Dussehra Essay In Hindi | दशहरा पर निबन्ध

Dussehra Essay In Hindi | दशहरा पर निबन्ध
दशहराविजयदशमी संकेत बिंदु:

  • महत्व
  • आयोजन और मनाया जाना
  • प्रभाव

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

दशहरा पर निबन्ध | Essay on Dussehra In Hindi

बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है-दशहरा। इस दिन सचमुच ऐसा लगता है कि सतयुग का रामराज्य पुनः लौट आया है। इस पर्व का धार्मिक महत्व रामायण की कथा पर आधारित है। इस दिन अयोध्या के राजा राम ने लंका के अत्याचारी राजा रावण को पराजित कर विजय प्राप्त की थी। उसी विजय की स्मृति में इस पर्व को विजयदशमी भी कहते हैं। सहस्रों वर्षों की घटना को हिंदुओं के दृढ़ विश्वास ने इसे सजीव बना दिया है।

हिंदू इस पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। दस दिन पहले ही हर नगर, हर गली में रामलीला आरंभ हो जाती है। श्री राम के जीवन को चित्रित करने वाली झाँकियाँ निकाली जाती हैं, जिसे राम जी की सवारी कहते हैं। राजधानी दिल्ली की रामलीलाएँ विशेष रूप से दर्शनीय होती हैं।

इस पर्व के दिन बाजारों में विशेष चहल-पहल होती है। बाजारों में बिक रहे रामलीला के पात्रों के मुखौटे, धनुष-बाण और गदा आदि खिलौने बच्चे बड़े चाव से खरीदते हैं। शाम होते ही सभी दशहरा मैदान की तरफ चल पड़ते हैं। इस दिन सवारी की शोभा भी निहारने योग्य होती है।

सवारी के दशहरा मैदान पहुँचते ही राम-रावण युद्ध दिखाया जाता है। रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले मैदान में पहले ही खड़े कर दिए जाते हैं। इनमें बारूद, पटाखे और आतिशबाजी भर दी जाती है। शाम होते ही इन पुतलों को कागज़ की लंका सहित अग्नि की भेंट कर दिया जाता है।

आकाश में उड़ती फुलझड़ियों और आतिशबाज़ी की रंगबिरंगी रोशनी बड़ी भली लगती है। रावण का दाह संस्कार कर सब लोग प्रसन्नतापूर्वक घर लौटते हैं। इस अवसर पर शक्ति की देवी, पापियों का नाश करने वाली दुर्गा की भी पूजा होती है। शाम को प्रतिमा को धूमधाम से जल में विसर्जित कर दिया जाता है। यह पर्व भारतीय समाज में बहुत ही शुभ माना जाता है।

यह पर्व हमारे जीवन में नई स्फूर्ति, नए जीवन और नए उत्साह का संचार करता है। इस पर्व से हमें यह शिक्षा मिलती है कि सदा सत्य की विजय और असत्य की पराजय होती है।

Essay on Dussehra In Hindi