Detailed explanations in DAV Class 3 Hindi Book Solutions and DAV Class 3 Hindi Chapter 15 Question Answer – बुआ का पत्र offer clarity on challenging language concepts.
DAV Class 3 Hindi Chapter 15 Question Answer – बुआ का पत्र
DAV Class 3 Hindi Ch 15 Question Answer – बुआ का पत्र
पत्र में से-
प्रश्न 1.
यह पत्र किसने किसके लिए लिखा है?
उत्तर :
यह पत्र बुआ हेमा ने शौर्य के लिए लिखा है।
प्रश्न 2.
शौर्य छुट्टियों में क्या सीख रहा था?
उत्तर :
शौर्य छुट्टियों में नृत्य और चित्रकला सीख रहा था।
प्रश्न 3.
एक बच्चे ने गणेश जी की मूर्ति कैसे बनाई?
उत्तर :
एक बच्चे ने गणेश जी की मूर्ति गीली मिट्टी लेकर बनाई।
प्रश्न 4.
उचित उत्तर पर सही [✓] का निशान लगाइए-
(क) हर साल त्योहार बच्चों के लिए क्या लेकर आता है?
(ख) बच्चे मूर्ति बनाने के लिए मिट्टी कहाँ से लाते हैं?
(ग) बच्चे गणेश की मूर्ति के हाथ में क्या रखते हैं?
उत्तर :
(क) [✓] नया जोश और उत्साह।
(ख) [✓] मिट्टी के लौंदे में से।
(ग) [✓] लड्डू।
बातचीत के लिए-
यदि आप बाल-भवन जाएँगे, तो क्या-क्या सीखेंगे?
उत्तर :
यदि हम बाल-भवन जाएँगे, तो मूर्ति बनाना, ग्रीटिंग कार्ड बनाना, पतंग बनाना, रंगोली बनाना तथा मोमबत्तियाँ बनाना सीखेंगे।
जब आपको प्रतियोगिता में जीतने पर ईनाम मिलेगा तो आपको कैसा लगेगा?
उत्तर :
जब हमको प्रतियोगिता में जीतने पर ईनाम मिलेगा, तो हमें अच्छा लगेगा।
आपकी बात-
प्रश्न 1.
आप गरमी की छुट्टियों में क्या-क्या सीखते हैं?
उत्तर :
छात्र/छात्राएँ स्वयं करें।
प्रश्न 2.
दीपावली पर बच्चे कई काम खुद करते हैं। आप दीपावली पर क्या-क्या करते हैं?
उत्तर :
छात्र/छात्राएँ स्वयं करें।
भाषा की बात-
प्रश्न 1.
उदाहरण देखकर लिखिए-
उत्तर :
(क) ट् + ट = ट्ट – छुट्टी मिट्टी
(ख) त् + य = त्य – सत्य असत्य
(ग) च् + च = च्च – सच्चा बच्चा
प्रश्न 2.
पाठ में कुछ ऐसे शब्द आए हैं, जिनमें ‘र’ का प्रयोग हुआ है, जैसे-प्रयास, मूर्ति। पाठ में आए ऐसे शब्दों को छाँटकर लिखिए-
उत्तर :
चौकोर प्रिय शौर्य
आकार क्रिया मार्ग
इस मात्रा से संबंधित शब्द पाठ में नहीं है।
प्रश्न 3.
समानार्थी शब्द पर घेरा लगाइए –
उत्तर :
जीवन मूल्य-
प्रश्न 1.
आप अपनी रुचियों को बढ़ाने के लिए क्या-क्या प्रयास करते हैं? उन्हें पूरा करने में आपकी मदद कौन करता है?
उत्तर :
हम अपनी रुचियों को बढ़ाने के लिए तरह-तरह के चित्र बनाते हैं और उसमें रंग भरते हैं। इस काम में मेरी मदद मेरी माँ करती हैं।
प्रश्न 2.
त्योहार हमारे जीवन में उमंग-उत्साह भरते हैं। आप अपने घर को सजाने में कैसे सहायता करते हैं?
उत्तर :
हम अपने घर को सजाने के लिए घर की साफ़-सफ़ाई करके, हर वस्तु को उचित स्थान पर रखते हैं। कागज़ के अच्छे-अच्छे फूल बनाकर दीवार पर सजाते हैं।
प्रश्न 3.
मिल जुलकर काम करने का एक अपना ही आनंद है क्या आपको भी आपस में मिल-जुलकर काम करना पसंद है? मिल-जुलकर काम करने के क्या फायदे हैं?
