Regular practice using DAV Class 7 Hindi Book Solutions and DAV Class 7 Hindi Chapter 1 Question Answer – बारहमासा are essential for improving writing and analytical skills.
DAV Class 7 Hindi Chapter 1 Question Answer – बारहमासा
DAV Class 7 Hindi Ch 1 Question Answer – बारहमासा
कविता में से
प्रश्न 1.
भारतीय महीनों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भारतीय महीनों के नाम –
1. चैत
2. बैसाख
3. जेठ
4. आषाढ़
5. सावन
6. भादों
7. क्वार
8. कार्तिक
9 अगहन (आश्विन )
10. पूस (पौष)
11. माघ
12. फागुन।
प्रश्न 2.
वर्षां ऋतु में क्या-क्या होता है?
उत्तर:
वर्षा ऋतु अर्थात् सावन और भादों में खूब वर्षा होती है। इस समय आसमान में काले-काले बादल छा जाते हैं। इन बादलों की ओट में चाँद तारे और सूरज छिपकर रह जाते हैं। लगातार वर्षा होने से चारों ओर हरियाली छा जाती है और नदी – तालाब पानी से भरकर बहने लगते हैं, जिससे उनके किनारे नहाने के लिए बने घाट डूब जाते हैं।
प्रश्न 3.
अगहन नाच क्यों नचा देता है?
उत्तर:
अगहन महीने में बहुत सर्दी पड़ती है। लोग सर्दी के मारे काँपने लगते हैं। पानी इतना ठंडा होता है; जैसे- बर्फ़ हो, जिसे छूने को भी मन नहीं करता, इसलिए अगहन नाच नचा देता है।
प्रश्न 4.
उचित उत्तर पर सही (✓) का निशान लगाइए-
उत्तर:
(क) कौन-से महीने में बच्चों की किलकारी से घर-आँगन गूँजने लगता है ?
(✓) बैसाख में
( ) चैत
( ) आषाढ़
( ) कार्तिक
(ख) रंगों के कारण जीवन कैसा लगता है?
( ) अच्छा
( ) अनोखा
(✓) त्योहार
( ) प्यारा
प्रश्न 5.
कविता के आधार पर लिखिए कि दी गई चीजें / गतिविधियाँ किस महीने में होती हैं –
चीजें / गतिविधियाँ | महीने का नाम |
(क) आँधी आती है। | – |
(ख) गरम हवा चलती है। | – |
(ग) मदरसों की छुट्टी होती है। | – |
(घ) नदी – सरोवर भर जाते हैं। | – |
(ङ) जाड़ा आता है। | – |
(च) पतंगें उड़ती हैं। | – |
(छ) तरह-तरह के खेल खेले जाते हैं। | – |
उत्तर:
चीजें / गतिविधियाँ | महीने का नाम |
(क) आँधी आती है। | (क) आषाढ़ |
(ख) गरम हवा चलती है। | (ख) चैत |
(ग) मदरसों की छुट्टी होती है। | (ग) बैसाख |
(घ) नदी – सरोवर भर जाते हैं। | (घ) सावन |
(ङ) जाड़ा आता है। | (ङ) कार्तिक |
(च) पतंगें उड़ती हैं। | (च) पूस |
(छ) तरह-तरह के खेल खेले जाते हैं। | (छ) जेठ। |
बातचीत के लिए
प्रश्न 1.
कविता की जिन पंक्तियों से पता चलता है कि सूरज और चाँद नजर नहीं आते, उन्हें पढ़िए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 2.
पतंगें उड़ाने के लिए बच्चे क्या-क्या करते हैं?
उत्तर:
पतंग उड़ाने के लिए बच्चे आपस में बाजी लगाते हैं। वे एक-दूसरे की पतंग काटकर उल्लसित होते हैं। वे कटी पतंगों को उठाने के लिए खूब शोर-शराबा करते हैं और एक-दूसरे को हराने का प्रयास करते हैं।
प्रश्न 3.
