DAV Class 8 Hindi Chapter 14 Question Answer – बहू की विदा

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DAV Class 8 Hindi Chapter 14 Question Answer – बहू की विदा

DAV Class 8 Hindi Ch 14 Question Answer – बहू की विदा

पाठ में से

प्रश्न 1.
प्रमोद कौन था? वह किसकी विदाई करवाने आया था ?
उत्तर:
प्रमोद कमला का भाई था। वह अपनी बहन कमला की ससुराल से उसकी विदाई करवाने के लिए आया था ताकि कमला अपना पहला सावन अपनी सहेलियों के साथ मना सके।

प्रश्न 2.
जीवन लाल कमला को विदा क्यों नहीं करना चाहता था ?
उत्तर:
जीवन लाल ने कमला को विदा करने से इसलिए मना कर दिया कि उसका मानना था कि कमला के मायके वालों ने बारातियों की खातिरदारी ढंग से नहीं की और दहेज भी कम दिया।

DAV Class 8 Hindi Chapter 14 Question Answer - बहू की विदा

प्रश्न 3.
अपनी विदाई न होने पर कमला की क्या प्रतिक्रिया थी?
उत्तर:
अपनी विदाई न होने पर कमला ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “मेरी चिंता आप न करें। सच, विदा न होने से मुझे ज़रा भी दुख न होगा। गौरी आ रही है। उसका बहुत अच्छा स्वभाव है। हर समय हँसती-हँसाती रहती है। उसके साथ रहकर मुझे सखी-सहेलियों की कमी बिलकुल नहीं अखरेगी। आप विश्वास करें, भैया।

प्रश्न 4.
राजेश्वरी ने जीवन लाल को क्या समझाया?
उत्तर:
राजेश्वरी ने जीवन लाल को समझाया कि वे जो व्यवहार दूसरों से अपनी बेटी के लिए चाहते हैं वही व्यवहार दूसरों की बेटी को भी दें। जब तक वे बहू और बेटी को एक समान नहीं समझेंगे तब तक न सुख मिलेगा न शांति।

प्रश्न 5.
पाठ के आधार पर नीचे कुछ कथन दिए गए हैं। सही कथनों के आगे सही (✓) का तथा गलत कथनों के आगे गलत (✗) का निशान लगाइए-
(क) हर लड़की सास-ससुर के साथ सावन बिताने का सपना देखती है।
(ख) जीवन लाल कमला की विदाई के लिए पाँच हज़ार रुपए माँगता है।
(ग) कमला राजेश्वरी को ममता की मूर्ति कहती है।
(घ) प्रमोद कमला की विदाई के लिए दुकान बेचने की बात करता है।
(ङ) राजेश्वरी जीवन लाल की दहेज़ की माँग से सहमत नहीं थी।
उत्तर:
(क) हर लड़की सास-ससुर के साथ सावन बिताने का सपना देखती है। (✗)
(ख) जीवन लाल कमला की विदाई के लिए पाँच हज़ार रुपए माँगता है। (✓)
(ग) कमला राजेश्वरी को ममता की मूर्ति कहती है। (✓)
(घ) प्रमोद कमला की विदाई के लिए दुकान बेचने की बात करता है। (✗)
(ङ) राजेश्वरी जीवन लाल की दहेज़ की माँग से सहमत नहीं थी। (✓)

बातचीत के लिए

प्रश्न 1.
‘बेटी वाले होकर भी हमारी मूँछ ऊँची है।’ आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘बेटी वाले होकर भी हमारी मूँछे ऊँची है’ का आशय है- कभी – कभी धनी एवं घमंडी बेटी वाले अपनी बेटी को अधिक दहेज देकर समाज में अपनी मूँछ ऊँची करने का दम भरते हैं। जीवन लाल भी ऐसा ही करके कह रहे थे कि बेटी वाले होकर भी हमारी मूँछें ऊँची हैं।