उत्तर :
हमें भी मिल-जुलकर काम करना पसंद है। मिल-जुलकर काम करने से काम करना आसान हो जाता है, काम समय पर पूरा हो जाता है तथा आपस में प्यार भी बढ़ता है।
कुछ करने के लिए-
प्रश्न 1.
दीपावली के लिए ग्रीटिंग कार्ड बनाइए-
ज़रूरी सामान-एक मोटा कागज़, सूखी पत्तियाँ, सूखे फूल या पेंसिल की गोल छीलन, काली मिर्च के पाँच-छह दाने, कैंची, फेवीकोल आदि।
उत्तर :
छात्र/छात्राएँ स्वयं करें।
प्रश्न 2.
छिलकों से खिलौना या मूर्ति बनाइए-
ज़रूरी सामान-पिस्ते/अखरोट/मूँगफली के छिलके, मोटा गत्ता, फेवीकोल, बटन, आइसक्रीम स्टिक, फेविकोल आदि।
उत्तर :
छात्र/छात्राएँ स्वयं करें।
DAV Class 3 Hindi Ch 15 Solutions – बुआ का पत्र
I. बहुविकल्पीय प्रश्न-
प्रश्न 1.
यह पत्र किसने लिखा?
(क) बुआ
(ख) मौसी
(ग) माँ
(घ) दीदी
उत्तर :
(क) बुआ
प्रश्न 2.
शौर्य को किस चीज़ के बारे में जानने की इच्छा है?
(क) राष्ट्रपति भवन
(ख) बाल-भवन
(ग) गोलघर
(घ) तारामंडल
उत्तर :
(ख) बाल-भवन
प्रश्न 3.
बाल-भवन में बच्चे क्या-क्या सिखते हैं?
(क) चित्रकला
(ख) हस्तकला
(ग) चित्रकला/हस्तकला
(घ) मूर्ति बनाना
उत्तर :
(ग) चित्रकला/हस्तकला
प्रश्न 4.
गणेश चतुर्थी पर बच्चे किनकी प्रतिमा बनाते हैं?
(क) गणेश जी
(ख) शंकर जी
(ग) दुर्गा जी
(घ) हनुमान जी
उत्तर :
(क) गणेश जी
प्रश्न 5.
दीपावली पर बच्चे क्या बनाते हैं?
(क) फूल
(ख) ग्रीटिंग कार्ड
(ग) दीये
(घ) रंगोली
उत्तर :
(ग) दीये
II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1.
बुआ जी कहाँ से पत्र लिखती हैं?
उत्तर :
बुआ जी वाणी विहार, दिल्ली से पत्र लिखती हैं।
प्रश्न 2.
बाल-भवन कहाँ पर है?
उत्तर :
बाल-भवन नई दिल्ली में है।
प्रश्न 3.
बच्चे कैसी-कैसी मूर्तियाँ बनाते हैं?
उत्तर :
बच्चे अलग-अलग रूप की मूर्तियाँ बनाते हैं।
III. लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1.
बच्चे मिट्टी के लौंदे से क्या-क्या बनाने का प्रयास करते हैं?
उत्तर :
कभी सूँड़, कभी चूहा तो कभी लड्ड् बनाने का प्रयास करते हैं।
प्रश्न 2.
बच्चे मूर्ति में रंग कैसे भरते हैं?
उत्तर :
बच्चे अपनी कार्य-कुशलता और अनुभव से मूर्ति में रंग भरते हैं।
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न-
1. बच्चों द्वारा बनाई गई मूर्तियों का अलग-अलग रूप होता है। गणेश चतुर्थी पर बच्चे गणेश की प्रतिमाएँ बनाते हैं। मिट्टी के लौंदे में से मिट्टी लेकर कभी सूँड़ बनाते हैं कभी लड्ड्डू तो कभी छोटा-सा चूहा बनाते हैं। कई बार सूँड़ अचानक नीचे लटककर टूट जाती है तो पानी लगाकर चिपकाने का प्रयास करते हैं। एक-दूसरे से हँसी-मज़ाक करते हुए मिट्टी के हाथ बनाते हैं उनमें लड्डू रखते हैं। वे अपनी कार्य-कुशलता और अनुभव से मूर्ति बनाकर उनमें रंग भरते हैं। दीपावली के अवसर पर छोटे-बड़े दीये बनाते हैं।
प्रश्न 1.
गणेश जी की मूर्ति कब बनाई जाती है?
उत्तर :
गणेश जी की मूर्ति गणेश चतुर्थी पर बनाई जाती है।
प्रश्न 2.
