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DAV Class 5 Hindi Chapter 6 Question Answer – नदी यहाँ पर
DAV Class 5 Hindi Ch 6 Question Answer – नदी यहाँ पर
पाठ में से (पृष्ठ संख्या – 37 – 38 )
प्रश्न 1.
नदी चलते-चलते कैसे-कैसे आकार बनाती है?
उत्तर:
नदी चलते-चलते कभी टेढ़ी तो कभी सीधी आकार बनाती है।
प्रश्न 2.
नदी का बहाव पर्वत पर कैसा होता है और नीचे आने पर कैसा होता है?
उत्तर:
नदी का बहाव पर्वत पर तेज़ और नीचे आने पर धीमी हो जाती है।
प्रश्न 3.
नदी हमारे लिए क्या-क्या करती है?
उत्तर:
नदी अपने पानी से खेतों को सींच सींच कर फसलें उगाती है। चारों तरफ हरियाली बिखेरती है। यह एक दीपक की तरह जगमगाती हुई हमारे जीवन को प्रकाशित करती है।
प्रश्न 4.
कविता की पंक्तियाँ पूरी कीजिए-
(क) चलते-चलते सागर को
उत्तर:
आखिर में वह पाती है।
(ख) सींच- सींच कर खेतों को
उत्तर:
फसल बनाती है धानी।
(ग) खेल-खेलती लुका-छिपी
उत्तर:
बिल्कुल ही खो जाती है।
(घ) एक दीए – सी जगर-मगर
उत्तर:
सदा रहेगी जलती ही।
प्रश्न 5.
कविता की पंक्तियों को पढ़कर उचित उत्तर पर सही (✓) का निशान लगाइए-
बहुत तेज़ थी पर्वत पर
लेकिन नीचे जब आई
धीमी-धीमी चाल हुई
जैसे थककर सुस्ताई
(क) नदी की चाल कहाँ धीमी हो जाती है? सागर में पर्वत पर
(a) सागर में
(b) पर्वत पर
(c) मैदानी भाग में
उत्तर:
मैदानी भाग में।
(ख) पर्वत पर नदी की गति तेज़ कैसे हो जाती है?
(a) जब नदी सुस्त नहीं चुस्त होती है।
(b) जब नदी ऊपर से नीचे की ओर आती है।
(c) जब नदी जल्दी सागर में मिलना चाहती है।
उत्तर:
(b) जब नदी ऊपर से नीचे की ओर आती है।
बातचीत के लिए (पृष्ठ संख्या – 38 )
प्रश्न 1.
बताइए तालाब, नदी, नहर, सागर और महासागर में क्या अंतर है?
उत्तर:
जल के छोटे स्रोत को तालाब कहते हैं। नहर, तालाब की अपेक्षा अधिक गहरा होता है जो खेतों की सिंचाई को ध्यान में रखकर बनाई जाती है। नदी भी जल का एक स्रोत है जो तालाब और नहरों से अधिक लंबी तथा गहरी होती है। जल के एक बड़े भू-भाग को सागर कहते हैं तथा जल के सबसे बड़े भू-भाग को महासागर कहते हैं।
प्रश्न 2.
नदी की शुरुआत कहाँ से होती है और नदी में पानी कहाँ-कहाँ से आता है?
उत्तर:
नदी की शुरुआत हिमालय से होती है। नदी में पानी वर्षा से तथा पहाड़ों पर जमी बर्फ के पिघलने से आता है।
प्रश्न 3.
आजकल नदियों का पानी गंदा और कम क्यों होता जा रहा है?
उत्तर:
नदियों में लोग गंदगी छोड़ देते हैं। शहरों में कल-कारखानों के कारण नदियाँ गंदी हो जाती हैं। कूड़ा-कचड़ा डालने के कारण भी नदियाँ गंदी हो जाती हैं। वर्षा कम होने के कारण नदियों में पानी कम होता जा रहा है।
अनुमान और कल्पना ( पृष्ठ संख्या – 38 )
प्रश्न 1.
विचार कीजिए अगर नदी में जल की जगह दूध होता तो क्या होता?
उत्तर:
अगर नदी में जल की जगह दूध होता तो जल के अभाव में हम लोग मर जाते, क्योंकि प्यास जल से बुझती है; दूध से नहीं। पानी की जगह दूध नहीं ले सकता।
प्रश्न 2.