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प्रश्न 2.
जीवन लाल, राजेश्वरी तथा कमला के चारित्रिक गुणों पर चर्चा कीजिए।
उत्तर:
जीवन लाल के चारित्रिक गुण- जीवन लाल घमंडी, लोभी, कठोर हृदयी, गुस्सैल तथा स्वार्थी प्रवृत्ति के इनसान हैं। कम दहेज मिलने की बात कहकर वे अपनी बहू कमला की विदाई नहीं करना चाहते हैं। वे बेटी और बहू को समान नहीं मानते। किसी की भावनाओं का उनके लिए कोई मूल्य नहीं है। राजेश्वरी के चारित्रिक गुण- जीवन लाल की पत्नी राजेश्वरी के चारित्रिक गुण जीवन लाल के बिलकुल विपरीत हैं। राजेश्वरी हँसमुख, स्नेही, संवेदनशील, स्पष्टवादिनी, व्यवहारकुशल, कोमल हृदयी महिला है। वह माँ का ममतामयी हृदय रखती है। वह अपनी बहू और बेटी में कोई फर्क नहीं करती है। कमला के चारित्रिक गुण- कमला सुंदर, सुशील समझदार, मृदुभाषी नवविवाहिता है। वह परिस्थितियों के साथ ताल-मेल बिठाना अच्छी तरह जानती है। वह विपरीत परिस्थितियों में भी खुश रहने का गुण जानती है।

प्रश्न 3.
दहेज़ प्रथा को समाप्त करने में युवाओं का क्या योगदान हो सकता है?
उत्तर:
दहेज़ प्रथा समाप्त करने में युवाओं का बहुत बड़ा योगदान हो सकता है। युवा आगे आकर दृढ़ निश्चय के साथ कह सकते हैं कि वे दहेज़ लेकर विवाह नहीं करेंगे। इसी तरह लड़कियाँ दहेज़ लेने और माँगने वालों से विवाह न करने का निश्चय दिखाकर अपना योगदान दे सकती हैं।

प्रश्न 4.
जीवन लाल किस मरहम की बात करता है? उसे वह मरहम किस प्रकार मिलता है?
उत्तर:
जीवन लाल उस मरहम की बात करता है जो दहेज की कमी के कारण उसके हृदय पर बने घाव को ठीक कर सके। वास्तव में यह मरहम पाँच हज़ार रुपये के रूप में था। उसे यह मरहम अपनी बेटी की ससुराल वालों की ओर से उस समय मिल जाता है, जब कम दहेज मिलने की बात कहकर वे जीवन लाल की बेटी गौरी की विदाई करने से मना कर देते हैं। इस तरह घमंड में डूबे जीवन लाल को मरहम मिल जाता है।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
क्या होता यदि राजेश्वरी कमला और प्रमोद का साथ न देती?
उत्तर:
राजेश्वरी कमला और प्रमोद का साथ न देती तो कमला की विदाई संभव न हो पाती।

प्रश्न 2.
यदि गौरी की विदाई हो जाती तो क्या होता?
उत्तर:
यदि जीवन लाल की बेटी की विदाई हो गई होती तो वे बिना पाँच हज़ार रुपये पाए कमला अर्थात अपनी बहू की विदाई न करते।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
नीचे दी गई वर्ग पहेली में क्रिया-विशेषण शब्द छिपे हैं। उन्हें ढूँढ़कर लिखिए-
DAV Class 8 Hindi Chapter 14 Question Answer - बहू की विदा 1
उत्तर:
अभी
धीरे
आज
बहुत
किधर
कल
तेज़
इधर

प्रश्न 2.
पाठ में आए कोई चार शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए-
DAV Class 8 Hindi Chapter 14 Question Answer - बहू की विदा 2
उत्तर:
(क) सात-आठ
(ख) हँसती-हँसाती
(ग) कुशल-क्षेम
(घ) भला-बुरा

