Detailed explanations in DAV Class 4 Hindi Book Solutions and DAV Class 4 Hindi Chapter 16 Question Answer – ऐसे भी बच्चे offer clarity on challenging language concepts.
DAV Class 4 Hindi Chapter 16 Question Answer – ऐसे भी बच्चे
DAV Class 4 Hindi Ch 16 Question Answer – ऐसे भी बच्चे
पाठ में से
1. पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए-
(क) लोग तो रात में सपने देखते हैं, तू तो दिन में ही सपने देखने लगा।
(i) मोती ने हीरा से ऐसा क्यों कहा?
उत्तर :
हीरा ने मोती से कहा कि मैं सुबह जब इन बच्चों को स्कूल जाते देखता हूँ तो सोचता हूँ कि क्या मेरे कंधे पर भी कभी बस्ता होगा? इस बात को सुनकर मोती ने कहा कि तू तो दिन में ही सपने देखने लगा है।
(ii) आप कौन-कौन से सपने देखते हैं?
उत्तर :
हम सपने देखते हैं कि पढ़-लिखकर एक ऐसा नागरिक बनें जो घर, समाज तथा देश की सेवा कर सके। समाज में अपनी एक अच्छी पहचान बना सके।
(ख) गप्पे मारना बंद करो और धंधे पर चलो।
(i) पन्ना किस धंधे की बात कर रही थी?
उत्तर :
पन्ना रद्दी कागज इकट्ठा कर बोरी में भर कर मालिक के पास जमा करने की बात कर रही थी।
(ii) पन्ना को कौन-सी चिंता सता रही थी?
उत्तर :
पन्ना को यह चिंता सता रही थी कि अगर काम ढंग से नहीं किया गया तो घर में चूल्हा नहीं जल पाएगा।
(ग) हो सकता है ये बच्चे हमसे अधिक योग्य और बुद्धिमान हों।
(i) ‘ये बच्चे’ किसके लिए प्रयोग हुआ है?
उत्तर :
‘ये बच्चे’ उन बच्चों के लिए प्रयुक्त हुआ है जो सड़क पर कूड़ा-कचरा इकट्ठा करके अपनी जीविका चलाते हैं।
(ii) अर्चना ने बच्चों के बारे में ऐसा क्यों कहा?
उत्तर :
गरीबी के कारण ये बच्चे बचपन में ही कमाई करने के लिए मजबूर हो जाते हैं। अगर इन्हें मौका मिले तो ये भी हमारी तरह पढ़-लिख सकते हैं। इनकी आँखें बताती हैं कि ये भी पढ़ने का सपना देखते हैं। इनकी सभी बातों को ध्यान में रखकर अर्चना ने इन बच्चों के बारे में ऐसा कहा।
2. कोष्ठक से सही शब्द चुनकर रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए-
(क) स्कूल जाते …….. को ये सदा टकटकी लगाकर देखते थे। (लोगो/बच्चों)
(ख) दोपहर बाद ……. के ढाबे के बाहर मिलेंगे। (राजू/पहलवान)
उत्तर :
(क) बच्चों
(ख) पहलवान
बातचीत के लिए
प्रश्न 1.
कुछ बच्चे पढ़-लिख क्यों नहीं पाते?
उत्तर :
कुछ बच्चे गरीबी के कारण बचपन में ही पैसा कमाने के लिए मजबूर हो जाते हैं और वे बच्चे पढ़-लिख नहीं पाते।
प्रश्न 2.
जो बच्चे पढ़ नहीं पाते उन्हें किस प्रकार की परेशानियाँ आती होंगी?
उत्तर :
जो बच्चे पढ़ नहीं पाते उनके जीवन में कई तरह की परेशानियाँ आती हैं। वे स्वावलंबी नहीं बन पाते। उन्हें अच्छे-बुरे की पहचान नहीं हो पाती। उनके अंदर आत्मविश्वास नहीं रह पाता। समाज में उनकी सही पहचान नहीं बन पाती। वे समाज तथा घर में सम्मान पाने से वंचित रह जाते हैं।
आपकी बात
प्रश्न 1.
