DAV Class 6 Hindi Chapter 5 Question Answer – अनोखा वरदान

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DAV Class 6 Hindi Chapter 5 Question Answer – अनोखा वरदान

DAV Class 6 Hindi Ch 5 Solutions – अनोखा वरदान

व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

प्रश्न 1.
सदा परिश्रम करना सीखो।
मातृभूमि हित मरना सीखो।।
कभी न दुख में डरना सीखो।
कष्ट सभी का हरना सीखो ।।

अपने पथ पर बढ़ना सीखो।
गौरव – गिरि पर चढ़ना सीखो ।।
अच्छी पुस्तक पढ़ना सीखो।
चरित समुज्ज्वल गढ़ना सीखो ।।

शब्दार्थ:

  • परिश्रम-मेहनत।
  • मातृभूमि – जिस भूमि पर पैदा हुए हैं, स्वदेश।
  • हित के लिए।
  • कष्ट – दुख।
  • हरना – दूर करना।
  • पथ-रास्ता। गौरव – सम्मान।
  • चरित – चरित्र।
  • समुज्ज्वल-साफ़, चमकदार।
  • गढ़ना-बनाना, सुंदर आकार देना।

प्रसंग: प्रस्तुत काव्यांश पाठ्यपुस्तक ‘ज्ञान सागर’ में संकलित कविता ‘सीखो’ से लिया गया है। इन पंक्तियों में कवि ने बच्चों को अनेक जीवनोपयोगी बातें सीखने की सलाह दी है।

व्याख्या: कवि बच्चों से कहता है कि हे बच्चो ! तुम सभी परिश्रम करना सीख लो। अर्थात् जीवन-पथ पर आगे बढ़ने के लिए परिश्रम का रास्ता अपनाओ। अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए उसके लिए अपना तन-मन-धन अर्पित कर दो। जीवन में आने वालों दुखों से कभी भी भयभीत न हो और दीन-हीन जनों की मदद कर उनके कष्टों को दूर करना सीख लो।

हे बच्चो! अपने सही रास्ते पर बढ़ते जाओ जिसे बड़ों ने दिखाया है। तुम दिन-प्रतिदिन अधिकाधिक सम्मान प्राप्त करने का प्रयास करो। अर्थात् अच्छे कर्म करो, जिससे सम्मान मिले। अच्छी पुस्तकें ज्ञान का भंडार होती हैं। तुम उनका निरंतर अध्ययन करो और अपने चरित्र को उज्ज्वल और चमकदार बनाने का प्रयास करो ।

DAV Class 6 Hindi Chapter 5 Question Answer - अनोखा वरदान

2. मीठी बातें कहना सीखो।
हँसकर दुख-सुख कहना सीखो ||
स्नेह सिंधु में बहना सीखो।
मेल-जोल से रहना सीखो ||

जननी की जय गाना सीखो।
जग को राह दिखाना सीखो।।
सच्चाई अपनाना सीखो।
प्रभु को शीश झुकाना सीखो।।

शब्दार्थ:

  • कहना – बोलना।
  • स्नेह – सिंधु – प्रेम का सागर।
  • मेल-जोल – मिल-जुलकर, एकता बनाकर।
  • जननी – मातृभूमि।
  • जय करना – गुणगान करना।
  • जग-संसार।
  • प्रभु – ईश्वर।

प्रसंग: प्रस्तुत काव्यांश पाठ्यपुस्तक ‘ज्ञान सागर’ में संकलित कविता ‘सीखो’ से लिया गया है। इन पंक्तियों में कवि ने बच्चों को अनेक जीवनोपयोगी बातें सीखने की सलाह दी है।

व्याख्या:
कवि बच्चों को संबोधित करता हुआ कहता है कि हे बच्चो! तुम सभी से मधुर वाणी में बोलना सीखो और जीवन में आने वाले सुख-दुख को हँसते हुए सहना सीख लो। तुम सभी को प्रेम और स्नेह बाँटते चलो अर्थात् सभी से प्रेम करो और सभी के साथ मिल-जुलकर रहना सीख लो ताकि हमारी एकता बनी रहे।

हे बच्चो! जिस मातृभूमि पर तुमने जन्म लिया है, उसका सदैव गुणगान करना सीखो। भारतीय संस्कृति के गुणों को आधार बनाकर तुम विश्व को सही रास्ता दिखाओ। जीवन के पथ पर चलते हुए सदैव सत्य को अपनाओ और ईश्वर को सर्वशक्तिमान समझते हुए सदैव उसके सामने सिर झुकाना सीख लो।

अनोखा वरदान Summary in Hindi

कविता – परिचय:
‘सीखो’ नामक इस कविता के माध्यम से कवि ने बालकों को बहुत कुछ नया सीखने की सीख दी है। बच्चे इन्हें सीखकर, गुणों को अपनाकर सुयोग्य नागरिक बनेंगे और जीवन-पथ पर बढ़ते जाएँगे।

कविता का सार:
‘सीखो’ नामक कविता में कवि ने बच्चों को अनेक नयी बातें सीखने की बात कही है। उन्होंने बच्चों को परिश्रम करने, देश के लिए बलिदान देने, दुख से न घबराने, सही रास्ते पर निरंतर बढ़ते जाने, सम्मान की नयी ऊँचाइयों को पाने का प्रयास, अच्छी पुस्तकें पढ़ने, जीवन में सदैव मधुर वचन बोलने, सुख-दुख का साहसपूर्वक सामना करने, मिल-जुलकर रहने, अपनी मातृभूमि का गुणगान करने, सत्य के पथ का अनुगमन करने तथा ईश्वर के सामने सदैव शीश झुकाने की सीख दी है।