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DAV Class 6 Hindi Chapter 7 Question Answer – सुंदर लाल
DAV Class 6 Hindi Ch 7 Question Answer – सुंदर लाल
पाठ में से
प्रश्न 1.
सुंदर लाल की आत्मग्लानि का क्या कारण था?
उत्तर:
सुंदर लाल की आत्मग्लानि का कारण था – मज़दूरों द्वारा पेड़ों को काटने से न बचा पाना। जंगल में कंपनी के मज़दूर अंधाधुंध पेड़ काटते रहे और वह चाहकर भी उन्हें न बचा पाया।
प्रश्न 2.
सुंदर लाल ने वृक्षों की कटाई रोकने के लिए कौन-कौन से कार्य किए?
उत्तर:
सुंदर लाल ने पेड़ों की कटाई रोकने के लिए-
- जन जागरूकता फैलाई।
- लोगों को पेड़-पौधों का महत्व समझाया।
- पेड़ न रहने से होने वाले खतरों के प्रति सचेत किया।
- तरु-रक्षण एवं वृक्षारोपण संस्थान का गठन किया।
- सरकार को पत्र लिखा।
- चिपको आंदोलन का सूत्रपात किया।
प्रश्न 3.
जब भी कंपनी मज़दूर वृक्ष काटने लगते तो लोग क्या करते थे?
उत्तर:
जब भी कंपनी के मज़दूर पेड़ काटने लगते, लोग पेड़ों से लिपट जाते।
प्रश्न 4.
उचित उत्तर पर सही ( ✓ ) का निशान लगाइए।
(क) सुंदर लाल पेड़-पौधों को किसके समान मानता था ?
(a) मित्रों
(b) माता-पिता
(c) भाई-बहन
(d) पूर्वजों
उत्तर:
(b) माता-पिता
(ख) सुंदर लाल अपनी बी.ए. की परीक्षा के लिए कहाँ जा रहे थे?
(a) दिल्ली
(b) गुजरात
(c) नैनीताल
(d) शिमला
उत्तर:
(c) नैनीताल
प्रश्न 5.
पाठ के आधार पर नीचे कुछ कथन दिए गए हैं। सही कथनों के आगे सही (✓) का चिह्न एवं गलत के आगे गलत (✗) का चिह्न लगाइए –
(क) सुंदर लाल वृक्ष काटने वालों से लड़ाई-झगड़ा करता था।
(ख) सुंदर लाल मैदानी गाँव में रहता था।
(ग) सुंदर लाल ने ‘तरु – रक्षण एवं वृक्षारोपण संस्थान’ का गठन किया।
(घ) सुंदर लाल ने लोगों को फसलों की कटाई का ढंग समझाया।
(ङ) सुंदर लाल के इस आंदोलन से ‘चिपको आंदोलन’ का सूत्रपात हुआ।
उत्तर:
(क) सुंदर लाल वृक्ष काटने वालों से लड़ाई-झगड़ा करता था। (✓)
(ख) सुंदर लाल मैदानी गाँव में रहता था। (✗)
(ग) सुंदर लाल ने ‘तरु – रक्षण एवं वृक्षारोपण संस्थान’ का गठन किया। (✓)
(घ) सुंदर लाल ने लोगों को फसलों की कटाई का ढंग समझाया। (✗)
(ङ) सुंदर लाल के इस आंदोलन से ‘चिपको आंदोलन’ का सूत्रपात हुआ। (✓)
बातचीत के लिए
प्रश्न 1.
आपको सुंदर लाल में कौन-कौन से गुण नज़र आते हैं? पाठ में से ऐसे अंशों को उदाहरण के रूप में बताइए जो इन गुणों के बारे में बताते हैं।
उत्तर:
हमें सुंदरलाल में निम्नलिखित गुण नज़र आते हैं-
- प्रकृति-प्रेमी: उसे पेड़ लगाने का बहुत शौक था। वह एक पहाड़ी गाँव में रहता था। आस-पास के जंगल से पेड़ों के बीज उठा लाता, उन्हें बोता, पौधे तैयार करता और फिर उन पौधों को लगा देता। उन्हें पानी देता और फिर वे छोटे-छोटे पौधे बड़े वृक्ष बन जाते।
- संवेदनशील/भावुक: जब कभी कोई व्यक्ति हरा वृक्ष काटने लगता तो उसे बड़ा कष्ट होता। उसे ऐसा लगता जैसे वह पेड़ नहीं, उसके शरीर का अंग काट रहा है।
- समझदार: लोगों को पेड़-पौधों का महत्व समझाया और इस प्रकार लगातार पेड़ कटने से उत्पन्न होनेवाले खतरे के बारे में बताया।
प्रश्न 2.
