DAV Class 5 Hindi Chapter 12 Question Answer – मनभावन सावन

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DAV Class 5 Hindi Chapter 12 Question Answer – मनभावन सावन

DAV Class 5 Hindi Ch 12 Question Answer – मनभावन सावन

कविता में से (पृष्ठ संख्या – 68 )

प्रश्न 1.
सावन के महीने में आपके आस-पास के वातावरण में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं?
उत्तर:
सावन के महीने में हमारे आस-पास के वातावरण में हरियाली दिखाई देती है। नदी-नाले पानी से भर जाते हैं। रिमझिम रिमझिम बारिश होती रहती है तथा मौसम सुहावना हो जाता है।

प्रश्न 2.
वर्षा आने पर कौन-से पशु-पक्षी अधिक प्रसन्न दिखाई देते हैं?
उत्तर:
मेंढ़क, चातक, मोर और झींगुर अधिक प्रसन्न दिखाई देते हैं।

DAV Class 5 Hindi Chapter 12 Question Answer - मनभावन सावन

प्रश्न 3.
कविता में किन-किन पेड़ों के नाम आए हैं?
उत्तर:
कविता में ताड़ तथा नीम के पेड़ों के नाम आए हैं।

प्रश्न 4.
पकड़ वारि की धार मनभावन।
(क) कवि का मन कैसे झूल रहा है?
उत्तर:
सावन कवि का मन जलधारा की तरह झूल रहा है।

(ख) इंद्रधनुष कितना बड़ा है?
उत्तर:
इंद्रधनुष झूले जैसा बड़ा

बातचीत के लिए (पृष्ठ संख्या – 68 )

प्रश्न 1.
यदि साल भर वर्षा न हो, तो जीवन कैसे चलेगा?
उत्तर:
यदि साल भर वर्षा न हो तो जीवन चलना मुश्किल हो जाएगा। पानी का अभाव हो जाएगा। फसलें सूख जाएंगी। लोग भोजन और पानी के अभाव में मरने लगेंगे।

प्रश्न 2.
आपको कौन-सा मौसम अच्छा लगता है, क्यों?
उत्तर:
हमें वसंत का मौसम अच्छा लगता है। इस मौसम में न अधिक जाड़ा पड़ता है, न अधिक गर्मी। मौसम अत्यंत सुहावना रहता है।

आपकी कल्पना ( पृष्ठ संख्या-68)

प्रश्न 1.
हल्की-हल्की वर्षा की रिमझिम फुहार और सामने इन्द्रधनुष है और इन्द्रधनुष के झूले पर आप और आपके मित्र/ सखियाँ ! इस दृश्य की कल्पना कीजिए और वर्णन कीजिए।
उत्तर:
छात्र / छात्राएँ स्वयं करें।

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प्रश्न 2.
मूसलाधार बरसात हो रही है, स्कूल की छुट्टी हो गई, अब पैदल घर कैसे जाएँ?
उत्तर:
मूसलाधार बारिश में भीगते हुए एवं वर्षा का आनंद लेते हुए पैदल घर जाएँगे।

भाषा की बात (पृष्ठ संख्या-68-69)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के उचित बहुवचन रूप पर सही (✓) का निशान लगाइए-
DAV Class 5 Hindi Chapter 12 Question Answer - मनभावन सावन 1
उत्तर:
बूँद – बूँदें  (✓)
कली – कलियाँ (✓) 
सखी – सखियाँ (✓) 
लहर – लहरें (✓) 

प्रश्न 2.
कविता में कई बार ऐसे शब्दों का प्रयोग होता है जो किन्हीं आवाज़ों का अहसास कराती हैं। ‘मनभावन सावन’ में ऐसे शब्दों का भरपूर प्रयोग है। नीचे लिखे शब्दों को उनकी आवाज से मिलाइए-
DAV Class 5 Hindi Chapter 12 Question Answer - मनभावन सावन 2
उत्तर:

रिमझिम रिमझिम बूँदों के स्वर
छम – छम गिरती बूँदें
तड़ – तड़ पड़ती धार
चम – चम बिजली की चमक
घुमड़ – घुमड़ मेघ की गर्जन

जीवन मूल्य (पृष्ठ संख्या – 69 )

सावन का महीना सभी के मन को बहुत भाता है। इस महीने में झूला भी झूला जाता है। सभी बहुत खुश रहते हैं।

प्रश्न 1.
हम दूसरों को किस प्रकार खुशी दे सकते हैं?
उत्तर:
हम दूसरों को उसकी मदद करके तथा खुश रखकर खुशी दे सकते हैं।