आपको कौन-सा महीना सबसे अच्छा लगता है और क्यों?
उत्तर:
मुझे फागुन महीना सबसे अच्छा लगता है, क्योंकि इस महीने में बसंत की मस्ती, सौंदर्य और होली का उमंग-उल्लास होता है। होली के रंग-गुलाल में रंगकर जीवन एक त्योहार बन जाता है।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
दिए गए मौसमों में आप जो जो करना पसंद करते हैं, उन्हें तालिका में लिखिए।
उत्तर:
गरमी
नहाना, खेलना-कूदना, आम खाना, घर में खेलना, पुस्तकें पढ़ना, कहानियाँ सुनना आद्।
सरदी
गरम कमरे में बैठना, धूप सेंकना, मैदान में दौड़ना, खेलना-कूदना आदि।.
वर्षा
नहाना, कागज़ की नाव तैराना. भरे तालाब, नदी देखना, हरियाली देखना. नाचते हुए मोर देखना आदि।
बसंत
फूलों को निहारना, गुनगुनी धूप का आनंद लेना, पकती फ़सलें देखना, पक्षियों का कलरव सुनना, होली खेलना आदि।
प्रश्न 2.
सभी ऋतुओं के नाम और प्रत्येक ऋतु में जिन वस्तुओं की बहुत आवश्यकता होती है, उनके बारे बताइए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 3.
‘भारत ऋतुओं का देश है’ इस विषय पर कक्षा में अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
भाषा की बात –
प्रश्न 1.
नीचे दिए गए शब्दों के तुकांत शब्द लिखिए –
उत्तर:
(क) जीत – बीत
(ग) कहती – बहती
(ख) प्यारा – न्यारा
(घ) शोर – जोर
प्रश्न 2.
कविता में से तीन व्यक्तिवाचक और तीन जातिवाचक संज्ञा शब्द छाँटकर लिखिए –
उत्तर:
व्यक्तिवाचक संज्ञा | |
(क) कार्तिक | सूरज |
(ख) चैत | बैसाख |
(ग) आषाढ़ | सावन |
जातिवाचक संज्ञा | |
(क) बच्चा | खंल |
(ख) नदी | महीना |
(ग) सरोवर | त्योहार |
प्रश्न 3.
नीचे लिखे शब्दों को उल्टा लिखकर नए सार्थक शब्द बनाइए –
उत्तर:
(क) सब – बस
(ख) पता – ताप
(ग) नदी – दीन
(घ) रहा – हार
(ङ) हवा – वाह
(च) नाच – चना
जीवन-मूल्य
एक वर्ष में महीनों का क्रम बदलने से वातावरण बदल जाता है।
एक वर्ष के बारह महीने अपनी-अपनी विशेषता लिए आते हैं।
प्रश्न 1.
महीनों के बदलते क्रम से यह अहसास होता है कि परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है। कैसे?
उत्तर:
यह बिल्कुल सही है कि महीनों के बदलते क्रम से यह अहसास होता है कि परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है। प्रकृति की परिवर्तन-प्रणाली से ही हम अलग-अलग वस्तुओं का आनंद उठा पाते हैं। प्रकृति के इसी परिवर्तन से हमें वर्षा ऋतु से पानी मिलता है तो बसंत ऋतु से चारों तरफ फल-फूलों की भरमार।
जहाँ ग्रीष्म ऋतु फसलों को पकाने में सहायक है तो पतझड़ ऋतु प्राचीन को त्यागकर नवनिर्माण (नवीन) का संदेश देती है। यदि परिवर्तन नहीं होगा तो मानव की जिंदगी रसहीन और उदास हो जाएगी। फिर जड़-चेतन में कोई अंतर नहीं रहेगा। परिवर्तन ही खुशियाँ उत्साह, स्फूर्ति लेकर आता है, लेकिन कभी-कभी दुख भी मिलते हैं, उनसे घबराना नहीं चाहिए। उनका डटकर मुकाबला करना चाहिए। उसके बाद सुख की भी प्राप्ति होगी। यह प्रकृति का अनुपम उपहार है। इसे सहर्ष स्वीकार करना चाहिए।
प्रश्न 2.
