आतंकवाद पर निबंध – Terrorism Essay in hindi

आतंकवाद पर छोटे तथा बड़े निबंध (Essay on Terrorism in Hindi)

आतंकवाद : एक विश्वव्यापी समस्या (अथवा) मानव सभ्यता का संकट : आतंकवाद – (Terrorism: A Worldwide Problem Or Crisis Of Human Civilization: Terrorism)

रूपरेखा-

  • प्रस्तावना,
  • आतंकवाद क्या है?
  • आतंकवाद एक विश्वव्यापी समस्या,
  • भारत में आतंकवादी गतिविधियों का इतिहास,
  • आतंकवादी समस्या का समाधान,
  • उपसंहार।

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

प्रस्तावना
नहीं सुरक्षित मन्दिर, मस्जिद, गिरजे या गुरुद्वारे।
निर्दोषों के खून बहाते घूम रहे हत्यारे।
पता नहीं कब कहाँ मौत का अग्नि पुंज फट जाए?
चिथड़े-चिथड़े लाशों से निर्दोष धरा पट जाए।

आतंकवाद ने आज मानव-जीवन को कितना दयनीय और असुरक्षित बना दिया है! विश्व का कोई कोना आज मौत के इन सौदागरों से सुरक्षित नहीं है।

Terrorism Essay in hindi

आतंकवाद क्या है? What is the Terrorism

उपनिवेशवादी शासकों के विरुद्ध वहाँ की जनता ने कभी हथियार उठाये थे वह एक क्रान्तिकारी अभियान था। उसके पीछे स्वतन्त्रता और न्याय का आधार था। किन्तु आज तो कुकुरमुत्तों की भाँति ढेरों संगठित गिरोह संसार में फैले हुए हैं, जिनके उद्देश्य बड़े सीमित और स्वार्थपूर्ण हैं।

धन ऐंठना, निर्दोष लोगों, महिलाओं और बच्चों तक की हत्या करना तथा मादक पदार्थों एवं शस्त्रों के अवैध व्यापार आदि आज के इन तथाकथित मुक्तिमोर्चों के कुकृत्य हैं।

Essay on Terrorism in Hindi

आतंकवाद एक विश्वव्यापी समस्या-
आज आतंकवाद एक विश्वव्यापी समस्या बन चुका है। आज ऐसे अनेक छद्म संगठन और गिरोह सक्रिय हैं जो आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त हैं। भारत तो दशकों से आतंकवाद का दंश झेलता आ रहा है किन्तु जब अमेरिकन वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर भस्मसात् हुआ और इंग्लैण्ड की ट्रेनों में धमाके हुए, इण्डोनेशिया के पर्यटन स्थलों पर तबाही हुई तो सारे विश्व को आतंकवाद की भयावहता स्वीकार करनी पड़ी।

आतंकवाद के पीछे विभिन्न देशों के आर्थिक और राजनैतिक स्वार्थ निहित हैं। मादक पदार्थों तथा अवैध शस्त्र व्यापार चलाने वाले माफिया संगठन आतंकवादियों के पोषक बने हुए हैं। कुछ देशों की सरकारें भी आतंकवादियों की संरक्षक बनी हुई हैं। ‘आई.एस.’ तो एक सुसंगठित खूख्वार और घृणित आतंकी संगठन है।

भारत में आतंकवादी गतिविधियों का इतिहास-
भारत में आतंकी गतिविधियाँ पूर्वी सीमान्त से प्रारम्भ हुईं। नागालैण्ड, त्रिपुरा, असम आदि राज्यों में आतंकवाद काफी समय तक प्रभावी रहा। इसके पश्चात् पंजाब और जम्मू-कश्मीर ने आतंकवाद की क्रूरता को झेला।

गुजरात का अक्षरधाम मन्दिर, संसद भवन, मुम्बई की लोकल ट्रेनें, बनारस का संकटमोचन मन्दिर, समझौता एक्सप्रेस, आतंकवाद का निशाना बन चुके हैं। इसके अतिरिक्त छोटी-मोटी आतंकी घटनाएँ तो आए दिन होती रहती हैं।

26/11 के मुम्बई में हुए आतंकवादी प्रहार ने विश्व को झकझोरा था। कुछ ही समय पूर्व नापाक पड़ोसी द्वारा ‘उड़ी’ ऐयर-बेस में खून का खेल खेला जा चुका है।

आतंकवादी समस्या का समाधान-
आतंकवाद का कुफल अब विश्व के विकसित देश भी भोग रहे हैं। अतः इस विकट समस्या के समाधान के प्रति हर सभ्य देश चिन्तित है। आतंकवाद से छुटकारा तभी हो सकता है जब विश्व के सभी देश इसकी समाप्ति में सक्रिय सहयोग दें। इसका प्रमाण ‘आई.एस’ के विनाश में जुटे विश्व के सभी प्रमुख देशों की भूमिका से मिल रहा है।

‘आई.एस.’ का सर्वनाश अब अधिक दूर नहीं लगता । अतः जनता की जागरूकता, सुरक्षा बलों को समर्थन और दलीय राजनीति से ऊपर उठकर प्रबल इच्छा-शक्ति से ही आतंकवाद का सामना किया जा सकता है।

आतंकवाद को उसी की भाषा में जबाव देकर ही उसे समाप्त किया जा सकता है। भारत द्वारा ‘सर्जीकल अटैक’ इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।

उपसंहार-
अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति, धर्मान्धता और माफिया गिरोहों से ही आतंकवाद दाना-पानी और संरक्षण पा रहा है, किन्तु अब आतंकवाद का निर्यात करने वालों के घर भी जलने लगे हैं। अतः रोग लाइलाज हो जाय उससे पहले ही उसको समाप्त कर देना बुद्धिमानी है। इसके लिए सभी देशों का सहयोग आवश्यक है।