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DAV Class 4 Hindi Chapter 10 Question Answer – एक बौना और लकड़हारा
DAV Class 4 Hindi Ch 10 Question Answer – एक बौना और लकड़हारा
कहानी में से
प्रश्न 1.
लकड़हारा लकड़ियाँ काटकर क्या करता था?
उत्तर :
लकड़हारा लकड़ियाँ काटकर उसे शहर में बेचता था।
प्रश्न 2.
ठंड के कारण लकड़हारे की अँगुलियाँ कैसी हो जाती थीं?
उत्तर :
ठंड के कारण लकड़हारे की अँगुलिया सुन्न हो जाती थी।
प्रश्न 3.
लकड़हारा फूँक मारकर क्या तेज़ कर रहा था?
उत्तर :
लकड़हारा फूँक मारकर आग को तेज़ कर रहा था।
प्रश्न 4.
लकड़हारे ने बौने को आलू को फूँकने का क्या कारण बताया?
उत्तर :
लकड़हारे ने बौने को आलू को फूँकने का कारण बताया कि आलू गरम है, इसे ठंडा करने के लिए फ़ँक मार रहा हूँ।
प्रश्न 5.
उचित उत्तर पर सही (✓) का चिहून लगाइए-
(क) लकड़हारे को कैसी लकड़ी आसानी से नहीं मिलती थी?
(ख) लकड़हारे ने कितने पत्थर उठाकर चूल्हा बनाया?
(ग) लकड़हारे ने हांड़ी में क्या उबलने के लिए रख दिया?
उत्तर :
(क) [ ] सूखी
(ख) [ ] दो
(ग) [ ] आलू
6. किसने कहा, किससे कहा-
उत्तर :
किसने कहा :
(क) बौना ने
(ख) लकड़हारे ने
(ग) लकड़हारे ने
(घ) बौने ने
किससे कहा :
लकड़हारे से
बौने से
बौने से
लकड़हारे से
बातचीत के लिए
प्रश्न 1.
लकड़हारा किसे कहते हैं?
उत्तर :
जो लकड़ी काटकर बेचता है, और उसी से अपनी जीविका चलाता है उसे लकड़हारा कहते हैं।
प्रश्न 2.
आग बार-बार ठंडी क्यों हो जाती थी?
उत्तर :
लकड़ी गीली होने के कारण आग बार-बार ठंडी हो जाती थी।
प्रश्न 3.
बहुत अधिक ठंड पड़ने पर आप क्या करते हैं?
उत्तर :
बहुत अधिक ठंड पड़ने पर हम गर्म कपड़े पहनते हैं और आग के पास बैठते हैं।
प्रश्न 4.
खाना पकाने की तैयारी में क्या-क्या करना होता है? खीर बनाने की तैयारी में आप क्या-क्या करेंगे?
उत्तर :
खाना पकाने की तैयारी में सामान, पानी, बर्तन और चूल्हे तैयार करने पड़ते हैं। खीर बनाने की तैयारी में चूल्हे के साथ-साथ चावल, दूध और चीनी की व्यवस्था करेंगे।
आपकी बात
प्रश्न 1.
नीचे दी गई चीज़ों को हम कैसे खाते हैं? तालिका में दी गई श्रेणियों में लिखिए-
उत्तर :
प्रश्न 2.
आप भूख लगने पर क्या-क्या बनाकर खाते हैं ? सूची बनाइए
उत्तर :
पकवान का नाम | किन चीज़ों की ज़रूरत होगी |
चावल, रोटी, दाल सब्जी, खीर | चावल, आटा, दाल, सब्जी मेंआलू, पटल, टमाटर, प्याज, बैंगन, गोभी आदि। खीर-दूध, चीनी। |
भाषा की बात
1. नीचे दिए गए शब्दों में सही जगह पर चद्रंबिंदु लगाइए-
उत्तर :
2. यदि एक की जगह हम तीन का प्रयोग करें तो शब्दों में क्या अंतर आएगा? इसे करके देखिए और उस पर चर्चा कीजिए-
उत्तर :
(क) एक लकड़हारा तीन _____ लकड़हारे ____
(ख) एक बौना तीन ____ बौने _____
(ग) एक चूल्हा तीन ____ चूल्हे _____
(घ) एक तारा तीन _____ त्तारे _____
3. नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित शब्दों के विलोम से रिक्त स्थान भरिए-
(क) लकड़हारे ने गरम आलू को ________ करके खाया।
(ख) रीमा सूखे हुए कपड़े बाहर से ________ ले गई।
(ग) राहुल रातमेहनत करता है।
(घ) राज के पास _______ पुस्तक है जिसमें अनेक कहानियाँ हैं।
(ङ) दूरबीन से दूर की वस्तु _____ नज़र आती है।
उत्तर :
(क) ठंडा
(ख) भीतर
(ग) दिन
(घ) एक
(ङ) नज़दीक
जीवन मूल्य
प्रश्न 1.
