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DAV Class 4 Hindi Chapter 8 Question Answer – किस्से-कहावतों की दुनिया
DAV Class 4 Hindi Ch 8 Question Answer – किस्से-कहावतों की दुनिया
पाठ में से
1. कहानी के आधार पर उत्तर दीजिए-
(क) वह तो ठहरा साधारण आदमी। सो, लालच में आ गया।
(i) राहगीर कहाँ से गुज़रा?
उत्तर :
राहगीर राजमहल की ओर से गुज़रा।
(ii) वह लालच में क्यों आ गया?
उत्तर :
राजमहल में कीमती सामानों को देखकर वह लालच में आ गया।
(iii) उसने लालच में आकर क्या किया?
उत्तर :
उसने लालच में आकर कीमती सामानों को झटपट अपने झोले में डाल लिया।
(ख) चोर को तो जैसे चस्का लग गया था।
(i) चोर को क्या करने का चस्का लग गया था?
उत्तर :
चोर को चोरी करने का चस्का लग गया था।
(ii) चोर कैसे पकड़ा गया?
उत्तर :
बार-बार चोरी करने से चोर का साहस बढ़ गया। इधर महल में सिपाही चोर को पकड़ने के लिए सावधान थे, इसलिए चोर पकड़ा गया।
(iii) अंत में चोर ने पकड़े जाने पर क्या कहा?
उत्तर :
अंत में चोर ने डपटकर कहा, “कैसे कोतवाल हो तुम! सारे पहरेदार सोते रहते हैं। कहीं ऐसा न हो कि एक दिन सारा खज़ाना ही लुट जाए। मैंने तो सबको बताने के लिए चोरी का नाटक किया था।”
(ग) उसने सोचा-पता नहीं खीर कैसी होती है?
(i) माधो ने खीर के बारे में किससे पूछा?
उत्तर :
माधो ने खीर के बारे में अपने साथी कालू से पूछा।
(ii) माधो को क्यों नहीं पता चल रहा था कि खीर कैसी होती है?
उत्तर :
माधो देख नहीं सकता था, इसलिए उसे पता नहीं चल रहा था कि खीर कैसी होती है।
(iii) माधो के साथी ने खीर की तुलना किस-किस से करके उसे बताया?
उत्तर :
माधो के साथी ने खीर की तुलना बगुला और अपने बाह से करके बताया।
2. उचित उत्तर पर सही (✓) का चिह्न लगाइए-
(क) एक राहगीर किसके पास से गुज़रा?
उत्तर :
[ ] राजमहल
(ख) राजा ने किसे पकड़ने का आदेश दिया?
उत्तर :
[ ] चोर
(ग) एक दिन गाँव में किसके घर पर भोज था?
उत्तर :
[ ] मुखिया
3. इस पाठ में आपने जिन दो कहावतों के बनने के मज़ेदार किस्से पढ़े हैं, उन्हें लिखिए-
(क) ______________
(ख) ______________
उत्तर :
(क) उलटा चोर कोतवाल को डाँटे।
(ख) टेढ़ी खीर
बातचीत के लिए
प्रश्न 1.
किसी ऐसी घटना के बारे में बताइए जब आपने भी ‘उलटा चोर कोतवाल को डाँटे’ वाला काम किया हो।
उत्तर :
एक बार मैं अपनी छोटी बहन के साथ टेबल पर खाना खाने के लिए बैठा। उस दिन माँ ने मीठी खीर बनाई थी, जो मुझे बहुत पसंद थी। सामने खीर आते ही मैंने उसे झटपट खाना शुरू कर दिया, लेकिन मेरी छोटी बहन खाने में आना-कानी कर रही थी। माँ ने उसे बार-बार डराना शुरू किया कि अगर तुम जल्दी नहीं खाओगी तो तुम्हारा भैया खीर खा जाएगा। फिर भी वह नहीं खा रही थी। इस बीच माँ रसोई में कुछ लाने चली गईं। तब तक मैंने अपनी बहन के हिस्से की खीर चट कर दी। यह देखकर वह चिल्लाकर रोने लगी। रोने की आवाज़ सुनकर माँ दौड़ी हुई आईं और मुझे डाँटने लगी। मैंने अपने बचाव में कहा कि मैंने तो इसे सबक सिखाने के लिए इसके हिस्से की खीर खाई है। इस पर माँ ने हँसते हुए वही कहावत कह डाली-उलटा चोर कोतवाल को डाँटे।
प्रश्न 2.
