DAV Class 6 Hindi Chapter 9 Question Answer – दोहे

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DAV Class 6 Hindi Chapter 9 Question Answer – दोहे

DAV Class 6 Hindi Ch 9 Question Answer – दोहे

पाठ में से

प्रश्न 1.
रहीम ने कैसे व्यक्ति को मरे व्यक्ति के समान बताया है?
उत्तर:
रहीम के अनुसार वे व्यक्ति मृतक के समान हैं जो किसी से कुछ माँगने जाते हैं, क्योंकि किसी से कुछ माँगने के लिए अपनी आत्मा को मारना पड़ता है और किसी के सामने नीचा बनना पड़ता है।

प्रश्न 2.
तरुवर और सरोवर की क्या विशेषता है?
उत्तर:
वृक्ष की विशेषता यह है कि वह अपना फल स्वयं नहीं खाता। तालाब की विशेषता यह है कि वह अपना जल खुद नहीं पीता। वे फल और पानी का संचय दूसरों के लिए करते हैं।

DAV Class 6 Hindi Chapter 9 Question Answer - दोहे

प्रश्न 3.
सज्जन व्यक्ति किसके लिए धन संचय करते हैं?
उत्तर;
सज्जन अपना धन दूसरों की भलाई के लिए संचित करते हैं, अपने उपभोग के लिए नहीं ।

प्रश्न 4.
दिए गए वाक्यों के आगे सही ( ✓ ) या गलत (✗) का निशान लगाइए-
(क) बोलने से व्यक्ति की वास्तविकता का पता चलता है।
(ख) तरुवर और सरोवर के रूप में प्रकृति परोपकार की शिक्षा देती है।
(ग) अपने मन की पीड़ा को सबके सामने व्यक्त करना चाहिए।
(घ) वसंत ऋतु में ही कोयल और कौए की पहचान की जा सकती है ।
उत्तर:
(क) बोलने से व्यक्ति की वास्तविकता का पता चलता है। ( ✓ )
(ख) तरुवर और सरोवर के रूप में प्रकृति परोपकार की शिक्षा देती है। ( ✓ )
(ग) अपने मन की पीड़ा को सबके सामने व्यक्त करना चाहिए। (✗)
(घ) वसंत ऋतु में ही कोयल और कौए की पहचान की जा सकती है । ( ✓ )

बातचीत के लिए

प्रश्न 1.
रहीम ने अपने मन की बात मन में ही रखने के लिए क्यों कहा है?
उत्तर:
रहीम ने अपने मन की बात मन में ही रखने के लिए कहा है क्योंकि मन की बात जानने पर दूसरे तुम्हारी मदद नहीं करेंगे बल्कि उल्टे तुम्हारा मज़ाक ही उड़ाएँगे। उन्हें बात जानकर हँसी उड़ाने का अवसर अवश्य मिल जाएगा।

प्रश्न 2.
बड़ी वस्तु के सामने छोटी वस्तु के महत्व को कम नहीं मानना चाहिए। किसी घटना के माध्यम से समझाइए।
उत्तर”:
बड़ी वस्तु के सामने छोटी वस्तु के महत्व को कम नहीं मानना चाहिए, क्योंकि जहाँ छोटी वस्तु काम आ सकती है वहाँ बड़ी काम नहीं आती। जैसे – कारखानों में काम करने वालों का हमें मज़ाक नहीं उड़ाना चाहिए। हमें उन्हें छोटा समझकर उनकी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। हमें मालूम होना चाहिए यदि उन्होंने काम करना बंद कर दिया तो कारखाने बंद हो जाएँगे और हमारी आरामदायक चीजें छिन जाएँगी, जो उनकी मेहनत से हमें मिल रही हैं। इसलिए कभी भी किसी छोटी चीज का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। दूसरा उदाहरण – यदि कोई तिनका उड़कर आँख में गिर जाए तो हमें उसके महत्व का पता चल जाएगा।

DAV Class 6 Hindi Chapter 9 Question Answer - दोहे

प्रश्न 3.
वाणी कड़वी हो तो उसका क्या असर पड़ेगा?
उत्तर:
यदि वाणी कड़वी हो तो हमारे बनते हुए काम भी बिगड़ जाते हैं। कड़वी वाणी के कारण हम अपने मित्र को भी दुश्मन बना लेते हैं। यदि वाणी मीठी हो तो बिगड़ते काम भी बन जाते हैं और शत्रु भी मित्र जैसा व्यवहार करने लग जाते हैं।

