पेड़-पौधे का महत्व निबंध – The Importance Of Trees Essay In Hindi

पेड़-पौधे का महत्व निबंध – Essay On The Importance Of Trees In HIndi

मनुष्य और प्रकृति का संबंध सनातन है। प्रकृति मनुष्य की सहचरी है। दोनों एक-दूसरे के पूरक तथा पोषक हैं। मनुष्य ने प्रकृति में जन्म लिया है तथा उसके संरक्षण में पला-बढ़ा है, इसी प्रकार पेड़-पौधे भी मनुष्य के संरक्षण में पलते-बढ़ते हैं। प्रकृति ने मनुष्य की अनेक प्रकार की अनिवार्य आवश्यकताओं की पूर्ति की है। मनुष्य जीवन पर्यन्त वृक्षों पर आश्रित रहता है।

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

पेड़-पौधे मनुष्य के लिए लाभदायक ही नहीं आवश्यक हैं। जैसे-जैसे सभ्यता का विकास हुआ, मनुष्य की रहने, खाने-पीने की आवश्यकताएँ बढ़ती गईं। पेड़-पौधे ही जीवन को झूले पर झुलाते हैं, तो पेड़-पौधे ही बुढ़ापे की लाठी बनकर सहारा प्रदान करते हैं। अनाज फल-फूल, जड़ी-बूटियाँ, ईंधन, इमारती लकड़ियाँ, जैसी वस्तुएँ हमें पेड़-पौधों से ही मिलती हैं। पेड़ पौधे हमें शुद्ध वायु प्रदान करते हैं।

Essay On The Importance Of Trees In HIndi

वे कार्बन-डाई ऑक्साइड को ग्रहण कर हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। वृक्ष न केवल प्रदूषण को नियंत्रित करते हैं बल्कि मिट्टी कटाव को भी रोकता है। ये वर्षा में मददगार होते हैं। भूमि को उर्वरा बनाए रखते हैं। जंगली जानवरों को संरक्षण प्रदान करते हैं तथा भूस्खलन सूखा, भूकंप जैसे प्राकृतिक विपदाओं को रोकने में भी सहायक होते हैं। पेड़-पौधों की लकड़ी से बने खिलौने बच्चों का मन बहलाते हैं।

आज बढ़ती हुई जनसंख्या की आवास संबंधी कठिनाई के कारण तथा उद्योग धंधों के लिए भूमि की कमी पूरा करने के लिए वनों की अंधाधुंध कटाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा। दूसरी ओर ईंधन के लिए लकड़ी का प्रयोग बढ़ने लगा। घरों के लिए इमारती लकड़ी की जरूरत बढ़ने लगी और धड़ाधड़ पेड़ काटे जाने लगे। संसार में कोई ऐसा घर न होगा जहाँ लकड़ी का प्रयोग न हो। पेड़ पौधों, के न रहने से अब चारों तरफ़ प्रदूषण बढ़ रहा है। हवा, धुएँ तथा अन्य गंदगी से भरी रहती है जिससे मानव स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। चारों तरफ़ तरह-तरह की बीमारियाँ जन्म ले रही हैं।

पहाड़ी इलाकों में हुई वृक्षों की कटाई ने संपूर्ण संतुलन को ही बिगाड़ डाला है। अब तापक्रम में परिवर्तन से कभी बारिश नहीं होती तथा कभी बहुत अधिक होती है। वृक्षरहित पहाड़ों की धरती पर जब वर्षा होती है तो ढलान की मिट्टी भी अपने साथ बहा ले जाता है और यह मिट्टी नदियों में जल का मार्ग रोककर बाढ़ का कारण बनती है। इससे पर्वत ढहने जैसी दुर्घटनाएँ भी होती हैं।

इस प्रकार पेड़-पौधे मानव जीवन को कई प्रकार से प्रभावित करते हैं। वृक्ष पृथ्वी को हरा-भरा तथा आकर्षक बनाए रखते हैं। इन पर पक्षियों की प्रजातियाँ पलती हैं। यही कारण है कि हमारे यहाँ वेदों में प्रकृति की अराधना की गई है। पहले मंदिरों में वट, पीपल आदि के पेड़ लगाए जाते थे तथा उनकी पूजा की जाती थी। यह पूजा वृक्षों का महत्त्व व उसके प्रति मनुष्य की श्रद्धा प्रकट करती है।

वृक्षों के महत्त्व को समझकर अब प्रतिवर्ष वन महोत्सव’ मनाए जाते हैं। जगह-जगह पौधे लगाए जाते हैं। अतः मनुष्य का कर्तव्य है कि वृक्षों का सम्मान करें, उनकी कटाई न करे तथा इस बात को समझ ले कि वृक्ष मानव जीवन की संजीवनी हैं।