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DAV Class 5 Hindi Chapter 2 Question Answer – लौह पुरुष
DAV Class 5 Hindi Ch 2 Question Answer – लौह पुरुष
पाठ में से
प्रश्न 1.
वल्लभ भाई को देश किस नाम से याद करता है? क्यों?
उत्तर:
वल्लभ भाई को उनकी महानता तथा लौह समान दृढ़ता के कारण देश उन्हें ‘लौह पुरुष’ के नाम से याद करता है।
प्रश्न 2.
वल्लभ भाई ने अपने जीवन के विषय में कब निर्णय लिया था?
उत्तर:
कक्षा दसवीं तक आते-आते वल्लभ भाई ने अपने जीवन के विषय में निर्णय ले लिया था।
प्रश्न 3.
वल्लभ भाई स्वतंत्रता संग्राम से किस प्रकार जुड़े?
उत्तर:
वल्लभ भाई गाँधी जी के सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों से प्रभावित होकर घर-परिवार तथा वकालत छोड़कर स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े। अपने त्याग, परिश्रम, दृढ़ता और संघर्ष से स्वतंत्रता संग्राम के वे मुख्य नेता बन गए।
प्रश्न 4.
सरदार पटेल ने अहमदाबाद की सभा में क्या कहा?
उत्तर:
सरदार पटेल ने अहमदाबाद की सभा में भाषण देते हुए कहा, ” अगर कल सब नेता बंदी बना लिए जाएँ तब भी स्वतंत्रता संग्राम जारी रखना । मर जाना पर आगे बढ़ाया हुआ कदम पीछे नहीं हटाना। ”
प्रश्न 5.
स्वतंत्र भारत में सरदार पटेल का सबसे बड़ा योगदान क्या था?
उत्तर:
जब देश स्वतंत्र हुआ तब धर्म के नाम पर देश का बँटवारा हुआ। बँटवारे के साथ ही अंग्रेज़ों ने भारतीय रियासतों को भी स्वतंत्र कर दिया। इनमें से कुछ पाकिस्तान में विलय चाहती थीं कुछ भारत में तथा कुछ स्वतंत्र रहना चाहती थीं। वैसी स्थिति में वल्लभ भाई ने प्रेम, दृढ़ता और संकल्प शक्ति से उन रियासतों को भारत में विलय के लिए मना लिया, जिससे एक नए और सुदृढ़ राष्ट्र का निर्माण हुआ।
प्रश्न 6.
नीचे दिए गए कथन किसने किससे कहे?
(क) “यदि तुम शहर चले जाओगे तो खेत के काम-काज में मेरा हाथ कौन बँटाएगा? ”
उत्तर:
वल्लभ भाई के पिता ने उनसे कहा।
(ख) “मैं पढ़-लिखकर कुछ बनना चाहता हूँ। कोई भी बाधा मुझे आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती। ”
उत्तर:
वल्लभ ने अपने पिता से कहा।
(ग) “देखो किसी अज्ञात हितैषी ने मेरा इंग्लैंड जाने का टिकट भेजा है। ”
उत्तर:
बड़े भाई विट्ठल ने वल्लभ भाई से कहा।
(घ) “यह टिकट आप ले लीजिए। आपके ही नाम है।”
उत्तर:
वल्लभ भाई ने विट्ठल भाई से कहा।
प्रश्न 7.
पाठ के आधार पर ठीक शब्द छाँटकर वाक्य पूरे कीजिए।
(क) मैं छुट्टियों में आकर ____ का काम-काज देख लिया करूँगा। (खेत/घर)
(ख) ____ की यह दृढ़ता उनमें आजीवन बनी रही। (बचपन/किशोरावस्था)
(ग) कानून की पढ़ाई करना ही वल्लभ के जीवन का ____ बन गया। (उद्देश्य/ध्येय)
(घ) चिल्लाता हुआ उनका ____ भाई विट्ठल उनके पास आया। (छोटा/बड़ा)
(ङ) वल्लभ भाई ने अपने बड़े भाई के हाथ से ____ ले लिया। (टिकट/लिफ़ाफ़ा)
(च) गाँधी जी ने वल्लभ भाई को ____ की उपाधि दी। (सरदार/वीर)
उत्तर:
(क) मैं छुट्टियों में आकर खेत का काम-काज देख लिया करूँगा। (खेत/घर)
(ख) बचपन की यह दृढ़ता उनमें आजीवन बनी रही। (बचपन/किशोरावस्था)
(ग) कानून की पढ़ाई करना ही वल्लभ के जीवन का उद्देश्य बन गया। (उद्देश्य/ध्येय)
(घ) चिल्लाता हुआ उनका बड़ा भाई विट्ठल उनके पास आया। (छोटा/बड़ा)
(ङ) वल्लभ भाई ने अपने बड़े भाई के हाथ से लिफ़ाफ़ ले लिया। (टिकट/लिफ़ाफ़ा)
(च) गाँधी जी ने वल्लभ भाई को सरदार की उपाधि दी। (सरदार/वीर)
बातचीत के लिए (पृष्ठ संख्या-15-16 )
प्रश्न 1.
