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DAV Class 5 Hindi Chapter 8 Question Answer – टपके का डर
DAV Class 5 Hindi Ch 8 Question Answer – टपके का डर
पाठ में से (पृष्ठ संख्या – 47 – 48 )
प्रश्न 1.
उसका सबसे छोटा पोता उसके पास ही सोता था और सोते समय दादी से कहानियाँ सुनता।
(क) दादी के पास कौन सोता था?
उत्तर:
दादी के पास उसका छोटा पोता सोता था।
(ख) दादी पोते को कौन-सी कहानियाँ सुनाती थी?
उत्तर:
दादी पोते को राजा-रानी और परियों की कहानियाँ सुनाती थी।
(ग) आपको कहानियाँ कौन सुनाता है?
उत्तर:
मेरी माँ तथा दादा-दादी मुझे कहानियाँ सुनाते हैं।
प्रश्न 2.
” यह टपका क्या मुझसे भी ज्यादा बलवान है। जो बुढ़िया मुझसे नहीं डरती, टपके से डरती है। ”
(क) कहानी में टपका कौन है?
उत्तर:
कहानी में टपका ‘बारिश की बूँद’ है।
(ख) टपके से सबसे ज्यादा कौन डरता है?
उत्तर:
टपके से सबसे ज्यादा शेर डरता है।
प्रश्न 3.
कुम्हार इस झोंपड़ी के पास जैसे ही आया, शेर ने करवट बदली तो कुछ तिनकों- पत्तों की आवाज़ हुई।
(क) कुम्हार गधे की तलाश में किसके पास आया?
उत्तर:
कुम्हार गधे की तलाश में अपने दोस्त रामू पास गया।
(ख) कुम्हार ने तिनकों – पत्तों की आवाज सुनकर किसे दो डंडे जड़ दिए और क्यों ?
उत्तर:
कुम्हार ने तिनकों पत्तों की आवाज़ सुनकर शेर को अपना गधा समझ लिया और उसे दो डंडे जड़ दिए।
प्रश्न 4.
शेर किस कारण चुपचाप उठकर कुम्हार के साथ चल दिया? सही (✓) का निशान लगाइए।
(क) उसे कुम्हार के साथ जाना अच्छा लगा।
(ख) टपके के डर के मारे।
(ग) शेर गाँव देखना चाहता था।
उत्तर:
(ख) टपके के डर के मारे।
प्रश्न 5.
किसने कहा, किससे कहा?
उत्तर:
कथन | किसने कहा | किससे कहा |
(क) “मुझसे बचकर कोई रहा है। आज तक?” | कुम्हार ने | गधा से। |
(ख) “नहीं भैया मेरे यहाँ नहीं। “ | रामू ने | कुम्हार से। |
(ग) “सबसे बड़ा डर टपके का है। “ | बुढ़िया ने | पोते से। |
प्रश्न 6.
कहानी में जो कुछ जिस क्रम से हुआ, उसके अनुसार घटनाओं को क्रमांक दीजिए।
(क) शेर टपके के डर से झोंपड़ी में छिप गया।
(ख) कुम्हार अपना गधा खोजने रामू के घर गया।
(ग) पोते ने दादी से कहा, “मुझे डर लग रहा है।
(घ) कुम्हार पंडितजी के पास जा पहुँचा।
(ङ) कुम्हार ने शेर को खूब डाँटा।
(च) कुम्हार खाई – पोखरों में गधे की तलाश करने लगा।
उत्तर:
(क) शेर टपके के डर से झोंपड़ी में छिप गया। (2)
(ख) कुम्हार अपना गधा खोजने रामू के घर गया। (3)
(ग) पोते ने दादी से कहा, “मुझे डर लग रहा है। (1)
(घ) कुम्हार पंडितजी के पास जा पहुँचा। (4)
(ङ) कुम्हार ने शेर को खूब डाँटा। (6)
(च) कुम्हार खाई – पोखरों में गधे की तलाश करने लगा। (5)
बातचीत के लिए (पृष्ठ संख्या – 48 )
प्रश्न 1.
