त्योहार देखे थे। ऐसे में पोंगल के अवसर पर, जब अचानक भारत आने का कार्यक्रम बना तो बड़ा खुश हुआ। गोपाल की माँ ने उसे बताया कि पोंगल का त्योहार ‘तई’ नामक तमिल महीने की पहली तारीख को अर्थात जनवरी के मध्य में मनाया जाता है। इसे धान की फ़सल की खुशी में मनाते हैं। उसे बचपन में मनाए गए पोंगल त्योहार और ‘पार्वती’ गाय याद आने लगी, जिसे दादी पोंगल के दिन सजाती-सँवारती थी। इसी दिन बैलों का जुलूस भी निकाला जाता था।
जब गोपाल गाँव पहुँचा तो पोंगल की तैयारियाँ चल रही थीं। घरों में सफ़ेदी हो रही थी। पोंगल से पहले सारी रात पुरानी वस्तुओं की होली जलाते हैं और ढोल बजाते हैं, जिसे ‘बोगी कुट्टू’ कहते हैं। इस दिन चावल के आटे से फ़र्श पर सुंदर आकृति बनाई जाती है, जिसे ‘कोलम्’ कहते हैं। इस त्योहार पर विशेष रूप से सूर्य की पूजा की जाती है। नए बर्तन में दूध, गुड़ और चावल से ‘शर्करई पोंगल’ बनाया जाता है, जिसे सूर्य की पूजा के बाद खाते हैं। धान की फ़सल के साथ ही हल्दी भी तैयार होती है, जिसे बहुत पवित्र माना जाता है।
इस समय अन्न भंडार भरे रहते हैं। प्रकृति की शोभा इस समय निराली होती है। अगले दिन ‘माट्टु पोंगल’ होता है। इस दिन बैलों को सजाया जाता है और बैलगाड़ियों की दौड़ का भरपूर आनंद लिया जाता है। पोंगल खेती-बाड़ी से जुड़ा त्योहार है। गोपाल को पोंगल का त्योहार बहुत अच्छा लगा। उसके पिता ने उसे बताया – ” हमारा भारत त्योहारों का देश है। ये त्योहार खुशियाँ बाटते हैं और एक-दूसरे को निकट लाते हैं। “