सब बच्चे मिलकर देश की आजादी की पूरी कहानी पर चर्चा कीजिए।
उत्तर:
छात्र / छात्राएँ स्वयं करें।
प्रश्न 2.
‘सादा जीवन उच्च विचार रखने वाले स्वतंत्रता सेनानियों, संतों व विचारकों के बारे में पता करके कक्षा में बातचीत कीजिए।
उत्तर:
छात्र / छात्राएँ स्वयं करें।
अनुमान और कल्पना (पृष्ठ संख्या – 16)
प्रश्न 1.
यदि वल्लभ भाई अपने पिता के काम-काज में हाथ बँटाते तो वे क्या होते?
उत्तर:
यदि वल्लभ भाई अपने पिता के काम-काज में हाथ बँटाते तो एक अच्छे किसान होते।
प्रश्न 2.
यदि आप वल्लभ भाई की जगह होते तो क्या करने का फैसला लेते और क्यों?
उत्तर:
यदि हम वल्लभ भाई की जगह होते तो हम भी वही करते जो वल्लभ भाई ने किया क्योंकि राष्ट्र की सेवा सर्वोपरि है।
भाषा की बात (पृष्ठ संख्या-16-17)
प्रश्न 1.
मुहावरे भाषा को सुंदर बनाते हैं। नीचे दिए गए मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य बनाइए।
(क) मुँह लटकाना, (ख) ईंट से ईंट बजाना।
उत्तर:
(क) मुँह लटकाना – ( उदास होना)।
वाक्य- वल्लभ भाई ने अपने भाई को जब पूरी बात बताई तो उनका मुँह लटक गया।
(ख) ईंट से ईंट बजाना – (मुँहतोड़ जवाब देना)।
वाक्य- किसानों ने संघर्ष करके अंग्रेज़ी साम्राज्य की ईंट से ईंट बजा दी।
प्रश्न 2.
पाठ में आए कोई चार व्यक्तिवाचक और चार जातिवाचक संज्ञा शब्द लिखिए।
उत्तर:
व्यक्तिवाचक संज्ञा | जातिवाचक संज्ञा |
1. वल्लभ भाई | देश |
2. विट्ठल भाई | बालक |
3. महात्मा गाँधी | पिता |
4. भारत | वकील |
प्रश्न 3.
नीचे वाक्यों के अंश दिए गए हैं। इनमें रेखांकित शब्दों का लिंग पहचान कर लिखिए-
उत्तर:
वाक्य का अंश | लिंग |
(क) कानून की पढ़ाई | “स्त्रीलिंग” |
(ख) अपनी सज्जनता | स्त्रीलिंग |
(ग) स्वतंत्रता संग्राम | स्त्रीलिंग |
(घ) ‘सरदार’ की उपाधि | पुल्लिग |
(ङ) ओजस्वी वाणी | स्त्रीलिंग |
(च) आँखों से आँसू | स्त्रीलिंग |
(छ) अद्भुत कहानी | पुल्लिग |
जीवन मूल्य (पृष्ठ संख्या – 17)
स्वतंत्रता सेनानियों के महानायक महात्मा गाँधी ने सत्य व अहिंसा का पालन किया। इसी तरह सरदार वल्लभ भाई पटेल का जीवन त्याग और दृढ़ता की कहानी कहता है।
प्रश्न 1.
हमारे लिए त्याग, दृढ़ता, परिश्रम, संघर्ष, सत्य, अहिंसा, जैसे जीवन मूल्यों को अपनाना जरूरी है, क्यों?
उत्तर:
इन मूल्यों में मानवता का संदेश छिपा है। इन्हें अपनाकर हम मानव मात्र की उन्नति सुनिश्चित कर सकते हैं।
प्रश्न 2.
प्रत्येक भारतीय को सच्चा देशभक्त बनकर राष्ट्र की उन्नति के लिए काम करना चाहिए, क्यों?