सुंदर लाल पेड़-पौधों, वनों और वृक्षों के किस वैज्ञानिक महत्व को समझने लगे थे?
उत्तर:
सुंदरलाल पेड़-पौधों, वनों और वृक्षों के वैज्ञानिक महत्व को समझने लगा था। वह जानता था कि यदि पेड़-पौधे नष्ट हो गए तो पर्यावरण संतुलन बिगड़ जाएगा । वर्षा नहीं हो पाएगी। सूखे की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। जीवधारियों के लिए खाने-पीने की कमी हो जाएगी, फसलें न होने के कारण लोग भूखे मर जाएँगे।
प्रश्न 3.
पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर:
पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने के लिए हमें निम्नलिखित कार्य करने चाहिए-
- अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाकर उनकी देखभाल करनी चाहिए।
- अपशिष्ट पदार्थों एवं पेड़ों की पत्तियों को नहीं जलाना चाहिए।
- पानी को प्रदूषित होने से बचाना चाहिए।
- वृक्षों का महत्व बताने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाना चाहिए!
प्रश्न 4.
सुंदरलाल को पेड़ लगाने का बहुत शौक था। आपको किस चीज़ का बहुत शौक है? आप अपने शौक किस तरह से पूरे करते हो?
उत्तर:
मुझे कविता लिखने का शौक है। मैं अपने स्कूल के पुस्तकालय में जाकर वहाँ पुस्तकें पढ़ता हूँ। जो चीज़ मुझे अच्छी लगती हैं उसे नोट कर लेता हूँ। घर आकर उस पर सोच-विचार करता हूँ। उसके बाद कविता लिखता हूँ।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
यदि आपको कोई व्यक्ति पेड़ काटता नज़र आए तो आप उसे किस तरह समझाएँगे?
उत्तर:
यदि मुझे कोई व्यक्ति पेड़ काटता नज़र आता है तो पेड़-पौधों के लाभ एवं उनके न रहने पर उत्पन्न संभावित खतरों के प्रति आगाह कर मैं उसे समझाऊँगा।
प्रश्न 2.
कल्पना कीजिए कि अगर सारे पेड़ कट गए तो धरती का क्या होगा?
उत्तर:
अगर सारे पेड़-पौधे कट गए तो धरती का बुरा हाल हो जाएगा। बिना पेड़ों से वर्षा नहीं होगी। पेड़ों से मिलने वाले पदार्थों फल, लकड़ियाँ, शुद्ध हवा, दवाएँ आदि हमें नहीं मिलेंगे। सूखे की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। पेड़ों के बिना जीवन संभव नहीं होगा।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
नीचे लिखे युग्म – शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
(क) आस-पास
(ख) मित्र – मंडली
(ग) हरे-भरे
(घ) कहते-कहते
उत्तर:
(क) हमारे आस-पास का वातावरण शुद्ध है।
(ख) सुंदर की मित्र-मंडली ने उसका भरपूर साथ दिया।
(ग) हरे-भरे वृक्ष धरती के आभूषण हैं।
(घ) सुंदर के बारे में लेखक बहुत कुछ कहना चाहता था किंतु समयाभाव के कारण कहते-कहते रुक गया।
2. नीचे दिए गए शब्द पाठ से लिए गए हैं। बताइए कि ये स्त्रीलिंग हैं या पुल्लिंग –
उत्तर:
शब्द | लिंग |
(क) शरीर | पुल्लिंग |
(ख) पढ़ाई | स्त्रीलिंग |
(ग) कुल्हाड़ियाँ | स्त्रीलिंग |
(घ) पत्र | पुल्लिंग |
(ङ) जंगल | पुल्लिंग |
(च) कटाई | स्त्रीलिंग |
जीवन-म – मूल्य
- पेड़-पौधों में भी जीवन है। ये हमें अनाज, फल, छाया, ऑक्सीजन आदि देते हैं। धूप, वर्षा, जाड़ा, धूल आदि अपने ऊपर लेकर हमें सुख देते हैं।
प्रश्न 1.