महीनों की पहचान की तरह अपनी पहचान बनाने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर:
महीनों की पहचान की तरह हमें अपनी पहचान बनाने के लिए निम्नलिखित कार्य करने चाहिए –
हमें अपनी व्यक्तिगत क्षमताओं का उपयोग देशहित में करना चाहिए।
हमें देश में फैली ज्वलंत कुप्रथाओं का विरोध कर उन्हें समाप्त कर देश को अपने बढ़ाना चाहिए।
हमें आदर्श नागरिक के गुणों को अपनाते हुए सुंदर समाज के निर्माण में सहयोग देना चाहिए । आदि.
कुछ करने के लिए
प्रश्न 1.
भारत में मनाए जाने वाले किन्हीं पाँच त्योहारों के नाम व उनके मनाए जाने वाले महीनों के नाम लिखिए-
उत्तर:
त्योहार का नाम | महीने का नाम |
(क) नागपंचमी | सावन |
(ख) दुर्गापुजा | क्वार |
(ग) दीपावली | कार्तिक |
(घ) क्रिसमस | पूस |
(ङ) लोहिड़ी | माघ |
प्रश्न 2.
जो ऋतु आपको सबसे अच्छी लगती है, उस पर एक छोटी-सी कविता लिखिए –
उत्तर:
वर्षा ऋतु है बड़ी सुहानी,
अंबर से लाती है पानी।
जाने कहाँ से मेघ बुलाती,
बिजली चमक के हमें डराती।
दादुर पपीहा शोर मचाते.
मोर खुशी से नाच दिखाते।
वर्षा बढ़ाती आस की डोर
चले कृषक सब खेत की ओर।
ककड़ी, खीरा, भिंडी लाती, कोदों,
धान संग भुट्टे लाती।
माली काका हमें बुलाएँ।
चलो ‘प्रमोद’ इक पेड़ लगाएँ।
गोलू, गप्पू, केशव आओ,
नेक काम में हाथ बटाओ। – प्रमोद कुमार
DAV Class 7 Hindi Ch 1 Solutions – बारहमासा
I. अति लघु उत्तरीय प्रश्न
(क) चैत महीने का रूप सुंदर क्यों लगता है?
उत्तर:
चैत महीने में गर्म हवा चलती है, जिससे धूप में हल्की-सी गर्माहट आ जाती है, जिससे चैत महीने का रूप सुंदर लगने लगता है।
(ख) ‘नभ में चले दहाड़ के’ का क्या आशय है?
उत्तर:
‘नभ में चले दहाड़ के’ अर्थात् आषाढ़ महीने में बादल आसमान में छा जाते हैं और ज़ोर-ज़ोर से गरजते हैं।
(ग) भादों के आतंक का क्या असर होता है?
उत्तर:
भादों के आतंक का यह असर होता है कि सूरज झाँक भी नहीं पाता है।
(घ) किस महीने की शोभा निराली होती है?
उत्तर:
सावन महीने की शोभा निराली होती है।
(ङ) कौन-सा त्योहार चेहरे पर खुशियों की लड़ी सजा देता है?
उत्तर:
दीपावली का त्योहार चेहरे पर खुशियों की लड़ी सजा देता है।
(घ) किस महीने की शोभा निराली होती है?
उत्तर:
सावन महीने की शोभा निराली होती है।
(ङ) कौन-सा त्योहार चेहरे पर खुशियों की लड़ी सजा देता है?
उत्तर:
दीपावली का त्योहार चेहरे पर खुशियों की लड़ी सजा देता है।
II. लघु उत्तरीय प्रश्न (30-35 शब्दों में)
जीवन त्योहार बन जाता है, पर कैसे?