उत्तर:
प्रत्येक भारतीय को सच्चा देशभक्त बनकर राष्ट्र की उन्नति के लिए कार्य करना चाहिए तभी राष्ट्र की उन्नति संभव है। क्योंकि राष्ट्र की उन्नति किसी एक व्यक्ति के योगदान पर निर्भर नहीं करता अपितु इसके लिए भारतीयों को मिलकर काम करना होगा।
कुछ करने के लिए (पृष्ठ संख्या – 17)
प्रश्न 1.
पाठ में आया मुहावरा -मुँह लटकाना-‘ – ‘मुँह ‘ शब्द से जुड़ा है। मुँह शब्द से जुड़े अन्य मुहावरे ढूँढ़कर उन्हें पर्चियों पर लिखकर एक डिब्बे में डालिए। फिर कक्षा में आप डिब्बे में से एक पर्ची उठाकर उसके अनुसार मुहावरे का अभिनय करें और बाकी बच्चे उस मुहावरे को पहचानें।
उत्तर:
छात्र / छात्राएँ स्वयं करें।
प्रश्न 2.
सरदार पटेल के जीवन से जुड़ी घटना ढूँढ़िए और कक्षा में सुनाइए।
उत्तर:
छात्र / छात्राएँ स्वयं करें।
प्रश्न 3.
सरदार पटेल की तरह किसी अन्य स्वतंत्रता सेनानी के जीवन के बारे में जानकारी इकट्ठी करके लिखिए व उनका चित्र चिपकाइए।
उत्तर:
छात्र / छात्राएँ स्वयं करें।
DAV Class 5 Hindi Ch 2 Solutions – लौह पुरुष
I. बहुविकल्पीय प्रश्न
1. किन्हें देश ‘लौह पुरुष’ के नाम से याद करता है?
(क) वल्लभ भाई
(ख) गाँधी जी
(ग) मौलाना आजाद
(घ) भगत सिंह
उत्तर:
(क) वल्लभ भाई
2. सरदार पटेल ने कब दसवीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की ?
(क) 1880
(ग) 1881
(ख) 1879
(घ) 1890
उत्तर:
(ख) 1879
3. विट्ठल भाई सरदार वल्लभ के कौन थे?
(क) बड़े भाई
(ख) छोटे भाई
(ग) मित्र
(घ) पिता
उत्तर:
(क) बड़े भाई
4. सरदार वल्लभ भाई किनसे प्रभावित हुए?
(ख) गाँधी जी
(क) भगत सिंह
(ग) मौलाना आज़ाद
(घ) इंदिरा गाँधी
उत्तर:
(ख) गाँधी जी
5. ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ का नारा कब दिया गया था?
(क) 1915
(ख) 1950
(ग) 1942
(घ) 1905
उत्तर:
(ग) 1942
6. भारत कब आज़ाद हुआ?
(क) 1947
(ख) 1950
(ग) 1942
(घ) 1930
उत्तर:
(क) 1947
7. वल्लभ भाई का निधन कब हुआ?
(क) 1947
(ग) 1950
(ख) 1942
(घ) 1930
उत्तर:
(ग) 1950
8. गांधी जी किसके पक्षधर थे?
(क) नेहरू
(ख) इंदिरा
(ग) पटेल
(घ) जिन्ना
उत्तर:
(क) नेहरू
9. रियासतों की संख्या कितनी थी?
(क) 560
(ख) 562
(ग) 565
(घ) 506
उत्तर:
(ख) 562
10. किनके प्रयासों से एक नए और सुदृढ़ राष्ट्र का निर्माण हुआ?
(क) नेहरू
(ग) गाँधी
(ख) पटेल
(घ) जिन्ना
उत्तर:
(ख) पटेल
II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
किसने आगे पढ़ने के लिए अपने पिता से कहा?
उत्तर:
सरदार वल्लभ भाई पटेल ने।
प्रश्न 2.
इंग्लैंड जाने का टिकट किसने भेजा?
उत्तर:
इंग्लैंड जाने का टिकट एक अज्ञात हितैषी ने भेजा।
प्रश्न 3.
लिफाफे पर अंग्रेजी में क्या लिखा था?
उत्तर:
वी० जे० पटेल, वकील, बोरसद।
प्रश्न 4.
किसने वल्लभ भाई को ‘सरदार’ की उपाधि दी?
