Class 11 Hindi Antral Chapter 2 Question Answer हुसैन की कहानी अपनी ज़बानी

NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antral Chapter 2 हुसैन की कहानी अपनी ज़बानी

Class 11 Hindi Chapter 2 Question Answer Antral हुसैन की कहानी अपनी ज़बानी

प्रश्न 1.
लेखक ने अपने पाँच मित्रों के जो शब्द-चित्र प्रस्तुत किए हैं, उनसे उनके अलग-अलग व्यक्तित्व की झलक मिलती है?
उत्तर :
लेखक ने अपने जिन पाँच मित्रों का उल्लेख किया है उनका अलग-अलग स्वभाव है परन्तु फिर भी उनमें घनिष्ठ मित्रता है। यह मित्रता वैचारिक समानता के कारण है। वे सभी आपस में दिलों से जुड़े हुए हैं। उनकी मित्रता का आधार उनके विभिन्न गुण हैं। उनकी दोस्ती स्वार्थों पर आधारित नहीं है। जब स्वार्थ आड़े नहीं आते तो मित्रता घनिष्ठ हो जाती है।

प्रश्न 2.
आप इस बात को कैसे कह सकते हैं कि लेखक का अपने दादा से विशेष लगाव रहा?
उत्तर :
लेखक का अपने दादा से काफी लगाव था यह हम इस आधार पर कह सकते हैं कि लेखक अपने दादा की मृत्यु के बाद अपने दादा के कमरे में ही बंद रहता था। वह अपने दादा के बिस्तर पर ही सोता था। वह वही भूरी अचकन ओढ़कर सोता था जैसे कि वह अपने दादा से ही लिपटकर सोया हो।

प्रश्न 3.
‘लेखक जन्मजात कलाकार है।’ इस आत्मकथा में सबसे पहले यह कहाँ उद्घाटित होता है?
उत्तर :
लेखक के जन्मजात कलाकार होने का गुण तब उद्घाटित होता है जब उनके ड्राइंग मास्टर मोहम्मद अतहर ने ब्लैकबोर्ड पर सफेद चॉक से एक बडुत बड़ी चिड़िया बनाई और लड़कों से कहा “अपनी-अपनी स्लेट पर उसकी नकल करो” मकबूल ने अपनी स्लेट पर उस चिड़िया का हू-ब-हू चित्र बना दिया ऐसा लगता था माना चिड़िया ब्लैक बोर्ड से उड़कर स्लेट पर आ बेठी है।

प्रश्न 4.
दुकान पर बैठे-बैठे भी मकबूल के भीतर का कलाकार उनके किन कार्यकलापों से अभिव्यक्त होता है? उत्तर :
मकबूल दुकान पर बैठा हुआ भी कुछ न कुछ ड्राइंग पेंटिंग बनाता रहता था। उसने विभिन्न प्रकार के स्केच बना रखे थे। उनकी दुकान के सामने से एक मेहतरानी गुजरती थी उसने उसका भी स्केच बना रखा था। वह हिसाब में दस रुपये लिखता था तो किताब में बीस स्केच बना देता था। जब दुकान के सामने से फिल्मी इश्तिहार का ताँगा गुजरा तो उसने उस इश्तिहार की ऑयल पेंटिंग बनाने का निश्चय किया। इन बातों से पता चलता है कि मकबूल जन्मजात कलाकार था।

प्रश्न 5.
प्रचार-प्रसार के पुराने तरीकों और वर्तमान तरीकों में क्या फर्क आया है। पाठ के आधार पर बताएँ?
उत्तर :
पहले किसी चीज का प्रचार ढोल बजाकर किया जाता था। घोड़े ताँगे में ढोल वाला बैठ जाता था, जिसका प्रचार करना होता था उसका होरिंग आदि लगा कर डुग्गी पीट-पीट कर प्रचार किया जाता था। परंतु आजकल प्रचार तंत्र बहुत विकसित हो गया है। आज प्रचार रेडियो, दूरदर्शन, समाचार पत्रों, इंटरनेट यहाँ तक की मोबाइल फोन पर संदेश देकर भी किया जाता है। इसके अलावा पोस्टर व हैंड बिल का प्रचार पहले भी था और आज भी है।

प्रश्न 6.
कला के प्रति लोगों का नज़रिया पहले कैसा था? उसमें अब क्या बदलाव आया है।
उत्तर :
पहले कला को राजे-महाराजों और अमीरों का शौक समझा जाता था परन्तु आज कला एवं कलाकार को समाज में बहुत सम्मान मिलता है। अब आम आदमी में यदि प्रतिभा है तो वह भी कलाकार बन सकता है।