पेड़-पौधों को काटना उचित नहीं है, कारण बताइए।
उत्तर:
पेड़-पौधों को काटना उचित नहीं है क्योंकि पेड़-पौधे काटने से प्रकृति का संतुलन बिगड़ जाएगा । धरती पर वर्षा नहीं होगी । व्यक्ति पेड़ों से मिलने वाले लाभों से वंचित हो जाएगा। सबसे मुख्य कारण पेड़ के बिना हमें जीवनदायिनी ऑक्सीजन कहाँ से मिलेगी जिसके बिना जीवन संभव नहीं। इसलिए पेड़ काटने के बजाय और अधिक पेड़ लगाने चाहिए तथा उनकी रक्षा करनी चाहिए।
प्रश्न 2.
पेड़-पौधों की विशेषता है- परोपकार करना। हमें भी उनकी तरह परोपकारी बनना चाहिए, क्यों?
उत्तर:
हमें भी पेड़-पौधों की भाँति परोपकारी बनना चाहिए, क्योंकि वह सदैव दूसरों के कल्याण के लिए कार्य करता है। हालाँकि परोपकारी व्यक्ति भी कभी भेदभाव नहीं करता, जैसे प्रकृति की चीजें नहीं करतीं। वह हमेशा प्रसन्न, निर्मल और हँसमुख रहता है। जीवन में सच्चे सुख की अनुभूति परोपकार से ही होती है। दूसरों की निःस्वार्थ भाव से सेवा करने से बड़ा कार्य दूसरा नहीं हो सकता। कहा भी गया है – ‘कर भला तो हो भला’ ।
कुछ करने के लिए
प्रश्न 1.
अपने घर / विद्यालय में अथवा आस-पास लगे किन्हीं पाँच पेड़ों के नाम लिखिए।
(क) _______
(ख) _______
(ग) _______
(घ) _______
(ङ) _______
उत्तर:
(क) नीम
(ख) पीपल
(ग) जामुन
(घ) आम
(ङ) महुआ।
प्रश्न 2.
पेड़-पौधों की कटाई रोकने के लिए विज्ञापन बनाइए।
उत्तर:
स्वयं करें।
DAV Class 6 Hindi Ch 7 Solutions – सुंदर लाल
I. बहुविकल्पीय प्रश्न
1. सुंदर लाल _______ कक्षा में पढ़ता था।
(क) पाँचवीं
(ख) छठी
(ग) सातवीं
(घ) आठवीं
उत्तर:
(ख) छठी
2. सुंदर लाल की रुचि पेड़ लगाने के अलावा और किसमें थी?
(क) घूमने में
(ख) खेती करने में
(ग) पढ़ने-लिखने में
(घ) खेलने में
उत्तर:
(ग) पढ़ने-लिखने में
3. उसने पेड़-पौधों के प्रति स्नेह की भावना कहाँ जागृत की ?
(क) माता-पिता में
(ख) अध्यापकों में
(ग) सहपाठियों में
(घ) मित्रों में
उत्तर:
(घ) मित्रों में
4. हमें सुख देने के लिए पेड़-पौधे क्या सहते हैं?
(क) धूप
(ख) बरसात एवं सर्दी
(ग) धूल
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी
5. सुंदर लाल नैनीताल क्यों जा रहा था ?
(क) पढ़ाई करने
(ग) बी.ए. की परीक्षा देने
(ख) हाई स्कूल की परीक्षा देने
(घ) मित्रों से मिलने
उत्तर:
(ग) बी.ए. की परीक्षा देने
6. गाँव वाले कब अनाथ हो जाएँगे?