लकड़हारा अपनी गुज़र-बसर करने के लिए बहुत मेहनत करता था। कहानी में से उन अंशों को छाँटकर बताइए, जहाँ उसकी मेहनत झलकती हो।
उत्तर :
लकड़हारा लकड़ी काटकर शहर बेचने जाता था। सख्त ज़ाड़ा में उसके हाथ-पाँव ठिठुर जाते थे। हथेलियाँ मुँह के पास ले जाकर फूँक मार कर गरम करके लकड़ी काटता था। जंगल में चूल्हा बनाकर खाना बनाता था।
प्रश्न 2.
आप किन-किन चीज़ों के लिए मेहनत करते हैं, क्यों?
उत्तर :
हम अपनी पढ़ाई के लिए मेहनत करते हैं। घर के कामों में हाथ बटाने के लिए मेहनत करते हैं।
प्रश्न 3.
अगर हम मेहनत न करें तो क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं?
उत्तर :
अगर हम मेहनत न करें तो हमें जीवन में सफलता नहीं मिलेगी और जीवन भर पछताना पड़ेगा। जीवन में मेहनत के बल पर ही व्यक्ति आगे बढ़ता है, खुशहाल जीवन व्यतीत करता है। अगर हम मेहनत नहीं करेंगे तो इन सब चीज़ों से वंचित रह जाएँगें।
कुछ करने के लिए
जिस प्रकार लकड़हारे और बौने में बातचीत हुई है। उसी प्रकार नीचे लिखी सोनू और माली की बातचीत पर सोचिए और उसे आगे बढ़ाइए। फिर इस बातचीत को कक्षा में नाटकीय रूप में प्रस्तुत कीजिए।
सोनू : माली काका, नमस्ते।
माली : नमस्ते, बेटा।
सोनू : काका, क्या मैं यह फूल तोड़ सकता हूँ?
माली : _____________________
सोनू : _____________________
माली : _____________________
उत्तर :
सोनू : माली काका, नमस्ते।
माली : नमस्ते, बेटा।
सोनू : काका, क्या मैं यह फूल तोड़ सकता हूँ?
माली : नहीं, बेटा।
सोनू : क्यों?
माली : क्योंकि फूल डाल में ही अच्छे लगते हैं। फूल हमें देखना चाहिए। उसे तोड़ना नहीं चाहिए।
DAV Class 4 Hindi Ch 10 Solutions – एक बौना और लकड़हारा
I. बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
लकड़हारा लकड़ी काटकर कहाँ बेचने जाता था?
(क) गाँव
(ख) मेला
(ग) कस्बा
(घ) शहर।
उत्तर :
(घ) शहर।
प्रश्न 2.
लकड़हारा को कौन देख रहा था?
(क) पुलिस
(ख) बौना
(ग) चोर
(घ) कोई नहीं।
उत्तर :
(ख) बौना
प्रश्न 3.
लकड़हारा ने चूल्हे पर क्या उबलाने के लिए रखा?
(क) आलू
(ख) चावल
(ग) दाल
(घ) सब्जी।
उत्तर :
(क) आलू
प्रश्न 4.
लकड़हारा आलू को कैसे ठंडा कर रहा था?
(क) पानी में डालकर
(ख) फूँक मारकर
(ग) पंखा झलकर
(घ) आग से अलग कर।
उत्तर :
(ख) फूँक मारकर
प्रश्न 5.
बौना का मुँह कैसा हो गया?
(क) पीला
(ख) लाल
(ग) उजला
(घ) काला।
उत्तर :
(क) पीला
प्रश्न 6.
“एक बौना और लकड़हारा” के लेखक कौन हैं?
(क) ज़ाकिर हुसैन
(ख) सफ़द्र हाशमी
(ग) मुल्कराज आनंद
(घ) उमाशंकर जोशी
उत्तर :
(क) ज़ाकिर हुसैन
II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
लकड़हारा लकड़ियाँ काटकर कहाँ बेचने जाता था?
उत्तर :
लकड़हारा लकड़ियाँ काटकर शहर बेचने जाता था ।
प्रश्न 2.
लकड़हारा हथेलियों पर फूँक क्यों मार रहा था?
