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DAV Class 5 Hindi Chapter 14 Question Answer – बुद्धिमान राजा
DAV Class 5 Hindi Ch 14 Question Answer – बुद्धिमान राजा
कहानी में से (पृष्ठ संख्या – 78 )
प्रश्न 1.
चीन का राजा भारत जाने की दिशा और रास्ता क्यों जानना चाहता था?
उत्तर:
चीन का राजा भारत पर आक्रमण करने के उद्देश्य से इसकी दिशा और रास्ता जानना चाहता था।
प्रश्न 2.
चीन के राजा ने सैनिकों की भर्ती क्यों शुरू कर दी?
उत्तर:
चीन के राजा ने अपने राज्य का विस्तार करने के लिए सैनिकों की भर्ती शुरू कर दी।
प्रश्न 3.
वृद्ध के साथी जोर-जोर से क्यों रोने लगे?
उत्तर:
चीन के सैनिकों ने वृद्ध को धमकी दी कि अगर भारत जाने की दिशा और रास्ता नहीं बताओगे तो सिर धड़ से अलग कर दिए जाएँगे। वृद्ध के साथियों को लगा कि अब हम अपनी जन्मभूमि कभी नहीं देख सकेंगे। इसलिए वे जोर-जोर से रोने लगे।
प्रश्न 4.
कलिंग के राजा ने गुप्त बैठक क्यों बुलाई?
उत्तर:
कलिंग के राजा ने अपने राज्य के बुद्धिमान व्यक्तियों से विचार-विमर्श करने के लिए गुप्त बैठक बुलाई।
प्रश्न 5.
कहानी के आधार पर बताइए, किसने किससे कहा?
उत्तर:
कथन | किसने कहा | किससे कहा |
(क) “ युद्ध सैनिक बल से नहीं बुद्धि बल से जीते जाते हैं।” | बुद्धिमान व्यक्ति ने | राजा से। |
(ख) ” भारत जाने की दिशा और किसने सही रास्ता बताओ।” | राजा ने | बंदियों से। |
(ग) “फल भी रास्ते में सुख गए। “ | दूसरे वृद्ध व्यक्ति ने | राजा से। |
बातचीत के लिए (पृष्ठ संख्या – 78)
प्रश्न 1.
कलिंग को किस प्रकार बचाया गया? क्या आपके पास भी कोई ऐसी योजना है जिससे कलिंग को बचाया जा सकता था?
उत्तर:
बुद्धिमान व्यक्तियों के सुझाव से कलिंग को बचाया गया। मेरे पास भी यही योजना है कि बुद्धिमान सैनिकों की व्यवस्था की जाए क्योंकि किसी पर भी विजय प्राप्त करने के लिए बुद्धि बल सर्वश्रेष्ठ होता है।
प्रश्न 2.
वृद्ध ने भारत की दूरी बताने के लिए क्या-क्या कहा? आप अपने घर से स्कूल की दूरी कैसे बताएँगे?
उत्तर:
एक वृद्ध ने कहा, “हमारा देश यहाँ से बहुत दूर है। जब हम सिंगापुर देखने के लिए चले थे तो जवान थे पहुँचते-पहुँचते बूढ़े हो गए, कितने साथी मर गए।” फिर अपने थैले में से सुइयाँ निकाल कर दिखाया और बोला कि पहले ये लोहे की छड़ें थीं। वर्षों की यात्रा में समुद्री हवा और पानी में गलते – गलते ये सुइयाँ बनकर रह गई। दूसरे वृद्ध ने अपने टोकरी से सूखा फल दिखाकर बोला- “ इस फल के बीज हम राजा को भेंट करने आए थे किंतु रास्ते में ही बीज वृक्ष बन गए। इसमें से फल भी निकल आए और रास्ते में ही सूख गए। ” हम अपने घर से स्कूल की दूरी किलोमीटर में बताएँगे।
आपकी कल्पना ( पृष्ठ संख्या – 78 )
1. सिंगापुर से कलिंग प्रदेश बहुत दूर था। लिखिए, ये चीजें सिंगापुर से कलिंग प्रदेश पहुँचते-पहुँचते कैसी हो जाएँगी-
(क) लोहे की छड़ – कील
(ख) चादर – ______
(ग) तरबूज़ – ______
(घ) तलवार – ______
उत्तर:
(क) लोहे की छड़ – कील
(ख) चादर – धागा
(ग) तरबूज़ – बीज
(घ) तलवार – सूई
भाषा की बात (पृष्ठ संख्या – 79 )
प्रश्न 1.