(क) हरे-भरे जंगल उजड़ने पर
(ग) अकाल पड़ जाने पर
(ख) बर्फ़ पड़ जाने पर
(घ) दूसरे गाँव में जाने पर
उत्तर:
(क) हरे-भरे जंगल उजड़ने पर
7. सुंदर लाल ने पेड़-पौधों का महत्त्व किन्हें बताया?
(क) अध्यापकों को
(ख) मित्रों को
(ग) गाँववालों को
(घ) (ख) एवं (ग) दोनों
उत्तर:
(घ) (ख) एवं (ग) दोनों
8. बी०ए० पास करते-करते सुंदर लाल क्या समझने लगा था?
(क) पेड़ों से भावनात्मक लगाव
(ग) पेड़ों का सामाजिक महत्त्व
(ख) पेड़ों का वैज्ञानिक महत्त्व
(घ) पेड़ों का आर्थिक महत्त्व
उत्तर:
(ख) पेड़ों का वैज्ञानिक महत्त्व
9. अकाल की स्थिति कब उत्पन्न होती है?
(क) बाढ़ आने पर
(ख) खूब बर्फ़ पड़ने पर
(ग) प्रदूषण बढ़ने पर
(घ) वर्षा न होने पर
उत्तर:
(घ) वर्षा न होने पर
10. गाँववाले अनाज का आयात क्यों नहीं कर पाएँगे?
(क) यातायात की अच्छी स्थिति न होने से
(ख) पेड़ कट जाने से
(ग) धन की कमी से
(घ) (क) एवं (ग) दोनों
उत्तर:
(घ) (क) एवं (ग) दोनों
11. ‘तरु रक्षण एवं वृक्षारोपण संस्थान’ का गठन किसने किया?
(क) पिचको आंदोलन
(ख) उसके मित्रों ने
(ग) गाँववालों ने
(घ) सरकार ने
उत्तर:
(क) पिचको आंदोलन
12. सुंदर लाल के प्रयास से किस आंदोलन का सूत्रपात्र हुआ?
(क) सुंदर लाल ने
(ख) वृक्षारोपण आंदोलन
(ग) चिपको आंदोलन
(घ) तरु – रक्षण आंदोलन
उत्तर:
(ग) चिपको आंदोलन
II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न
(क) सुंदर लाल की रुचि किन चीजों में थी?
उत्तर:
सुंदर लाल की रुचि पेड़ लगाने और पढ़ाई करने में थी।
(ख) पेड़-पौधे हमारे लिए माता-पिता के समान क्यों हैं?
उत्तर:
जिस प्रकार माता-पिता अनेक कष्ट सहकर अपनी संतान को सुख देते हैं, उसी प्रकार पेड़-पौधे भी धूप, सर्दी, बरसात सहकर सुख देते हैं।
(ग) सुंदर लाल ने नैनीताल के रास्ते में क्या देखा?
उत्तर:
सुंदर लाल ने नैनीताल जाते समय कुछ लोगों को बहुत से पेड़ काटते देखा ।
(घ) वृक्षों की अंधाधुंध कटाई का क्या परिणाम होगा?
उत्तर:
वृक्षों की अंधाधुंध कटाई से वर्षा नहीं होगी, इससे अकाल की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी।
(ङ) ‘चिपको आंदोलन’ क्या है?
उत्तर:
पेड़ों को कटने से बचाने के लिए लोग उनसे लिपट जाते थे ताकि पेड़ काटे न जा सकें। इसे चिपको आंदोलन नाम दिया गया।
III. लघु उत्तरीय प्रश्न (30 से 35 शब्दों में )
(क) हरे पेड़ों को कटता देख सुंदर लाल क्या करता था?
उत्तर:
हरे पेड़ों को कटता देख सुंदर लाल को बड़ा कष्ट होता था। उसे लगता कि कोई उसके शरीर के अंग काट रहा है। वह उसे विनम्रता से समझाता और न मानने पर लड़ता – झगड़ता और लड़ने-मरने के लिए तैयार हो जाता ।
(ख) चिपको आंदोलन का सूत्रपात कैसे हुआ?
