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DAV Class 3 Hindi Chapter 13 Question Answer – ऐसे थे लाल बहादुर शास्त्री
DAV Class 3 Hindi Ch 13 Question Answer – ऐसे थे लाल बहादुर शास्त्री
पाठ में से-
प्रश्न 1.
लाल बहादुर शास्त्री के बचपन का नाम क्या था?
उत्तर :
लाल बहादुर शास्त्री के बचपन का नाम नन्हें था।
प्रश्न 2.
नन्हें और उसके साथी कहाँ गए थे?
उत्तर :
नन्हें और उसके साथी फूल तोड़ने बगीचे में गए थे।
प्रश्न 3.
माली ने नन्हें को ही क्यों पीटा?
उत्तर :
माली फूल तोड़ने वाले बच्चों में से केवल नन्हें को ही पकड़ पाया था, इसलिए उसने नन्हें को ही पीटा।
प्रश्न 4.
माली ने नन्हें को क्या समझाया?
उत्तर :
माली ने नन्हें को समझाया कि पिता न होने पर तुम्हारी ज़िम्मेदारी और भी अधिक हो जाती है।
प्रश्न 5.
पाठ के आधार पर रिक्त स्थान की पूर्ति उचित शब्द से कीजिए।
(क) लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म ___________ में हुआ था। (शेखसराय/मुगलसराय)
(ख) लाल बहादुर शास्त्री जी स्वतंत्र भारत के ___________ प्रधानमंत्री थे। (दूसरे-तीसरे)
(ग) शास्त्री जी ने ‘जय जवान, जय ___________ का नारा दिया। (मानव/किसान)
(घ) एक दिन नन्हें बगीचे में ___________ तोड़ने पहुँचे। (फूल/फल)
उत्तर :
(क) मुगलसराय
(ख) दूसरे
(ग) किसान
(घ) फूल।
बातचीत के लिए-
प्रश्न 1.
क्या कभी आपने बगीचे से फूल या फल तोड़े हैं? यदि हाँ, तो क्या हुआ? अपना किस्सा सुनाइए।
उत्तर :
छात्र/छात्राएँ स्वयं करें।
प्रश्न 2.
यदि आपको कोई किसी बात पर डाँटे या मारे तो आपको कैसा लगेगा?
उत्तर :
छात्र/छात्राएँ स्वयं करें।
कुछ पता लगाएँ-
जैसे लाल बहादुर शास्त्री के बचपन का नाम ‘नन्हें था’ वैसे पता करके लिखिए कि इन व्यक्तियों के बचपन का नाम क्या था?
उत्तर :
स्वामी दयानंद-मूलशंकर
गाँधी जी-मोनिया
रानी लक्ष्मीबाई-मनू.
श्री कृष्ण-कान्हा।
भाषा की बात-
प्रश्न 1.
सही शब्द से वाक्य पूरे कीजिए-
(क) लाल बहादुर शास्त्री का बचपन का ___________ नन्हें था। (काम/नाम)
(ख) लाल बहादुर शास्त्री अपना काम ____________ से पूरा करते थे। (मग्न/लगन)
(ग) माली ने नन्हें को ___________ लिया। (जकड़/पकड़)
उत्तर :
(क) नाम
(ख) लगन
(ग) पकड़।
प्रश्न 2.
‘परिश्रम’ शब्द में ‘श्र’ है। ‘श्र’ से बनने वाले तीन शब्द लिखिए।
उत्तर :
आश्रम, आश्रय, श्रम।
प्रश्न 3.
बताइए, इन्हें और क्या कहते हैं-
(क) देश
(ख) जन्मदिन
(ग) परिश्रम
(घ) प्रयत्न
उत्तर :
(क) देश-राष्ट्र
(ख) जन्मदिन-वर्षगाँठ
(ग) परिश्रम-मेहनत
(घ) प्रयत्न-कोशिश
जीवन मूल्य-
यदि हम किसी काम को अच्छी तरह से करने का निश्चय कर लें, तो अवश्य ही सफल होते हैं।
आप अपना काम पूरा करने के लिए क्या-क्या करेंगे?