कोष्ठक में सामने दिए गए शब्दों का सही रूप लिखकर वाक्य पूरा कीजिए-
(क) पड़ोसी राजाओं ने बिना लड़े ही _____ मान ली। ( हारना)
(ख) राज्य के बुद्धिमान व्यक्तियों की एक बैठक _____। (बुलाना)
(ग) उसने शीघ्र उस पर काम शुरू _____ दिया। (करना)
(घ) राजा को वह सुझाव बहुत पसंद _____। (आना)
(ङ) फल भी रास्ते में _____ गए। (सूखना)
उत्तर:
(क) पड़ोसी राजाओं ने बिना लड़े ही हार मान ली।
(ख) राज्य के बुद्धिमान व्यक्तियों की एक बैठक बुलाई।
(ग) उसने शीघ्र उस पर काम शुरू कर दिया।
(घ) राजा को वह सुझाव बहुत पसंद आया।
(ङ) फल भी रास्ते में सूख गए।
प्रश्न 2.
जो शब्दांश किसी मूल शब्द के पीछे जुड़कर नया शब्द बनाते हैं और उनके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं, उन्हें ‘प्रत्यय’ कहते हैं।
जैसे- बुद्धि + मान = बुद्धिमान
पाठ में से ऐसे चार शब्द ढूँढ़कर लिखिए-
उत्तर:
(क) स्व + अभिमान = स्वाभिमान
(ख) उप + हार = उपहार
(ग) नि: + दयी = निर्दयी
(घ) अति + आचार = अत्याचार
जीवन मूल्य (पृष्ठ संख्या – 79)
किसी भी विकट परिस्थिति में यदि सोच- -समझकर समस्या का हल ढूंढा जाए तो शायद आसानी से मिल जाएगा। क्या आपको भी ऐसा लगता है? यदि हाँ! तो सोचकर बताइए कि क्या कभी आपने भी ऐसे ही सोच-समझकर समस्या सुलझाई है?
उत्तर:
छात्र / छात्राएँ स्वयं करें।
कुछ करने के लिए (पृष्ठ संख्या-79)
प्रश्न 1.
भारत में अनेक राजा हुए हैं। भारत के कुछ राजाओं और उनके बुद्धिमान मंत्रियों के कुछ रोचक किस्से कक्षा में सुनाइए।
उत्तर:
छात्र / छात्राएँ स्वयं करें।
प्रश्न 2.
संसार के भौगोलिक मानचित्र पर दर्शाइए कि कलिंग प्रदेश की नौका सिंगापुर के तट तक कितनी दूरी तय करके पहुँची होगी।
उत्तर:
छात्र / छात्राएँ स्वयं करें।
DAV Class 5 Hindi Ch 14 Solutions – बुद्धिमान राजा
1. बहुविकल्पीय प्रश्न
1. चीन का राजा कैसा था?
(क) दयालु
(ख) क्रूर
(ग) निर्दयी
(घ) परोपकारी
उत्तर:
(ग) निर्दयी
2. भारत के कलिंग प्रदेश की जानकारी हेतु चीन के राजा ने चारों दिशाओं में किसे भेजा ?
(क) सिपाही
(ख) मंत्री
(ग) दूत
(घ) नौकर
उत्तर:
(ग) दूत
3. कलिंग का राजा कैसा था?
(क) बुद्धिमान
(ख) शूरवीर
(ग) स्वाभिमान
(घ) उपर्युक्त तीनों।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त तीनों।
4. एक बड़ी नौका किस तट पर पहुँची?
(क) सिंगापुर
(ग) भारत
(ख) चीन
(घ) उपर्युक्त तीनों।
उत्तर:
(क) सिंगापुर
5. पहले वृद्ध ने अपने थैले में से क्या निकाला?
(क) सूई
(ग) बीज
(ख) तलवार
(घ) वृक्ष
उत्तर:
(क) सूई
II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
“ बुद्धिमान राजा” शीर्षक कहानी कितनी पुरानी है?
