CBSE Class 11 Hindi Elective Rachana फीचर लेखन, रिपोर्ट लेखन
फीचर लेखन –
प्रश्न 1.
फीचर किस कहते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
फीचर’ अंग्रेजी का शब्द है। इसका अर्थ है-रूपरेखा, आकृति या लक्षण आदि । फीचर किसी भी समाचार-पत्र की अलग पहचान बनाने में सहायक होते हैं। फीचर का विषय कोई भी व्यक्ति-घटना या स्थिति बन सकते हैं, लेकिन शर्त है रोचकता और मनोरंजन। फीचर का क्षेत्र साहित्य, कला, फिल्म, राजनीति, खेल, अध्यात्म कुछ भी हो सकता है, संक्षेप में कहें तो समाचार के पीछे जो घटित हो रहा है, फीचर उसे गहराई एवं संवेदना के साथ प्रस्तुत करता है, परन्तु फीचर समाचार की तरह किसी तात्कालिक घटना-व्यक्ति-स्थिति से जुड़ा हो, जरूरी नहीं।
प्रश्न 2.
फीचर के प्रमुख गुण बताइए।
उत्तर :
फीचर के प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं-
- फीचर किसी घटना, स्थिति एवं जीवन के किसी पक्ष की मनोरंजक सूचना पाठक तक पहुँचाता है।
- यह ज्ञान, कल्पना, यथार्थ, घटना, चमत्कार एवं कौतूहल से ओतप्रोत भाषा में बँधा होता है।
- यह घटना, स्थिति और व्यक्ति का चित्र प्रस्तुत करता है।
- फीचर संक्षिप्त, सरस और सहज उबाऊ नहीं। फीचर का शीर्षक उसका प्राण होता है
- फीचर लेख के साथ व्यक्ति-घटना या स्थिति के चित्र उसे और प्रभावशाली बना देते हैं।
प्रश्न 3.
फीचर प्रमुख रूप से कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर :
फीचर प्रमुख रूप से निम्न प्रकार के होते हैं-
- घटना परक – इस फीचर में दुर्घटना, बाढ़, दंगा, अकाल, युद्ध, हड़ताल आदि का चित्रण रहता है।
- राजनैतिक – इस फीचर में राजनैतिक घटना, सम्मेलन, चिन्तन-शिविर, व्यक्ति से जुड़े चित्रण शामिल हैं।
- साहित्यिक – साहित्यकारों, साहित्य सम्मेलनों आदि से जुड़े फीचर।
- प्राकृतिक – प्राकृतिक सौन्दर्य, पर्यटन स्थल या प्रकृति के दोहन की चिन्तन को रेखांकित करने वाले फीचर इस श्रेणी में आएँगे।
- सामाजिक – समाज की विभिन्न रूढ़ियों, गतिविधियों एवं परम्पराओं को विषय बनाकर लिखे गए फीचर।
- सांस्ृृतिक – विभिन्न पर्व, मेले, तीर्थ, त्योहार, कला, खेल आदि सम्मिलित किए जा सकते हैं।
प्रश्न 4.
तात्कालिक फीचर और विशिष्ट फीचर क्या हैं? समझाइए।
उत्तर :
तात्कालिक फीचर-उस समय के समाचार पर आधारित होत्त है। वास्तव में यह फीचर उस समाचार के पीछे दृष्टि से ओझ़ल वह घटना या स्थिति है, जिस पर समाचार लेखक का ध्यान नहीं जाता है। ‘ट्रेन दुर्घटना में एक युवक मर गया। यह केवल समाचार है। ‘उस युयक की चार दिन पहले शादी हुई थी। दहेज का विरोध करके उसने समाज में एक आदर्श प्रस्तुत किया था। उसे जयपुर की एक कम्पनी में 30 हजार रुपए मासिक की नौकरी मिली थी। आज वह उसी नौकरी के लिए कार्यभार ग्रहण करने जा रहा था। यह उस घटना या समाचार के पीछे छिपी कथा है। यही तात्कालिक फीचर है।
विशिष्ट फीचर-किसी तात्कालिक समाचार पर आश्रित न होकर किसी विशिष्ट घटना, व्यक्ति या स्थिति पर होते हैं। इनका महत्व तात्कालिकता के कारण न होकर उस व्यक्ति या स्थिति के महत्त के कारण होता है। गीतकार प्रदीप, कुन्दनलाल सहगल, मंटो पर लिखे फीचर इस श्रेणी में आते हैं। बहुत से कलाकारों एवं समाज-सुधारकों पर लिखे फीचर भी इसी श्रेणी में आते हैं।
प्रश्न 5.