प्रश्न 7.
इस पाठ में मकबूल के पिता के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी बातें उभर कर सामने आई हैं?
उत्तर :
मकबूल के पिता शिक्षा के हिमायती थे इसलिए उन्होंने मकबूल को पढ़ने के लिए बड़ौदा भेजा। वे अपने भाइयों की सहायता करने वाले थे। उन्होंने अपने भाइयों को किरयाने की दुकान खुलवाई। जब दुकान न चली तो रेस्तरां खुलवाया। वे कला के पारखी थे जब मकबूल ने पेंटिंग बनाई तो उन्होंने उसको गले से लगा लिया था। बंद्रे की सलाह पर मकबूल के लिए बंबई से पेंट और कागज मंगवाया। मकबूल के अब्या ने मुल्ला-मौलवियों की परवाह किपे बिना मकबूल को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। वे एक खुले दिमाग के व्यक्ति थे।

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प्रश्न 1.
महाराजा सियाजीराब गायकवाड के बारे में क्या जानते हैं?
उत्तर :
महाराजा सियाजीराव गायकवाड बड़ीदा के राजा थे। उनकी घोड़े पर सवार, सीने पर मेडल लटकाए, धातु की बनी हुई मूर्ति शहर में दाखिल होते ही स्थित थी।

प्रश्न 2.
मदरसे के शिक्षण विभाग के वारे में लिखो?
उत्तर :
मौल वी अकबर धार्मिक विद्वान, कुरान और उर्दू साहित्य के उस्ताद थे। केशबलाल गुजराती जवान के क्लास टीचर थे, मेजर अब्दुला पठान स्काउट मास्टर थे। गुलजमा खान बैंड मास्टर थे। गुलाम और नगगासे बावर्ची थे।

प्रश्न 3.
मकवूल के कितने दोस्त थे। उनके नाम क्या थे?
उत्तर :
मकबूल के छः दोस्त थे-मोहम्मद इब्राहीम, गोहर अली, अरशद, हामिद कंबर हुसैन, अब्बास जी अहमद, अब्बास अली फिदा आदि।

प्रश्न 4.
मकबूल के जमाने में किस प्रकार की फिल्में बनाई जाती थीं? वह किस फिल्म के पोस्टर से अति प्रभाबित हुए, प्रभावित होकर उन्होंने क्या किया?
उत्तर :
मकबूल के जमाने में साइलेंट फिल्में बनती थीं। कोल्हापुर के शांताराम की फिल्म ‘सिंहगढ़”‘ के पोस्टर से वह अति प्रभावित हुए। पोस्टर देखकर उन्होंने कैनवस पर ऑयल पेंटेंग बनाने का निर्णय लिया।

प्रश्न 5.
मकबूल की भेंट बेंद्रे साहब से किस प्रकार हुई? उससे वे किस प्रकार प्रभावित हुए?
उत्तर :
मकबूल की भेंट बेंद्रे साहब से इंदौर के सर्राफा बाजार में हुई। मकबूल वहाँ पर ताँबा-पीतल की दुकानों की गली में लैंडस्केप बना रहे थे। उस समय बेंद्रे साहब वहाँ पर आनस्पाट पेंटिंग कर रहे थे। मकबूल बेंद्रे साहब की तकनीक से बड़े प्रभावित हुए। मकबूल ने उनके साथ लैंडस्केप पेंट की।

प्रश्न 6.
मकबूल के कितने दोस्त थे? उनके नाम तथा विशेषताएँ बताओ?
उत्तर :
मकबूल के छः दोस्त थे। उनके नाम तथा विशेषताएँ इस प्रकार है-

  1. मोहम्मद इब्राहीम गोहर डमौड के अत्तार, छोटा कद, ठहरी हुई नज़रें अंबर और मुशक के अत्तर में हूबे गुणों के भंडार।
  2. डॉक्टर मनव्वरी का लड़का अरशद हमेशा हँसता चेहरा, गाने और खाने का शौकीन, भरा लेकिन कसा पहलवानी जिस्म।
  3. हामिद कंबर हुसैन-शौक कुश्ती और दंड बैठक, खुश मिज़ाज, गप्पी, बात में बात मिलाने में उस्ताद ।
  4. अब्बास जी अहमद-गठा जिस्म, खुला रंग, कुछ-कुछ जापानी खिंची सी आँखें। स्वभा़व से बिजनेसमैन, हँसने का अंदाज दिलकश।
  5. अब्बास अली फ़िदा बहुत नरम लहजा, चेहरे पर ऊँचा माथा, वक्त का पाबंद, खामोश तबियत, हाथों से किताब शायद ही कभी छुटी हो।

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