उत्तर:
‘बुद्धिमान राजा’ शीर्षक कहानी सैकड़ों वर्ष पुरानी है।
प्रश्न 2.
महामंत्री ने राजा को क्या सलाह दी?
उत्तर:
महामंत्री ने राजा को राज्य का विस्तार करने की सलाह दी।
प्रश्न 3.
बुद्धिमान व्यक्ति ने क्या कहा?
उत्तर:
बुद्धिमान व्यक्ति ने कहा- “युद्ध सैनिक बल से नहीं, बुद्धि बल से जीते जाते हैं।
प्रश्न 4.
सभी बंदी कैसे थे?
उत्तर:
सभी बंदी वृद्ध थे।
प्रश्न 5.
कलिंग कैसे बच गया?
उत्तर:
बुद्धिमान व्यक्तियों के सुझाव से कलिंग बच गया।
III. लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
बंदियों ने भारतीयों को पकड़कर क्या किया?
उत्तर:
बंदियों ने भारतीयों को पकड़कर राजा के दरबार में पेश किया और उनसे भारत जाने की दिशा और रास्ता पूछा।
प्रश्न 2.
राजा ने वृद्ध बंदियों को छोड़ने का आदेश क्यों दिया?
उत्तर:
राजा को लगा कि भारत जब इतनी दूर है तो वहाँ तक पहुँचते-पहुँचते हमारे सारे सैनिक बूढ़े हो जाएँगे। कुछ रास्ते में ही मर जाएंगे। अगर भारत पहुँच भी गए तो वापस आते हुए सब मर जाएंगे। इसलिए राजा ने वृद्ध बंदियों को छोड़ देने का आदेश दिया।
IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
हमारा देश भारत यहाँ से बहुत दूर है। इसे साबित करने के लिए बंदी वृद्धों ने क्या – क्या तर्क दिए?
उत्तर:
सबसे पहला तर्क यह था, “जब हम सिंगापुर देखने चले थे तब जवान थे। यहाँ पहुँचते-पहुँचते बूढ़े हो गए। अनेक साथी रास्ते में मर गए। ” एक वृद्ध अपने थैले से एक सूई निकालकर कहने लगा- “ जब हम चले थे तो ये लोहे की छड़ें थीं। वर्षों की यात्रा में समुद्री हवा और पानी में गलते – गलते ये सूइयाँ मात्र रह गई हैं। ” दूसरे वृद्ध ने एक फल दिखाकर कहा- ‘इस फल के बीज को मैं राजा को भेंट करने के लिए लेकर चला था। रास्ते में ही यह बीज वृक्ष बन गया। वृक्ष में फल भी लगे और रास्ते में ही सूख गए।” सेना को भारत की ओर कूच करने का आदेश दिया । उसकी सेना नदी-नाले, समुद्र पार करती, छोटे-बड़े राज्यों को रौंदती हुई आज के सिंगापुर तक पहुँच गई। उसने वहाँ पड़ाव डाल दिया। वहाँ नौकाओं, जहाजों तथा अस्त्र-शस्त्रों का निर्माण शुरू कर दिया। भारत के कलिंग प्रदेश के विषय में जानकारी प्राप्त करने के लिए उसने चारों दिशाओं में दूत भेज दिए।
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
I. एक पराजित राजा ने उसे भारत के कलिंग प्रदेश की समृद्धि के विषय में बताया। उसने अपनी
प्रश्न 1.
किसने भारत के कलिंग प्रदेश की समृद्धि के विषय में बताया?
उत्तर:
एक पराजित राजा ने भारत के कलिंग प्रदेश की समृद्धि के विषय में बताया।
प्रश्न 2.
चीन के राजा ने अपनी सेना को किधर कूच करने का आदेश दिया?
उत्तर:
चीन के राजा ने अपनी सेना को भारत की ओर कूच करने का आदेश दिया।
प्रश्न 3.
सेना कहाँ तक पहुँची?
उत्तर:
सेना आज के सिंगापुर तक पहुँची।
प्रश्न 4.
वहाँ उन लोगों ने किस चीज़ का निर्माण शुरु कर दिया?