उत्तर :
लकड़हारा हथेलियों को गरम करने के लिए फूँक मार रहा था।
प्रश्न 3.
लकड़हारा को कौन देख रहा था?
उत्तर :
लकड़हारा को एक बौना देख रहा था।
प्रश्न 4.
बौना ने लकड़हारे से क्या पूछा?
उत्तर :
बौना ने लकड़हारे से पूछा, “तुम हाथों में फूँक-सी क्यों मारते हो?”
प्रश्न 5.
लकड़हारा आलू कैसे खाने लगा?
उत्तर :
लकड़हारा आलू को ठंडा करके गप-गप खाने लगा।
III. लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
ठंड के कारण लकड़हारे की कैसी हालत हो जाती थी?
उत्तर :
ठंड के कारण लकड़हारे के हाथ-पैर ठिठुर जाते थे। उसकी अँगुलिया सुन्न हो जाती थी।
प्रश्न 2.
लकड़हारे ने दोपहर में खाना पकाने की क्या तैयारी की?
उत्तर :
लकड़हारे ने दोपहर में खाना पकाने के लिए इधर-उधर से दो पत्थर उठाकर चूल्हा बनाया, उस पर हांड़ी रखी तथा आग सुलगाकर उसे चूल्हे पर रख दिया।
प्रश्न 3.
लकड़हारा ने फूँक मारकर कौन-कौन से काम किए?
उत्तर :
लकड़हारा ने फूँक मारकर अपनी हथेलियों को गर्म किया, आग सुलगाया तथा आलू को ठंडा किया।
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
I. एक लकड़हारा रोज़ जंगल में जाकर लकड़ियाँ काटता था और शहर में लाकर उहें बेच देता था। एक दिन उसने सोचा-‘आस-पास से तो सब लकड़हारे लकड़ी काटकर ले जाते हैं। सूखी लकड़ी आसानी से मिलती नहीं, इसलिए जंगल के अंदर दूर जाना चाहिए।’ एक दिन वह जंगल में बहुत दूर तक चला गया। सरदी का मौसम था। सख़्त जाड़ा पड़ रहा था। हाथ-पाँव ठिठुर जाते थे। दोनों हथेलियाँ मुँह के पास ले जाकर खूब जोर से फूँक मारता, जिससे वे गरम हो जाएँ।
प्रश्न 1.
लकड़हारा जंगल में क्या करने जाता था?
उत्तर :
लकड़हारा जंगल में लकड़ी काटने जाता था।
प्रश्न 2.
लकड़हारा लकड़ी कहाँ बेचता था?
उत्तर :
लकड़हारा लकड़ी शहर जाकर बेचता था।
प्रश्न 3.
एक दिन सूखी लकड़ियों के लिए वह कहाँ चला गया?
उत्तर :
एक दिन सूखी लकड़ियों के लिए वह जंगल में बहुत दूर तक चला गया।
प्रश्न 4.
मौसम कैसा था?
उत्तर :
सरदी का मौसम था।
प्रश्न 5.
लकड़हारा ने हाथ को गरम करने के लिए क्या किया?
उत्तर :
लकड़हारा ने हाथ को गरम करने के लिए दोनों हथेलियाँ मुँह के पास ले जाकर खूब ज़ोर से फूँक मारने लगा।
II. बौना बोला, “तुम हाथों में फूँक-सी क्यों मारते हो?” लकड़हारे ने जवाब दिया, “सरदी बहुत है। हाथ ठिठुर जाते हैं। मैं मुँह से फूँक कर इन्हें गरमा लेता हूँ।” बौने ने अपना सुपारी जैसा सिर हिलाया और कहा, “अच्छा, यह बात है!” यह कहकर वह वहाँ से चला गया।
प्रश्न 1.
बौने ने लकड़हारे से क्या पूछा?
उत्तर :
बौने ने लकड़हारे से पूछा, “तुम दोनों हाथों में फूँक-सी क्यों मारते हो?”
प्रश्न 2.
लकड़हारे ने बौने को क्या जवाब दिया?
उत्तर :
लकड़हारे ने बौने को बताया कि सरदी के कारण हाथ-पाँव ठिठुर जाते हैं। इसलिए फूँक मारकर इन्हें गरमा लेता हूँ।
प्रश्न 3.
लकड़हारा फूँक क्यों मार रहा था?
उत्तर :
लकड़हारा हाथ को गरमाने के लिए फूँक मार रहा था।
प्रश्न 4.
बौने का सिर किसकी तरह था?
