DAV Class 5 Hindi Chapter 16 Question Answer – चाँद का कुर्ता

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DAV Class 5 Hindi Chapter 16 Question Answer – चाँद का कुर्ता

DAV Class 5 Hindi Ch 16 Question Answer – चाँद का कुर्ता

कविता में से ( पृष्ठ संख्या – 91 )

प्रश्न 1.
चाँद ने किस चीज़ के लिए हठ की?
उत्तर:
चाँद ने एक मोटा ऊन का झिंगोला सिलवाने के लिए हठ की।

प्रश्न 2.
माँ को किस बात का डर था?
उत्तर:
माँ को डर था कि चाँद के सुंदर सजीले रूप पर किसी की नज़र न लगे।

DAV Class 5 Hindi Chapter 16 Question Answer - चाँद का कुर्ता

प्रश्न 3.
जाड़े में चाँद का क्या हाल होता है?
उत्तर:
सन सन हवा में चाँद का बुरा हाल होता है। उसे ठिठुर-ठिठुर कर यात्रा पूरी करनी पड़ती है।

प्रश्न 4.
नीचे दिए गए वाक्य किसने किससे कहे, लिखिए।
DAV Class 5 Hindi Chapter 16 Question Answer - 1
उत्तर:

कथन किसने कहे किससे कहे
(क) ” भाड़े पर ही कुर्ता ला दो। “ (क) चाँद ने माँ से
(ख) “किसी दिन बड़ा और किसी दिन छोटा हो जाता है।” (ख) माँ ने चाँद से।

बातचीत के लिए (पृष्ठ संख्या – 91)

प्रश्न 1.
अपने शिक्षक, माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी या किसी बड़े से पता कीजिए कि चाँद-

(क) कब पूरा गोल हो जाता है?
उत्तर:
चाँद पूर्णिमा के दिन पूरा गोल हो जाता है।

(ख) कब दिखाई ही नहीं देता?
उत्तर:
चाँद अमावस्या को दिखाई नहीं देता है।

DAV Class 5 Hindi Chapter 16 Question Answer - चाँद का कुर्ता

प्रश्न 2.
कविता की किन पंक्तियों से पता चलता है
(क) कविता में सरदी के मौसम की बात की गई है।
उत्तर:
सन-सन चलती हवा रात भर जाड़े से मरता हूँ, ठिठुर-ठिठुर कर किसी तरह यात्रा पूरी करता हूँ।

(ख) चाँद बहुत सुन्दर है।
उत्तर:
बच्चे की सुन बात कहा माता ने अरे सलोने! कुशल करें भगवान, लगे न तुझको जादू-टोने।

(ग) चाँद का कोई एक नाप नहीं है।
उत्तर:
कभी एक अंगुल भर चौड़ा, कभी एक फुट मोटा, बड़ा किसी दिन हो जाता है और किसी दिन छोटा।

अनुमान और कल्पना (पृष्ठ संख्या – 91)

प्रश्न 1.
चाँद अपनी माँ से किस बात के लिए हठ करता और क्यों?
उत्तर:
अगर गरमी होती तो चाँद अपनी माँ से उससे बचने के लिए पंखे की हठ करता।

प्रश्न 2.
आप अपनी माँ से किस चीज की हठ करते और क्यों?
उत्तर:
छात्र / छात्राएँ स्वयं करें।

प्रश्न 3.
क्या सूरज की भी कोई माँग होती?
उत्तर:
हाँ।

भाषा की बात (पृष्ठ संख्या – 92 )

प्रश्न 1.
कविता में प्रयुक्त हुए कारक चिह्नों को शब्दों के साथ लिखिए-
(क) माता ______
(ख) बच्चे ______
(ग) आँखों ______
(घ) जाड़े ______
(ङ) बदन ______
(च) ऊन ______
उत्तर:
(क) माता से
(ख) बच्चे की
(ग) आँखों को
(घ) जाड़े की
(ङ) बदन में
(च) ऊन का

DAV Class 5 Hindi Chapter 16 Question Answer - चाँद का कुर्ता

प्रश्न 2.
युग्म शब्दों द्वारा वाक्य पूरे कीजिए-
रात-दिन, मोटी पतली, घटता-बढ़ता ऊँचा- नीचा
(क) मज़दूर ______ मेहनत करता है।
(ख) आसमान में चाँद का आकार ______ रहता है।
(ग) पर्वतीय रास्ता ______ होता है।
(घ) मेरे बस्ते में ______ सभी तरह की पुस्तकें हैं।
उत्तर:
(क) मज़दूर रात-दिन मेहनत करता है।
(ख) आसमान में चाँद का आकार घटता-बढ़ता रहता है।
(ग) पर्वतीय रास्ता मोटी पतली होता है।
(घ) मेरे बस्ते में ऊँचा-नीचा सभी तरह की पुस्तकें हैं।

जीवन मूल्य (पृष्ठ संख्या – 92)

‘हठ कर बैठा चाँद एक दिन’ इस कविता में चाँद ने अपनी माँ से हठ की।

प्रश्न 1.
क्या आप भी अपने परिवार के सदस्यों से जिद्द करते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम भी अपने परिवार के सदस्यों से जिद्द करते हैं।

