DAV Class 7 Hindi Chapter 9 Question Answer – सवाल का जवाब

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DAV Class 7 Hindi Chapter 9 Question Answer – सवाल का जवाब

DAV Class 7 Hindi Ch 9 Question Answer – सवाल का जवाब

पाठ में से

प्रश्न 1.
लेखक को अपने साथ किसे और क्यों ले जाना पड़ा?
उत्तर:
लेखक को अपने पोते तन्मय को उसकी ज़िद तथा उसकी दादी की फटकार के कारण अपने साथ बाज़ार ले जाना पड़ा।

प्रश्न 2.
बच्चे बाज़ार में किस दुकान पर खड़े होकर क्या देख रहे थे और क्यों?
उत्तर:
बच्चे बाज़ार में पटाखे की दुकान पर खड़े होकर पटाखे, बम और फुलझड़ियाँ देख रहे थे, क्योंकि उनके पास पैसों की कमी थी, पर वे पटाखे खरीदना चाह रहे थे।

DAV Class 7 Hindi Chapter 9 Question Answer - सवाल का जवाब

प्रश्न 3.
तन्मय ने दुकानदार का हाथ क्यों पकड़ रखा था?
उत्तर:
तन्मय ने दुकानदार का हाथ इसलिए पकड़ रखा था, क्योंकि उस दुकानदार ने गरीब बच्चों को चोर कहकर उन्हें थप्पड़ मारे थे।

प्रश्न 4.
तन्मय की बात सुनकर दुकानदार को कैसा लगा और उसने क्या किया?
उत्तर:
तन्मय की बात सुनकर दुकानदार शर्मिंदा हो गया और उसने सबके सामने उससे माफ़ी माँगी।

प्रश्न 5.
नीचे दिए गए कथन किसने कहे, किससे कहे, लिखिए-
DAV Class 7 Hindi Chapter 9 Question Answer - सवाल का जवाब - 1
उत्तर:

कथन किसने कहा किससे कहा
(क) ले जाइए और जो कहे वह खरीद दीजिए। तन्मय की दादी ने तन्मय के दादा से
(ख) तन्मय! तुम यह सवाल मुझ से पूछ रहे हो? दादा जी ने तन्मय से
(ग) अच्छा भाई! मुझसे भूल हुई। दुकानदार ने तन्मय से

प्रश्न 6.
उचित शब्दों द्वारा रिक्त स्थान भरिए-
DAV Class 7 Hindi Chapter 9 Question Answer -सवाल का जवाब - 2
उत्तर:
(क) मैंने दुकानदार से अपना सामान रखवाया। (सामान / समान )
(ख) दादा जी! इस समय कोई सवाल नहीं। (उत्तर/ सवाल)
(ग) उत्सुकतावश मैं भी दबे पाँव पीछे-पीछे गया। (खिलौने / पटाखे)
(घ) अरे तनी भैया! पचास रुपए में तो ढेर सारे पटाखे आएँगे। ( पीछे-पीछे / आगे-आगे)
(ङ) तभी मैंने देखा कि एक कोने में तन्मय का मिट्टी का गुल्लक टूटा पड़ा है। (मिट्टी / प्लास्टिक)

DAV Class 7 Hindi Chapter 9 Question Answer - सवाल का जवाब

बातचीत के लिए –

प्रश्न 1.
दुकानदार ने अपनी खीझ किन पर निकाली और क्यों?
उत्तर:
दुकानदार ने अपनी खीझ मैले-कुचैले कपड़े पहने उन गरीब बच्चों पर निकाली, जिनके पास एक भी रुपया न था। वह चोरी के डर से उन्हें भगाना चाह रहा था।

प्रश्न 2.
तन्मय ने गरीब बच्चों का पक्ष क्यों लिया होगा? इससे उसके चरित्र की किस विशेषता का पता चलता है?
उत्तर:
तन्मय ने गरीब बच्चों का पक्ष लिया। इससे उसके गरीब बच्चों के प्रति संवेदनशील और दयालु होने, सच्ची बात कहने, साहसी होने और अन्याय का विरोधी होने का पता चलता है।