शेर को ‘टपके’ से डर लगा। आपको किस- किस चीज से डर लगता है? बताइए। साथ ही पता कीजिए कि कक्षा के सभी बच्चों को सबसे ज्यादा किससे डर लगता है?
उत्तर:
छात्र / छात्राएँ स्वयं करें।
प्रश्न 2.
बारिश आने पर हमारे आस-पास क्या बदलाव होता है?
उत्तर:
बारिश आने पर हमारे आस-पास का मौसम सुहावना हो जाता है। चारों ओर जल ही जल दिखाई देता है। पेड़-पौधों में हरियाली आ जाती है जो देखने में अच्छी लगती है। बच्चे पानी में बारिश का खूब आनंद लेते हैं।
प्रश्न 3.
आपने आज तक जितनी भी कहानियाँ सुनी हैं उनमें से आपको जो कहानी सबसे ज्यादा पसंद है, कक्षा में सुनाइए ।
उत्तर:
छात्र / छात्राएँ स्वयं करें।
अनुमान और कल्पना ( पृष्ठ संख्या – 48 – 49)
प्रश्न 1.
कहानी ‘टपके का डर में कुम्हार, शेर जिन चीजों के बारे में अनुमान या अंदाज़ा लगाते हैं, उन्हें लिखिए।
(क) कुम्हार ने अंदाजा लगाया कि-
उत्तर:
कुम्हार ने अंदाजा लगाया कि हो न हो, मेरा गधा इस झोंपड़ी में बैठा है।
(ख) शेर ने अंदाजा लगाया कि-
उत्तर:
जब कुम्हार ने झोंपड़ी में घुसकर शेर को दो डंडे लगाए, तब शेर ने अंदाजा लगाया कि यही वह टपका है, जिसके मारे बुढ़िया डर रही थी।
प्रश्न 2.
नीचे दी गई स्थितियों में आप जो अनुमान लगाएँगे, उन्हें बताइए –
(क) आप शाम को घर पहुँचते हैं और घर में अँधेरा है।
उत्तर:
शाम को घर में अँधेरा देखकर हम अनुमान लगाएँगे कि या तो बिजली चली गई है या घर में कोई नहीं है।
(ख) आसमान में काले बादल छाए हैं और गीली मिट्टी की गंध आती है।
उत्तर:
आसमान में काले बादल छाए हैं और गीली मिट्टी की गंध को सूंघकर हम अंदाज़ा लगाएँगे कि अभी-अभी बारिश हुई है।
(ग) आप सुबह स्कूल जाते हैं और रास्ते में आप बच्चों को वापस घर की तरफ़ आते हुए देखते हैं।
उत्तर:
तब हम अंदाज़ा लगाएँगे कि स्कूल बंद है।
भाषा की बात (पृष्ठ संख्या – 49 )
प्रश्न 1.
पाठ में आए कोई चार युग्म शब्द छाँटकर लिखिए-
(क) टप- _______
(ख) टूटी- ______
(ग) सोचते- ______
(घ) आँधी- ______
उत्तर:
(क) टप-टप
(ख) टूटी-फूटी
(ग) सोचते-सोचते
(घ) आँधी-पानी
अब इनका वाक्यों में प्रयोग भी कीजिए।
(क) टप टप- पानी की बूँदें झोपड़ी में टप -टप टपक रही थीं।
(ख) टूटी-फूटी – बुढ़िया की झोपड़ी टूटी-फूटी थी।
(ग) सोचते-सोचते – शेर सोचते-सोचते घबराकर जंगल की ओर भाग गया।
(घ) आँधी-पानी- कुम्हार का गधा आँधी-पानी में न जाने कहाँ खो गया।
प्रश्न 2.