प्रश्न 3.
पाठ में आए कोई चार पुनरुक्त शब्द ढूँढ़कर लिखिए-
DAV Class 8 Hindi Chapter 14 Question Answer - बहू की विदा 3
उत्तर:
(क) समझाते – समझाते
(ग) खड़ी खड़ी
(ख) धीरे-धीरे
(घ) किंतु- किंतु

जीवन मूल्य

प्रश्न 1.
दहेज़ प्रथा नैतिक मूल्यों का हनन कर रही है। कैसे?
उत्तर:
दहेज़ प्रथा से वर पक्ष के लोगों में लोभ की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। वे कन्या पक्ष के लोगों से अपने बेटे का भरपूर सौदा करते हैं, बोली लगवाते हैं और सबसे ज्यादा दहेज देने वालों की बेटी से विवाह करते हैं। इससे गरीब लड़कियाँ बेमेल विवाह का शिकार होती हैं। इस तरह यह प्रथा नैतिक मूल्यों का हनन कर रही है।

प्रश्न 2.
बेटा-बेटी की समानता सुदृढ़ समाज की नींव है। अपने विचार बताइए।
उत्तर:
बेटा-बेटी को यदि समान दृष्टि से देखा जाए, बेटे की भाँति ही बेटी की पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान दिया जाए और बेटों के समान उन्हें भी अवसर दिया जाएँ तो लड़कियाँ भी पुरुषों जैसी आत्मनिर्भर, उन्नत सोच वाली तथा समाज को आगे ले जाने वाली साबित होंगी। इससे सुदृढ़ समाज की नींव पड़ेगी।

कुछ करने के लिए

प्रश्न 1.
समाज में फैली कुरीतियों के बारे में जानकारी एकत्र कीजिए। इसके कारण एवं निवारण संबंधी परियोजना कार्य तैयार कीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें

प्रश्न 2.
पाठ में कुछ मुहावरों का प्रयोग हुआ है। अध्यापक कुछ अन्य मुहावरों को पर्ची पर लिखकर अपने पास रख लें। कक्षा का एक बच्चा इनमें से एक पर्ची उठाकर उसमें लिखे मुहावरे का मूक अभिनय करेगा। कक्षा के अन्य बच्चे उसे समझने का प्रयास करेंगे। इस प्रकार, बच्चे मनोरंजन के साथ मुहावरे तथा उनके अर्थ समझ लेंगे।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें

DAV Class 8 Hindi Ch 14 Solutions – बहू की विदा

I. बहुविकल्पीय प्रश्न

1. ‘बहू की विदा’ एकांकी में कितने मुख्य पात्र हैं?
(क) चार
(ख) पाँच
(ग) छह
(घ) सात
उत्तर:
(ख) पाँच

2. कमला को विदा न किए जाने पर इनमें से किसका दिल टूटता?
(क) कमला के पिता का
(ग) कमला के भाई का
(ख) कमला की बहन का
(घ) कमला की माँ का
उत्तर:
(घ) कमला की माँ का

3. जीवन लाल के हृदय पर कौन-सी चोट हरी थी?
(क) गौरी के विवाह में अधिक खर्च की
(ख) रमेश की पढ़ाई के खर्च की
(ग) रमेश के विवाह में मिले कम खर्च की
(घ) गौरी की विदाई से खाली हाथ लौट आने की
उत्तर:
(ग) रमेश के विवाह में मिले कम खर्च की

DAV Class 8 Hindi Chapter 14 Question Answer - बहू की विदा

4. जीवन लाल के सामने इनमें से किसके मुँह न खोलने की बात कही गई है?
(क) प्रमोद
(ख) रमेश
(ग) राजेश्वरी
(घ) गौरी
उत्तर:
(ख) रमेश

5. बगीचे में झूला डालने का काम कौन कर रहा था?
(क) राजेश
(ख) माली
(ग) जीवन लाल
(घ) नौकर
उत्तर:
(ख) माली

