Regular practice using DAV Class 7 Hindi Book Solutions and DAV Class 7 Hindi Chapter 3 Question Answer – निर्मला साँप और सयाल are essential for improving writing and analytical skills.
DAV Class 7 Hindi Chapter 3 Question Answer – निर्मला साँप और सयाल
DAV Class 7 Hindi Ch 3 Question Answer – निर्मला साँप और सयाल
पाठ में से
प्रश्न 1.
सयाल को सब क्यों पसंद करते थे?
उत्तर:
सयाल को सब पसंद् करते थे, क्योंकि उसका व्यवहार दूसरों के प्रति बहुत अच्छा था। उसकी मुसकान भी सबको खुश कर देती थी।
प्रश्न 2.
साँप द्वारा पकड़े जाने पर निर्मला को क्या लगा?
उत्तर:
साँप द्वारा पकड़े जाने पर निर्मला को लगा कि उसकी हड्डियाँ चूर-चूर हो जाएँगी और वह मर जाएगी।
प्रश्न 3.
साँप पर हमला किसने और कैसे किया?
उत्तर:
जब सयाल ने देखा कि निर्मला त्राँप की पकड़ में फँस चुकी है और उसका पंजा साँप के मुँह में है तो उसने साँप के सिर पर लाठी से वार किया। वात न बनती देख वह अपने हाथों से साँप का जबड़ा खोलने का प्रयास करने लगी।
प्रश्न 4.
निर्मला ने स्वयं को बचते देख और सयाल को अजगर का शिकार करते देख क्या सोचा?
उत्तर:
निर्मला ने स्वयं को बचते देख और सयाल को अजगर का शिकार करते देख सोचा कि ऐसी साहसी और वीर सयाल से वह व्यर्थ ही चिढ़ती रही। आज यह न होती तो अजगर मुझे खा जाता।
प्रश्न 5.
रिक्त स्थान भरिए-
उत्तर:
(क) सयाल के पिता का नाम लहनू भाई भोया था।
(ख) कुछ फल्लांग की दूरी पार करने के बाद निर्मला जंगल की आर मुड़ गई।
(ग) निर्मला ने भी अपरी पीड़ा को सहने के लिए साहस बटोरा।
(घ) एक क्षण के लिए सयाल बिलकुल जड़ हो गई।
(ङ) निर्मला ने सयाल से कहा कि अगर वह न होती तो साँप उसे मार डालता।
प्रश्न 6.
पाठ के आधार पर नीचे कुछ वाक्य दिए गए हैं। कहानी की घटनाओं के अनुमार उनके आगे क्रम संख्या लिखिए-
उत्तर:
अचानक यह फुफकार सुनकर निर्मला के प्राण सूख गए। (3)
निर्मला खुशी से उछल पड़ी और मवंशियों को हाँकते हुए गाँव के धूल भरे रास्ते पर चल पड़ी। (1)
अचानक साँप पर किसी ने लाठी से वार किया। (4)
साँप सयाल को निगलना चाहता था। (5)
गायों की घंटियों की आवाज़ सुनकर सयाल ने इधर-उधर देखा। (2)
बातचीत के लिए
प्रश्न 1.
सयाल के काँपते कंधे क्या बता रहे थे?
उत्तर:
सयाल के काँपते कंधे बता रहे थे कि अब उसकी शक्ति अजगर के सामने कमज़ोर पड़ रही है। अब वह ज्यादा देर तक उसका मुकाबला नहीं कर पाएगी।
प्रश्न 2.
सयाल ने निर्मला को भाग जाने के लिए क्यों कहा?
उत्तर:
सयाल ने निर्मला को भाग जाने के लिए इसलिए कहा, क्योंक सयाल उसकी जान बचाना चाहती थी। उसे लगा कि कहीं साँप निर्मला पर दुबारा हमला न कर दे।
प्रश्न 3.
आपको स्कूल में क्या-क्या अच्छा लगता है और क्यों?
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
सयाल निर्मला की सहायता न करती तो क्या होता?