नाम वाले (संज्ञा) शब्दों के स्थान पर आने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं; जैसे- मैं, हम उस आदि। पाठ में आए इन तीन सर्वनाम शब्दों के अलावा कोई छह सर्वनाम लिखिए-
उत्तर:
(क) वह
(ख) तुम
(ग) उसका
(घ) उसने
(ङ) मुझे
(च) मेरी
जीवन मूल्य (पृष्ठ संख्या – 49 )
कुम्हार अपना गधा खो जाने के कारण परेशान था। पंडितजी बारिश के कारण घर में कई जगह से पानी रिसने की वजह से परेशान थे।
प्रश्न 1.
क्या पंडितजी और कुम्हार का मुश्किल परिस्थितियाँ आने पर परेशान होना सही है या गलत?
उत्तर:
पंडितजी और कुम्हार का मुश्किल परिस्थितियाँ आने पर परेशान होना गलत है क्योंकि विपरीत परिस्थिति में व्यक्ति को धैर्य रखना चाहिए। धैर्य रखकर अपना कार्य करना चाहिए।
प्रश्न 2.
हमें मुश्किल परिस्थितियों का सामना धैर्य से करना चाहिए, क्यों?
कुछ
उत्तर:
हमें मुश्किल परिस्थितियों का सामना धैर्य से करना चाहिए। ऐसा करने से हर मुश्किल आसान हो जाती है और कार्य भी आसानी से पूरा हो जाता है।
करने के लिए (पृष्ठ संख्या – 50 )
प्रश्न 1.
कुम्हार के घर के आगे गधे की जगह शेर बँधा था।’ इस वाक्य पर कहानी खत्म हो जाती है। आप अपनी कल्पना के अनुसार कहानी को आगे बढ़ाइए और अपनी कहानी का कोई शीर्षक भी दीजिए।
उत्तर:
कुम्हार शेर को गधा समझकर उसे डाँटता हुआ अपने घर आकर रस्सी से बाँधकर सो गया। सुबह बारिश बंद होते ही लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकलते और शेर को देखकर हैरान हो जाते। कुम्हार ने जब गधा की जगह शेर को देखा तो वह डर के कारण बेहोश होकर गिर गया। इस पाठ का शीर्षक ‘बरसात की रात’।
प्रश्न 2.
बारिश का पानी मछलियों को बहुत अच्छा लगता है। तो आइए। मछलियाँ बनाएँ- सामग्री- रंगीन क्राफ़्ट पेपर, ग्लू। विधि – रंगीन क्राफ़्ट पेपर को छोटे-बड़े चौकोर साइज में काट लें। दोनों कोनों पर से मोड़कर उसे तिकोना बना लें। उलटी तरफ से दोनों को पकड़कर तिरछा मोड़कर चिपका दें। आगे की तरफ आँखें बना दें।
(चित्रों के लिए पेज संख्या 50 देखें।)
अपनी बनाई हुई मछली बॉक्स में चिपकाइए-
उत्तर:
छात्र / छात्राएँ स्वयं करें।
DAV Class 5 Hindi Ch 8 Solutions – टपके का डर
I. बहुविकल्पीय प्रश्न
1. बुढ़िया कहाँ रहती थी?
(क) शहर
(ख) गाँव
(ग) जंगल
(घ) घर
उत्तर:
(ख) गाँव
2. दादी पोते को क्या सुनाती थी?
(क) कविता
(ख) गीत
(ग) कहानी
(घ) लोरी
उत्तर:
(ग) कहानी
3. बुढ़िया किसे सुला रही थी?
(क) बेटा
(ख) बेटी
(ग) पोता
(घ) शिष्य
उत्तर:
(ग) पोता
4. बुढ़िया को किसका डर था?
(क) चोर का
(ख) बेटा का
(ग) टपके का
(घ) शेर का
उत्तर:
(ग) टपके का
5. शेर कहाँ छिपा था?
