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DAV Class 3 Hindi Chapter 8 Question Answer – अगर पेड़ भी चलते होते
DAV Class 3 Hindi Ch 8 Question Answer – अगर पेड़ भी चलते होते
कविता में से-
प्रश्न 1.
नीचे दी गई पंक्तियों को पूरा कीजिए-
(क) उसके तने में रस्सी बाँधकर
उत्तर :
जहाँ कहीं भी ले जाते।
(ख) धूप सताने पर
उत्तर :
उसके नीचे झट सुस्ताते।
(ग) वर्षा होने पर
उत्तर :
उसके नीचे छिप जाते।
(घ) भूख सताने पर
उत्तर :
मधुर फल तोड़कर खाते।
प्रश्न 2.
अगर पेड़ चलते होते तो क्या-क्या हो सकता है? सही [✓] का निशान लगाइए-
(क) जंगल से सारे पेड़ गायब हो जाते। [ ]
(ख) चिड़ियाँ अपना घोंसला ढूँढ़ती रहती। [ ]
(ग) लोग फल वाले पेड़ अपने घर ले जाते। [ ]
(घ) पेड़ एक ही जगह पर रहते। [ ]
(ङ) हम पेड़ पर बैठकर सैर करते। [ ]
उत्तर :
(क) [✓]
(ख) [✓]
(ग) [✓]
(घ) [ ]
(ङ) [✓]
बातचीत के लिए-
प्रश्न 1.
कविता में धूप से बचने के लिए पेड़ के नीचे सुस्ताने की बात कही गई है। आप धूप से बचने के लिए क्या-क्या करते हैं?
उत्तर :
हम धूप से बचने के लिए छाता का प्रयोग करते हैं और कभी-कभी सिर पर टोपी भी रख लेते हैं।
प्रश्न 2.
कविता में कवि को पेड़ पर चढ़ने, सैर करने में मज़ा आता है। आप को किनकिन कामों को करने में मज़ा आता है?
उत्तर :
बारिश में नहाने, साइकिल चलाने तथा मैदान में खेलने में मज़ा आता है।
प्रश्न 3.
कविता में वर्षा होने पर बच्चे पेड़ के नीचे छिप जाते हैं। अगर आपको और आपके साथियों को खेल-खेल में छिपना हो तो कहाँ-कहाँ छिप सकते हैं?
उत्तर :
दीवार के पीछे, झोपड़ी में, घर के कोने में तथा दरवाज़े की पीछे छिप सकते हैं।
आपकी कल्पना-
कविता में पेड़ों के चलने की कल्पना की गई है।
अगर घरों में पहिए होते तो क्या होता? अपने मन से बताइए।
उत्तर :
छात्र/छात्राएँ स्वयं करें।
भाषा की बात-
प्रश्न 1.
शब्द बनाइए-
उत्तर :
प्रश्न 2.
कविता में कई काम वाले शब्द आए हैं, जैसे-चलते, खाते, चढ़ते आदि। दी गई तस्वीरों को देखकर काम वाले शब्द लिखिए।
उत्तर :
खेलना पढ़ना सुनना सोना (नोट-इस प्रश्न को पाठ्य-पुस्तक की मदद से हल करें)
जीवन मूल्य-
प्रश्न 1.
पेड़ों से हमें जीवन के लिए बहुत-सी आवश्यक वस्तुएँ प्राप्त होती हैं।
हम पेड़ों का धन्यवाद किस प्रकार कर सकते हैं?
उत्तर :
हम पेड़ों की सुरक्षा तथा उनकी सही रूप से देख-भाल करके उनका धन्यवाद कर सकते हैं।
धरती को हरा-भरा रखने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर :
धरती को हरा-भरा रखने के लिए हमें अधिकसे-अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए।
हमें पेड़ क्यों लगाने चाहिए?