प्रश्न 2.
क्या हठ करना अच्छी आदत है? यदि हाँ तो क्यों और नहीं तो क्यों?
उत्तर:
हाँ कभी-कभी किसी चीज के लिए अपने से बड़ों के पास हठ करना अच्छा लगता है। नहीं हठ करना अच्छी आदत नहीं है।

कुछ करने के लिए (पृष्ठ संख्या – 92)

प्रश्न 1.
कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कोई अन्य बाल सुलभ कविता ढूँढकर लिखिए और कक्षा में सुनाइए।
उत्तर:
छात्र / छात्राएँ स्वयं करें।

DAV Class 5 Hindi Ch 16 Solutions – चाँद का कुर्ता

I. अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
चाँद का कुर्ता सिलवाना संभव क्यों नहीं है?
उत्तर:
चाँद का आकार घटता बढ़ता रहता है।

प्रश्न 2.
पूर्णिमा के दिन चाँद कैसा दिखाई देता है?
उत्तर:
पूर्णिमा के दिन चाँद गोल दिखाई देता है।

II. लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
चाँद अपनी माँ से क्या कहता है?
उत्तर:
चाँद अपनी माँ से कहता है कि मैं इस हाड़ कँपा देने वाली ठंड में ठिठुर-ठिठुर कर किसी तरह यात्रा पूरी करता हूँ।

प्रश्न 2.
माँ चाँद के लिए कैसा कुर्ता सिलवाने की बात करती है?
उत्तर:
माँ चाँद के लिए ऐसा कुर्ता सिलवाने की बात करती है जो हर रोज उसके बदन में आए।

III. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
चाँद किराये पर कुर्ता लाने की बात क्यों करता है?
उत्तर:
चाँद का आकार कभी भी एक समान नहीं रहता है। कभी यह दिखाई पड़ता है तो कभी अदृश्य हो जाता है। इसी कारण चाँद के लिए कुर्ता सिलवाना संभव नहीं है। इसलिए वह किराये पर कुर्ता लाने की बात करता है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

I. हठ कर बैठा चाँद एक दिन माता से वह बोला, “सिलवा दो माँ, मुझे ऊन का मोटा एक झिंगोला। सन-सन चलती हवा रात भर, जाड़े से मरता हूँ, ठिठुर-ठिठुर कर किसी तरह यात्रा पूरी करता आसमान का सफर और यह मौसम है जाड़े का, न हो अगर तो ला दो कुर्ता ही कोई भाड़े का। बच्चे की सुन बात कहा माता ने, अरे सलोने! कुशल करें भगवान, लगे न तुझको जादू-टोने।

प्रसंग: प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक, ‘भाषा माधुरी’ में संकलित ‘चाँद का कुर्ता’ शीर्षक पाठ से ली गई हैं। इसके कवि श्री रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी हैं। इसमें चाँद अपनी माँ से कुर्ता सिलवाने की हठ करता है।

व्याख्या: उपर्युक्त पंक्तियों में यह बताया गया है कि चाँद अपनी माँ से ऊन का मोटा झिंगोला सिलाने की जिद करता है। वह बताता है कि इस कड़कती ठंड में मैं ठिठुर-ठिठुर कर किसी तरह अपनी यात्रा पूरी करता हूँ। अगर कुर्ता सिलाना संभव नहीं है तो किराए पर ही कोई कुर्ता ला दो। बच्चे की बात सुनकर माँ ने कहा, “भगवान करे तुम्हारे इस सुन्दर रूप पर किसी की बुरी नज़र न लगे।” समस्या यह है कि तुम्हारा आकार घटता-बढ़ता रहता है। कभी बहुत बड़ा तो कभी छोटा और कभी आँखों से ओझल हो जाते हो। ऐसी स्थिति में मैं तुम्हारे लिए एक ऐसा कुर्ता सिलवा देती हूँ जो हर रोज़ तुम्हारे बदन में आए।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. इस पाठ का शीर्षक क्या है?
(क) चाँद का कुर्ता
(ख) चित्रकार
(ग) कोयल
(घ) सावन
उत्तर:
(क) चाँद का कुर्ता

2. इस कविता के कवि कौन हैं?
(क) सुमित्रानंदन पंत
(ख) जयशंकर प्रसाद
(ग) रामधारी सिंह दिनकर
(घ) हरिवंशराय बच्चन
उत्तर:
(ग) रामधारी सिंह दिनकर

3. चाँद अपनी माँ से क्या सिलवाने की जिद करता है?
(क) कमीज़
(ख) कुर्ता
(ग) पेंट
(घ) पैजामा
उत्तर:
(ख) कुर्ता

4. चाँद कब आँखों से ओझल हो जाते हैं?
(क) पूर्णिमा
(ग) बादल
(ख) अमावस्या
(घ) वर्षा
उत्तर:
(ख) अमावस्या

5. चाँद किस मौसम में ठिठुर-ठिठुर कर अपनी यात्रा पूरी करता है?
(क) गर्मी
(ग) सरदी
(ख) बरसात
(घ) बसंत
उत्तर:
(ग) सरदी

DAV Class 5 Hindi Chapter 16 Question Answer - चाँद का कुर्ता

II. जाड़े की तो बात ठीक है, पर मैं तो डरती हूँ, एक नाम में कभी नहीं तुझको देखा करती हूँ। कभी एक अंगुल भर चौड़ा, कभी एक फुट मोटा, बड़ा किसी दिन हो जाता है और किसी दिन छोटा। घटता-बढ़ता रोज किसी दिन ऐसा भी करता है, नहीं किसी की भी आँखों को दिखलाई पड़ता है। अब तू ही तो बता, नाप तेरा किस रोज़ लिवायें, सी दें एक झिंगोला जो हर रोज़ बदन में आए ?