(क) बुढ़िया के घर में
(ख) झोंपड़ी में
(ग) गुफा में
(घ) पिंजड़ा में
उत्तर:
(ख) झोंपड़ी में
6. किसका गधा भाग गया था?
(क) धोबी
(ख) कुम्हार
(ग) बुढ़िया
(घ) पंडितजी
उत्तर:
(ख) कुम्हार
7. गधा को खोजते खोजते कुम्हार किसके घर में घुस गया?
(क) बुढ़िया
(ख) रामू
(ग) पंडितजी
(घ) किसी के घर में नहीं।
उत्तर:
(ग) पंडितजी
II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
आँधी-पानी के डर से बुढ़िया के घर में कौन छिपा था?
उत्तर:
आँधी-पानी के डर से बुढ़िया के घर में शेर छिपा था।
प्रश्न 2.
बुढ़िया की बात सुनकर शेर क्या सोचने “क्या लगा?
उत्तर:
बुढ़िया की बात सुनकर शेर सोचने लगा, ‘ यह टपका मुझसे भी अधिक बलवान है?”
प्रश्न 3.
कुम्हार क्या ढूँढ़ने निकला था?
उत्तर:
कुम्हार अपना गधा ढूँढने निकला था।
प्रश्न 4.
कुम्हार पंडितजी के घर क्यों गया?
उत्तर:
कुम्हार को पता था कि पंडितजी जानवरों के खो जाने पर सही दिशा और स्थान बता देते हैं; इसलिए वह पंडितजी के घर गधा के बारे में पूछने गया।
प्रश्न 5.
पंडितजी ने गुस्से में क्या कहा?
उत्तर:
पंडितजी ने गुस्से में कहा कि गधा किसी खाई खड्ड में होगा।
III. लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
कुम्हार को कैसे पता चला कि उसका गधा इसी झोंपड़ी में है?
उत्तर:
अंधेरा होने के कारण झोंपड़ी में कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। किंतु शेर ने जब करवट बदली तो कुछ तिनकों एवं पत्तों की आवाज आई, जिसे सुनकर कुम्हार को पता चल गया कि गधा इसी झोंपड़ी में है।
प्रश्न 2.
कुम्हार ने जब शेर को डंडे से मारा तो शेर क्या सोचने लगा ?
उत्तर:
कुम्हार ने जब डंडे से शेर को मारा तो वह सोचने लगा कि यही वह टपका है जिसके मारे बुढ़िया भी डर रही थी; क्योंकि कोई आदमी होता तो मुझे देखते ही बेहोश होकर गिर पड़ता।
IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
शेर टपके से क्यों डर रहा था? क्या टपका किसी शेर से भी ज्यादा शक्तिशाली जीव था ?
उत्तर:
शेर आँधी-पानी से बचने के लिए बुढ़िया के घर में छिपा था। उसी समय बुढ़िया अपने पोते से कह रही थी – “मुझे किसी से डर नहीं लगता। अगर डर लगता है तो सिर्फ टपके से। ” शेर सोचने लगा कि शायद यह टपका मुझसे भी ज्यादा बलशाली है; इसलिए बुढ़िया मुझसे नहीं बल्कि टपका से डर रही है। इसलिए वह टपका से डर रहा था और डर कर भाग गया। टपका कोई शक्तिशाली जीव नहीं था ।
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
I. किसी गाँव में एक बुढ़िया रहती थी। घर में छोटे-बड़े कई सदस्य थे। उसका बेटा और पोते उसका बड़ा ख्याल रखते थे। उसका सबसे छोटा पोता उसके पास ही सोता था और सोते समय दादी से कहानियाँ सुनता। दादी उसे खूब सारी कहानियाँ सुनाती, “एक था राजा और एक थी रानी।” कहानी आगे बढ़ती, इससे पहले ही वह सो जाता।
प्रश्न 1.
बुढ़िया कहाँ रहती थी?