DAV Class 5 Hindi Chapter 12 Question Answer - मनभावन सावन

प्रश्न 2.
दूसरों को खुशी देने से हमें कैसा लगता है और क्यों?
उत्तर:
दूसरों को खुशी देने से हमें अच्छा लगता है क्योंकि दूसरों की खुशी में ही हमारी खुशी छिपी होती है।

कुछ करने के लिए (पृष्ठ संख्या – 69 )

प्रश्न 1.
सावन में घर में कौन-कौन सी विशेष चीजें बनती हैं? उनकी सूची बनाइए। अपनी पसंद की किसी एक चीज़ को बनाने की विधि भी लिखिए-

सूच खीर बनाने की विधि :
पकौड़ी सबसे पहले चावल को धोकर रख देंगे। दूध को चूल्हे पर उबालेंगे। उसके बाद उसमें चावल पक जाने पर चीनी तथा छोटी इलायची डालकर मिला देंगे। इस प्रकार खीर बनकर तैयार हो जाएगी।
खीर
पूरी
सब्जी
चाय

DAV Class 5 Hindi Ch 12 Solutions – मनभावन सावन

I. अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
‘मनभावन सावन’ में कवि क्या चाहते हैं?
उत्तर:
‘मनभावन सावन’ शीर्षक कविता में कवि चाहते हैं कि यह सावन उनके जीवन में बार-बार आए।

प्रश्न 2.
सावन की बूँदें जब हमें छूती हैं तो क्या होता है?
उत्तर:
सावन की बूँदें जब हमें छूती हैं तो हमारे रोएँ सिहर उठते हैं।

DAV Class 5 Hindi Chapter 12 Question Answer - मनभावन सावन

प्रश्न 3.
कवि सबसे क्या आग्रह करते हैं?
उत्तर:
कवि यह आग्रह करते है कि सावन में सब मिलकर इन्द्रधनुष के झूले में झूलें।

II. लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सावन में बादल क्या क्या करते हैं?
उत्तर:
सावन में बादल झम झम बरसते हैं और बादलों के बीच में बिजली चमकती है, जिससे दिन में ही अँधेरा छा जाता है।

प्रश्न 2.
कविता के अंत में कवि क्या कहते हैं? कविता के अंत में कवि कहते हैं कि इस जल की धारा को पकड़कर मेरा मन भी झूम उठता है। वे चाहते हैं कि ऐसा मनभावन सावन उनके जीवन में बार-बार आए।
उत्तर:
सावन की बूँदें जब हमें छूती हैं तो हमारे रोएँ सिहर उठते हैं।

प्रश्न 3.
कवि सबसे क्या आग्रह करते हैं?
उत्तर:
कवि यह आग्रह करते है कि सावन में सब मिलकर इन्द्रधनुष के झूले में झूलें।

II. लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सावन में बादल क्या-क्या करते हैं?
उत्तर:
सावन में बादल झम-झम बरसते हैं और बादलों के बीच में बिजली चमकती है, जिससे दिन में ही अँधेरा छा जाता है।

प्रश्न 2.
कविता के अंत में कवि क्या कहते हैं?
उत्तर:
कविता के अंत में कवि कहते हैं कि इस जल की धारा को पकड़कर मेरा मन भी झूम उठता है। वे चाहते हैं कि ऐसा मनभावन सावन उनके जीवन में बार-बार आए।

III. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सावन के महीने में क्या-क्या होता है?
उत्तर:
सावन के महीने में बारिश होती रहती है। चारों ओर हरियाली छा जाती है। नदी-नाले पानी से भर जाते हैं। चारों ओर जल ही जल दिखाई देता है। कहीं मेंढ़क की टर्र-टर्र की आवाज़ सुनाई देती है तो कहीं झींगुर की झनकार सुनाई पड़ती है। ठंडी-ठंडी हवा चलती है। आकाश में बादल उमड़ते-घूमड़ते रहते हैं। कभी बिजली चमकती है तो कभी अंधेरा हो जाता है। जीव-जंतु अपनी प्रसन्नता नाच-गाकर व्यक्त करते हैं।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

I. झम झम झम झम मेघ बरसते हैं सावन के छम-छम छम गिरती बूँदें तरुओं से छन के चम चम बिजली चमक रही रे उर में घन के थम-थम दिन के तम में सपने जगते मन के । पंखों से रे, फैले ताड़ों के दल लंबी-लंबी अंगुलियाँ हैं चौड़े करतल, तड़ पड़ पड़ती धार वारि की उन पर चंचल टप -टप झरती, कर- मुख से जल बूँदें झलमल। नाच रहे पागल हो ताली दे-दे चल-चल झूम-झूम सिर नीम हिलाती सुख से विह्वल हरसिंगार झरते, बेला – कालि बढ़ती प्रतिपल हँसमुख हरियाली में खगकुल गाते मंगल।