मूर्तियाँ कैसे बनाई जाती हैं?
उत्तर :
मूर्तियाँ मिट्टी से बनाई जाती हैं।
प्रश्न 3.
बच्चे आपस में क्या करते हैं?
उत्तर :
बच्चे आपस में हँसी-मज़ाक करते हैं।
प्रश्न 4.
दीये कब बनाए जाते हैं?
उत्तर :
दीपावली के अवसर पर दीये बनाए जाते हैं।
प्रश्न 5.
बच्चे मिट्टी से क्या-क्या बनाते हैं?
उत्तर :
बच्चे मिट्टी से हाथी की सूँड़ चूहा तो कभी लड्डू बनाते हैं।
2. अन्य त्योहारों पर रंगोली बनाना पतंग बनाना ग्रीटिंग कार्ड बनाना मटकियाँ रंगना और मोमबत्तियाँ बनाने का काम भी करते हैं। बच्चे ये सब काम आनंद लेकर करते हैं। ज़रूरत पड़ने पर वे एक-दूसरे की मदद भी करते हैं। समय-समय पर यहाँ आयोजित प्रतियोगिताओं में कई स्कूलों के बच्चे भाग लेकर इनाम भी जीतते हैं।
प्रश्न 1.
बच्चे और क्या-क्या बनाते हैं?
उत्तर :
बच्चे रंगोली पतंग ग्रीटिंग कार्ड मोमबत्तियाँ बनाते हैं तैथा मटकियों को रंगते हैं।
प्रश्न 2.
बच्चे ये काम कैसे करते हैं?
उत्तर :
बच्चे ये काम आनंद लेकर करते हैं।
प्रश्न 3.
बच्चे ये सब काम कहाँ करते हैं?
उत्तर :
बच्चे ये सब काम बाल-भवन में करते हैं।
प्रश्न 4.
बच्चे एक-दूसरे की मदद कब करते हैं?
उत्तर :
बच्चे ज़रूरत पड़ने पर एक-दूसरे की मदद करते हैं।
प्रश्न 5.
स्कूल के बच्चे किसमें भाग लेते हैं?
उत्तर :
स्कूल के बच्चे प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं।
शब्दार्थः
- हस्तकला – हाथ की कला
- प्रतिमा – मूर्ति
- लौंदे – गीली मिट्टी
- पर्व – त्योहार
- दीये – दीपक
- नवीनता – नयापन।
बुआ का पत्र Summary in Hindi
पाठ-परिचय :
‘बुआ का पत्र’ शीर्षक पाठ एक पत्र है, जिसमें शौर्य की बुआ हेमा उसके पास पत्र लिखकर उसे बाल-भवन के बारे में बताती हैं। बाल-भवन एक ऐसा भवन है, जो नई दिल्ली में बहादुरशाह ज़फ़र मार्ग पर स्थित है। इसमें बच्चे प्रतिवर्ष तरह-तरह के क्रिया-कलाप करते हैं; जैसे-चित्रकला, हस्तकला इत्यादि।
पाठ का सार :
शौर्य को नृत्य और चित्रकला में काफ़ी रुचि है, इसलिए वह बाल-भवन के बारे में जानना चाहता है। उसकी बुआ हेमा एक पत्र के माध्यम से बाल-भवन की विशेषताओं के बारे में बताती हैं। बाल-भवन नई दिल्ली में बहादुरशाह ज़फ़र मार्ग पर स्थित है। इस में बच्चे तरह-तरह के क्रिया-कलाप करते है; जैसे-चित्रकला, हस्तकला आदि। इसमें बच्चे मूर्तियाँ बनाते हैं, जिनका अलग-अलग रूप होता है। वे अपनी कुशलता और अनुभव से मूर्ति बनाकर उसमें रंग भरते हैं। गणेश चतुर्थी पर गणेश की प्रतिमाएँ, तो दीपावली पर दीये बनाते हैं। हर त्योहार पर रंगोली बनाना, पतंग बनाना, ग्रीटिंग कार्ड बनाना, मटकियाँ रंगना और मोमबत्तियाँ बनाने का काम भी करते हैं। बच्चे ये सब काम बड़े आनंद से करते हैं। ज़रूरत पड़ने पर एक-दूसरे की मदद भी करते हैं। समय-समय पर प्रतियोगिता में भाग लेकर इनाम भी जीतते हैं। यह दुनिया बच्चों की निराली दुनिया है। बड़ों के त्योहार में कोई नवीनता भले ही न दिखे, किंतु बच्चों का हर त्योहार कोई-न-कोई नवीन रंग लेकर आता है।