CBSE Class 11 Hindi Elective रचना प्रतिवेदन लेखन

CBSE Class 11 Hindi Elective Rachana प्रतिवेदन लेखन

प्रश्न 1.
प्रतिवेदन के विभिन्न अर्थ बताइए।
उत्तर-पहले इस शब्द का अर्थ जान लीजिए।
1. प्रतिवेदन (Report) – जाँच पड़ताल के बाद तैयार किया गया विवरण।
> रिपोर्ट शब्द के प्रचलित अर्थ ये हैं-विवरण देना, वर्णन करना, सूचित करना, रपट करना, प्रतिवेदन देना।

  • पुलिस को घटना की रिपोर्ट दी जाती है या पुलिस घटना की रिपोर्ट लिखती है।
  • संवाददाता-किसी कार्यक्रम या घटना की रिपोर्ट समाचार पत्र, रेडियो या दूरदर्शन के लिए तैयार करते हैं।
  • डॉक्टर रोगी के स्वास्थ्य के बारे में जाँच का जो विवरण प्रस्तुत करते हैं, उसे भी रिपोर्ट कहते हैं
  • कुछ संस्थाएँ या विभाग-अपने कार्यों के बारे में निर्धारित समय का (दैनिक, साप्ताहिक, मासिक या वार्षिक) लेखाजोखा पेश करती हैं। पेश किया जाने वाला यह विवरण रिपोर्ट से हटकर होता है। इसे प्रतिवेदन कहते हैं।

प्रश्न 2.
प्रतिवेदन के क्षेत्र बताइए।
उत्तर :
विभिन्न प्रकार के आयोग, जाँच समितियाँ, किसी विशेष क्षेत्र में किया गया अध्ययन और उसकी प्रस्तुति, किसी साहित्यिक, वैज्ञानिक, अनुसंधानपरक अध्ययन की गोष्ठी या सम्मेलन के संपन्न होने पर कार्य विशेष की जानकारी, सरकारी क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की समितियों के कार्य का विश्लेषण एवं निष्कर्ष प्रतिवेदन के क्षेत्र हो सकते हैं।

प्रश्न 3.
प्रतिवेदन के प्रमुख तत्त्व कौन-कौन से हैं ?
उत्तर :
प्रतिवेदन के प्रमुख तत्त्व निम्नलिखित हैं-

  1. अध्ययन हेतु विशेष प्रकरण
  2. प्रतिवेदन लिखने वाले की योग्यता
  3. प्रामाणिक आँकड़े एवं साक्ष्य
  4. कार्य की अवधि
  5. निष्कर्ष या मंतव्य।

प्रश्न 4.
अध्ययन हेतु कोई तीन प्रकरण बताइए।
उत्तर :
अध्यंयन हेतु निम्नलिखित प्रकरण हो सकते हैं-

  1. बालिकाओं की घटती हुई संख्या।
  2. भूमिगत जल के दोहन पर घटता जल-स्तर।
  3. उच्च शिक्षा से वंचित होता सामान्य वर्ग।

प्रश्न 5.
प्रतिवेदन लिखने वाले व्यक्ति की योग्यता किस प्रकार की होनी चाहिए ?
उत्तर :
प्रतिवेदेन लिखने वाले व्यक्ति की योग्यता निम्नलिखित होनी चाहिए-

  1. प्रतिवेदन लिखने वाला व्यक्ति उस घटना या विवाद से नहीं जुड़ा होना चाहिए। ऐसा होने पर प्रतिवेदन की निष्पक्षता संदेह के घेरे में आ जाएगी।
  2. यदि नीतिगत अध्ययन प्रस्तुत किया जाना है तो उसे नीतिगत मामलों की गहरी जानकारी होनी चाहिए।
  3. प्रतिवेदन को उस प्रकार के अध्ययन से व्यावहारिक रूप से जुड़ा होना चाहिए तभी वह सही विश्लेषण प्रस्तुत कर सकेगा।