उत्तर :
पेड़ हमें छाया, फल, फूल, पत्ते, लकड़ियाँ और औषधियाँ देते हैं। इतना ही नहीं ये हमें वर्षा-जल एवं पेयजल भी देते हैं। पेड़ से हमें ताज़ी एवं शुद्ध हवा मिलती है। पेड़ हमारे जीवन के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं, इसलिए हमें पेड़ लगाने चाहिए।
हम अपने आसपास के पेड़-पौधों की देख-भाल कैसे कर सकते हैं?
उत्तर :
हम अपने आसपास के पेड़-पौधों में समय से पानी डालेंगे। खाद और दवाइयाँ भी समय-समय पर डालते रहेंगे तथा सूखी डालियों को काटकर पेड़ को हल्का करेंगे।
प्रश्न 2.
पेड़ों से प्राप्त होने वाली वस्तुओं के नाम बताइए।
उत्तर :
फल, फूल, पत्ता, लकड़ी, औषधि, शुद्ध हवा। कुछ करने के लिए
तरह-तरह की सूखी पत्तियों को इकट्ठा कीजिए। उनके पीछे वाले हिस्से पर रंग लगाइए और कागज़ पर छापिए। आप चाहे तो कोई डिज़ाइन भी बना सकते हैं।
उत्तर :
छात्र/छात्राएँ स्वयं करें।
DAV Class 3 Hindi Ch 8 Solutions – अगर पेड़ भी चलते होते
I. अति लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1.
अगर पेड़ चलते तो क्या होता?
उत्तर :
अगर पेड़ चलते तो जहाँ मन होता ले जाते।
प्रश्न 2.
रस्सी कहाँ बाँधी जाती?
उत्तर :
रस्सी पेड़ के तने में बाँधी जाती।
प्रश्न 3.
धूप से बचने के लिए हम क्या करते हैं?
उत्तर :
धूप से बचने के लिए हम पेड़ की छाया में खड़े होते हैं तथा छाता का प्रयोग करते हैं।
II. लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1.
पेड़ के चलने से क्या-क्या फायदे होंगे?
उत्तर :
पेड़ के चलने से यह फ़ायदा होगा कि हम जहाँ जाएँगे, उसे अपने साथ लेते जाएँगे, जिससे कड़ाके की धूप तथा तेज़ बारिश में उसके नीचे छिप सकें। भूख लगने पर उसके फल तोड़कर खा सकें। बाढ़ आने पर उस पेड़ पर चढ़ सकें।
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न-
1. अगर पेड़ भी चलते होते,
कितने मज़े हमारे होते।
बाँध तने में उसके रस्सी
जहाँ कहीं भी ले जाते।
अगर कहीं पे धूप सताती
उसके नीचे झट सुस्ताते।
प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘भाषा माधुरी’ में संकलित कविता ‘अगर पेड़ भी चलते होते’ से ली गई हैं। इसके रचयिता सर्वेश्वर द्याल सक्सेना जी हैं। इसमें बताया गया है कि एक कवि कल्पना करता है कि अगर पेड़ भी चलते होते तो हमें क्या-क्या आनंद् मिलता।
व्याख्या-इस कविता में कवि यह बताते हैं कि अगर पेड़ चलते तो मुझे बहुत आनंद आता मैं पेड़ के तने में रस्सी बाँधकर उसे पकड़कर कहीं भी चला जाता। अगर कभी मुझे खूब धूप लगती तो मैं तुरंत पेड़ की छाया में बैठकर आराम कर लेता।
I. बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
इस कविता का शीर्षक है-
(क) मौसम
(ख) आया वसंत
(ग) अगर पेड़ भी चलते होते
(घ) गीत
उत्तर :
(ग) अगर पेड़ भी चलते होते
प्रश्न 2.
इस कविता के रचयिता कौन हैं?
(क) सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
(ख) श्रीगुप्त
(ग) जयशंकर प्रसाद्
(घ) श्री हरिवंशराय बच्चन
उत्तर :
(क) सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
प्रश्न 3.