उत्तर:
सुंदर लाल ने पेड़ों की अंधाधुध कटाई रोकने के लिए एक चमत्कारी व असरदार उपाय खोज निकाला। उसने लोगों को बताया कि जब कंपनी का कोई व्यक्ति पेड़ काटने आए तो वे पेड़ों से लिपट जाएँ। इस प्रकार इस आंदोलन का सूत्रपात हुआ।
IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ( 70 से 80 शब्दों में )
प्रश्न 1.
सुंदर लाल ने लोगों को अपने आंदोलन से कैसे जोड़ा?
उत्तर:
सुंदर लाल की वाणी में प्रभाव तथा उसके अंदर योग्यता थी। उसने इसी के बल पर लोगों में जागरूकता पैदा की। उसने पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से उत्पन्न होने वाली भयानक स्थिति की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित किया तथा ग्रामीण लोगों को उनकी निर्धनता, यातायात की अच्छी स्थिति न होने तथा आयात की समस्या के बारे में बताकर उन्हें अपने आंदोलन से जोड़ने का काम किया। उसकी बातों का लोगों पर असर हुआ। उन्हें लगा कि वह ठीक कह रहा है और वे सुंदर लाल के साथ तन – मन से जुड़े।
V. मूल्यपरक प्रश्न
(क) अपने पर्यावरण को संतुलित एवं शुद्ध रखने के लिए आप क्या – क्या करेंगे?
उत्तर:
अपने पर्यावरण को संतुलित एवं शुद्ध बनाए रखने के लिए हम खूब सारे पौधे लगाकर उनकी देखभाल करेंगे। वृक्षों को कटने से बचाने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाएँगे। इसके अलावा पेड़ों की पत्तियों को जलाने के बजाए खाद बनाएँगे तथा कल-कारखानों को रिहायशी स्थानों से दूर स्थापित करने का सुझाव देंगे।
(ख) सुंदर लाल के चरित्र से आप किन गुणों और मूल्यों को अपनाना चाहेंगे?
उत्तर:
सुंदर लाल के चरित्र से मैं निम्नलिखित गुणों एवं मूल्यों को अपनाना चाहूँगा-
- मैं भी पेड़-पौधों के प्रति स्नेह भावना रखूँगा।
- अपनी पढ़ाई के प्रति खूब परिश्रम करूँगा।
- किसी नेक काम में लोगों का सहयोग करूँगा।
- पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक बनूँगा।
क्रियाकलाप
- दो-दो छात्र मिलकर चार्ट पर वृक्ष का चित्र बनाकर रंग भरें तथा उनके नीचे वृक्षों से संबंधित स्लोगन लिखकर कक्षा में चिपकाएँ।
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
प्रश्न 1.
सुंदर लाल छठी कक्षा में पढ़ता था। उसे पेड़ लगाने का बहुत शौक था । वह एक पहाड़ी गाँव में रहता था। आस-पास के जंगल से पेड़ों के बीज उठा लाता, उन्हें बोता, पौधे तैयार करता और फिर उन पौधों को लगा देता। उन्हें पानी देता और फिर वे छोटे-छोटे पौधे बड़े वृक्ष बन जाते । सुंदर लाल को जितनी रुचि पेड़ लगाने में थी, उतनी ही रुचि पढ़ाई में भी थी। वह रोज़ नियमित रूप से स्कूल जाता था। गुरुजी जो पाठ पढ़ाते उसे पूरी तरह से याद करता और परीक्षा में सदा प्रथम आता।
प्रश्न (क) सुंदर लाल किस कक्षा में पढ़ता था?
(ख) सुंदर लाल की रुचि क्या थी?
(ग) सुंदर लाल किस तरह पढ़ाई करता था?
(घ) उसके परीक्षा में प्रथम आने का क्या कारण था?
(ङ) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का नाम लिखिए।
उत्तर:
(क) सुंदर लाल छठी कक्षा में पढ़ता था।
(ख) सुंदर लाल की रुचि बीज बोकर पौधे उगाना, उन्हें लगाकर पानी देना था, ताकि वे पेड़ बन जाएँ।
(ग) सुंदर लाल नियमित रूप से पढ़ाई करता था और पढ़ाए पाठ को याद करता था।
(घ) उसके परीक्षा में प्रथम आने का कारण उसका परिश्रम तथा पढ़ाई के प्रति रुचि थी।
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम है – सुंदर लाल।
प्रश्न 2.