‘भोज’ क्या होता है? क्या आप कभी भोज पर गए हैं?
उत्तर :
सामूहिक रूप से किए गए भोजन को ‘भोज’ कहते हैं। हाँ, हम भी भोज पर गए हैं।
प्रश्न 3.
यदि आपको साँप, शेर के बारे में बताना हो तो कैसे बताएँगे?
उत्तर :
अगर साँप के बारे में बताना होगा तो हम साँप की तुलना रस्सी से करके बताएँगे तथा शेर के बारे में बताना होगा तो बताएँगे कि शेर के दाँत नुकीले तथा नाखून बड़े-बड़े होते हैं और वह हिंसक जानवर है।
आपकी बात
प्रश्न 1.
‘महल’ और ‘गाँव’ शब्द सुनते ही उनसे जुड़ी जो चीज़ें आपके मन में आती हैं, उन्हें नीचे दी गई तालिका में लिखिए-
उत्तर :
महल :
आलीशान मकान
बड़ा गेट, सोफा,
बड़ा पलंग, कालीन
इत्यादि
गाँव :
खेत, मवेशी, किसान
गोबर, झोंपड़ी, कच्ची
सड़क इत्यादि।
प्रश्न 2.
नीचे दिए गए कामों में से जो काम आपके लिए ‘टेढ़ी खीर’ हैं, उन पर सही (✓) का चिह्न लगाइए-
उत्तर :
काम – टेढ़ी खीर
(क) परीक्षा देना [ ]
(ख) पेड़ पर चढ़ना [✓]
(ग) दो घंटे लगातार पढ़ना [✓]
(घ) पतंग उड़ाना [ ]
(ङ) बटन टाँकना [ ]
(च) ऊन का गोला बनाना [✓]
आपकी कल्पना
पाठ में आए दोनों किस्सों को अपनी कल्पना के अनुसार आगे बढ़ाइए और कक्षा में सुनाइए।
उत्तर :
छात्र/छात्राएँ स्वयं करें।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
दिए गए एक शब्द के लिए अनेक शब्द लिखिए-
एक – अनेक
(क) कहावत – _____
(ख) झोला – _____
(ग) जूती – _____
(घ) किस्सा – _____
(ङ) बगुला – _____
उत्तर :
(क) कहावत – लोगों द्वारा कही गई उक्ति।
(ख) झोला – कपड़े आदि का थैला।
(ग) जूती – जनाना जूता।
(घ) किस्सा – मनोरंजक कथा।
(ङ) बगुला – उजले रंग का एक जल पक्षी।
प्रश्न 2.
बताइए, इन्हें और क्या कहते हैं?
(क) कीमती – ________
(ख) चस्का – ________
(ग) पोखर – ________
उत्तर :
(क) कीमती – बहुमूल्य
(ख) चस्का – आदत
(ग) पोखर – तालाब
प्रश्न 3.
नीचे दिए गए वाक्यों में क्रिया शब्द के नीचे रेखा खींचिए-
उत्तर :
(क) उसने एक बगुला देखा।
(ख) चोर को तुरंत पकड़ लिया।
(ग) सभी आराम से रहते थे।
जीवन मूल्य
1. ‘चोर को तो जैसे चस्का लग गया।’ पाठ में चोर को चोरी करने की आदत पड़ गई। उसे मज़ा आने लगा।
आपके विचार से चोर को यह आदत क्यों लगी होगी?
उत्तर :
चोर हर बार चोरी करने में कामयाब हो जाता होगा, उसे कोई पकड़ नहीं पाता होगा, इसलिए उसे चोरी करने की आदत लगी होगी।
व्यक्ति चोरी कब करता है?
उत्तर :
व्यक्ति चोरी कई कारणों से करता है। कुछ व्यक्ति मजबूरी में चोरी करता है, कुछ व्यक्ति को चोरी करने की आदत होती है, कुछ व्यक्ति आलसी होते हैं और अपना काम करना नहीं चाहते। उसे चोरी करके अपना भरण-पोषण करना ही आसान लगता है।
अपने लालच पर कैसे काबू पाया जा सकता है,
उत्तर :
अगर किसी चीज़ पर लालच पैदा होता है तो उस पर काबू पाने के लिए ध्यान हटाकर दूसरी तरफ ले जाया जा सकता है या उस स्थान को छोड़कर दूसरे स्थान पर जाया जा सकता है ताकि उस सामान पर लालच न आए।
चोरी का चस्का लगना गलत बात है। किस चीज़ का चस्का अच्छी बात हो सकती है?