प्रश्न 3.
दीवाली के त्योहार पर बाज़ार का दृश्य कैसा होता है?
उत्तर:
दीवाली के त्योहार पर बाज़ार खूब सजे होते हैं। चारों तरफ काफी भीड़-भाड़ होती है। कहीं पर बम-पटाखों की दुकानें सजी होती हैं तो कहीं पर मिठाइयों की। लोगों में इस अवसर पर चीजें खरीदने का काफी उत्साह होता है ताकि वे त्योहार अच्छी तरह से मना सकें।

प्रश्न 4.
हमें दीवाली का त्योहार कैसे मनाना चाहिए?
उत्तर:
हमें दीवाली का त्योहार हँसी-खुशी तथा मिल-जुलकर मनाना चाहिए। इस अवसर पर आपस में उपहारों तथा मिठाइयों का आदान-प्रदान होता है। हमें दीवाली पटाखों के बिना मनानी चाहिए ताकि वातावरण में प्रदूषण न बढ़े। इस अवसर पर गरीबों को दान देना चाहिए।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
यदि दुकानदार बच्चों को पटाखे देखने से न रोकता तो कहानी कैसे आगे बढ़ती?
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2.
इस कहानी में अगर तन्मय की जगह आप होते तो क्या करते?
उत्तर:
यदि मैं तन्मय की जगह होता तो उन बच्चों को पटाखों के बिना दीपावली मनाने को कहता और उन्हें पटाखों से होने वाली हानियों तथा वातावरण में बढ़ते प्रदूषण के बारे में बताता। मैं उन्हें पटाखे खरीदने के लिए पैसे देने की जगह मिठाइयाँ तथा उपहारस्वरूप पढ़ने-लिखने का सामान देता।

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भाषा की बात –

प्रश्न 1.
नीचे लिखे क्रिया शब्दों को शब्द-कोश के क्रमानुसार लिखिए –
DAV Class 7 Hindi Chapter 9 Question Answer - सवाल का जवाब - 3
उत्तर:

  1. आएँगे
  2. उठाकर
  3. करेगा
  4. गया
  5. छुड़ाना
  6. जाऊँगा
  7. दीजिए
  8. देखना
  9. माँगे
  10. सोचने।

प्रश्न 2.
नीचे दिए गए शब्दों में से दूसरा अक्षर या वर्ण हटाकर नया शब्द बनाइए-
DAV Class 7 Hindi Chapter 9 Question Answer - सवाल का जवाब - 4
उत्तर:
(क) देखना – देना
(ख) किससे – किसे
(ग) चुभन – सोच
(घ) सोचने
(ङ) सुनने – चुन
(च) जाइए

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प्रश्न 3.
नीचे दिए गए शब्दों को जोड़कर नया शब्द बनाइए-
DAV Class 7 Hindi Chapter 9 Question Answer - सवाल का जवाब - 5
उत्तर:
(क) छिप + कर = छिपकर
(घ) रवि + वार = रविवार
(ख) आज + कल = आज-कल
(ङ) अधिक + तम = अधिकतम
(ग) रख + कर = रखक्र

जीवन मूल्य

  • दादा जी! ये गरीब बच्चे अगर पटाखे नहीं खरीद सकते तो क्या इन्हें देख भी नहीं सकते? बस इनका यही जुर्म है।
  • तन्मय जिस साहस और सच्चाई के साथ अपनी बात कह रहा था, उसे सुनने के लिए वहाँ इकट्ठा हुई भीड़ जैसे मौन हो गई थी।

DAV Class 7 Hindi Chapter 9 Question Answer - सवाल का जवाब - 6

प्रश्न 1.
बाज़ार में मिलने वाले सारे सामान को देखने का हक सबको बराबर मिलना चाहिए, क्यों?
उत्तर:
बाज़ार में मिलने वाले सारे सामान को देखने का हक सबको बराबर मिलना चाहिए, क्योंकि कई बार सामान देखने के बाद खरीदने का मन करता है तो कई बार देखने के बाद सुकून मिलता है। बाज़ार सबके लिए बराबर है। हम मानते हैं कि बाज़ार अमीर-गरीब की बजाय पैसे को देखता है। यदि हम सबको बराबरी का हक नहीं देंगे तो आज़ादी का क्या मतलब रहेगा?