स्कूल में पढ़ने के लिए आपको जिन-जिन चीज़ों की ज़रूरत होती है, उन्हें लिखिए-
(क) _______________________
(ख) _______________________
(ग) _______________________
(घ) _______________________
(ङ) _______________________
उत्तर :
(क) बैग
(ख) कॉपी
(ग) किताब
(घ) पेंसिल
(ङ) रबर
प्रश्न 2.
‘बाल मज़दूरी’ के बारे में कक्षा में चर्चा कीजिए।
उत्तर :
छात्र/छात्राएँ स्वयं करें।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
दिए गए उदाहरणों की तरह खाली स्थान में सही शब्द लिखिएफटे-पुराने, पढ़ना-लिखना।
(क) इधर – _________
(ख) लेना – _________
(ग) सुबह – _________
(घ) रात – __________
उत्तर :
(क) इधर – उधर
(ख) लेना – देना
(ग) सुबह – शाम
(घ) रात – दिन
प्रश्न 2.
पाठ में से पूर्ण विराम (।) तथा प्रश्न सूचक (?) वाले दो-दो वाक्य छाँटकर लिखिए-
पूर्ण विराम (क) ____________
(ख) ____________
प्रश्नसूचक (क) __________
(ख) ___________
उत्तर :
पूर्ण विराम : (क) चलो अब धंधा शुरू करो।
(ख) आकाश में बादल घिर आए हैं।
प्रश्न सूचक : (क) क्या मेरे कंधे पर भी कभी बस्ता होगा?
(ख) क्या तुम स्कूल जाओगे?
जीवन मूल्य
प्रश्न 1.
ऐसे अनेक बच्चे हैं जो कूड़ा बीनते हैं, जिन्हें खाने-पीने के लिए चीज़ें नहीं मिलतीं। ऐसे बच्चों की मदद हम किस प्रकार कर सकते हैं?
उत्तर :
वैसे बच्चों के लिए हम अपनी जेब खर्च से कुछ पैसे बचाकर उनको सहयोग करेंगे तथा उन्हें पढ़ने-लिखने के फायदे से अवगत कराऐंगे। ऐसा करने के लिए हम अपने साथियों को भी उत्साहित करेंगे।
प्रश्न 2.
यदि आप किसी बहुत छोटे बच्चे को ढाबे पर या किसी दुकान में काम करते देखेंगे तो क्या करेंगे और क्यों?
उत्तर :
यदि किसी छोटे बच्चे को ढाबे पर काम करते देखेंगे तो हम उन्हें पढ़ने-लिखने से होने वाले फायदे के बारे में बताएँगे। साथ ही उन्हें यह भी बताएँगे कि पढ़-लिख कर वे देश के एक जिम्मेदार नागरिक बन सकते हैं।
कुछ करने के लिए
प्रश्न 1.
अपने घर के आस-पास जो बच्चे स्कूल नहीं जाते, उन्हें पार्क में इकट्ठा करके स्कूल जाने के फ़ायदों के बारे में बताइए।
उत्तर :
छात्र/छात्राएँ स्वयं करें।
प्रश्न 2.
विभिन्न चेहरों को देखकर बताइए कौन कैसा दिखता है?
उत्तर :
1. सो रहा है।
2. हँस रहा है।
3. मुस्कुरा रहा है।
3. गुस्सा में है।
4. रो रहा है।
DAV Class 4 Hindi Ch 16 Solutions – ऐसे भी बच्चे
I. बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
कुछ बच्चे कहाँ जा रहे थे?
(क) स्कूल
(ख) मंदिर
(ग) स्टेशन
(घ) घर
उत्तर :
(क) स्कूल
प्रश्न 2.
बच्चे कैसे कपड़े पहने हुए थे?