उत्तर :
छात्र/छात्राएँ स्वयं करें।
कुछ करने के लिए
1. आओ, कहावत-‘अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत’ पर किस्सा बनाएँ।
संकेत – एक बार की बात है। एक किसान का बेटा बहुत आलसी था। वह कोई काम नहीं करना चाहता था।
उत्तर :
एक दिन किसान ने अपने बेटे को बताया कि हमारे खेत में बहुत सारा धन गड़ा है। तुम उसे खोदकर बाहर निकाल लेना। किसान का बेटा बहुत आलसी था। वह सोचता था कि इतनी भी क्या जल्दी है बाद में ज़मीन खोदकर धन निकाल लूँगा। इसी बीच किसान बीमार पड़ गया। किसान का बेटा तो आलसी था ही। वह पिता का इलाज़ भी नहीं करवा सका। इस बीच किसान की मौत हो गई। इधर किसान का बेटा अपने पिता से यह भी नहीं पूछा कि किस खेत में खजाना गड़ा है। किसान के बेटे ने बहुत प्रयास किया कि खज़ाना खोद कर निकाला जाए, किंतु अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।
2. नीचे कुछ मुहावरे या कहावतें लिखी हैं-
अंग-अंग ढीला होना
पीठ थपथपाना
अँगूठा दिखाना
नाम कटाना
नौ दो ग्यारह होना
काला अक्षर भैंस बराबर
इसी तरह आप कुछ अन्य मुहावरों या कहावतों को इकट्ठा करके पर्चियों पर लिखकर एक डिब्बे में डालिए। फिर कक्षा में आप डिब्बे में से पर्ची उठाकर उसके अनुसार मुहावरे या कहावत का अभिनय करें और बाकी बच्चे उस मुहावरे या कहावत को पहचानें।
उत्तर :
छात्र/छात्राएँ स्वयं करें।
DAV Class 4 Hindi Ch 8 Solutions – किस्से-कहावतों की दुनिया
I. बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
‘आकाश-पाताल एक करना’ का अर्थ होगा-
(क) बहुत परिश्रम करना
(ख) आकाश और पाताल को मिलाना
(ग) संबंध बनाना
(घ) निगरानी करना।
उत्तर
(क) बहुत परिश्रम करना
प्रश्न 2.
‘कोल्हू का बैल’ का अर्थ होगा-
(क) नौकरी करना
(ख) समाजसेवा करना
(ग) व्यापार करना
(घ) लगातार काम करना।
उत्तर
(घ) लगातार काम करना।
प्रश्न 3.
‘उलटा चोर कोतवाल को डाँटे’ का अर्थ होगा-
(क) सरकारी नौकरी करना
(ख) समाजसेवा करना
(ग) दोषी व्यक्ति ही निर्दोष को डाँटने लगे।
(घ) डाँटना-फटकारना
उत्तर
(ग) दोषी व्यक्ति ही निर्दोष को डाँटने लगे।
प्रश्न 4.
‘टेढ़ी खीर’ का अर्थ होगा-
(क) कठिन काम
(ख) अति प्यारा
(ग) भाग जाना
(ख) कभी-कभी दिखाई
उत्तर
(क) कठिन काम
प्रश्न 5.
किसने कहा, “वाह! देखो! उलटा चोर कोतवाल को डाँटे।”
(क) लोगों ने
(ख) सिपाहियों ने
(ग) राजा ने
(घ) नौकरों ने
उत्तर
(क) लोगों ने
प्रश्न 6.
महल में कौन घुस गया?
(क) सिपाही
(ख) नौकर
(ग) चोर
(घ) राहगीर
उत्तर
(घ) राहगीर
प्रश्न 7.
महल के दरवाजे पर कौन सो रहा था?
(क) राजा
(ख) चोर
(ग) सिपाही
(घ) पहरेदार
उत्तर
(घ) पहरेदार
प्रश्न 8.
चोर को क्या लग गया था?
(क) चस्का
(ख) चोट
(ग) भूख
(घ) धोखा
उत्तर
(क) चस्का
प्रश्न 9.
चोर किसके पीछे पड़ गया?
(क) राजा
(ख) पहरेदार
(ग) सिपाही
(घ) कोतवाल
उत्तर
(घ) कोतवाल
प्रश्न 10.