प्रश्न 6.
प्रामाणिक आँकड़े एवं साक्ष्य से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर :
अपने अभिमत की पुष्टि के लिए प्रतिवेदक को जो प्रमाण देने होते हैं, वे आँकड़े या साक्ष्य उसकी बात की पुष्टि के लिए प्रमाण बनते हैं। ये निम्नलिखित हो सकते हैं-

  1. व्यक्तियों की बातचीत का लिखित या मौखिक विचारों का रिकार्ड।
  2. नीति विषयक मामलों की प्रगति के आँकड़े।
  3. स्थान विशेष को स्पष्ट करने वाले फोटोग्राम (प्रगति से पहले और बाद की स्थिति को दर्शाने वाले)।
  4. खर्च आदि का प्रामाणित रिकार्ड एवं विश्वसनीयता।

प्रश्न 7.
निष्कर्ष या मंतव्य से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर :
अध्ययन के बाद प्रतिवेदन लिखने वाला अपना निष्कर्ष प्रस्तुत करता है या स्थितियों पर नज़र रखने के लिए अपने अनुभवों के आधार पर जो सिफारिश करता है, उसे ही मंतव्य या निष्कर्ष कहते हैं। प्रतिवेदन को सही दिशा देने के लिए निष्पक्ष बहुत महत्वपूर्ण होता है। जैसे बालिकाओं की संख्या के घटने का कारण है-पुत्रों की चाह एवं कन्या भ्रूण को नष्ट कर देना।

प्रश्न 8.
प्रतिवेदन की प्रमुख विशेषताएँ बताइए ?
उत्तर :
प्रतिवेदन की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित होती हैं-
1. प्रतिवेदन लिखने से पहले अध्ययन के विषय के लिए स्पष्ट कार्ययोजना या रूपरेखा बना लेनी चाहिए।
2. प्रतिवेदन के लिए तथ्य संकलन ऑक्सीजन है। जो प्रतिवेदन विभिन्न तथ्यों, जानकारी, फाइल, नियम एवं ऑँकड़ों पर आधारित होगा वह उतना ही प्रामाणिक होगा। तथ्य लिखित, रिकार्ड किए हुए एवं फोटो के रूप में हो सकते हैं। वीडियो फिल्म के रूप में तथ्य और अधिक प्रामाणिक होते हैं।
3. प्रतिवेदन विवेकपूर्ण, निष्पक्ष, पूर्वा्रह से हटकर होना चाहिए। प्रतिवेदन को किसी वर्ग विशेष पर अनावश्यक टिप्पणी करने से बचना चाहिए। अध्ययन में दी गई जानकारी से यदि सामाजिक समरसता के नष्ट होने की आशंका हो तो उन तथ्यों को अलग से देना चाहिए।
4. किसी शिकायत, घटना एवं विषय पर जो विचार प्रस्तुत किए जाएँ वे प्रामाणिक हों।
5. प्रतिवेदन विषय-केंद्रित होना चाहिए । प्रतिवेदन जरूरी तथ्यों, प्रकरण, कारण तक ही सीमित हो। सभी जानकारियाँ स्पष्ट हों जिससे अध्ययन आधारित विषय अधिक स्पष्ट हो सके।
6. प्रतिवेदन की सार्थकता सही निर्णय पर आधारित होती है। यह तभी संभव है जब प्रतिवेदक विषय का अच्छा जानकार हो, सही तथ्यों को जुटाने में एवं उनका निष्कर्ष निकालने में सक्षम हो। ऐसा होने पर ही वह सही निर्णय दे पाएगा। गहन अध्ययन एवं गहरे अनुभव के बिना प्रतिवेदक का निर्णय गलत प्रस्तुत हो सकता है।
7. प्रतिवेदक को अनावश्यक विस्तार से बचना चाहिए। अनावश्यक विस्तार से लोगों का ध्यान सही तथ्यों पर नहीं जाएगा। यदि कभी विभिन्न तथ्यों के कारण विस्तृत जानकारी जरूरी हो तो प्रतिवेदन का सार रूप भी साथ में देना चाहिए। अस्पष्ट सूचना से बचना चाहिए। तर्यों एवं अभिमत की अनावश्यक चर्बी प्रतिवेदन की धार को कम करती है।

