DAV Class 6 Hindi Chapter 2 Question Answer – चिट्ठी के अक्षर

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DAV Class 6 Hindi Chapter 2 Question Answer – चिट्ठी के अक्षर

DAV Class 6 Hindi Ch 2 Question Answer – चिट्ठी के अक्षर

पाठ में से     

प्रश्न 1.
महिपाल सिंह द्वारा छापे गए साप्ताहिक समाचार-पत्र में क्या-क्या छपता था?
उत्तर:
महिपाल सिंह द्वारा छापे गए साप्ताहिक समाचार पत्र में शुरू से लेकर अंत तक गाँव की बातें छपती थीं। इसके अलावा कविता और किसानों के लिए जानकारी देने वाली बातें छपी थीं।

प्रश्न 2.
महिपाल सिंह ने लेखक को अपने घर आने का निमंत्रण क्यों दिया?
उत्तर:
महिपाल सिंह के अनुरोध पर लेखक उनको कविताएँ, कहानियाँ और लेख लिखकर भेज दिया करता था। इससे दोनों के मन में एक-दूसरे के लिए प्रेम पैदा हो गया। इसी के कारण उन्होंने लेखक को अपने घर आने का निमंत्रण दिया। 3.

DAV Class 6 Hindi Chapter 2 Question Answer - चिट्ठी के अक्षर

प्रश्न 3.
महिपाल सिंह से मिलने के बाद लेखक के मस्तिष्क में कौन-से प्रश्न कौंधने लगे?
उत्तर:
महिपाल सिंह से मिलने के बाद लेखक आश्चर्यचकित रह गया। वह सोचने लगा –

  1. क्या वह सुंदर लिखावट इसी व्यक्ति की थी?
  2. क्या यह बाएँ हाथ से ही इतने सुंदर अक्षर लिखता है?

प्रश्न 4.
महिपाल सिंह ने बाएँ हाथ से लिखने का अभ्यास किस प्रकार किया?
उत्तर:
अपना दाहिना हाथ गँवाने के बाद महिपाल सिंह ने हार नहीं मानी। वे अख़बार निकालना चाहते थे, इसलिए चार -साल तक निरंतर बाएँ हाथ से लिखने का अभ्यास करते रहे ताकि उनकी लिखावट सुंदर बन जाए ।

प्रश्न 5.
उचित उत्तर पर सही (✓) का निशान लगाइए-
उत्तर:
(क) अखिलेश शर्मा जी को मिली चिट्ठी में उन्हें अख़बार के लिए क्या लिखकर भेजने को कहा गया था?
(a) जीवनी
(b) कविता
(c) कहानी
(d) संपादक
उत्तर:
(b) कविता

(ख) चिट्ठी के नीचे किसके हस्ताक्षर थे?
(a) लेखक
(b) निर्देशक
(c) संस्मरण
(d) कवि
उत्तर:
(c) संस्मरण

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प्रश्न 6.
पाठ के आधार पर नीचे कुछ कथन दिए गए हैं। सही कथनों के सामने सही (✓) का निशान और गलत कथनों के सामने गलत (x) का निशान लगाइए-
(क) महिपाल सिंह चालीस वर्ष की उम्र तक फ़ौज में थे।
(ख) एक बस दुर्घटना में उन्होंने अपना हाथ खो दिया।
(ग) महिपाल सिंह दैनिक अख़बार के संपादक थे।
(घ) महिपाल सिंह की लिखावट बहुत सुंदर थी।
(ङ) महिपाल सिंह ने अपने कार्यालय में अखिलेश शर्मा को बुलाया था।
उत्तर:
(क) महिपाल सिंह चालीस वर्ष की उम्र तक फ़ौज में थे। (✓)
(ख) एक बस दुर्घटना में उन्होंने अपना हाथ खो दिया। (x)
(ग) महिपाल सिंह दैनिक अख़बार के संपादक थे। (x)
(घ) महिपाल सिंह की लिखावट बहुत सुंदर थी। (✓)
(ङ) महिपाल सिंह ने अपने कार्यालय में अखिलेश शर्मा को बुलाया था। (x)