उत्तर :
हम अपना काम पूरा करने के लिए समय पर उठेंगे। अपने से बड़ों की सहायता से पूरी लगन और ईमानदारी से काम को पूरा करेंगे।
यदि आपसे कोई गलती हो जाए तो उसे कैसे सुधारेंगे?
उत्तर :
यदि हमसे कोई गलती हो जाए तो सबसे पहले हम माफ़ी माँग लेंगे और पुन: अगली बार वैसी गलती न करने का संकल्प करेंगे।
कुछ करने के लिए-
प्रश्न 1.
याद कीजिए-
काँटों में खिलकर गुलाब,
करता सबसे एक सवाल,
क्या तुम दुख में हँस सकते हो?
दुख में जिसको हँसना आता,
वह मुसकराता गुलाब बन जाता।
उत्तर :
छात्र/छात्राएँ स्वयं करें।
प्रश्न 2.
दिए गए चित्रों के नीचे उनके नाम लिखिए-
उत्तर :
मोहनदास करमचंद् गाँधी, लाल बहादुर शास्त्री, जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गाँधी, सुभाषचन्द्र बोस, डॉ० भीमराव अंबेडकर।
DAV Class 3 Hindi Ch 13 Solutions – ऐसे थे लाल बहादुर शास्त्री
I. अति लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1.
प्राची की माँ ने क्या कहा?
उत्तर :
काम खत्म कर लो, फिर खेलने जाना।
प्रश्न 2.
प्राची ने माँ को क्या बताया?
उत्तर :
प्राची ने माँ को बताया कि कल छुट्टी है।
प्रश्न 3.
कल किस लिए छुट्टी है?
उत्तर :
कल 2 अक्टूबर है इसलिए छुट्टी है।
प्रश्न 4.
माँ ने किसके बारे में प्राची को बताया?
उत्तर :
माँ ने लाल बहादुर शास्त्री के बारे में प्राची को बताया।
प्रश्न 5.
माली ने किसे पीटना शुरू किया?
उत्तर :
माली ने नन्हें को पीटना शुरू किया।
II. लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1.
माली क्यों पछताया?
उत्तर :
नन्हें के पिताजी नहीं हैं, इस बात को सुनकर माली पछताया और कहा, “बेटा, तुम्हें तो और अधिक ज़िम्मेदार लड़का बनना चाहिए।”
प्रश्न 2.
शास्त्री जी ने क्या निश्चय किया?
उत्तर :
शास्त्री जी ने निश्चय किया कि वे आजीवन ऐसा कोई काम नहीं करेंगे, जिससे किसी को नुकसान हो।
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. बात उन दिनों की है जब नन्हें की अवस्था अभी छह वर्ष की थी। एक बार अपने साथियों के साथ मिलकर वह एक बगीचे में गुलाब के फूल तोड़ने पहुँचा। सभी साथियों ने फूल तोड़-तोड़कर अपनी झोलियों में भर लिए। किंतु, सबसे छोटा और कमज़ोर होने के कारण नन्हें अभी एक फूल भी नहीं तोड़ पाया था। बहुत प्रयत्न के बाद एक फूल पर हाथ पहुँचा ही था कि बाग का माली आ पहुँचा। उसे देखते ही सभी बालक नौ दो ग्यारह हो गए। पर, नन्हें भाग न सका और माली की पकड़ में आ गया।
प्रश्न 1.
नन्हें की अवस्था क्या थी?
उत्तर :
नन्हें की अवस्था अभी छह वर्ष की थी।
प्रश्न 2.
फूल तोड़ने किसके साथ गए थे?
उत्तर :
फूल तोड़ने अपने साथियों के साथ गए थे।
प्रश्न 3.
नन्हें फूल क्यों नहीं तोड़ सका?
उत्तर :
नन्हें छोटा और कमज़ोर होने के कारण फूल नहीं तोड़ सका।
प्रश्न 4.
नन्हें को किसने पकड़ लिया?
उत्तर :
नन्हें को माली ने पकड़ लिया।
प्रश्न 5.