पेड़ हमारे माता-पिता के समान हैं। ये हमें छाया देते हैं, फल देते हैं और जिस प्रकार माँ अपने बच्चे के लिए सभी प्रकार के दुख सहन करती है, उसी प्रकार ये पेड़-पौधे भी धूप, वर्षा, जाड़ा, धूल आदि सब अपने ऊपर लेकर हमें सुख देते हैं, हमारी रक्षा करते हैं। जब कभी कोई व्यक्ति हरा वृक्ष काटने लगता तो उसे बड़ा कष्ट होता । उसे ऐसा लगता जैसे वह पेड़ नहीं, उसके शरीर का अंग काट रहा है। वह उसे विनम्र भाव से समझाता और पेड़ काटने से रोकता। न मानने पर वह उससे लड़ने-मरने के लिए तैयार हो जाता।
प्रश्न (क) पेड़ों की तुलना किससे की गई है?
(ख) पेड़ हमें किस तरह सुख देते हैं?
(ग) हरा पेड़ कटता देख उसे कैसी अनुभूति होती?
(घ) पेड़ काटने वालों के साथ वह कैसा व्यवहार करता?
(ङ) पेड़ हमें क्या-क्या देते हैं?
उत्तर:
(क) पेड़ों की तुलना माता-पिता से की गई है।
(ख) पेड़ धूप, धूल, सर्दी, बरसात स्वयं सहकर हमें सुख देते हैं।
(ग) हरा पेड़ कटता देख उसे कष्ट की अनुभूति होती जैसे कोई उसके शरीर के अंग काट रहा है।
(घ) पेड़ काटने वालों को वह विनम्रता से समझाता और न मानने पर लड़ाई-झगड़ा करता।
(ङ) पेड़ हमें छाया, फल, ताजा हवा, लकड़ियाँ तथा फल-फूल आदि देते हैं।
प्रश्न 3.
वह उन कंपनी मज़दूरों को वृक्ष काटने से रोक नहीं सका था। यही उसकी आत्मग्लानि का मुख्य कारण था। उसने अपनी मित्र-मंडली की सभा बुलाई। उसने सभा में गाँव के अन्य लोगों को भी आमंत्रित किया; लोगों को पेड़-पौधों का महत्व समझाया और इस प्रकार लगातार पेड़ कटने से उत्पन्न होने वाले खतरे के बारे में बताया। कहते-कहते उसकी आँखें छलक पड़ीं। वह कहने लगा, “मुझे ऐसा लग रहा है कि ये कुल्हाड़ियाँ मेरे माता-पिता के शरीर पर ही चल रही हैं।”
प्रश्न (क) ‘वह’ का प्रयोग किसके लिए किया गया है?
(ख) उसे आत्मग्लानि क्यों हो रही थी?
(ग) उसने लोगों को क्या समझाया?
(घ) पेड़ों को कटता देख उसे कैसा लग रहा था?
(ङ) मित्र-मंडली की सभा बुलाने का मूल उद्देश्य क्या था?
उत्तर:
(क) ‘वह’ शब्द का प्रयोग पेड़-पौधों से घनिष्ठ लगाव रखने वाले सुंदर लाल के लिए किया गया है।
(ख) वह पेड़ों को कटने से नहीं बचा पाया था, जिसकी वजह से उसे आत्मग्लानि हो रही थी।
(ग) उसने लोगों को पेड़-पौधों का महत्व समझाया और पेड़ कटने से उत्पन्न होने वाले खतरों के बारे में बताया।
(घ) पेड़ों को कटता देख उसे ऐसा लगता जैसे उसके माता-पिता के शरीर पर कुल्हाड़ियाँ चल रही हैं। – पेड़-पौधों को कटने से बचाना तथा उनके प्रति जागरूकता उत्पन्न
(ङ) मित्र – मंडली बुलाने का मूल उद्देश्य था – करना।
प्रश्न 4.