(क) सूती
(ख) रेशमी
(ग) ऊनी
(घ) खादी
उत्तर :
(ग) ऊनी
प्रश्न 3.
किसने कहा-मेरी ही कमाई से चूल्हा जलता है?
(क) हीरा
(ख) पन्ना
(ग) मोती
(घ) अर्चना
उत्तर :
(ख) पन्ना
प्रश्न 4.
किसने कहा- “अगर कमाएँगे नहीं तो खाएँगे क्या? नहीं, हम स्कूल नहीं जा सकते।”
(क) मोती
(ख) मनोज
(ग) हीरा
(घ) पन्ना
उत्तर :
(ग) हीरा
प्रश्न 5.
शाम को किसके घर के आँगन में तीनों बच्चे इकट्ठा होते हैं?
(क) अर्चना
(ख) पन्ना
(ग) तुषार
(घ) हीरा
उत्तर :
(क) अर्चना
प्रश्न 6.
किसके पिता ने डाँटना शुरू किया?
(क) पन्ना
(ख) हीरा
(ग) मोती
(घ) अर्चना
उत्तर :
(ख) हीरा
प्रश्न 7.
अब तो मैं ही नहीं, मेरे साथी भी पढ़ना-लिखना सीखेंगे?
(क) पन्ना
(ख) हीरा
(ग) मोती
(घ) अर्चना
उत्तर :
(क) पन्ना
II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
सड़क पर कुछ अधनंगे बच्चे नंगे पाँव, कंधे पर बोरी लिए क्या कर रहे थे?
उत्तर :
अधनंगे बच्चे फटे-पुराने कागजों के टुकड़े और प्लास्टिक की गंदी थैलियाँ चुन रहे थे।
प्रश्न 2.
उन बच्चों के चेहरे मुरझाए और होंठ सूखे क्यों थे?
उत्तर :
भूख और ठंड के कारण उन बच्चों के चेहरे मुरझाए एवं होंठ सूखे थे।
प्रश्न 3.
हीरा ने मोती से क्या कहा?
उत्तर :
हीरो ने मोती से कहा कि जब मैं सुबह में बच्चों को स्कूल जाते देखता हूँ तो सोचता हूँ कि क्या मेरे कंधे पर भी कभी बस्ता होगा?
प्रश्न 4.
पन्ना ने हीरा और मोती से क्या कहा?
उत्तर :
पन्ना ने हीरा और मोती से कहा कि अगर बोरी भरकर माल इकट्ठा नहीं किया तो घर में चूल्हा नहीं जलेगा। इसलिए गप्पें मारना बंद करो और धंधे पर चलो।
प्रश्न 5.
दुर्घटना में किसके बापू मर गए हैं?
उत्तर :
दुर्घटना में पन्ना के बापू मर गए हैं।
प्रश्न 6.
अर्चना का भाई कहाँ पढ़ता था? उसने सड़क के बच्चों के लिए क्या किया?
उत्तर :
अर्चना का भाई कॉलेज में पढ़ता था। उसने सड़क के बच्चों को पढ़ाना शुरू किया।
III. लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
अर्चना ने जब बच्चों से कहा कि क्या तुम स्कूल जाओगे तो बच्चों ने क्या कहा?
उत्तर :
सभी बच्चे एक स्वर में बोलने लगे-नहीं, क्योंकि अगर हम स्कूल जाएँगे तो कमाएगे कैसे? अगर कमाएँगे नहीं तो खाएँगे क्या? फिर बच्चों ने संभल कर यह भी कहा-अगर कमाई और पढ़ाई दोनों एक साथ हों तो हम स्कूल जा सकते हैं।
प्रश्न 2.
तुषार झिड़कते हुए उन बच्चों के बारे में क्या कहता है?
उत्तर :
तुषार झिड़कते हुए कहता है हमलोगों और इनमें सिर्फ इतना ही अंतर है कि हमारे माता-पिता हमारी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं, इनके नहीं। इसीलिए इनके जीवन में दुखों और अभावों का भंडार है।
प्रश्न 3.