प्रश्न 4.
रहीम ने सच्चे साथियों के बारे में क्या कहा है? आप किन्हें अपना सच्चा साथी मानते हैं और क्यों?
उत्तर:
रहीम ने सच्चे साथियों के बारे में कहा है कि मुसीबत के समय जो साथ दे वही हमारा सच्चा मित्र होता है। हम रहीम की बात से पूर्णतः सहमत हैं। जो मुश्किल घड़ियों (पलों) में साथ देता है, वही सच्चा मित्र होता है क्योंकि मुसीबत के समय जो मित्र साथ नहीं देगा, वह स्वार्थी और मौका परस्त होता है। उसने अपना काम साधने के लिए आपसे मित्रता की है। इसलिए मित्रता करते समय इन चीजों का ध्यान रखना चाहिए।

अनुमान और कल्पान

प्रश्न 1.
ऐसी दो छोटी चीज़ों के बारे में अनुमान लगाइए जिनकी जगह बड़ी चीजें बेकार हैं।
उत्तर:
दो छोटी चीजें, जिनकी जगह बड़ी चीजें बेकार हैं-

  • कलम की जगह बंदूक काम नहीं आ सकती।
  • कटोरी की जगह परात काम नहीं आ सकती ।

प्रश्न 2.
मान लीजिए कि आपके एक मित्र को पैसों की ज़रूरत है और आपके पास भी पैसे नहीं हैं। तो आप अपने मित्र की सहायता किस प्रकार करेंगे?
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
समान लय वाले शब्द लिखिए-
(क) रीत – _______
(ख) पान – _______
(ग) खात – _______
(घ) नर – _______
उत्तर:
(क) रीत मीत / गीत / जीत
(ख) पान – सुजान / जान / मान / दान
(ग) खात – पात / रात / बात
(घ) नर – मर / कर / घर

प्रश्न 2.
नीचे स्तम्भ ‘क’ में शब्द दिए गए हैं और स्तम्भ ‘ख’ में शब्दों के अर्थ दिए गए हैं। शब्दों को उनके अर्थ से मिलाइए-
DAV Class 6 Hindi Chapter 9 Question Answer - दोहे 1
उत्तर:
DAV Class 6 Hindi Chapter 9 Question Answer - दोहे 2

जीवन-मूल्य

रहिमन निज मन की विथा मन ही राखो गोय
सुनि अलैिहें लोग सब, बाँटि न, हें कोय।

प्रश्न 1.
किसी ऐसी घटना के बारे में बताइए जब आपने अपने दिल की बात अपने मित्र को बताई हो और उसने आपका मज़ाक उड़ाया हो?
उत्तर:
एक बार मैं ‘सूरजकुंड’ मेले में गया। वहाँ भीड़ अधिक होने के कारण किसी ने मेरा पर्स निकाल लिया। इसका मुझे पता नहीं चला। मैं एक हलवाई की दुकान पर जाकर समोसे खाने लगा, लेकिन जब पैसे देने की बात आई, तो पर्स न पाकर मेरे होश उड़ गए। मैंने दुकानदार को सारी बात बताई, लेकिन उसे मुझ पर विश्वास नहीं हुआ और मुझे पैसे के बदले एक घंटा दुकान पर काम करने के लिए कहा। मैंने उसकी बात मान ली। अगले दिन मैंने यह घटना अपने एक सहपाठी मित्र को बता दी, थोड़ी देर बाद देखता हूँ, कक्षा में सभी मेरा मज़ाक उड़ा रहे हैं। इस घटना के बाद मैंने निर्णय लिया कि मैं कभी भी अपने मन की बात किसी मित्र को बताने से पहले बीस बार सोचूँगा ।

DAV Class 6 Hindi Chapter 9 Question Answer - दोहे

प्रश्न 2.
उस समय आपको कैसा महसूस हुआ? ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए?
उत्तर:
उस समय मुझे बड़ी आत्मग्लानि हुई कि मित्र को ऐसी बातें नहीं बतानी चाहिए। ऐसी स्थिति में चुपचाप रहना ही सबसे अच्छी बात है। यदि उन्हें सुनकर मैं बदले में कुछ कहता तो वे मेरा और अधिक मज़ाक उड़ाते ।

