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DAV Class 3 Hindi Chapter 9 Question Answer – गीत का कमाल
DAV Class 3 Hindi Ch 9 Question Answer – गीत का कमाल
कहानी में से-
प्रश्न 1.
रोहित ने अपने पिता से क्या लाने के लिए कहा?
उत्तर :
रोहित ने अपने पिताजी से गीत लाने को कहा।
प्रश्न 2.
दुकानदार ने पिताजी के सवाल का क्या जवाब दिया?
उत्तर :
दुकानदार ने पिताजी के सवाल के जवाब में कहा- ” आगे जाओ, वहाँ मिलेंगे।”
प्रश्न 3.
खरगोश को वेखकर पिताजी ने कौन-सी पंक्ति बनाई?
उत्तर :
खरगोश को देखकर पिताजी ने पंक्ति बनाई “देखे टगर-मगर।”
प्रश्न 4.
चोर क्यों भाग गए?
उत्तर :
चोर गीत सुनकर डर गए और भाग गए।
प्रश्न 5.
उचित उत्तर पर सही [✓] का निशान लगाइए-
उत्तर :
(क) [ ] दूसरी [✓] तीसरी [ ] चौथी
(ख) [✓] चूहे को [ ] साँप को [ ] खरगोश को।
(ग) [ ] पिताजी को [ ] दादीजी को [✓] पड़ोसियों को
बातचीत के लिए-
प्रश्न 1.
पिताजी ने रोहित को क्या समझाने की कोशिश की?
उत्तर :
पिताजी ने रोहित को यह समझाने की कोशिश की कि गीत बाज़ार में नहीं मिलते और न हीं इसे खरीदा जा सकता है।
प्रश्न 2.
‘उधेड़बुन’ का क्या मतलब होता है? आप कब उधेड़बुन में लगे रहते हैं?
उत्तर :
छात्र/छात्राएँ स्वयं करें।
प्रश्न 3.
सेंध लगाने का क्या अर्थ होता है? चोर चोरी करने के लिए कैसे सेंध लगाते हैं?
उत्तर :
सेंध लगाने का अर्थ है-चोरी करने के लिए दीवार तोड़ कर छेद बनाया। चोर चोरी करने के लिए खुदाई के औज़ारों से दीवार में सेंध लगाते हैं।
प्रश्न 4.
कहानी में रोहित बहुत ज़िद्दी था। क्या आप भी ज़िद्द करते हैं? क्यों/क्यों नहीं?
उत्तर :
छात्र/छात्राएँ स्वयं करें।
आपकी कल्पना-
प्रश्न 1.
अगर रोहित के पिताजी बिना गीत के घर पहुँचते तो घर पर क्या होता?
उत्तर :
अगर पिताजी बिना गीत के घर पहुँचते तो घर पर चोरी हो जाती क्योंकि गीत के सुनने से चोर भाग गये थे।
प्रश्न 2.
अगर रोहित पिताजी के दिए गाने को आधी रात में न गाता को क्या होता?
उत्तर :
अगर रोहित पिताजी के दिए गाने को आधी रात में नहीं गाता तो चोर सबको सोया हुआ समझकर घर में घुस जाता और घर में चोरी हो जाती।
आपकी बात-
“गीत गाना तो बहुत आसान है।” आपको और आपके एक पक्के दोस्त को कौन-कौन से काम आसान लगते हैं? सही (✓) का निशान लगाइए
उत्तर :
छात्र/छात्राएँ स्वयं करें।
भाषा की बात-
प्रश्न 1.
दिए गए समान लय शब्दों को ध्यान से पढ़िए-
टगर – मगर
अलंग – फलंग
नीचे दिए गए शब्दों के सामान लय शब्द लिखिए-
(क) कोट _______ ________
(ख) सुनाई _______ _______
(ग) ताली _______ _______
उत्तर :
(क) कोट
(ख) सुनाई
चोट दिखाई नीली पिटाई
(ग) तीली
प्रश्न 2.