अगर नदी अपने बारे में स्वयं बताती तो वह कैसे बताती? मैं नदी हूँ। मेरे जीवन का सफ़र अनोखा है।
मेरी शुरूआत अब आप आगे बताइए –
उत् तर:
मेरी शुरुआत हिमालय से हुई है। वहाँ से उतर कर मैं मैदान में आती हूँ और फिर सागर में जाकर मिल जाती हूँ। इस बीच में कई घाटियों, शहरों और अलग-अलग क्षेत्रों से होकर गुजरती हूँ।
भाषा की बात ( पृष्ठ संख्या – 38 – 39)
प्रश्न 1.
नीचे लिखे शब्दों के अर्थ का अंतर वाक्य प्रयोग करके स्पष्ट कीजिए-
(क) चाल (ख) चलती (ग) चलते-चलते
उत्तर:
(क) चाल – नदी की चाल यहाँ तेज है।
(ख) चलती – नदी कहीं सीधी तो कहीं टेढ़ी चलती है।
(ग) चलते-चलते – नदी चलते-चलते सागर में जाकर मिल जाती है।
प्रश्न 2.
पाठ में आए दस क्रिया शब्द छाँटकर शब्दकोश के क्रमानुसार लिखिए-
उत्तर:
आई | खो जाती |
जलती | छिपती |
चलती | जाती |
फैलाती | मुड़ती |
रहती | सुस्ताई |
प्रश्न 3.
नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित शब्दों के वचन बदलकर वाक्य दोबारा लिखिए-
(क) मैंने अपने खेत में पानी दिया।
उत्तर:
मैंने अपने खेतों में पानी दिया।
(ख) बच्चे मैदान में खेल रहे हैं।
उत्तर:
बच्चा मैदान में खेल रहा है।
(ग) नदी सबको पानी देती है।
उत्तर:
नदियाँ सबको पानी देती हैं।
(घ) सागर में लहरें उठ रही थीं।
उत्तर:
सागर में लहर उठ रही थी।
(ङ) मैंने दीपावली पर दीया खरीदा।
उत्तर:
मैंने दीपावली पर दीए खरीदे।
(च) रीमा ने फूल उठाया।
उत्तर:
रीमा ने फूल उठाए।
जीवन मूल्य (पृष्ठ संख्या – 39)
• लहर उठाती जाती है। लेकिन थकती कहीं नहीं
• चाहे जितना पानी लो मन में बुरा न लाती है
• एक दीए – सी जगर-मगर सदा रहेगी जलती ही
प्रश्न 1.
ऊपर लिखी पंक्तियों के माध्यम से नदी हमें क्या-क्या सिखाती है?
उत्तर:
नदी हमें मेहनत करने, मिल-जुलकर रहने और हमेशा दूसरों के बारे में अच्छा सोचने तथा समाज में कुछ अच्छा करने के लिए सिखाती है।
प्रश्न 2.
क्या नदी के इन गुणों को अपनाने से हमारे व्यवहार में अंतर आएगा? कैसे?
उत्तर:
हाँ, नदी के इन गुणों को अपनाने से हमारे व्यवहार में अंतर आएगा। हम अधिक सहनशील हो सकेंगे, दूसरों को कुछ देने में संकोच नहीं करेंगें तथा समाज में प्रेम तथा भाई चारे की भावना बनी रहेगी।
कुछ करने के लिए (पृष्ठ संख्या – 40)
प्रश्न 1.
भारत में अनेक नदियाँ बहती हैं। इनमें से किन्हीं पाँच नदियों के नाम व उनके राज्यों के नाम नीचे दी गई तालिका में लिखिए |
उत्तर:
नदी | राज्य |
(क) यमुना | उत्तर प्रदेश |
(ख) गंगा | बिहार |
(ग) हुगली | पश्चिम बंगाल |
(घ) कोशी | बिहार |
(ङ) गंगा | उत्तराखंड |
प्रश्न 2.
दुनिया की सबसे लंबी नदी कौन-सी है? ये नदी कहाँ पर बहती है ? पता कीजिए ।
उत्तर;
दुनिया की सबसे लंबी नदी नील है। नील नदी मिश्र में बहती है।
प्रश्न 3.