प्रश्न 2.
सच्चाई और साहस के बल पर हम किसी भी परिस्थिति का सामना कैसे कर सकते हैं?
उत्तर:
सच्चाई और साहस के बल पर हम किसी भी परिस्थिति का सामना डटकर कर सकते हैं। हमें किसी भी परिस्थिति में डरना नहीं चाहिए। हमें सामने अन्याय होता देखकर चुप नहीं रहना चाहिए, बल्कि ऐसा करके हम उसे और बढ़ावा देंगे। जब तक व्यक्ति परिस्थितियों से डरता रहेगा, वह जीवन में पिछड़ता रहेगा। व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने के लिए इन दोनों की बहुत आवश्यकता होती है।

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कुछ करने के लिए

DAV Class 7 Hindi Chapter 9 Question Answer - सवाल का जवाब - 7

प्रश्न 1.
कहानी ‘सवाल का जवाब’ को नाटक के रूप में ढालते हुए कक्षा में मंचन कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2.
सत्य की राह पर चलने वाले संत-महात्मा गाँधी जी की आत्मकथा पढ़िए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 3.
किसी दुकान पर बच्चे से बात कीजिए जो स्कूल न जाता हो। पता कीजिए स्कूल न जाना उसे कैसा लगता है?
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

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DAV Class 7 Hindi Ch 9 Solutions – सवाल का जवाब

I. बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
‘सवाल का जवाब’ पाठ में दादा जी किस दिन बाज़ार जाना चाह रहे थे?
(क) सोमवार
(ख) बुधवार
(ग) शुक्रवार
(घ) रविवार
उत्तर:
(घ) रविवार

प्रश्न 2.
किस त्योहार के आने से बाज़ार सज़े हुए थे?
(क) होली
(ख) दशहरा
(ग) दीपावली
(घ) ईद
उत्तर:
(ग) दीपावली

प्रश्न 3.
दादा जी किसके कहने पर पोते को अपने साथ ले गए?
(क) दादी जी के
(ख) माँ के
(ग) चाची के
(घ) चाचा के
उत्तर:
(क) दादी जी के

प्रश्न 4.
दादा जी ने तन्मय को किस बारे में सावधान किया?
(क) पटाखे न खरीदने के बारे में
(ख) हाथ छुड़ाकर न जाने के बारे में
(ग) सामान न छूने के बारे में
(घ) दुकानदार से न उलझने के बारे में
उत्तर:
(ख) हाथ छुड़ाकर न जाने के बारे में

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प्रश्न 5.
कुछ लोग ……………….. के बड़े-बड़े बंडल बँधवाकर ले जा रहे थे।
(क) मिठाइयों
(ख) सामानों
(ग) पटाखों
(घ) उपहारों
उत्तर:
(ग) पटाखों

प्रश्न 6.
सीमित पैसों वाले बच्चों की मुट्ठी में थीं-
(क) इच्छाएँ
(ख) पटाखे
(ग) रुपये
(घ) सिक्के
उत्तर:
(क) इच्छाएँ

प्रश्न 7.
सामान की लिस्ट, देकर दादा जी कहाँ बैठे?
(क) बेंच पर
(ख) स्टूल पर
(ग) कुर्सी पर
(घ) सिक्के
उत्तर:
(ख) स्टूल पर

प्रश्न 8.
तन्मय दुकानदार को कहाँ ले जाना चाह रहा था?
(क) बच्चों के घर
(ख) अपने साथ
(ग) दुकान पर
(घ) थाने
उत्तर:
(घ) थाने

DAV Class 7 Hindi Chapter 9 Question Answer - सवाल का जवाब

प्रश्न 9.
दुकानदार ने रोते बच्चों को मुफ़्त में क्या दिया?
(क) कुछ बम
(ख) कुछ अनार
(ग) एक-एक पैकेट फुलझड़ी और थोड़े-थोड़े पटाखे
(घ) कुछ फुलझड़ी
उत्तर:
(ग) एक-एक पैकेट फुलझड़ी और थोड़े-थोड़े पटाखे