उत्तर:
यदि सयाल निर्मला की स्हायता न करती दो अजगर उसका अपना शिकार बनाकर निगल जाता, क्योंक वह साँप की गिरफ़्त में आ चुकी थी।
प्रश्न 2.
निर्मला को खेतों में जाना क्यों अच्छा लगता होगा?
उत्तर:
निर्मला को खेतों में जाना इसलिए अच्छा लगता होगा, क्योंकि पढ़ाई-लिखाई में उसकी रूचि कम थी। खेतों में उसे खुला वातावरण, बिखरा प्राकृतिक सौंदर्य तथा बरगद के पेड़ की छाया में बैठने का मौका मिलता था।
प्रश्न 3.
यदि आप निर्मला की तरह किसी मुसीबत में फँस जाएँगे, तो क्या करेंगे?
उत्तर:
यदि मैं निर्मला की तरह किसी मुसीबत में फँस जाऊँगा तो उस समय शांत मन से बिना घबराए उससे बाहर निकलने का उपाया सोचूँगा और यदि कोई आस-पास है तो उसे भी सहायता के लिए पुकारूँगा।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
पाठ में से नीचे दिए गए शब्दों के समान अर्थ वाले शब्द ढूँढ़कर लिखिए –
उत्तर:
(क) राक्षस – दैत्य
(ख) साहस – हिम्मत
(ग) अश्रु – आँसू
(घ) विचित्र – अद्भुत
प्रश्न 2.
नीचे लिखे विशेषण शब्दों को शब्द-कोश के क्रमानुसार लिखिए –
उत्तर:
अंडाकार, ऊँची, एक, चमक, छोटा, पतली, पहली, भयानक, मोहक, वीर।
प्रश्न 3.
पाठ में आए कोई तीन मुहावरे छाँटकर लिखिए व उनके अर्थ भी लिखिए –
उत्तर:
(क) मुहावरा – प्राण सूख जाना।
अर्थ – बहुत ज्यादा डर जाना या घबरा जाना।
(ख) मुहावरा – घिग्घी बँधना।
अर्थ – डर के कारण गले से आवाज़ न निकलना।
(ग) मुहावरा – मौत के मुँह में डालना।
अर्थ – खतरे में डालना।
जीवन-मूल्य
निर्मला और सयाल दोनों मित्र थीं।
प्रश्न 1.
क्या सयाल ने निर्मला से मित्रता निभाई? कैसे?
उत्तर:
हाँ, सयाल ने अजगर का शिकार बन चुकी निर्मला की जान बचाकर अपनी मित्रता निभाई।
प्रश्न 2.
आप अपने मित्रों में कौन-कौन से गुण देखना चाहेंगे और क्यों?
उत्तर:
मैं अपने मित्रों में साहस, धैर्य, निर्भीकता, त्वरित निर्णय लेने की क्षमता, संकट के समय बुद्धि से काम लेने की क्षमता आदि गुण देखना चाहूँगा ताकि मुसीबत में फँसने पर एक-दूसरे की सहायता की जा सके।
कुछ करने के लिए
प्रश्न 1.
अभिनय द्वारा अपने चेहरे से दिए गए भावों को अभिव्यक्त कीजिए-
(क) गुस्से से छटपटाना
(ख) टकटकी लगाकर देखना
(ग) भयभीत होना
(घ) कुढ़ना
(ङ) रुआँसा होना
(च) खुश होना
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 2.
अगर निर्मला पर हाथी ने हमला किया होता तो सयाल उसे कैसे बचाती? अपनी कल्पना से कहानी बनाइए और कक्षा में सुनाइए।
उत्तर:
विद्यार्थ्री स्वयं करें।
DAV Class 7 Hindi Ch 3 Solutions – निर्मला साँप और सयाल
I. बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
लोग सयाल के की प्रशंसा करते थे।
(क) रूप
(ख) व्यवहार
(ग) रूप और व्यवहार
(घ) रूप, व्यवहार और मुसकान
उत्तर:
(घ) रूप, व्यवहार और मुसकान
प्रश्न 2.