प्रश्न 9.
प्रतिवेदन कितने प्रकार के होते हैं, समझाइए।
उत्तर :
प्रतिवेदन दो प्रकार के होते हैं-(i) अनौपचारिक (ii) औपचारिक।
(i) अनौपचारिक – अनौपचारिक प्रतिवेदन किसी व्यक्ति विशेष का अपना अध्ययन एवं निष्कर्ष है, इसीलिए वह व्यक्ति ही प्रस्तुति के लिए जिम्मेदारी होता है। समाचार पत्रों में इस प्रकार के प्रतिवेदन प्रकाशित होते रहते हैं। संभव है किसी अन्य व्यक्ति का उसी घटना या प्रकरण पर प्रतिवेदन उससे भिन्न या उलट हो, इसे पूर्णतया प्रामाणिक नहीं माना जा सकता। इसकी प्रामाणिकता प्रतिवेदक के स्तर एवं व्यक्तित्व पर निर्भर है।
(ii) औपचारिक – औपचारिक प्रतिवेदन किसी संस्था या सरकार के दिशा-निर्देश पर तैयार कराया जाता है। इसके अध्ययन एवं प्रस्तुति के लिए एक से अधिक व्यक्ति शामिल हो सकते हैं। ये प्रतिवेदन विशेष उद्देश्य एवं कार्य-योजना को ध्यान में रखकर तैयार कराये जाते हैं अतः इनका वस्तुनिष्ठ एवं तथ्यात्मक होना अनिवार्य है। विभिन्न कंपनियों की प्रगति एवं विकास पर प्रस्तुत प्रतिवेदन, ज्वलंत समस्याओं के निपटाने के लिए सरकारी स्तर पर गठित आयोग, मण्डल, समितियाँ इसके दायरे में आते हैं।

प्रतिवेदन के नमूने

प्रश्न 10.
विद्यालय के शिक्षिक विकास और उन्नति को ध्यान में रखते हुए प्रधानाध्यापक/प्रथानाध्यापिका ने एक समिति का गठन किया है। उस समिति के सचिव की ओर से एक प्रतिवेदन तैयार कीजिए।
उत्तर :
विद्यालय के शैक्षिक विकास के लिए 10 जनवरी, 2006 में प्रधानाध्यापक श्री सूरज प्रकाश जी ने समिति का गठन किया था जिसमें निम्नलिखित सदस्य थे-

CBSE Class 11 Hindi Elective रचना प्रतिवेदन लेखन 1

श्री प्रदीप कुमार शिक्षाविद् एवं सचिय द्वारा प्रस्तुत प्रतिबेदन-
– विद्यालय अपेक्षित रूप में प्रगति नहीं कर पाया है। इस दिशा में समिति ने अध्ययन किया और अनुभव किया कि निम्नलिखित क्षेत्रों में और अधिक कार्य होना चाहिए-
1. विद्यालय में भौतिक सुविधाएँ बढ़ाई जाएँ। पीने के पानी की सुचारू व्यवस्था होनी चाहिए।
2. विद्यालय में कम्प्यूटर पर्याप्त मात्रा में हैं लेकिन विभिन्न विषयों की नवीनतम सी.डी. नहीं हैं। इन्हें उपलब्ध कराने से शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ सकेगी। कम से कम दो एल.सी.डी. प्रोजेक्टर भी खरीदे जाएँ। उपलब्ध ओवरहैड प्रोजेक्टर का सही उपयोग नहीं किया जा रहा है अतः शिक्षक अपने विषयों की आकर्षक ट्रांसपेंरेंसी तैयार करें एवं प्रयोगशाला में इसका उपयोग अवश्य करें ।
3. विद्यार्थियों में पठन अभिरुचि बढ़ाई जाए। इसके लिए पुस्तकालय में उपयोगी एवं ज्ञानवर्द्धक पुस्तकें खरीदी जाएँ। प्रत्येक छात्र को पुस्तकालय में जाने का अवसर मिले। ग्रंथपाल छात्रों को पढ़ी गई पुस्तकों का सार-संक्षेप या पुस्तक परिचय लिखने के लिए प्रोत्साहित करें।
4. अभिभावकों से संपर्क किया जाए। मंदबुद्धि छात्रों के अभिभावकों को दिशा-निर्देश दिए जाएँ जिससे इस प्रकार के छात्र घर में भी अध्ययन कर सकें। शिक्षक उन्हें कुछ अलग प्रकार का गृहकार्य दें ताकि वे भी अन्य छात्रों की श्रेणी में आने के लिए प्रयास कर सकें।
5. प्रतिमास विषय समिति की सार्थक बैठक की जाए एवं उसमें लिए गए निर्णयों का पालन किया जाए।
6. मासिक परीक्षाओं का आयोजन किया जाए एवं सभी छात्रों की प्रगति का तुलनात्मक रिकार्ड रखा जाए।
7. प्रार्थना-सभा में मूल शिक्षा से जुड़े प्रसंग या विचार प्रस्तुत किए जाएँ, जिससे छात्रों को प्रेरणा मिल सके।
8. हर तिमाही के बाद उपर्युक्त सुझावों की प्रगति की समीक्षा की जाए।