प्रश्न 10.
दादा जी शाम को किस समय चाय पी रहे थे?
(क) चार बजे
(ख) पाँच बजे
(ग) छह बजे
(घ) सात बजे
उत्तर:
(क) चार बजे

प्रश्न 11.
तन्मय दादा जी से कितने रुपये मिलने की बात कह रहा था?
(क) पचीस
(ख) पचास
(ग) पचहत्तर
(घ) चारपाई पर
उत्तर:
(ख) पचास

प्रश्न 12.
तन्मय ने डेढ़ सौ रुपये कहाँ से लिए थे?
(क) पिता जी से
(ख) माँ से
(ग) अपनी गुल्लक से
(घ) थाने
उत्तर:
(ग) अपनी गुल्लक से

DAV Class 7 Hindi Chapter 9 Question Answer - सवाल का जवाब

II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न

(क) लेखक बाज़ार क्यों गया?
उत्तर:
लेखक को दीपावली के लिए आवश्यक सामान खरीदना था, इसलिए वह बाज़ार गया।

(ख) तन्मय ने दादा जी से कितने रुपये माँगे?
उत्तर:
तन्मय ने अपने दादा जी से पचास रुपये माँगे।

(ग) तन्मय ने गरीब बच्चों को कितने रुपये दिए?
उत्तर:
तन्मय ने गरीब बच्चों को 50 रुपये प्रति बच्चे के हिसाब से कुल दो सौ रुपये दिए।

(घ) तन्मय के दादा जी उसके पीछे-पीछे क्यों गए?
उत्तर:
तन्मय के दादा जी यह जानना चाहते थे कि तन्मय रुपये लेकर कहाँ जाता है या क्या करता है, इसीलिए वे उसके पीछे-पीछे गए।

III. लघु उत्तरीय प्रश्न ( 30 से 35 शब्दों में )

बच्चों को थप्पड़ मारने पर उसने अपना विरोध कैसे प्रकट किया?
उत्तर:
जब दुकानदार ने बच्चों को थप्पड़ मारा तो तन्मय ने उसका हाथ पकड़ लिया। वह कह रहा था कि कौन कहता है ये चोर हैं? कहाँ हैं इनके पास चोरी के पटाखे? क्या पटाखे की दुकान पर खड़े होकर पटाखे देखना जुर्म है और अगर ऐसा है तो मुझे भी थप्पड़ मारो क्योंकि मैं भी पटाखे देख रहा था।

IV. मूल्यपरक प्रश्न

प्रश्न यदि आप तन्मय की जगह होते तो उन बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करते?
उत्तर:
यदि मैं तन्मय की जगह होता तो मैं उन बच्चों को पटाखों के बिना दीपावली मनाने को कहता और उन्हें पटाखों से होने वाली हानियों तथा वातावरण में बढ़ते प्रदूषण के बारे में बताता। मैं उन्हें पटाखे खरीदने के लिए पैसे देने की जगह मिठाइयाँ तथा उपहारस्वरूप पढ़ने-लिखने का सामान देता।

क्रियाकलाप

पटाखे हमारे लिए और हमारे पर्यावरण के लिए किस प्रकार हानिकारक हैं इसे बताते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए तथा पटाखों के बिना दीपावली मनाने की सलाह दीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

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अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

1. उस दिन रविवार था। मैं कॉलोनी की मार्किट में जाने के लिए तैयार हुआ तो तन्मय भी साथ चलने की ज़िद करने लगा। उसकी दादी बोली, “ले जाइए न। आजकल दीवाली आने की खुशी में बाज़ार खूब सज रहे हैं। बच्चा है, देखकर खुश होगा।” “हाँ, लेकिन इससे यह वादा ले लो कि किसी चीज़ की ज़िद नहीं करेगा”, मैंने कहा। “आप भी कैसे दादा हैं? अरे! पोता अपने दादा से ज़िद नहीं करेगा तो किससे करेगा? ले जाइए और जो कहे वह खरीद दीजिए।”