उत्तर:
गाँधी जी ने वल्लभ भाई को ‘सरदार’ की उपाधि दी।
प्रश्न 5.
देश का बँटवारा क्यों हुआ?
उत्तर:
धर्म के नाम पर देश का बँटवारा हुआ।
III. लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
वल्लभ बड़े होकर किस नाम से प्रसिद्ध हुए?
उत्तर:
वल्लभ बड़े होकर सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम से प्रसिद्ध हुए।
प्रश्न 2.
विट्ठल भाई ने वल्लभ भाई से क्या कहा?
उत्तर:
विट्ठल भाई ने वल्लभ भाई से कहा- ‘ “मैं बड़ा हूँ, मुझे पहले जाने दो। मेरे आने के बाद तुम चले जाना।”
IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
सरदार पटेल का जीवन त्याग और दृढ़ता की अद्भुत कहानी है। कैसे?
उत्तर:
सरदार पटेल सुख-सुविधाओं से भरपूर जीवन को छोड़कर देश सेवा में लग गए। वे अपने त्याग, परिश्रम, दृढ़ता और संघर्ष से स्वतंत्रता संग्राम के नेता बने। उनकी ओजस्वी वाणी से प्रेरित होकर जनता ने अंग्रेजी शासन के विरुद्ध विद्रोह किया जिसकी बदौलत 15 अगस्त, 1947 को देश स्वतंत्र हुआ। तत्पश्चात् उनके प्रयासों से एक नए और सुदृढ़ राष्ट्र का निर्माण हुआ।
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
I. वल्लभ भाई पटेल ने 1879 में नदियाड़, गुजरात से दसवीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की। दसवीं तक आते-आते वल्लभ ने अपने आने वाले जीवन के विषय में निर्णय ले लिया था। जान चुका था कि जो इंग्लैंड से कानून की पढ़ाई करके भारत आते हैं, उन्हें धन और यश दोनों मिलते हैं। इंग्लैंड जाकर कानून की पढ़ाई करना ही वल्लभ भाई के जीवन का उद्देश्य बन गया।
प्रश्न 1.
वल्लभ भाई ने दसवीं की परीक्षा कहाँ से पास की?
उत्तर:
वल्लभ भाई ने नदियाड़, गुजरात से दसवीं की परीक्षा पास की।
प्रश्न 2.
वल्लभ भाई ने दसवीं की परीक्षा कब पास की?
उत्तर:
वल्लभ भाई ने दसवीं कक्षा 1879 ई० में पास की।
प्रश्न 3.
उन्होंने अपने जीवन के विषय में कब निर्णय लिया?
उत्तर:
उन्होंने दसवीं कक्षा तक आते-आते अपने जीवन के विषय में निर्णय लिया।
प्रश्न 4.
जो इंग्लैंड से कानून की पढ़ाई पढ़कर आते हैं उन्हें क्या मिलता है?
उत्तर:
जो इंग्लैंड से कानून की पढ़ाई पढ़कर आते हैं। उन्हें धन और यश दोनों मिलता है।
प्रश्न 5.
उनके जीवन का क्या उद्देश्य था?
उत्तर:
उनके जीवन का उद्देश्य इंग्लैंड जाकर कानून की पढ़ाई करना था।
II. कुछ समय बाद वल्लभ भाई भी कानून की पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड गए। 1913 में वह पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत लौट आए। उन्होंने अहमदाबाद में वकालत प्रारंभ की। थोड़े दिनों बाद ही उनकी वकालत चमक उठी। वल्लभ भाई ने सुख-सुविधाओं से भरपूर जीवन जीना प्रारंभ कर दिया। उन्हीं दिनों गाँधी जी दक्षिण अफ्रीका से लौट आए थे। वल्लभ भाई गाँधी जी के सत्य, अहिंसा के सिद्धांतों से बहुत प्रभावित हुए। वह वकालत, घर-परिवार सब छोड़कर स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े।
प्रश्न 1.
वल्लभ भाई कानून की पढ़ाई करने कहाँ गए?
उत्तर:
वल्लभ भाई कानून की पढ़ाई करने इंग्लैंड गए।
प्रश्न 2.
वे भारत कब लौटे?
उत्तर:
वे 1913 ई० में भारत लौटे।
प्रश्न 3.
उन्होंने कहाँ वकालत प्रारंभ की?
उत्तर:
उन्होंने अहमदाबाद में वकालत शुरू की।
प्रश्न 4.
गांधी जी किस देश से वापस लौटे थे?