दिनांक : 15 मार्च, 2007

प्रदीप कुमार
सचिव

प्रश्न 11.
श्री रमेश कुमार राजभाषा विभाग में सहायक के पद पर नियुक्त हैं उनके संबंध में जाँच बैठाई गई है। जाँच दल की ओर से प्रतिवेदन प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर :
गोपनीय आदेश संख्या 08/टी.आर./5163 के निर्देशों के अनुसार श्री रमेश कुमार राजभाषा विभाग में सहायक अधिकारी से संबंधित सभी आवश्यक जानकारियाँ प्राप्त कर उनकी छानबीन की।
1. श्री रमेश की वैयक्तिक पंजिका में कोई भी प्रविष्टि ऐसी नहीं है जिसको आधार बनाकर उनकी कार्य कुशलता पर शंका की जा सके।
2. श्री रमेश कुमार कार्यालय के सभी कार्यों को पूरी निष्ठा व लगन से करते हैं। उनका व्यवहार अपने सहयोगियों के साथ सराहनीय है।
3. श्री रमेश कुमार समय के बहुत पाबंद हैं। वे प्रतिदिन कार्यालय समय पर आते हैं और कभी समय से पहले कार्यालय से नहीं जाते। कार्यालय से घर जाने के बाद वे अपने घर पर ही कुछ छात्रों को अवश्य पढ़ाते हैं।
4. श्री रमेश कुमार के पास अपने पूर्वजों से प्राप्त काफी कृषि भूमि है जिस पर आम का बाग लगा हुआ है।
5. कार्यालय के विभिन्न स्रोतों से पता चला है कि श्री रमेश कुमार बहुत ही ईमानदार और परिश्रमी व्यक्ति हैं। विभागीय दृष्टि से भी रमेबा कुमार पर अनैतिक स्रोतों से धन कमाने के आरोप निराधार हैं। ये सभी आरोप तथ्य से परे हैं।

प्रतिवेदक
सचिव सतर्कता विभाग

प्रश्न 12.
गतमास विद्यालय परिसर में दो छात्रों के बीच हुई मारपीट की घटना की जाँच के लिए विद्यालय के प्रधानाध्यापक महोदय द्वारा एक जाँच-समिति गठित की गई जिसका उद्देश्य था-
झगड़े का पता लगाना।
झगड़े के जिम्मेदार छात्रों का पता लगाना।
भविष्य में इस प्रकार की घटनाएँ न हों इसके लिए सुझाव देना।
उत्तर :
श्री महावीर सिंह दहिया की अध्यक्षता में नियुक्त जाँच समिति की बैठक दिनांक 14.02 .07 को 2.30 बजे प्रधानाध्यापक महोदय के कक्ष में संपन्न हुई। बैठक में निम्नलिखित लोग उपस्थित थे :

