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DAV Class 3 Hindi Chapter 1 Question Answer – भोलू भुलक्कड़
DAV Class 3 Hindi Ch 1 Question Answer – भोलू भुलक्कड़
I. अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
भोलू को सब बच्चे क्या कहकर चिढ़ाते थे?
उत्तर :
अक्कड़-बक्कड़, भूल-भुलक्कड़, माँगो लोटा, लाते लक्कड़।
प्रश्न 2.
क्या तुम्हें भी कोई कुछ कहकर चिढ़ाता है?
उत्तर :
छात्र/छात्राएँ स्वयं करें।
प्रश्न 3.
भोलू की माँ ने भोलू से क्या-क्या मँगवाया?
उत्तर :
भोलू की माँ ने भोलू से एक बाल्टी पानी, उपले तथा चाची के घर से पालक मँगवाया।
प्रश्न 4.
भोलू को क्या करने की आदत थी?
उत्तर :
भोलू को भूलने की आदत थी।
प्रश्न 5.
रास्ते में दो मुर्गे क्या कर रहे थे?
उत्तर :
रास्ते में दो मुर्गे आपस में लड़ रहे थे।
प्रश्न 6.
क्या घर में कोई तुमसे भी कुछ सामान मँगवाता है?
उत्तर :
छात्र/छात्राएँ स्वयं करें।
प्रश्न 7.
ज़मीन के नीचे और ज़मीन के ऊपर उगने वाली सज्जियों के बारे में बात-चीत कीजिए। साथ ही अपनी पसंद की सब्ज़ियों-फलों की भी चर्चा कीजिए।
उत्तर :
छात्र/छात्राएँ स्वयं करें।
II. लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
किन बातों से पता चलता है कि भोलू एक भुलक्कड़ लड़का था? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
एक दिन जब माँ ने भोलू को एक बाल्टी पानी लाने के लिए भेजा, तो वह रास्ते में मुर्गे की लड़ाई देखने लगा और यह भूल गया कि माँ ने उसे पानी लाने भेजा है।
वह बस्ते की जगह बाल्टी लेकर स्कूल चला गया है।
एक बार माँ ने उसे छत पर उपले लाने के लिए भेजा। वह मुँडेर पर चढ़कर चिड़ियों का उड़ना देखने लगा और भूल गया कि वह एक लड़का है और उड़ नहीं सकता। किंतु उड़ने के चक्कर में वह नीचे गिर गया। इन सभी बातों से स्पष्ट हो जाता है कि भोलू एक भुलक्कड़ लड़का था।
प्रश्न 2.
भोलू की भूलने की आदत कैसे खत्म होती है?
उत्तर :
अपनी भूलने की आदत से परेशान भोलू एक दिन अपनी माँ से पूछता है-माँ मैं क्या करूँ? मैं तो सब कुछ भूल जाता हूँ- माँ ने उसे बताया-तुम अपनी कमीज़ में एक गाँठ लगा लो। इसे देखते ही तुम्हें सब कुछ याद आ जाएगा। इस प्रकार उसकी भूलने की आदत धीरे-धीरे खत्म हो जाती है।
शब्दार्थः
- भुलक्कड़ – भूलने वाला
- तमाशा – खेल
- उपले – जलावन
- पंख – पर।
भोलू भुलक्कड़ Summary in Hindi
पाठ-परिचय
इस पाठ में एक ऐसे बच्चे की चर्चा की गई है, जो अक्सर बातें भूल जाता है। अंत में माँ द्वारा दिए गए सीख के कारण उसकी भूलने की आदत धीरे-धीरे खत्म हो जाती है।
पाठ का सारांश :
इस कथा में एक बच्चा जो अक्सर बातें भूल जाता है, उसके बारे में बताया गया है। बच्चे का नाम भोलू है, जिसे उसकी माँ पानी लाने भेजती है, लेकिन मुर्गे की लड़ाई के चक्कर में वह पानी लाना भूल जाता है और फिर बाल्टी को बस्ता समझकर स्कूल चला जाता है। भोलू के हाथ में बस्ता की जगह बाक्ट्टी देखकर बच्चे हँसने लगते हैं। एक बार माँ के कहने पर उपले लाने के लिए भोलू छत पर चढ़ता है। मंगर वहाँ चिड़ियों को उड़ते देख भूल जाता है कि वह एक लड़का है, वह उड़ नहीं सकता, किंतु वह चिड़ियों की तरह उड़ने की कोशिश में ज़मीन पर गिर जाता है। अपने भूलने की आदत से परेशान भोलू अपनी माँ से पूछता है कि माँ मैं क्या करूँ ? मैं तो सब कुछ भूल जाता हूँ। माँ ने बताया कि तुम अपनी कमीज़ में एक गाँठ लगा लो। इसे देखते ही तुम्हें सब कुछ याद आ जाएगा। भोलू ने वैसा ही किया। अब गाँठ देखते ही भोलू को सारी बातें याद आ जाती हैं और उसकी भूलने की आदत धीरे-धीरे खत्म हो जाती है।