प्रश्न 3.
यदि कोई आपको अपने मन की बात / दुख बताए तो आप क्या करेंगे?
उत्तर:
यदि कोई मुझे अपने मन की बात / दुख बताए तो मैं किसी दूसरे को अपने मित्र के मन की बात नहीं बताऊँगा। इसके अलावा उसके दुख को कम करने का भरसक प्रयास करूँगा।

कुछ करने के लिए

प्रश्न 1.
‘परिश्रम’ तथा ‘सच्चाई’ से जुड़े कुछ दोहों का संकलन कीजिए।
उत्तर:

  • परिश्रम
    • विद्या धन उद्यम बिना, कहो जु पावे कौन। बिना डुलाए ना मिले, ज्यों पंखा की पौन॥
    • काल्ह करै सो आज कर, आज करै सो अब । पल में परलै होयगी, बहुरि करोगे कब ||
  • सच्चाई
    • साँच बराबर तप नहीं झूठ बराबर पाप।
      जाके हिरदय साँच है, ताके हिरदय आप।।
      इस प्रकार छात्र अन्य दोहों का संकलन करें तथा दोहा-पाठ प्रतियोगिता का आयोजन करें।

प्रश्न 2.
सामूहिक रूप से दोहों की गायन प्रतियोगिता का आयोजन कीजिए।
उत्तर:
स्वयं करें।

DAV Class 6 Hindi Ch 9 Solutions – दोहे

I. अति लघु उत्तरीय प्रश्न

(क) माँगने वालों से भी पहले कौन मर जाते हैं?
उत्तर:
देने की सामर्थ्य होने पर भी जो माँगने वाले को मना करते हैं वे माँगने वालों से पहले मर जाते हैं।

(ख) वसंत ऋतु में कोयल- कौए की पहचान कैसे हो जाती है?
उत्तर:
वसंत ऋतु में कोयल और कौए की पहचान उसकी बोली से हो जाती है।

(ग) सज्जन किस प्रकार परोपकार करते हैं?
उत्तर:
सज्जन अपने द्वारा संचित धन का उपयोग दूसरों की भलाई के लिए करके परोपकार करते हैं।

(घ) छोटे लोगों की उपेक्षा क्यों नहीं करनी चाहिए?
उत्तर:
छोटे लागों की उपेक्षा इसलिए नहीं करनी चाहिए, क्योंकि छोटे लोगों का काम छोटे लोग ही कर सकते हैं बड़े नहीं।

II. लघु उत्तरीय प्रश्न (30 से 35 शब्दों में )

प्रश्न 1.
कवि कैसे मित्रों को सच्चा मित्र नहीं मानता है?
उत्तर:
धनवान व्यक्ति के पास धन होता है जिसके लालच में अनेक लोग अनेक प्रकार से उससे अपना संबंध बताकर उसके पास आकर उसका मित्र बन जाते हैं। कवि ऐसे लोगों को सच्चा मित्र नहीं मानता है, क्योंकि तनिक-सी मुसीबत पड़ते ही वे साथ छोड़ जाते हैं।

III. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ( 70 से 80 शब्दों में )

प्रश्न 1.
सज्जनों और ज्ञानी लोगों के कार्यों से हम क्या प्रेरणा ले सकते हैं और कैसे?
उत्तर:
जिस प्रकार सज्जन और ज्ञानीजन अपने धन का उपयोग दूसरे की सहायता करके करते हैं, उसी प्रकार हम भी उनसे परोपकार करने की प्रेरणा ले सकते हैं। यदि हम अपनी संपत्ति का उपयोग अपने लिए ही करते हैं तो उसका दूसरों को क्या लाभ मिला, अतः हमें भी अपने धन का उपयोग दूसरों की भलाई के लिए करना चाहिए। यदि हम ऐसा करते हैं तभी हमारी महानता है, अन्यथा हम भी दूसरों जैसे ही रह जाएँगे।