मनोज ने लोगों को क्या समझाया?
उत्तर :
मनोज ने लोगों को समझाया-यदि ये बच्चे पढ़-लिख लेंगे तो कोई इन्हें लूट नहीं पाएगा। बड़े होने पर ये अपने बच्चों की देख-भाल भी अच्छी तरह से कर सकेंगे।
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
I. एक सुबह। कुछ विद्यार्थी अपने-अपने कंधों पर बस्ते लटकाए स्कूल जा रहे थे। उनके चेहरों पर उत्साह और प्रसन्नता थी। सरदी के कारण उन्होंने ऊपर से नीचे तक ऊनी वस्त्र पहने हुए थे। उसी सड़क पर कुछ अधनंगे बच्चे, नंगे पाँव, कंधे पर फटी बोरी टाँगे, फटे-पुराने काग़ाज़ों के टुकड़े, इधर-उधर बिखरी प्लास्टिक की गंदी थैलियाँ चुन रहे थे।
(क) एक सुबह बच्चे कहाँ जा रहे थे?
उत्तर :
एक सुबह बच्चे स्कूल जा रहे थे।
(ख) बच्चे अपने-अपने कंधे पर क्या लटकाए थे?
उत्तर :
बच्चे अपने-अपने कंधों पर बस्ते लटकाए थे।
(ग) बच्चों के चेहरे पर क्या थी?
उत्तर :
बच्चों के चेहरे पर उत्साह और प्रसन्नता थी।
(घ) बच्चे ऊपर से नीचे तक क्या पहने थे?
उत्तर :
बच्चे ऊपर से नीचे तक ऊनी वस्त्र पहने हुए थे।
(ङ) उसी सड़क पर कुछ बच्चे क्या कर रहे थे?
उत्तर :
उसी सड़क पर कुछ बच्चे काग़ज़ों के टुकड़े और प्लास्टिक की गंदी थैलियाँ चुन रहे थे।
II. अर्चना: (अपने साथियों से) जब मैं कड़कती ठंड में इन बच्चों को देखती हूँ तो लगता है, इनका कोई बचपन नहीं है। गरीबी के कारण इन्हें बचपन में ही कमाने को मजबूर होना पड़ता है। हो सकता है ये बच्चे हमसे अधिक योग्य और बुद्धिमान हों?
(क) अर्चना अपने साथियों से क्या कहती है?
उत्तर :
अर्चना अपने साथियों से कहती है-“जब मैं इन बच्चों को देखती हूँ तो लगता है कि इनका कोई बचपन नहीं है।”
(ख) किस प्रकार के बच्चों को कमाने के लिए मजबूर होना पड़ता है?
उत्तर :
गरीब बच्चों को कमाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
(ग) अर्चना उन बच्चों के बारे में क्या सोचती है?
उत्तर :
अर्चना उन बच्चों के बारे में सोचती है कि ये बच्चे हमसे भी अधिक योग्य और बुद्धिमान हो सकते हैं।
(घ) ‘जब मैं इन बच्चों को देखती हूँ, तो लगता है इनका कोई बचपन नहीं है।’ इन वाक्यों में ‘मै’ शब्द किसके लिए आया है?
उत्तर :
इन वाक्यों में ‘मैं’ शब्द अर्चना के लिए आया है।
(ङ) इस गद्यांश में किस मौसम का वर्णन किया गया है?