बातचीत के लिए

प्रश्न 1.
चिट्ठी भेजने और प्राप्त करने के कौन-कौन-से तरीके हैं?
उत्तर:
चिट्ठी भेजने के और प्राप्त करने के अन्य तरीके हैं-

(1) किसी व्यक्ति ( हरकारे) द्वारा
(2) कुरियर द्वारा।

प्रश्न 2.
आप चिट्ठी भेजने के लिए किस तरीके का इस्तेमाल करते हैं? उस तरीके की प्रक्रिया समझाइए।
उत्तर:
मैं प्रायः चिट्ठी भेजने के लिए कुरियर का प्रयोग करता हूँ। इसके लिए मैं पत्र को लिफ़ाफ़े में बंद कर कुरियर केंद्र पर ले जाता हूँ। वहाँ पत्र के वज़न के अनुसार पैसे देकर उसकी रसीद प्राप्त करता हूँ ताकि पत्र पाने वाले को समय से न मिलने पर शिकायत की जा सके। कुरियर केंद्र के कर्मचारी इसे विभिन्न साधनों से गंतव्य तक पहुँचाने का प्रयास करते हैं।

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प्रश्न 3.
आप कौन-सा समाचार पत्र पढ़ते हैं? क्यों?
उत्तर:
मैं दैनिक समाचार पत्र ‘हिंदुस्तान’ अख़बार पढ़ता हूँ। इस अख़बार में समाचारों के अलावा बच्चों का पन्ना सबसे अच्छा लगता है, जिसमें कहानी, बाल कविताएँ, वर्ग पहेली, अंतर ढूँढ़ो, चित्र पहचानो, कहानी पूरी करो, चित्रों में रंग भरो, बिंदु मिलाकर चित्र पूरा करो आदि अच्छा लगता है।

प्रश्न 4.
महिपाल सिंह ने अपना दायाँ हाथ कैसे खो दिया?
उत्तर:
महिपाल सिंह ने अपना दायाँ हाथ शत्रुओं पर निशाना लगाते हुए बम विस्फोट में खो दिया।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
यदि महिपाल सिंह अपना दायाँ हाथ खोने के बाद निराश हो जाते तो क्या होता?
उत्तर:
यदि महिपाल सिंह अपना दायाँ हाथ खोने के बाद निराश हो जाते तो उन्हें अपना जीवन भार लगने लगता। वे समाचार-पत्र निकालने वाले अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाते।

प्रश्न 2.
यदि लिखावट सुंदर न हो तो उसके क्या-क्या परिणाम हो सकते हैं?
उत्तर:
यदि लिखावट सुंदर न हो तो उसके अनेक दुष्परिणाम हो सकते हैं-

  • सुंदर लिखावट न होने पर परीक्षा में नंबर कम आने की संभावना रहती है।
  • यदि किसी बात को हम लिखकर बताना चाहते हैं तो सुंदर लिखावट न होने पर हम अपनी पूरी बात सामने वाले को बता (समझा) नहीं पाते।

प्रश्न 3.
‘चिट्ठी के अक्षर’ कहानी के लिए कोई और शीर्षक बताइए।
उत्तर:
‘चिट्ठी के अक्षर’ कहानी के अन्य शीर्षक – ‘ अभ्यास का महत्व’, ‘साहसी जिंदगी’, ‘सकारात्मक सोच’, ‘मेरे जीवन का लक्ष्य’ आदि हो सकते हैं।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए वाक्यों को सही उतार-चढ़ाव के साथ पढ़िए-
(क) वाह! बड़ी सुंदर लिखावट है।
(ख) आप कौन हैं?
(ग) क्या देख रहे हैं?
(घ) अरे भाई, यह जीवन है।
(ङ) अरे शर्मा जी, आप! क्षमा कीजिएगा।
उत्तर:
स्वयं करें।

प्रश्न 2.
नीचे दिए गए शब्द – समूहों में से विशेषण व विशेष्य अलग-अलग करके लिखिए-
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उत्तर:

(क) एक चिट्ठी विशेषण विशेष्य
(ख) सुंदर लिखावट एक चिट्ठी
(ग) साप्ताहिक अख़बार सुंदर लिखावट
(घ) नियत तिथि साप्ताहिक अख़बार
(ङ) अरे शर्मा जी, आप! क्षमा कीजिएगा। नियत तिथि

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प्रश्न 3.
शिक्षक या सहपाठियों की मदद से दोहा पूरा कीजिए-
उत्तर:
करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान।
रसरी आवत जात है, सिल पर परत निसान ।।

जीवन मूल्य

• महिपाल सिंह ने अपने जीवन में आई मुश्किल परिस्थिति का सामना दृढ़ निश्चय से किया और अपने अथक प्रयास से अपनी लिखावट को सुंदर बनाया तथा साप्ताहिक अख़बार निकाला।

प्रश्न 1.
आपको महिपाल सिंह के जीवन से क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर:
हमें महिपाल सिंह के जीवन से प्रेरणा मिलती है कि जिंदगी में चाहे कैसे भी हालात हों, हमें हार नहीं माननी चाहिए। हमें दृढ़ निश्चय, लगन, हौसले और परिश्रम करते हुए जिंदगी में आगे बढ़ना चाहिए। मुश्किल परिस्थितियों से कभी नहीं घबराना चाहिए।

प्रश्न 2.
आप अपने जीवन में आई मुश्किल परिस्थिति का सामना कैसे करेंगे?
उत्तर:
हम अपने जीवन में आई मुश्किल परिस्थिति का सामना साहसपूर्वक करेंगे। हम बिना घबराए, दृढ़ निश्चय और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते जाएँगे। हम दूसरों को भी बिना घबराए आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगे।

कुछ करने के लिए

प्रश्न 1.
दैनिक हिंदी समाचार-पत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:
पंजाब केसरी, नवभारत टाइम्स, दैनिक जागरण, अमर उजाला,

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प्रश्न 2.
किन्हीं तीन हिंदी समाचार – चैनलों के नाम लिखिए।
उत्तर:
आज तक जी न्यूज, इंडिया टी०वी० आई०बी०एन०7 ( IBN7)

प्रश्न 3.
पुरानी हिंदी अख़बारों में से अपनी पसंद के विषय, जैसे- विज्ञापन, खेल- समाचार, मनोरंजन, कविता, सिनेमा आदि के बारे में जानकारी इकट्ठा करके उन्हें स्क्रैप बुक में चिपकाइए। कक्षा में अपने दोस्तों को इस जानकारी के बारे में बताइए।
उत्तर:
स्वयं करें।

DAV Class 6 Hindi Ch 2 Solutions – चिट्ठी के अक्षर

I. बहुविकल्पीय प्रश्न

1. ‘चिट्ठी के अक्षर ‘ पाठ के लेखक का वास्तविक नाम था-
(क) महेश शर्मा
(ख) विमलेश शर्मा
(ग) अखिलेश शर्मा
(घ) सर्वेश शर्मा
उत्तर:
(ग) अखिलेश शर्मा

2. संपादक ने लेखक से पहली चिट्ठी में क्या माँगा था ?
(क) कविता
(ख) कहानी
(ग) निबंध
(घ) चुटकुले
उत्तर:
(क) कविता

3. चिट्ठी ने लेखक के मन को अपनी ओर खींच लिया क्योंकि
(क) लिफ़ाफ़ा बहुत सुंदर था
(ख) चिट्ठी टाइप करके लिखी गई थी
(ग) उसकी लिखावट बहुत सुंदर थी
(घ) उसकी भाषा बहुत सुंदर थी
उत्तर:
(ग) उसकी लिखावट बहुत सुंदर थी

4. लेखक के पास जो अख़बार आया उसमें पूरे ________ पेज थे।
(क) तीस
(ख) नियत
(ग) नियमित
(घ) निकट
उत्तर:
(घ) निकट