उत्तर :
बौने का सिर सुपारी की तरह था।
प्रश्न 5.
यह गद्यांश किस पाठ से लिया गया है?
उत्तर :
यह गद्यांश ‘एक बौना और लकड़हारा’ पाठ से लिया गया है।
III. लकड़हारा बोला “नहीं, यह आलू बहुत गरम था। मैं इसे मुँह से फूँक-फूँककर ठंडा कर रहा था।” यह सुनकर बौने का मुँह पीला पड़ गया। लकड़हारे ने पूछा, “क्यों भाई, क्या हुआ?” पर बौना पीछे हटते गया। काफ़ी दूर जाकर बोला, “यह न जाने क्या बला है! कोई भूत है या प्रेत है! उसी से ठंडा उसी से गरम! समझ में तो यह बात नहीं आती।”
प्रश्न 1.
आलू कैसा था?
उत्तर :
आलू गरम था।
प्रश्न 2.
आलू को ठंडा करने के लिए लकड़हारा क्या कर रहा था?
उत्तर :
आलू को ठंडा करने के लिए लकड़हारा मुँह से फूँक मार रहा था।
प्रश्न 3.
बौने का मुँह पीला क्यों पड़ गया?
उत्तर :
लकड़हारे की बात सुनकर बौने का मुँह पीला पड़ गया।
प्रश्न 4.
बौना क्या सोच रहा था?
उत्तर :
बौना सोच रहा था कि उसी से ठंडा, उसी से गरम! मेरी समझ में यह बात नहीं आती।
प्रश्न 5.
मैं इसे मुँह से फूँक- फूँककर ठंडा कर रहा था। इस वाक्य में ‘मैं’ शब्द किसके लिए आया है?
उत्तर :
इस वाक्य में ‘मैं’ शब्द का प्रयोग लकड़हारा के लिए हुआ है।
शब्दार्थः
- लकड़हारा – जो लकड़ी काटता है,
- सख्त – कड़ा/सुन्न, बेजान,
- सुलगाकर – जलाकर,
- हाड़ी – खाना बनाने का बरतन।
एक बौना और लकड़हारा Summary in Hindi
पाठ-परिचय :
‘एक बौना और लकड़हारा’ शीर्षक कहानी में यह बताया गया है कि एक लकड़हारा सरदी में अपनी हथेलियों को गर्म करने के लिए मुँह से फूँक मारता है, आग जलाने के लिए फूँक मारता है, और पके आलू को ठंडा करने के लिए भी फूँक मारता है। उसकी इस हरकत से एक बौना आश्चर्य में पड़कर सोचने लगता है-यह कोई भूत है या प्रेत। उसी से ठंडा, उसी से गरम। इस बात को बौना समझ नहीं पाता है और वहाँ से पीछे हट जाता है।
पाठ का सारांश :
एक लकड़हारा जंगल से लकड़ियाँ काटकर शहर में बेचा करता था। एक दिन वह जंगल में बहुत दूर चला गया। ठंड के कारण उसके हाथ-पाँव ठिठुर जाते थे। उसकी अंगुलियाँ काम नहीं कर रही थी, इसलिए वह दोनों हथेलियों पर मुँह से फूँक मारता, जिससे वे गरम हो जाएँ। एक बौना यह सब देखकर आश्चर्य में पड़ जाता है और लकड़हारे से पूछता है- “तुम हाथों में फूँक-सी क्यों मारते दो?” लकड़हारा उसे बताता है कि मैं हाथों को गरम करने के लिए फूँक मारता हूँ। दोपहर होते ही लकड़हा
रे ने खाना पकाने के लिए आग सुलगाकर उसे चूल्हे पर रखा। आग को तेज करने के लिए लकड़हारे ने फिर मुँह से फूँक मारी। पके आलू को आग से बाहर करके ठंडा करने के लिए फिर उसने मुँह से फूँक मारी। बौना फिर आश्चर्य में पड़ गया और लकड़हारे के पास आकर बोला- “सुबह आपने फूँक मारकर हाथ को गरमाया” लेकिन आलू तो गरम था, इसे और गरमाने से क्या लाभ है? लकड़हारे ने उसे बताया कि इस गरम आलू को ठंडा करने के लिए मैंने फूँक मारी। यह सुनकर बौने का चेहरा पीला पड़ गया। वह सोचने लगा एक ही फूँक से कभी गरम, कभी ठंडा। ऐसा कैसे हो सकता है? वह काफी दूर जाकर बोला यह कोई भूत है या प्रेत। मेरी तो समझ में नहीं आती।