IV. मूल्यपरक प्रश्न

प्रश्न 1.
वृक्ष और तालाब के कार्यों से आप क्या प्रेरणा ले सकते हैं?
उत्तर:
वृक्ष अपना फल स्वयं न खाकर दूसरों को खिला देते हैं और नदियाँ अपना पानी स्वयं न पीकर दूसरों को पिलाती रहती हैं। उनके इस कार्य से हम भी परोपकार करने की प्रेरणा ले सकते हैं और हमारे पास जो कुछ है उसी से दूसरों की भलाई कर सकते हैं।

क्रियाकलाप

  • दोहों को याद कर उनका सस्वर पाठ करें।

व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

प्रश्न 1.
रहिमन वे नर मर चुके, जे कहुँ माँगन जाँहि।
उनते पहले वे मुए, जिन मुख निकसत नाँहि ||1||
दोनों रहिमन एक से, जो लौं बोलत नाँहि ।
जान परत हैं काक – पिक, रितु बसंत के माँहि ||2||

शब्दार्थ:

  • नर – मनुष्य।
  • माँगन जाँहि – माँगने जाते हैं।
  • उनते- उनसे।
  • मुए – मर गए।
  • निकसत- निकलता है।
  • नाँहि – नहीं।
  • जो लौं- जब तक।
  • जान परत हैं – दिखाई देते हैं।
  • काक – कौआ।
  • पिक — कोयल।
  • रितु – ऋतु।
  • माँहि – में।

प्रसंग: प्रस्तुत दोहे ‘ज्ञान सागर’ पाठ्यपुस्तक में संकलित ‘दोहे’ शीर्षक से लिए गए हैं। इनके रचयिता रहीम हैं। इनमें रहीम ने माँगने वाले की मृतक जैसी स्थिति तथा वाणी की महत्ता बताई है।

व्याख्या:
कवि रहीम कहते हैं कि जो व्यक्ति किसी से कुछ माँगने जाते हैं उनकी स्थिति मरे लोगों के समान होती है, परंतु सामर्थ्यवान होकर भी यदि देने वाला देने से मना करता है तो वह माँगने वाले से भी पहले मर जाता है अर्थात् उसकी स्थिति माँगने वाले से भी बदतर हो जाती है। रहीम का कहना है कि जब तक कोयल और कौआ बोलते नहीं हैं तब तक वे एक ही जैसे दिखते हैं। दोनों ही काले होते हैं, अतः पहचाने नहीं जाते किंतु वसंत ऋतु आते ही कोयल अपनी कूँक और कौआ अपनी कर्कश आवाज़ से पहचान लिए जाते हैं। अर्थात् बोलते ही व्यक्ति की वाणी से उसकी पहचान हो जाती है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. जो व्यक्ति कहीं किसी से कुछ माँगने जाते हैं उनकी स्थिति _________ होती है।
(क) भिखारियों जैसी
(ख) साहूकारों जैसी
(ग) मरे व्यक्तियों जैसी
(घ) सामान्य व्यक्तियों जैसी
उत्तर:
(ग) मरे व्यक्तियों जैसी

2. ‘जिन मुख निकसत नाँहि’ का अर्थ है-
(क) जो मुख नहीं दिखाते
(ग) जो तुरंत मदद के लिए कहते हैं।
(ख) जो तुरंत मना करते हैं
(घ) जो माँगने का अवसर ही नहीं देते
उत्तर:
(ख) जो तुरंत मना करते हैं

DAV Class 6 Hindi Chapter 9 Question Answer - दोहे

3. आदमी की मनुष्यता, मधुरता का पता कब तक नहीं लगता?
(क) जब तक वह बोलता नहीं
(ख) जब तक वह कुछ देता नहीं
(ग) जब तक वह कुछ माँगता नहीं
(घ) जब तक वह चेहरा छिपाए रखता है
उत्तर:
(क) जब तक वह बोलता नहीं

4. वसंत ऋतु में किनकी पहचान हो जाती है?
(क) कौआ और मोर की
(ख) मोर और मोरनी की
(ग) कोयल और मोर की
(घ) कोयल और कौए की
उत्तर:
(घ) कोयल और कौए की