उत्तर:
बुढ़िया गाँव में रहती थी।
प्रश्न 2.
बुढ़िया किसके साथ रहती थी ?
उत्तर:
बुढ़िया अपने बेटा और पोते के साथ रहती थी।
प्रश्न 3.
बुढ़िया के पास कौन सोता था ?
उत्तर:
बुढ़िया के पास उसका छोटा पोता सोता था।
प्रश्न 4.
दादी पोते को कौन-सी कहानी सुनाती थी?
उत्तर:
दादी पोते को राजा-रानी की कहानी सुनाती थी।
प्रश्न 5.
‘कहानी’ का वचन बदलिए।
उत्तर:
कहानियाँ।
II. पानी की बूँदें हर जगह टप टप टपक रही थीं। दादी ने पोते को उस ओर सुला दिया जहाँ पानी नहीं टपक रहा था। लेकिन पोते को नींद नहीं आ रही थी। पानी अभी भी बरस रहा था। चारों ओर अँधेरा था। घोर अंधकार । “दादी मुझे तो बड़ा डर लग रहा है। ” सब तरफ़ अंधेरा ही अंधेरा है। पोते ने पूछा – ” आपको डर नहीं लगता?” ” अरे डर काहे का रे? मुझे किसी से डर नहीं लगता। अगर लगता है तो सबसे बड़ा डर टपके का है।” दादी ने पोते की हिम्मत बँधाई।
प्रश्न 1.
दादी ने पोते को कहाँ सुला दिया?
उत्तर:
दादी ने पोते को वहाँ सुला दिया जहाँ पानी नहीं टपक रहा था।
प्रश्न 2.
पोते को नींद क्यों नहीं आ रही थी?
उत्तर:
चारों ओर अंधेरा और बारिश होने के कारण पोते को नींद नहीं आ रही थी।
प्रश्न 3.
दादी को किस चीज का डर था?
उत्तर:
दादी को टपके का डर था।
प्रश्न 4.
दादी ने किसे हिम्मत बँधाई?
उत्तर:
दादी ने पोते को हिम्मत बँधाई।
प्रश्न 5.
‘हिम्मत’ का अर्थ क्या होता है?
उत्तर:
‘हिम्मत’ का अर्थ साहस होता है।
III. कुम्हार इस झोंपड़ी के पास जैसे ही आया, शेर ने करवट बदली तो कुछ तिनकों पत्तों की आवाज़ हुई । अँधेरा तो था ही कुम्हार ने अंदाज़ा लगाया कि हो न हो, मेरा गधा इसी में बैठा है। वह झोंपड़ी में घुस गया। जाते ही उसने सबसे पहले दो डंड़े उसे जड़ दिए। शेर ने सोचा, “यह वही टपका है। जिसके मारे बुढ़िया भी डर रही थी, क्योंकि कोई आदमी होता तो मुझे देखते ही बेहोश होकर गिर पड़ता। ”
प्रश्न 1.
कुम्हार कहाँ गया?
उत्तर:
कुम्हार एक झोंपड़ी में गया।
प्रश्न 2.
आवाज़ कैसे हुई?
उत्तर:
शेर ने जब करवट बदली तो कुछ तिनकों पत्तों से आवाज़ हुई।
प्रश्न 3.
कुम्हार ने क्या सोचा?
उत्तर:
कुम्हार ने अंदाजा लगाया कि हो न हो मेरा गधा इसी झोंपड़ी में है।
प्रश्न 4.
शेर ने क्या सोचा?
उत्तर:
शेर ने सोचा, “यह वही टपका है जिसके मारे बुढ़िया डर रही थी।”
प्रश्न 5.
कुम्हार ने झोंपड़ी में घुसते ही क्या किया?