इनमें सयाल का क्या अनाकर्षक था/थी?
(क) पोशाक
(ख) माला
(ग) चूड़ियाँ
(घ) मुसकान
उत्तर:
(क) पोशाक
प्रश्न 3.
पैबंद लगे कपड़ों से उसकी झाँकती थी।
(क) सुंदरता
(ख) संपन्नता
(ग) गरीबी
(घ) गुण
उत्तर:
(ग) गरीबी
प्रश्न 4.
सयाल का आदिवासी गाँव बरटाड इनमें से कहाँ है?
(क) राजस्थान
(ख) गुजरात
(ग) मध्य प्रदेश
(घ) झारखंड
उत्तर:
(ख) गुजरात
प्रश्न 5.
सयाल को क्या अच्छा लगता था?
(क) गाएँ चराना
(ख) खेतों में जाना
(ग) घर में माँ का हाथ बँटाना
(घ) स्कूल जाना
उत्तर:
(घ) स्कूल जाना
प्रश्न 6.
निर्मला की नाँ ने उसे सवेरे कितने बजे आवाज़ लगाई?
(क) सात बजे
(ख) आठ बजे
(ग) नौ बजे
(घ) दस बजे
उत्तर:
(ख) आठ बजे
प्रश्न 7.
माँ ने निर्मला से कहा,
किसी और दिन चले जाना।”
(क) बाजार
(ख) मवेशी चराने
(ग) स्कूल
(घ) सहेली के घर
उत्तर:
(ग) स्कूल
प्रश्न 8.
निर्मला प्रायः किस पेड़ के नीचे अड्डा बनाकर बैठा करती थी?
(क) आम के
(ख) नीम के
(ग) पीपल के
(घ) बरगद् के
उत्तर:
(घ) बरगद् के
प्रश्न 9.
निर्मला के प्राण सूख गए क्योंकि लंबा अजगर उस पर हमला करने वाला था।
(क) पाँच फीट
(ख) आठ फ़ीट
(ग) बारह फ़ीट
(घ) चौदह फ़ीट
उत्तर:
(ग) बारह फ़ीट
प्रश्न 10.
अजगर ने निर्मला का कौन-सा अंग मुँह में पकड़ रखा था?
(क) पैर का पंजा
(ख) हाथ का पंजा
(ग) घुटना
(घ) कलाई
उत्तर:
(क) पैर का पंजा
प्रश्न 11.
सयाल ने अजगर का जबड़ा कैसे खोला?
(क) पत्थर से मारकर
(ख) लाठी से मारकर
(ग) हाथ से खींचकर
(घ) निर्मला की मदद से
उत्तर:
(ग) हाथ से खींचकर
प्रश्न 12.
सयाल के जड़ होने का कारण इनमें से क्या था?
(क) अजगर द्वारा कुंडली में निर्मला को दबा देना
(ख) निर्मला के पैर से खून निकलना
(ग) सयाल के हाथ से खून निकालना
(घ) अजगर का सयाल के ऊपर आ जाना
उत्तर:
(घ) अजगर का सयाल के ऊपर आ जाना
II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न
(क) निर्मला सयाल की तारीफ़ क्यों नहीं सुन पाती थी?
उत्तर:
निर्मला सयाल से चिढ़ती थी तथा उससे ईर्ष्या करती थी, इसलिए उसकी तारीफ़ नहीं सुन पाती थी।
(ख) निर्मला के पास जो माला थी, वह कैसी थी?
उत्तर:
निर्मला के पास जो माला थी, वह बहुत सुंदर थी। ऐसी माला उस पूरे आदिवासी गाँव में किसी के पास न थी।
(ग) निर्मला को क्या अच्छा लगता था?
उत्तर:
निर्मला को खेतों में जाना, मवेशी चराना अच्छा लगता था।
(घ) निर्मला के मवेशी इधर-उधर क्यों हो गए?
उत्तर:
निर्मला के मवेशी नरम घास चरने के लिए इधर-उधर हो गए।
(ङ) अपने किन गुणों के कारण सयाल ने निर्मला को बचाया?
