विज्ञान के वरदान पर निबंध – Essays On The Gift Of Science In Hindi
संकेत बिंदु –
- प्रस्तावना
- विज्ञान से हानियाँ
- उपसंहार
- विज्ञान के विभिन्न वरदान
- विज्ञान का विवेकपूर्ण उपयोग
साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।
प्रस्तावना – मानव जीवन को सरल और सुखमय बनाने में सबसे ज्यादा यदि किसी का योगदान है तो वह विज्ञान का है। विज्ञान ने कदम-कदम पर मानव जीवन में हस्तक्षेप किया है और मनुष्य को इतनी सुविधाएँ प्रदान की हैं कि मनुष्य विज्ञान के अधीन होकर रह गया है। विज्ञान ने धरती आकाश और जल क्षेत्र तीनों को प्रभावित किया है। धरती का तो शायद ही कोई कोई कोना हो जहाँ विज्ञान ने कदम न रखा हो। विज्ञान के कारण मनुष्य ने उन्नति की है। मानव जीवन में क्रांति लाने का श्रेय विज्ञान को है। आज जिधर भी नज़र डालें, विज्ञान का प्रभाव सर्वत्र दृष्टिगोचर होता है।
विज्ञान के विभिन्न वरदान – विज्ञान ने मनुष्य को इतनी सुविधाएँ दी हैं कि वह मनुष्य के लिए कामधेनु बन गया है। सर्वप्रथम कृषि क्षेत्र को देखते हैं। यहाँ पूरी तरह से बदलाव का कारण विज्ञान है। अब किसान को न हल चलाने की ज़रूरत है और न सिंचाई के लिए बैलों के पीछे दौड़ लगाने की। उसे अब निराई के लिए खुरपी उठाने की ज़रूरत नहीं हैं और न कटाई के लिए हँसिया उठाने की और न उसे धूप में चलकर एड़ी का पसीना चोटी पर पहुँचाने की। विज्ञान की कृपा से अब उसके पास ट्रैक्टर, ट्यूबवेल, कीटनाशक, खरपतवार नाशक यंत्र और दवाएँ हैं तथा कटाई-मड़ाई के लिए हारवेस्ट है जिनसे वह हफ़्तों का काम घंटों में कर लेता है। इसके अलावा उन्नतिशील बीज, खाद और यंत्रों का आविष्कार विज्ञान के कारण ही संभव हो पाया है। पैदल और बैलगाड़ियों पर यात्रा करने वाले मनुष्य के पास धरती, आकाश और जल पर चलने वाले द्रुतगामी साधन हैं जिनसे वह अपनी यात्रा को सरल, सुखद और मंगलमय ढंग से पूरा कर लेता है। विज्ञान के कारण अब आवागमन के साधनों से समय और श्रम दोनों बचने लगा है।।
अभी हरकारों और कबूतरों से संदेश भेजने वाला मनुष्य पत्रों की दुनिया से आगे बढ़कर रफ़्तार टेलीफ़ोन, ईमेल से होते मोबाइल तक आ पहुँचा है। जिस पत्र का जवाब आने में महीनों लगते थे और इलाज के लिए भेजा गया पैसा मरीज की मृत्यु और क्रिया कर्म के बाद मिलता था वही जवाब और पैसा अब हाथों हाथ मिलने लगा है। इतना ही नहीं अब तो बातें करते हुए व्यक्ति को हम देख भी सकते हैं। सरदी, गरमी और बरसात की मार झेलने वाले मनुष्य के पास अलग-अलग मौसम के कपड़े हैं। उसके पास हीटर और ब्लोअर हैं जो सरदी को उसके पास आने भी नहीं देते हैं। गरमी भगाने के लिए व्यक्ति के पास पंखे, कूलर और ए.सी. हैं। अब उसके यातायात के साधन भी वातानुकूलित हैं। वह जिन आरामदायी भवनों में रहता है, वे किसी स्वर्ग से कम नहीं हैं कच्चे घर और झोपड़ियों में सरदी, गरमी और वर्षा की मार झेलने की बातें गुज़रे ज़माने की बातें हो चुकी हैं।
चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में विज्ञान ने मनुष्य को नया जीवन दिया है। अब रोगों का इलाज ही नहीं, शरीर के खराब अंगों को बदलना बाएँ हाथ का काम हो गया है। रक्तदान और नेत्रदान जैसे मानवोचित कार्यों और विज्ञान के सहयोग से मनुष्य को नवजीवन मिल रहा है। एक्सरे, अल्ट्रासाउंड और एम.आर.आई. के माध्यम से रोगों की पहचान कर उनका यथोचित इलाज किया जा रहा है।
उपर्युक्त कुछ उदाहरण विज्ञान के वरदान के कुछ नमूने हैं। वास्तव में विज्ञान ने मनुष्य का कायाकल्प कर दिया है।
विज्ञान से हानियाँ – विज्ञान के कारण मनुष्य को जहाँ अनेक लाभ हुआ है वहीं कुछ हानियाँ भी हैं। ये हानियाँ किसी सिक्के के दूसरे पहलू की भाँति हैं। विज्ञान की मदद से मनुष्य ने शत्रुओं से मुकाबला करने के लिए अनेक अस्त्र-शस्त्र प्रदान किए हैं। इनमें परमाणु बम जैसे घातक हथियार भी हैं। ये अस्त्र-शस्त्र गलत हाथों में पड़कर समूची मानवता के लिए खतरा बन सकते हैं। इसके अलावा विज्ञान ने मनुष्य को भ्रम से दूर किया है जिससे मोटापा, रक्तचाप, अपच जैसी बीमारियाँ उसे घेर रही हैं।
विज्ञान का विवेकपूर्ण उपयोग – किसी भी वस्तु का विवेकपूर्ण उपयोग ही लाभदायक होता है। ऐसी ही स्थिति विज्ञान की है। विज्ञान
द्वारा प्रदत्त चाकू का प्रयोग हम सब्जी काटने के लिए करते हैं या दूसरे की हत्या के लिए, यह हमारे विवेक पर निर्भर करता है। यदि कोई विज्ञान का दुरुपयोग करता है तो यह विज्ञान का दोष नहीं है। विज्ञान का विवेकपूर्ण उपयोग ही मनुष्यता की भलाई जैसे कार्य करने में सहायक होगा।
उपसहार- विज्ञान ने हमारा जीवन नाना प्रकार से सुखमय बनाया है। हमें विज्ञान का ऋणी होना चाहिए, जिसने हमें आदिमानव की जंगली-जीवन शैली से ऊपर यहाँ तक पहुँचाया है। अब यह हमारा दायित्व बनता है कि हम विज्ञान को वरदान ही बना रहने दें। इसका दुरुपयोग कर इसे अभिशाप न बनाएँ। विज्ञान के वरदान बने रहने में मनुष्य, समाज, राष्ट्र और समूची मानवता की भलाई है।