गंगा नदी कहाँ से निकलती है? यह नदी किन-किन राज्यों में बहती है? इसके जल के दूषित होने के क्या कारण हैं? इस नदी को साफ़ करने के लिए क्या-क्या उपाय किए जा रहे हैं? यह सारी जानकारी इकट्ठा करके कक्षा में प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
गंगा नदी हिमालय से निकलती है। यह बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड इत्यादि राज्यों में बहती है। इसके जल के दूषित होने के कई कारण हैं- लोग कूड़ा-कचड़ा डालकर दूषित करते हैं। शहरों में जल कल-कारखानों तथा नालों के पानी से दूषित होता है। नदी को साफ़ रखने के लिए नदी के किनारे-किनारे वृक्ष लगाए जा रहे हैं। सरकार द्वारा नदियों को साफ़ करने के लिए कठोर कदम उठाए जा रहे हैं।
DAV Class 5 Hindi Ch 6 Solutions – नदी यहाँ पर
1. अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
नदी कहाँ जाकर मिल जाती है?
उत्तर:
नदी सागर में जाकर मिल जाती है।
प्रश्न 2.
नदी की गति कब धीमी हो जाती है?
उत्तर:
जब नदी मैदानी भाग में आती है तब उसकी गति धीमी हो जाती है।
II. लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
‘नदी यहाँ पर’ शीर्षक कविता में किस चीज़ का बखान किया गया है?
उत्तर:
‘नदी यहाँ पर ‘ शीर्षक कविता में नदी के गुणों का बखान किया गया
प्रश्न 2.
नदी अपने पानी को क्या करती है?
उत्तर:
नदी अपने पानी से खेतों को सींचकर फसलें उगाती हैं तथा इसका पानी पीने के काम में भी लाया जाता है।
III. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
नदी की क्या क्या विशेषताएँ हैं?
उत्तर:
नदियाँ दुनिया को जल प्रदान करती हैं। उसका जल हम जितना चाहें उतना ले सकते है फिर भी वह बुरा नहीं मानती। यह धरती पर हरियाली लाती है। यह सदा बहती रहती है। यह एक दीपक की भाँति दूसरों के जीवन को आलोकित करती है।
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
I. नदी यहाँ पर मुड़ती है
फिर चलती ही जाती है
चलते-चलते सागर को
आखिर में वह पाती है।
मिलती लंबी राह उसे
देती है सबको पानी
सींच सींच कर खेतों को
फसल बनाती है धानी
चलती किसी जगह सीधी
टेढ़ी होती कहीं-कहीं
लहर उठाती जाती है
लेकिन थकती कहीं नहीं।
प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘नदी यहाँ पर’ शीर्षक पाठ से ली गई हैं। इस कविता में कवि डॉ० श्रीप्रसाद जी नदी के गुणों का बखान कर रहे हैं। नदी को वे एक दीपक की तरह बताते हैं जो दूसरों के जीवन को आलोकित करती है।
व्याख्या:
‘नदी यहाँ पर’ शीर्षक पाठ में नदी का वर्णन किया गया है। नदी यहाँ-वहाँ मुड़ती हुई आगे चलकर सागर में जाकर मिल जाती है। वह लंबा रास्ता तय करते हुए सबको पानी देती जाती है। उसकी बहाव कभी सीधी तो कभी टेढ़ी हो जाती है। उसकी लहरें कभी उठती हैं तो कभी गिरती हैं। फिर भी वह थकती नहीं है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. इस पद्यांश के कवि कौन हैं?
(क) डॉ० श्रीप्रसाद
(ख) विजय गुप्त
(ग) जयशंकर प्रसाद
(घ) बिहारी
उत्तर:
(क) डॉ० श्रीप्रसाद
2. इस कविता में किस चीज का बखान किया गया है?
(क) नदी
(ग) पहाड़
(ख) सागर
(घ) गंगा
उत्तर:
(क) नदी
3. नदी का बहाव कैसा होता है?
(क) टेढ़ी
(ग) टेढ़ी-सीधी
(ख) सीधी
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ग) टेढ़ी-सीधी
4. नदी आगे जाकर कहाँ मिल जाती है?
(क) सागर
(ख) शशि
(ग) नाला
(घ) तालाब
उत्तर:
(क) सागर
5. इनमें से कौन नदी का पर्यायवाची नहीं है?