इन जानवरों के बारे में पता कीजिए और इनके नाम लिखिए-
उत्तर :
(क) चूहा – साँप – छछंदर
(ख) साँप – गोजर – छिपकली
(ग) हिरन – बंदर – खरगोश
प्रश्न 3.
कहानी में ‘दुकान’ शब्द में ‘दार’ जोड़ा और वह ‘दुकानदार’ बन गया। अब आपकी बारी है। नीचे दिए शब्दों में ‘दार’ शब्द जोड़कर नए शब्द बनाइए –
उत्तर :
(क) दुकान + दार = दुकानदार
(ख) समझ + दार = समझदार
(ग) हवा + दार = हवादार
(घ) फल + दार = फलदार
जीवन मूल्य-
रोहित बहुत ज़िद्दी था। वह बिना बात के झगड़ा भी करता था। क्या ज़िद करना ठीक है? क्यों? अगर आपसे कोई बिना बात के झगड़े तो आपको कैसा लगेगा? आप क्या करेंगे?
उत्तर :
ज़िद करना ठीक नहीं है क्योंकि किसी चीज़ के लिए ज़िद्द करना अगर सही दिशा में न हो, तो हम और हमारा परिवार परेशानी में पड़ सकता है। अगर मुझसे कोई बिना बात के झगड़े तो मुझे अच्छा नहीं लगेगा। इस स्थिति में मैं वैसे आदमी से दूर ही रहने की कोशिश करूँगा।
कुछ करने के लिए-
अपने दोस्त/सहेली के जन्मदिन का बधाई कार्ड बनाइए-
समान-पुराने सूखे पत्ते, झाड़ की तीली, पेंसिल की छिलकन, काली मिर्च (दो दाने), फेवीकोल तरीका-
1. पेंसिल की छिलकन को गोल करके चिपकाइए।
2. झाड़ की तीली चिपकाइए।
3. सूखे पत्ते चिपकाइए।
4. फूल के बीज, काली मिर्च के दाने चिपकाइए।
5. बधाई संदेश लिखिए।
उत्तर :
छात्र/छात्राएँ स्वयं करें।
DAV Class 3 Hindi Ch 9 Solutions – गीत का कमाल
I. बहुविकल्पीय प्रश्न-
1. गीत सुनकर चोर …….।
(क) भाग गए
(ग) चोरी किए
(ख) लौट गए
(घ) गीत गाने लगे।
II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1.
चोरों ने किसके घर में सेंध लगाई थी?
उत्तर :
चोरों ने रोहित के घर में सेंध लगाई थी।
प्रश्न 2.
क्या चोरों ने रोहित के घर में चोरी की?
उत्तर :
नहीं।
III. लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1.
पिताजी ने रोहित को कौन-सा गीत सुनाया?
उत्तर :
“खोदे खर्र-खर्र, सरके सर्र-सर्र, देखे टगर-मगर, कूदे अलंग-फलंग।”
प्रश्न 2.
रोहित गीत सुनकर क्या समझा और क्या करने लगा?
उत्तर :
रोहित समझा कि यह वाकई गीत है और उस गीत को राग से गाने लगा।
प्रश्न 3.
रोहित के गीत का चोरों पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर :
रोहित का गीत सुनकर चोर भाग खड़े हुए।
प्रश्न 4.
पिताजी क्यों आश्चर्यचकित रह गए? उन्होंने रोहित से क्या कहा?
उत्तर :
पिताजी, सुबह दरवाज़े के पास सेंध देखी तो आश्चर्यचकित रह गए। उन्होंने रोहित से कहा, “देखा, कितना बढ़िया गीत खरीदकर लाया हूँ।”
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
1. रोहित तीसरी कक्षा में पढ़ता था। वह बहुत ज़िद्दी था। बात-बेबात झगड़ा मोल लेता और बात करता तो ऐसा लगता जैसे खाने को दौड़ रहा है। उसके माता-पिता, पड़ोसी सभी उससे थर-थर काँपते थे। एक दिन की बात है कि उसने अपने दोस्त को गीत गाते सुना। वह उसके पास जा पहुँचा और बोला- “यह बताओ कि गीत कैसे गाए जाते हैं?” दोस्त रोहित को खूब जानता था, सो बोला-“गीत गाना तो बहुत आसान है, ये तो बाज़ार में मिलते हैं, खरीद लो।”
प्रश्न 1.