उत्तर:
संकट के समय तुरंत निर्णय लेने की क्षमता, साहस, बुद्धिमत्ता और धैर्य बनाए रखने के कारण ही सयाल ने निर्मला को बचाया।
III. लघु उत्तरीय प्रश्न (30 से 35 शब्दों में)
(क) माँ के पुकारने पर निर्मला खुशी से क्यों उछल पड़ी?
उत्तर:
निर्मला को स्कूल जाना अच्छा नहीं लगता था। वह सदैव इस मौके के इंतजार में रहती थी कि उसे स्कूल छोड़कर खेतों में जाने का अवसर मिले। तभी सवेरे आठ बजे उसकी माँ ने उसे खेत में मवेशियों को ले जाने के लिए कहा। यह सुनकर वह खुशी से उछल पड़ी।
(ख) सयाल ने अजगर से स्वयं को कैसे बचाया?
उत्तर:
निर्मला को अजगर के मुँह से छुड़ा लेने के कारण अब अजगर सयाल को अपना शिकार बनाना चाहता था। सयाल ने अजगर का जबड़ा फाड़ दिया था, इससे क्रोधित हो वह सयाल को निगल जाना चाहता था। सयाल के हाथों में अजगर का जबड़ा था। उसने अद्भुत शक्ति से अजगर को दूर फेंका और बिजली की गति से भाग कर स्वयं को बचाया।
IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ( 70 से 80 शब्दों में )
सयाल ने निर्मला को मौत के मुँह से कैसे बचाया?
उत्तर:
निर्मला पर मवेशी चराने जाते समय एक अजगर ने हमला कर दिया। उसने निर्मला का पंजा अपने मुँह में जकड़कर घुटनों को कुंडली में कस लिया। निर्मला की ‘बचाओ-बचाओ’ की आवाज़ सुनकर सयाल लाठी लेकर दौड़ी। निर्मला को यूँ संकट में फँसा देख उसने साहस से काम लिया। उसने अजगर के मुँह पर लाठी से वार किया पर काम न बनता देख उसने खुद अजगर से भिड़ने का फैसला किया और दोनों हाथों से अजगर का जबड़ा खोलने में सफल हो गई। दोनों के बल लगाने से अजगर की कुंडली ढीली पड़ गई और निर्मला को बचने का मौका मिल गया। इस प्रकार सयाल ने निर्मला को मौत के मुँह से बचाया।
V. मूल्यपरक प्रश्न
सयाल के व्यक्तित्व से आप किन-किन गुणों को अपनाना चाहेंगे?
उत्तर:
सयाल के व्यक्तित्व से मैं साहस, संकट में बुद्धि से काम लेने, धैर्यशीलता, त्वरित निर्णय लेने की क्षमता, संकट में फँसे मित्र की मदद करने जैसे गुणों को अपनाना चाहूँगा। मैं मित्र को संकट में अकेला छोड़कर नहीं जाऊँगा। उसे संकट से निकालने का पूरा प्रयास करूँगा।
क्रियाकलाप
कुछ साँपों के चित्र कॉपी में चिपकाइए और उनके नीचे लिखिए-वे जहरीले हैं या नहीं। उत्तर विद्यार्थी स्वयं करें।
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न –
1. निर्मला को अपनी सहेलियों में सयाल लहनू भाई भोया बहुत बुरी लगती थी। सयाल के पिता का नाम लहनू भाई भोया था। सयाल के व्यवहार और गुणों की सभी प्रशंसा करते थे। निर्मला भला सयाल की तारीफ़ कैसे सह पाती! लोग सयाल की माँ से कहते- ” कलगी बेन, तुम्हारी लाड़ली बड़ी होनहार है। उसकी प्यारी-सी मुसकान सबको खुश कर देती है।” ‘प्यारी-सी मुस्कान ‘ निर्मला चिढ़कर बुदबुदाती, ” हुँह दाँत निकाले रहती है और लोग कहते हैं-प्यासी-सी मुस्कान।”
प्रश्न –
(क) निर्मला की सहेली का क्या नाम था?