‘एक ही परिवार के पाँच लोगों का गाँव छोड़कर शहर की ओर पलायन’ इस समाचार पर ‘फीचर लेख’ लिखिए।
उत्तर :
इस समाचार पर फीचर लिखने के लिए निम्नलिखित सोपान अपनाए जाएंगे-
- परिवार के सभी लोगों ने गाँव छोड़ने का फैसला क्यों लिया?
- परिवार में कौन-कौन सदस्य थे, क्या काम करते थे ?
- इन लोगों के गाँव छोड़ने का गाँव के अन्य लोगों पर क्या प्रभाव पड़ा? उन्होंने कैसा महसूस किया?
- गाँव छोड़ते समय पाँचों सदस्यों की क्या प्रतिक्रिया थी।
- गाँव छोड़ने की विवशता का क्या उपाय है।
यह परिवार अपने पुरखों के समय से गाँव में रह रहा था। परिवार का मुखिया जागन जुलाहे का काम करता था। लोगों ने इसका बनाया कपड़ा पहनना कम कर दिया। गुजारे के लिए जागन को खेतों में मजदूरी करनी पड़ती थी। रोज मजदूरी भी नहीं मिलती थी। दो वक्त का भोजन भी दुर्रभ हो गया तो उसने गाँव छोड़ने का फैसला किया। सोचा शहर में पति-पल्नी दोनों काम करेंगे तो गुजारा हो जाएगा। यहाँ पल्ली को कोई काम नहीं मिलता था। दो लड़के-एक लड़की स्कूल में पढ़ते थे। समय पर फीस जमा न करने से उनके नाम कट गए थे। तीनों बच्चे पढ़ाई में बहुत तेज थे।
इनके गाँव छोड़ने से पड़ोसी और गाँव वाले सभी दुःखी थे। सबसे ज्यादा दुःखी थे इनके बच्चों के साथी। वे भीगी आँखों से इनको घर छोड़कर जाते हुए देख रहे थे। घर में ताला लगाते समय जागन के हाथ काँप रहे थे। चलते समय जागन की प्ली ने घर की चौखट पर माथा ध्रुकाकर प्रणाम किया। उसकी अचानक रुलाई फूट पड़ी। जैसे उस का छप्पर का घर नहीं बरन् महल छूट रहा हो। गाँव से बाहर निकलकर पाँचों जन बार-बार पीछे मुड़कर देख रहे थे, जैसे अपने प्राण ही गाँव में छोड़ आए हों। गाँव को यदि स्वावलम्बी बनाया जाए तो जागन जैसे लोगों का यह पलायन रुक सकता है। यह तभी संभव. है जब स्वरोजगार को प्रोत्साहित किया जाए।
इस फीचर का शीर्षक हो सकता है-“हूट गया घर-गाँव”
रिपोर्ट लेखन –
प्रश्न 1.