सुस्ताना का अर्थ है-
(क) आराम करना
(ख) रोना
(ग) सोना
(घ) पढ़ना
उत्तर :
(क) आराम करना
प्रश्न 4.
‘नीचे’ का विलोम शब्द इनमें से कौन-सा है?
(क) घर
(ख) रवि
(ग) ऊपर
(घ) हवा
उत्तर :
(ग) ऊपर
प्रश्न 5.
‘रस्सी’ का बहुवचन होगा-
(क) रसी
(ख) रसरी
(ग) रस्सियाँ
(घ) कोई नहीं
उत्तर :
(ग) रस्सियाँ
2. जहाँ कहीं भी वर्षा हो जाती,
उसके नीचे हम छिप जाते।
भूख सताती अगर अचानक,
तोड़ मधुर फल उसके खाते।
आती कीचड़ बाढ़ कहीं तो,
ऊपर उसके झट चढ़ जाते।
प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘भाषा माधुरी’ में संकलित कविता ‘अगर पेड़ भी चलते होते’ से ली गई हैं। इसके रचयिता सर्वेश्वर द्याल सक्सेना जी हैं।
व्याख्या-इन पंक्तियों में कवि कहता है कि अगर पेड़ भी चलते होते तो हम उसे रस्सी से बाँधकर जहाँ मन होता ले जाते। जब वर्षा होती तो उसके नीचे छिप जाते, भूख लगती तो पेड़ पर चढ़कर मीठे फल तोड़कर भूख मिटाते। बाढ़ के कारण अगर कहीं कीचड़ मिलता तो उसके ऊपर चढ़ जाते।
I. बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
अगर वर्षा होती तो पेड़ के नीचे क्या करते?
(क) छिपते
(ख) नहाते
(ग) सोते
(घ) खेलते।
उत्तर :
(क) छिपते
प्रश्न 2.
भूख लगती तो क्या करते?
(क) फल तोड़ते
(ख) पत्ता तोड़ते
(ग) तने तोड़ते
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर :
(क) फल तोड़ते
प्रश्न 3.
बाढ़ में कीचड़ से बचने के लिए क्या करते?
(क) पेड़ गिरा देते
(ख) पेड़ पर चढ़ते
(ग) पेड़ के नीचे बैठते
(घ) उपर्युक्त तीनों।
उत्तर :
(ख) पेड़ पर चढ़ते
प्रश्न 4.
‘पेड़’ का पर्यायवाची इनमें से कौन-सा नहीं है?
(क) तरु
(ख) वृक्ष
(ग) हवा
(घ) रूख
उत्तर :
(ग) हवा
प्रश्न 5.
पेड़ पर कैसे फल लगते हैं?
(क) मीठे
(ख) खट्टे
(ग) सड़े
(घ) (क) और (ख) दोनों।
उत्तर :
(घ) (क) और (ख) दोनों।
अगर पेड़ भी चलते होते Summary in Hindi
पाठ-परिचय :
‘अगर पेड़ भी चलते होते’ एक रोचक कविता है। इसमें पेड़ों की चलने की कल्पना की गई है। इसके रचयिता सर्वेश्वर दयाल सक्सेना जी हैं।
पाठ का सारांश :
यह एक रोचक कविता है, जिसका नाम है- ‘अगर पेड़ भी चलते होते।’ इस पाठ में कवि कल्पना करता है कि अगर पेड़ भी चलते होते तो मैं उसके तने में रस्सी बाँधकर उसे कहीं भी ले जाता। ज़्यादा धूप होने पर उसकी छाया में आराम करता, वर्षा होने पर उसके नीचे छिप जाता। जब कभी भी भूख लगती तो उसके मीठे फल तोड़कर खाता। यदि बाढ़ आती तो उसके ऊपर चढ़कर अपने-आप को बचा लेता।