एक दिन गाँव के मुखिया के घर क्या था?
(क) भोज
(ख) जन्मदिन
(ग) शादी
(घ) नाटक
उत्तर
(क) भोज
प्रश्न 11.
भोज में क्या बना था?
(क) पुलाव
(ख) मिठाई
(ग) खीर
(घ) हलवा-पुरी
उत्तर
(ग) खीर
प्रश्न 12.
उस गाँव का भिखारी कैसा था?
(क) लंगड़ा
(ख) बहरा
(ग) अंधा
(घ) गूँगा
उत्तर
(ग) अंधा
प्रश्न 13.
‘बगुला’ कैसा होता है?
(क) उजला
(ख) काला
(ग) हरा
(घ) भूरा
उत्तर
(क) उजला
प्रश्न 14.
किसने कहा, “खीर तो बड़ी टेढ़ी होती है।”
(क) कालू
(ख) माधो
(ग) मुखिया
(घ) गाँव के लोग।
उत्तर
(ख) माधो
प्रश्न 15.
इस पाठ में कितनी कहावतों की चर्चा की गई है?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) एक
(घ) पाँच
उत्तर
(क) दो
II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
राजा के राज्य में क्या नहीं होता था?
उत्तर :
राजा के राज्य में चोरी-डकैती नहीं होती थी।
प्रश्न 2.
एक दिन राजमहल के पास से कौन गुज़रा?
उत्तर :
एक दिन राजमहल के पास से एक राहगीर गुज़रा।
प्रश्न 3.
राहगीर ने महल में क्या देखा?
उत्तर :
राहगीर ने महल में कीमती सामान देखा।
प्रश्न 4.
चोरी होने के बाद राजा ने क्या किया?
उत्तर :
चोरी होने के बाद राजा ने चोर को पकड़ने का आदेश दिया।
प्रश्न 5.
क्या दूसरी बार भी चोर चोरी करने में कामयाब हो गया?
उत्तर :
हाँ, दूसरी बार भी चोर चोरी करने में कामयाब हो गया।
प्रश्न 6.
सुबह सारे राज्य में क्या फैल गई?
उत्तर :
सुबह सारे राज्य में महल में चोरी होने की खबर फैल गई।
प्रश्न 7.
किसने सोचा पता नहीं खीर कैसी होती है?
उत्तर :
माधो ने सोचा पता नहीं खीर कैसी होती है।
प्रश्न 8.
माधो ने ऐसा क्यों सोचा कि पता नहीं खीर कैसी होती है?
उत्तर :
माधो ने खीर कभी नहीं खाई थी, इसलिए सोचा कि पता नहीं खीर कैसी होती है।
प्रश्न 9.
माधो ने खीर के बारे में किससे पूछा?
उत्तर :
माधो ने खीर के बारे में कालू लंगड़े से पूछा।
प्रश्न 10.
चोर को ज़िंदा या मुर्दा पकड़कर हाज़िर करने का आदेश किसने दिया?
उत्तर :
चोर को ज़िदा या मुर्दा पकड़कर हाज़िर करने का आदेश राजा ने दिया।
III. लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
राजा क्यों परेशान हो गया? उसने क्या आदेश दिया?
उत्तर :
राजमहल में चोरी होने के कारण राजा परेशान हो गया। उसने आदेश दिया कि चोर को ज़िदा या मुर्दा दरबार में हाज़िर किया जाए।
प्रश्न 2.
चोर को चोरी करने का चस्का क्यों लग गया?
उत्तर :
राजमहल के सारे पहरेदार आराम से सोते थे। चोर जब भी चोरी करने गया, उसे कोई पकड़ नहीं पाया। वह हर बार चोरी करने में कामयाब हुआ, इसलिए उसको चोरी करने का चस्का लग गया।
प्रश्न 3.
चोर ने कोतवाल को डपटकर क्या कहा?
उत्तर :
चोर ने कोतवाल को डपटकर बोला, “कैसे कोतवाल हो तुम! यही रक्षा करते हो महल की? सारे पहरेदार सोते रहते हैं। फिर, चोरी नहीं होगी तो क्या होगा। कहीं ऐसा न हो कि सारा खज़ाना ही लुट जाए”।
प्रश्न 4.
किस तर्क से यह मुहावरा तर्कसंगत लगता है कि उलटा चोर कोतवाल को डाँटे?