रोहित कैसा लड़का था?
उत्तर :
रोहित ज़िद्दी लड़का था।
प्रश्न 2.
एक दिन उसने क्या सुना?
उत्तर :
एक दिन उसने अपने दोस्त को गीत गाते सुना।
प्रश्न 3.
उसने अपने दोस्त से क्या पूछा?
उत्तर :
उसने अपने दोस्त से पूछा कि गीत कैसे गाए जाते हैं।
प्रश्न 4.
रोहित के दोस्त ने उससे क्या कहा?
उत्तर :
रोहित के दोस्त ने कहा कि गीत गाना तो बहुत आसान है, ये तो बाज़ार में मिलते हैं, खरीद् लो।
2. पिताजी बाज़ार गए और एक दुकानदार से पूछा-“क्यों भाई, गीत है क्या?” दुकानदार समझा कि वह कोई गँवार है, सो बोला-“” आगे जाओ, वहाँ मिलेंगे। पिताजी जगह-जगह भटके, लेकिन गीत बिकते हों तब तो मिलें। शाम हो गई। इसी उधेड़बुन में जब वे चले जा रहे थे तो उन्होंने एक चूहे को बिल के अंदर घुसते देखा। उन्हें आवाज़ सुनाई दी- “खर्र-खर्र।” इससे एक पंक्ति बनी- “खोद खर्र-खर्र।” आगे जाकर उन्होंने एक साँप को सरकते देखा। उसकी आवाज़ सुनकर दूसरी पंक्ति बनी-“सरके सर्र-सर्र।” आगे चलते हुए उन्हें एक खरगोश दिखाई दिया। खरगोश उन्हें गौर से देखने लगा-पंक्ति बनी। “देखे टगर-मगर।” और आगे चलकर उन्होंने छलाँग लगाकर भागते हुए हिरण को देखा। उन्होंने चौथी पंक्ति बना ली-” कूदे अलंग-फलंग।”
प्रश्न 1.
पिताजी ने दुकानदार से क्या पूछा?
उत्तर :
पिताजी ने दुकानदार से पूछा-” क्यों भाई, गीत है क्या?”
प्रश्न 2.
दुकानदार ने पिताजी को क्या समझा?
उत्तर :
दुकानदार ने पिताजी को गँवार समझा।
प्रश्न 3.
चूहे के बिल से क्या आवाज़ आईं?
उत्तर :
चूहे के बिल से ‘खर्र-खर्र’ की आवाज़ आई।
प्रश्न 4.
साँप के सरकने से क्या आवाज़ आई?
उत्तर :
साँप के सरकने वे सर्र-सर की आवाज़ आई।
प्रश्न 5.
खरगोश और हिरण से कौन-सी पंक्तियाँ बनी?
उत्तर :
खरगोश और हिरण से तीसरी और चौथी पंक्तियाँ बनीं।
3. रोहित समझा कि यह वाकई गीत है, सो वह उसे राग से गाने लगा। आधी रात को वह जागा और पड़ोसियों को प्रभावित करने की गरज़ से वही गीत गाने लगा।
प्रश्न 1.
रोहित ने क्या समझा?
उत्तर :
रोहित ने समझा कि यह वाकई गीत है।
प्रश्न 2.
रोहित क्या गाने लगा?
उत्तर :
रोहित पिता द्वारा बनाए गए गीत को गाने लगा।
प्रश्न 3.
वह गीत कब गाने लगा।
उत्तर :
वह आधी रात को गीत गाने लगा।
प्रश्न 4.
वह किसको प्रभावित करने के लिए गीत गाने लगा?
उत्तर :
वह पड़ोसियों को प्रभावित करने के लिए गीत गाने लगा।
प्रश्न 5.
पड़ोसी का अर्थ क्या है?