6. कमला को रोती देख प्रमोद ने कहा, “इन …………… का मूल्य समझने वाला यहाँ कोई नहीं है। ”
(क) आँसुओं
(ख) बूँदों
(ग) मोतियों
(घ) गहनों
उत्तर:
(ग) मोतियों

7. जीवन लाल जो मरहम चाह रहे थे, उसकी कीमत कितनी थी?
(क) चार हज़ार
(ख) छह लाख
(ग) पाँच लाख
(घ) पाँच हज़ार
उत्तर:
(घ) पाँच हज़ार

8. प्रमोद के अनुसार गिरे हाल में भी मकान कितने रुपये में बिक जाएगा?
(क) छह-सात हज़ार
(ग) आठ-नौ हज़ार
(ख) सात-आठ हज़ार
(घ) नौ-दस हज़ार
उत्तर:
(ख) सात-आठ हज़ार

9. विदा कराने आने की सूचना प्रमोद ने कमला के घरवालों तक कैसे पहुँचाई थी?
(क) पत्र द्वारा
(ख) तार द्वारा
(ग) नौकर को भेजकर
(घ) फोन द्वारा
उत्तर:
(ख) तार द्वारा

DAV Class 8 Hindi Chapter 14 Question Answer - बहू की विदा

10. गौरी के घर से वापस लौटे रमेश के चेहरे पर इनमें से कौन-
(क) प्रसन्नता
(ख) उत्साह
(ग) निराशा
(घ) कृतज्ञता
उत्तर:
(ग) निराशा

11. जीवन लाल की चोट का इलाज किससे हुआ ?
(क) रुपयों से
(ख) मरहम से
(ग) खुशी से
(घ) चोट से
उत्तर:
(घ) चोट से

12. ‘बहू की विदा’ नामक पाठ से क्या शिक्षा मिलती है?
(क) अपने समान ही दूसरों के साथ व्यवहार करने की
(ख) बहू और बेटी को समान समझाने की
(ग) दहेज न लेन-देन की
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी

II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
विवाह के बाद हर लड़की का सपना क्या होता है?
उत्तर:
विवाह के बाद हर लड़की का सपना यह होता है कि वह अपना पहला सावन अपने मायके में अपनी सहेलियों के साथ खुशी-खुशी बिताए ।

प्रश्न 2.
जीवन लाल ने कमला की विदाई के लिए क्या शर्त रखी थी ?
उत्तर:
जीवन लाल ने कमला की विदाई के लिए मरहम अर्थात् पाँच हज़ार रुपये लेने की शर्त रख दी थी।

प्रश्न 3.
प्रमोद खाली हाथ वापस जाने से पहले क्या करना चाहता था ?
उत्तर:
प्रमोद खाली हाथ लौटने से पहले अपनी बहन कमला से मिलना चाहता था।

DAV Class 8 Hindi Chapter 14 Question Answer - बहू की विदा

प्रश्न 4.
कमला ने मकान न बेचने का आग्रह क्यों किया?
उत्तर:
कमला ने मकान न बेचने का आग्रह इसलिए किया क्योंकि साल-दो साल में ही उसकी छोटी बहन का भी विवाह करना था।

प्रश्न 5.
जीवन लाल नाक वाले किसे समझते हैं?
उत्तर:
जीवन लाल नाक वाले उनको मानते हैं जिनके पास खूब पैसा है।

III. लघु उत्तरीय प्रश्न ( 30-35 शब्दों में )

प्रश्न 1.
जीवन लाल को कौन-सी करारी चोट थी, जिसका मरहम वे प्रमोद से चाह रहे थे?
उत्तर:
जीवन लाल ने अपने पुत्र रमेश का विवाह प्रमोद की बहन कमला से किया था, जिसमें प्रमोद और उसके परिवार वालों ने अपनी सामर्थ्य अनुसार दहेज दिया था, फिर भी जीवन लाल बारातियों की सेवा में कमी और कम दहेज मिलने को करारी चोट बता रहे थे। इसी चोट का मरहम अर्थात् पाँच हज़ार रुपये वे प्रमोद से माँग रहे थे।