6. लेखक ने देखा कि उनका दायाँ हाथ कंधे तक कटा हुआ है। वह उनकी ओर ________ होकर देखने लगा।
(क) नियति
(ख) उल्लसित
(ग) दुखी
(घ) आश्चर्यचकित
उत्तर:
(घ) आश्चर्यचकित

7. महिपाल सिंह________ सटीक निशाना मारते थे।
(क) दाएँ हाथ से
(ख) बाएँ हाथ से
(ग) दोनों हाथों से
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) दोनों हाथों से

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8. महिपाल सिंह का दायाँ हाथ उस समय उड़ गया था जब वे ________।
(क) शत्रु को अपनी गोलियों का निशाना बना रहे थे
(ख) शत्रुओं के हमले से जान बचाकर भाग रहे थे
(ग) शत्रुओं को ललकार रहे थे
(घ) शत्रुओं से युद्ध विराम की माँग कर रहे थे
उत्तर:
(क) शत्रु को अपनी गोलियों का निशाना बना रहे थे

9. सेवा निवृत्त महिपाल सिंह ने कौन-सा काम करने का निश्चय किया?
(क) अख़बार पढ़ने का
(ख) दुकान खोलने का
(ग) अख़बार निकालने का
(घ) बाएँ हाथ से निशाना लगाने का अभ्यास करने का का परिणाम थी।
उत्तर:
(ग) अख़बार निकालने का

10. महिपाल सिंह की सुंदर लिखावट उनके ________का परिणाम थी।
(क) अचूक निशानेबाजी का
(ख) निरंतर अभ्यास का
(ग) उनके शौक का
(घ) किसी की नकल का
उत्तर:
(ख) निरंतर अभ्यास का

11. ‘रसरी आवत जात तै, सिल पर परत निसान’ में किसकी महत्ता प्रतिपादित हो रही है?
(क) रस्सी की
(ख) सिल की
(ग) अभ्यास की
(घ) निशान की
उत्तर:
(ग) अभ्यास की

12. महिपाल सिंह के व्यक्तित्व से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
(क) अख़बार निकालने की
(ख) सटीक निशाना लगाने की
(ग) कहानी कविताएँ लिखने की
(घ) निरंतर अभ्यास करते हुए निराश होने की
उत्तर:
(घ) निरंतर अभ्यास करते हुए निराश होने की

II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न

(क) लेखक महिपाल सिंह के अख़बार के लिए क्या भेजता था?
उत्तर:
लेखक महिपाल सिंह के अख़बार के लिए कविताएँ, कहानियाँ, लेख आदि भेजता था।

(ख) महिपाल सिंह का कौन-सा हाथ कंधे तक कटा था?
उत्तर:
महिपाल सिंह का दाहिना हाथ कंधे तक कटा था।

(ग) महिपाल सिंह की चिट्ठी देख लेखक के मुँह से क्या निकला?
उत्तर:
महिपाल सिंह की चिट्ठी देख लेखक बोल उठा, “वाह! बड़ी सुंदर लिखावट है।”

(घ) सरकार ने महिपाल सिंह के लिए क्या इंतज़ाम किया?
उत्तर:
सरकार ने सेवामुक्त महिपाल सिह के पढ़ने-लिखने और अख़बार निकालने का प्रबंध किया।

III. लघु उत्तरीय प्रश्न ( 30-35 शब्दों में )

(क) महिपाल सिंह ने सुंदर लिखावट कैसे पाई?
उत्तर:
महिपाल सिंह आत्मविश्वास से भरे हुए पक्के इरादे वाले व्यक्ति थे। रणक्षेत्र में अपना दाहिना हाथ गँवाने के बाद भी वे निराश नहीं हुए। वे बाएँ हाथ से लिखने का अभ्यास करने लगे। वे $4-5$ वर्ष तक अनेक कविताएँ-कहानियाँ लिख-लिखकर अपनी लिखावट को सुंदर बनाते रहे।