प्रसंग: प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘भाषा – माधुरी’ में संकलित ‘मनभावन सावन’ पाठ से ली गई हैं। इस कविता के कवि सुमित्रानंदन पंत ने सावन की ऋतु का बखान किया है।

व्याख्या: ‘मनभावन सावन’ शीर्षक कविता में कवि सुमित्रानंदन पंत सावन की ऋतु का वर्णन कर यह बता रहे हैं कि सावन में बादल झम-झम बरसते हैं और पेड़ों से छम-छम बूँदें टपकती हैं। बादलों के बीच में बिजली चमकती है और दिन में ही अंधेरा सा लगने लगता है। लेकिन इसी अंधकार में रुक-रुककर हमारे मन में सपने और इच्छाएँ भी उठती रहती हैं। पंखों के समान फैले पेड़ों के दल जिनकी अंगुलियाँ लंबी-लंबी और हथेलियाँ चौड़ी हैं उन पर चंचल बूँदों की धार तेजी से गिर रही है। सभी पेड़ आनंदमग्न होकर सिर हिलाकर झूमने लगते हैं। पक्षी भी मधुर मधुर गीत गाने लगते हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. इस कविता का शीर्षक क्या है?
(क) मौसम
(ख) पेड़
(ग) मनभावन सावन
(घ) नदी यहाँ पर।
उत्तर:
(ग) मनभावन सावन

2. इस कविता के कवि हैं-
(क) सुमित्रानंदन पंत
(ख) जयशंकर प्रसाद
(ग) हरिवंश राय ‘बच्चन’
(घ) सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’।
उत्तर:
(क) सुमित्रानंदन पंत

3. इस कविता में किस ऋतु का वर्णन किया गया है?
(क) जाड़ा
(ख) गर्मी
(ग) वसंत
(घ) सावन
उत्तर:
(घ) सावन

4. किस ऋतु में दिन में ही अंधेरा छाने लगता है?
(क) जाड़ा
(ख) सावन
(ग) गर्मी
(घ) वसंत
उत्तर:
(ख) सावन

5. इनमें से जल का पर्याय कौन नहीं है?
(क) वारि
(ग) पेय
(ख) पानी
(घ) वायु
उत्तर:
(घ) वायु

DAV Class 5 Hindi Chapter 12 Question Answer - मनभावन सावन

II. दादुर टर-टर करते, झिल्ली बजती झन-झन ‘म्याव’ ‘म्याव’ रे मोर ‘पीउ’ ‘पिउ’ चातक के गण, उड़ते सोनबलाक आर्द्र मुख से कर क्रंदन घुमड़-घुमड़ घिर मेघ गगन में भरते गर्जन। रिमझिम रिमझिम क्या कुछ कहते बूँदों के स्वर रोम सिहर उठते छूते वे भीतर अंतर धाराओं पर धाराएँ झरतीं धरती पर रज के कण-कण में तृण-तृण को पुलकावलि भर | पकड़ वारि की धार झूलता है मेरा मन आओ रे सब मुझे घेरकर गाओ सावन, इंद्रधनुष के झूले में झूलें मिल सब जन फिर-फिर आए जीवन में सावन मनभावन।

प्रसंग: प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘मनभावन सावन’ शीर्षक पाठ से ली गई हैं। इस कविता के कवि सुमित्रानंदन पंत जी हैं। इन पंक्तियों में यह दर्शाया गया है कि सावन के महीने में सारे जीव-जंतुओं की क्या स्थिति हो जाती है।

व्याख्या: सावन के महीने में मेंढक टर्र-टर्र करते हैं तथा झिंगुर की झनझनाहट सुनाई देती है। मोर भी अपनी आवाज़ में गाता है तथा चातक पीउ – पीउ करता है। बादल आकाश में उमड़-घुमड़कर गरजते हैं। सावन की बूँदें जब हमें छूती हैं तब हमारे रोएँ सिहर उठते हैं। ये बूँदें हमारे हृदय को भी छू लेती हैं। बारिश की बूँदें मिट्टी के कण-कण तथा तिनके तिनके को खुशी से भर देती है । कवि कहते हैं कि इस जलधारा को पकड़कर मेरा मन भी झूम उठता है। वे सबको अपने पास बुलाकर सावन के गीत गाने को कहते हैं तथा यह भी आग्रह करते हैं कि सावन में सब मिलकर इन्द्रधनुष के झूले में झूलें। वे चाहते हैं कि ऐसा मनभावन सावन जीवन में बार-बार आए।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. मेंढ़क कैसे बोलता है?
(क) टर्र-टर्र
(ख) पीठ पीठ
(ग) म्याव म्याव
(घ) झन झन।
उत्तर:
(क) टर्र-टर्र