उत्तर:
फागुन महीना रंगों एवं खुशियों का महीना होता है। इस समय चारों ओर फाग गूँजने लगता है। बसंत के प्रभाव से लोगों पर मस्ती सवार रहती है। इससे चारों ओर खुशी का वातावरण बन जाता है। लोग एक-दूसरे को रंग और अबीर लगाकर रंगीन बना देते हैं, जिससे जीवन त्योहार बन जाता है।
III. मूल्यपरक प्रश्न
कविता में कार्तिक माह पटाखे और फुलझड़ियाँ लेकर आता है, पर आप अपनी दीवाली कैसे मनाना चाहेंगे?
उत्तर:
मैं दीपावली पटाखों के बिना मनाना चाहूँगा। पटाखे ध्वनि और वायु प्रदूषण बढ़ाते हैं, जिससे साँस लेना भी कठिन हो जाता है। पटाखों के शोर में वृद्ध और मरीजों की परेशानी और भी बढ़ जाती है। इसके अलावा पैसों का अपव्यय होता है। मैं इस त्योहार को सादगीपूर्वक मनाना चाहूँगा, जिससे किसी को परेशानी न हो।
क्रियाकलाप
एक कॉलम में भारतीय महीने चैत बैसाख लिखिए तथा उनके सामने उनमें आने वाले त्योहारों के नाम लिखिए और इन त्योहारों से संबंधित चित्र भी चिपकाइए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
1. चैत महीने का प्यारा,
सुंदर रूप अनूप है।
गरम हवा चलने लगती.
खमिट्ठी-सी धूप है।
आते ही बैसाख के.
छुट्टी हुई मदरसों की।
लगा गूँजने घर-आँगन,
किलकारी से बच्चों की।
कोई लगातार हारा
लेकिन कोई जीत रहा।
तरह-तरह के खेलों में,
जेठ महीना बीत रहा।
काले-काले बादल भी.
नभ में चलें, दहाड़ के।
आँधी इतराने लगी.
लगते ही आषाढ़ के।
शब्दार्थ:
अनूप – अति सुंदर।
खमिट्ठी – न बहुत गर्म न बहुत ठंडी, अच्छी लगने वाली।
मदरसा – स्कूल।
नभ – आकाश।
दहाड़ के – गरजते हुए।
प्रसंग – प्रस्तुत काव्यांश ‘ज्ञान सागर’ पाठ्यपुस्तक के ‘बारहमासा’ नामक कविता से लिया गया है। इसके रचयिता ‘नारायण लाल परमार हैं। कवि ने इन पंक्तियों में भारतीय महीनों का सुंदर वर्णन किया है।
व्याख्या – भारतीय महीनों का वर्णन करते हुए कवि कहता है कि चैत का महीना मन को अच्छा लगता है। इस महीने की धूप न गर्म होती है और न ठंडी होती है, इसलिए मन को भाती है। बैसाख महीने में विद्यालयों में छुट्टी हो जाती है। बच्चे स्कूल न जाकर घर में रहते हैं, जिससे उनकी किलकारी से घर-आँगन गूँज उठता है।
जेठ महीना भी छुट्टियों का ही होता है। गर्मी पड़ने के बाद भी बच्चे तरह-तरह के खेल खेलते हैं, जिनमें हार-जीत लगी रहती है। इसी प्रकार के खेल-कूद में सारा जेठ बीत जाता है। आषाढ़ वर्षा ऋतु का महीना है। इस समय काले-काले बादल छा जाते हैं। वे जोर से गरजते हैं। इस महीने तेज आँधी भी चलने लगती है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
चैत माह की धूप कैसे लगती है?
(क) नमकीन मट्ठी-सी
(ख) लिखी हुई चिट्ठी-सी
(ग) तपती हुई भट्ठी-सी
(घ) खद्भिट्ठी-सी
उत्तर:
(घ) खद्भिट्ठी-सी
प्रश्न 2.