उत्तर:
वहाँ उन लोगों ने नौकों, जहाजों तथा अस्त्र- शस्त्रों का निर्माण शुरू कर दिया।
प्रश्न 5.
दूत को किन-किन दिशाओं में भेजा गया?
उत्तर:
दूत को चारों दिशाओं में भेजा गया।
II. कलिंग के राजा को भी इस आक्रमण के बारे में जानकारी मिली। उसके पास प्रशिक्षित सेना थी। अच्छी सैन्य सामग्री थी। इसके बावजूद वह जानता था कि उसकी सेना आक्रमणकारी दल के सामने नहीं टिक पाएगी। उसका राज्य तहस-नहस हो जाएगा। वह बुद्धिमान, साहसी, शूरवीर और स्वाभिमानी था। उसने राज्य के बुद्धिमान व्यक्तियों ‘के की एक गुप्त बैठक बुलाई।
प्रश्न 1.
कलिंग के राजा के पास कैसी सेना थी?
उत्तर:
कलिंग के राजा के पास प्रशिक्षित सेना थी।
प्रश्न 2.
राजा कैसा था?
उत्तर:
राजा बुद्धिमान, साहसी, शूरवीर और स्वाभि- मानी था।
प्रश्न 3.
राजा ने कैसे व्यक्तियों की गुप्त बैठक बुलाई?
उत्तर:
राजा ने बुद्धिमान व्यक्तियों की एक गुप्त बैठक बुलाई
प्रश्न 4.
‘प्रशिक्षित’ का अर्थ क्या होता है?
उत्तर:
प्रशिक्षित का अर्थ है किसी कार्य को सीखा हुआ।
प्रश्न 5.
‘गुप्त’ का विलोम शब्द क्या होता है?
उत्तर:
‘गुप्त’ का विलोम ‘प्रकट’ होता है।
III. राजा को जब यह पता चला कि पकड़े गए व्यक्ति भारतीय हैं तो उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। उसने कड़क आवाज़ में बंदियों से कहा, “भारत जाने की दिशा और रास्ता बताओ। यदि नहीं बताया तो सिर धड़ से अलग कर दिए जाएँगे।” सभी बंदी वृद्ध थे। उनमें से एक ने बिना किसी भय के कहा, “महाराज भारत का रास्ता बताने में हमें कोई आपत्ति नहीं है। आप हमारे प्राण ले लें तो भी हमें कोई अंतर नहीं पड़ता। इस जन्म में तो हम अपनी जन्मभूमि कभी नहीं देख सकेंगे।”
प्रश्न 1.
पकड़े गए व्यक्ति कौन थे?
उत्तर:
पकड़े गए व्यक्ति भारतीय थे।
प्रश्न 2.
राजा ने बंदियों से क्या जानना चाहा?
उत्तर:
राजा ने बंदियों से भारत जाने की दिशा और रास्ता जानना चाहा।
प्रश्न 3.
राजा ने बंदियों को क्या धमकी दी?
उत्तर:
राजा ने बंदियों को धमकी दी कि यदि भारत जाने की दिशा और रास्ता नहीं बताओगे तो सिर धड़ से अलग कर दिए जाएँगे।
प्रश्न 4.
सभी बंदी कैसे थे?
उत्तर:
सभी बंदी वृद्ध थे।
प्रश्न 5.
‘भय’ का विलोम शब्द क्या होता है?
उत्तर:
‘भय’ का विलोम ‘निर्भय’ होता है।
IV. राजा ने वृद्ध बंदियों को छोड़ने का आदेश दिया। उसके बाद उसने अपने सहयोगियों से विचार-विमर्श करके कहा, “यदि भारत इतनी दूर है तो वहाँ तक पहुँचते-पहुँचते हमारे सैनिक बूढ़े हो जाएँगे। बहुत से रास्ते में ही मर जाएँगे। इसलिए हमें अब वापस लौट जाना चाहिए।”
प्रश्न 1.
राजा ने क्या आदेश दिया?
उत्तर:
राजा ने सभी बंदियों को छोड़ने का आदेश दिया।
प्रश्न 2.
राजा अपने सैनिकों के साथ क्यों वापस लौटना चाहता था?