(ख) सयाल के पिता का क्या नाम था?
(ग) लोग सयाल की प्रशंसा क्यों करते थे?
(घ) सयाल की माता का क्या नाम था?
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम लिखिए।
उत्तर:
(क) निर्मला की सहेली का नाम सयाल लहनू भाई भोया था।
(ख) सयाल के पिता का नाम था-लहनू भाई भोया।
(ग) सयाल का व्यवहार अच्छा था। उसकी मुसकान बहुत अच्छी थी जो सबको खुश कर देती थी, इसलिए लोग उसकी प्रशंसा करते थे।
(घ) सयाल की माता का नाम कलगी बेन था।
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम है-निर्मला, साँप और सयाल।
2. सयाल की मुसकान तो मोहक थी, किंतु उसकी पोशाक उतनी आकर्षक न थी। पैबंद् लगे कपड़ों से उसकी गरीबी झाँकती थी। उसके हाथ में पड़ी चूड़ियाँ भी उतनी सुंदर न थीं, जितनी निर्मला की चूड़ियाँ थीं। यह भी सच है कि गुजरात के उस छोटे-से आदिवासी गाँव बरटाड में इतनी सुंदर गले की माला किसी और के पास न थी जैसी निर्मला के पास थी। सयाल बुद्धि और विवेक में भी निर्मला से आगे है। निर्मला इसलिए भी सयाल से चिढ़ती है।
प्रश्न –
(क) सयाल की पोशाक आकर्षक क्यों न थी?
(ख) उसकी गरीबी का पता कैसे चलता था?
(ग) सयाल कहाँ रहती थी?
(घ) निर्मला की माला कैसी थी?
(ङ) निर्मला सयाल से क्यों चिढ़ती थी?
उत्तर:
(क) सयाल गरीब थी। उसके माँ-बाप उसके लिए अच्छे कपड़े नहीं दिला सकते थे, इसलिए उसकी पोशाक आकर्षक न थी।
(ख) उसके कपड़ों पर पैबंद लगे थे, जिससे उसकी गरीबी का पता चलता था।
(ग) सयाल गुजरात के छोटे से आदिवासी गाँव बरटाड में रहती थी।
(घ) निर्मला की माला बहुत सुंदर थी। वैसी माला उस आदिवासी गाँव में किसी और के पास न थी।
(ङ) सयाल की मुसकान सबको अच्छी लगती थी। वह बुद्धि-विवेक में भी निर्मला से आगे थी, इसलिए निर्मला उससे चिढ़ती थी।
3. अचानक साँप उछला। वह बड़े गुस्से से फिर फुफकारा। निर्मला ने अपनी ज़िंदगी में ऐसा भयानक दृश्य न कभी देखा था न कभी सुना था। अचानक अजगर का सिर आगे को बढ़ा और साथ-ही-साथ उसने पूँछ भी उठाई। पलक झपकते ही निर्मला का घुटना उसकी कुंडली में फँस चुका था और उसने अपने जबड़ों से निर्मला का पंजा पकड़ लिया था। साँप की सख्त पकड़ से निर्मला को लगा कि उसकी हड्डियाँ चूर-चूर हो जाएँगी। उसे लगा कि अब वह मर जाएगी।
प्रश्न –
(क) साँप क्यों उछला?
(ख) निर्मला ने किस प्रकार का दृश्य नहीं देखा था?
(ग) अजगर ने उस पर किस तरह हमला किया?
(घ) निर्मला क्यों भाग नहीं सकती थी?
(ङ) निर्मला को ऐसा क्यों लगा कि अब वह मर जाएगी?