उत्तर:
गाँधी जी दक्षिण अफ्रीका से वापस लौटे थे।
प्रश्न 5.
वल्लभ भाई किससे प्रभावित हुए?
उत्तर:
वल्लभ भाई गाँधी जी से प्रभावित हुए।
III. सरदार पटेल का जीवन त्याग और दृढ़ता की अद्भुत कहानी है। देश के अधिकांश राज्यों की कांग्रेस समितियाँ सरदार पटेल को स्वतंत्र भारत का प्रथम प्रधानमंत्री बनाना चाहती थी। गाँधी जी जवाहरलाल नेहरू के पक्षधर थे। उन्होंने देश के हित में गाँधी जी की बात मान ली। 15 अगस्त 1947 को देश स्वतंत्र हुआ। उनके प्रयासों से एक नए और सुदृढ़ राष्ट्र का निर्माण हुआ। 15 दिसम्बर 1950 को भारत माँ का यह सपूत चिरनिंद्रा में सो गया। उनकी महानता और लौह के समान दृढ़ता के लिए देश उन्हें याद करता है।
प्रश्न 1.
वल्लभ भाई ने गांधी जी की बात क्यों मान ली?
उत्तर:
देश के अधिकांश राज्यों की कांग्रेस समितियाँ वल्लभ भाई को प्रथम प्रधानमंत्री बनाना चाहती थी। गाँधी जी जवाहरलाल नेहरू के पक्षधर थे। अतः देश हित के लिए उन्होंने उनकी बात मान ली।
प्रश्न 2.
भारत कब आजाद हुआ?
उत्तर:
भारत 15 अगस्त, 1947 को आजाद हुआ।
प्रश्न 3.
वल्लभ भाई का निधन कब हुआ?
उत्तर:
ल्लभ भाई का निधन 15 दिसम्बर 1950 को हुआ।
प्रश्न 4.
देश उन्हें किस रूप में याद करता है?
उत्तर:
देश उन्हें ‘लौह-पुरुष’ के नाम से याद करता है।
प्रश्न 5.
‘सपूत’ का विलोम शब्द क्या होता है?
उत्तर:
‘सपूत’ का विलोम ‘कपूत’ होता है।
शब्दार्थः
दृढ़ता- मजबूती।
अनुमति – स्वीकृति।
आजीवन – जीवन भर।
हितैषी – भला चाहने वाला।
सत्याग्रह – सत्य के लिए आग्रह।
संग्राम- युद्ध।
ओजस्वी – प्रभावशाली।
विद्रोह – क्रांति।
लौह पुरुष Summary in Hindi
पाठ – परिचय:
‘लौह पुरुष’ शीर्षक पाठ सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन-वृत पर आधारित है। इस पाठ में यह बताया गया है कि किस प्रकार सरदार वल्लभ भाई पटेल अपने त्याग, परिश्रम, दृढ़ता और संघर्ष के कारण स्वतंत्रता संग्राम के नेता बने। उन्होंने जवाहर लाल नेहरू, मौलाना आज़ाद और गाँधी जी के संपर्क में आकर देश की आजादी में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
पाठ का सारांश
सरदार वल्लभ भाई पटेल के स्वर में बचपन से ही दृढ़ता थी। अपनी दृढ़ता के कारण ही उन्होंने अपने पिता से शहर जाकर पढ़ने की अनुमति ले ली। यही वल्लभ आगे चलकर सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम से प्रसिद्ध हुए। बचपन की दृढ़ता उनमें आजीवन बनी रही। इसीलिए देश उन्हें ‘लौह पुरुष’ के नाम से याद करता है। प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद कानून की पढ़ाई करने के लिए वे इंग्लैंड गए। सन् 1913 में जब वे भारत आए तब उनकी वकालत चमक उठी थी। उनका जीवन सुख-सुविधाओं से भरपूर था। इसी बीच उनकी गाँधी जी से मुलाकात हुई।
गाँधी जी के सत्य एवं अहिंसा के सिद्धांतों से वे काफी प्रभावित हुए और घर तथा वकालत के पेशे को छोड़कर वे स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े।| अपने त्याग, परिश्रम, दृढ़ता और संघर्ष के कारण ही वे स्वतंत्रता संग्राम के मुख्य नेता बन गए। उन्होंने एक बार अहमदाबाद में एक भाषण दिया जिससे प्रभावित होकर लोगों ने अंग्रेज़ी शासन के विरुद्ध विद्रोह कर दिया। काफी संघर्ष के बाद हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया। देश के