उत्तर:
राजा जब समझ गया कि भारत बहुत दूर है, वहाँ जाते-जाते मेरे सभी सैनिक बूढ़े हो जाएँगे या मर जाएँगे। इसलिए वह वापस लौटना चाहता था।
प्रश्न 3.
उसने अपने सहयोगियों से विचार-विमर्श किया। इस वाक्य में ‘उसने’ किसके लिए आया है?
उत्तर:
इस वाक्य में ‘उसने’ शब्द राजा के लिए आया है।
प्रश्न 4.
इस गद्यांश में किस देश की चर्चा की गई है?
उत्तर:
इस गद्यांश में भारत की चर्चा की गई है।
प्रश्न 5.
‘आदेश’ का अर्थ क्या होता है?
उत्तर:
‘आदेश’ का अर्थ होता है- आज्ञा देना।
शब्दार्थ:
- सैकड़ों – सौ से अधिक।
- निर्दयी – क्रूर।
- आक्रमण – लड़ाई।
- कूच – युद्ध के लिए जाना।
- पराजित – हार।
- आदेश- आज्ञा।
- प्रशिक्षित – किसी कार्य को सीखा हुआ।
- गुप्त गोपनीय।
- सुझाव – सलाह।
- सहयोगी – सहयोग करने वाला।
बुद्धिमान राजा Summary in Hindi
पाठ-परिचय:
‘बुद्धिमान राजा’ शीर्षक पाठ की कहानी सैकड़ों वर्ष पुरानी है। इस कहानी के माध्यम से दो देशों के राजाओं तथा उनके राज्यों के बारे में बताया गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि कोई 160 हिंदी-भी युद्ध सैनिक बल से नहीं अपितु बुद्धि बल से जीते जाते हैं।
पाठ का सारांश:
चीन का राजा अपनी प्रजा पर तरह-तरह के अत्याचार करता था। एक बार उसने महामंत्री के सुझाव पर अपने राज्य को बढ़ाने के लिए सेना में सैनिकों की भर्ती प्रारंभ कर दी। फिर आस-पास के पड़ोसी राज्यों पर आक्रमण करने का आदेश दिया। विनाश और हिंसा से बचने के लिए पड़ोसी राजाओं ने बिना लड़े ही हार मान ली । एक पराजित राजा ने उसे भारत के कलिंग प्रदेश की समृद्धि के बारे में बताया। उसकी सेना तत्काल नदी-नाले, समुद्र पार करती, छोटे-बड़े राज्यों को रौंदती हुई सिंगापुर तक पहुँच गई। भारत के कलिंग प्रदेश के विषय में जानकारी प्राप्त करने के लिए चारों दिशाओं मेंदूत भेज दिया गया।
कलिंग के राजा के पास प्रशिक्षित सेना और अच्छी सैन्य सामग्री थी। इसके बावजूद वे जानते थे कि उसकी सेना आक्रमणकारी दल के सामने नहीं टिक पाएगी। उनका राज्य तहस-नहस हो जाएगा। राजा बुद्धिमान, साहसी, शूरवीर और स्वाभिमानी था। उसने निश्चय किया कि इस युद्ध को सैनिक बल से नहीं बुद्धि बल से जीतेंगे। कुछ दिनों के बाद एक बड़ी नौका सिंगापुर तट पर पहुँची। चीनी सैनिकों ने नौका में सवार व्यक्तियों को बंदी बना लिया। वे सभी भारतीय थे। उन्हें राज्य के दरबार में पेश किया गया। राजा की खुशी का ठिकाना न रहा। उसने उन बंदियों से भारत जाने की दिशा और सही रास्ते के बारे में पूछा किंतु सभी भारतीय बंदियों ने अपनी बुद्धिमानी से यह साबित कर दिया कि भारत देश यहाँ से बहुत दूर है।
वहाँ जाते-जाते व्यक्ति या तो रास्ते में ही मर जाएगा या बूढ़ा हो जाएगा। अब राजा ने सभी वृद्ध भारतीय बंदियों को छोड़ देने का आदेश दिया और अपने सहयोगियों से विचार-विमर्श करके वापस लौट आया। इस प्रकार से बुद्धिमान व्यक्तियों के सुझाव से कलिंग बचाया गया। सच कहा गया है – बुद्धि बल से बड़ा कोई बल नहीं।