फूल किस पौधे का था?
उत्तर :
फूल गुलाब का था।
2. लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को उत्तरप्रदेश के एक छोटे से कस्बे मुगलसराय में हुआ था। अब छोटी प्राची की समझ में आ गया कि लाल बहादुर बचपन से ही ज़िम्मेदारी समझते थे। जो भी काम उन्हें सौंपा जाता, वे उसे सच्चाई, ईमानदारी और लगन के साथ पूरा करते थे। अपनी इन विशेषताओं के कारण ही वे स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने। उन्होंने पूरे देश को ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया।
प्रश्न 1.
लाल बहादुर शास्त्री का जन्म कब हुआ था?
उत्तर :
लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को हुआ था।
प्रश्न 2.
उनका जन्म कहाँ हुआ था?
उत्तर :
उनका जन्म मुगलसराय में हुआ था।
प्रश्न 3.
शास्त्री जी कौन थे?
उत्तर :
शास्त्री जी हमारे देश के दूसरे प्रधानमंत्री थे।
प्रश्न 4.
शास्त्री जी ने कौन-सा नारा दिया था?
उत्तर :
शास्त्री जी ने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया था।
प्रश्न 5.
शास्त्री जी कैसे व्यक्ति थे?
उत्तर :
शास्त्री जी सच्चे और ईमानदार व्यक्ति थे।
शब्दार्थः
- जिज्ञासा – उत्सुकता/जानने की इच्छा
- अवस्था – उम्र
- प्रयत्न – कोशिश
- नौ दो ग्यारह होना – भाग जाना
- शांत – स्थिर
- आजीवन – सारा जीवन
- सौंपा – दिया जाना।
ऐसे थे लाल बहादुर शास्त्री Summary in Hindi
पाठ-परिचय :
इस पाठ में प्राची की माँ उसको लाल बहादुर शास्त्री के बचपन से जुड़ी कुछ घटनाओं को बताती हैं। और यह भी बताती है कि वे बचपन से ही सच्चे, ईमानदार तथा पूरी लगन से काम करने वाले व्यक्ति थे। वे अपने इन गुणों के कारण ही हमारे देश के दूसरे प्रधानमंत्री बने।
पाठ का सार
लाल बहादुर शास्त्री हमारे देश के दूसरे प्रधानमंत्री थे। जिनका जन्म 2 अक्टूबर, 1904 ई० को उत्तरप्रदेश के एक छोटे से कस्बे मुगलसराय में हुआ था। 2 अक्टूबर का दिन सारे देश में बापू के जन्मदिवस के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है।
लाल बहादुर शास्त्री बचपन से ही सच्चे, ईमानदार और पूरी लगन से काम करने वाले व्यक्ति थे। बात उन दिनों की है, जब वे छह वर्ष के थे। एक बार अपने साथियों के साथ मिलकर, वे एक बगीचे में गुलाब के फूल तोड़ने पहुँचे। सभी साथियों ने फूल तोड़कर अपनी-अपनी झोलियों में भर लिए, किंतु बालक शास्त्री बहुत छोटे और कमज़ोर थे, जिसके कारण वे एक भी फूल नहीं तोड़ पाए। बहुत प्रयत्न करने के बाद एक फूल हाथ में आया ही था कि बाग का माली आ पहुँचा। सारे बच्चे भाग गए, पर नन्हें भाग नहीं सका और माली की पकड़ में आ गया। माली ने पकड़कर पीटना शुरू किया। नन्हें ने धीरे से कहा, “मेरे पिताजी नहीं है, इसलिए मुझे इस तरह मार रहे हो न!” इस बात से माली को बहुत पछतावा हुआ और शांत होकर बोला- “बेटा! पिता न होने पर तो तुम्हारी और भी अधिक ज़िम्मेदारी है।” यह सुनकर बालक नन्हें बिलख-बिलखकर रो पड़ा। उसने निश्चय किया कि आज से वह आजीवन ऐसा कोई काम नहीं करेगा, जिससे किसी को नुकसान हो। उनका नारा था-जय जवान, जय किसान।