उत्तर :
सारे पहरेदार सोते रहते हैं, ऐसी स्थिति में चोरी नहीं होगी तो क्या होगा। कहीं ऐसा न हो कि किसी दिन सारा खज़ाना ही लुट जाए, इसलिए मैंने पहरेदारों और कोतवाल को सबक सिखाने के लिए चोरी का नाटक किया था। चोर के इस तर्क से यह तर्कसंगत लगता है कि उलटा चोर कोतवाल को डाँटे।
प्रश्न 5.
खीर की लोगों ने क्या बड़ाई की?
उत्तर :
मुखिया के घर भोज में जो खीर बनी थी, उसकी लोगों ने खूब तारीफ़ की। कितनी मज़ेदार खीर थी। बिल्कुल रबड़ी जैसी खातेखाते मन नहीं अघाता था।
प्रश्न 6.
खीर कैसी होती है-इस बात को कालू लंगड़े ने माधो को कैसे समझाया?
उत्तर :
कालू ने सबसे पहले तो माधो को यह कहा कि खीर उजली होती है। उजला बगुला की तरह होता है। माधो ने फिर पूछा कि बगुला कैसा होता है? माधो अंधा था। उसने कभी न खीर खाई थी, न देखी थी। इसलिए कालू ने उसे समझाने के लिए एक उपाय सोचा। उसने अपनी बाँह को कोहनी से मोड़ा। फिर हथेली पर से थोड़ा मोड़ा। माधो का हाथ पकड़ा और अपना हाथ टटोलने के लिए कहा। माधो समझ गया खीर टेढ़ी होती है।
प्रश्न 7.
‘टेढ़ी खीर’ जैसा मुहावरा कैसे बन गया?
उत्तर :
माधो ने जब निराश होकर कहा-धत् तेरे की। खीर तो बड़ी टेढ़ी होती है। इसे खाना आसान नहीं होगा। बस इसी से मुहावरा बन गया-टेढ़ी खीर।
IV. किसने किससे कहा-
(क) “कैसे कोतवाल हो तुम! यही रक्षा करते हो महल की?”
उत्तर :
चोर ने कोतवाल से कहा।
(ख) “कालू! ये खीर कैसी होती है?”
उत्तर :
माधो ने कालू से पूछा।
(ग) “भैया! बस इतना तो बता दो कि बगुला कैसा होता है?”
उत्तर :
माधो ने कालू से पूछा।
(घ) “और कैसी! उजली होती है।”
उत्तर :
कालू ने माधो से कहा।
(ङ) “महाराज! यही है वह चोर। इसे कड़ी-सेकड़ी सज़ा मिलनी चाहिए।”
उत्तर :
कोतवाल ने राजा से कहा।
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
I. एक बार की बात है। रात का समय था। एक राहगीर राजमहल के पास से गुज़रा। देखा, सारे पहरेदार सो रहे हैं। उसके मन में उत्सुकता जगी कि महल कैसा होता है! डरते-डरते वह महल में घुस गया। महल था भी बड़ा आलीशान। वहाँ कीमती सामान भरे पड़े थे। मन तो भैया मन है। बड़े-बड़े लोगों का भी डोल जाता है। वह तो ठहरा साधारण आदमी। सो, लालच में आ गया। उसने झटपट कुछ कीमती सामान झोले में डाल लिया।
प्रश्न 1.
महल के पास से कौन गुज़रा?
उत्तर :
महल के पास से एक राहगीर गुज़रा।
प्रश्न 2.
राहगीर ने क्या देखा?
उत्तर :
राहगीर ने देखा कि सारे पहरेदार सो रहे हैं।
प्रश्न 3.
महल कैसा था?
उत्तर :
महल आलीशान था।
प्रश्न 4.
वहाँ कैसे सामान भरे पड़े थे?
उत्तर :
वहाँ कीमती सामान भरे पड़े थे।
प्रश्न 5.
राहगीर ने लालच में आकर क्या किया?
उत्तर :
राहगीर लालच में आकर झटपट कीमती सामानों को झोले में रखकर भाग गया।
II. मगर, यह क्या? चोर तो कोतवाल के ही पीछे पड़ गया। डपटकर बोला, “कैसे कोतवाल हो तुम! यही रक्षा करते हो महल की? सारे पहरेदार सोते रहते हैं। फिर, चोरी नहीं होगी तो और क्या होगा। कहीं ऐसा न हो कि किसी दिन सारा खज़ाना लुट जाए। मैंने तो सबको यह बताने के लिए ही चोरी का नाटक किया था।” लोग कहने लगे, “वाह! देखो! उलटा चोर कोतवाल को डाँटे।”
प्रश्न 1.