उत्तर:
(क) साँप (अजगर) निर्मला को अपना शिकार बनाना चाहता था, इसलिए उछला।
(ख) निर्मला के पास साँप के रूप में मौत आ चुकी थी। उसने ऐसा भयानक तथा डरावना दृश्य नहीं देखा था।
(ग) अजगर ने निर्मला का घुटना कुंडली में फँसाया और उसका पंजा अपने मुँह में जकड़ लिया।
(घ) निर्मला को अजगर ने अपनी पकड़ में जकड़ रखा था, इसलिए वह भाग नहीं सकती थी।
(ङ) साँप की सख्त पकड़ से निर्मला की हड्डियाँ टूट रही थीं। भयानक दर्द के कारण उसे लगा कि वह मर जाएगी।
4. उसने अजगर के जबड़ों को पूरी तरह खोले रखा। निर्मला ने उसके जबड़े से पैर को मुक्त किया लेकिन कुंडली अभी भी कसी हुई थी। आखिर दोनों ने ज़ोर लगाया तो कुंडली का दबाव कम हुआ। सयाल ने इतनी ज़ोर से झटका दिया कि निर्मला साँप की कुंडली से छूटकर दूर जा गिरी। अब साँप का शिकार सयाल थी।
प्रश्न –
(क) ‘उसने’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है?
(ख) निर्मला भाग नहीं सकी, क्यों?
(ग) दोनों ने ज़ोर किसलिए लगाया?
(घ) सयाल को साँप अपना शिकार क्यों बनाना चाहता था?
(ङ) इस गद्यांश से तुम्हें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर:
(क) यहाँ ‘उसने’ शब्द का प्रयोग सयाल के लिए हुआ है।
(ख) पंजा अजगर के मुँह से निकलने के बाद भी उसका पैर साँप की कुंडली में फँसा था, इसलिए निर्मला भाग न सकी।
(ग) साँप की कुंडली से पैर निकालने के लिए दोनों ने ज़ोर लगाया।
(घ) सयाल ने ही अजगर का शिकार बन चुकी निर्मला को उससे छीना था. इसलिए वह अब सयाल को अपना शिकार बनाना चाहता था।
(ङ) इस गद्यांश से हमें मुसीबत में फँसे व्यक्ति की मदद करने तथा संकट में साहस न छोड़ने की शिक्षा मिलती है।
शब्दार्थ
पृष्ठ संख्या-15.
तारीफ़ – प्रशंसा।
होनहार – प्रतिभावान।
बुदबुदाना – धीरे-धीरे कहना।
पैबंद – दूसरे कपड़ के टुकड़े।
पृष्ठ संख्या-16.
बुद्धि – दिमाग।
विवेक – भले-बुरे की समझ।
मवेशी – जानवर, गाय, बैल आदि।
खुशी से उछलना – बहुत खुश होना।
फल्लांग – दूरी की एक माप, 220 गज।
उपेक्षा करना – ध्यान न देना।
पृष्ठ संख्या-17.
प्राण सूखना – बहुत डर जाना।
दैत्याकार – दैत्य के आकार का, बहुत बड़ा।
नज़दीक – पास।
घिग्घी बँधना – गले से आवाज़ न निकलना।
पलक झपकते ही – तनिक-सी देर में।
निर्भीकता – निडरता।
पृष्ठ संख्या-18.
दैत्य – राक्षस।
साहस – हिम्मत।
टकटकी लगाकर – अत्यंत ध्यान से।
मुक्त – आज़ाद।
पृष्ठ संख्या-19.
मदद – सहायता।
व्यर्थ – बेकार।
शिथिल – कमज़ोर।
जड़ होना – सोचने-विचारने में असमर्थ हो जाना।
अद्भुत – विचित्र।
बिजली की तरह – बहुत तेज़ी से।
पृष्ठ संख्या-20.