बैसाख महीने में बच्चों की किलकारी कहाँ गूँजती है ?
(क) मंदिर में
(ख) घर में
(ग) स्कूल में
(घ) बाग़ बग़ीचों में
उत्तर:
(ख) घर में
प्रश्न 3.
जेठ महीना बच्चे किस तरह बिताते हैं?
(क) वर्षा का इंतज़ार करके
(ख) स्कूल खुलने का इंतजार करके
(ग) तरह-तरह के खेल – खेलकर
(घ) स्कूल से मिला काम पूरा करके
उत्तर:
(ग) तरह-तरह के खेल – खेलकर
प्रश्न 4.
नभ में काले बादल कब दहाड़ने लगते हैं?
(क) चैत
(ख) बैसाख
(ग) जेठ
(घ) आषाढ़
उत्तर:
(घ) आषाढ़
प्रश्न 5.
किसके इतराकर चलने की बात कही गई है ?
(क) हवा के
(ख) लड़कों के
(ग) बादल के
(घ) आँधी के
उत्तर:
(घ) आँधी के
2. सावन की शोभा न्यारी,
हरियाली के ठाठ हैं।
नदी सरोवर छलक रहे.
डूब गए सब घाट हैं।
पता न चलता तारों का.
जाने कहा मयंक है।
झाँक नहीं पाता सूरज.
भादों का आतंक है।
भैया क्वार महीने में
निर्मल होती जलधारा।
मौसम कर देता सारी
हँसी-खुशी का बँटवारा।
कार्तिक में जाड़ा आता,
साथ पटाखे फुलझड़ियाँ
फबती सबके चेहरों पर,
मुस्कानों की मधु लड़ियाँ।
शब्दार्थ
शोभा – सुंदरता।
न्यारी – अनोखी।
ठाठ तड़क – भड़कवाला
सरोवर – तालाब।
छलक रहे – बाहर उमड़ रहे।
घाट – नहाने का स्थान।
मयंक – चाँद
आतंक – भय, डर।
क्वार – आश्विन महीना।
निर्मल – स्वच्छ
जलधारा – जल प्रवाह।
फबना- जँचना।
प्रसंग – प्रस्तुत काव्यांश ‘ज्ञान सागर’ पाठ्यपुस्तक के ‘बारहमासा’ नामक कविता से लिया गया है। इसके रचयिता ‘नारायण लाल परमार हैं।
कवि ने इन पंक्तियों में भारतीय महीनों का सुंदर वर्णन किया है।
व्याख्या – बारहमासा के अंतर्गत कवि सावन महीने का वर्णन करते हुए कह रहा है कि सावन के महीने में वर्षा होने से चारों ओर हरियाली छा जाती है। इससे सावन की सुंदरता बढ़ जाती है। हरियाली भी सावन का आनंद उठाती प्रतीत होती है। नदी और तालाब पानी से लबालब भरकर अपनी सीमा लाँघने लगते हैं। इससे उनके किनारे बने सभी घाब जाते हैं। भादों महीने में आसमान काले-काले बादलों से ढँक जाता है। ऐसा लगता है कि चाँद और तारे आकाश छोड़कर कहीं और चले गए हैं।
सूरज के दर्शन न होने से ऐसा लगता है मानों भादों के आतंक के कारण ही सूरज ने घर से निकलना छोड़ दिया है। क्वार के महीने में तालाब और नदी का पानी स्वच्छ हो जाता है। इस समय मौसम खुशनुमा हो जाता है। ऐसा लगता है जैसे मौसम खुशियाँ बाँट रहा है। कार्तिक महीने में जाड़े की शुरुआत हो जाती है। इसी समय दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। खूब अनार पटाखे और फुलझड़ियाँ चलाई जाती हैं। दीपावली की खुशियाँ सभी के चेहरों पर साफ़-साफ़ दिखाई देती हैं। मानो ये खुशियों की लड़ियाँ हों।
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
सावन के महीने में नदी-तालाबों की क्या स्थिति होती है?
