भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – Telecom Revolution In India Essay In Hindi

भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – Essay On Telecom Revolution In India In Hindi

रूपरेखा–

  • प्रस्तावना,
  • दूरसंचार का महत्त्व,
  • भारत में दूरसंचार की स्थिति,
  • दूरसंचार क्रान्ति का भविष्य और प्रभाव,
  • उपसंहार।

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – Bhaarat Mein Doorasanchaar Kraanti Hindee Mein Nibandh

प्रस्तावना–
प्राचीनकाल से ही मनुष्य दूरस्थ व्यक्ति से सम्पर्क के विविध उपायों को काम में लाता रहा है। आदिम जन–जातियों में ढोल या नगाड़ों की सांकेतिक ध्वनियों द्वारा संदेश दिये जाते थे। सभ्य समाज में शान्ति के संदेशवाहक कबूतरों ने भी काफी समय तक संवाद–वाहक की भूमिका निभाई। धीरे–धीरे एक व्यवस्थित डाक–प्रणाली का विकास हुआ।

वैज्ञानिक प्रगति के साथ अनेक संचार उपकरणों का आविर्भाव हुआ और अब हम दूरसंचार के नाम से एक क्रान्तिकारी संचार तंत्र के विकास और स्थापना में जुटे हुए हैं। अब तो मानते हैं हुक्म मानव का महावरुणेश। और करता शब्द गुण अम्बर वहन संदेश।

(दिनकर) दूरसंचार का महत्त्व–
भारत जैसे ग्राम–प्रधान और विशाल देश में जन–सम्पर्क और दूर–संचार कितना आवश्यक और महत्त्वपूर्ण है, यह तथ्य किसी से छिपा नहीं है। दूरसंचार ने विश्व को चमत्कारिक रूप से छोटा कर दिया है। संसार के किसी भी कोने में घटित महत्त्वपूर्ण घटना को सर्वविदित कराने में, दूरसंचार की भूमिका अत्यन्त महत्त्वपूर्ण सिद्ध हो चुकी है।

भारत में दूरसंचार की स्थिति–
सारा विश्व आज दूरसंचार क्रांति से गुजर रहा है। भारत भी उससे अछूता नहीं है। आज भारत में दूरभाष ही दूरसंचार का सबसे व्यापक और सुलभ साधन है। दूरभाष को व्यापक बनाने में बी. एस. एन. एल. ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और आज उसे गाँव–गाँव तक पहुँचाने में सफलता प्राप्त कर ली है। स्वचालित एक्सचेंज प्रणाली के आगमन से दूरसंचार में क्रांति आई है।

इसके अतिरिक्त कदम–कदम पर पी. सी. ओ. बूथ तथा प्रत्येक जेब में फोन उपलब्ध हैं। इस दिशा में मोबाइल फोन का योगदान अत्यन्त महत्वपूर्ण है। आज बी. एस. एन. एल., रिलायन्स, आइडिया, हच, रेनबो, टाटा इन्डिकॉम, एअरटेल आदि अनेक कम्पनियाँ मोबाइल फोन सुविधा उपलब्ध करा रही हैं।

टी. वी. और रेडियो भी दूरसंचार के महत्त्वपूर्ण साधन हैं। भारत जैसे विशाल देश में कोई भी क्रान्ति तभी महत्त्वपूर्ण हो सकती है जबकि वह देश के लाखों गाँवों और सम्पर्कविहीन क्षेत्रों को परस्पर सम्बद्ध कर सके। अभी सदर ग्रामीण क्षेत्र में दूरसंचार की सेवा संतोषजनक नहीं है।

दूरसंचार–
क्रांति का भविष्य और प्रभाव–दूरसंचार के क्रांतिकारी प्रसार ने भारत के जन–जीवन को गहराई से प्रभावित किया है। साधारण गृहस्थ से लेकर व्यवसायी, चिकित्सक, वैज्ञानिक और प्रशासन तंत्र सभी इससे लाभान्वित हो रहे हैं। इस क्रान्ति का प्रभाव बड़ा दूरगामी सिद्ध होगा।

इससे शासन–प्रशासन में त्वरितता, चुस्ती, सुसूच्यता और पारदर्शिता आएगी। राष्ट्रीय एकता पुष्ट होगी। भारत का विश्व की आर्थिक शक्ति बनने का सपना भी दूरसंचार की सर्वसुलभता पर निर्भर है। मोबाइल, फैक्स, ई–मेल तथा इंटरनेट जैसे साधनों ने उद्योग–व्यापार में तथा समस्त विश्व से नवीनतम सम्पर्क में महत्त्वपूर्ण योगदान किया है।

उपसंहार–
किसी देश के आर्थिक विकास के लिए मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता प्रथम शर्त होती है। परिवहन सुविध गाओं के साथ–साथ दूरसंचार व्यवस्था भी आज मूलभूत सुविधाओं में गिनी जाती है।

सरकार और निजी क्षेत्र दोनों के पारस्परिक तालमेल से ही इस क्रांति को और अधिक सफल बनाया जा सकता है। भारत को डिजिटल बनाने को दृढ़ संकल्पित भारत सरकार इस क्रान्ति का अधिकतम लाभ जनता को पहुँचाना चाहती है। आशा है, इस प्रयास के सुपरिणाम सामने आएँगे।