(ख) लेखक और महिपाल सिंह की मुलाकात का संयोग कैसे बना?
उत्तर:
लेखक द्वारा लिखी कविताओं को महिपाल सिंह अपने पत्र में छापते थे फिर उस अंक को लेखक के पास भिजवाते थे। इसकी वजह से लेखक और महिपाल सिंह में मधुर संबंध स्थापित हो चुका था। इसलिए महिपाल सिंह ने कभी उधर आने पर लेखक को घर आने का निमंत्रण दिया। एक वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने गए लेखक को यह मौका मिला और उन दोनों की मुलाकात हो गई।

IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (70-80 शब्दों में )

प्रश्न 1.
लेखक और महिपाल सिंह एक-दूसरे को न जानते हुए भी मित्र कैसे बन गए?
उत्तर:
लेखक और महिपाल सिंह एक-दूसरे से अपरिचित थे। अख़बार संपादक महिपाल सिंह ने लेखक से अपने अख़बार के लिए कविता की माँग की थी। लेखक ने कविता भेज दी। लेखक की कविता जिस अंक में छपी थी, उसे महिपाल सिंह ने लेखक के पास भिजवा दिया। लेखक को वह अंक बहुत पसंद आया। उसमें गाँवों से संबंधित अनेक समाचार थे। उसने दूसरे अंक के लिए भी कविता भेज दी। यह कविता भी छप गई। इस प्रकार लेखक कविताएँ, कहानियाँ और लेख भेजने लगा। फिर दोनों मित्र बन गए।

V. मूल्यपरक प्रश्न

प्रश्न 1.
महिपाल सिंह के चरित्र से आपको क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर:
महिपाल सिंह के चरित्र से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि विपरीत परिस्थितियों में भी हमें हार नहीं माननी चाहिए और लगन, दृढ़ इच्छा-शक्ति और परिश्रम से आगे बढ़ना चाहिए ताकि हम लक्ष्य को प्राप्त कर सकें।

क्रियाकलाप

  • महिपाल सिंह जैसे दृढ़ निश्चय वाले किसी अन्य व्यक्ति के बारे में जानकारी प्राप्त करें तथा उसे कक्षा में सुनाएँ।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

प्रश्न 1.
दूसरी कविता भी अख़बार में छपी। अब मैं बराबर कविता भेजने लगा। महिपाल सिंह की चिट्टियाँ भी समय-समय पर आया करती थीं। वे कभी कविता माँगते थे और कभी कहानी। मैं बराबर उनकी इच्छाओं की पूर्ति कर दिया करता था। इसका परिणाम यह हुआ कि हम दोनों के मन में एक-दूसरे के लिए प्रेम पैदा हो गया। लगभग साल-डेढ़ साल बीत गया। महिपाल सिंह ने अपने एक पत्र में लिखा- ‘यदि आपका कभी इधर आना हो, तो मेरे ही घर ठहरने की कृपा करें।’

प्रश्न (क) ‘अब मैं बराबर कविता भेजने लगा।’ यहाँ ‘मैं’ का प्रयोग किसके लिए हुआ है?
(ख) लेखक उनकी इच्छाओं की पूर्ति किस प्रकार कर दिया करता था?
(ग) दोनों के मन में प्रेम पैदा होने का कारण क्या था?
(घ) महिपाल सिंह ने अपने पत्र में क्या निवेदन किया था?
(ङ) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का नाम लिखिए।
उत्तर:
(क) गद्यांश में ‘मैं’ शब्द का प्रयोग लेखक ‘अखिलेश शर्मा’ (व्यथित हृदय) के लिए प्रयोग किया गया है।
(ख) लेखक अख़बार के लिए कविता, कहानी भेजकर उनकी इच्छाओं की पूर्ति कर दिया करता था।
(ग) दोनों के मन में प्रेम पैदा होने का कारण था – समय-समय पर चिट्ठियाँ और लेखक द्वारा संपादक की इच्छा का सम्मान करना।
(घ) महिपाल सिंह ने पत्र में लेखक से अपने घर ठहरने का निवेदन किया था।
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम है- ‘चिट्ठी के अक्षर।

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प्रश्न 2.
मैं कुछ कहना ही चाहता था कि मेरी दृष्टि उनके हाथों पर पड़ी। उनका एक ही हाथ था – बायाँ। दायाँ हाथ कंधे तक कटा हुआ था। मैं आश्चर्यचकित होकर उनकी तरफ़ देखने लगा। वे बड़े खुश थे, बड़े स्वस्थ थे। एक क्षण में ही मेरे मस्तिष्क में अनेक प्रश्न कौंधने लगे-“: ‘क्या वह लिखावट इसी आदमी की थी? क्या यह बाएँ हाथ से इतने सुंदर अक्षर लिखता है?”