प्रश्न –
(क) ‘मैं’ शब्द का प्रयोग यहाँ किस्के लिए किया गया है?
(ख) तन्मय कहाँ जाने की ज़िद कर रहा था?
(ग) बाज़ार क्यों सजे हुए थे?
(घ) यहाँ किस बाल-सुलभ आदत की ओर संकेत किया गया है?
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम क्या है?
उत्तर:
(क) यहाँ ‘मैं’ शब्द का प्रयोग तन्मय के दादा जी के लिए किया गया है।
(ख) तन्मय अपने दादा जी से साथ कॉलोनी की मार्किट में जाने के लिए ज़िद कर रहा था।
(ग) दीपावली का त्योहार निकट आने के कारण बाज़ार सजे हुए थे।
(घ) बच्चे कुछ भी प्रिय वस्तु (खिलौने, मिठाई) देखते ही खरीदने के लिए मचल उठते हैं। यहाँ उनकी इसी बाल-सुलभ आदत की ओर संकेत है।
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम है-‘सवाल का जवाब’।

2. उस दुकान के सामने सड़क के किनारे पटाखों की दुकान थी। उसके सामने बच्चों और बड़ों की भीड़ थी। कुछ लोग बड़े-बड़े बंडलों में पटाखे बँधवाकर ले जा रहे थे। कुछ बच्चे हाथ में सीमित पैसे लिए, महँगे सामान को देखकर यह तय नहीं कर पा रहे थे कि बम लें, अनार लें या बड़ी फुलझड़ी लें। जितनी बार विचार बदलता उतनी बार वे किसी-न-किसी आइटम का दाम पूछते और हाथ के पैसों से जब वह मेल न खाता तो चुप होकर दुकान के दूसरे आइटम के दाम पूछने लगते।

प्रश्न –
(क) पटाखों की दुकान कहाँ थी?
(ख) लोग क्या ले जा रहे थे?
(ग) बच्चे कुछ निश्चित नहीं कर पा रहे थे, क्यों?
(घ) विचार बदलने पर बच्चे क्या करने लगते थे?
(ङ) गद्यांश में किस त्योहार की ओर संकेत किया गया है?
उत्तर:
(क) पटाखों की दुकान सामान की दुकान के सामने सड़क के किनारे थी।
(ख) लोग पटाखों के बड़े-बड़े बंडल बँधवाकर घर ले जा रहे थे।
(ग) बच्चों के पास पैसे कम थे, जबकि पटाखों के दाम अधिक, इसलिए वे यह निश्चय नहीं कर पा रहे थे कि क्या खरीदें।
(घ) एक पटाखा का दाम अधिक लगने पर वे किसी दूसरे पटाखे का दाम पूछने लगते।
(ङ) गद्यांश में ‘दीपावली’ के त्योहार की ओर संकेत किया गया है।

3. दुकानदार ने अपनी खीझ बच्चों पर निकालने के लिए उन्हें अधिकतम दाम बताए और उन्हें झिड़क दिया। दुकानदार की यह झिड़क मुट्ठी में अपनी इच्छाओं को बंद किए बच्चों को चुभी तो ज़रूर होगी, लेकिन उनकी मजबूरी ने इस चुभन को बरदाश्त कर लेने के सिवा कुछ न कहने दिया। बच्चों की इस भीड़ में कुछ ऐसे बच्चे भी थे जो गरीब थे, मैले-कुचैले कपड़े पहने थे और उनके हाथ में एक रुपया तक न था। दुकानदार बीच-बीच में ऐसे बच्चों को भी फटकारकर भगा रहा था।

प्रश्न –
(क) दुकानदार अपनी खीझ किस तरह निकाल रहा था?
(ख) बच्चे अपनी मुट्ठी में कौन-सी इच्छाएँ दबाए थे?
(ग) बच्चे कुछ जवाब न देने के लिए विवश क्यों थे?
(घ) दुकानदार किन बच्चों को भंगा रहा था?
(ङ) दुकानदार कुछ बच्चों को क्यों भगाना चाह रहा था?
उत्तर:
(क) दुकानदार बच्चों को अधिक-से-अधिक दाम बताकर अपनी खीझ निकाल रहा था।
(ख) बच्चे अपनी मुट्ठी में थोड़े-से पैसों में ज़्यादा-से-ज़्यादा पटाखे खरीदने की इच्छा दबाए थे।
(ग) बच्चों के पास पैसे कम थे। वे मनचाहे पटाखे नहीं खरीद सकते थे। इसलिए वे दुकानदार द्वारा माँगे गए पैसे सुनकर जवाब देने में असमर्थ थे।
(घ) दुकानदार मैले-कुचैले कपड़े पहने उन गरीब बच्चों को भगा रहा था, जिनके हाथ में एक रुपया भी न था।
(ङ) दुकानदार कुछ बच्चों को इसलिए भगा रहा था ताकि वे दुकान में चोरी न कर लें, क्योंकि उनके पास पैसे तो थे नहीं कि वे पटाखे खरीद सकें।