उत्तर :
जो अपने घर के आस-पास रहते हैं, उन्हें पड़ोसी कहते हैं।
शब्दार्थ :
- कक्षा – वर्ग
- बेबात – बिना बात के
- गँवार – अनपढ़
- पड़ोसी – घर के पास रहने वालों को पड़ोसी कहते हैं
- उधेड़बुन – विचार
- प्रभावित – असर दिखाना
- गरज़ – इच्छा से
- सेंध – चोरी के लिए बनाया गया छेद।
गीत का कमाल Summary in Hindi
पाठ-परिचय :
‘गीत का कमाल’ पाठ में एक ऐसे लड़के की चर्चा की गई है, जो स्वभाव से बहुत जिद्दी है तथा बिना कारण किसी से झगड़ने लगता है। यहाँ तक कि उसके माता-पिता भी उससे काँपते हैं। वह एक ऐसी चीज़ के लिए ज़िद्र करता है, जिसका नाम सुनकर अटपटा-सा लगता है। अंत में उसके पिता उसकी ज़िद् को पूरा करते हैं, जिसके कारण उसके घर में चोरी होने से बच जाती है।
पाठ का सारांश :
रोहित तीसरी कक्षा का छात्र है, जो काफ़ी ज़िद्दी और झगड़ालू है। यहाँ तक कि उसके माता-पिता भी उससे डरते हैं। एक दिन वह अपने दोस्त को गीत गाते सुनता है। वह अपने दोस्तों से पूछता है कि गीत कैसे गाए जाते हैं? मुझे बताओ। सब दोस्तों ने उसे मूख्ख समझकर बताया कि गीत बाज़ार में बिकते हैं उसे खरीदकर मँगवा लो।
रोहित घर आकर अपने पिताजी से बोला कि मुझे गीत ला दीजिए। पिताजी के मना करने पर भी वह ज़िद पर अड़ा रहा। अंत में पिताजी बाज़ार गए और एक दुकानदार से पूछा “गीत है क्या?” दुकानदार उन्हें गँवार समझकर बोला-“आगे जाओ, वहाँ मिलेगा।” पिताजी कई जगह भटकते रहे किंतु गीत बिकते तब तो मिलते। शाम हो गई। पिताजी सोचते हुए घर वापस आ रहे थे, तभी उन्होंने एक चूहे को बिल के अंदर घुसते देखा। उसमें से आवाज़ आई ‘खर्र-खर्। । उन्होंने उससे एक पंक्ति बनाई “खोदे खर्र-खर्र”। आगे एक साँप के सरकने से जो आवाज़ मिली, उससे दूसरी पंक्ति बनाई “सरके सर्र-सर्र…।” फिर एक खरगोश को देखा जो उन्हें ध्यान से देख रहा था। पिताजी ने तीसरी पंक्ति बनाई “देखे टगर-मगर…।” आगे एक हिरण को छलाँग लगाते देख। उन्होंने चौथी पंक्ति बनाई- “कूदे अलंग-फलंग…।” घर आकर उन्होंने रोहित से कहा कि मैं तुम्हारे लिए गीत खरीदकर लाया हूँ और उन्होंने चारों पंक्तियों का वह गीत सुना दिया।
खोदे खर्र-खर्र…, सरके सर्र. सर्र..
देखे टगर-मगर…, कूदे अलंग-फलंग।
रोहित उसे सच्चा गीत समझकर आधी रात को अपने पड़ोसियों को प्रभावित करने के लिए गीत गाने लगा। उधर चोर उसके घर में सेंध लगा रहे थे। चोर रोहित के गीत को सुनकर भाग खड़े हुए। सुबह जब पिताजी ने दरवाज़े के पास सेंध देखी तो वे आश्चर्यचकित रह गए। उन्हें मालूम था कि चोर रोहित का सीत सुनकर भाग गए हैं। उन्होंने बड़े गर्व से रोहित से कहा- ” देखा, कितना बढ़िया गीत खरीदकर लाया हूँ।” रोहित सुनकर काफ़ी खुश हुआ।