प्रश्न (क) लेखक की दृष्टि किनके हाथों पर पड़ी?
(ख) लेखक आश्चर्य से उनकी ओर क्यों देख रहा था?
(ग) लेखक के मन में प्रश्न कौंधने का क्या कारण था?
(घ) मस्तिष्क में अनेक प्रश्न कौंधने लगे- में विशेषण शब्द कौन-सा है?
(ङ) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का नाम लिखिए।
उत्तर:
(क) लेखक की दृष्टि अख़बार के संपादक श्री महिपाल सिंह के हाथों पर पड़ी।
(ख) लेखक आश्चर्य से उनकी ओर इसलिए देख रहा था, क्योंकि दाहिना हाथ न होने पर भी वे इतनी सुंदर लिखावट में पत्र कैसे लिखते होंगे।
(ग) लेखक के मन में प्रश्न कौंधने का कारण उनका दाहिना हाथ न होने पर भी साँचे में ढले हुए अक्षरों में लेखन- कार्य करना था।
(घ) यहाँ अनेक विशेषण शब्द हैं।
(ङ) गद्यांश के पाठ का नाम है- ‘चिट्ठी के अक्षर।

प्रश्न 3.
” संयोग की बात थी कि मुझे एक मोर्चे पर जाना पड़ा। एक दिन जब शत्रु को अपनी गोलियों का निशाना बना रहा था तो पास ही एक बम फटा और मेरा दाहिना हाथ कंधे तक उड़ गया। मैं गिर पड़ा। मुझे अस्पताल ले जाया गया। महीनों अस्पताल में पड़ा रहा। जब अच्छा हुआ तो सरकार ने मुझे पेंशन देकर सेवा से मुक्त कर दिया। सरकार ने मुझसे पूछा – ” सेवा से मुक्त होने पर मैं कौन – सा काम करूँगा?”

प्रश्न (क) प्रथम पंक्ति में ‘मुझे’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है?
(ख) मोर्चे पर क्यों जाना पड़ा?
(ग) मोर्चे पर कौन – सी घटना घटी?
(घ) सरकार ने उन्हें क्या प्रदान किया?
(ङ) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का नाम लिखिए।
उत्तर:
(क) प्रथम पंक्ति में ‘मुझे’ शब्द का प्रयोग अख़बार के संपादक और पूर्व फौजी ‘महिपाल सिंह’ के लिए किया गया है।
(ख) उन्हें शत्रुओं से मुकाबला करने के लिए मोर्चे पर जाना पड़ा।
(ग) जब वे शत्रुओं पर निशाना लगा रहे थे, तभी एक बम उनके पास फटा और उनका दाहिना हाथ कंधे तक उड़ गया।
(घ) सरकार ने उन्हें सेवा से मुक्त करते हुए पेंशन प्रदान किया।
(ङ) इस गद्यांश के पाठ का नाम है- ‘चिट्ठी के अक्षर’।

DAV Class 6 Hindi Chapter 2 Question Answer - चिट्ठी के अक्षर

प्रश्न 4.
“मैं घर आकर बाएँ हाथ से लिखने का अभ्यास करने लगा। चार – पाँच साल तक मैं अभ्यास में ही लगा रहा। मैंने बहुत-सी कविताएँ लिखीं, कहानियाँ लिखीं और लेख लिखे। वे सभी चीजें मेरे पास मौजूद हैं। मेरी लिखावट उसी अभ्यास का परिणाम है। जब मैं लिखने में दक्ष हो गया तो अख़बार निकालने लगा। अब आप देख ही रहे हैं कि पूरे बत्तीस पेज का अख़बार हर सप्ताह निकालता हूँ।”