उत्तर :
इस गद्यांश में सरदी के मौसम का वर्णन किया गया है।
शब्दार्थः
- उत्साह – खुशी
- मुझाए – सूखे
- रद्दी – बेकार
- मनचाहा – मन के अनुकूल
- धंधा – काम
- इकट्ठा – एकत्र
- चौपट – नष्ट
- खीझ – चिढ़ना
- झिझक – संकोच
- अभाव – कमी
- संकेत – ईशारा।
ऐसे भी बच्चे Summary in Hindi
पाठ-परिचय :
‘ऐसे भी बच्चे’ शीर्षक पाठ में दो तरह के बच्चों का वर्णन किया गया है। एक ऐसे बच्चे जिनकी जरूरत उनके माता-पिता पूरी करते हैं और दूसरी तरह के बच्चे जिनकी जरूरतों को पूरा करने में उनके माता-पिता असमर्थ हैं। ऐसे बच्चों की मदद करता है अर्चना का भाई-मनोज। मनोज सभी बच्चों को पढ़ाना लिखाना सिखाते हैं। कुछ समय बाद वे पढ़ना लिखना सीख जाते हैं। साथ ही उन बच्चों के पिता भी यह संकल्प लेते हैं कि हम सब भी पढ़ना लिखना सीखेंगे।
पाठ का सारांश :
एक सुबह कुछ विद्यार्थी अपने कंधे पर स्कूल बस्ते लिए खुशी-खुशी स्कूल जा रहे थे। सरदी के कारण बच्चे गरम कपड़े पहने हुए थे। रास्ते में उन बच्चों की नज़र वैसे बच्चों पर पड़ी जिनके शरीर पर ढंग का कपड़ा नहीं था। वे फटे-पुराने कागजों और प्लास्टिक की गंदी थैलियों को चुनकर एक बोरी में रख रहे थे। स्कूल जाते बच्चों को देखकर सड़क के बच्चे आपस में बात करते हैं कि काश! हम भी कभी कंधे पर बस्ता लेकर स्कूल जा पाते। फिर यह सोचकर रह जाते हैं कि हम गलियों में पैदा हुए हैं, गलियों में जिएँगे और गलियों में ही मर जाएँगे। क्योंकि वे जानते हैं कि अगर बोरी भर कर माल इकट्ठा नहीं किया तो घर में चूल्हा नहीं जलेगा। वे जानते हैं कि गलियों के बच्चों के पास भूख, लाचारी और जिम्मेदारी के सिवा है ही क्या। उन बच्चों को यह भी याद नहीं जब पेट भर के मनचाहा भोजन उन्हें मिला हो। आकाश में बादल देखकर, वर्षा होने के डर से सभी बच्चे अलग-अलग दिशाओं में काम में जुट जाते हैं।
दूसरी सुबह स्कूल जाने वाले बच्चे कागज चुनने वाले बच्चों को देखकर आपस में बात करते हैं कि इनका कोई बचपन नहीं है। गरीबी के कारण इन्हें बचपन में ही कमाने को मज़बूर होना पड़ा है। हो सकता है ये बच्चे हमसे अधिक योग्य और बुद्धिमान हों? ये बच्चे भी हमारे जैसे ही हैं। अंतर केवल इतना ही है कि हमारे माता-पिता हमारी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं, लेकिन इनके नहीं। इसीलिए इनके जीवन में गरीबी और दुखों का भंडार है। यह सोचकर सभी स्कूली बच्चे उन बच्चों के पास इकट्ठा हो जाते हैं और उनकी मदद करने की बात करते हैं। सभी बच्चे मिलकर उन बच्चों को समझाते हैं कि तुम लोग कमाई और पढ़ाई एक साथ कर सकते हो। इस काम में अर्चना का भाई मनोज मदद करता है।
कुछ समय बाद वे बच्चे पढ़ना-लिखना सीख जाते हैं। किंतु हीरा के पिता ने अपने बच्चे को डाँटना शुरू किया। हीरा अपने पिता को समझाता है कि अगर मैं पढ़-लिख लूँगा तो कोई दुकानदार हमें धोखा नहीं देगा। हीरा के पिता बात को समझ जाते हैं और संकल्प करते हैं कि अब तो मैं ही नहीं, मेरे साथी थी पढ़ना-लिखना सीखेंगे।