DAV Class 7 Hindi Chapter 9 Question Answer - सवाल का जवाब

4. तन्मय जिस साहस और सच्चाई के साथ अपनी बात कह रहा था, उसे सुनने के लिए वहाँ इकट्ठा हुई भीड़ जैसे मौन हो गई थी। तन्मय के तर्क के सामने दुकानदार भी शर्मिंदा हो रहा था। शायद उसे यही ठीक लगा और उसने तत्काल कहा, “अच्छा भाई! मुझसे भूल हुई। मैं माफ़ी माँगता हूँ।” दुकानदार ने उनकी तरफ़ जुड़े हुए हाथ उठाकर कहा, “आओ! तुम लोगों को मैं कुछ पटाखे-फुलझड़ी मुफ्त देता हूँ।” और उसने चारों बच्चों को एक-एक पैकेट फुलझड़ी और थोड़े-थोड़े पटाखे दिए।

प्रश्न –
(क) भीड़ कहाँ एकत्र हो गई थी?
(ख) भीड़ मौन क्यों हो गई थी?
(ग) दुकानदार ने अपनी भूल किस तरह सुधारी?
(घ) दुकानदार ने बच्चों को कैसे बहलाया?
(ङ) उपर्युक्त गद्यांश से तुम्हें क्या सीख मिलती है?
उत्तर:
(क) पटाखे की उस दुकान पर भीड़ एकत्र हो गई थी, जहाँ दुकानदार ने कुछ गरीब बच्चों को थप्पड़ मार दिया था।
(ख) तन्मय की साहस और सच्चाई भरी बातें सुनकर भीड़ मौन हो गई थी।
(ग) दुकानदार ने शर्मिदा होते हुए माफ़ी माँगकर अपनी भूल सुधारी।
(घ) दुकानदार ने रोते बच्चों को एक-एक पैकेट फुलझड़ी और थोड़े-थोड़े पटाखे मुफ़्त देकर बहलाया।
(ङ) उपर्यक्त गदयांश से हमें अन्याय का साहसपूर्वक सामना करने तथा सच्चाई का साथ देने की सीख मिलती है।

शब्दार्थ

पृष्ठ संख्या-56.
फटकार-डाँट – डपट।
गहमागहमी – चहल-पहल,
भीड़ – भाड़।
सीमित – थोड़ा।

पृष्ठ संख्या-57.
खीझ – चिड़चिड़ाहट।
अधिकतम – सबसे ज़्यादा।
बरदाश्त – सहन।
तसल्ली – खुशी भरी राहत।

पृष्ठ संख्या-58.
हक – अधिकार।
खिलाफ़ – विरुद्ध।
जुर्म – अपराध।
आव देखा न ताव – बिना सोचे-समझे।
ताबड़ – तोड़-लगातार।
साहस – हिम्मत।
मौन – चुप।
तर्क – विचार।

DAV Class 7 Hindi Chapter 9 Question Answer - सवाल का जवाब

पृष्ठ संख्या-59.
तत्काल – तुरंत।
सबक सिखाना – पाठ पढ़ाना, ज्ञान देना।
मुसीबत – संकट।
धरी रह जाना – बेकार हो जाना।
बनावटी – दिखावे के।