कोतवाल के पीछे कौन पड़ गया?
उत्तर :
कोतवाल के पीछे चोर पड़ गया।
प्रश्न 2.
चोर ने डपटकर कोतवाल से क्या कहा?
उत्तर :
चोर ने डपटकर कहा, “कैसे कोतवाल हो तुम! यही रक्षा करते हो महल की? सारे पहरेदार सोते रहते हैं। फिर, चोरी नहीं होगी तो और क्या होगा।”
प्रश्न 3.
चोर ने अपने बचाव में क्या तर्क दिया?
उत्तर :
चारे ने अपने बचाव में यह तर्क दिया कि मैंने तो सबको बताने के लिए चोरी का नाटक किया था।
प्रश्न 4.
लोग क्या कहने लगे?
उत्तर :
लोग कहने लगे, “वाह! देखो! उलटा चोर कोतवाल को डाँटे।”
प्रश्न 5.
मैंने तो सबको यह बताने के लिए ही चोरी का नाटक किया था। यहाँ ‘मैंने’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
उत्तर :
इस वाक्य में ‘मैंने ‘ शब्द ‘चोर’ के लिए प्रयुक्त हुआ है।
III. उसी गाँव में एक भिखारी था-माधो। माधो देख नहीं सकता था। माधो के कानों में भी खीर की बात पड़ी। उसने खीर कभी नहीं खाई थी। उसने सोचा-‘पता नहीं खीर कैसी होती है? लोग इसकी इतनी बड़ाई कर रहे थे।’ उसने अपने साथी कालू से पूछा “कालू! ये खीर कैसी होती है”? कालू ने जवाब दिया, “और कैसी! उजली होती है।” अब बेचारा माधो क्या जाने उजला, लाल और पीला कैसा होता है? वह तो जन्म से नेत्रहीन था। उसने फिर पूछा, “भैया! उजला कैसा होता है? कालू कठिनाई में पड़ गया। इधर-उधर देखने लगा। पोखर के किनारे एक बगुला दिखा। बोला, “माधो! बिलकुल बगुले जैसा होता है।”
प्रश्न 1.
माधो कौन था?
उत्तर :
माधो एक अंधा भिखारी था।
प्रश्न 2.
माधो के कानों में कौन सी-बात पड़ी?
उत्तर :
माधो के कानों में खीर की बात पड़ी।
प्रश्न 3.
माधो ने किससे खीर के बारे में पूछा?
उत्तर :
माधो ने कालू से खीर के बारे में पूछा।
प्रश्न 4.
माधो और कालू कौन थे?
उत्तर :
माधो और कालू मित्र थे।
प्रश्न 5.
माधो ने कालू से क्या पूछा?
उत्तर :
माधो ने कालू से पूछा कि खीर कैसी होती है।
प्रश्न 6.
कालू ने माधो को खीर के बारे में क्या बताया?
उत्तर :
कालू ने माधो को बताया कि खीर उजली होती है। बिलकुल उजले बगुल की तरह।
IV. भला माधो ने कभी बगुला देखा हो, तब तो समझे। कुछ देर तो माधो चुप रहा। फिर, उसने सकुचाते हुए पूछा, “भैया! बस इतना बता दो कि बगुला कैसा होता है?” अब कालू की कठिनाई और बढ़ गई। उसकी समझ में नहीं आ रहा था, वह उसे समझाए तो कैसे?
प्रश्न 1.
क्या माधो ने कभी बगुला देखा था?
उत्तर :
नहीं, माधो ने कभी बगुला नहीं देखा था।
प्रश्न 2.
माधो ने सकुचाते हुए कालू से क्या पूछा?
उत्तर :
माधो ने सकुचाते हुए कालू से पूछा, “भैया! बस इतना बता दो कि बगुला कैसा होता है?”
प्रश्न 3.
कालू को क्या कठिनाई हो रही थी?
उत्तर :
कालू यह समझ नहीं पा रहा था कि वह माधो को समझाए तो कैसे?
प्रश्न 4.