प्रसंग: प्र – प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘चाँद का कुर्ता’ शीर्षक पाठ से ली गई हैं। इसके कवि रामधारी सिंह दिनकर हैं। इन पंक्तियों में माँ चाँद को यह समझाती है कि तुम्हारा आकार तो घटता-बढ़ता रहता है ऐसी स्थिति में मैं तुम्हें कुर्ता कैसे सिलवा दूँ।

व्याख्या: चाँद जब अपनी माँ से कुर्ता सिलवाने की बात करता है तो माँ उसे बताती है कि समस्या यह है कि तुम कभी भी एक आकार में नहीं रहते हो। कभी छोटा तो कभी बड़ा दिखाई पड़ते हो। ऐसी स्थिति में चाँद माँ से कहता है कि तुम मुझे ऐसा झिंगोला बनवा दो जो हर रोज़ बदन में आ जाए।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. क्या चाँद एक नाप में रहता है?
(क) हाँ
(ख) नहीं
(ग) हाँ,
(घ) उपर्युक्त तीनों।
उत्तर:
(ख) नहीं

2. चाँद किससे अपनी बात कहता है?
(क) माँ
(ग) धरती
(ख) सूरज
(घ) हवा
उत्तर:
(क) माँ

3. इनमें से कौन ‘आँख’ का पर्याय नहीं है?
(क) नेत्र
(ख) नयन
(ग) लोचन
(घ) गृह
उत्तर:
(घ) गृह

4. ‘झिंगोला’ का अर्थ क्या होता है?
(क) ढीला कपड़ा
(ग) कमीज़
(ख) कुर्ता
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(क) ढीला कपड़ा

5. ‘दिन’ का विलोम शब्द इनमें से कौन-सा है?
(क) नया
(ग) रात
(ख) गृह
(घ) ऊपर
उत्तर:
(ग) रात

शब्दार्थ :

  • हठ – जिद।
  • झिंगोला – ढीला-ढाला कपड़ा।
  • भाड़े – किराए।
  • यात्रा – सफर।
  • कुर्ता कमीज़।
  • अंगुल – अँगूठे से लेकर छोटी अंगुली तक का नाप।
  • फुट- नापने की इकाई।
  • बदन- शरीर।

चाँद का कुर्ता Summary in Hindi

पाठ- परिचय:
‘चाँद का कुर्ता’ शीर्षक पाठ में कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने चाँद के बदलते आकार के माध्यम से यह स्पष्ट करने का प्रयास किया है कि निश्चित सिद्धांत वाले ही जीवनरूपी संग्राम में सफल होते हैं। जिनके विचार स्थिर नहीं होते, उन्हें असफलता ही हाथ लगती है। जैसे- चाँद का आकार हर रोज बदलने के कारण उसे हाड़ कँपाने वाली ठण्ड में भी यात्रा पूरी करनी पड़ती है।

पाठ का सारांश:
एक दिन चाँद अपनी माँ से ऊन का मोटा ढीला-ढाला कपड़ा सिलवाने के लिए हठ करते हुए कहता है कि मैं इस हाड़ कंपा देने वाली ठंड में ठिठुर-ठिठुर कर किसी तरह अपनी यात्रा पूरी करता हूँ। यदि कुर्ता सिलवाना संभव नहीं है तो किसी से किराये पर ही कुर्ता ला दो ताकि जाड़े के कष्ट से मुक्ति मिल जाए। बच्चे की बात सुनकर माँ ने कहा, ‘भगवान करे कि तुम्हारे इस सुन्दर रूप पर किसी

की बुरी नज़र न लगे। समस्या यह है कि तुम्हारा आकार कभी एक-सा नहीं रहता, घटता-बढ़ता रहता है। कभी तुम एक अंगुल चौड़ा दिखाई पड़ते हो तो कभी एक फुट मोटे हो जाते हो। इसी प्रकार कभी तुम बहुत बड़ा तो कभी बहुत छोटा दिखते हो। इस प्रकार घटते-बढ़ते रहने के क्रम में कभी अदृश्य अर्थात् आँखों से ओझल हो जाते हो। ऐसी स्थिति में तुम्हारा कुर्ता सिलवाना संभव नहीं है क्योंकि तुम्हारा आकार हर रोज़ बदलता रहता है। इसलिए मैं एक ऐसा झिंगोला बनवा देती हूँ जो हर रोज़ तुम्हारे बदन में आए।