पृष्ठ संख्या-60.
दबे-पाँव – चुपचाप।
ठिठकना – रुकना।

सवाल का जवाब Summary in Hindi

पाठ-परिचय

‘सवाल का जवाब’ पाठ में तन्मय नामक बालक की सदयता, साहस और सच्चाई का वर्णन है, जिसने दुकानदार को भरे बाज़ार में न केवल माफ़ी माँगने के लिए विवश कर दिया, बल्कि गरीब बच्चों को मुफ़्त में फुलझड़ी और पटाखे भी मिले। उसने ऐसी सदयता दिखाई कि उसके दादा जी को अपने सवाल का जवाब भी मिल गया।

पाठ का सार

रविवार का दिन था। बालक तन्मय भी अपने दादा जी के साथ कॉलोनी की मार्किट में जाना चाहता था, पर वे उसे नहीं ले जाना चाहते थे। तन्मय की दादी के कहने पर वे उसे अपने साथ ले जाने को तैयार हुए। दीपावली निकट होने के कारण बाज़ार खूब सजे थे। भीड़-भाड़ में उन्हें तन्मय के खो जाने का भय था, पर उन्हें तन्मय को साथ ले जाना पड़ा।

वे सामान की लिस्ट लिए उसका हाथ पकड़े दुकान पर पहुँचे। वहाँ भीड़ थी, इसलिए इंतज़ार भी करना था। उसी दुकान के सामने सड़क के किनारे पटाखों की दुकान भी थी, जहाँ बच्चों की भीड़ कुछ ज़्यादा ही थी। कुछ बच्चे पटाखे देख रहे थे, कुछ मोलभाव कर रहे थे।

कुछ लोग पटाखे बँधवाकर अपने-अपने साथ ले जा रहे थे। जिन बच्चों के पास कम पैसे थे, वे दाम पूछकर दूसरा पटाखा देखने लगते थे। बच्चों को पटाखे निहारता देख तन्मय कब उनमें शामिल हो गया, यह दादा जी भी न जान सके। दादा जी सामान की लिस्ट देकर जब स्टूल पर बैठे तब उन्हें तन्मय का ध्यान आया। उसे पटाखों की दुकान पर देख उन्हें तसल्ली हुई।

DAV Class 7 Hindi Chapter 9 Question Answer - सवाल का जवाब

इधर उनका ध्यान पैक हो रहे अपने सामान पर था, तभी तन्मय ने उन्हें आवाज़ लगाकर बुलाया। वास्तव में जो बच्चे पटाखे न खरीदकर दुकान पर केवल भीड़ लगाए थे, दुकानदार उन्हें हटा रहा था। दुकानदार ने उन गरीब बच्चों को थप्पड़ मार दिया और कहने लगा कि वे सामान चुराने की ताक में थे।

दादा जी ने दुकान पर जाकर देखा कि तन्मय दुकानदार का हाथ पकड़े कह रहा था कि यह दुकानदार झूठा है। यह गरीब बच्चों को चोर कहकर थप्पड़ मार रहा है। मैं इसकी रिपोर्ट पुलिस में लिखवाऊँगा। वहाँ उपस्थित लोगों को तन्मय की बात ठीक लगी। स्थिति को देखते हुए दुकानदार ने माफ़ी माँग ली और उन रोते बच्चों को थोड़े-थोड़े पटाखे और एक-एक पैकेट फुलझड़ी दिए।

भीड़ में कुछ लोग तन्मय के साहस की प्रशंसा कर रहे थे। दादा जी अपना सामान लेकर तन्मय के साथ घर आ गए।वे शाम को बैठे चाय पी रहे थे, तभी तन्मय उनके पास आया और पूछा, “दादा जी! एक सौ पचास रुपये में कितने मिलाने पर दो सौ रुपये हो जाएँगे।”

पहले तो दादा जी झुझलाए कि तन्मय यह साधारण-सा सवाल क्यों पूछ रहा है, फिर भी बोले, “पचास रुपये।” तन्मय ने उन्हें डेढ़ सौ रुपये देकर दो सौ में बदलने के लिए कहा। दादा जी ने उसे दो सौ रुपये दिए, जिसे लेकर वह गेट की तरफ चला गया और उन्हीं चारों लड़कों को पचास-पचास रुपये दिया। दादा जी, जो तन्मय को देखने पीछे-पीछे आ रहे थे, उन्हें अपने सवाल का जवाब मिल चुका था।