(क) सरिता
(ख) गंगा
(ग) तरंगिनी
(घ) तटिनी
उत्तर:
(ख) गंगा
II. बहुत तेज़ थी पर्वत पर
लेकिन नीच जब आई
धीमी-धीमी चाल हुई
जैसे थककर सुस्ताई
पानी बिखराती जाती
हरियाली फैलाती है
चाहे जितना पानी लो
मन में बुरा न लाती है
किसे पता है, आई कब
मगर रहेगी चलती ही
एक दीए – सी जगर-मगर
सदा रहेगी जलजती ही
सागर में मिल जाने पर
फिर बन जाती है सागर
तब तक चलती रहती है
रात और दिन धरती पर।
प्रसंग: प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि डॉ० श्रीप्रसाद द्वारा रचित ‘नदी यहाँ पर’ शीर्षक पाठ से ली गई हैं।
व्याख्या:
नदी आगे बढ़ते हुए पानी बिखेरती जाती है और फैलती भी जाती है। जितना चाहे हम उतना पानी ले सकते हैं, नदी कभी बुरा नहीं मानती । नदी का जन्म कब हुआ, यह कोई नहीं जानता, किंतु यह हमेशा चलती ही रहेगी। यह एक दीपक की भाँति जगमगाती हुई सदा जलती रहेगी और दूसरों के जीवन को प्रकाशित करती रहेगी। नदी, सागर में मिलकर सागर बन जाती है और तब तक रात-दिन धरती पर चलती रहती है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. नदी अंत में जाकर कहाँ मिल जाती है?
(क) सागर
(ग) नाला
(ख) तालाब
(घ) गंगा
उत्तर:
(क) सागर
2. कौन दिन-रात चलती रहती है?
(क) नदी
(ग) चाँद
(ख) आकाश
(घ) फूल
उत्तर:
(क) नदी
3. ‘जन्म’ का विलोम शब्द क्या है?
(क) जीवन
(ग) गगन
(ख) मृत्यु
(घ) चन्द्र
उत्तर:
(ख) मृत्यु
4. नदी कहाँ से होती हुई सागर में मिल जाती है?
(क) पर्वतों
(ख) मैदानों
(ग) पर्वतों और मैदानों
(घ) उपर्युक्त तीनों।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त तीनों।
5. इनमें से कौन ‘पर्वत’ का पर्याय है?
(क) पहाड़
(ग) आकाश
(ख) भूमि
(घ) गंगा
उत्तर:
(क) पहाड़
शब्दार्थ:
- संग – साथ,
- आखिर – अंत में,
- राह – रास्ता,
- पर्वत – पहाड़,
- धीमी-धीमी धीरे-धीरे,
- सुस्ताई- आराम करना।
नदी यहाँ पर Summary in Hindi
पाठ-परिचय:
‘नदी यहाँ पर’ शीर्षक कविता में कवि डॉ० श्रीप्रसाद नदी के गुणों का बखान कर रहे हैं। इस कविता के माध्यम से बताया गया है कि नदी दुनिया को जल देती है तथा धरती पर हरियाली लाती है। यह पर्वतों और मैदानों से होती हुई सागर में जाकर मिल जाती है। यह एक दीपक की तरह दूसरों के जीवन को आलोकित करती है।
पाठ का सारांश:
डॉ० श्रीप्रसाद द्वारा रचित कविता ‘नदी यहाँ पर’ शीर्षक पाठ में नदी के गुणों का बखान किया गया है। नदी यहाँ-वहाँ मुड़ती हुई आगे चलती जाती है और अंत में जाकर सागर में मिल जाती है। नदी लंबा रास्ता तय करती है और रास्ते में सबको पानी देती जाती है। वह अपने पानी से खेतों को सींच – सींचकर फसलें उगाती है। नदी कभी सीधी तो कभी टेढ़ी हो जाती है। उसकी लहरें कभी उठती हैं तो कभी गिरती हैं; लेकिन वह कभी थकती नहीं। नदी कहीं-कहीं करारों में छिप जाती है और फिर मैदानों में आती है।
इस तरह लुक – छिपते वह कभी-कभी बिलकुल ही खो जाती है। नदी का वेग पर्वत पर बहुत तेज होता है लेकिन जब वह नीचे मैदान में आती है तो उसकी गति धीमी हो जाती है। ऐसा लगता है जैसे वह थककर सुस्ता रही हो। नदी पानी बिखेरती जाती है और हरियाली फैलाती जाती है। नदी से हम जितना चाहें उतना पानी ले सकते हैं। यह एक दीपक की भाँति जगमगाती हुई सदा जलती रहेगी और दूसरों के जीवन को प्रकाशित करती रहेगी। नदी सागर में मिलकर सागर बन जाती है और रात-1 – दिन लगातार धरती पर चलती रहती है।