वह समझ गया था कि यदि पेड़-पौधे नष्ट हो गए तो पर्यावरण का संतुलन बिगड़ जाएगा। वृक्षों की अंधाधुंध कटाई से वर्षा नहीं हो पाएगी। वर्षा न होने से सूखे की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी, जिससे अकाल की स्थिति बन जाएगी। इसके साथ ही यातायात की स्थिति अच्छी न होने के कारण अन्न का आयात नहीं हो पाएगा और दूसरे ग्रामीण लोगों के पास बाहर से अनाज मँगवाने के लिए धन भी कहाँ से आएगा?
प्रश्न (क) पेड़-पौधे नष्ट होने का क्या दुष्परिणाम होगा?
(ख) अकाल की स्थिति कब उत्पन्न हो जाएगी।
(ग) अनाज के आयात में क्या समस्या थी?
(घ) ग्रामीण बाहर से अनाज क्यों नहीं मँगवा सकते थे?
(ङ) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का नाम लिखिए।
उत्तर:
(क) पेड़-पौधे नष्ट होने से पर्यावरण का संतुलन खराब हो जाएगा।
(ख) पेड़-पौधों की अंधाधुंध कटाई से वर्षा नहीं हो पाएगी। इससे अकाल जैसी स्थिति हो जाएगी।
(ग) यातायात की अच्छी स्थिति न होने से बाहर से अनाज मँगवाने की समस्या थी।
(घ) ग्रामीण बाहर से अनाज इसलिए नहीं मँगवा सकते थे, क्योंकि उनके पास धन न था और वहाँ आने-जाने के साधनों का भी अभाव था।
(ङ) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का नाम है- सुंदर लाल।
प्रश्न 5.
सुंदर लाल ने मित्रों के साथ आस-पास के सभी गाँवों में अपनी यात्राएँ प्रारंभ कीं; सभाओं का आयोजन किया और लोगों को वृक्षों के महत्व तथा उनके कटने से सिर पर मँडरा रहे खतरे के बारे में सचेत किया। उसने इनके बारे में सरकार को पत्र लिखे। ‘तरु-रक्षण एवं वृक्षारोपण संस्थान’ का गठन किया। इसके साथ ही उसने लोगों को वृक्षों की कटाई रोकने का एक ढंग समझाया। वह यह कि कंपनी मज़दूर जब किसी पेड़ को काटने लगें तो लोग उस पेड़ से लिपट जाएँ। इससे कंपनी मज़दूर उस वृक्ष को काट नहीं सकेंगे।
प्रश्न (क) सुंदर लाल ने लोगों को क्यों सचेत किया?
(ख) उसने वृक्षों के प्रति जागरूकता कैसे फैलाई?
(ग) वृक्षों की कटाई रोकने के लिए उसने क्या उपाय बताया?
(घ) पेड़ कटने से कौन-कौन से खतरे उत्पन्न हो सकते हैं?
(ङ) कंपनी के मज़दूर क्या काम करते थे?