5. दूसरे दोहे की अंतिम पंक्ति में क्या संदेश निहित है ?
(क) वसंत ऋतु में सोचकर बोलना चाहिए
(ख) सदैव मधुर वाणी बोलनी चाहिए
(ग) वसंत ऋतु में कोयल – कौए का आदर करना चाहिए
(घ) सदैव कोयल और कौए को पहचानने का प्रयास करना चाहिए
उत्तर:
(ख) सदैव मधुर वाणी बोलनी चाहिए

2. तरुवर फल नहीं खात है, सरवर पियहि न पान।
कहि रहीम पर काज हित, संपति संचहि सुजान ||3||
कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत।
बिपति कसौटी जे कसे, सो ही साँचे मीत ||4||

शब्दार्थ:

  • तरुवर – वृक्ष।
  • खात है – खाते हैं।
  • सरवर – तालाब।
  • पान – जल।
  • परकाज – परोपकार।
  • हित- लिए, भलाई।
  • संचहि – एकत्र करते हैं।
  • सुजान – अच्छे लोग।
  • सगे – पास में।
  • बहु – अनेक।
  • रीत – तरीका।
  • बिपति – मुसीबत।
  • साँचे – सच्चे।
  • मीत – मित्र।

प्रसंग: प्रस्तुत दोहे ‘ज्ञान सागर’ पाठ्यपुस्तक में संकलित ‘दोहे’ शीर्षक से लिए गए हैं। इनके रचयिता रहीम हैं। इन दोहों में कवि ने परोपकार करने की सीख तथा सच्चे मित्र की पहचान बताई है।

व्याख्या: कवि रहीम कहते हैं कि वृक्ष अपने फल स्वयं नहीं खाते हैं और तालाब अपना जल स्वयं नहीं पीते हैं अर्थात् परोपकार में रत रहते हैं, इसी प्रकार सज्जन दूसरों की भलाई के लिए ही धन एकत्र करते हैं ताकि दूसरों की भलाई कर सकें। रहीम कहते हैं कि व्यक्ति के पास जब तक धन होता है तब तक बहुत से लोग बहुत से तरीकों से उसके सगे संबंधी बनने का प्रयास करते हैं किंतु मुसीबत के समय जो साथ देता वही उसका सच्चा मित्र होता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. दोहे में वृक्ष और तालाब का उल्लेख क्यों किया गया है?
(क) प्रकृति को महत्व देने के लिए
(ग) आकार में बड़े होने के कारण
(ख) दूसरों की भलाई करने की सीख देने हेतु
(घ) हरे और जल से भरे रहने के कारण
उत्तर:
(ख) दूसरों की भलाई करने की सीख देने हेतु

DAV Class 6 Hindi Chapter 9 Question Answer - दोहे

2. सज्जन अपनी संपत्ति ________ एकत्र करते हैं।
(क) अपने परिवार के लिए
(ग) दूसरों को नीचा दिखाने के लिए
(ख) अपने सुख के लिए
(घ) दूसरों की भलाई के लिए
उत्तर:
(घ) दूसरों की भलाई के लिए

3. पास में धन-दौलत रहने पर बहुत से लोग ________।
(क) मित्र बन जाते हैं
(ग) शत्रु बन जाते हैं
(ख) माँगने चले आते हैं
(घ) जलन रखने लगते हैं
उत्तर:
(क) मित्र बन जाते हैं

4. सच्चा मित्र वही है जो ________ हमारा साथ दे।
(क) सुख में
(ख) पास में धन होने पर
(ग) अकेला होने पर
(घ) विपत्ति में
उत्तर:
(घ) विपत्ति में

5. पेड़ और तालाब हमें क्या शिक्षा देते हैं?
(क) धन संग्रह करने की
(ख) परोपकार करने की
(ग) दूसरों का मित्र बनने की
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) परोपकार करने की

3. रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय।
सुनि अलैिहें लोग सब, बाँटि न लैहें कोय ||5||
रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिए डारि।
जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तलवारि ||6||

शब्दार्थ:

  • निज – अपने।
  • विथा – व्यथा, पीड़ा।
  • गोय – छिपाकर।
  • अठिलैहें – उपहास उड़ाते हैं।
  • बाँटि – बाँट लेना।
  • कोय – कोई।
  • बड़ेन – बड़े लोगों को।
  • लघु – छोटे।
  • डारि – नीचे फेंकना, उपेक्षा करना।