धैर्य – धीरज।
भेंट – उपहार।
सुखद – सुख देने वाली।
निर्मला साँप और सयाल Summary in Hindi
पाठ-परिचय:
‘निर्मला, साँप और सयाल’ पाठ मुसीबत में साहस न खोने. मित्र की सहायता करने तथा कठिन समय में बुद्धि मानी से काम लेने की सीख देता है। पाठ में इस बात का भी उल्लेख है कि भलाई करके किसी के भी दिल को जीता जा सकता है, निर्मला द्वारा सयाल को मांतियों की माला भेंट करना इसका प्रमाण है।
पाठ का सार:
‘निर्मला, साँप और सयाल’ नामक पाठ दो सहेलियों (निर्मला और सयाल) की कहानी है, जो गुजरात के एक आदिवासी गाँव बरटाड में रहती हैं। निर्मला को सयाल अच्छी नहीं लगती थी। सयाल के पिता का नाम लहनू भाई भोया था। सभी सयाल के व्यवहार और गुणों की प्रशंसा करते थे। उसकी प्यारी-सी मुसकान सबको खुश कर देती थी। वह हँसती थी तो उसका अंडाकार चेहरा खिल उठता और आँखों में चमक आ जाती। उसकी पतली नाक ऊपर उठ जाती और गालों में गड्ढे पड़ जाते।
निर्मला उससे चिढ़ती थी परंतु सयाल उससे प्यार करती थी। सयाल के कपड़ों से उसकी गरीबी झलकती थी, परंतु निर्मला के गले में मोतियों की बहुत ही सुंदर माला थी। सयाल को स्कूल जाना पसंद था, जब्भकि निर्मला स्कूल न जाने के बहाने खोजा करती थी। एक दिन निर्मला अपने पशुओं को जंगल में चराने ले गई। पशुओं को चरने के लिए छोड़कर वह जिस छायादार जगह पर बैठना चाहती थी, वहाँ पहले से ही सयाल बैठी अपने पशुओं का चरा रही थी।
ईर्या रखने वाली निर्मला अपने पशुओं को लेकर जब आगे जाने लगी तो सयाल ने उसे बुलाया परतु निर्मला अनसुना कर आगे बढ़ गई। वह सयाल के पास नहीं बैठना चाहती थी। कुछ आगे जाने के बाद वह एक झाड़ी के पास से गुजर रही थी कि उसके पैर में एक बड़ा-सा लगभग बारह फीट का अजगर लियट गया। वह उससे छूटने का प्रयास कर रही थी, मगर अजगर ने कुंडली में उसका पैर कस लिया।
निर्मला को लगा कि अब वह मर जाएगी तभी उसके मुँह से ‘बचाओ…बचाओ’ निकल गया। निर्मला को बचाने के लिए सयाल उसके पास आई। उसने देखा कि अजगर ने निर्मला को जकड़ रखा है, सयाल ने लाठी सं उसके सिर पर वार किया। अजगर चोट से क्रोधित तो हुआ परंतु उसने निर्मला को न छोड़ा। अब सयाल अपनी जान की परवाह किए बिना अजगर के मुँह में हाथ डालकर उसं खोलने लगी।
उसने पूरी ताकत से अजगर का जबड़ा खोला और निर्मला को अपना पैर निकालने को कहा। निर्मला के पैर अव भी अजगर की कुंडली में कसे थे। दोनों के ज़ोर लगाने से दब्बाव कम हुआ और एक झटके से निर्मला कुंडली से छूटकर दूर जा गिरी। सयाल ने निर्मला सं भाग जाने के लिए कहा। अजगर अब सयाल पर हमला कर रहा था।
सयाल पूरी ताकत से अजगर के मुँह को पकड़कर हटाने में लगी थी। तभी अजगर फुफकार कर गिरी हुई सयाल की छाती तक आ गया। अत्यंत भयानक दृश्य था। वह सयाल को निगलना चाहता था और सयाल उससे मुकाबला कर रही थी। तभी सयाल अद्भुत शक्ति से अजगर को दूर फेंककर बिजली की तरह भाग खड़ी हुई। उसने भागती निर्मला का हाथ पकड़ा और जानवरों की ओर चल पड़ी।
वहाँ कोई खतरा न था। निर्मला ने सयाल से कहा कि आज वह न होती तो अजगर उसे मार ही डालता। निर्मला ने उसे इस प्रकार देखा मानो आज पहली बार उसे पहचान पाई हो। निर्मला ने अपने गले से मोतियों की माला उतारकर सगाल को दे दी. जिसे सयाल ने खुशी से ले लिया।