उत्तर:
(क) सुंदर लाल को वृक्षों से प्रेम था। वह उन्हें कटने से बचाना चाहता था।
(ख) उसने सरकार को पत्र लिखकर, ‘तरु – रक्षण एवं वृक्षारोपण संस्थान’ का गठन कर जागरूकता फैलाई।
(ग) वृक्षों की कटाई रोकने के लिए उसने पेड़ों से लिपट जाने का उपाय बताया ताकि मज़दूर उन्हें काट न सकें।
(घ) पेड़ कटने से अकाल, भूस्खलन, पर्यावरण असंतुलन जैसे खतरे उत्पन्न हो सकते हैं।
(ङ) कंपनी के मज़दूर ठेकेदार के निर्देश पर हरे पेड़ काटते थे।
शब्दार्थ:
पृष्ठ संख्या – 29
- शौक – चाह।
- रुचि – चाव।
- समान – सदृश, तुल्य।
- मंडली – समूह।
- स्नेह – प्रेम।
- जागृत की – जगाया, पैदा की।
पृष्ठ संख्या – 30
- विनम्र भाव से – नम्रतापूर्वक।
- व्याकुल – बेचैन।
- बस चलना – प्रभाव पड़ना।
- भयंकर – भयानक।
- आत्मग्लानि – अपने-आप से दुखी होना।
पृष्ठ संख्या: 31
- भावुकता – भावुक होने का भाव।
- पर्यावरण – वातावरण।
- संतुलन – सामंजस्य।
- अंधाधुंध – बिना सोचे-समझे।
- अकाल – सूखा पड़ जाना।
- यातायात – आना और जाना।
- अन्न – अनाज।
- आयात – बाहर से माँगाना।
- वाणी – आवाज़।
- सचेत – सावधान।
- तरु-रक्षण – पेड़ों की रक्षा करना।
- वृक्षारोपण – पेड़ लगाना।
- लोकप्रियता – प्रसिद्धि।
- सूत्रपात – शुरुआत।
सुंदर लाल Summary in Hindi
पाठ – परिचय:
‘सुंदर लाल’ नामक यह पाठ पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करता है। छठी कक्षा में पढ़ने वाला बालक सुंदर लाल को पेड़-पौधों के प्रति गहरा लगाव है । वह पेड़ों को कटता देख बहुत दुखी होता है। वह पेड़ काटने वालों के प्रति जन-आंदोलन करता है, जिससे चिपको आंदोलन का सूत्रपात हुआ।
पाठ का सार:
छठी कक्षा में पढ़ने वाला सुंदर लाल पहाड़ी बालक है, जो पेड़-पौधों से बहुत प्रेम करता है। वह बीज बोकर पौधे तैयार करता है और उन्हें लगा देता है, जिससे वे वृक्ष बन जाते हैं। वह पढ़ाई में भी अत्यंत होशियार है। पेड़ों के प्रति लगाव रखते हुए वह बीस साल का हो गया। उसने हाई स्कूल पास कर ली थी। पेड़-पौधों से लगाव के कारण उसे वे सब परिवार के समान ही दिखने लगे। उसने एक मित्र – मंडली तैयार की और उनमें पेड़-पौधों के प्रति स्नेह भावना विकसित की। उसका मानना था कि पेड़-पौधे उसके लिए माता-पिता के समान हैं जो धूप, वर्षा, जाड़ा, धूल आदि अपने ऊपर लेकर हमें सुख देते हैं। सुंदर लाल पेड़ों को कटता देख बहुत दुखी होता और पेड़ काटने वालों से लड़ने को तैयार हो जाता है।
एक बार सुंदर लाल बी.ए. की परीक्षा के लिए नैनीताल जा रहा था। रास्ते में उसने बहुत से पेड़ कटते देखे। उसने पेड़ काटने वालों को जाकर समझाया। उसे पता चला कि वे किसी कंपनी के नौकर हैं, जिन्होंने जंगल काटने का ठेका ले रखा है। सुंदर लाल को जंगल काटने का भयंकर परिणाम दिखाई देने लगा। उसे लगा कि पेड़ काटने से हरे-भरे जंगल उजड़ जाएँगे और गाँववाले अनाथ हो जाएँगे। आत्मग्लानि में भरा सुंदर लाल गाँव वापस आया और सभा बुलाकर लोगों को पेड़-पौधों का महत्व समझाया। लोगों को भी सुंदर लाल की बात समझ में आ गई।
उन्होंने सुंदर लाल का साथ देने का निश्चय किया। उसने लोगों के साथ आस-पास के गाँवों की यात्रा शुरू की और लोगों को वृक्षों का महत्व और उनके कटने से सिर पर मँडरा रहे खतरे के प्रति सचेत किया। उसने सरकार को पत्र लिखा और ‘तरु-रक्षण एवं वृक्षारोपण संस्थान’ का गठन किया और पेड़ों को कटने से बचाने का उपाय सुझाया कि जब मज़दूर पेड़ काटने लगें तो लोग उन पेड़ों से लिपट जाएँ – इससे मज़दूर पेड़ नहीं काट पाएँगे। सुदर लाल के इस आंदोलन को लोकप्रियता मिली और यहीं से ‘चिपको आंदोलन’ का सूत्रपात हुआ।