‘उसकी’ समझ में नहीं आ रहा था, वह ‘उसे’ समझाए तो कैसे? इस वाक्य में ‘उसकी’ और ‘उसे’ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
उत्तर :
इस वाक्य में ‘उसकी’ शब्द कालू के लिए तथा ‘उसे’ शब्द माधो के लिए प्रयुक्त हुआ है।
शब्दार्थः
- किस्से – कहानी
- आलीशान – भव्य
- कीमती – बहुमूल्य
- राजमहल – राजा का महल
- शोर – कोलाहल
- आदेश – आज्ञा
- नतीजा – परिणाम
- साहस – हिम्मत
- हाज़िर – उपस्थित
- कोतवाल – नगरपाल
- सावधान – सतर्क
- बड़ाई – प्रशंसा
- मन नहीं अघाता – मन नहीं भरता
- पोखर – तालाब
- सकुचाते – संकोच करते हुए।
किस्से-कहावतों की दुनिया Summary in Hindi
पाठ – परिचय :
‘किस्से – कहावतों की दुनिया’ शीर्षक पाठ में दो कहानियों की चर्चा की गई है। इन दोनों कहानियों के माध्यम से यह बताया गया है कि कहावतें किसी – न-किसी मज़ेदार किस्से के आधार पर ही बनी होंगी।
पाठ का सारांश :
I. एक राजा था, जिसके राज्य में कभी चोरी – डकैती नहीं होती थी। इस कारण सारे सिपाही और पहरेदार आराम से सोते थे। एक दिन एक राहगीर उस महल के रास्ते से गुज़रा। वह सारे पहरेदारों को सोते देख महल को देखने के लिए अंदर घुस गया। महल आलीशान था और काफी कीमती सामान भरे पड़े थे। राहगीर के मन में लालच आ गया। वह झटपट एक थैले में कीमती सामान भरकर निकल गया। ऐसा काम उसने दूसरी बार भी किया, किंतु राजा के सिपाही उसे पकड़ नहीं पाए। तब राजा काफ़ी परेशान हो गया और कोतवाल को उसे ज़िदा या मुर्दा हाज़िर करने का आदेश दिया। इस बार सिपाही सावधान हो गए और चोर को पकड़कर दरबार में हाज़िर किया गया। कोतवाल ने राजा को बताया, “महाराज! यही वह चोर है, इसे कड़ी – से – कड़ी सज़ा दी जाए।” मगर चोर तो कोतवाल के पीछे ही पड़ गया और डपटकर बोला, “कैसे कोतवाल हो तुम! तुम्हारे सारे पहरेदार सोते रहते हैं। ऐसी स्थिति में चोरी नहीं होगी तो और क्या होगा? अगर ऐसा ही रहा तो सारा खज़ाना लुट जाएगा। मैंने तो सबको यही बताने के लिए ही चोरी का नाटक किया था।” उसकी इस बात पर सभी लोग कहने लगे अरे वाह! उलटा चोर कोतवाल को डाँटे।
II. एक दिन गाँव के मुखिया के घर भोज था। भोज में खीर बनी थी। सभी ने खीर की काफी तारीफ़ की। उसी गाँव में माधो नाम का एक अंधा रहता था। जब उसने खीर की तारीफ़ सुनी तो सोचने लगा – ‘पता नहीं खीर कैसी होती है’? उसने अपने साथी कालू लंगड़े से पूछा “कालू! ये खीर कैसी होती है?” कालू ने बताया “खीर उजली होती है।” अंधे को क्या पता उजला, लाल या पीला क्या होता है? उसने कालू से फिर पूछा “उजला क्या होता है?” कालू ने उसे बताया कि उजला बगुला जैसा होता है। उसने फिर सवाल किया “बगुला कैसा होता है?” अब तो कालू कठिनाई में पड़ गया। वह समझ नहीं पा रहा था कि माधो को कैसे समझाए कि खीर कैसी होती है? अचानक उसे एक तरकीब सूझी। उसने अपनी बाँह को कोहनी पर से मोड़ा। फिर, हथेली पर से थोड़ा मोड़कर माधो का हाथ पकड़ लिया और उसे अपना हाथ टटोलने को कहा। कालू के मुड़े हुए हाथ को माधो ने टटोलकर एक गहरी साँस लेकर कहा”धत् तेरी की! “खीर तो बड़ी टेढ़ी होती है। इसे खाना आसान नहीं होगा।” बस इसी मज़ेदार कहानी पर एक मुहावरा बन गया – टेढ़ी खीर।