(क) हरे-भरे हो जाते हैं।
(ख) पानी से भर जाते हैं
(ग) सूख जाते हैं
(घ) घाट पानी से अछूते हैं
उत्तर:
(ख) पानी से भर जाते हैं
प्रश्न 2.
किस महीने में तारों का पता नहीं चलता है?
(क) भादों
(ख) सावन
(ग) कार्तिक
(घ) क्वार
उत्तर:
(क) भादों
प्रश्न 3.
क्वार माह में नदियों का पानी कैसा होता है?
(क) गंदा
(ख) खुशबूदार
(ग) तेज़ बहने वाला
(घ) साफ़
उत्तर:
(घ) साफ़
प्रश्न 4.
कार्तिक महीने का मुख्य त्योहार कौन-सा है ?
(क) दीपावली
(ख) दुर्गापूजा
(ग) भैयादूज
(घ) धनतेरस
उत्तर:
(क) दीपावली
प्रश्न 5.
कार्तिक महीने में किसकी शुरुआत हो जाती है ?
(क) वर्षा होने की
(ग) मौसम सुहावना होने की
(ख) बादल छाने की
(घ) जाड़ा पड़ने की
उत्तर:
(घ) जाड़ा पड़ने की
3. अगहन नाच नचा देता,
बर्फ सरीखा है पानी।
चलो नहा लो माँ कहती.
नहीं चलेगी मनमानी।
उड़ी पतंगें पौष में,
बाज़ी लगती ज़ोर से।
गली मोहल्ले, अटारियाँ,
भर जाते सब शोर से।
माघ महीना भर देता,
मन में नई उमंग है।
कहीं मंजीरे, झाँझ कहीं.
बजता कहीं मृदंग है।
लो वह आ पहुँचा फागुन,
रस की उड़ी फुहार है।
रंगों के कारण लगता
यह जीवन त्योहार है।
शब्दार्थ –
नाच नचा देना – बहुत परेशान करना।
सरीखा – तरह।
मनमानी – मनमर्जी।
पौष – पूस महीना।
अटारियाँ – छतें।
उमंग – उत्साह, उल्लास।
मंजीरा, झाँझ – विशेष प्रकार के वाद्ययंत्र।
मृदंग – ढोल के आकार का वाद्य यंत्र।
प्रसंग – प्रस्तुत काव्यांश ‘ज्ञान सागर’ पाठ्यपुस्तक के ‘बारहमासा’ नामक कविता से लिया गया है। इसके रचयिता ‘नारायण लाल परमार हैं। कवि ने इन पंक्तियों में भारतीय महीनों का सुंदर वर्णन किया है।
व्याख्या – कवि अगहन महीने की कड़ी सर्दी का वर्णन करते हुए कहता है कि इस महीने में पड़ने वाली सर्दी बहुत सताती है। प्रायः सभी को ठंडे पानी से नहाने में डर लगता है। बच्चे विशेषतः नहाने से बचना चाहते हैं। उनकी यह आदत देख माँ कहती है कि तुम्हारी यह मनमर्जी नहीं चलेगी। पूस महीने में पतंगें उड़ाने की बाज़ी लगती है। पतंग उड़ाते समय गली मुहल्ले, छत सब जगह बच्चों के उल्लासमय शोर से भर जाते हैं। माघ का महीना लोगों के बीच एक नई उमंग लेकर आता है।
लोग ऋतुराज वसंत के स्वागत के लिए तैयार होने लगते हैं। वे मृदंग, ढोल और मंजीरे बजाकर अपना उत्साह प्रकट करते हैं। साल का अंतिम भारतीय महीना सावन आते ही रस अर्थात् खुशियों की फुहारें उड़ने लगती हैं। अर्थात् हर ओर खुशियाँ छा जाती हैं। फागुन के रंग और वसंत की मस्ती में लोग डूब जाते हैं। वे एक-दूसरे पर रंग डालते हैं और अबीर लगाते हैं। इस समय सारा जीवन खुशियों भरे त्योहार का रूप धारण कर लेता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
किस महीने में पानी बर्फ़ जैसा लगता है?