प्रसंग: प्रस्तुत दोहे ‘ज्ञान सागर’ पाठ्यपुस्तक में संकलित दोहे शीर्षक से लिए गए हैं। इनके रचयिता रहीम हैं। इन दोहों में कवि ने अपनी पीड़ा को दूसरों के सामने न कहने और छोटे लोगों की उपेक्षा न करने की सीख दी है।

व्याख्या: कवि रहीम कहते हैं कि हे मनुष्य, तुम अपने मन की पीड़ा को छिपाकर रखना, उसे सबके सामने प्रकट मत क्योंकि कोई तुम्हारी मदद करेगा नहीं उल्टे लोग मज़ाक और उड़ाएँगे। इससे उन्हें हँसी उड़ाने का अवसर मिल जाएगा। रहीम कहते हैं कि प्राय: बड़े लोगों को देखकर लोग छोटों की उपेक्षा करते हैं, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि जहाँ सुई का काम है वहाँ तलवार कुछ भी नहीं कर सकती है। अतः कभी भी छोटे लोगों की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. मनुष्य को क्या छिपाकर रखना चाहिए?
(क) अपना धन
(ख) अपनी पीड़ा
(ग) अपनी खुशी
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ख) अपनी पीड़ा

2. दूसरे की पीड़ा जानकर लोग ________।
(क) उसका मज़ाक उड़ाते हैं
(ख) उसकी मदद करते हैं
(ग) उसकी पीड़ा अपनी समझ लेते हैं।
(घ) कारण पूछते हैं
उत्तर:
(क) उसका मज़ाक उड़ाते हैं

DAV Class 6 Hindi Chapter 9 Question Answer - दोहे

3. प्रायः लोग छोटे लोगों की कब उपेक्षा करने लगते हैं?
(क) काम निकल जाने पर
(ख) जब वे कुछ माँगते हैं
(ग) दूसरे छोटे लोगों को देखकर
(घ) बड़े लोगों को देखकर
उत्तर:
(घ) बड़े लोगों को देखकर

4. तलवार किसका प्रतीक है?
(क) घातक हथियार का
(ख) कपटी लोगों का
(ग) बड़े लोगों का
(घ) छोटे लोगों का
उत्तर:
(ग) बड़े लोगों का

5. अंतिम पंक्ति में क्या संदेश छिपा है?
(क) सुई – तलवार साथ न रखने का
(ख) सुई की जगह तलवार रखने का
(ग) बड़े लोगों की उपेक्षा न करने का
(घ) छोटे लोगों की उपेक्षा न करने का
उत्तर:
(घ) छोटे लोगों की उपेक्षा न करने का

दोहे Summary in Hindi

पाठ-परिचय:

‘दोहे’ नामक इस पाठ में कवि रहीम के दोहों का संकलन है, जो व्यक्ति में नैतिक मूल्यों को मज़बूत बनाते हैं। ये नीतिपरक दोहे मनुष्य के जीवन में कदम-कदम पर उपयोगी सिद्ध होते हैं। ये दोहे वर्तमान परिस्थितियों में भी पूरी तरह प्रासंगिक हैं।

दोहों का सार:

पाठ में कवि रहीम के छह दोहों का संकलन है। पहले दोहे में रहीम ने माँगने वालों की स्थिति को मृतकों जैसी बताया है, पर समर्थ होकर भी यदि कोई देने से मना करता है तो उसकी स्थिति उससे भी बदतर हो जाती है। दूसरे दोहे में कवि ने वाणी की महत्ता बताते हुए कोयल और कौए के माध्यम से मनुष्य को मीठा बोलने की सीख दी है। तीसरे दोहे में कवि ने परोपकार करने की सीख पेड़ और तालाब के माध्यम से दी है।

चौथे दोहे में सच्चे मित्र की विशेषता बताई गई है और कहा गया है कि मुसीबत में साथ देने वाला ही सच्चा मित्र होता है। पाँचवें दोहे में रहीम ने अपने मन की पीड़ा को छिपाकर रखने की सीख दी है, क्योंकि ये बातें सुनकर दूसरे मज़ाक ही उड़ाएँगे, मदद नहीं करेंगे। अंतिम दोहे में कवि ने सुई और तलवार के माध्यम से छोटे लोगों को भी महत्व दिया है और उनकी उपेक्षा न करने की सीख दी है।