प्रश्न (क) ‘मैं’ का प्रयोग किसके लिए किया गया है?
(ख) वे बाएँ हाथ से लिखने का अभ्यास क्यों करने लगे?
(ग) उनके पास कौन-कौन सी चीजें मौजूद थीं?
(घ) उन्हें सुंदर लिखावट कैसे मिली ?
(ङ) अख़बार की दो विशेषताएँ गद्यांश के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
(क) ‘मैं’ शब्द का प्रयोग साप्ताहिक अखबार के संपादक और पूर्व फौजी महिपाल सिंह के लिए किया गया है।
(ख) युद्ध में शत्रुओं पर निशाना लगाते समय एक बम विस्फोट में उनका दायाँ हाथ उड़ गया था। वे अख़बार निकालना चाहते थे, अतः बाएँ हाथ से लिखने का अभ्यास करने लगे।
(ग) उनके पास टेढ़े-मेढ़े अक्षरों में लिखी बहुत-सी कविता, कहानियाँ और लेख मौजूद थे।
(घ) निरंतर चार-पाँच साल तक अभ्यास करते रहने के कारण उन्हें सुंदर लिखावट मिली।
(ङ) अखबार की दो विशेषताएँ हैं-
बत्तीस पेज का होना।

शब्दार्थ:

पृष्ठ संख्या: 4

  • चिट्ठी-पत्र।
  • संपादक – पुस्तक, सामयिक पत्र आदि को संशोधित कर प्रकाशन के योग्य बनानेवाला व्यक्ति, एडिटर।
  • हस्ताक्षर – दस्तख़त।
  • मन को अपनी ओर खींचना – आकर्षित करना, लुभाना।
  • अनायास अचानक, एकाएक।

पृष्ठ संख्या: 5

  • साप्ताहिक – सप्ताह में एक बार छपनेवाला।
  • पूर्ति करना – पूरा करना।
  • दर्शन करना – भेंट- ट-मुलाकात करना।
  • नियत – निश्चित, तय।
  • तिथि – तारीख।
  • उछल पड़ना – अत्यंत उत्साहित होना।

DAV Class 6 Hindi Chapter 2 Question Answer - चिट्ठी के अक्षर

पृष्ठ संख्या: 6

  • दृष्टि- निगाह।
  • आश्चर्यचकित – विस्मय हुआ।
  • मस्तिष्क – दिमाग, कौंधना – उमड़ना-घुमड़ना।
  • फ़र्क – अंतर।
  • सटीक – अचूक, बिलकुल ठीक।

पृष्ठ संख्या: 7

  • इंतज़ाम – प्रबंध।
  • परिणाम – फल।
  • दक्ष – निपुण, पारंगत।
  • मुग्ध – प्रसन्न।
  • रसरी आवत जात तै सिल पर परत निसान – कोमल रेशे से बनी रस्सी के बार-बार आने से कठोर पत्थर पर भी निशान पड़ जाते हैं।
  • प्रत्यक्ष – आँखों के सामने।

चिट्ठी के अक्षर  Summary in Hindi

पाठ – परिचय:

‘चिट्ठी के अक्षर’ अत्यंत प्रेरणाप्रद पाठ है। यह पाठ अभ्यास के महत्व का प्रत्यक्ष उदाहरण भी है, जिसमें बताया गया है कि रणक्षेत्र में अपना दाहिना हाथ गँवा देने वाले महिपाल सिंह हिम्मत हारे बिना अपने बाएँ हाथ से लिखने का अभ्यास शुरू करते हैं और निरंतर अभ्यास से गोल-गोल, सुंदर तथा साँचे में ढले हुए अक्षर लिखने में पारंगत हो जाते हैं। उनकी सुंदर लिखावट देख लेखक उनके अखबार के लिए कविता लिखने को विवश हो जाता है।

पाठ का सार:

सुबह के दस बजे का समय था, जब लेखक अखिलेश शर्मा को डाक से एक चिट्ठी मिली। इस चिट्ठी में किसी अखबार के संपादक महिपाल सिंह ने एक कविता भेजने का अनुरोध किया था। यूँ तो लेखक के पास बहुत-सी चिट्ठियाँ आती रहती थीं, पर इस पत्र की लिखावट ने लेखक का मन खींच लिया और वह अखबार के लिए कविता लिखने को तैयार हो गया। यह कविता अखबार के जिस अंक में छपी थी, संपादक ने उसे लेखक के पास भेज दिया।
इस साप्ताहिक अखबार में बत्तीस पृष्ठ थे, जिसमें ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले समाचारों को प्रमुखता से छापा गया था। लेखक को यह अखबार बहुत पसंद आया और उसने उसके दूसरे अंक के लिए भी कविता भेज दी। अब कविता और कहानी भेजने का सिलसिला शुरू हो गया था, जिसके कारण लेखक और संपादक के मन में परस्पर प्रेम पैदा हो गया।

एक बार लेखक से मिलने की इच्छा प्रकट करते हुए संपादक ने पत्र लिखा – ‘यदि आपका कभी इधर आना हो, तो मेरे ही घर ठहरने की कृपा करें।’ लेखक ने भी आश्वासन भरा पत्र लिखकर जवाब दे दिया। संयोग से लेखक को एक शादी में उधर जाना पड़ा। शादी के कार्यक्रम से निवृत्त हो वह संपादक महिपाल सिंह के घर गया और अपना परिचय दिया। लेखक के मुँह से अखिलेश शर्मा नाम सुनते ही संपादक महोदय ने उसे गले से लगा लिया। लेखक उस समय अवाक् रह गया, जब उसने देखा कि उनका एक ही हाथ है, परंतु वे बड़े खुश और स्वस्थ थे। पत्र की लिखावट को याद कर उसके मन में अनेक प्रश्न उठने लगे। तभी संपादक महिपाल सिंह ने बताया कि आपको चिट्ठियाँ भेजने वाला महिपाल एक हाथ का आदमी है। लेखक ने कहा कि आप तो मेरे मन की बात भाँप गए। उन्होंने बताया कि दाएँ-बाएँ में कुछ फ़र्क नहीं होता है।

दाएँ-बाएँ में एक ही गुण होता है। यह तो व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह किस हाथ से काम करता है। लेखक द्वारा यह पूछने पर कि वे कब से लिख रहे हैं तब उन्होंने सोचकर बताया कि इस समय उनकी उम्र 55 वर्ष की है। वे चालीस वर्ष की उम्र तक फौज़ में रहे और दाएँ-बाएँ दोनों हाथों से अचूक निशाना लगाते थे। एक बार जब वे मोर्चे पर शत्रु को अपनी गोलियों का निशाना बना रहे थे तभी उनके पास एक बम फटा और उनका दाहिना हाथ कंधे तक उड़ गया। महीनों अस्पताल में रहने के बाद सरकार ने उन्हें पेंशन देकर सेवा मुक्त कर दिया और उनकी ही इच्छानुसार अखबार निकालने का प्रबंध कर दिया।

वह घर पर ही बाएँ हाथ से लिखने का अभ्यास करने लगे और चार-पाँच साल के अभ्यास में ऐसी सुंदर लिखावट लिखने लगे। वे स्वयं भी बहुत-सी कविताएँ, कहानियाँ और लेख लिखते रहे और इस कला में दक्ष होने पर अखबार निकालने लगे। उन्होंने चार-पाँच साल तक जो अभ्यास किया था, उसका नमूना भी दिखाया। लेखक ने देखा कि टेढ़े-मेढ़े अक्षर, दूर-दूर अक्षर, अलग-अलग अक्षर, फिर सुधरे अक्षर, फिर गोल-गोल सुंदर अक्षर और फिर साँचे में ढले अक्षर। बचपन में पढ़ा हुआ – ‘रसरी आवत जात तै, सिल पर परत निसान’ लेखक के सामने प्रत्यक्ष हो उठा था । लेखक ने मुग्ध होकर महिपाल सिंह से विदा ली।