(क) अगहन
(ख) पौष (पूस)
(ग) फागुन
(घ) क्वार
उत्तर:
(क) अगहन
प्रश्न 2.
गली मोहल्ले शोर-शराबे में क्यों डूब जाते हैं?
(क) बढ़ी सर्दी की मार से
(ग) खुशी के गीत गाने से
(ख) ढोल मंजीरे बजने से
(घ) पतंग उड़ाने से
उत्तर:
(घ) पतंग उड़ाने से
प्रश्न 3.
माघ महीने की क्या विशेषता बताई गई है?
(क) पानी बर्फ़-सा होता है
(ख) गली-मुहल्ले शोर में डूब जाते हैं
(ग) जीवन त्योहारमय बन जाता है।
(घ) मन में नई उमंगें भर जाती है
उत्तर:
(घ) मन में नई उमंगें भर जाती है
प्रश्न 4.
रस की फुहार कब उड़ती है?
(क) फागुन में
(ख) पूस में
(ग) अगहन में
(घ) माघ में
उत्तर:
(क) फागुन में
प्रश्न 5.
माँ बच्चों से कहती है, “तुम्हारी मनमानी नहीं
(क) नाच नचा देने की
(ख) खूब नहाने की
(ग) पतंग उड़ाने की
(घ) नहाने से बचने की
उत्तर:
(घ) नहाने से बचने की
बारहमासा Summary in Hindi
कविता – परिचय:
‘बारहमासा’ नामक कविता में छात्रों को अत्यंत रोचक ढंग से हिंदी महीनों से परिचय कराया गया है। हर महीने की विशेषता तथा उनमें आने वाले त्योहारों की ओर संकेत भी किया गया है।
कविता का सार:
इस कविता में कवि ने साल के बारह महीनों का वर्णन किया है जो भारतीय कैलेंडर के अनुसार हैं। भारतीय महीने चैत से आरंभ होते हैं। यहाँ कवि ने हर महीने की विशेषताएँ बताई हैं। पहला महीना चैत है, जिसमें गर्मी शुरू हो जाती है। हल्की गर्म हवा खमिट्ठी-सी लगती है। दूसरा महीना बैसाख है जब विद्यालयों में छुट्टी पड़ जाती है और बच्चे उछल-कूद करते हुए इनका आनंद उठाते हैं। अगला महीना जेठ का है, जिसमें अनेक खेल खेले जाते हैं, जिनमें कोई हार रहा है तो कोई जीत रहा है।
अगला महीना आषाढ़ है, जिसमें आकाश काले-काले बादलों से ढँक जाता है। इस समय खूब आँधी चलती है। अगला महीना सावन का है, जिसमें खूब वर्षा होती है। नदी तालाब पानी से भर जाते हैं। अगला महीना भादों का है जब आसमान बादलों से इतना ढँक जाता है कि चाँद-तारों का भी पता नहीं चलता है। अगला महीना क्वार का है जब मौसम सुहावना हो जाता है और लोग खुशियाँ बाँटते हैं।
अगला महीना कार्तिक का है, जब जाड़ा शुरू हो जाता है। दीपावली इसी समय मनाई जाती है। अगला महीना पूस है, जब लोग छतों पर पतंगे उड़ाते हैं, जिससे शोर होता है। अगला महीना माघ है, जब लोग प्रसन्नता अनुभव करते हैं। अंतिम महीना फागुन है, जिसमें खुशियों की बौछार आ जाती है। इसी माह में होली मनाई जाती है।