रिपोर्ट किसे कहते हैं? अच्छी रिपोर्ट की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर :
किसी घटना, कार्यक्रम (सम्मेलन, गोष्ठी, उद्घाटन) आदि का तथ्यपूर्ण क्रमबद्ध विवरण ‘रिपोर्ट’ कहलाता है। किसी कार्यक्रम की प्रस्तुति एवं घटना की रिपोर्ट प्रस्तुत करते समय ‘रिपोर्ट’ प्रस्तुत करने वाले को तटस्थ रूप से विवरण प्रस्तुत करना चाहिए। अच्छी रिपोर्ट की निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं-
- किसी तथ्य को छुपाया न जाए।
- किसी वक्ता के बयान को इस ढंग से प्रस्तुत किया जाए कि उसका अभिप्रेत अर्थ ही निकले। किसी के ब्यान को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत न किया जाए।
- रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर विशेष ध्यान दिया जाए।
- कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रस्तुत करते समय विभिन्न प्रस्तुतियों का विवेचन किया जाए यह विवेचन इस प्रकार का हो कि कलात्मक रूप उभरकर आए। यह तभी सम्भव है जब रिपोर्टर, नाटक, कला, संगीत आदि की रिपोर्ट लिखते समय इनके कलारूप का भी वर्णन करे।
- रिपोर्ट पक्षपात रहित होनी चाहिए।
- रोचकता रिपोर्ट का प्रमुख गुण है।
प्रश्न 2.
उल्टा पिरामिड शैली की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
(इन्वर्टेड पिरामिड स्टाइल) के नाम से जाना जाता है। यह समाचार लेखन की सबसे लोकप्रिय, उपयोगी और बुनियादी शैली है। यह शेली कहानी या कथा लेखन की शैली के ठीक उल्टी है जिसमें क्लाइमेक्स बिल्कुल आखिर में आता है।
इसे उल्टा पिरामिड इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें सबसे महत्वपूर्ण तथ्य या सूचना ‘यानी क्लाइमेक्स’ पिरामिड के सबसे निचले हिस्से में नहीं होती बल्कि इस शैली में पिरामिड को उलट दिया जाता है। पड़ती थीं जिसकी सेवाएँ महँगी, अनियमित और दुर्लभ थीं। कई बार तकनीकी कारणों से सेवा ठप्प हो जाती थी। इसलिए संवाददाताओं को किसी घटना की खबर कहानी की तरह विस्तार से लिखने के बजाय संक्षेप में देनी हाती थी। इस तरह उल्टा पिरामिड-शैली का विकास हुआ और धीरे-धीरे लेखन और संपादन की सुविधा के कारण यह शेली समाचार लेखन की मानक (स्टैंडड) शैली बन गई।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों का संक्षिप्त उत्तर दीजिए-
(क) विशेष रिपोर्ट के कितने प्रकार होते हैं? लिखिए।
(ख) बीट किसे कहते हैं?
(ग) भारत में पहला छापाखाना कब और कहाँ खुला?
(घ) फीचर लेखन किसे कहते हैं ?
(ङ) बीट रिपोर्टिंग और विशेषीकृत रिपोर्टिंग में मुख्य अंतर क्या है ?
उत्तर :
(क) खोजी रिपोर्ट, इन डेप्थ रिपोर्ट, विश्लेषणात्मक रिपोर्ट और विवरणात्मक रिपोर्ट।
(ख) खबरें कई तरह की होती हैं-राजनीतिक, आर्थिक, खेल, फिल्म, कृषि आदि। संवाददाताओं के बीच काम का विभाजन उनकी दिलचस्पी और ज्ञान को ध्यान में रखकर किया जाता है। मीडिया की भाषा में इसे बीट कहते हैं।
(ग) भारत में पहला छापाखाना 1556 में गोवा में खुला था।
(घ) ‘फीचर’ अंग्रेजी का शब्द है। इसका अर्थ है-रूपरेखा, आकृति या लक्षण आदि। फीचर किसी भी समाचार-पत्र की अलग पहचान बनाने में सहायक होते हैं। फीचर का विषय कोई भी व्यक्ति, घटना या स्थिति बन सकते हैं, लेकिन शर्त है रोचकता और मनोरंजन।
(ङ) बीट रिपोर्टिंग में संवाददाता में उस क्षेत्र के विषय में सामान्य जानकारी या दिलचस्पी होना पर्याप्त है जबकि विशेषीकृत रिपोर्टिंग में विषय से जुड़ी घटनाओं, मुद्दों और समस्याओं का बारीकी से विश्लेषण होता है।