  1. श्री महावीर सिंह (अध्यक्ष)
  2. श्री सुभाष सिंह (सदस्य)
  3. नीलम साहनी (सदस्य)
  4. श्री अजीत सिंह (सदस्य)

श्री सुभाष चंद्र द्वारा गत मास विद्यालय परिसर में हुए झगड़े का विवरण तथा जाँच की ब्यौरेवार जानकारी प्रस्तुत की गई। सभी सदस्यों का अभिमत था कि छात्रों के झगड़े का कारण उनकी परस्पर गलतफहमी और ना समझी थी। अतः किसी एक छात्र को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं।
भविष्य में इस प्रकार की घटनाएँ न हों इसके लिए विद्यालय में समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम हों जिनसे छात्रों में आपसी प्रेम व सौहार्द्र बढ़े। वे एक दूसरे को भली-भाँति समझ सकें। अतः निम्नलिखित सुझाव दिए जाते हैं :

छात्रों को विद्यालय में अनुशासन बनाये रखने की जिम्मेदारी सौंपी जाएँ।

1. विद्यालय में प्रार्थना के उपरांत प्रतिदिन छात्रों को अपने विचार प्रकट करने का अवसर दिया जाए।
2. समय-समय पर विद्यालय में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएँ। (जैसे- गायन, वादन, नाटक एवं खेल) आयोजित की जाएँ और प्रतियोगिताओं के आयोजन का भार छात्रों पर ही डाला जाए।
3. दीर्घावकाश में छात्रों के शिविर विद्यालय से दूर किसी गाँव या पहाड़ी स्थान पर लगाये जाएँ जिससे छात्रों में समाज सेवा की भावना उत्पन्न की जा सके।
4. छात्रों को समय-समय पर शैक्षिक भ्रमण के लिए ले जाया जाए।
5. छात्रों को विद्यालय में अनुशासन बनाये रखने की जिम्मेदारी सौंपी जाए।

CBSE Class 11 Hindi Elective रचना प्रतिवेदन लेखन 2

प्रश्न 13.
अपने विद्यालय में मनाए गए वृक्षारोपण समारोह के विषय में प्रतिबेदन प्रस्तुत कीजिए। उत्तर-विद्यालय में वृक्षारोपण के लिए निम्न अध्यापकों की समिति का गठन किया गया था :

  1. राजेन्द्र सिंह (अध्यक्ष)
  2. शिवनारायण (सदस्य)
  3. दीपांकर ठाकुर (सदस्य)
  4. वीरेंद्र कुमार (सदस्य)

दिनांक 25.07.08 को विद्यालय के प्राँगण में वृक्षारोपण समारोह का आयोजन किया गया। विद्यालय में भवन-निर्माण के कारण निरंतर घट रही हरियाली को देखते हुए विद्यालय के चारों ओर नीम के पेड़ लगाए गए, इन पेड़ों की सुरक्षा एवं पालन-पोषण के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए :

1. प्रत्येक कक्षा को पाँच-पाँच पेड़ों के रख-रखाव की जिम्मेदारी दी जाएगी। वह कक्षा ही उन पेड़ों के रख-रखाव व समय-समय पर खाद, पानी की जिम्मेदारी वहन करेगी।
2. समय-समय पर पेड़ों की वृद्धि की समीक्षा की जाएगी। जिस कक्षा के पेड़ सबसे अच्छे पाए जायेंगे उनको पुरस्कृत किया जाएगा।
3. छात्रों को पर्यावरण सुरक्षा के लिए जागरूक किया जाएगा जिससे छात्र पेड़ पौधों के महत्त्व को समझ सकें।
4. प्रतिवर्ष और अधिक वृक्ष लगाए जायेंगे। विद्यालय के बाहर पड़ी खाली भूमि को भी वन विभाग से अनुमति लेकर, उस पर वृक्ष लगाए जाएँ।

CBSE Class 11 Hindi Elective रचना प्रतिवेदन लेखन 3

11th Class Hindi Book Antra Questions and Answers