उत्तर:
कुम्हार ने झोंपड़ी में घुसते ही शेर को दो डंडे जड़ दिए।
शब्दार्थ:
- बिसात – हैसियत।
- हिम्मत साहस।
- बलवान – ताकतवर।
- विश्वास – भरोसा।
- गायब – खो जाना।
- आव देखा न ताव – बिना सोचे समझे।
- रिस- पानी टपकना।
- पोखर – तालाब।
- बेवक्त – गलत, समय।
- गत- हालत।
- अचंभा – आश्चर्य, विस्मय।
टपके का डर Summary in Hindi
पाठ – परिचय:
‘टपके का डर’ प्रेमशरण द्वारा रचित एक रोचक कहानी है। इस पाठ के माध्यम से यह बताया गया है कि बल से बुद्धि बड़ी होती है। शेर एक बलशाली जीव है जिसे कुम्हार पीटते हुए अपने घर लाता है और रस्सी से बाँध देता है।
पाठ का सारांश:
किसी गाँव में एक बुढ़िया अपने बेटे और पोते के साथ रहती थी। उसका छोटा पोता उसके पास ही सोता था जिसे वह रोज़ राजा-रानी की कहानियाँ सुनाया करती थी। एक बार जोरों की बारिश हुई। चारों ओर अंधेरा ही अंधेरा था बुढ़िया की टूटी-फूटी छत हर जगह टप टप टपक रही थी। बुढ़िया ने अपने पोते को सुरक्षित जगह सुला दिया जहाँ पानी नहीं टपक रहा था। लेकिन उसका पोता डर के कारण सो नहीं पा रहा था। वह अपनी दादी से पूछता है कि दादी क्या आपको डर नहीं लगा। बुढ़िया ने उसे बताया कि मुझे किसी से डर नहीं लगता। अगर डर लगता है तो सिर्फ टपके का।
उसी रात आँधी-पानी से बच कर एक शेर बुढ़िया के अँधेरे घर में घुस जाता है और बुढ़िया की बात सुनकर सोचने लगता है कि यह टपका क्या मुझसे भी बलवान है बुढ़िया मुझसे नहीं बल्कि टपके से डरती है। शेर के दिमाग में टपका का डर समा गया। वह भागते-भागते एक टूटी और उजाड़ झोपड़ी में जाकर छिप गया। उसी रात आँधी-पानी में एक कुम्हार का गधा कहीं भाग जाता है। गधे की खोज में वह कई घरों में गया लेकिन गधे का कहीं पता नहीं चला। उसी गाँव में एक पंडित जी रहते थे जो जानवरों के खो जाने पर लोगों को दिशा और स्थान का सही-सही पता बता देते थे। कुम्हार बिना सोचे पंडित जी के घर में घुसकर गधा के बारे में पूछने लगा।
पंडित जी पहले से ही घर रिसने के कारण परेशान थे। कुम्हार का बेवक्त आना उन्हें अच्छा नहीं लगा और गुस्से में बोले – ” होगा, किसी खाई – खड्ड में।”कुम्हार खाई – खड्ड की खोज करते-करते उसी झोपड़ी में पहुँच जाता है जहाँ शेर टपके के डर से छिपकर बैठा था। पत्तों और तिनकों की आवाज़ से कुम्हार अंदाज़ा लगा लेता है कि हो न हो मेरा गधा इसी में बैठा है। उसने बिना सोचे-समझे उसे दो डंडे जड़ दिये। शेर को ऐसा लगा कि शायद यही वह टपका है जिससे बुढ़िया भी डर रही थी, क्योंकि यदि आदमी होता तो मुझे देखते ही बेहोश हो जाता । कुम्हार गुस्से से बड़बड़ाता हुआ शेर का कान पकड़कर खींचना शुरू कर देता है। शेर चुपचाप टपके के डर के मारे कुम्हार के साथ चल दिया। कुम्हार शेर को एक रस्सी से आँगन में बाँधकर सो गया।सुबह होते ही कुम्हार के घर गधा की जगह शेर को बँधा देख लोग हैरान हो गए।