Kriya Visheshan in Hindi- क्रियाविशेषण – परिभाषा, भेद और उदाहरण

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क्रियाविशेषण – परिभाषा

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क्रियाविशेषण संबंधी अशुद्धियाँ

क्रियाविशेषण संबंधी अनेक अशुद्धियाँ देखने को मिलती हैं। विशेष रूप से इसका अनावश्यक, अशुद्ध, अनुपयुक्त तथा अनियमित प्रयोग भाषा को अशुद्ध बनाता है;

जैसे :
अशुद्ध – शुद्ध
1. जैसा करोगे, उतना ही भरोगे। – 1. जैसा करोगे, वैसा ही भरोगे।
2. वह बड़ा चालाक है। – 2. वह बहुत चालाक है।
3. वहाँ चारों ओर बड़ा अंधकार था। – 3. वहाँ चारों ओर घना अंधकार था।
4. वह अवश्य ही मेरे घर आएगा। – 4. वह मेरे घर अवश्य आएगा।
5. वह स्वयं ही अपना काम कर लेगा। – 5. वह स्वयं अपना काम कर लेगा।
6. स्वभाव के अनुरूप तुम्हें यह कार्य करना चाहिए। – 6. स्वभाव के अनुकूल तुम्हें यह कार्य करना चाहिए।
7. देश में सर्वस्व शांति है। – 7. देश में सर्वत्र शांति है।
8. उसे लगभग पूरे अंक प्राप्त हुए। – 8. उसे पूरे अंक प्राप्त हुए।
9. वह बड़ा दूर चला गया। – 9. वह बहुत दूर चला गया।
10. उसने आसानीपूर्वक काम समाप्त कर लिया। – 10. उसने आसानी से काम समाप्त कर लिया।
11. जंगल में बड़ा अंधकार है। – 11. जंगल में घना अंधकार है।
12. यद्यपि वह मेहनती है, तब भी सफलता प्राप्त नहीं करता। – 12. यद्यपि वह मेहनती है, तथापि वह सफलता प्राप्त नहीं करता।
13. मुंबई जाने में एकमात्र दो दिन शेष हैं। – 13. मुंबई जाने में केवल दो दिन शेष हैं।
14. जितना गुड़ डालोगे वही मीठा होगा। – 14. जितना गुड़ डालोगे उतना ही मीठा होगा।
15. यदि परिश्रम से पढ़ोगे तब अच्छे अंक प्राप्त करोगे। – 15. यदि परिश्रम से पढ़ोगे तो अच्छे अंक प्राप्त करोगे।

Kriya Visheshan in Hindi