प्रश्न 2.
जीवन लाल अपने बेटे की बड़ाई किस तरह कर रहे थे ?
उत्तर:
जीवन लाल अपने बेटे की बड़ाई करते हुए कह रहे थे कि उनका बेटा उनके सामने मुँह खोलने की हिम्मत नहीं करता है। वह दूसरों की तरह बड़ों के मुँह लगने की बदतमीजी करने वाला कोई आवारा छोकरा नहीं है। आखिर वह जीवन लाल का बेटा है।

IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ( 70-80 शब्दों में )

प्रश्न 1.
जीवन लाल और राजेश्वरी के चरित्र की तुलना कीजिए।
उत्तर:
जीवन लाल लोभी तथा गुस्सैल व्यक्ति हैं। वे दहेज लोभी हैं जो बेटी और बहू में फर्क किया करते हैं। वे कमला के माता-पिता द्वारा कम दहेज दिए जाने को प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाकर अपनी बहू की विदाई के लिए मना कर देते हैं। इसके विपरीत राजेश्वरी मृदुभाषिनी, संवेदनशील तथा स्नेही महिला है जो जीवन लाल द्वारा पाँच हज़ार रुपये की माँग पूरी करने के लिए कमला को तिजोरी से रुपये निकाल लाने के लिए कहती है। वह कमला की माँ के दर्द को समझती है और हर हाल में कमला को प्रमोद के साथ विदा करना चाहती है। इस प्रकार दोनों के चरित्रों में बहुत अंतर है ।

V. मूल्यपरक प्रश्न

प्रश्न 1.
आप राजेश्वरी के चरित्र से कौन-कौन मूल्य अपना सकते हो?
उत्तर:
मैं राजेश्वरी के चरित्र से मृदुभाषिता, सहनशीलता, संवेदनशीलता, स्पष्टवादिता, व्यवहार कुशलता जैसे मूल्यों को अपना सकता हूँ। इसके अलावा हृदय में कोमलता का भाव बनाए रखने का गुण भी अंगीकृत कर सकता हूँ।

क्रियाकलाप

प्रश्न 1.
दहेज-प्र -प्रथा रोकने में युवाओं/युवतियों का क्या योगदान हो सकता है? कक्षा में बताइए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

प्रश्न 1.
ज़रूर! और हाँ, उसे यह भी बताते जाना कि अगली बार मेरे लिए मरहम लेकर विदा कराने कब आओगे ! ( ऊँचे स्वर में ) अरे सुनती हो, गौरी की माँ ! गौरी की माँ! ज़रा बहू को भेज दो। अपने भाई से मिल ले आकर। (सहज स्वर में ) मैं तब तक देखूँ कि माली के बच्चे ने झूला डाला या नहीं ! ( द्वार की ओर बढ़ते हैं। द्वार का पर्दा हटाकर मुड़ते हुए) गौरी के लिए झूला डाल रहा हूँ लॉन में।
प्रश्न
(क) यह संवाद कौन और किससे कर रहा है?
(ख) यहाँ मरहम से क्या आशय है?
(ग) झूला डालने की व्यवस्था क्यों हो रही थी ?
(घ) गद्यांश में किस सामाजिक कलंक की ओर संकेत किया गया है?
(ङ) गद्यांश के पाठ और उसके लेखक का नाम लिखिए।
उत्तर:
(क) यह संवाद कमला के ससुर जीवन लाल, कमला के भाई प्रमोद से कह रहे हैं।
(ख) यहाँ मरहम से आशय उन पाँच हज़ार रुपयों से है जो जीवन लाल दहेज के रूप में चाह रहे हैं।
(ग) यहाँ जीवन लाल अपनी बेटी के लिए झूला डालने की व्यवस्था करा रहे हैं। ताकि वह शादी के बाद अपना पहला सावन हँसी-खुशी मना सके।
(घ) गद्यांश में ‘दहेज’ नामक सामाजिक कलंक की ओर संकेत किया गया है।
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम है बहू की विदा। इसके लेखक का नाम है – विनोद रस्तोगी ।