2. झींगुर की झंकार कब सुनाई पड़ती है?
(क) जाड़ा में
(ख) गर्मी में
(ग) बरसात में
(घ) वसंत में।
उत्तर:
(ग) बरसात में

3. चातक कैसे बोलता है?
(क) टर्र-टर्र
(ख) पीउ-पीठ
(ग) म्याव म्याव
(घ) झन-झन ।
उत्तर:
(ख) पीउ-पीठ

4. ‘रोम’ का अर्थ क्या होता है?
(क) रोआँ
(ग) बाल
(ख) त्वचा
(घ) शरीर
उत्तर:
(क) रोआँ

5. ‘गगन’ का पर्याय इनमें से कौन नहीं है?
(क) वायु
(ग) आकाश
(ख) नभ
(घ) अंबर
उत्तर:
(क) वायु

शब्दार्थ:

  • तरु- पेड़।
  • तम – अंधकार।
  • ताड़ – एक पेड़।
  • दल – समूह।
  • करतल – हथेली।
  • वारि – जल।
  • विह्वल – बेचैन।
  • खगकुल – पक्षियों।
  • झिल्ली – झिंगुर।
  • दादुर – मेंढक।
  • झिल्ली – झिंगुर।
  • गण – समूह।
  • आर्द्र – नम।
  • क्रंदन – रोना।
  • अंतर – मन का भीतरी कोना।
  • स्वर – आवाज़।
  • रोम – रोआँ।
  • मनभावन – मन को भाने वाला।

मनभावन सावन Summary in Hindi

पाठ – परिचय:
कवि सुमित्रानंदन पंत अपनी कविता ‘मनभावन सावन’ के माध्यम से सावन ऋतु का वर्णन कर रहे हैं। सावन में बादल बरसता है, बिजली चमकती है। जीव-जंतु अपनी प्रसन्नता को नाच-गाकर व्यक्त करते हैं। चारों ओर हरियाली छा जाती है और हमारे मन को प्रसन्नता से भर देती है। कवि चाहते हैं कि यह सावन उनके जीवन में बार- बार आए।

पाठ का सारांश:
‘मनभावन सावन’ शीर्षक कविता में कवि सुमित्रानंदन पंत सावन की ऋतु का वर्णन कर रहे हैं। सावन में बादल झम झम बरसते हैं और पेड़ों से छम-छम बूँदें टपकती हैं। बादलों के बीच में बिजली चमकती है और दिन में ही अँधेरा सा लगने लगता है। लेकिन इसी अंधकार में रुक-रुककर हमारे मन में सपने और इच्छाएँ भी उठती रहती हैं। पंखों के समान फैले पेड़ों के दल जिनकी अंगुलियाँ लंबी-लंबी और हथेलियाँ चौड़ी हैं उन पर चंचल बूँदों की धार तेजी से गिर रही है। है। हरसिंगार झरने लगता है और बेला आदि के पौधे तेजी से बढ़ते हैं। पक्षी अच्छे गीत गाने लगते हैं।

मेंढक टर्र-टर्र करते हैं और झींगुर झन झन की आवाज़ करते हैं। मोर भी अपनी आवाज़ में गाता है और चातक पक्षी पीठ पीठ करते हैं। बादल आकाश में उमड़-घुमड़ कर गरजते हैं। सावन की बूँदें जब हमें छूती है तो हमारे रोम-रोम सिहर उठते हैं। ये बूँदें हमारे हृदय को भी छू लेती हैं। धरती पर बारिश की धारा गिरती रहती है और मिट्टी के कण-कण तथा तिनके-तिनके को खुशी से भरती रहती है। कवि कहते हैं कि इस जल की धारा को पकड़कर मेरा मन भी झूम उठता है। कवि सबको अपने पास बुलाकर सावन के गीत गाने के लिए कहते हैं और यह भी आग्रह करते हैं कि सावन में सब मिलकर इन्द्रधनुष के झूले में झूलें। वे चाहते हैं कि ऐसा मनभावन सावन जीवन में बार-बार आए।