DAV Class 8 Hindi Chapter 14 Question Answer - बहू की विदा

प्रश्न 2.
यह क्या कह रहो हो, बेटा? मेरे रहते विदा न हो, यह कभी नहीं हो सकता। मैं माँ हूँ, माँ के दिल को समझती हूँ। (भारी स्वर में ) जिस तरह उतावली होकर मैं गौरी की राह देख रही हूँ, उसी तरह तुम्हारी माँ भी कमला की राह देख रही होंगी। नहीं, विदा ज़रूर होगी। तुम अकेले नहीं जाओगे ( कमर से कुंजियों का गुच्छा निकालकर कमला की ओर बढ़ाती हुई) जा बेटी तिजोरी से रुपये निकाल ला
(क) यह संवाद कौन, किससे कह रहा है?
(ख) ‘यह कभी नहीं हो सकता’ से किस घटना की ओर संकेत मिलता है ?
(ग) राजेश्वरी कलमा को विदा करने की बात क्यों कहती हैं?
(घ) तिजोरी से रुपये निकालने की आवश्यकता क्यों आ गई है?
(ङ) गद्यांश में किस सामाजिक समस्या की ओर संकेत किया गया है?
उत्तर:
(क) इस संवाद को कमला की सास राजेश्वरी कमला के भाई प्रमोद से कह रही है।
(ख) ‘यह कभी नहीं हो सकता’ के माध्यम से कमला की विदाई न हो पाने की ओर संकेत मिलता है। कमला के ससुर जीवन लाल दहेज की कमी के कारण कमला की विदाई नहीं करना चाहते हैं।
(ग) राजेश्वरी भी अपनी बेटी गौरी के आने की राह देख रही है। एक माँ होकर वह कमला और उसकी माँ का दर्द समझती है।
(घ) तिजोरी से रुपये निकालने की आवश्यकता इसलिए आ गई थी ताकि उसे जीवन लाल को देकर कमला की विदाई हो सके।
(ङ) गद्यांश में ‘ दहेज ‘ नामक सामाजिक समस्या की ओर संकेत है।

शब्दार्थ:

  • निराशाजन्य – निराशाभरा।
  • निर्णय – फैसला।
  • हृदय टूटना – दुख होना।
  • दीन – अत्यंत विनम्र।
  • सामर्थ्य – क्षमता।
  • खातिर – सेवा-सत्कार।
  • हँसी हुई – बेइज़्ज़ती हुई।
  • करारी – ज़ोरदार।
  • सरासर – पूरी तरह।
  • आवारा – इधर-उधर घूमने वाला।
  • दंग रह जाना – हैरान रह जाना।
  • दाँतों तले अँगुली दबाना – आश्चर्यचकित रह जाना।
  • सहज – सामान्य।
  • घटा – बदली।
  • आर्द्र – गीला।
  • व्याकुलतापूर्ण – बेचैनी भरा।
  • सौगंध – कसम।
  • अखरना – महसूस होना।
  • कुशल-क्षेम – राज़ी-खुशी, सुख-संपन्न।
  • दृष्टि – निगाह।
  • मूर्तिवत् – मूर्ति के समान निश्चल।
  • उतावली – अधीर, बेचैनी।
  • राह देखना – इंतज़ार करना।
  • नेपथ्य – पर्दा।
  • नाक-भौं सिकुड़ना – नाराज़ होना।
  • शराफ़त – भद्रता।
  • इंसानियत – मानवता।
  • आँखें खुलना – समझ में आना।
  • हाथ मलना – पछताना।
  • सुलझना – हल हो जाना।
  • यवनिका – परदा।

बहू की विदा Summary in Hindi

पाठ-परिचय:

‘बहू की विदा’ पाठ एक एकांकी है, जिसमें दहेज कम लाने वाली बहुओं की व्यथा को मार्मिक ढंग से उभारा गया है। दहेज लोभी दहेज लेने के लिए किस सीमा तक गिर सकते हैं और उनकी अक्ल कैसे ठिकाने आती है, इसे इसमें रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया है।

पाठ का सार:

‘बहू की विदा’ नामक एकांकी की शुरुआत जीवन लाल के सजे-धजे कक्ष में उपस्थित जीवन लाल और प्रमोद के मध्य हो रहे संवाद से होता है। प्रमोद अपनी बहन कमला को विदा कराने आया है। कमला जीवन लाल की बहू तथा रमेश बाबू की पत्नी है। प्रमोद चाहता है कि उसकी बहन अपना पहला सावन अपनी सखी-सहेलियों के साथ प्रसन्नतापूर्वक अपने मायके में बिताए परंतु दहेज कम लाने के कारण जीवन लाल उसे विदा करने के लिए तैयार नहीं है। प्रमोद उससे कहता है कि बिना विदाई कराए जाने पर उसकी माँ का दिल टूट जाएगा तो जीवन लाल दहेज की कमी की बात सामने रखता है और साथ – साथ अपनी सामर्थ्य के अनुसार ही घर खोजकर रिश्ता जोड़ने की नसीहत देता है।

वह बारातियों की सेवा ढंग से न होने के कारण बिरादरी में हुई बदनामी और इससे लगी हृदय पर चोट का मरहम लेकर आने की बात कहता है। वह पाँच हज़ार रुपया नकद लाने पर ही विदाई करने का कठोर निर्णय सुना देता है। प्रमोद उससे कहता है कि रमेश बाबू होते तो कुछ बात बनती। इस पर जीवन लाल प्रमोद से रमेश का बाप होने तथा अपने बेटे के संस्कारों की दुहाई देता है साथ ही जीवन लाल अपनी बेटी की शादी में दिए गए दहेज का बढ़ा चढ़ाकर बखान करता है और कहता है कि गौरी ( उनकी बेटी ) अपना पहला सावन अपने मायके में बिताएगी और कमला के सपने कभी पूरे न होंगे।

जाने से पहले प्रमोद कमला से मिलकर सारी बात बताता है। वह यह भी बताता है कि अगली बार वह मरहम के रूप में पाँच हज़ार रुपये लेकर आएगा और फिर विदाई कराएगा क्योंकि सात – आठ हज़ार रुपये में मकान तो बिक ही जाएगा। कमला उससे मकान न बेचने की प्रार्थना करती है। उनकी बातें कमला की सास राजेश्वरी सुन लेती है। वह कमला को चाभी देकर आलमारी से पाँच हज़ार रुपये लाने के लिए कहती हैं ताकि जीवन लाल को देकर विदाई कराई जा सके। प्रमोद और कमला इस बात के लिए तैयार नहीं होते हैं। तभी जीवन लाल राजेश्वरी से अपनी बेटी गौरी के स्वागत की तैयारी पूरी करने को कहता है।

अचानक हॉर्न की आवाज़ सुनकर जीवन लाल बाहर देखता है पर रमेश को अकेला आया देख वह विदाई न होने का कारण पूछता है। रमेश उसे गौरी के विवाह में कम दहेज देने को विदाई न होने का कारण बताता है। अब जीवन लाल उसकी ससुराल वालों को दहेज लोभी कहकर शराफत और इंसानियत की दुहाई देने लगता है। यह देख राजेश्वरी उसको कमला की विदाई न होने देने की बात याद दिलाती है। जीवन लाल को अपनी गलती का एहसास होता है। वह राजेश्वरी से कमला की विदाई का इंतज़ाम करने के लिए कहता है । उसकी चोट का इलाज बेटी की ससुरालवालों ने दूसरी चोट से कर दिया था। कमला खुशी के आँसू पोंछती अंदर चली जाती है।